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April 12, 2025

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मां-बाप ने बांधे बेटी के पैर, पुलिस ने कराया मुक्त

संवाददाता, हावड़ा. आत्मनिर्भर बनने की चाहत एक युवती को भारी पड़ गयी. युवती के माता-पिता ने ही अपनी बेटी के पैरो में जंजीर बांध दिया, ताकि वह घर से न निकल पाये. जी हां, यह आरोप 19 वर्षीय एक युवती ने लगाये हैं. स्नातक की द्वितीय वर्ष की छात्रा के अपने ही घर में कैद होने की जानकारी मिलने के बाद हावड़ा के मालीपांचघड़ा थाने की पुलिस घुसुड़ी स्थित युवती के घर पहुंची और उसे जंजीरों से मुक्त कराया. यह सनसनीखेज घटना उत्तर हावड़ा के घुसुड़ी इलाके की है. युवती ने अपने माता-पिता के खिलाफ शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज करायी है. दूसरी तरफ लड़की के माता-पिता का कहना है कि उनकी लड़की रास्ते से भटक गयी है. वह एक संदिग्ध कार्यालय में काम करती है. हमें शक है कि वह किसी फ्राॅड कंपनी में काम करती है, जिसका हम विरोध करते हैं. हम नहीं चाहते कि मेरी बेटी वहां काम करे. इसलिए, अपनी बेटी की भलाई के लिए उसके पैरों में जंजीर बांध दिया, ताकि वह घर से ना निकल पाये. पुलिस सूत्रों के अनुसार, युवती बड़ाबाजार स्थित एक प्रतिष्ठित कॉलेज में स्नातक की द्वितीय वर्ष की छात्रा है. पढ़ाई के साथ-साथ वह बैरकपुर में एक कंपनी में काम करती है. कुछ दिन पहले कंपनी में उसका प्रशिक्षण शुरू हुआ. युवती नौकरी के सिलसिले में बैरकपुर में रहना चाहती है, जिसका उसके पिता विरोध कर रहे हैं. युवती का आरोप है कि उसके माता-पिता ने उसे नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया. वह उसकी शादी भी जल्द करना चाहते हैं. युवती का कहना है कि काम पर जाने पर उसे उसके पिता पीटते हैं. एक दिन काम से घर लौटने पर उसके माता-पिता ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया. यहां तक कि बेटी के पैरों में जंजीर बांध दिया, ताकि वह घर से बाहर कदम न रख सके. किसी तरह यह समाचार पुलिस तक पहुंच गयी. इसके बाद शुक्रवार को मालीपांचघड़ा थाने की पुलिस ने जंजीरों में जकड़ी युवती को मुक्त कराया. माता-पिता को थाने में बुलाया गया. युवती के पिता का कहना है कि उनकी बेटी जिस कंपनी में काम करती है, वह एक फ्राॅड कंपनी है. कई बार वह घर से पैसे भी ले गयी. इसी कारण हम उसके काम पर जाने का विरोध करते हैं. पुलिस पिता और पुत्री दोनों की शिकायतों के आधार पर आरोपों की जांच कर रही है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post मां-बाप ने बांधे बेटी के पैर, पुलिस ने कराया मुक्त appeared first on Naya Vichar.

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इलाज खर्च का भुगतान नहीं होने पर शव को नहीं रोक सकते निजी अस्पताल : स्वास्थ्य विभाग

