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April 23, 2025

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अगलगी में चार घर जले, लाखों की संपत्ति जली

ग्वालपाड़ा . बीती रात बभनगामा महेश वार्ड नंबर तीन में आग लग गयी, जिससे चार घर जल गये. घटना में सोनी देवी, लालमैन देवी, शक्ति देवी व अमरेश यादव का घर जल गया. इससे लाखों की क्षति हुई. अमरेश यादव ने बेटी की शादी के लिए 50 हजार रुपया रखा था. वह भी जल गया. सोनी देवी का छह लाख की क्षति, शक्ति देवी का लगभग सात लाख, लालमैन देवी का चार लाख व अमरेश यादव का लगभग पांच लाख से अधिक की क्षति हुई. घटना की जानकारी मिलते ही प्रमुख प्रतिनिधि संतोष कुमार, मुखिया प्रतिनिधि अरुण कुमार पीड़ित परिवार से मिलकर सांत्वना देते हुए प्रशासनी सहायता दिलाने का भरोसा दिलाया. घटना की जानकारी मिलते ही सीओ देवकृष्ण कामत के आदेश पर राजस्व कर्मचारी विजय कुमार चौधरी घटनास्थल पर पहुंचकर घटना में हुई क्षति की जानकारी ली. प्रमुख सरिता कुमारी ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को तत्काल अनाज, कपड़ा, बर्तन, पॉलीथिन की सहायता दी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post अगलगी में चार घर जले, लाखों की संपत्ति जली appeared first on Naya Vichar.

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Ramdhari Singh Dinkar Poems: सौभाग्य न सब दिन सोता है…रश्मिरथी के अलावा ‘राष्ट्रकवि’ दिनकर की कविताएं कौन सी हैं?

Ramdhari Singh Dinkar Poems in Hindi: रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिंदी के बहुत प्रसिद्ध कवि थे. उनकी कविताओं में देश के प्रति प्यार, बहादुरी और समाज को जगाने वाले विचार होते थे. उन्हें “राष्ट्रकवि” इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपनी कविताओं से लोगों में आजादी की भावना और आत्मविश्वास भरा. उनकी प्रसिद्ध रचना रश्मिरथी है. रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को बिहार के सिमरिया गांव में हुआ था और उन्होंने निधन 24 अप्रैल 1974 को हुआ था. उनकी पुण्यतिथि के अवसर आप रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविताएं (Ramdhari Singh Dinkar Poems) पढ़ सकते हैं जो आज भी बच्चों, छात्रों और युवाओं को प्रेरित करती हैं. ‘राष्ट्रकवि’ दिनकर की कविताएं कौन सी हैं? (Ramdhari Singh Dinkar Poems) छात्रों के लिए ‘राष्ट्रकवि’ दिनकर की कविताएं (Ramdhari Singh Dinkar Poems in Hindi) यहां दी जा रही हैं- कविता का नाम जानकारी रश्मिरथी यह कविता महाहिंदुस्तान के कर्ण के जीवन पर आधारित है, जिसमें संघर्ष, सम्मान और वीरता की झलक मिलती है. परशुराम की प्रतीक्षा इसमें परशुराम के माध्यम से न्याय और नैतिकता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया है. कुरुक्षेत्र महाहिंदुस्तान के युद्ध के माध्यम से शांति और धर्म की गहराई से चर्चा की गई है. सिंहासन खाली करो यह कविता जनता की ताकत और लोकतंत्र की भावना को दर्शाती है. समर शेष है इस कविता में युद्ध, साहस और अधूरे कार्यों को पूरा करने की प्रेरणा दी गई है. हारे को हरिनाम यह कविता हारने के बाद भी उम्मीद और विश्वास बनाए रखने की बात करती है. उर्वशी यह एक प्रेम और दर्शन पर आधारित कविता है, जिसमें भावनाओं की सुंदर प्रस्तुति है. संवेदना इसमें आम लोगों की भावनाओं, दुखों और संघर्षों की अभिव्यक्ति मिलती है. विजय की प्यास इसमें बदलाव और जीत की तीव्र इच्छा का चित्रण किया गया है. नीलकुसुम यह कविता सुंदरता और कोमलता की भावना को दर्शाती है, जो मन को छू जाती है. यह भी पढ़ें- Ramdhari Singh Dinkar Books in Hindi: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की किताबें कौन सी हैं? देखें लिस्ट रामधारी सिंह दिनकर के बारे में (Ramdhari Singh Dinkar in Hindi) रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि और लेखक थे. उन्हें उनकी जोशीली और देशभक्ति से भरी कविताओं के लिए “राष्ट्रकवि” कहा जाता है. उनका जन्म 23 सितंबर 1908 को बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में हुआ था. उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक की पढ़ाई की थी. दिनकर की कविताओं में वीर रस होता था. उन्होंने आज़ादी की लड़ाई में अपनी कविताओं से लोगों को प्रेरित किया. उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में “रश्मिरथी”, “कुरुक्षेत्र”, और “परशुराम की प्रतीक्षा” शामिल हैं. यह भी पढ़ें- Essay on Ramdhari Singh Dinkar: ‘राष्ट्रकवि’ रामधारी सिंह दिनकर पर निबंध ऐसे लिखें छात्र The post Ramdhari Singh Dinkar Poems: सौभाग्य न सब दिन सोता है…रश्मिरथी के अलावा ‘राष्ट्रकवि’ दिनकर की कविताएं कौन सी हैं? appeared first on Naya Vichar.

