Aurangabad News : प्रकृति कला सृजन का सबसे बड़ा स्रोत
दाउदनगर. दाउदनगर महाविद्यालय दाउदनगर में कला एवं सांस्कृतिक प्रशिक्षण के लिए कला सृजन की शुरुआत की गयी. इसका उद्घाटन काराकाट के सांसद राजाराम सिंह ने शिलापट्ट का अनावरण कर किया. इससे पहले कॉलेज परिसर में शहीद भगत सिंह पार्क में पौधारोपण किया गया. कॉलेज के प्रेमचंद सभागार में दर्शनशास्त्र एवं मनोविज्ञान विभाग द्वारा सेमिनार का आयोजन भी किया गया. सेमिनार का सांसद राजाराम सिंह व महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो डॉ मो शमसुल इस्लाम समेत अन्य ने दीप प्रज्वलित कर किया. सांसद ने अपने संबोधन की शुरुआत में पहलगाम में आतंकी हमले की निंदा करते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि जवाबदेही लेने वाले जवाबदेही लें, भागे नहीं. कश्मीर केंद्रशासित राज्य है. जवाबदेही केंद्र प्रशासन की है कि कैसे पर्यटक स्थल को फ्री छोड़ दिया गया. यह आतंकी हमला प्रेम, खूबसूरती, कश्मीर और हिंदुस्तान पर हमला है.जो भी दोषी है, उसके खिलाफ अविलंब कार्रवाई हो. इस पर पॉलिटिक्स नहीं हो. कला सृजन जन चेतना की अनुभूति इस अवसर पर आयोजित सेमिनार में दर्शनशास्त्र की सहायक प्राध्यापक डॉ रोजीकांत ने कला सृजन जन चेतना की अनुभूति विषय पर बोलते हुए कहा कि मानव के अंदर जो प्रतिभा है, वही कला है. सहायक प्राध्यापक डॉ श्रीनिवास सिंह ने अल्जाइमर रोग कारण लक्षण और निदान विषय पर कहा कि यह बीमारी 60 वर्ष की उम्र के बाद होती है. जब मस्तिष्क में प्रोटीन की मात्रा अत्यधिक हो जाती है, तो यह बीमारी होता है. सहायक प्राध्यापक डॉ शहला बानो ने सोशल मीडिया के उपयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके लाभ है तो इसके नुकसान भी हैं . महाविद्यालय के पूर्व छात्र एवं शोधार्थी डॉ कुणाल किशोर ने दाउदनगर के जिउतिया पर्व पर अपने विचार रखे. समानता के साथ शिक्षा देना मूल मंत्र स्वागत भाषण करते हुए प्रधानाचार्य प्रो डॉ एमएस इस्लाम ने कहा कि समानता के साथ शिक्षा देना मूल मंत्र है. शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है. सबके लिए शिक्षा एक समान हो. कॉलेज में बेटियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है. उन्होंने कॉलेज की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार जताया. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा 30 कंप्यूटर दिया जा रहा है. 20 कंप्यूटर का लैब पहले से उपलब्ध है. कार्यक्रम की शुरुआत मगध विश्वविद्यालय के कुल गीत से की गयी. छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया. पहलगाम आतंकी हमले में मृतकों को एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया. संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ ज्योतिष कुमार एवं धन्यवाद सहायक प्राध्यापक डॉ आकाश कुमार ने किया. कार्यक्रम की देख-रेख एनएसएस प्रभारी एवं कॉलेज के पीआरओ डॉ देव प्रकाश समेत अन्य शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों ने की. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Aurangabad News : प्रकृति कला सृजन का सबसे बड़ा स्रोत appeared first on Naya Vichar.