कोलकाता. बिल बकाया होने पर किसी मरीज के शव को रोका नहीं जा सकता. इस संबंध में वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने संदेश जारी किया है. राज्य स्वास्थ्य आयोग के सचिव अरशद वारसी ने बताया कि जब कोई मरणासन्न मरीज निजी नर्सिंग होम में आता है, तो पहले दिन ही उसकी कई जांच की जाती है. जिस जांच की जरूरत नहीं होती, वह भी करायी जाती है. एक दिन में 50 से 60 हजार का बिल बनाया जाता है. कई निजी अस्पताल बिल का भुगतान नहीं होने पर मरीज के शव को रोक कर रखते हैं. कमीशन में हर साल ऐसी अनगिनत शिकायतें दर्ज करायी जाती हैं. उन्होंने निजी अस्पतालों को दो टूक कहा कि इस मामले में वह कोई बहाना नहीं सुनना चाहते हैं. चाहे जितना भी पैसा बकाया हो, शव को हर हाल में परिजनों को सौंपना होगा. उल्लेखनीय है कि अखिल हिंदुस्तानीय नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष एचएम प्रसन्ना हाल ही में बंगाल में प्रोग्रेसिव नर्सिंग होम एसोसिएशन के राज्य सम्मेलन में उपस्थित थे. जहां उन्होंने कहा था कि बंगाल के नर्सिंग होम में ईमानदारी की कमी है. सवाल यह उठता है कि क्या यही वजह है कि इतने सारे बंगाली इलाज के लिए दक्षिण की ओर भाग रहे हैं? मरीज के परिजनों ने लिए भी बनेना कानून : कमीशन के नये निर्देश पर कुछ निजी अस्पतालों को आपत्ति है. इन अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि उक्त व्यवस्था को लागू कर दिया जाता है, तो परिजन अपने मरीज की मौत के बाद इलाज खर्च का भुगतान नहीं करना चाहेंगे. कमीशन के चेयरमैन असीम कुमार बनर्जी ने कहा कि कई निजी अस्पताल सोच रहे हैं कि अगर ऐसा हुआ तो कई मरीजों के परिवार वाले बिना पैसे चुकाये ही चले जायेंगे. लेकिन उनकी यह सोच गलत है. बकाया पैसे वसूलने के लिए भी नया कानून बनाया जा रहा है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post इलाज खर्च का भुगतान नहीं होने पर शव को नहीं रोक सकते निजी अस्पताल : स्वास्थ्य विभाग appeared first on Naya Vichar.

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छात्रों को दी गयी फाइलेरिया की खुराक, कुछ विद्यार्थी हुए बीमार

हावड़ा. शुक्रवार को हावड़ा के निबरा कन्वर्टेड जूनियर बेसिक स्कूल में छात्रों को फाइलेरिया की दवा दी गयी. आशा कर्मियों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्कूल में मौजूद रहे. आरोप है कि दवाइयों की खुराक खाने के बाद कुछ शिशु अस्वस्थ हो गये, जिसके बाद अभिभावकों ने दवा खिलाने से मना कर दिया. घटना को लेकर स्कूल में तनाव व्याप्त हो गया. छात्रों के अभिभावक स्कूल में आ गये और उनका गुस्सा फूट पड़ा. उनका कहना था कि छात्रों को जबरन यह दवा दी गयी. अभिभावकों से पहले परामर्श नहीं लिया गया. अगर इस दवा के सेवन से कुछ गंभीर हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. इस घटना की समाचार इलाके में फैलने ही डोमजूर थाने की पुलिस और आरएएफ के जवान घटनास्थल पर पहुंचे. कार्यवाहक प्रभारी शिक्षक अमर चटर्जी ने कहा कि किसी भी छात्र को जबरन दवा नहीं दी गयी. शिक्षकों ने भी यह दवा ली है. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हावड़ा में फाइलेरिया का एक मरीज पाया गया था, जिसके बाद जिला प्रशासन तत्पर हुआ और सभी स्कूलों में बच्चाें को फाइलेरिया की खुराक देने लिए अभियान चलाया जा रहा है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post छात्रों को दी गयी फाइलेरिया की खुराक, कुछ विद्यार्थी हुए बीमार appeared first on Naya Vichar.

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शिक्षकों के अनशन स्थल पर पहुंचे न्यायाधीश अभिजीत गांगुली, ‘वापस जाओ’ के नारे लगे

कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से विपक्षी हिंदुस्तानीय जनता पार्टी के सांसद बने अभिजीत गांगुली शुक्रवार को शिक्षकों के भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचे, जहां उनको देखते ही ‘वापस जाओ’ के नारे लगे. शीर्ष अदालत के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों का एक वर्ग कल से भूख हड़ताल पर है. आंदोलनकारियों ने कहा कि वे अपने आंदोलन में नेतृत्वक हस्तियों को नहीं चाहते हैं, जबकि गांगुली ने मौके से जाने से पहले दावा किया कि उनके खिलाफ लगाये गये नारों के पीछे वामपंथ समर्थित प्रदर्शनकारियों का हाथ है. पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) कार्यालय के पास गांगुली ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यहां केवल नैतिक समर्थन देने आया था. मैंने उस प्रकरण को करीब से देखा है, जिसमें 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के कारण 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षकों अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. मैं मदद करना चाहता था.’ पूर्व न्यायाधीश ने पूर्व राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली के साथ गुरुवार को भी ‘आचार्य सदन’ स्थित धरनास्थल का दौरा किया था, ताकि नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की जा सके, लेकिन तब उन्हें किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post शिक्षकों के अनशन स्थल पर पहुंचे न्यायाधीश अभिजीत गांगुली, ‘वापस जाओ’ के नारे लगे appeared first on Naya Vichar.