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पहलगाम अटैक: दुल्हन की हाथों की नहीं छूटी थी मेंहदी, अर्थी सज गई… कानपुर के शुभम द्विवेदी की हर तस्वीर अब पत्नी के लिए बनी सपना

पहलगाम के दर्दनाक हादसे में कानपुर के शुभम की भी मौत हो गई. जिनके शादी की तस्वीर अभी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं लाल लहंगे में प्यारी दुल्हन, सर पर सेहरा बांधे हंसता हुआ शुभम, फूलों से सजा खूबसूरत मंडप, दूल्हे दुल्हन की मुस्कुराती तस्वीर अब ऐशान्या और शुभम के परिवार के लिए असहनीय हो चुकी हैं जो एल्बम की तस्वीर शुभम और ऐशान्या के शादी की यादगार पल बनाने वाली थी वह अब हकीकत में ऐशान्या के लिए हमेशा के लिए यादगार रह जाएगी.शुभम और ऐशान्या का विवाह 2025 फरवरी महीने में हुआ था.घोड़ी पर सवार शुभम और लाल लहंगे में मुस्कुराते हुए दुल्हन, इकदूसरे का थामे हाथ हंसते हुए नज़र आ रहे थे. लेकिन उनको क्या पता था कि यह सफ़र सिर्फ चंद दिनों के लिए है और हंसता स्पोर्ट्सता यह शादी का नया जोड़ा हमेशा के लिए एक दूसरे से विदा हो जाएगा.शुभम पहलगाम में अपनी पत्नी के साथ घुड़सवारी करने गए थे तभी अचानक से आए 2-3 लोग शुभम से जाति पूछे और शुभम के हिन्दू धर्म बताने पर शुभम के सीधे सर पर गोली चला दिया जिससे शुभम की मौके पर ही मौत हो गई. कानपुर के रहने वाले शुभम द्विवेदी के चचेरे भाई ने यह बताया कि भाभी ने फोन कर यह सूचना दी कि घुड़सवारी के लिए ही हम लोग जा रहे थे तभी शुभम ने मैगी खाने के लिए वही पास में एक दुकान पर रुके जहां कुछ लोग आए और पूछे क्या तुम मुसलमान हो और बोला अगर मुस्लिम हो तो कलमा पढ़कर सुनाओ , लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनकी हत्या कर दी गई. हिंदुस्तान प्रशासन को इस दर्दनाक घटना का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए और हम सब को वहां मारे गए लोगों की हत्या का इंसाफ चाहिए. ताकि फिर कभी कोई ऐसे किसी हिंदुस्तानी पर गोली चलाने से पहले सौ बार सोचे. The post पहलगाम अटैक: दुल्हन की हाथों की नहीं छूटी थी मेंहदी, अर्थी सज गई… कानपुर के शुभम द्विवेदी की हर तस्वीर अब पत्नी के लिए बनी सपना appeared first on Naya Vichar.

