Hot News

May 2, 2025

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

7 मई को झारखंड कैबिनेट की बैठक, कई अहम प्रस्तावों पर लगेगी मुहर

Jharkhand Cabinet Meeting : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 7 मई 2025 को झारखंड कैबिनेट की बैठक बुलायी गयी है. सीएम की अध्यक्षता में बुधवार को प्रोजेक्ट भवन के मंत्रिपरिषद कक्ष में शाम 4 बजे से कैबिनेट की बैठक होगी. विदेश यात्रा के बाद पहली बैठक इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है. सीएम के विदेश यात्रा से लौटने के बाद यह पहली कैबिनेट की बैठक होगी. ऐसे में यह बैठक काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. इधर राज्य प्रशासन की महत्वकांक्षी मंईयां सम्मान योजना की अप्रैल माह की राशि भी अब तक लाभुकों को नहीं मिली है. इस पर भी कोई बड़ा अपडेट आ सकता है. इसे भी पढ़ें रांची SSP चंदन कुमार सिन्हा की बड़ी कार्रवाई, 4 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड मंईयां सम्मान योजना पर आया बड़ा अपडेट, झारखंड की स्त्रीओं को इस दिन मिल सकता है 5 हजार रुपये झारखंड में है मां दुर्गा का अद्भुत मंदिर, छेड़छाड़ करने वालों के साथ होता है बुरा अंजाम The post 7 मई को झारखंड कैबिनेट की बैठक, कई अहम प्रस्तावों पर लगेगी मुहर appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

SJVN recruitment 2025 : एसजेवीएन करेगा एग्जीक्यूटिव ट्रेनी के 114 पदों पर नियुक्ति

SJVN recruitment 2025 : सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएन) ने ऊर्जावान और प्रतिभाशाली युवाओं से एग्जीक्यूटिव ट्रेनी के लिए 114 पदों पर आवेदन आमंत्रित किये हैं. इच्छुक उम्मीदवार इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. कुल पद 114 एग्जीक्यूटिव ट्रेनीसिविल 30इलेक्ट्रिकल 15मेकेनिकल 15ह्यूमन रिसोर्स 7एनवायरनमेंट 7जियोलॉजी 7इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 6फाइनेंस 20लॉ 7 आप कर सकते हैं आवेदन एग्जीक्यूटिव ट्रेनी (सिविल, इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल) पद के लिए मान्यताप्राप्त संस्थान से संबंधित विषय में इंजीनियरिंग की स्नातक डिग्री प्राप्त करनेवाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. एग्जीक्यूटिव ट्रेनी (ह्यूमन रिसोर्स) पद के लिए स्नातक के साथ दो वर्षीय एमबीए या एचआर में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्राप्त करनेवाले आवेदन के पात्र हैं. अन्य पदों के लिए निर्धारित योग्यता का विवरण अधिसूचना से प्राप्त करें. आयु सीमा एग्जीक्यूटिव ट्रेनी पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष तय है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान की जायेगी. इसे भी पढ़ें : BPNL recruitment : पंचायत पशु सेवक समेत 12981 पदों पर मांगे गये हैं आवेदन मिलेगा अच्छा वेतन एग्जीक्यूटिव ट्रेनी पदों पर चयनित उम्मीदवारों को 50,000 से 1,60,000 रुपये प्रतिमाह दिये जायेंगे. विस्तार से जानने के लिए अधिसूचना देखें. जानें चयन प्रक्रिया के बारे में उपरोक्त पदों पर उम्मीदवारों का चयन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट, ग्रुप डिस्कशन एवं पर्सनल इंटरव्यू में दी गयी परफॉर्मेंस के आधार पर किया जायेगा. ऐसे करें आवेदन निर्धारित पात्रता को पूरा करनेवाले उम्मीदवार कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट sjvn.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.अंतिम तिथि : 18 मई, 2025.विवरण देखें : https://sjvnindia.com/UploadFiles/JobUploadedFile/1668/Detailed%20Final.pdf The post SJVN recruitment 2025 : एसजेवीएन करेगा एग्जीक्यूटिव ट्रेनी के 114 पदों पर नियुक्ति appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

