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April 13, 2025

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तालिबान को ICC का मुंहतोड़ जवाब, महिला क्रिकेटरों के लिए बनाया स्पेशल टास्क फोर्स, ये देश आए समर्थन में

ICC News: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने रविवार को विस्थापित अफगान स्त्री क्रिकेटरों की सहायता के लिए एक समर्पित टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की है. एक ऐतिहासिक पहल में, ICC ने हिंदुस्तानीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI), इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के साथ हाथ मिलाया है ताकि इन प्रतिभाशाली एथलीटों को उनके क्रिकेट और व्यक्तिगत विकास दोनों में सहायता मिल सके. बता दें कि जब से अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन शुरू हुआ है, स्त्रीओं की स्वतंत्रता पर सवाल उठने लगे हैं, कई देशों ने इसके विरोध में अपना अफगानिस्तान में अपना द्विपक्षीय दौरा भी रद्द कर दिया है. ICC formed a special task force for women cricketers of Afghanistan these countries came in support स्त्री क्रिकेटरों को हर सुविधा देगा आईसीसी अब आईसीसी के इस पहल के तहत, ICC प्रत्यक्ष मौद्रिक सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित कोष स्थापित करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि इन क्रिकेटरों के पास वे संसाधन हों जिनकी उन्हें अपने पसंदीदा स्पोर्ट्स को जारी रखने के लिए आवश्यकता है. इसके साथ ही एक मजबूत उच्च प्रदर्शन कार्यक्रम भी होगा जिसमें उन्नत कोचिंग, विश्व स्तरीय सुविधाएं और उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके. I’m proud to announce on behalf of the @ICC a landmark initiative we’ve partnered on with the BCCI, England & Wales Cricket Board and Cricket Australia to assist displaced Afghan women cricketers in both their cricketing and development journeys. Media release:… pic.twitter.com/Rf3n0ZBy53 — Jay Shah (@JayShah) April 13, 2025 जय शाह ने उठाया बड़ा कदम इस पहल पर टिप्पणी करते हुए, ICC के चेयरमैन जय शाह ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में, हम समावेशिता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं कि हर क्रिकेटर को अपनी परिस्थितियों की परवाह किए बिना चमकने का अवसर मिले. अपने मूल्यवान भागीदारों के सहयोग से, हमें इस टास्क फोर्स और सहायता कोष को लॉन्च करने पर गर्व है, जो एक व्यापक उच्च प्रदर्शन कार्यक्रम द्वारा पूरित है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विस्थापित अफगान स्त्री क्रिकेटर स्पोर्ट्स में अपनी यात्रा जारी रख सकें. यह पहल क्रिकेट के वैश्विक विकास और एकता, लचीलापन और आशा को प्रेरित करने की इसकी शक्ति के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है.’ ये हैं समितियां आईसीसी का मानना ​​है कि इस पहल से न केवल अफगान स्त्री क्रिकेटरों के स्पोर्ट्स करियर को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह स्पोर्ट्स की भूमिका को भी मजबूत करेगा, जो सीमाओं और प्रतिकूलताओं से परे एक एकीकृत शक्ति के रूप में कार्य करेगा.इसके लिए कई समितियों का भी गठन किया गया है. आईसीसी स्त्री क्रिकेट समिति : कैथरीन कैम्पबेल (पुनः नियुक्त), एवरिल फाहे और फोलेत्सी मोसेकी.आईसीसी पुरुष क्रिकेट समिति : सौरव गांगुली को पुनः अध्यक्ष नियुक्त किया गया तथा हामिद हसन, डेसमंड हेन्स, टेम्बा बावुमा, वीवीएस लक्ष्मण (पुनर्नियुक्ति) और जोनाथन ट्रॉट को समिति में नियुक्त किया गया. ये भी पढ़ें… दुनिया बचाने निकली RCB, हरे रंग की जर्सी पहनकर राजस्थान के खिलाफ मैदान पर उतरी टीम वेस्टइंडीज का क्रिकेटर आईपीएल में कमेंटेटर, पत्नी चला रही जूस बार, काशी और भोजपुरी से खास रिश्ता 55 गेंद पर 141 रन की पारी से भी संतुष्ट नहीं है अभिषेक शर्मा के पिता, चाहते हैं कुछ और The post तालिबान को ICC का मुंहतोड़ जवाब, स्त्री क्रिकेटरों के लिए बनाया स्पेशल टास्क फोर्स, ये देश आए समर्थन में appeared first on Naya Vichar.

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Viral Video: वाह रे एटीट्यूड! 7 साल बाद पचासा क्या जड़ा कि बुमराह से ही भिड़ गया यह बल्लेबाज, इसलिए नहीं पूछता BCCI!

