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April 12, 2025

अपराध, समस्तीपुर

CRIME NEWS- उदापट्टी में अधेड़ का शव पहुंचते ही मचा कोहराम 

नया विचार सरायरंजन : मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के उदापट्टी में शनिवार की सुबह एक अधेड़ का शव पहुंचते ही कोहराम मच गया। मृतक की पहचान गांव के ही स्व. राम इकबाल चौधरी के मंझले पुत्र नवोनाथ चौधरी उर्फ जनक चौधरी( 54 )के रूप में की गई है। पुलिस ने मृतक के शव को पहुंचाने वाले चालक समेत वाहन को जब्त कर लिया है। घटना के संबंध में मृतक के बड़े भाई सदानंद चौधरी ने बताया कि उनके मझले भाई नवोनाथ चौधरी को शुक्रवार की देर रात पड़ोस के ही एक आदमी गाड़ी में बैठा कर ले गए थे। उस गाड़ी में तीन अन्य लोग पूर्व से सवार थे। जाते समय उन लोगों ने बताया कि एक जरूरी काम से जा रहे हैं। कुछ ही देर में लौट आएंगे। शनिवार की सुबह 8:30 बजे एक स्कार्पियो सवार ने उक्त अधेड़ के शव को उसके घर पर उतार कर जाने लगा। पूछने पर स्कार्पियो सवार ने बताया कि दरभंगा जिले के कमतौल में शुक्रवार की रात उनकी अचानक मौत हो गई थी। इसलिए वे एक चालक के साथ शव को पहुंचाने आए हैं। शव को पहुंचाने वाले व्यक्ति ने अपने परिचय में सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर अशोक मिश्रा एवं घर मधुबनी बताया। मृतक के स्वजनों ने की सूचना पर स्थानीय पुलिस ने शव को पहुंचाने वाले वाहन को जब्त कर लिया। वहीं उसके चालक व सेवानिवृत सब इंस्पेक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया। मृतक के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे। मृतक के घरवालों ने हत्या की आशंका जताई है। वहीं मुसरीघरारी थानाध्यक्ष फैजुल अंसारी ने बताया कि मृतक के स्वजनों द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने एवं मृतक के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस घटना का खुलासा हो पाएगा। इधर, मृतक के घर शोक संवेदना जताने वालों का तांता लग गया। मृतक की पत्नी अनमोला देवी, भाई सदानंद चौधरी एवं राम नरेश चौधरी के अलावा मृतक के इकलौते पुत्र मुकुल कुमार चौधरी, पुत्री पुतुल कुमारी, हंसा कुमारी,प्रीति कुमारी,जूही कुमारी सब का रोते-रोते बुरा हाल था।

समस्तीपुर

सच्चे समाजवादी नेता थे स्व. राम विलास मिश्र पूर्व मंत्री राम विलास मिश्र की 25 वीं पुण्यतिथि मनी 

नया विचार सरायरंजन : प्रखंड क्षेत्र के हरिलोचनपुर गांव में शनिवार को पूर्व मंत्री स्व राम विलास मिश्र की 25 वीं पुण्यतिथि समारोहपूर्वक मनाई गई। समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पूर्व मंत्री स्व. राम विलास मिश्र सच्चे समाजवादी नेता के रूप में जाने जाते थे। वे अपने समय में हर जाति , धर्म और समुदाय के लोगों को एक साथ लेकर चलते थे। वक्ताओं ने कहा कि आज भी अगर उनके बताएं रास्ते पर चलें तो हमारा जीवन सफल हो जाएगा। इससे पूर्व लोगों ने स्व. मिश्र के समाधी स्थल पर पुष्पअर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उधर, हरिलोचनपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में स्व. मिश्र की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। समारोह की अध्यक्षता पूर्व मुखिया सजन कुमार मिश्र ने की। संचालन शिक्षाविद उमेशचन्द्र झा ने किया। समारोह को भाजपा नेता रंजीत निर्गुणी, राम बालक पासवान ,अनंत प्रसाद, संजीव ठाकुर, सदानंद झा,अभय सिंह,गगन कुमार मिश्र, सरोज झा, अजय झा, अमरेश झा,ताराकांत राय, राम प्रवेश राय,लालबाबू महतो, राम कुमार राम, विजय ठाकुर, बनारसी ठाकुर,पप्पू कुमार मिश्र, बैजनाथ चौधरी, शशिकांत झा, विजय कुमार चौधरी, विनोद वाजपेयी, प्रेम कुमार गुप्ता,जवाहरलाल राय, विजय कुमार झा, साकेत सिंह, प्रणय कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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PM Modi: बिहार को फिर सौगात देने आ रहे हैं पीएम मोदी, शिवराज सिंह ने बताया इस बार क्या होगा खास

