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May 9, 2025

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डीएसपीएमयू का नाम बदलने पर रार, भाजपा ने कहा- शिबू सोरेन पुल का नाम बदलकर बुधु भगत पुल करें

Jharkhand Politics: झारखंड की हेमंत सोरेन कैबिनेट के एक फैसले के बाद झारखंड की नेतृत्व गरमा गयी है. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलने का भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया है. हिंदुस्तानीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने हेमंत सोरेन प्रशासन के इस फैसले का विरोध करते हुए शिबू सोरेन पुल का नाम बदलकर वीर बुधु भगत पुल करने की मांग कर दी है. भाजपा ने कहा है कि झामुमो प्रशासन के इस फैसले से न आदिवासी का सम्मान बचा, न देशभक्ति बची. झामुमो प्रशासन पर भाजपा ने बोला तीखा हमला अजय साह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रशासन पर तीखा हमला बोलते हुए हेमंत सोरेन प्रशासन के इस कदम को ‘नेतृत्वक नौटंकी’ करार दिया. उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल एक देशभक्त महापुरुष का अपमान है, बल्कि राज्य के आदिवासी नायकों के सम्मान के साथ खिलवाड़ भी है. ‘JMM को न देश की चिंता, न झारखंड के आत्मसम्मान की’ अजय साह ने कहा, ‘जब पूरा देश पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाये हुए है, ऐसे समय में झारखंड प्रशासन की यह ओछी नेतृत्व साबित करती है कि JMM को न तो देश की चिंता है और न ही झारखंड के आत्मसम्मान की परवाह.’ अजय साह ने प्रशासन पर परिवारवाद का आरोप लगाया. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें सोरेन ने हमेशा आदिवासी महानायकों को दरकिनार किया उन्होंने कहा कि जब मयूराक्षी नदी पर झारखंड का सबसे बड़ा पुल बना, तो उसका नाम आदिवासी नायक बाबा तिलका मांझी के नाम पर न रखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता शिबू सोरेन के नाम पर रख दिया. इसी तरह धोती-साड़ी योजना को भी मुख्यमंत्री ने अपने दादा-दादी सोना-सोबरन के नाम से जोड़ दिया. उन्होंने आदिवासी समाज के महानायकों को दरकिनार कर दिया. इसे भी पढ़ें : झारखंड में बनेगा एक और एयरपोर्ट, विकास को मिलेगी रफ्तार, 3 राज्यों को होगा फायदा ‘झामुमो बुधु भगत का सम्मान करती है, तो फैसला बदले’ अजय साह ने कहा कि भाजपा डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी और वीर बुधु भगत दोनों को समान रूप से सम्मान देती है. उन्होंने राज्य प्रशासन के फैसले को इन दोनों महापुरुषों के विरुद्ध बताया और मांग की कि अगर JMM वास्तव में वीर बुधु भगत का सम्मान करती है, तो यूनिवर्सिटी का नाम बदलने का फैसला तुरंत वापस ले और उनके नाम पर उस नयी लॉ यूनिवर्सिटी का नाम रखे, जिसका वादा प्रशासन पहले ही कर चुकी है. ‘हिम्मत है तो शिबू सोरेन पुल का नाम बुधु भगत पुल करें’ भाजपा नेता अजय साह ने चुनौती देते हुए कहा, ‘अगर प्रशासन में हिम्मत है और आदिवासी सम्मान की बात करती है, तो मयूराक्षी नदी पर बने शिबू सोरेन पुल का नाम बदलकर वीर बुधु भगत के नाम पर करके दिखाये.’ इसे भी पढ़ें LPG Price Today: 9 मई को आपको कितने में मिलेगा 14 किलो का एलपीजी सिलेंडर, यहां देखें कीमत स्त्री सशक्तिकरण की दिशा में टाटा स्टील का कदम : नोवामुंडी माइंस में स्त्रीओं को सौंपी एक शिफ्ट Ranchi News: बूटी मोड़ की इस दुकान में बन रही लड़ाकू सेना की वर्दी, जांच शुरू हिंदुस्तान-पाकिस्तान तनाव के बीच बंगाल से जेएमबी के 2 आतंकवादी गिरफ्तार The post डीएसपीएमयू का नाम बदलने पर रार, भाजपा ने कहा- शिबू सोरेन पुल का नाम बदलकर बुधु भगत पुल करें appeared first on Naya Vichar.