Karun Nair: रविवार को दिल्ली कैपिटल्स (DC) और मुंबई इंडियंस (MI) के बीच आईपीएल 2025 (IPL 2025) के मुकाबले के दौरान करुण नायर (karun Nair) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) के बीच मैदान पर तीखी नोकझोंक हुई. करुण शानदार फॉर्म में दिखे और उन्होंने 22 गेंदों में अर्धशतक जड़ा और बुमराह के खिलाफ मैच में दबदबा बनाया. वह अंततः 40 गेंदों में 89 रन बनाकर आउट हुए लेकिन उनके प्रदर्शन ने उन्हें काफी प्रशंसा दिलाई. फिर यह बल्लेबाज अपनी दिल्ली कैपिटल्स की टीम को मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीत नहीं दिला पाया. बल्कि टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से झगड़ा मोल ले लिया. Jasprit Bumrah and Karun Nair had a heated argument during the match बुमराह से टकरा गए करुण नायर मैच के दौरान करुण नायर की विकेट के पीछे दौड़ते समय बुमराह से हल्की टक्कर हुई और यहीं से दोनों खिलाड़ियों के बीच बहस शुरू हुई. बुमराह बिल्कुल गुस्से में थे और करुण द्वारा अपना पक्ष समझाने के बाद मामला थोड़ा शांत हुआ. करुण ने हार्दिक से भी बातचीत की लेकिन पूरी स्थिति पर रोहित शर्मा की प्रतिक्रिया पहले ही वायरल हो चुकी है. रोहित के इशारे से यही लग रहा था कि वाह रे भाई एक मैच में पचासा क्या नहीं जड़ा कि बुमराह से ही भिड़ गए. Leave Argument…Look for Rohit reaction 🤣pic.twitter.com/8J7rvFGZjG — 🏏 Paglu (@CrickitPaglu) April 13, 2025 पावर प्ले की समाप्ति के बाद हुई घटना यह घटना पावरप्ले की समाप्ति के बाद घटी है. पावर प्ले का आखिरी ओवर बुमराह फेंक रहे थे. इसी ओवर में करुण नायर ने बुमराह को दो छक्के और एक चौका लगाया. फिर अगली ही गेंद पर वह दो रन लेने के लिए दौड़े और बुमराह से टकरा गए. इस ओवर के बाद स्ट्रेटजिक टाइमआउट लिया गया, जिसके दौरान बुमराह को करुण नायर से कुछ कहते सुना गया. बुमराह शायद कह रहे थे कि जिस जगह तुम दौड़ रहे थे वो मेरी जगह है. हार्दिक और रोहित का रिएक्शन वायरल इस बात को लेकर दोनों के बीच कुछ कहा-सुनी हुई. फिर नायर एमआई के कप्तान हार्दिक पांडया के पास गए और अपनी बात रखी. हार्दिक ने इसे ऐसे ही जाने दिया, लेकिन कैमरे में दिखा कि टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा नायर को कुछ इशारे कर रहे थे, वह शायद इस बात पर था कि तुमने बुमराह से ही पंगा ले लिया. रोहित का रिएक्शन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. करुण नायर की हो रही आलोचना हालांकि, नायर की इस हरकत की सोशल मीडिया पर भी आलोचना हो रही है. बुमराह टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज है और नायर को बीसीसीआई ने कई साल से इग्नोर किया हुए है. यहां तक कि वह काफी समय बाद आईपीएल में स्पोर्ट्स रहे थे और उनका बल्ले से यह पचासा 7 साल बाद आया है. नायर का शानदार अर्धशतक भी दिल्ली को जीत नहीं दिला पाया और मुंबई ने चार हार के बाद अपनी जीत दर्ज की, भले ही वह 12 रनों से जीत ही क्यों न हो. ये भी पढ़ें… दुनिया बचाने निकली RCB, हरे रंग की जर्सी पहनकर राजस्थान के खिलाफ मैदान पर उतरी टीम वेस्टइंडीज का क्रिकेटर आईपीएल में कमेंटेटर, पत्नी चला रही जूस बार, काशी और भोजपुरी से खास रिश्ता 55 गेंद पर 141 रन की पारी से भी संतुष्ट नहीं है अभिषेक शर्मा के पिता, चाहते हैं कुछ और The post Viral Video: वाह रे एटीट्यूड! 7 साल बाद पचासा क्या जड़ा कि बुमराह से ही भिड़ गया यह बल्लेबाज, इसलिए नहीं पूछता BCCI! appeared first on Naya Vichar.