PM Modi: केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को पटना पहुंचे. पटना में वह ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में बिहार के विकास के लिए केंद्र प्रशासन की योजनाओं का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, “विकसित हिंदुस्तान का निर्माण हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है और विकसित हिंदुस्तान के लिए विकसित बिहार एनडीए की दोनों प्रशासन मिलकर बना रही है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार के विकास और जनता के कल्याण के लिए अनेकों सौगातें दी जा रही है.” पीएम मोदी बिहार को क्या-क्या सौगात देंगे शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार की जनता को कई नई सौगात देंगे. उन्होंने कहा, “बिहार के मधुबनी में पीएम नरेंद्र मोदी का एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. इस कार्यक्रम में लाखों की संख्या में लोग शामिल होंगे. इस कार्यक्रम के जरिए 5 लाख 20 हजार नए मकानों का लाभ पीएम आवास योजना के तहत दिया जाएगा. जिसकी कुल लागत 8000 करोड़ रुपये होगी.” शिवराज सिंह ने कहा कि पिछले साल 7 लाख 90 हजार मकान दिए जा चुके हैं और अब बचे हुए मकानों का वितरण पीएम मोदी के हाथों होगा. उन्होंने बताया कि पंचायती राज दिवस पर एक बड़ा राष्ट्रीय सम्मेलन भी होगा, जिसमें देशभर के चुने हुए प्रतिनिधि शामिल होंगे और कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया जाएगा. इसे भी पढ़ें: बिहार के जमीन मालिकों के लिए बड़ी समाचार, इस दिन के बाद नहीं जमा कर सकेंगे स्वघोषणा पत्र इस साल 20 लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य बिहार प्रशासन के कामकाज की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास योजनाओं का बिहार में बेहतरीन तरीके से क्रियान्वयन हो रहा है. उन्होंने बताया कि अब तक 3 लाख से ज्यादा ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, और इस साल 20 लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्रीय मंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामकाज की तारीफ की. उन्होंने कहा कि “सीएम नीतीश के नेतृत्व में प्रशासन अच्छा काम कर रही है। मैं इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं.” The post PM Modi: बिहार को फिर सौगात देने आ रहे हैं पीएम मोदी, शिवराज सिंह ने बताया इस बार क्या होगा खास appeared first on Naya Vichar.

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12 अप्रैल को आपके शहर में 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर का भाव, यहां देखें रेट

