परिवार नियोजन के स्थायी उपायों के प्रति गंभीर नहीं बिहार, नसबंदी मामले में फिसड्डी है यह जिला
Bihar Family Planning: पटना. बिहार में नीतीश प्रशासन शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक कर रही है, लेकिन इसके प्रति लोगों को गंभीरता देखने को नहीं मिल रहा है. प्रशासन द्वारा कई योजनाओं के माध्यम से लोगों को लुभाया जा रहा है. इसके बावजूद बिहार के भागलपुर जैसे जिले में परिवार नियोजन के उपायों के प्रति लोगों में जागरुकता का अभाव दिख रहा है. बिहार में 17 से 29 मार्च 2025 तक चले परिवार नियोजन पखवाड़े के नतीजों ने दिखाया कि जिला कंडोम वितरण में तो बिहार में नंबर वन रहा, लेकिन नसबंदी, गर्भनिरोधक गोली, इंजेक्शन और कॉपर-टी जैसे स्थायी उपायों में काफी पीछे रह गया. भागलपुर ने पाया पहला स्थान बिहार में डबल इंजन नीतीश कुमार की प्रशासन परिवार नियोजन के लिए लोगों को प्रोत्साहन राशि भी दे रही है. इसके बावजूद यह स्थिति जनसंख्या नियंत्रण के लिए चुनौती बन रही है. 17 से 29 मार्च 2025 तक चले परिवार नियोजन पखवाड़े में बिहार का लक्ष्य था 46,84,350 कंडोम बांटने का, लेकिन पूरे राज्य में 32,66,534 कंडोम बंटे, जो 70% उपलब्धि है. वहीं, भागलपुर ने कमाल कर दिखाया. जिले को 1,21,750 कंडोम बांटने का लक्ष्य मिला था, लेकिन यहां 2,50,893 कंडोम बांटे गए, यानी 206% उपलब्धि. इस शानदार प्रदर्शन ने भागलपुर को बिहार में पहला स्थान दिलाया. कंडोम वितरण में भले ही भागलपुर ने बाजी मारी, लेकिन नसबंदी और बंध्याकरण के मामले में यह जिला फिसड्डी साबित हुआ है. टॉप 5 जिले भागलपुर (206%)मुंगेर (151%)पूर्वी चंपारण (118%)लखीसराय (116%)जहानाबाद (114%) स्थायी उपाय को लेकर उदासीन लोग परिवार नियोजन में स्त्रीओं के साथ पुरुष की भी अहम भूमिका होती है. दो बच्चों के बाद यदि किसी कारण से स्त्री नसबंदी नहीं करा सकती है, तो पुरुष को नसबंदी करा लेनी चाहिए. पुरुष नसबंदी स्त्रीओं के बंध्याकरण से 20 गुना अधिक सरल और सुलभ है. स्त्री बंध्याकरण के प्रति भी लोगों में कोई रुचि नहीं दिखी. बिहार में 67,260 का लक्ष्य था, जिसमें 28,048 स्त्रीओं ने बंध्याकरण कराया. भागलपुर को 2,010 का लक्ष्य मिला, लेकिन सिर्फ 1,258 स्त्रीओं की नसबंदी हुई (41% उपलब्धि). इस मामले में जिला 15वें स्थान पर रहा. पुरुष नसबंदी मामले में तो हालत और खराब रही. भागलपुर को 100 पुरुषों की नसबंदी का लक्ष्य मिला, लेकिन सिर्फ एक पुरुष ने नसबंदी कराई. इससे जिला 30वें स्थान पर खिसक गया. स्त्री नसबंदी में टॉप 5 जिले:पश्चिम चंपारण (82%), मधेपुरा (77%), अररिया (76%), बांका (69%), वैशाली (69%).पुरुष नसबंदी में टॉप 5 जिले:शेखपुरा (68%), वैशाली (45%), अरवल (34%), बांका (33%), नवादा (29%) कितनी है नसबंदी प्रोत्साहन राशि बिहार में पुरुष नसबंदी कराने पर व्यक्ति को 3000 हजार रुपये और प्रेरक को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि तत्काल मिलती है. स्त्री नसबंदी कराने पर 2000 स्त्री को और प्रेरक को 300 रुपये मिलते है. प्रसव के बाद तत्काल स्त्री नसबंदी पर 3000 रुपये और प्रेरक को 400 रूपये प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है. इसके अलावा अंतरा इंजेक्शन और आईयूसीडी पर भी प्रोत्साहन राशि की सुविधा है. राज्य प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग का विशेष ध्यान जनसंख्या स्थिरीकरण पर है. इसके लिए न केवल महिल बल्कि पुरुषों को भी आगे आना होगा. ताकि सभी अपने परिवार के साथ समाज को भी खुशहाल बना सकें. Also Read: Bihar News: बिहार के 350 ब्लॉक में खुलेंगे डिग्री कॉलेज, सम्राट का 534 प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज खोलने का एलान The post परिवार नियोजन के स्थायी उपायों के प्रति गंभीर नहीं बिहार, नसबंदी मामले में फिसड्डी है यह जिला appeared first on Naya Vichar.