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सामाजिक निर्माण के शिल्पकार डॉ बीआर आंबेडकर

–डॉ सहदेव राम– BR Ambedkar : आज 14 अप्रैल है, इसी 14 अप्रैल 1891 को हिंदुस्तान के इतिहास में एक दूरदर्शी नेता डॉ बीआर आंबेडकर का जन्म हुआ था. उन्होंने छोटी उम्र से ही जातिगत भेदभाव का सामना किया. जाति आधारित भेदभाव के अनुभव की वजह से उनके मन में समानता का एक दृष्टिकोण पनपा और इसका गहरा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा.हिंदुस्तान में शिक्षा प्राप्त करने के दौरान उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. डॉ बीआर आंबेडकर ने 32 डिग्रियां हासिल की थी, जिनमें बॉम्बे विश्वविद्यालय से बीए, कोलंबिया विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी, लंदन स्कूल आॅफ इकोमिक्स से एमएससी और डीएससी और ग्रेज इन से बैरिस्टर-एट-लॉ शामिल है.जहां से उन्होंने अपने जिंदगी को आकार देने का काम किया, जब हिंदुस्तानवर्ष में उनकी वापसी हुई तो समाज सुधार की दिशा में पहला कदम रखते हुए बहिष्कृत हितकरणी सभा की स्थापना करते हुए समान अधिकारों के लिए पहला सार्वजनिक आंदोलन आरंभ किया.फिर महार सत्याग्रह जो सामाजिक न्याय में एक मील का पत्थर साबित हुआ.सामाजिक समानता हासिल करने में प्रत्यक्ष कार्रवाई और शांतिपूर्ण विरोध हिंदुस्तान के समक्ष रखा.फिर दलितों के अधिकारों के लिए कानूनी वकालत शुरू की. डॉ बीआर आंबेडकर का जीवन सिर्फ संघर्षों की श्रृंखला नहीं था, यह अन्याय के खिलाफ एक क्रांति था.लोकतंत्र को फिर से परिभाषित करने का एक मिशन था और सम्मान के लिए एक आंदोलन जो आज भी गूंजता है.हिंदुस्तान के लिए उनका योगदान विशेष रूप से संविधान, सामाजिक न्याय आंदोलनों और उत्पीड़ित समुदायों के उत्थान के लिए अद्वितीय था, लेकिन आंबेडकर की यात्रा कभी भी सिर्फ अपने बारे में नहीं थी, यह उन लाखों के बारे में थी जिन्हें समाज में उनके उचित स्थान से वंचित किया गया था.यह न्याय के बारे में था, दान के बारे में नहीं.गरिमा के बारे में था, दया के बारे में नहीं और समानता के बारे में था ना कि केवल प्रतीकात्मक समावेश के बारे में. वे तब बोलते हैं, जब एक दलित के शिशु को स्कूल में भेदभाव का सामना करना पड़ता है.वे तब बोलते हैं जब एक स्त्री को उसकी जाति या पृष्ठभूमि के कारण न्याय से वंचित किया जाता है.वे तब बोलते हैं जब आर्थिक असमानता और सामाजिक बाधाए भी तय करती हैं कि किसे अवसर मिलेंगे.आंबेडकर एक ऐसे सामाजिक योद्धा थे, जिनके लिए न्याय पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता था, उनका मानना था कि अगर न्याय सभी नागरिकों को समान रूप से उपलब्ध नहीं है तो कोई राष्ट्र खुद को लोकतांत्रिक नहीं कह सकता.उन्होंने एक ऐसी व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसने अन्याय को जीवन का तरीका बना दिया था.उन्होंने सुनिश्चित किया कि न्याय को व्याख्या के लिए नहीं छोड़ा जाय इसे संविधान में लिखा जाय.उन्होंने चेतावनी दी की सामाजिक और आर्थिक न्याय के बिना नेतृत्वक लोकतंत्र विफल हो जायेगा.उन्होंने कहा कि “न्याय समानता के लिए एक और नाम है न्याय के बिना एक राष्ट्र कुछ के लिए विशेषाधिकार का घर बन जाता है, और कई लोगों के लिए पीड़ित की जेल बन जाती है. डॉ बीआर आंबेडकरने एक ऐसी व्यवस्था को चुनौती दी, जहां कुछ सत्ता में पैदा हुये थे, जबकि अन्य सेवा करने के लिए पैदा हुए थे.