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एक जवान, 9 पाकिस्तानी टैंक, वीरता की मिसाल है वीर अब्दुल हमीद की कहानी

Veer Abdul Hamid: जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच करीब 60 साल पहले जंग छिड़ी थी, तब एक हिंदुस्तानीय सैनिक अब्दुल हमीद ने ऐसा शौर्य दिखाया कि आज भी उसकी गूंज सुनाई देती है. अकेले दम पर उन्होंने दुश्मन के टैंकों को तबाह किया और लड़ाई की दिशा ही बदल दी. ये कारनामा इतना असाधारण था कि सुनकर आज भी लोग जोश से भर जाते हैं. उन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी, लेकिन उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। अब्दुल हमीद सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि साहस, देशभक्ति और बलिदान का प्रतीक हैं, जो कि युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है. अकेले मोर्चे पर दुश्मन को ध्वस्त करने वाला योद्धा हिंदुस्तानीय सेना के वीर योद्धा अब्दुल हमीद वो नाम हैं, जो 1965 के युद्ध में अमर हो गया. 10 सितंबर को रणभूमि में लड़ते हुए वे शहीद हुए. लेकिन उससे पहले उन्होंने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर आज भी सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. उन्होंने अकेले ही पाकिस्तान के 9 टैंकों को ध्वस्त कर डाला था. इस अद्भुत वीरता की कहानी जानने से पहले आइए, पहले जानें कौन थे वो साहसी सपूत अब्दुल हमीद- जिनकी बहादुरी इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. एक साधारण गांव से निकला असाधारण सपूत अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई 1933 को यूपी के गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव में एक सामान्य परिवार में हुआ था. उनके पिता मोहम्मद उस्मान पेशे से दर्जी थे, पर हमीद के सपनों की सिलाई कुछ और ही थी. देश की सेवा का जज्बा उनमें बचपन से ही गहराई तक भरा था. पढ़ाई में वे अधिक दिलचस्पी नहीं लेते थे. लेकिन कुश्ती, लाठी और निशानेबाज़ी में उनकी प्रतिभा सब को चौंका देती थी. यही जुनून उन्हें महज 20 साल की उम्र में वाराणसी ले गया, जहां वे हिंदुस्तानीय सेना की 4 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में भर्ती हुए और यहीं से शुरू हुई उनकी वीरता की अमर कहानी. यह भी पढ़ें- हिंदुस्तान-पाक तनाव के बीच चौकस यूपी पुलिस, पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द यह भी पढ़ें- महाराजा सुहेलदेव से महाराणा प्रताप तक, राजभर के बाद अखिलेश की ठाकुर वाली पॉलिटिक्स घायल अवस्था में भी फहराया तिरंगा हिंदुस्तानीय सेना में भर्ती होने के बाद अब्दुल हमीद की तैनाती देश के कई महत्वपूर्ण हिस्सों में हुई. अमृतसर, जम्मू-कश्मीर, आगरा, दिल्ली, रामगढ़ और अरुणाचल प्रदेश जैसे इलाकों में उन्होंने अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाया. 