बिहार में इतने शिक्षकों पर होगी कार्रवाई, फर्जी बहाली वालों की होगी जांच, स्कूल से निकाले जाएंगे, पैसा भी नहीं मिलेगा

Bihar Teacher: बिहार में आए दिन शिक्षकों की बहाली में गड़बड़ी का मामला सामने आता रहता है. इसी कड़ी में अब बिहार के सीतामढ़ी जिले के बथनाहा प्रखंड से शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति का एक ताजा मामला सामने आया है. इस अवैध नियुक्ति की गड़बड़ी में एक-दो नहीं, बल्कि कई शि़क्षकों का नाम सामने आया है. इन शिक्षकों को अब विभाग से हटाने का आदेश जारी किया गया है. 30 शिक्षक कर रहे थे अवैध नियुक्ति से नौकरी सीतामढ़ी में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति में 30 ऐसे शिक्षकों का मामला सामने आया है, जो गलत तरीके से नौकरी कर रहे थे. इन शिक्षकों पर आरोप है कि ये सभी सेटिंग के माध्यम से बहाल हुए थे और अलग-अलग प्रशासनी स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं. अब इन शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी सामने आयी है. इन शिक्षकों की रद्द की जायेगी नियुक्ति सीतामढ़ी के जिन शिक्षकों के खिलाफ नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला सामने आया है, उनमें शंभू दास,मिली कुमारी, राम ईश्वर कुमार, अमित कुमार, मंसूर अंसारी, श्याम कुमार, मनीष कुमार, नूतन कुमारी, जय प्रकाश पाण्डेय, मुकेश बैठा, वीरेन्द्र कुमार, रविशंकर कुमार, शैलेन्द्र मोहन, प्रणिता कुमारी, धीरेन्द्र कुमार, दीप्ति कुमारी, रूपा कुमारी, शंभू प्रकाश कुमार गुप्ता, शिवशंकर, सुभाष कुमार, पल्लवी कुमारी, सुनीता कुमार, संतोष कुमार सिंह, सुधीर कुमार सिंह, नीतू देवी, पुष्पांजलि कुमारी, आदित्य, सौरभ, सबोध कुमार और रचना कुमारी शामिल हैं. इन सभी 30 शिक्षकों की नियुक्ति अब रद्द की जायेगी और इन्हें स्कूलों से हटाया जायेगा. बिना विज्ञापन के हुई थी इन 30 शिक्षकों की अवैध बहाली राज्य अपीलीय प्राधिकार के अनुसार इन 30 शिक्षकों की बहाली अवैध तरीके से हुई थी. इस बहाली के लिए किसी भी तहर का विज्ञापन नहीं निकाला गया था और ना हीं किसी की भी कोई कागजी प्रक्रिया पूरी की गई थी. जब इन शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरु हुई, तब जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(DPO) ने सभी शिक्षकों की बहाली से जुड़ी जानकारी की मांग नियोजन इकाई से की. लेकिन नियोजन इकाई ने शिक्षकों के बारे में डीपीओ को कोई जानकारी ही नहीं दी. डीपीओ ने इस मामले को लेकर राज्य अपीलीय प्राधिकार में अपील कर दिया. अब राज्य अपीलीय प्राधिकार ने पूरी प्रक्रिया के तहत इन सभी शिक्षकों की बहाली नहीं होने के कारण इनकी नियुक्ति को अवैध माना है और इस मामले में हुई गड़बड़ी पर ऐक्शन लेते हुए अवैध रूप से बहाल किए गए 30 शिक्षकों का नियोजन रद्द कर उन्हें हटाने का आदेश दिया है. बिहार की ताजा समाचारों के लिए क्लिक करें डीईओ ने 15 दिन के अंदर नियोजन रद्द करने का दिया आदेश सीतामढ़ी के डीईओ प्रमोद कुमार साहू ने इस अवैध नियुक्ति मामले पर जिले के बथनाहा प्रखंड के बीईओ को 15 दिनों के अंदर इन सभी शिक्षकों का नियोजन रद्द करने का आदेश दिया है और विभाग को सूचित करने को कहा है. विभाग के द्वारा यह आदेश जारी किया गया है कि इन सभी शिक्षकों को एक दिन का भी वेतन नहीं दिया जाये. (हर्षित कुमार) इसे भी पढ़ें: बिहार के इन जिलों में 4 और 5 मई को होगी भयंकर बारिश, IMD ने जारी किया ऑरेंज और येलो अलर्ट The post बिहार में इतने शिक्षकों पर होगी कार्रवाई, फर्जी बहाली वालों की होगी जांच, स्कूल से निकाले जाएंगे, पैसा भी नहीं मिलेगा appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