उन्होंने स्वतंत्रता की मांग की जो सशर्त नहीं थी, लेकिन निरपेक्ष थी.उनहोंने देश को जगाते हुए कहा था कि जब तक लिबर्टी को सक्रिय रूप से संरक्षित नहीं किया जाता, तब तक इसे दूर ले जाया जा सकता है.डॉ बीआर आंबेडकर ने स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा था कि स्वतंत्रता लोकतंत्र का जीवन है.स्वतंत्रता के बिना लोकतंत्र केवल चुनावों में काम आता है और लोग समाजिक और आर्थिक ताकतों द्वारा गुलाम बने रहते हैं. डॉ बीआर आंबेडकर एक इस तरह के समाज को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, जहां कुछ लोग शासक थे और अन्य सेवा करने के लिए पैदा हुये थे.उन्होंने कहा कि “जाति की नींव पर राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते” जब कुछ लोग खुद को दूसरों से श्रेष्ठ मानते हैं, तो आप एकता नहीं बना सकते.उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के बिना सामाजिक सद्‌भाव संभव नहीं है. डॉ बीआर आंबेडकर एक ऐसे नेता थे जिन्होंने बचपन से लेकर अंतिम तक समाज को दिखाया कि उत्पीड़न से कैसे लड़ना है? लेकिन यह सुनिश्चित करना हम पर निर्भर है कि किसी को अन्याय का सामना न करना पड़े. डॉ बीआर आंबेडकर ने समाज को बताया कि न्याय के लिए लड़ाई कभी खत्म नहीं होती.हर पीढ़ी को सम्मान-समानता और स्वतंत्रता के लिए अपना संघर्ष खुद करना चाहिए. डॉ बीआर आंबेडकर ने हिंदुस्तानीय संविधान के प्रारूपण का नेतृत्व किया तो उन्होंने सुनिश्चित किया कि यह केवल कानूनी दस्तावेज ना हो, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के लिए एक क्रांतिकारी उपकरण हो.उनका दृढ़ विश्वास था कि सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र के बिना नेतृत्वक लोकतंत्र निरर्थक होगा.इस प्रकार उन्होंने सुनिश्चित किया कि मौलिक अधिकार और सामाजिक न्याय न्यायपूर्ण समाज की नींव के रूप में काम करेगें.डॉ बीआर आंबेडकर का दृष्टिकोण स्पष्ट था कि संविधान को ऐसे अधिकारों की गारंटी चाहिए जो उत्पीड़ितों का उत्थान करें, जातिगत भेदभाव को मिटायेंऔर सभी नागरिकों के लिए समान अवसर पैदा करें.यह हिंदुस्तान के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव था, जो सदियों से एक गहरी जड़े जमाये हुए जाति पदानुक्रम द्वारा शासित था, जिसने दलितों को हाशिए के समुदायों को बुनियादी अधिकारों से वंचित कर दिया था. डॉ बीआर आंबेडकर को दृढ़ विश्वास था कि कोई भी समाज तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक कि उसकी स्त्रीएं शिक्षित, आर्थिक रूप से स्वतंत्र और समान रूप से व्यवहार न करें.ऐसे समय में जब हिंदुस्तानीय समाज ने स्त्रीओं को बड़े पैमाने पर घरेलू भूमिकाओं तक सीमित कर दिया था, आंबेडकर उन कुछ पुरूष नेताओं में से एक थे, जिन्होंने शिक्षा और रोजगार में स्त्रीओं के अधिकारों की सक्रिय रूप से वकालत की. उन्होंने लैंगिक असमानता और जातिगत भेदभाव को आपस में जुड़े मुद्दों के रूप में देखा, विशेष रूप से दलित स्त्रीओं को जाति, लिंग और आर्थिक हाशिए पर होने के कारण तिहरे उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.इसे संबोधित करने के लिए उन्होंने प्रगतिशील नीतियों पर जोर दिया, जिससे स्त्रीओं को शिक्षा, उचित वेतन और श्रम अधिकारों तक पहुंच सुनिश्चित हो सके. डॉ बीआर आंबेडकर ने हिंदुस्तान में स्त्री सशक्तिकरण की नींव के रूप में शिक्षा का अधिकार, वोट का

