India Air Defence: 8 मई 2025 की रात पाकिस्तान ने हिंदुस्तान के 15 से अधिक सैन्य ठिकानों को ड्रोन और मिसाइल हमलों से निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन हिंदुस्तानीय वायु रक्षा प्रणालियों ने इस प्रयास को पूरी तरह विफल कर दिया. यह हमला उस जवाबी कार्रवाई के बाद हुआ, जो हिंदुस्तान ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए ऑपरेशन सिंदूर-1 के तहत की थी. उस आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. हिंदुस्तान ने इसके जवाब में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. पाकिस्तान ने श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर, बठिंडा, आदमपुर, कपूरथला, भुज, नल, फलोदी, उत्तरलाई जैसे शहरों में हिंदुस्तानीय सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाया, लेकिन हिंदुस्तान की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली और एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड ने समय रहते इन खतरों को भांप लिया और उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया. हिंदुस्तान की वायु रक्षा प्रणाली की ताकत इस हमले को नाकाम करने में हिंदुस्तान की कई वायु रक्षा प्रणालियों ने सामूहिक रूप से काम किया, जिनमें शामिल थीं – आकाश मिसाइल सिस्टम, MRSAM, Zu-23-2, L-70, और शिल्का (ZSU-23-4). 1. आकाश मिसाइल प्रणाली हिंदुस्तानीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित ‘आकाश’ एक मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है. यह प्रणाली 25–30 किमी की रेंज में आने वाले फाइटर जेट्स, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी सटीकता 90% से अधिक है और यह मोबाइल लॉन्चर से दागी जाती है, जिससे यह लचीली और तीव्र प्रतिक्रिया देने वाली प्रणाली बनती है. इस हमले के दौरान ‘आकाश’ ने श्रीनगर की ओर बढ़ रहे एक पाकिस्तानी JF-17 फाइटर जेट को मार गिराया. इसे भी पढ़ें: Operation Sindoor: अल्लाह हमें बचाओ, डर के मारे संसद में रोने लगा पाकिस्तानी सांसद, देखें वीडियो 2. MRSAM (मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल) हिंदुस्तान और इज़राइल की संयुक्त परियोजना से विकसित यह प्रणाली 70–100 किमी तक के हवाई लक्ष्यों को भेद सकती है. इसमें एक्टिव रडार होमिंग और मल्टी-फंक्शन रडार आधारित मार्गदर्शन प्रणाली है. पाकिस्तान द्वारा उत्तर और पश्चिम हिंदुस्तान में छोड़े गए कई मिसाइलों और ड्रोनों को MRSAM ने सफलतापूर्वक नष्ट किया. इसकी लंबी रेंज और एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता इसे युद्ध के लिए अत्यधिक प्रभावी बनाती है. 3. Zu-23-2 यह एक सोवियत युग की दो बैरल वाली 23 मिमी ऑटोमैटिक एंटी-एयरक्राफ्ट गन है. हिंदुस्तानीय सेना द्वारा अब भी व्यापक रूप से उपयोग की जा रही यह प्रणाली 2.5 किमी की दूरी तक उड़ने वाले ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को निशाना बना सकती है. उधमपुर जैसे क्षेत्रों में इसने कम ऊंचाई पर उड़ रहे पाकिस्तानी ड्रोनों को सफलतापूर्वक गिराया. 4. L-70 स्वीडन से प्राप्त और हिंदुस्तान में अपग्रेड की गई L-70 गन 40 मिमी की एंटी-एयरक्राफ्ट तोप है, जिसकी फायरिंग दर 300 राउंड प्रति मिनट है. यह प्रणाली भी रडार-आधारित फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस है. पंजाब और जम्मू-कश्मीर में इसके जरिए कई ड्रोनों को ढेर किया गया. इसे भी पढ़ें: Viral Video of Asaduddin Owaisi: ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद’ औवैसी के नारे का वीडियो वायरल 5. शिल्का (ZSU-23-4) चार 23 मिमी तोपों से लैस यह स्वचालित एंटी-एयरक्राफ्ट गन रडार और ऑप्टिकल ट्रैकिंग का उपयोग करती है. इसकी फायरिंग क्षमता 4000 राउंड प्रति मिनट तक है, जिससे यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई खतरों को बहुत तेज़ी से समाप्त कर सकती है. उधमपुर सहित कई क्षेत्रों में शिल्का ने ड्रोन हमलों को निष्क्रिय किया. एकीकृत और बहुस्तरीय सुरक्षा की सफलता हिंदुस्तानीय वायु रक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी ताकत इसका बहुस्तरीय और एकीकृत ढांचा है. आकाश और MRSAM ने लंबी और मध्यम दूरी से आने वाले खतरे, जैसे फाइटर जेट्स और मिसाइलों को रोका, जबकि Zu-23, L-70 और शिल्का जैसी निम्न-ऊंचाई पर आधारित प्रणालियों ने ड्रोन जैसे छोटे लक्ष्यों को सफलतापूर्वक समाप्त किया. हिंदुस्तान की आत्मनिर्भरता और रणनीतिक बढ़त इस ऑपरेशन के जरिए हिंदुस्तान ने न केवल अपने नागरिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों को पूरी तरह सुरक्षित रखा, बल्कि यह भी दर्शाया कि स्वदेशी रक्षा प्रणालियाँ वैश्विक स्तर पर किसी भी चुनौती का जवाब देने में सक्षम हैं. खासकर ‘आकाश’ जैसी मिसाइल प्रणालियाँ हिंदुस्तान की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को मजबूती प्रदान करती हैं. इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान छोड़ कर भागो, अमेरिका ने जारी किया अलर्ट मनोवैज्ञानिक और सामरिक प्रभाव पाकिस्तान का यह हमला विफल होने के साथ ही उसकी सैन्य योजना की कमजोरी उजागर हुई है. वहीं, हिंदुस्तान की तेज़ और प्रभावशाली प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी दुस्साहस अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इससे पाकिस्तान की सैन्य और रणनीतिक सोच पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है, जबकि हिंदुस्तान की कूटनीतिक और सैन्य साख और मजबूत हुई है. The post India Air Defence: हिंदुस्तान के वो घातक हथियार, जिनकी मार से आसमान में ही राख बन गईं पाक की मिसाइलें appeared first on Naya Vichar.