BPNL recruitment : पंचायत पशु सेवक समेत 12981 पदों पर मांगे गये हैं आवेदन

BPNL recruitment : हिंदुस्तानीय पशुपालन निगम लिमिटेड (बीपीएनएल), प्रत्येक राज्य में जिला, ब्लॉक/तहसील, ग्राम पंचायत स्तर पर पशु सेवा केंद्र खोलने जा रहा है. निगम ने इन पशु सेवा केंद्रों के संचालन के लिए मुख्य परियोजना अधिकारी, जिला विस्तार अधिकारी, तहसील विकास अधिकारी एवं पंचायत पशु सेवक के कुल 12981 पदों पर आवेदन आमंत्रित किये हैं. कुल पद 12981 मुख्य परियोजना अधिकारी 44जिला विस्तार अधिकारी 440तहसील विकास अधिकारी 2121पंचायत पशु सेवक 10376 आप कर सकते हैं आवेदन मुख्य परियोजना अधिकारी पद के लिए किसी भी विषय में स्नातकोत्तर (एमवीएससी/ एमबीए/ सीएस/ सीए/ एमटेक/ एमएससी) करनेवाले आवेदन कर सकते हैं. जिला विस्तार अधिकारी के लिए किसी भी विषय में स्नातक करनेवाले, तहसील विकास अधिकारी पद के लिए किसी भी विषय में 12वीं पास एवं पंचायत पशु सेवक पद के लिए किसी भी विषय में 10वीं पास अभ्यर्थी आवेदन के पात्र हैं. आयु सीमा मुख्य परियोजना अधिकारी पद के लिए आयु सीमा 40 से 65 वर्ष, जिला विस्तार अधिकारी पद के लिए 25 से 40 वर्ष, तहसील विकास अधिकारी के लिए 21 से 40 वर्ष और पंचायत पशु सेवक के लिए 18 से 40 वर्ष तय है. इसे भी पढ़ें : UPSC : यूपीएससी सीएसई एस्पिरेंट्स प्लान-बी के लिए हो जाएं तैयार वेतनमान मुख्य परियोजना अधिकारी पदों पर चयनित उम्मीदवारों को 75,000 रुपये, जिला विस्तार अधिकारी पदों के लिए 50,000 रुपये, तहसील विकास अधिकारी पदों के लिए 40,000 रुपये और पंचायत पशु सेवक पदों के लिए 28,500 रुपये प्रतिमाह दिये जायेंगे. चयन प्रक्रिया आवेदन पत्रों की जांच के बाद शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों को ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होना होगा. परीक्षा में पास उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जायेगा. आवेदक यह परीक्षा किसी भी कंप्यूटर सेंटर, साइबर कैफे, लैपटॉप के माध्यम से किसी भी स्थान से दे सकते हैं. परीक्षा के लिये निगम द्वारा कोई भी परीक्षा केंद्र व प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जायेगा, ऑनलाइन परीक्षा के लिए आवेदकों को एक लिंक उनकी रजिस्टर्ड ईमेल पर भेजा जायेगा. अधिक जानकारी के लिए अधिसूचना देखें. ऐसे करें आवेदन पात्र एवं इच्छुक उम्मीदवारों को इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. एप्लीकेशन शुल्क : मुख्य परियोजना अधिकारी पद के लिए सभी वर्ग के उम्मीदवारों को 1534 रुपये, जिला विस्तार अधिकारी पद के लिए 1180 रुपये, तहसील विकास अधिकारी पद के लिए944 रुपये और पंचायत पशु सेवक के लिए 708 रुपये आवेदन शुल्क के रूप में अदा करने होंगे.विवरण देखें : https://www.bharatiyapashupalan.com/ The post BPNL recruitment : पंचायत पशु सेवक समेत 12981 पदों पर मांगे गये हैं आवेदन appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