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बिहार के लाल ने स्कॉटलैंड में रचा इतिहास, हिंदुफोबिया के खिलाफ संसद से मिली बड़ी जीत 

बिहार के चंपारण में जन्मे ध्रुव कुमार पूरे स्कॉटलैंड में देश का नाम रौशन कर रहे. बिहार से निकलकर स्कॉटलैंड की संसद तक का सफर तय करने वाले प्रोफेसर ध्रुव कुमार ने एक ऐसा काम कर दिखाया है, जो पहले कभी नहीं हुआ था. उन्होंने वहां हिंदू विरोधी सोच यानी हिंदूफोबिया के खिलाफ एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पास करवाकर नया इतिहास रचा है. चंपारण से स्कॉटलैंड तक का सफर प्रो. ध्रुव कुमार एक टीचर, ट्रेड यूनियन लीडर और स्कॉटलैंड में एल्बा पार्टी के नेता हैं. स्कॉटलैंड में वह सामाजिक न्याय, मजदूरों के अधिकार, धार्मिक समानता और खासकर हिंदूफोबिया के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने वहां के संसद में ऐसा प्रस्ताव पास करवाया है, जिसमें हिंदूफोबिया की ऑफिसियल तरीके से निंदा की गई है.  संसद में पेश हुआ ऐतिहासिक प्रस्ताव 8 अप्रैल 2025 को स्कॉटिश सांसद आश रेगन ने स्कॉटिश संसद में एक प्रस्ताव पेश किया था जिसमे हिन्दुफोबिया को खत्म करने का जिक्र था. इस प्रस्ताव को स्कॉटलैंड की संसद के द्वारा 21 अप्रैल को पास किया गया. यह प्रस्ताव कुमार के देख-रेख में ही तैयार हुआ था. इस प्रस्ताव को पारित कर स्कॉटलैंड ने साबित कर दिया कि अब यहां माइनॉरिटीज की आवाज भी सुनी जाएगी. ऐसा करने वाला स्कॉटलैंड यूके का पहला देश बन गया है. रिपोर्ट ने खोली सच्चाई ध्रुव कुमार ने ‘हिंदूफोबिया इन स्कॉटलैंड’ नाम से एक 19 पेज की रिपोर्ट तैयार की जिसमें उन्होंने मंदिरों पर हमले, स्कूलों में भेदभाव और हिंदू समाज के योगदान को नजरअंदाज करने जैसे मामलों को हाईलाइट किया. यह रिपोर्ट उन्होंने अनुरंजन झा, सुखी बैंस और नील लाल के साथ मिलकर लिखी थी. गांधीवादी सोच को करते हैं फॉलो ध्रुव कुमार ने मीडिया को बताया कि गांधी जी की आइडियोलॉजी को फॉलो करते हुए उन्होंने स्कॉटलैंड के कानूनों में बदलाव, स्कूलों के सिलेबस में धार्मिक भेदभाव की जानकारी और समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया.  बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें कुमार का फोकस अब अपराधों में हिन्दुफोबिया को जोड़ना है अब जब प्रस्ताव पास हो गया है, तो कुमार चाहते हैं कि इस पर काम भी जल्दी ही शुरू हो. उनका फोकस अब नफरत के अपराधों में हिंदूफोबिया को भी जोड़ना है, धर्मों के बीच भेदभाव को खत्म किया जाए और प्रशासनी अधिकारियों के लिए डाइवर्सिटी पर ट्रेनिंग अनिवार्य होना चाहिए. ध्रुव कुमार का यह काम न सिर्फ स्कॉटलैंड के हिंदू समाज के लिए, बल्कि दुनियाभर में माइनॉरिटीज के लिए एक बड़ी प्रेरणा है. उन्होंने साबित किया कि बदलाव सिर्फ विरोध से नहीं, सही सोच से आता है. (यह समाचार इंटर्न श्रीति सागर ने लिखी है) इसे भी पढ़ें: बिहार की धरती से आतंकियों को कड़ा संदेश देंगे पीएम मोदी, प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर PMO ने जारी किया सख्त निर्देश The post बिहार के लाल ने स्कॉटलैंड में रचा इतिहास, हिंदुफोबिया के खिलाफ संसद से मिली बड़ी जीत  appeared first on Naya Vichar.

