गुमला. गुमला जिले के ख्रीस्त विश्वासियों ने रविवार को यीशु ख्रीस्त के जी उठने का पास्का पर्व हर्षोल्लास से मनाया. मौके पर गुमला धर्मप्रांत के सभी 39 पल्लियों में समारोही ख्रीस्तयाग का आयोजन किया गया, जहां पल्ली पुरोहितों की अगुवाई में मिस्सा पूजा की गयी. मुख्य समारोह ख्रीस्तयाग संत पात्रिक महागिरजा गुमला में हुआ, जहां रात्रि मिस्सा गुमला धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष बिशप लीनुस पिंगल एक्का ने कराया. इसके बाद रविवार की सुबह में दो पाली में मिस्सा हुई, जिसमें पहली मिस्सा मुख्य अनुष्ठाता संत पात्रिक महागिरजा के पल्ली पुरोहित फादर जेरोम एक्का व दूसरा मिस्सा सहायक पल्ली पुरोहित फादर मिलयानुस सारस ने करायी. बिशप लीनुस पिंगल एक्का ने कहा कि कब्र से पार होकर स्वर्ग पहुंचना ही पास्का पर्व मनाने का उद्देश्य है. यीशु ख्रीस्त ने मृत्यु पर विजय प्राप्त कर पुनर्जीवन को हासिल किया. मृत्यु पर विजय प्राप्त करना सहज नहीं होता है. इसके बावजूद यीशु ख्रीस्त मरने के महज तीसरे दिन जीवित हो उठे थे. राजा यीशु ख्रीस्त जिन्हें क्रूस पर चढ़ा दिया गया था. वे आज के दिन ही जीवित हो उठे थे. आज के दिन पूरे संसार के ख्रीस्त विश्वासियों के लिए खुशी का दिन है. यीशु ख्रीस्त मर कर इसलिए जी उठे थे. क्योंकि वे ईश्वर के पुत्र थे. इसलिए हम भी मर कर जी उठेंगे. क्योंकि हम भी ईश्वर के पुत्र व पुत्रियां हैं. यीशु के जी उठने की सत्यता यरूशलेम शहर और नाजरेथ नगर के रूप में अवस्थित है. बिशप ने कहा कि यीशु ख्रीस्त ने न केवल मृत्यु पर विजय प्राप्त की, बल्कि उन्होंने दुनिया के लोगों को पाप से छुटकारा दिलाया और पाप मिटा कर स्वर्ग का दरवाजा खोलने का काम किया. सभी अपनी आस्था को यीशु ख्रीस्त पर बनाये रखें. कार्यक्रम में वीजी गुमला फादर जेफरीन तिर्की, फादर नीलम, फादर मूनसन बिलुंग, फादर अगस्तुस कुजूर, फादर नबोर, फादर रंजीत, फादर पात्रिक खलखो, फादर सामुएल, फादर प्रफुल्ल, फादर सिविल, फादर रजत एक्का, फादर मतियस टोप्पो, फादर समीर डुंगडुंग, फादर जेवेरियानुस किंडो, फादर सिरिल, फादर अंथ्रेस लकड़ा, फादर इग्नेस, फादर कुलदीप, फादर अमृत मिंज, फादर पॉल केरकेट्टा, सिस्टर मारिया स्वर्णलता कुजूर, सिस्टर हिरमिला, सिस्टर ललिता, सिस्टर मेरी डांग, सिस्टर अन्ना मेरी, सिस्टर एमेल्दा सोरेन, सिस्टर मंगला, सिस्टर अजीता टेटे, सिस्टर निर्मला एक्का, सिस्टर अनुरंजना, सिस्टर मधुरिमा, धर्मप्रांतीय काथलिक सभा अध्यक्ष सेत कुमार एक्का, अंबरोस केरकेट्टा, अजीत कुजूर, तिंतुस कुजूर, ज्योति केरकेट्टा, जुलियस कुल्लू, अजय बेक, प्रेम एक्का, निराली सुरीन, ईसा खोया, अध्यक्ष फ्लोरा मिंज, सचिव जयंती तिर्की, दिव्या सरिता मिंज, अलमा खेस, मर्सीला खेस, रजनी कांता, सेबेस्तियानी, ग्रेगोरी तिर्की, रजनी पुष्पा तिर्की, मंजू बेक, विवयानी लकड़ा, लीली कल्याणी मिंज मौजूद थे. कब्र से पार होकर स्वर्ग पहुंचना ही पास्का पर्व : फादर जेरोम पल्ली पुरोहित फादर जेरोम एक्का ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए खुशियों भरा दिन है. क्योंकि यीशु ख्रीस्त मरने के बाद आज के दिन ही जी उठे थे. यीशु ख्रीस्त हमलोगों के दुख, तकलीफ और समस्याओं में हमारे साथ रहने के लिए क्रूस पर मर गये. इसलिए क्रूस से हमें साहस मिलता है और यही साहस व यीशु का सान्निध्य उनके पुनरुत्थान का अभिप्राय है. उन्होंने कहा कि जब हमारे किसी अपने का निधन हो जाता है, तो दुख होता है कि वह अब हमारे बीच नहीं रहे. परंतु हमें यह सोच कर खुश होना चाहिए कि हमारा अपना जिनका निधन हुआ है. वह अब ईश्वर में विलीन हो गया है. उसका पुनर्जन्म होगा. पास्का पर्व हमें यही संदेश देता है. यीशु ख्रीस्त ने पाप की जंजीर से छुटकारा दिलाया : फादर मिलयानुस सहायक पल्ली पुरोहित फादर मिलयानुस सारस ने कहा कि ने कहा कि आज के दिन ही यीशु ख्रीस्त ने अपने पुनरूत्थान के द्वारा हमें पाप की जंजीर से छुटकारा प्रदान किया और उन्होंने शैतान पर विजय प्राप्त कर पाप का अंधकार दूर भगाया और ज्योति फैलायी. कहा कि पास्का पर्व से पहले हम पवित्र शुक्रवार मनाते हैं. पवित्र शुक्रवार को विभिन्न धर्म-विधियों द्वारा हम सब यीशु ख्रीस्त के क्रूस व दुखभोग में सहभागी होते हैं. परंतु क्रूस अपने आप में कोई लक्ष्य नहीं है. यह जीवन का अंत नहीं है, बल्कि यह तो जीवन की केवल एक क्षणिक या अस्थायी घटना है. क्रूस पर मरने के बाद यीशु ख्रीस्त तीसरे दिन जी उठते हैं. उनके जी उठने के दिन को हम पास्का के रूप में मनाते हैं. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post पुनर्जीवन का संदेश देता है पास्का पर्व : बिशप लीनुस appeared first on Naya Vichar.