UPSC : यूपीएससी सीएसई एस्पिरेंट्स प्लान-बी के लिए हो जाएं तैयार

UPSC : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है. यूपीएससी 2024 के लिए 9.9 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया, लेकिन केवल 1009 अभ्यर्थियों का चयन सिविल सर्विस के लिए हुआ है. जाहिर है लाखों अभ्यर्थियों के लिए परिणाम अच्छा नहीं रहा. आप अगर इनमें से एक हैं, तो निराश न हों. आपके लिए राहें अभी भी खुली हैं. सामान्य श्रेणी के 6 एवं ओबीसी उम्मीदवार 9 बार दे सकते हैं यूपीएससी   माइक्रोसॉफ्ट के सीइओ सत्य नडेला ने तीन बार यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा दी, लेकिन असफल रहे. पूर्व सीइए अरविंद सुब्रमण्यम तीन बार परीक्षा में शामिल हुए,  लेकिन वे सफल न हो सके.   दे सकते हैं अन्य प्रशासनी परीक्षाएं आपके पास राज्य पीएससी, एसएससी, आरआरबी, आरबीआइ और सीएपीएफ जैसी अन्य प्रशासनी परीक्षाओं में शामिल होने का विकल्प है. इन परीक्षाओं का सिलेबस और कम्पटीशन यूपीएससी सीएसइ की तुलना में कम होता है. इसे भी पढ़ें : Bihar recruitment : बिहार में होगी बंपर बहाली, भरे जायेंगे 17114 पद प्रशासनी कंपनियां दे रही हैं मौके   देश की कई प्रशासनी कंपनियां अपने यहां निकाली जानेवाली रिक्तियों में यूपीएससी में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के चयन को प्राथमिकता देती हैं. हिंदुस्तानीय स्पोर्ट्स प्राधिकरण, एनटीपीसी एवं एसजेवीएन लिमिटेड ऐसे संस्थानों में शामिल हैं. फेलोशिप से बनाएं आगे की राह   आप रामानुजन फेलोशिप, टीच फॉर इंडिया, गांधी फेलोशिप, यंग इंडिया फेलोशिप और एसबीआई यूथ फॉर इंडिया फेलोशिप जैसे कई कार्यक्रमों से जुड़ सकते हैं. एलएएमपी (संसद सदस्यों के विधायी सहायक) फेलोशिप यूपीएससी उम्मीदवारों के बीच काफी लोकप्रिय है. बढ़ें मनचाही नौकरी की ओर यूपीएससी की तैयारी एनालिटिकल स्किल्स, डिसीजन लेने की क्षमता और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स को मजबूत बनाती है. इन स्किल्स के साथ आप कॉरपोरेट या प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं. आपके पास टीचिंग, जर्नलिज्म, बैंकिंग व फाइनेंस सेक्टर जैसे अन्य क्षेत्रों में काम करने का भी विकल्प है.   The post UPSC : यूपीएससी सीएसई एस्पिरेंट्स प्लान-बी के लिए हो जाएं तैयार appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Bill Gates: बिल गेट्स किस खतरनाक बीमारी से पीड़ित हैं? बेटी ने खोला दर्दनाक राज