1962 के हिंदुस्तान-चीन युद्ध के दौरान उनकी बटालियन ने नमका-छू की कठिन लड़ाई में हिस्सा लिया. इस संघर्ष में अब्दुल हमीद गंभीर रूप से घायल हो गए. लेकिन हौसला जरा भी कमजोर नहीं पड़ा. वीर अब्दुल हमीद ने घुटनों और कोहनियों के दम पर 14 से 15 किमी की दूरी तय की और सरहद पर तिरंगा झंडा फहराया. इस अद्वितीय साहस और दृढ़ संकल्प के लिए उन्हें राष्ट्रीय सेना मेडल से सम्मानित किया गया. ऑपरेशन जिब्राल्टर: पाकिस्तान की चाल और हिंदुस्तान का जवाब 1965 में पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की साजिश रच डाली, जिसका हिंदुस्तान ने मुंहतोड़ जवाब दिया और युद्ध की शुरुआत हो गई. उस समय अब्दुल हमीद पंजाब के तरनतारन जिले में स्थित खेमकरण सेक्टर में तैनाती थी. पाकिस्तान के पास उस वक्त अमेरिकी बनाए हुए पैटन टैंक थे, जिन्हें तकनीकी रूप से बेहद शक्तिशाली और लगभग अजेय माना जाता था. 8 सितंबर 1965 की रात इन्हीं टैंकों के बल पर पाकिस्तानी सेना ने खेमकरण के आसपास के इलाके में भीषण हमला कर दिया. लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि एक हिंदुस्तानीय जवान उनका स्पोर्ट्स बदल देगा. जब अकेले अब्दुल हमीद ने दुश्मन के टैंक पर साधा निशाना उस समय अब्दुल हमीद अपनी कंपनी में क्वार्टर मास्टर हवलदार के पद पर तैनात थे. उनके पास केवल एक 106 मिमी की रिकॉइललेस राइफल थी और उसी के सहारे उन्हें पाकिस्तानी सेना के अजेय माने जाने वाले पैटन टैंकों का सामना करना था. उन्होंने अपनी राइफल को एक जीप पर लगाया और चुपचाप गन्ने के खेतों में छिपकर मोर्चा संभाल लिया. आठ टैंक ध्वस्त, नौवां बना शहादत की वजह गजब की सूझबूझ और साहस के साथ उन्होंने दुश्मन के टैंकों पर निशाना साधना शुरू किया. देखते ही देखते उन्होंने एक के बाद एक आठ पाकिस्तानी टैंकों को तबाह कर डाला. पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया, वे समझ ही नहीं पाए कि यह हमला कहां से हो रहा है. अब्दुल हमीद की इस अद्वितीय वीरता ने पूरे युद्ध का रुख पलट दिया. लेकिन जब वे नौवें टैंक को निशाना बना रहे थे, तभी दुश्मन की ओर से दागा गया एक गोला उनकी जीप पर आ गिरा. अब्दुल हमीद वीरगति को प्राप्त हो गए. लेकिन उनके साहस ने हिंदुस्तान को गर्व और जीत दोनों दिलाई. शहीद की स्मृति को किया अमर, बना प्रेरणा का केंद्र अब्दुल हमीद की शहादत को सम्मान देने के लिए उनकी यूनिट, 4 ग्रेनेडियर्स ने असल उत्तर में उनकी कब्र पर एक भव्य समाधि का निर्माण कराया. हर साल उनके बलिदान दिवस पर वहां मेला लगता है, जहां देशभर से लोग उनकी वीरता को नमन करने आते हैं. उनके पैतृक गांव,गाजीपुर के धामूपुर में आज उनके नाम पर एक डिस्पेंसरी, पुस्तकालय और स्कूल संचालित होते हैं, जो अगली पीढ़ियों को उनकी गौरवगाथा की याद दिलाते हैं. 28 जनवरी 2000 को हिंदुस्तान प्रशासन के डाक विभाग ने वीर अब्दुल हमीद की वीरता की अमर कहानी को याद करते हुए 3 रुपए मूल्य का एक डाक टिकट जारी किया. इस टिकट में अब्दुल हमीद को उनकी जीप पर सवार होकर रिकॉइललेस राइफल चलाते हुए दर्शाया गया- जैसे मानो वो आज भी देश की रक्षा के लिए मोर्चे पर डटे हों. यह भी पढ़ें- सीएम योगी ने बदला लखनऊ के इस फेमस चौराहे का नाम The post एक जवान, 9 पाकिस्तानी टैंक, वीरता की मिसाल है वीर अब्दुल हमीद की कहानी appeared first on Naya Vichar.