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छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना….

झुमरीतिलैया़ हनुमान जन्मोत्सव को लेकर शहर के सीएच स्कूल रोड स्थित गुरु कृपा शांति भवन में 108 बार सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया. यहां विद्या देवी रेनु तर्वे, दीपा गुप्ता, प्रेमलता देवी प्रतिमा वर्णवाल, पूजा वर्णवाल, सुबोध देवी, सोनी, अनिता एकघरा, इंदु देवी, सरोज गुप्ता, शालिनी तर्वे, विमला देवी व पूनम देवी आदि मौजूद थे. वहीं स्टेशन रोड स्थित हनुमान मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था. यहां ज्योत के साथ संगीतयम भजन का आयोजन हुआ. शहर के विद्यापुरी स्थित चमत्कारी बाबा हनुमान मंदिर सहित कई हनुमान मंदिरों में पूजा-अर्चना की गयी. अड्डी बंगला रोड स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर में बाबा का शृंगार आकर्षण का केंद्र रहा. यहां 56 भोग के साथ सवामणी प्रसाद भगवान को अर्पित किया गया. इसके बाद श्रद्धालु भक्तों के बीच वितरण किया गया. मौके पर गणेश वंदना के साथ भजन संध्या की शुरुआत हुुई. धीरज पांडेय ने बजरंगी बली हनुमान तेरा जग में डंका बज रहा…,राकेश सिंह राजपूत ने छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना कहते हैं लोग इसे राम का दीवाना…,सत्येंद्र सिन्हा ने मेरा बाबा का जन्मदिन है हम उत्सव आज मनायेगें…, पंकज केशरी देना है तो दीजिए जन्म-जन्म का साथ…, मनोज माथुर ने मेरी नाव पार करो बजरंग बली…,आर्यण केशरी ने जो केशरी का लाल राम जी से कहा देना…,राजेश वर्मा ने वीर बजरंग बली तेरा ही सहारा…, नीतिन मिश्रा ने तूने बदल दिया मेरी नसीब तेरे चलाया से नैया गरीब की…,आराध्या सिन्हा ने लंका में डंका बजा दियो रे अंजनी का ललनवा…,सोनाली कुमारी ने मची है धूम देखो हनुमान जयंती की…. जैसों भजन पर श्रद्धालु जम कर झूमें. कार्यक्रम में यजमान के रूप में तनवी गौरव चौधरी शामिल हुए. पूजा अर्चना पंडित राम प्रवेश पांडेय एवं मोनु पांडेय ने संयुक्त रूप से करायी. संचालन गिरधारी सोमानी ने किया. इस अवसर पर सुनीता सुशील चौधरी, कविता अनिल चौधरी, रंचना राम चौधरी, शालु विक्की चौधरी, प्रेमदेवी चौधरी, पवन चौधरी , कुसुम मनोज चौधरी, नीतु अरविन्द चौधरी, कृति शुभम चौधरी, मुन्ना भदानी, मनोज साव, आशीष कुमार, ज्योतिष कुमार, संजय सूद, नितीश कुमार, विशाल कपसिमें, रजनीश झा, चन्द्रशेखर जोशी, विनोद चौरसिया, रणधीर कपसिमें, सीताराम केसरी, पंकज कुमार, राजा चौरसिया, अनुराधा सिंह, सुरेश कुमार, मिलन चक्रवती, सुरेश गुप्ता, अमित गुप्ता सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद थे. कार्यक्रम का समापन आरती के साथ संपन्न हुआ. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना…. appeared first on Naya Vichar.

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बजरंगबली को कराया गया नगर भ्रमण

कुजू. तिलैया साण्डी ग्राम में चल रहे पंच दिवसीय लक्ष्मीनारायण सह हनुमंत विग्रह प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के तीसरे दिन कई धार्मिक अनुष्ठान कार्य को संपन्न कराया गया. इस दौरान यज्ञाचार्य बालमुकुंद पांडेय, राकेश कुमार पांडेय, पुरुषोत्तम पांडेय, नवीन पांडेय, प्रमोद तिवारी, आयुष कुमार पांडेय ने यजमान बने अर्जुन महतो, भुनेश्वर करमाली, दहला बेदिया, नारायण बेदिया, रमेश महतो सपत्नीक के हाथों सर्वप्रथम वेदी पूजन कराया गया. जबकि वीर बजरंग बली की प्रतिमा को नये चौकी पर रखकर विधिवत स्नान कराया गया. जिसमें प्रधान यजमान के साथ बड़ी संख्या में स्त्री पुरुष श्रद्धालु कलश में जल भरकर भगवान को नहलाया. तत्पश्चात मंदिर के शुद्धीकरण के साथ भगवान को सुसज्जित वाहन पर बैठकर नगर भ्रमण किया गया. वहीं संध्या आरती के बाद कथा वाचन का कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमें अयोध्या से आयी महंत मानस मंदाकिनी साध्वी पूनम माता जी ने अपने ब्यास पीठ से दहेज प्रथा पर कहा कि पढ़ा लिखाकर बेटियों को एक सर्विस मेन ही नहीं, बल्कि उसे संत भी बनाया जाये, ताकि अगर वह साध्वी बने तो हिंदू सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए लाखों स्त्रीओं को झांसी की रानी की तरह अपने देश को बचाने के लिए कुर्बानी दे या फिर शादी करे तो श्रीराम, कृष्ण, परमहंस, विवेकानंद, जगतगुरू शंकराचार्य जैसे पुत्र को पैदा करे ताकि दहेज की प्रथा समाप्त हो जाए. यज्ञ को सफल बनाने में संरक्षक भुनेश्वर महतो उर्फ भुन्नू, निवर्तमान वार्ड पार्षद मंजू देवी, लाली बेदिया, रामसहाय बेदिया, नीरज झा, श्यामदेव बेदिया, बालेश्वर बेदिया, रमेश महतो, राजेश मांझी, पालो देवी, उषा देवी, अध्यक्ष सावन बेदिया, उपाध्यक्ष मनोज विशेश्वर बेदिया, सचिव शंकर बेदिया, कोषाध्यक्ष प्रयाग बेदिया, उप कोषाध्यक्ष कोषाध्यक्ष विकाश मुंडा समेत बड़ी संख्या में कार्यकारिणी के सदस्य लगे हुए हैं. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post बजरंगबली को कराया गया नगर भ्रमण appeared first on Naya Vichar.