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10 लाख के इनामी नक्सली साहेब राम मांझी का शव ले गये परिजन, 6 शवों को अब भी अपनों का इंतजार

Bokaro Encounter News| बोकारो, रंजीत कुमार : बोकारो जिले के ललपनिया थाना क्षेत्र के लुगु पहाड़ी में पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ में मारे गये 10 लाख रुपए के इनामी नक्सली साहेबराम मांझी (पिता पांडु मांझी, गिरिडीह जिला के पीरटांड थाना स्थित करंदो गांव निवासी) का शव बुधवार को उसके भाई माउराम मांझी ले गये. पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण माउराम मांझी ने सभी जगह पर अंगूठा लगाया. उसके साथ आये परिवार के अन्य सदस्यों ने शव लेने की कागजी कार्रवाई पूरी की. एहतियात के तौर पर साहेब राम मांझी के शव का डीएनए भाई माउराम मांझी के डीएनए से मैच कराया गया. गिरिडीह जिले के करंदो गांव से आये थे साहेब राम के परिजन एसपी मनोज स्वर्गियारी के निर्देश के बाद स्थानीय पुलिस ने सभी औपचारिकताएं पूरी की. इसके बाद भाई परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपराह्न साढ़े तीन बजे चास अनुमंडल स्थित मोर्चरी हाउस पहुंचे. सभी दस्तावेजों के सत्यापन के बाद पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया. परिजन गिरिडीह जिले के करंदो गांव से आये थे. परिजनों ने मीडिया से कोई बात नहीं की. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 6 नक्सलियों के शवों को अब भी है अपनों का इंतजार फिलहाल बोकारो जेनरल अस्पताल और चास अनुमंडल अस्पताल में 6 मृत नक्सलियों के शव रखे हैं. परिजनों का इंतजार किया जा रहा है कि वे आकर इनके शव ले जायें. मोर्चरी में एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा उर्फ लेतरा (पिता स्व चरकु मुर्मू, धनबाद जिला के टुंडी थाना स्थित दलुबुढा गांव), एसजेडसीएम का सक्रिय माओवादी गंगा राम उर्फ पवन लंगरा (पिता सीताराम मांझी, गिरिडीह जिला के खुखरा थाना स्थित खुखरा गांव), एसजेडसीएम का सक्रिय माओवादी तालो दी (नक्सली बिनोद की बहन, पिता का नाम सोनाराम हांसदा, गिरिडीह जिला के निमियाघाट थाना स्थित बंदखारो गांव), एसजेडसीएम का सक्रिय माओवादी महेश (बरियारपुर निवासी), एसजेडसीएम का सक्रिय माओवादी महेश मांझी उर्फ मोटा उर्फ डोरा (गिरिडीह जिला के पीरटांड थाना स्थित गारंडो गांव), एसजेडसीएम का सक्रिय माओवादी रंजू मांझी उर्फ संथाली (पति पवन मांझी, गिरिडीह जिला के डुमरी थाना स्थित मंझलाडीह) का शव पोस्टमार्टम के बाद मोर्चरी में रखा है. इसे भी पढ़ें नक्सलियों की यूनिवर्सिटी का मजबूत स्तंभ था प्रयाग मांझी, सारंडा तक था असर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद प्रयाग मांझी ने पारसनाथ में संभाली थी नक्सलवाद की कमान झारखंड : अब तक 806 नक्सली ढेर, 551 पुलिसकर्मी शहीद, 7 जिलों के 18 थाना क्षेत्रों में नक्सलियों का प्रभाव ऐसे झारखंड-बिहार का खूंखार नक्सली बन गया अरविंद यादव, दर्ज हैं 85 केस The post 10 लाख के इनामी नक्सली साहेब राम मांझी का शव ले गये परिजन, 6 शवों को अब भी अपनों का इंतजार appeared first on Naya Vichar.