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Muzaffarpur News: गर्मी में फुल न करें अपनी बाइक का टैंक, हो सकता है बड़ा खतरा, ऐसे करना है बचाव

Muzaffarpur News, कुमार गौरव : तपती गर्मी में अपनी मोटरसाइकिल को ‘फुल टैंक’ पेट्रोल से भरना खतरनाक साबित हो सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी के मौसम में पेट्रोल तेजी से वाष्पीकृत होकर गैस में तब्दील होता है, यदि आपकी बाइक का टैंक पूरी तरह से भरा हुआ है, तो इस बनने वाली गैस को फैलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती है. जिसके कारण टैंक के भीतर दबाव खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है. यह अत्यधिक दबाव टैंक के फटने या पेट्रोल के लीक होने का कारण बन सकता है, जिससे आग लगने जैसी गंभीर दुर्घटनाएं घटित हो सकती है. हो सकता है बड़ा नुकसान हर साल गर्मी के समय में इस कारण कुछ घटनाएं कही कही घटित हो जाती है, इसको लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर लोगों से गर्मी के समय में बाइक की टंकी में फूल टैंक पेट्रोल नहीं रखने की सलाह दी जाती है. क्योंकि पेट्रोल एक अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ है, गर्मी में जब यह वाष्प में बदलता है और उसे निकलने की जगह नहीं मिलती, तो टैंक पर पड़ने वाला दबाव किसी बम की तरह काम कर सकता है. जरा सी चिंगारी भी लीक हुए पेट्रोल को पल भर में आग के गोले में बदल सकती है, जिससे जान-माल का भारी क्षति पहुंच सकती है. बिहार की ताजा समाचारों के लिए क्लिक करें कैसे दोपहिया वाहन सवार करेंगे बचाव कभी भी अपनी बाइक के पेट्रोल टैंक को पूरी तरह से न भरें. तेल लेने जाये टैंक में कुछ जगह खाली अवश्य छोड़ दें. खाली जगह पेट्रोल के वाष्पीकृत होने पर बनने वाली गैस को फैलने और दबाव को नियंत्रित करता. गर्मी के मौसम में अपनी बाइक को सीधे धूप में लंबे समय तक पार्क करने से भी बचें. तेज धूप के कारण टैंक का तापमान बढ़ता, वाष्पीकरण तेजी से होता. संभव हो, तो अपनी बाइक को छायादार जगह पर पार्क करें. पेट्रोल भरवाते समय निर्धारित मात्रा से अधिक पेट्रोल न भरें. पेट्रोल टैंक के ढक्कन की नियमित रूप से जांच करते रहे, खराब ढक्कन को तुरंत बदलवाएं. गर्मी के समय में गाड़ी के पेट्रोल की सप्लाई की पाइप की सही से जांच कराये, लिकेज से आग लगने की संभावना इन सावधानियों आप एक बड़ी दुर्घटना को टाल सकते है. इसे भी पढ़ें: रक्सौल से हल्दिया तक बनेगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, बिहार के 8 जिलों से गुजरेगा, जल्द शुरू होगा जमीन अधिग्रहण का काम The post Muzaffarpur News: गर्मी में फुल न करें अपनी बाइक का टैंक, हो सकता है बड़ा खतरा, ऐसे करना है बचाव appeared first on Naya Vichar.

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Anupama: अनुज के बाद राघव ने छोड़ा शो, अनुपमा बनी वजह, मनीष गोयल बोले- चिंगारी के बिना…

Anupama: स्टारप्लस का पॉपुलर शो अनुपमा भले ही अपने लॉन्च के बाद से टीआरपी चार्ट में नंबर वन की जगह पर बना हुआ है, लेकिन यह निश्चित रूप से गॉसिप चार्ट में भी सबसे ऊपर है. कई बार ऐसी अफवाहे आई कि रूपाली गांगुली संग लड़ाई के बाद कई अभिनेताओं को शो छोड़ना पड़ा. कई स्टार्स ने कंफर्म भी किया कि उनके साथ अनबन करने का असर होता है. अब रिपोर्ट्स आ रही है कि शो में राघव का किरदार निभाने वाले मनीष गोयल, कोस्टार रूपाली गांगुली के साथ ‘मतभेद’ के बाद शो छोड़ने के लिए तैयार हैं रूपाली संग लड़ाई के बाद मनीष गोयल छोड़ेंगे अनुपमा इंडिया फोर्म की रिपोर्ट के अनुसार, ”मनीष और रूपाली के बीच मतभेद थे, यही वजह है कि वह शो छोड़ देंगे और फिर इसमें एक और लीप