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Godda-Pirpainti तक रेल लाइन योजना का मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी ने किया निरीक्षण

– 62 किमी तक बिछेगी रेल पटरी, झारखंड प्रशासन ने रेलवे उपलब्ध करायी है 150 एकड़ जमीनवरीय संवाददाता, भागलपुर पीरपैंती-गोड्डा नयी रेल लाइन योजना का मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी कंस्ट्रक्शन पीके शर्मा ने भागलपुर रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया. शनिवार को सैलून से मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी भागलपुर स्टेशन पहुंचे थे. वहां से इस योजना को लेकर पीरपैंती से गोड्डा रेलखंड का निरीक्षण किया.बता दें कि गोड्डा से पीरपैंती तक अभी तक रेल सेवा शुरू नहीं होने से लोगों के लिए आवागमन का मुख्य साधन सड़क मार्ग ही है. अब इन जगह के लोगों का सपना साकार होने वाला है. गोड्डा से पीरपैंती के बीच नयी 62 किलो मीटर रेल लाइन योजना के लिए झारखंड प्रशासन ने रेलवे को 150 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी है. झारखंड के गोड्डा भू अर्जन पदाधिकारी ने पूर्व रेलवे के डिप्टी चीफ कंस्ट्रक्शन कुमार हेमंत को सौंप जमीन की चिट्ठी सौंप दी है. – 1393 करोड़ की है योजना, दो फेज में होना है काम 62 किलो मीटर के इस नयी रेल योजना के काम पर 1393 करोड़ रुपये खर्च होंगे. लगभग 420 एकड़ जमीन की इसके लिए आवश्यकता है. इसको लेकर 150 एकड़ जमीन झारखंड प्रशासन ने उपलब्ध करा दिये हैं. इस रेल योजना पर दो फेज में काम होना है. पहले फेज में गोड्डा-महागामा व दूसरे फेज के लिए महागामा से पीरपैंती तक काम होना है. – एनटीपीसी फरक्का को इस रेलखंड से कोयले की आपूर्ति में होगा फायदा इस रेलखंड के बनने के बाद एनटीपीसी फरक्का को ललमटिया से कोयला लाने में काफी सहूलियत होगी. अभी कहलगांव होकर जाता है. साथ ही मिर्जाचौकी,पाकुड व साहेबगंज का स्टोन चिप्स जाने के लिए यह रास्ता सही होगा. वहीं पीरपैंती में घोषित पावर प्लांट के लिए भी यह रेल लाइन उपयोगी साबित होगा. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Godda-Pirpainti तक रेल लाइन योजना का मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी ने किया निरीक्षण appeared first on Naya Vichar.

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यक्षराज मंदिर में अष्टयाम सह हरिकीर्तन शुरू

झाझा. आरपीएफ के सहयोग से यक्षराज स्थान शिवालय में शुक्रवार से 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन सह महाअष्टयाम यज्ञ पूरे विधि-विधान के साथ शुरू हुआ. यज्ञ में यजमान की भूमिका नवीन कुमार और उनकी धर्मपत्नी निभा रही है. यज्ञ की शुरुआत पंडित बमशंकर पांडेय द्वारा भगवान गणेश का मंत्रोच्चारण कर अग्निदेव के ध्यान कर प्रारंभ किया गया. धार्मिक अनुष्ठान के दौरान मंदिर में स्थापित प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण, माता सीता, बजरंगवली, भगवान शिव समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की गई. आरपीएफ पोस्ट कमांडर अनिता कुमारी ने कहा इस मंदिर की ख्याति लंबे समय से सुनती आ रही हूं. आफपीएफ, रेलकर्मियों व स्थानीय लोगों का आस्था भी इस मंदिर से जुड़ा हुआ है. समस्त क्षेत्रवासियों के कल्याण व सुख-समृद्धि एवं क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रहे, इसको लेकर प्रत्येक वर्ष मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है. हरे रामा, हरे कृष्णा के उच्चारण से मंदिर एवं आसपास के क्षेत्र में भक्ति का माहौल बना हुआ है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post यक्षराज मंदिर में अष्टयाम सह हरिकीर्तन शुरू appeared first on Naya Vichar.

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