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धरती का स्वर्ग नर्क में बदल रहा है… पहलगाम आतंकी हमले पर छलका सलमान खान का दर्द

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए. इस हमले से पूरा देश हिल गया है. कई बॉलीवुड हस्तियों ने भी इसमें मारे गए लोगों पर दुख जताया. सलमान खान भी लिस्ट में शामिल हो गए हैं. उन्होंने इस जघन्य कृत्य में निर्दोष लोगों को निशाना बनाए जाने की निंदा की. पहलगाम आतंकी हमले पर क्या बोले सलमान खान सलमान खान ने पहलगाम हमले की निंदा की. उन्होंने एक्स पर लिखा, “धरती का स्वर्ग माना जाने वाला कश्मीर नर्क में तब्दील हो रहा है. निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. मेरी संवेदना उनके परिवारों के साथ है. एक भी निर्दोष को मारना पूरी कायनात को मारने के बराबर है.” Kashmir,heaven on planet earth turning into hell. Innocent people being targeted, my heart goes out to their families . Ek bhi innocent ko marna puri kainath ko marne ke barabar hai — Salman Khan (@BeingSalmanKhan) April 23, 2025 शाहरुख खान ने भी जताया दुख इससे पहले शाहरुख खान ने भी कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले पर दुख और गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने लिखा, “पहलगाम में हुए विश्वासघात और हिंसा के अमानवीय कृत्य पर दुख और गुस्से को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. ऐसे समय में, हम केवल भगवान की ओर मुड़ सकते हैं और पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना कर सकते हैं और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त कर सकते हैं. हम एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होकर मजबूत बनें और इस जघन्य कृत्य के खिलाफ न्याय पाएं.” इन सेलेब्स ने भी जताया दुख सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनू सूद, अनुपम खेर, कैटरीना कैफ, आलिया भट्ट, प्रियंका चोपड़ा और अल्लू अर्जुन समेत कई अन्य हस्तियों ने भी आतंकवादी हमले पर दुख और गुस्सा जताया है. लश्कर से जुड़े आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर पहलगाम में पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की. इस घटना में करीब 26 लोग मारे गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने सुरक्षा बलों को बताया कि दो से तीन लोग सैन्य वर्दी पहने हुए आए और उन पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जो घोड़े पर सवार होकर पहलगाम के बैसरन मीडोज का आनंद ले रहे थे. लश्कर की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली. यह भी पढ़ें- Jaat ने गदर-एक प्रेम कथा के रिकॉर्ड को तोड़ा, बनी दूसरी सनी देओल की दूसरी सबसे बड़ी हिट फिल्म The post धरती का स्वर्ग नर्क में बदल रहा है… पहलगाम आतंकी हमले पर छलका सलमान खान का दर्द appeared first on Naya Vichar.

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क्या आप जानते हैं रांची से गुजरती है ‘कर्क रेखा’? कई बार इस जगह पर गये होंगे आप