LPG Cylinder Price Today 12 April 2025 : 12 अप्रैल 2025 को आपको 14.2 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर कितने में मिलेगा. झारखंड में सबसे सस्ता और सबसे महंगा एलपीजी सिलेंडर कहां मिलेगा. आज यानी 12 अप्रैल 2025 को झारखंड की राजधानी रांची में 14.2 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर 910.50 रुपए में मिल रहा है. रामगढ़, हजारीबाग और कोडरमा में इसी सिलेंडर का भाव आज 912 रुपए है. सबसे सस्ता एलपीजी सिलेंडर आज आपको जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) में मिलेगा. पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले में 14.2 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 892.50 रुपए है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Indian Oil Corporation of India Ltd) ने एलपीजी सिलेंडर की जो कीमतें जारी की हैं, उसमें यह जानकारी दी गयी है. पश्चिमी सिंहभूम में इसी एलपीजी सिलेंडर की कीमत आज 902 रुपए है. चतरा में 909.50 रुपए में एक सिलेंडर मिल रहा है. धनबाद, देवघर, गढ़वा, पलामू और गोड्डा समेत 17 जिलों में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 910.50 रुपए है. झारखंड के किस जिले में एलपीजी सिलेंडर का आज क्या भाव है, यहां देखें. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें आपके शहर में आज 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर का भाव शहर/जिला का नाम एलपीजी सिलेंडर की कीमत रांची 910.50 रुपए जमशेदपुर 892.50 रुपए धनबाद 910.50 रुपए बोकारो 910.50 रुपए गिरिडीह 910.50 रुपए देवघर 910.50 रुपए दुमका 910.50 रुपए हजारीबाग 912.00 रुपए कोडरमा 912.00 रुपए पलामू 910.50 रुपए चतरा 909.50 रुपए जामताड़ा 910.50 रुपए गढ़वा 910.50 रुपए गोड्डा 910.50 रुपए गुमला 910.50 रुपए खूंटी 910.50 रुपए चाईबासा 902.00 रुपए लातेहार 910.50 रुपए लोहरदगा 910.50 रुपए पाकुड़ 910.50 रुपए रामगढ़ 912.00 रुपए साहिबगंज 910.50 रुपए सरायकेला-खरसावां 892.50 रुपए सिमडेगा 910.50 रुपए स्रोत : इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड इसे भी पढ़ें TSPC को करारा झटका, सबजोनल कमांडर समेत 6 उग्रवादी 1102 कारतूस के साथ गिरफ्तार चुनाव आयोग हमेशा वोटर के साथ, रामगढ़ में बोले मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार झारखंड पुलिस में ट्रांसफर-पोस्टिंग, अमन साहू का एनकाउंटर करने वाले प्रमोद कुमार का भी हुआ तबादला गुमला में 2 किसान समेत 4 लोगों ने की आत्महत्या, 3 के शव फंदे से झूलते मिले The post 12 अप्रैल को आपके शहर में 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर का भाव, यहां देखें रेट appeared first on Naya Vichar.

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‍Bihar Kisan News: किसानों की होगी डिजिटल पहचान, योजनाओं का मिलेगा सीधा लाभ

प्रभात कुमार Bihar Kisan News: किसानों को प्रशासनी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.अब किसानों की डिजिटल पहचान बनाई जाएगी, जिससे उन्हें विभिन्न प्रशासनी योजनाओं का लाभ सीधे मिल सकेगा. इसके लिए राज्य के विभिन्न अंचलों में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य शुरू किया जा रहा है. कृषि विभाग के निदेशक ने सभी अपर समाहर्ता, राजस्व और जिला कृषि पदाधिकारियों को इस बारे में सूचित किया है. किसानों को मिलेगा सीधा लाभ इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्रशासनी योजनाओं का लाभ सीधे और बिना किसी बाधा के पहुंचाना है. डिजिटल पहचान बनने से किसानों की जानकारी प्रशासन के पास उपलब्ध रहेगी, जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ देने में आसानी होगी फार्मर रजिस्ट्री का कार्य शुरू कृषि विभाग ने फार्मर रजिस्ट्री के कार्य को शुरू करने के लिए 1058 राजस्व ग्रामों का चयन किया है, जिनमें से 737 में प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. चयनित राजस्व ग्रामों के संबंधित कर्मचारियों का लागिन आईडी बनाया जाएगा, जिससे वे फार्मर रजिस्ट्री का कार्य कर सकेंगे. इसके लिए संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. प्रशिक्षण और निगरानी कृषि समन्वयक, हल्का कर्मचारी, अंचल निरीक्षक और अंचलाधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. 80 प्रतिशत से कम के नाम का मिलान होने पर स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करने के लिए सभी प्रखंडों के अंचल निरीक्षक, अंचलाधिकारी का लागिन आईडी बनेगा. विभाग ने इस प्रक्रिया से संबंधित जानकारी मांगी है, ताकि किसी भी त्रुटि या परेशानी का समाधान किया जा सके.यह पहल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्हें प्रशासनी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा और कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी. ये भी पढ़ें… बेतिया बाइक से श्रीनगर पंचायत पहुंचे डीएम, निरीक्षण के बाद पढ़िए क्या कहा The post ‍Bihar Kisan News: किसानों की होगी डिजिटल पहचान, योजनाओं का मिलेगा सीधा लाभ appeared first on Naya Vichar.