Bill Gates: दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. करीब 10 हजार करोड़ डॉलर से अधिक की संपत्ति के मालिक बिल गेट्स को लेकर उनकी बेटी फोबे गेट्स ने बताया है कि उनके पिता एस्परगर सिंड्रोम से पीड़ित हैं. यह जानकारी फोबे ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान साझा की. 22 वर्षीय फोबे गेट्स, जो कि बिल और मेलिंडा गेट्स की सबसे छोटी बेटी हैं, ने ‘कॉल हर डैडी’ नामक पॉडकास्ट में होस्ट एलेक्स कूपर से बातचीत में अपने पिता के सामाजिक व्यवहार को लेकर चर्चा की. फोबे ने बताया कि जब उन्होंने अपने प्रेमी को पहली बार अपने पिता से मिलवाया, तो वह अनुभव थोड़ा डरावना था. फोबे के अनुसार, उनके पिता का सामाजिक व्यवहार पारंपरिक मानदंडों से काफी अलग है. उन्होंने कहा, “मेरे पिता सामाजिक रूप से काफी अलग हैं, कभी-कभी तो अजीब भी लग सकते हैं. उन्होंने खुद भी यह कहा है कि उन्हें एस्परगर सिंड्रोम है. मेरे लिए यह अनुभव मजेदार था, लेकिन मेरे पार्टनर के लिए थोड़ा कठिन रहा.” बिल गेट्स ने खुद दिए थे संकेत इससे पहले फरवरी 2025 में भी 69 वर्षीय बिल गेट्स ने संकेत दिए थे कि उनका व्यवहार बचपन से ही थोड़ा अलग रहा है. उन्होंने यह स्वीकार किया था कि भले ही उन्होंने कभी किसी तरह का औपचारिक इलाज नहीं करवाया, लेकिन अगर वह आज के समय में बड़े हो रहे होते, तो संभवतः ऑटिज्म स्पेक्ट्रम के तहत उनका इलाज किया जाता. बिल गेट्स ने यह भी बताया था कि उनके माता-पिता उन्हें बचपन में डॉक्टर के पास ले गए थे. वहां एक डॉक्टर ने एक साल से भी ज्यादा समय तक उन्हें यह समझाने की कोशिश की कि उनका मानसिक स्वभाव कोई कमी नहीं बल्कि एक विशेषता भी हो सकती है. इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान में लॉकडाउन? मदरसे बंद, होटल खाली, टूरिस्ट पर रोक, POK में इमरजेंसी! क्या होता है एस्परगर सिंड्रोम? एस्परगर सिंड्रोम को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) का हिस्सा माना जाता है. यह एक प्रकार का न्यूरो-डिवेलपमेंटल विकार है, जो व्यक्ति की सामाजिक समझ, भावनात्मक अभिव्यक्ति और संप्रेषण (कम्युनिकेशन) की क्षमता को प्रभावित करता है. इस सिंड्रोम से प्रभावित व्यक्ति आमतौर पर दूसरों की भावनाओं को समझने में कठिनाई महसूस करता है. उन्हें सामाजिक संबंध बनाने, दूसरों की बातें समझने और अपनी बातों को सरलता से व्यक्त करने में भी संघर्ष करना पड़ता है. इसके अलावा, उनमें दोहराव वाले व्यवहार, सीमित रुचियां या किसी खास विषय को लेकर अत्यधिक जुनून भी देखा जा सकता है. बुद्धिमत्ता के मामले में आगे होते हैं ऐसे लोग एस्परगर सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति अक्सर औसत से अधिक बौद्धिक क्षमता रखते हैं. उनकी याददाश्त तेज होती है, विश्लेषणात्मक सोच बेहतर होती है और कई बार किसी विशेष विषय में उनका ज्ञान असाधारण होता है. इसलिए विशेषज्ञ इस स्थिति को ‘हाई फंक्शनिंग ऑटिज्म’ भी कहते हैं. ऐसे लोगों में भाषा की समझ और शब्दों के प्रयोग की क्षमता भी अच्छी हो सकती है, हालांकि सामाजिक संदर्भों को समझने में उन्हें परेशानी होती है. इसे भी पढ़ें: पिता की किस संपत्ति पर बेटे का हक नहीं? फूटी कौड़ी नहीं मिलेगा अगर…   आजन्म रहने वाला विकार एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आबादी का लगभग 0.5 प्रतिशत हिस्सा यानी करीब 3.7 करोड़ लोग एस्परगर सिंड्रोम से प्रभावित हो सकते हैं. शोध यह भी बताते हैं कि यह विकार लड़कों में लड़कियों की तुलना में 3 से 4 गुना अधिक होता है. यह एक आजीवन स्थिति होती है, जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, हालांकि सही मार्गदर्शन, थेरेपी और सहायक वातावरण के जरिए इससे प्रभावित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां भी हासिल कर सकते हैं. इसे भी पढ़ें: किस राज्य के लोग पीते हैं सबसे ज्यादा दूध? यूपी पिछड़ा, जानें बिहार का नंबर   The post Bill Gates: बिल गेट्स किस खतरनाक बीमारी से पीड़ित हैं? बेटी ने खोला दर्दनाक राज appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Anupama Twist: प्रेम ने शो के अपकमिंग ट्विस्ट से उठाया पर्दा, बोले- नए मोड़ ने सब कुछ हिला…