Tropic of Cancer in Jharkhand : स्कूल और कॉलेज में आपने कर्क रेखा के बारे में जरूर पढ़ा होगा. हम उसी कर्क रेखा की बात कर रहें है जो हिंदुस्तान देश के केवल 8 राज्यों से होकर गुजरती है. अगर आप ये बात ना जानते हों, तो शायद आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कर्क रेखा झारखंड की राजधानी रांची से भी गुजरती है. अगर आपने रांची से रामगढ़ की यात्रा की है तो आप इस कर्क रेखा से भी जरूर गुजरे होंगे. रांची के ओरमांझी से गुजरती है कर्क रेखा राजधानी रांची से महज 22.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ओरमांझी के उकरीद गांव से कर्क रेखा गुजरती है. उकरीद गांव में जिस जगह से कर्क रेखा गुजरती है, वहां पर सड़क के किनारे एक बोर्ड भी लगा हुआ है. इस बोर्ड पर लिखा है, “मुस्कुराइये, आप कर्क रेखा से गुजर रहें हैं”. ओरमांझी के उकरीद गांव में कर्क रेखा राष्ट्रीय राजमार्ग -33 से ही गुजरती है, तो अगर अब कभी आप इस जगह से गुजरें तो मुस्कुराने का मौका बिल्कुल न छोड़ें. झारखंड की ताजा समाचारें यहां पढ़ें झारखंड में इन जगहों से गुजरती है कर्क रेखा झारखंड की तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और सांसद रामटहल चौधरी ने 21 जून 2017 को कर्क रेखा पट्टी वाले स्मारक का अनावरण किया था. झारखंड में कर्क रेखा पश्चिम की ओर से नेतरहाट से प्रवेश करती है. यहां से मांडर होते हुए आगे ओरमांझी और सोनडिमरा को छूती हुई कर्क रेखा बंगाल की ओर गुजर जाती है. राज्य में जिन जगहों से कर्क रेखा गुजरती है, वहां पर “मुस्कुराइये, आप कर्क रेखा से गुजर रहें हैं” वाली बोर्ड लगी हुई है. हिंदुस्तान के आठ राज्यों से होकर गुजरती है कर्क रेखा कर्क रेखा हिंदुस्तान के आठ राज्यों से होकर गुजरती है, जिनमें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम शामिल हैं. कर्क रेखा एक काल्पनिक रेखा है. इस कारण इसे देखा नहीं जा सकता है. कर्क रेखा हिंदुस्तान को दो बराबर भागों में विभाजित करती है, और यह हिंदुस्तान के मध्य से होकर गुजरती है. इसे भी पढ़ें UPSC Toppers From Jharkhand: कोई किसान का बेटा तो कोई अखबार बांटने वाले का…झारखंड के इतने छात्रों ने यूपीएससी में लहराया परचम रांची नगर निगम में हुआ रिकॉर्ड तोड़ टैक्स कलेक्शन, इन क्षेत्र के लोगों ने दिया सबसे अधिक टैक्स मंईयां सम्मान योजना पर आया बड़ा अपडेट, इन लोगों को जल्द मिलेगा पैसा The post क्या आप जानते हैं रांची से गुजरती है ‘कर्क रेखा’? कई बार इस जगह पर गये होंगे आप appeared first on Naya Vichar.

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अमर शहीद तेलंगा खड़िया शहादत दिवस पर किए गए याद, समाज को एकजुट कर अंग्रेजों के खिलाफ किया था विद्रोह

Telanga Kharia Martyrdom Day: बानो (सिमडेगा), धर्मवीर-सिमडेगा जिले के कोलेबिरा प्रखंड क्षेत्र के लचरागढ़ प्रिंस चौक पर तेलंगा खड़िया की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनका शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान काफी संख्या में लोग उपस्थित थे. उनकी शहादत गाथा के जरिए शहादत दिवस पर उन्हें याद किया गया. तेलंगा खड़िया की स्मृति में आज सुबह 8 बजे पारंपरिक खड़िया विधि-विधान से खड़िया पाहन किशन पाहन, पालतू पुजार एवं हुकूम पाहन द्वारा पूजा की गयी. इसके बाद माल्यार्पण क्लेमेंट टेटे, जोसेफ सोरेन, संजय पॉल, क्रिकेटर एंथोनी बागवार, पुनीत कुल्लू, फभियान कुल्लू, फुलकारिया डांग, लक्ष्मण केरकेट्टा, कल्याण टेटे, सुनील बघवार, विजय बघवार, संजय टेटे के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे. ब्रिटिश हुकूमत का किया डटकर मुकाबला तेलंगा खड़िया का जन्म 9 फरवरी 1806 को झारखंड के गुमला जिले के सिसई थाना क्षेत्र के मुर्गू गांव में एक खड़िया आदिवासी कृषक परिवार में हुआ था. स्वतंत्रता सेनानी तेलंगा खड़िया ने ब्रिटिश हुकूमत का डटकर मुकाबला किया था. उन्होंने संगठन बनाकर अपने समर्थकों को लाठी, तलवार, तीर, धनुष एवं गदा चलाना सिखाया. इनकी संख्या करीब 1500 से अधिक थी. इनके पिता ठुइया खड़िया, माता पेतो खड़िया, पत्नी रतनी खड़िया और पुत्र जोगिया खड़िया थे. खड़िया भाषा में वीर, साहसी और अधिक बोलने वाले को तेबलंगा कहते हैं. इसी से इनका नाम तेलंगा पड़ा. इनके दादा सिरू खड़िया और दादी बुच्ची खड़िया थीं. ये भी पढ़ें: ACB Trap: पलामू एसीबी की गढ़वा में बड़ी कार्रवाई, रोजगार सेवक गुलजार अंसारी 5000 रिश्वत लेते अरेस्ट तेलंगा को सभा करने के दौरान अंग्रेजों ने पकड़ लिया तेलंगा खड़िया ने अंग्रेजों, जमींदारों और अन्य अत्याचारियों से लड़ने के लिए संगठन बनाया और खड़िया समाज को संगठित कर अंग्रेजों के विरुद्ध 1849-50 में विद्रोह किया. इससे अंग्रेज डर गए और सतर्क हो गए. एक दिन जब तेलंगा खड़िया बसिया थाना के कुम्हारी गांव में सभा कर रहे थे तो अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया और कोलकाता भेज दिया. वहां वह कई वर्षों तक जेल में रहे. 1859 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. बोधन सिंह ने मार दी थी गोली 23 अप्रैल 1880 में सिसई अखाड़े में सुबह जब उन्होंने प्रशिक्षण शुरू करने से पहले प्रार्थना के लिए सिर झुकाया तो निकट की झाड़ी में छिपे बोधन सिंह ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. तेलंगा खड़िया के शिष्यों ने उनके शव को कोयल नदी पार कर गुमला के शोषण नेम टोली के एक टांड़ में दफना दिया था. आज यह स्थल तेलंगा तोपा टांड़ के नाम से जाना जाता है. ये भी पढ़ें: Video: देवघर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्रा की मौत पर बवाल, वार्डन पर गंभीर आरोप The post अमर शहीद तेलंगा खड़िया शहादत दिवस पर किए गए याद, समाज को एकजुट कर अंग्रेजों के खिलाफ किया था विद्रोह appeared first on Naya Vichar.