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Jaat: ईशा देओल ने फिल्म की सुपरहिट सफलता पर तोड़ी चुप्पी, कहा- यह सब सनी देओल की कड़ी…

Jaat: सनी देओल इन-दिनों अपनी एक्शन फिल्म ‘जाट’ की रिलीज का लुत्फ उठा रहे हैं. यह फिल्म 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और इसे दर्शकों और क्रिटिक्स से काफी अच्छा रिव्यू मिला था. मूवी ने ओपनिंग डे पर जहां 9.50 करोड़ की कमाई की. वहीं दूसरे दिन इसके कलेक्शन में गिरावट आई और यह 7 करोड़ पर पहुंच गई. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए, सनी पाजी की बेटी ईशा देओल ने इसपर रिएक्ट किया है. उन्होंने खुशी जाहिर की. ईशा ने देओल ने जाट की सफलता पर तोड़ी चुप्पी ईशा देओल अपनी मां हेमा मालिनी संग हाल ही में एक इवेंट में पहुंची थी. यहां उन्होंने फिल्म जाट की तारीफ की. इंस्टेंट बॉलीवुड संग बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं और यह सब उनकी कड़ी मेहनत और लोगों का प्यार है. वह इस सक्सेस के हकदार हैं. फिल्म इतनी अच्छी है, इस वजह से थियेटर्स में धमाल मचा रही है.” हेमा मालिनी ने कही थी ये बात वहीं हेमा मालिनी ने खुशी जताते हुए कहा, “जाट ने बंपर कमाई की है. बहुत ही अच्छा लग रहा है कि लोगों को उनका काम इतना ज्यादा पसंद आया. धरम (धर्मेंद्र) जी बहुत खुश हैं और उन्होंने तारीफ की है, जो मुझे लगता है कि यह एक अच्छी फिल्म होगी.” जाट के बारे में जाट की बात करें तो यह फिल्म गोपीचंद मालिनेनी की हिंदी सिनेमा में निर्देशन की पहली फिल्म है, जो बॉडीगार्ड, वीरा सिम्हा रेड्डी जैसी तेलुगु फिल्मों के लिए जाने जाते हैं. सनी देओल के नेतृत्व में इसमें विनीत कुमार सिंह, रणदीप हुड्डा, राम्या कृष्णन और सैयामी खेर भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. इसे पीपल मीडिया फैक्ट्री और मैथरी मूवी मेकर्स का समर्थन प्राप्त है. वर्कफ्रंट की बात करें तो ईशा को आखिरी बार विक्रम भट्ट की तुमको मेरी कसम में देखा गया था. इसमें अदा शर्मा, इश्वाक सिंह और अनुपम खेर भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में थे. यह भी पढ़ें- Box Office Report: जाट से डरी छावा, थियेटर शोज खत्म, विक्की कौशल की फिल्म ने बटोरे इतने करोड़ The post Jaat: ईशा देओल ने फिल्म की सुपरहिट सफलता पर तोड़ी चुप्पी, कहा- यह सब सनी देओल की कड़ी… appeared first on Naya Vichar.

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सिर में मारी गोली, रेता गला, झारखंड में 20 की बिटिया से ऐसी दरिंदगी कि कांप जाएगी रूह

Jharkhand Crime: कर्रा (खूंटी), सागीर अहमद-खूंटी जिले के कर्रा थाना के लोधमा ओपी क्षेत्र के मुरहू जंगल के समीप प्लास्टिक की झोपड़ी में करीब 20 साल की युवती के सिर में गोली मारकर और गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गयी. दिल दहला देनेवाली इस घटना के संबंध में स्थानीय लोगों को आशंका कि हत्या के पहले दुष्कर्म किया गया है. पहचान छिपाने के लिए अपराधियों ने शव को जलाने का प्रयास भी किया. घटना की सूचना मिलने पर शनिवार सुबह कर्रा थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जानकारी ली. The post सिर में मारी गोली, रेता गला, झारखंड में 20 की बिटिया से ऐसी दरिंदगी कि कांप जाएगी रूह appeared first on Naya Vichar.