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प्रकृति व पूर्वजों के प्रति आस्था का प्रतीक है सरहुल : विधायक

सिमडेगा. सिमडेगा विस क्षेत्र के पालकोट प्रखंड के केउंदटोली गांव में सरहुल पूजा सह मिलन समारोह का आयोजन किया गया. मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक भूषण बाड़ा व विशिष्ट अतिथि के रूप में जिप सदस्य जोसिमा खाखा उपस्थित थीं. विधायक ने कहा कि सरहुल सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी प्रकृति, संस्कृति व पूर्वजों के प्रति आस्था का प्रतीक है. जब हम पेड़-पौधों की पूजा करते हैं, तो हम प्रकृति के साथ अपने रिश्ते को निभा रहे होते हैं. उन्होंने कहा कि आज का यह मिलन समारोह हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है. हमारी प्रशासन सदैव आदिवासी समाज के हित में कार्य करती रही है और करती रहेगी. कार्यक्रम में बीडीओ विजय उरांव, सरना प्रार्थना सभा के अध्यक्ष कमलेश बारला, अध्यक्ष एतवा उरांव, 20 सूत्री अध्यक्ष रोहित एक्का, प्रमुख सोनी लकड़ा, मुखिया पूनम लकड़ा, पुरुषोतम कुजूर, प्रदीप सोरेंग, पंचायत अध्यक्ष विनोद उरांव, मुख्तार आलम, डोमन उरांव, चंदन उरांव, लोटेम सोरेंग, अंजलिता बड़ा, निरंजन तिर्की, श्याम उरांव, मिचू भगत, चारो उरांव, कृष्णा किशन उरांव, सचिन उरांव, सुशील लकड़ा आदि उपस्थित थे. प्रकृति प्रेम का संदेश देता है सरहुल : जोसिमा जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने कहा कि आज के इस पावन अवसर पर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. स्त्रीएं जिस तरह से पारंपरिक आयोजनों में भागीदारी कर रही हैं, वह हमारे समाज की मजबूती और जागरूकता का प्रमाण है. कहा कि सरहुल हमें एकता, भाईचारा व प्रकृति प्रेम का संदेश देता है. हम सभी को मिल कर अपने गांव व समाज को स्वच्छ, शिक्षित व सशक्त बनाना है. सांस्कृतिक कार्यक्रम बना आकर्षण का केंद्र कार्यक्रम में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ नृत्य प्रस्तुत प्रस्तुत गया. स्त्रीओं व युवाओं ने लोकगीतों पर अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी. हर गांव से आये प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने एकता और सहयोग का परिचय देते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया. विधायक भूषण बाड़ा भी मांदर के थाप पर खूब थिरके. कार्यक्रम का समापन सामूहिक भोज व सरना स्थल पर पारंपरिक पूजा के साथ हुआ. मौके पर विजेता नृत्य मंडली को विधायक ने सम्मानित किया. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post प्रकृति व पूर्वजों के प्रति आस्था का प्रतीक है सरहुल : विधायक appeared first on Naya Vichar.

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आंतरिक आस्था व आध्यात्मिक शुद्धता का पर्व है खजूर रविवार : बिशप

सिमडेगा. जिले में रविवार को खजूर पर्व श्रद्धा व भक्तिभाव से मनाया गया. प्रभु यीशु मसीह के यरूशलम नगर में विजय पूर्वक प्रवेश की स्मृति में मनाये जाने वाले खजूर पर्व को लेकर संत अन्ना महागिरजाघर में विशेष मिस्सा पूजा की गयी. मौके पर शोभायात्रा निकाली गयी, जिसमें शामिल मसीही कोमल खजूर की डाली के साथ शामिल हुए. इसके बाद मसीही समुदाय के लोग खजूर की डालियों के साथ चर्च में मिस्सा पूजा में शामिल हुए. साथ ही प्रभु यीशु के प्रेम, बलिदान व शांति के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया. मिस्सा पूजा की संपूर्ण धर्मविधि सिमडेगा धर्मप्रांत के बिशप विंसेंट बरवा की अगुवाई में संपन्न हुई, जिसमें उनका सहयोग विजी सह पल्ली पुरोहित फा इग्नासयुस टेटे, फादर फेलिक्स, फादर शैलेश, फादर फेडरिक, फादर फेबियन, फादर प्रदीप, फादर प्रदीप आदि पुरोहितों ने किया. कार्यक्रम में जिप सदस्य जोसिमा खाखा भी शामिल हुईं. बिशप विंसेंट बरवा ने कहा कि खजूर पर्व बाहरी दिखावे से अधिक आंतरिक आस्था व आध्यात्मिक शुद्धता का पर्व है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वागत व सम्मान से अधिक महत्वपूर्ण है सेवा और बलिदान का भाव. कहा कि खजूर रविवार हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने जीवन में प्रभु यीशु के पदचिन्हों पर चलें. सेवा को अपना धर्म बनायें और समाज में शांति, भाईचारा और करुणा का संदेश फैलायें. प्रेम, शांति व एकता संदेश देता है खजूर पर्व :विधायक विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि आज जब दुनिया संघर्षों व तनावों से गुजर रही है. ऐसे में प्रभु यीशु के संदेश प्रेम, क्षमा व शांति पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गया है. खजूर रविवार पर्व केवल ईसाई समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेम, शांति व एकता का संदेश लेकर आता है. इस दिन का मूल उद्देश्य सेवा, सहिष्णुता और करुणा का विस्तार है. विधायक ने कहा कि प्रभु यीशु ने जब यरूशलम में प्रवेश किया, तो उन्होंने घोड़े या रथ की बजाय गधे का चयन किया, जो उनकी विनम्रता का प्रतीक है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post आंतरिक आस्था व आध्यात्मिक शुद्धता का पर्व है खजूर रविवार : बिशप appeared first on Naya Vichar.