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पहलगाम में आतंकी हमले के बाद कराची का बाजार लहूलुहान, भारत के डर से भगदड़

Stock Market KSE 100: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को पाकिस्तानी आतंकी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) की ओर से आतंकी हमले के बाद बुधवार को कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE 100) पूरी तरह से लहूलुहान हो गया. इस आतंकी हमले के बाद हिंदुस्तान की ओर से संभावित जवाबी कार्रवाई के डर से कराची के शेयर बाजार में भगदड़ मची रही है. कारोबार के आखिर में यह सूचकांक 1.02% या फिर 1,204.21 अंक गिरकर 117,226.15 अंक पर पहुंच गया. पाकिस्तान में तनाव और खौफ का माहौल 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में तनाव और खौफ का माहौल साफ देखा जा रहा है. इसका सीधा असर पाकिस्तान के शेयर बाजार खासकर, कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE 100) पर पड़ा है, जो बुधवार को 1000 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ कारोबार करता दिखा. कराची के बाजार में गिरावट के कारण पहलगाम आतंकी हमला: इसमें पाकिस्तानी आतंकियों की संलिप्तता सामने आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों को कराची से निर्देश दिए गए थे. हिंदुस्तान की संभावित सैन्य कार्रवाई का डर: पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा है कि इस आतंकी हमले का हिंदुस्तान जवाबी सैन्य कार्रवाई कर सकता है. आईएमएफ का निगेटिव आउटलुक: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान की GDP ग्रोथ का अनुमान 3% से घटाकर 2.6% कर दिया है. इसे भी पढ़ें: लग्जरी आइटम्स की खरीदारी पर नया टैक्स! 10 लाख से ज्यादा खर्च किए तो देना होगा TCS हिंदुस्तानीय शेयर बाजार में सातवें दिन तेजी शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार सातवें दिन तेजी जारी रही और प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 520 अंक उछलकर चार महीने में पहली बार 80,000 से ऊपर बंद हुआ. बाजार में तेजी की कमान आईटी और वाहन शेयरों ने संभाली. इस दौरान 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 520.90 अंक यानी 0.65 प्रतिशत बढ़कर 80,116.49 पर बंद हुआ. यह 18 दिसंबर के बाद इसका उच्चतम बंद स्तर है. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 658.96 अंक यानी 0.82 प्रतिशत बढ़कर 80,254.55 पर पहुंच गया था. एनएसई निफ्टी 161.70 अंक यानी 0.67 प्रतिशत बढ़कर 24,328.95 पर पहुंच गया. इसे भी पढ़ें: श्रीनगर के लिए बढ़ेंगी फ्लाइटों की उड़ानें, पहलगाम अटैक के बाद डीजीसीए का निर्देश The post पहलगाम में आतंकी हमले के बाद कराची का बाजार लहूलुहान, हिंदुस्तान के डर से भगदड़ appeared first on Naya Vichar.