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Road Accident: सीवान में भीषण सड़क हादासा, बैंक जाने के दौरान पति की मौत, पत्नी की हालत गंभीर

Road Accident: सीवान जिले के हुसैनगंज थाना क्षेत्र के छपियां गांव के समीप सड़क दुर्घटना में शनिवार को थाना क्षेत्र के रसूलपुर बिंदवाल निवासी 65 वर्षीय पारस प्रसाद की मौत हो गयी. पत्नी प्रभावती देवी (60)गंभीर रूप से घायल हैं. घटना के संबंध में प्रभावती देवी ने बताया कि मैं अपने पति के साथ इ रिक्शा से छपियां स्थित बैंक में वृद्धापेंशन के लिए जा रही थी. हम लोग जैसे ही छपियां पहुंचे और इ-रिक्शा से उतरे तब तक अज्ञात वाहन ने हम दोनों को ठोकर मार दिया, जिसमें हम दोनों पति पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए. स्थानीय लोगों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान मेरे पति की मौत हो गयी. इधर मौत की सूचना किसी ने परिजनों को दी और परिजन सदर अस्पताल पहुंच दहाड़ मार कर रोने लगे. इसके बाद स्थानीय पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया. बैंक बंद होने की नहीं थी जानकारी परिजनों ने बताया कि शनिवार को बैंक बंद था. पारस और उनकी पत्नी को यह जानकारी नहीं थी कि आज बैंक बंद है. यदि बैंक बंद होने की जानकारी होती तो वे लोग वृद्धापेंशन के लिए बैंक नहीं जाते, जहां यह दुखद घटना नहीं होती. टोकरी बनाते थे पारस पारस प्रसाद बांस का टोकरी बनाने का काम करते थे. जहां टोकरी बनाने के बाद वे बाजार में इसकी बिक्री करते थे और उससे मिले पैसा से परिवार का पालन पोषण करते थे. इधर उनकी मौत के बाद परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा है. थानाध्यक्ष अजित कुमार सिंह ने बताया कि सड़क दुर्घटना में मौत हुई है. मामले की जांच की जा रही है. Also Read: कैमूर के कुदरा में मीट-मुर्गा और मछली दुकानों पर चला बुलडोजर, आक्रोशित दुकानदारों ने किया… The post Road Accident: सीवान में भीषण सड़क हादासा, बैंक जाने के दौरान पति की मौत, पत्नी की हालत गंभीर appeared first on Naya Vichar.

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277 लोगों की हत्या का आरोपी ब्रह्मेश्वर मुखिया राक्षस था या मसीहा, उसके आतंक की पूरी कहानी