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आक्रोश रैली निकाल किया प्रदर्शन

गुमला. आदिवासी संगठनों ने रविवार को केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली रांची से रैंप हटाने के मुद्दे को लेकर गुमला विधायक भूषण तिर्की का आवास घेराव व आक्रोश रैली निकाली. आदिवासी युवा विधायक आवास घेरने पहुंचे, तो गुमला पुलिस ढाल बनी और आदिवासी युवाओं को विधायक आवास के अंदर तक जाने से रोका. आक्रोश रैली की शुरुआत पालकोट रोड स्थित कार्तिक उरांव की प्रतिमा को माल्यार्पण कर किया गया. रैली पालकोट रोड, टावर चौक, सिसई रोड होते हुए नदी टोली स्थित विधायक भूषण तिर्की के आवास पर धरना-प्रदर्शन किया गया. युवा नेता नेलशन भगत ने कहा कि आज हम लोग विधायक से मिलने आये हैं. हम विधायक से पूछने आये हैं कि सिरमटोली में जो सरना स्थल उजड़ रहा है. उसको बचाने के लिए आप समर्थन कर रहे हैं या नहीं. कार्तिक बाबा ने 1967 से उसी सिरमटोली सरना स्थल से सरहुल जुलूस की शुरुआत की थी. आज उसी स्थल को उजाड़ने का साजिश की जा रही है. परंतु आदिवासी समाज ऐसा नहीं होने देगा. हमारे राज्य के आदिवासी नेता गूंगा गये हैं. इस कारण प्रशासन हमलोगों के सरना स्थल को नजर अंदाज कर रही हैं. भाजपा नेता रामअवतार भगत ने कहा कि यहां के नेता आदिवासी वोट से चुनाव जीते हैं. इसलिए हमलोगों का धार्मिक स्थल को बचाने में हमलोगों के साथ थे. 28 आदिवासी विधायक होने के बाद भी उनके द्वारा आदिवासी के हक में कोई आवाज नहीं आ रही है. इसलिए हमलोगों को लग रहा है कि उनको आदिवासी वोट की जरूरत नहीं है. यह ट्रेलर है, कल इससे भी अधिक भीड़ जुटेगी. भाजपा नेता गौरी किंडो ने कहा कि आज विधायक से मिलने आदिवासी भाई बहन आये हैं, पर वे हमलोगों से नहीं मिल रहे है. विधायक हमलोगों की बातों को विस में रखने का काम करें. सुबोध उरांव ने कहा कि यह मामूली स्थल नहीं, बल्कि केंद्रीय सरना स्थल है. हमलोगों के धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जायेगा, तो हम किसी को नहीं छोड़ेंगे. हम प्रशासन बनाने जानते हैन, गिराने भी जानते है. विकास उरांव ने कहा कि हर समाज में धर्म मनुष्य से ऊपर होता है. धर्म व संस्कृति को बचाना हमारा पहला कर्तव्य है. आदिवासी समाज को कमजोर समझने का भूल नहीं करे. इधर, घंटों आदिवासी समाज द्वारा विधायक आवास के बाहर प्रदर्शन किया गया. मौके पर रामचंद उरांव, पुष्पा कुमारी, राकेश बड़ाइक, विश्वनाथ उरांव, राजेश लिंडा, सुमेश्वरी उरांव, अजय टोप्पो, रंजीत उरांव, सोनामनी उरांव आदि मौजूद थे. भाजपा के एजेंट छात्रों को मोहरा बना रहे हैं : अशोक आदिवासी नेता अशोक कुमार भगत ने कहा है कि भाजपा एक साजिश के तहत कॉलेज के छात्र-छात्राओं को आंदोलन में ढकेल रही है. दूर-दराज गांव से छात्र गुमला के छात्रावासों में आकर पढ़ाई करते हैं. परंतु भाजपा के कुछ एजेंट इन छात्रों को रैली में शामिल कर लिया. जबकि रांची रैंप के मुद्दे को लेकर पूर्व में हमलोगों ने 18 अप्रैल को आंदोलन करने की रणनीति बनायी थी. पर एक साजिश के तहत इस आंदोलन में छात्रों को शामिल करना आदिवासी लड़ाई न होकर नेतृत्व आंदोलन शुरू हो गया है और इसके पीछे भाजपा नेतृत्व कर रही है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post आक्रोश रैली निकाल किया प्रदर्शन appeared first on Naya Vichar.