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Best lipstick Colors For Summer: अगर आप भी दिखना चाहती हैं ग्लैमरस, तो इन लिपस्टिक शेड्स को जरूर करें ट्राय

Best lipstick Colors For Summer: गर्मियों में लिपस्टिक के सही शेड्स का इस्तेमाल काफी चैलेंजिंग हाे जाता है.गर्मियाें में हमें लिपस्टिक के वो शेड्स चाहिए होते हैं जो हमें ग्लैमरस और ट्रेंडी लुक दें.अगर आप भी चाहती हैं कि आपका लुक हर किसी का ध्यान आकर्षित करे तो इन हॉट और ट्रेंडी लिपस्टिक शेड्स को जरूर ट्राय करें. यह शेड्स न सिर्फ गर्मियों के मौसम के लिए परफेक्ट हैं बल्कि हर स्किन टोन पर भी शानदार लगते हैं. कोरल शेड्स : कोरल लिपस्टिक गर्मियों के लिए एक क्लासिक चॉइस है. यह शेड्स न सिर्फ आपकी स्किन को सुंदर दिखाते हैं बल्कि यह एक ट्रेंडी और फ्रेश लुक भी देते हैं. कोरल रंग हर स्किन टोन पर खूबसूरत लगता है चाहे आप हल्की स्किन टोन की हों या गहरे रंग की. ब्राइट पिंक : ब्राइट पिंक लिपस्टिक गर्मियों के लिए एक बेहतरीन चॉइस है. फूशिया या हॉट पिंक जैसे शेड्स हर स्किन टोन पर शानदार दिखते हैं और आपको एक स्टाइलिश और एनर्जेटिक लुक देते हैं. आप इसे कैजुअल आउटिंग या इवनिंग पार्टी में भी पहन सकती हैं. पीच न्यूड : अगर आपको एक हल्का और नैचुरल लुक चाहिए तो पीच न्यूड लिपस्टिक को ट्राय करें. यह शेड्स हर स्किन टोन पर अच्छे लगते हैं और गर्मियों के दौरान एक बेहद फ्रेस और सॉफ्ट लुक देता है. यह लिपस्टिक ऑफिस के लिए भी परफेक्ट है क्योंकि यह बहुत ओवर नहीं दिखता लेकिन फिर भी आपके लुक को निखारता है. मैट लिपस्टिक : गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली लिपस्टिक की फिनिश मैट होती है. मैट लिपस्टिक न सिर्फ लंबे समय तक टिकती है बल्कि यह किसी भी लुक को बेहद परफेक्ट बनाती है. मैट लिपस्टिक शेड्स गर्मियों के लिए बिल्कुल सही होते हैं क्योंकि ये कम समय में धुंधले नहीं होते और लुक को लंबे समय तक बनाए रखते हैं. Also Read : Latest Bichiya Design: लेटेस्ट बिछिया डिजाइन जो बनेगी हर दुल्हन की पसंद Also Read : Red Bangles Styling Tips: साजन जी को करना है इम्प्रेस तो पहनें लाल रंग की चूड़ियां,फिर देंखे कमाल Also Read : Glass Bangles Trend: इन खूबसूरत कांच की चूड़ियों से बनाएं अपने हर लुक को खास, दिखें और भी आकर्षक The post Best lipstick Colors For Summer: अगर आप भी दिखना चाहती हैं ग्लैमरस, तो इन लिपस्टिक शेड्स को जरूर करें ट्राय appeared first on Naya Vichar.

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