Table of Contents कौन था ब्रह्मेश्वर मुखिया? अगड़ी और पिछड़ी जाति की वर्चस्व की लड़ाई में रणवीर सेना की भूमिका ब्रह्मेश्वर मुखिया पर 277 लोगों की हत्या का आरोप था 2012 में आरा में हुई हत्या Brahmeshwar Mukhiya Ranvir Sena : क्या 277 हत्याओं को अंजाम देने वाला ब्रह्मेश्वर मुखिया एक राक्षस था? अगर नहीं तो क्या वह सचमुच नक्सलियों के खिलाफ अपने हक की लड़ाई लड़नेवाला एक योद्धा था? बिहार में कई नरसंहारों को अंजाम देने वाले ब्रह्मेश्वर मुखिया को लेकर यह दो तरह की विचारधारा समाज में मौजूद है. ब्रह्मेश्वर मुखिया ने जब रणवीर सेना का गठन किया था, तो उसने यह कहा था कि वह नक्सलियों को जवाब देना चाहता है, लेकिन उसने जिस तरह स्त्रीओं और बच्चों को अपना शिकार बनाया, उसके दावे झूठे साबित हो गए. कौन था ब्रह्मेश्वर मुखिया? ब्रह्मेश्वर मुखिया रणवीर सेना का संस्थापक था. हालांकि रणवीर सेना नाम का कोई संगठन रजिस्टर्ड नहीं था, लेकिन ब्रह्मेश्वर मुखिया ने एमसीसी के नक्लियों को जवाब देने के लिए इसका गठन किया था. ब्रह्मेश्वर मुखिया ने जो संगठन बनाया था उसका नाम रणवीर किसान महासंघ था, जिसे पुलिस ने रणवीर सेना का नाम दे दिया था. 1990 से 2002 के बीच बिहार में नक्सलियों ने दलितों की आवाज बनने की कोशिश की और यह भी कहा कि जो लोग गरीबों को उनका हक नहीं दे रहे हैं उन्हें हथियारों से जवाब दिया जाएगा. नक्सलियों के इस तरह के ऐलान के बाद बिहार में जातीय संघर्ष बढ़ गया था. जब दलितों की सामूहिक हत्या के बाद बदला लेने की नीयत से नक्सलियों ने सेनारी नरसंहार( 1999) और अफसर नरसंहार(2000) को अंजाम दिया, तो अगड़ी जाति के लोगों का गुस्सा बहुत बढ़ गया. सेनारी नरसंहार में 34 भूमिहारों की और अफसर में 11 भूमिहार और राजपूत की हत्या हुई थी. एमसीसी के उग्रवादियों ने अगड़ी जाति के लोगों के घर में घुसकर उनकी हत्या की थी. तब ब्रह्मेश्वर मुखिया ने 1994 में रणवीर सेना का गठन किया. रणवीर सेना ने बिहार में लक्ष्मणपुर बाथे जैसे नरसंहारों को अंजाम दिया, जिसमें 58 दलितों की हत्या हुई थी. ब्रह्ममेश्वर मुखिया बिहार के भोजपुर जिला के खोपिरा गांव  का रहने वाला था. मुखिया उसे इसलिए कहा जाता था क्योंकि वह अपने गांव का मुखिया था. अगड़ी और पिछड़ी जाति की वर्चस्व की लड़ाई में रणवीर सेना की भूमिका रणवीर सेना ने बिहार में अगड़ी और पिछड़ी जाति की लड़ाई को बहुत क्रूर बना दिया. रणवीर सेना ने नक्सलियों को जवाब देने के नाम पर दलितों को अत्याचार किए और बथानी टोला नरसंहार (1996),लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार (1997) और शंकरबिगहा नरसंहार (1999) जैसी घटनाओं को अंजाम दिया. इन नरसंहारों को बहुत ही क्रूर तरीके से अंजाम दिया गया था. रणवीर सेना ने स्त्रीओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ा था और उनके साथ भी क्रूरता की थी. गोली मार कर आग में झोंक देना जैसी घटनाएं आम थीं. ब्रह्मेश्वर मुखिया पर 277 लोगों की हत्या का आरोप था ब्रह्मेश्वर मुखिया को भूमिहार और अगड़ी जाति के लोग अपना मसीहा मानते थे क्योंकि वह उनके हक की बात कर रहा था, जबकि दलित उसे राक्षस मानते थे. पांच लाख के इनामी ब्रह्मेश्वर मुखिया को पटना से पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसपर कई मामलों में केस चला, कई केस में वह साक्ष्य के अभाव में छूट गया, बावजूद इसके नौ साल की जेल हुई. जेल से छूटने के बाद उसने यह कहा था कि वह मुख्यधारा में आकर किसानों के लिए काम करेगा. 2012 में आरा में हुई हत्या ब्रह्मेश्वर मुखिया के जितने प्रशंसक थे उतने ही आलोचक भी. यही वजह था कि उसकी हत्या 1 जून 2012 में कर दी गई. मुखिया के शव को जब अंतिम संस्कार के लिए पटना लाया जा रहा था, तो उसके समर्थकों ने पटना की सड़कों पर खूब बवाल काटा. हिंसा हुई और पुलिस पर यह आरोप लगा कि उसने दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. लेकिन डीजीपी अभयानंद ने बल प्रयोग ना करने के अपने निर्णय को सही ठहराया था. 2005 के बाद से बिहार में नरसंहारों का क्रम रूक गया है, लेकिन उसकी यादें आज भी रोंगटे खड़े कर देती है. Also Read : जब बिहार में एक साथ बिछा दी गईं थीं 30–40–50 लाशें,  नरसंहारों की कहानी कंपा देगी रूह  बेलछी गांव में हुआ था बिहार का पहला नरसंहार, 11 दलित की हत्या कर आग में झोंक दिया गया था पंबन ब्रिज और रामसेतु का है रामेश्वरम से खास नाता, क्यों प्रशासन ने बनाई थी रामसेतु को तोड़ने की योजना विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें The post 277 लोगों की हत्या का आरोपी ब्रह्मेश्वर मुखिया राक्षस था या मसीहा, उसके आतंक की पूरी कहानी appeared first on Naya Vichar.