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हत्या का अभियुक्त गिरफ्तार, जेल

सिसई. थाना क्षेत्र के नगर कुसुमटोली गांव निवासी सह हत्या के आरोपी सतन उरांव (35) को सिसई पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया. सतन पर अपने पांच सहयोगियों के साथ मिल कर कुलंगकेरी गांव निवासी घुरा उरांव के पुत्र मोहन उरांव की वर्ष 2017 में गोली मार कर हत्या करने का आरोप है. इस मामले में वह जमानत पर बाहर था. कोर्ट ने उसके विरुद्ध गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. इस मामले में उसे जेल भेजा गया है. थानेदार संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सतन के विरुद्ध करंज व बसिया थाना में भी मामला दर्ज है. वाहन की टक्कर से अज्ञात व्यक्ति की मौत गुमला. सदर थाना के पालकोट रोड स्थित झारखंड डीपा के समीप अज्ञात वाहन की चपेट में आने से अज्ञात व्यक्ति की मौत हो गयी. घटना शनिवार देर रात की है. रविवार की सुबह सड़क पर शव को देख ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद गुमला पुलिस मौके पर पहुंच कर शव को सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के रखवा दिया. समाचार लिखे जाने तक शव की शिनाख्त नहीं हो पायी थी. ग्रामीणों के अनुसार मृत व्यक्ति कुछ दिनों से उक्त स्थल पर भटकता था. वह मानसिक विक्षिप्त था. ग्रामीणों ने आशंका प्रकट की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post हत्या का अभियुक्त गिरफ्तार, जेल appeared first on Naya Vichar.

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सरहुल पर्व आदिवासियों की सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक है : विधायक

पालकोट. प्रखंड के केउंदटोली गांव में सरहुल पर्व मनाया गया. मुख्य अतिथि विधायक भूषण बाड़ा व विशिष्ट अतिथि बीडीओ विजय उरांव थे. कार्यक्रम में अतिथियों ने विभिन्न गांवों व टोलों से आये 45 खोड़हा दल की नृत्य मंडली के लोगों ने नृत्य किया. इसके अलावा अतिथियों ने सभी खोड़हा दलों में शामिल होकर ढोल नगाड़ा मांदर बजाते हुए नृत्य किया. बीडीओ विजय उरांव ने सरहुल पर्व का शुरुआत व पर्व के महता के बारे में जानकारी दी. विधायक भूषण बाड़ा ने कहा आदिवासियों को अपनी सभ्यता, संस्कृति, परंपरा को बचाये रखना है. झारखंड में आदिवासियों का राज है और रहेगा. इसके अलाआ संबोधन में सखुआ व महुआ पेड़ के महत्व के बारे में बताया. मौके पर प्रमुख सोनी लकड़ा, प्रदीप सोरेंग, रोहित एक्का, पुरुषोतम कुजूर, चंदन उरांव, निरंजन उरांव, चारो उरांव, प्रकाश उरांव, अमरूष उरांव, एतवा उरांव, श्याम लकड़ा, दिलीप केरकेट्टा, रंजन उरांव, मंगरू भगत, सोनू उरांव, मिचू भगत, शंकर भगत, ललित उरांव, गुलाब उरांव, डॉ दिनेश यादव, डॉ बलधारी सिंह, लोहर उरांव, जोसिमा खाखा, कमलेश बारला, डोमन भगत सरना सरना धर्मावलंबी मौजूद थे. झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन का चुनाव गुमला. पोद्दार स्मृति भवन गुमला में अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल, सचिव पवन कुमार गाड़ोदिया के नेतृत्व में झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन का चुनाव कराया गया. चुनाव में दो कैंडिडेट अध्यक्ष पद के लिए खड़े थे. मौके पर बसंत कुमार मित्तल, सुरेश कुमार अग्रवाल, पदम कुमार साबू, भगवान साबू, शंकर लाल जाजोदिया, दिनेश कुमार गाड़ोदिया, राज कुमार गाड़ोदिया समेत अन्य मौजूद थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post सरहुल पर्व आदिवासियों की सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक है : विधायक appeared first on Naya Vichar.

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