Anupama Twist: स्टार प्लस का लोकप्रिय शो अनुपमा अपनी इमोशनल कहानी से दर्शकों को एंटरटेन करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है. हालांकि इसकी लेटेस्ट स्टोरीलाइन कुछ खास इम्प्रेस नहीं कर पा रही, इसलिए तो यह टीआरपी चार्ट में दूसरे नंबर पर आ गई है. हाल ही में मेकर्स ने नया प्रोमो जारी किया था. जिसमें अनु गुमशुदा हो गई थी. पूरा परिवार घबरा जाता है और तलाश शुरू कर देता है. डर और चिंता यह स्पष्ट कर रही है कि कुछ गंभीर हुआ है. अब प्रेम की भूमिका निभाने वाले शिवम खजूरिया ने अपकमिंग ट्रैक से पर्दा उठाया है. शिवम खजूरिया ने अनुपमा के अपकमिंग ट्रैक से उठाया पर्दा अभिनेता शिवम खजूरिया ने नए ट्रैक के बारे में इंडिया फोरम से बात की. उन्होंने कहा, “इस मोड़ ने सब कुछ पूरी तरह से बदल दिया है. किसी को इसकी उम्मीद नहीं थी. अनुपमा का अचानक गायब हो जाना उसके आस-पास के सभी किरदारों को हिलाकर रख देगा.” शिवम खजूरिया बोले आने वाले एपिसोड होंगे मजेदार उन्होंने कहा, “इस तरह के साहसिक कहानी जबरदस्त ट्विस्ट और टर्न लेकर आते हैं. वे न केवल कहानी में गहराई जोड़ते हैं बल्कि लोगों को बांधे भी रखते हैं. यह मोड़ भावनाओं से भरा है और दर्शकों को तकलीफ महसूस करवाएगा. मैं यह देखने के लिए वास्तव में उत्साहित हूं कि यह नया अध्याय कैसा होता है. दर्शकों के मन में कई सवाल होंगे, लेकिन उन्हें एपिसोड देखते रहना होगा. एक नई जर्नी अभी शुरू हुई है.” अनुपमा के नए प्रोमो ने बढ़ाया उत्साह अनुपमा के नए प्रोमो में स्क्रीन पर अनुपमा का “लापता” पोस्टर दिखाया जाता है. पोस्टर पर उसकी फोटो, नाम और संपर्क नंबर है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह गायब हो गई है. इससे सभी के मन में कई सवाल उठते हैं। वह क्यों चली गई? वह कहां जा सकती थी? एक इमोशनल सीन में, अनुपमा बस में अकेली बैठी हुई दिखाई देती है. उसका दिल टूटा हुआ लगता है. यह भी पढ़ें- Raid 2 Worldwide Box Office Collection: वर्ल्डवाइड अजय देवगन की फिल्म फ्लॉप हुई या हिट, कमाए इतने करोड़ The post Anupama Twist: प्रेम ने शो के अपकमिंग ट्विस्ट से उठाया पर्दा, बोले- नए मोड़ ने सब कुछ हिला… appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Caste Census: तेजस्वी नहीं सीएम नीतीश ने किया था जातीय सर्वे का ऐलान, क्रेडिट लेने में जुटी RJD 