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MCD: दिल्ली का मेयर चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए होगा अहम

MCD: दिल्ली की सत्ता पर भाजपा के काबिज होने के बाद नगर निगम के मेयर का पहला चुनाव होने जा रहा है. मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 25 अप्रैल को होना है. यह चुनाव भाजपा और आम आदमी पार्टी के लिए काफी मायने रखता है. मौजूदा समय में दिल्ली के 250 सीटों वाले नगर निगम में भाजपा के 117 पार्षद हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के 113 और कांग्रेस के पास 8 पार्षद हैं. नगर निगम में पार्षद के 12 पद खाली है. भाजपा सांसद कमलजीत सेहरावत लोकसभा सांसद बन चुकी है और विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और आम आदमी पार्टी के 11 पार्षद विधायक बन चुके है. फिलहाल इन रिक्त सीटों पर उपचुनाव की संभावना नहीं है. वर्ष 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी नगर निगम में बहुमत हासिल करने में सफल रही थी. दिल्ली मेयर चुनाव में 250 पार्षदों के अलावा 10 सांसद (7 लोकसभा और 3 राज्यसभा), 14 विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित विधायक और 10 एल्डरमैन शामिल होते हैं. आम आदमी पार्टी के शासनकाल में नगर निगम में आप का आधार मजबूत था. लेकिन प्रशासन बदलने के साथ ही नगर निगम का सियासी परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है. दिल्ली के सातों लोकसभा सांसद भाजपा के है, जबकि राज्यसभा के तीनों सांसद आम आदमी पार्टी के हैं, जिसमें स्वाति मालीवाल पार्टी के खिलाफ सक्रिय हैं. कई आम आदमी पार्टी के पार्षद भाजपा में शामिल हो चुके हैं. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नगर निगम के चुनाव में मतदान करने वाले विधायकों का गणित भी पूरी तरह बदल गया है. अब नामित विधायकों में भाजपा के 11 और आम आदमी पार्टी के सिर्फ तीन विधायक हैं. ऐसे में संख्या बल भाजपा के पक्ष में झुका दिख रहा है. मेयर का चुनाव तय करेगा आम आदमी पार्टी का भविष्यदिल्ली में 11 साल तक आम आदमी पार्टी की प्रशासन रही. वर्ष 2015 और वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को एकतरफा जीत मिली. फिर वर्ष 2022 में हुए नगर निगम के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया. ऐसा लगने लगा कि अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हराना भाजपा के लिए मुश्किल है. दिल्ली मॉडल को प्रचारित कर आम आदमी पार्टी पंजाब की सत्ता पर काबिज हो गयी और कई राज्यों में एक मजबूत विकल्प के तौर पर उभरी. लेकिन भ्रष्टाचार का आरोप लगने और आप के कई नेताओं के जेल जाने के बाद आम आदमी पार्टी को लेकर लोगों में भरोसा कम होता गया और फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में आप को हराकर भाजपा 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर काबिज हो गयी. भाजपा ने प्रशासन बनने के बाद आप प्रशासन के दौरान हुए भ्रष्टाचार की जांच तेज कर दी है. भाजपा प्रशासन बनते ही नगर निगम का सत्ता समीकरण भी बदल गया. मौजूदा नेतृत्वक माहौल में नगर निगम में अगर भाजपा का मेयर बनता है तो आम आदमी को सियासी तौर पर काफी नुकसान उठाना होगा. इससे दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सियासी भविष्य पर भी सवाल उठेगा और आने वाले समय में पार्टी के कई नेता दूसरे दलों का रुख कर सकते हैं. मेयर चुनाव में आप की हार का असर दूसरे राज्यों पर पड़ना तय है. क्योंकि दिल्ली मॉडल के सहारे ही आम आदमी पार्टी दूसरे राज्यों में अपना सियासी आधार बनाने में कामयाब रही है.  The post MCD: दिल्ली का मेयर चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए होगा अहम appeared first on Naya Vichar.

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