आएगा.” इन दावों पर बात करते हुए मनीष गोयल ने पोर्टल को बताया, ”हा हा हा, बिल्कुल नहीं… मतलब छोड़ने तक तो ठीक था, लेकिन ये मतभेद वाला तो बिल्कुल गलत है. रूपाली और मेरी पहचान आज की नहीं है. मैं उन्हें तब से जानता हूं, जब से मैं मुंबई आया हूं और यह चौथी बार है, जब मैं उनके साथ काम कर रहा हूं. आमतौर पर, चिंगारी के बिना आग नहीं होती है, लेकिन इस मामले में, न तो चिंगारी है और न ही आग, मुझे नहीं पता कि लोग ऐसी बातें क्यों फैलाते हैं. यह झूठ है.” अनुपमा के आज रात के एपिसोड में क्या होगा खास अनुपमा के आज रात के एपिसोड में, वसुंधरा यह स्पष्ट करती है कि वह माही को कभी भी अपनी बहू के रूप में स्वीकार नहीं करेगी. अनुपमा जवाब देती है कि उसका वैसे भी माही को कोठारी परिवार में भेजने का कोई इरादा नहीं है. वह उन पर सच्चाई छिपाने और दूसरों को गलत तरीके से दोषी ठहराने का आरोप लगाती है. अनुपमा कहती है कि उसने माही से अपने रिश्ते के बारे में कोई भी फैसला लेने से पहले सावधानी से सोचने को कहा था. वसुंधरा पूछती है कि अनुपमा ने माही को आर्यन से मिलने से क्यों नहीं रोका. अनुपमा कहती है कि दोनों बड़े हैं और अपनी लाइफ के फैसले ले सकते हैं. उन्हें अलग करने के लिए मजबूर करने से वे एक साथ भाग सकते हैं. यह भी पढ़ें- Housefull 5 का ब्लॉकबस्टर टीजर अचानक यूट्यूब से डिलीट, वजह जानकर चौंक जाएंगे The post Anupama: अनुज के बाद राघव ने छोड़ा शो, अनुपमा बनी वजह, मनीष गोयल बोले- चिंगारी के बिना… appeared first on Naya Vichar.

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मसूद अजहर और हाफिज सईद कश्मीर को भारत से करना चाहते हैं अलग, गजवा- ए- हिंद के जरिए युवाओं का करते हैं माइंड वाॅश

Table of Contents जैश ए मोहम्मद का संस्थापक है मसूद ए अजहर कौन है मसूद अजहर और उसने क्यों की जैश ए मोहम्मद की स्थापना जैश ए मोहम्मद की स्थापना का उद्देश्य लश्कर-ए-तैयबा का उद्देश्य विश्व में इस्लामिक राज की स्थापना कौन है मोहम्मद हाफिज सईद और हिंदुस्तान के खिलाफ उसके मन में क्यों है इतना जहर Jaish-e-Mohammed-LeT : 6-7 मई की रात को हिंदुस्तानीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ पीओके और पाकिस्तान की सीमा के अंदर स्ट्राइक किया और प्रमुख आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के हेडक्वार्टर और कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है. इन ठिकानों के जरिए ये आतंकवादी संगठन आतंकियों की भरती करते हैं, उन्हें ट्रेनिंग देते हैं और साथ ही उन्हें हिंदुस्तान भेजकर आतंकवाद फैलाते हैं. जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा आतंकवादियों का बड़ा खतरनाक संगठन हैं, जिनके अधीन कई छोटे-छोटे आतंकवादी संगठन पल रहे हैं. जैश ए मोहम्मद का संस्थापक है मसूद ए अजहर जैश ए मोहम्मद का निर्माण ही कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करने के लिए किया गया है. जैश ए मोहम्मद की स्थापना वर्ष 2000 में मौलाना मसूद अजहर ने की थी. मसूद अजहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर का रहने वाला है और इसी बहावलपुर में उसका हेडक्वार्टर था,जिसे हिंदुस्तानीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मटियामेट कर दिया है. अजहर मसूद ने हिंदुस्तानीय में हुए कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था, जिनमें प्रमुख हैं- 2001 में हिंदुस्तानीय संसद पर हमला. 