Caste Census: केंद्र की मोदी प्रशासन ने जब से पूरे देश में जातीय जनगणना कराने का ऐलान किया है. तभी से पूरे देश में खासकर बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इसका क्रेडिट लेने के लिए होड़ मचा हुआ है. विपक्ष खासकर राजद के नेता इसे जहां लालू यादव और तेजस्वी यादव की जीत बता रहे हैं. वहीं, सत्ता पर काबिज जनता दल यूनाइटेड के नेता इसका श्रेय सीएम नीतीश कुमार को दे रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए बिहार प्रशासन में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के ताजा बयान पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय सर्वेक्षण का पूरा श्रेय नीतीश कुमार और उनकी प्रशासन को जाता है. तेजस्वी  बिना मेहनत किए इसका क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं.   नीतीश कुमार ने किया था जातीय सर्वेक्षण का ऐलान: जेडीयू दरअसल, जब केंद्र प्रशासन ने 2025 की जनगणना में जातीय गणना शामिल करने का ऐलान किया तो  तेजस्वी यादव ने इसे अपनी और महागठबंधन की जीत बताया था. उन्होंने दावा किया कि बिहार में 2023 में कराया गया जातीय सर्वेक्षण उनकी पहल का नतीजा था. इस पर अशोक चौधरी ने तंज कसते हुए कहा, “देखिए, इन लोगों ने अपने समय में कुछ नहीं किया. अब क्रेडिट लेने की होड़ मचाए हुए हैं। तेजस्वी चिंता न करें, जो करेंगे, हम लोग ही करेंगे. बिहार में जातीय सर्वेक्षण की घोषणा नीतीश कुमार ने की थी, जब राजद गठबंधन में नहीं थी.” बिहार प्रशासन में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी राहुल गांधी ने बिहार के सर्वे को बताया था फर्जी: अशोक चौधरी  वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बिहार के जातीय सर्वे को “फर्जी” कहे जाने पर भी अशोक चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और उनके लोग जुबानी नेतृत्व करते हैं, लिप सर्विस में माहिर हैं. अगर हमारा सर्वे फर्जी था, तो अपने शासित राज्यों में सही सर्वे क्यों नहीं कराया? तुलना करने से पहले कुछ करके दिखाएं.”नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी वो नेता हैं, जिन्होंने कथनी से ज्यादा करनी पर ध्यान दिया.” बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी  जातीय जनगणना में मुस्लिम समुदाय को शामिल करने की मांग पर चौधरी ने सहमति जताई. उन्होंने कहा, “मुसलमानों में पसमांदा समाज है, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा है. अंसारी, बुनकर, जुलाहा जैसे समुदायों की हिस्सेदारी न के बराबर है. जिसकी जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी का फॉर्मूला लोकतंत्र का आधार है. हाशिए पर पड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए बजट में विशेष प्रावधान जरूरी है.” इसे भी पढ़ें: Bihar: 15,450 करोड़ की लागत से बनेगा बिहार का पहला ग्रीनफील्ड हाईस्पीड कॉरिडोर, 5 जिलों को जोड़ेगा 225 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे इसे भी पढ़ें:बिहार: इंसाफ चाहिए! घायल शिशु के लिए बंदरों ने सड़क किया जाम, यात्री रहे परेशान The post Caste Census: तेजस्वी नहीं सीएम नीतीश ने किया था जातीय सर्वे का ऐलान, क्रेडिट लेने में जुटी RJD  appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

PMI: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर जोरदार वृद्धि, अप्रैल 2025 में पीएमआई 10 महीने के उच्चतम स्तर पर

Manufacturing Sector PMI: हिंदुस्तानीय विनिर्माण क्षेत्र ने अप्रैल 2025 में जोरदार वृद्धि दर्ज की है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) बढ़कर 58.2 पर पहुंच गया है, जो पिछले महीने मार्च में 58.1 था. यह जून 2024 के बाद से उत्पादन में सबसे तेज वृद्धि है. पीएमआई का 50 से ऊपर होना विकास का संकेत देता है, जबकि नीचे आना संकुचन को दर्शाता है. नए ऑर्डर्स और निर्यात ने दी मजबूती अप्रैल में पीएमआई में तेज उछाल के पीछे प्रमुख कारणों में से एक नए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर्स की वृद्धि रही. विदेशी मांग में 14 वर्षों की सबसे बड़ी छलांग देखी गई. ऑर्डर्स में यह वृद्धि अफ्रीका, एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका से आई. कुल बिक्री में सुधार वैश्विक मांग के मजबूत संकेत हैं. कंपनियों ने बताया कि वित्त वर्ष 2025–26 की शुरुआत सकारात्मक रही है. एचएसबीसी की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि यह ट्रेंड हिंदुस्तान के उत्पादन केंद्र के रूप में उभरने की ओर संकेत करता है. रोजगार, क्रय और मूल्य निर्धारण में बढ़ोतरी विनिर्माण गतिविधियों में तेजी के साथ कई अन्य क्षेत्रों में भी उछाल देखा गया. रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. कंपनियों की क्रय गतिविधियां बढ़ीं, जो आने वाले महीनों में उत्पादन क्षमता को बल देंगी. बिक्री मूल्य अक्टूबर 2013 के बाद सबसे अधिक बढ़े, जिससे कंपनियों की प्राइसिंग पावर मजबूत हुई. कच्चे माल की लागत में केवल मामूली वृद्धि दर्ज की गई. इसे भी पढ़ें: गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा पलामू, पुलिस-TPC मुठभेड़, नक्सल सामग्री बरामद आने वाले महीनों के लिए सकारात्मक संकेत अप्रैल के आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि कंपनियां आने वाले महीनों में मजबूत मांग की उम्मीद कर रही हैं. विपणन रणनीतियों, संचालन में दक्षता और नए ग्राहकों से पूछताछ के चलते उत्पादन संभावनाएं उज्ज्वल नजर आ रही हैं. इसे भी पढ़ें: किस राज्य के लोग पीते हैं सबसे ज्यादा दूध? यूपी पिछड़ा, जानें बिहार का नंबर   The post PMI: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर जोरदार वृद्धि, अप्रैल 2025 में पीएमआई 10 महीने के उच्चतम स्तर पर appeared first on Naya Vichar.

समस्तीपुर

भ्रूण हत्या या सिस्टम की साजिश? कचरे में मिला नवजात शव, अवैध नर्सिंग होम और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने खड़े किए बड़े सवाल, जांच के आदेश के बाद भी कार्रवाई अब तक नदारद

नया विचार समस्तीपुर – समस्तीपुर शहर के काशीपुर वार्ड-34 में शुक्रवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब स्थानीय लोगों ने कचरे के ढेर में एक नवजात बच्ची का शव देखा। सूचना मिलते ही नगर निगम के सफाईकर्मी पहुंचे और शव को पन्नी में डालकर ले गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मामला भ्रूण हत्या से जुड़ा बताया जा रहा है।घटना को लेकर स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि विजय कुशवाहा ने नाराजगी जताते हुए कहा, “इलाके में कई अवैध अस्पताल बिना किसी निगरानी के चल रहे हैं। मेडिकल वेस्ट को खुलेआम फेंका जा रहा है। कभी नवजात का शव तो कभी इंसानी अंग कचरे में मिल रहे हैं। यह बेहद अमानवीय और खतरनाक है। प्रशासन को कई बार सूचना देने के बावजूद आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”विजय कुशवाहा ने आगे कहा, “यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी यहां नवजात शव और भ्रूण मिल चुके हैं। अब यह रोज की घटना बनती जा रही है, लेकिन जिम्मेदार चुप हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर प्रशासन की लापरवाही इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है।”जिले में 30 निबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्र और 105 निबंधित नर्सिंग होम हैं, जबकि 2000 से अधिक ऐसे नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। इनमें से केवल 65 संस्थानों ने ही मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निस्तारण के लिए अनुबंध किया है, शेष संस्थानों से निकलने वाला खतरनाक कचरा शहर में जगह-जगह फेंका जा रहा है।डॉ. नागमणि राज बताते हैं कि खून से सनी सिरिंज, ग्लव्स और पट्टियां खुले में फेंकना गंभीर खतरा है। यदि मेडिकल कचरा 1150 डिग्री सेल्सियस तापमान पर नहीं जलाया जाता, तो यह ऑर्गेनिक प्रदूषण फैलाता है, जिससे कैंसर, प्रजनन संबंधी रोग, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और डायरिया जैसी बीमारियां फैल सकती हैं।सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि समस्तीपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि अवैध अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई हो और मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निष्पादन की पुख्ता व्यवस्था की जाए।

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top