2016: पठानकोट एयरबेस पर हमला और तीसरा 2019: पुलवामा आत्मघाती हमला , जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. कौन है मसूद अजहर और उसने क्यों की जैश ए मोहम्मद की स्थापना मसूद अजहर खुद को इस्लाम का स्काॅलर मानता है. वह एक मौलाना है. लेकिन वह शुरुआत से ही नफरती विचारधारा का था और उसने इस्लामिक सिद्धांतों को विकृत रूप में या गलत तरीके से प्रचारित किया है. वह जिहाद के जरिए मुसलमान युवाओं को भ्रमित करता है और उनके जरिए वह कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करवाना चाहता है. उसकी सोच यह है कि कश्मीर का मुसलमान अभी हिंदुओं की गुलामी कर रहा है और उन्हें आजाद कराना जरूरी है. इसी सोच के साथ वह पाकिस्तान से हिंदुस्तान आया था और उसने यहां आतंकी संगठन हरकत उल अंसार को ज्वाइन कर लिया था. वह एक पत्रकार के रूप में हिंदुस्तान में फर्जी पहचान पत्र के जरिए दाखिल हुआ था. वह हरकत उल अंसार में लड़ाकू की भरती करवा रहा था ताकि इस्लामिक जिहाद को मजबूत किया जा सके और कश्मीर हिंदुस्तान से अलग हो जाए. लेकिन हिंदुस्तानीय संगठनों को उसपर शक हुआ, क्योंकि उसने हिंदुस्तान की संप्रभुता को चुनौती दी थी, उसके बाद 11 फरवरी 1994 को मसूद अजहर को श्रीनगर में गिरफ्तार कर लिया गया था. अगर उस वक्त मसूद अजहर जेल से रिहा ना हुआ हो, तो शायद जैश ए मोहम्मद का आतंकवाद इतना ना बढ़ा होता, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था, 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 का अपहरण हुआ और आतंकियों ने हवाई जहाज के यात्रियों की जीवनरक्षा के एवज में मसूद अजहर और दो अन्य आतंकियों की गिरफ्तारी की मांग प्रशासन से की. प्रशासन को मजबूरन मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा क्योंकि यात्रियों के जीवन की बात थी. जैश ए मोहम्मद की स्थापना का उद्देश्य 1999 में मसूद अजहर की रिहाई हुई और 2000 में उसने बिहावलपुर में जैश ए मोहम्मद की स्थापना की, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करना था. साथ ही वह हिंदुस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथ को भी बढ़ाना चाहता था. वह हिंदुस्तान में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना चाहता था, ताकि काफिरों के देश में अशांति हो. मौलाना मसूद अजहर के खतरनाक इरादों को भांपकर हिंदुस्तानीय प्रशासन ने इस बात की कोशिश की कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाए और हिंदुस्तान के इस पहल को 2019 में सफलता मिली जब संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेरिरिस्ट घोषित कर दिया. लश्कर-ए-तैयबा का उद्देश्य विश्व में इस्लामिक राज की स्थापना लश्कर ए तैयबा पाकिस्तान का एक ऐसा आतंकी संगठन है, जो पूरे विश्व में इस्लामिक राज स्थापित करने के सपने देखता है.लश्कर ए तैयबा का का संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद और अब्दुल्ला आजम है. लश्कर ए तैयबा का मुख्यालय भी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर के पास मुरीदके में स्थित है. हिंदुस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए लश्कर ए तैयबा के के हेडक्वार्टर को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. लश्कर ए तैयबा की स्थापना 1987 में मोहम्मद हाफिज सईद और अब्दुल्ला आजम ने की थी. जैश ए मोहम्मद की तरह ही इनका उद्देश्य भी जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करना और हिंदुस्तान के खिलाफ जिहाद करना था. कौन है मोहम्मद हाफिज सईद और हिंदुस्तान के खिलाफ उसके मन में क्यों है इतना जहर मोहम्मद हाफिज सईद पाकिस्तान का एक कट्टरपंथी इस्लामिक नेता है, जो पूरे विश्व में इस्लाम का राज चाहता है. उसने जमात उद दावा की भी नींव रखी है, जो एक आतंकी संगठन है. वह हिंदुस्तान के सबसे अधिक वांछित नेताओं में शामिल है. उसने इस्लाम की धार्मिक शिक्षा ली है. वह सऊदी अरब से भी धार्मिक शिक्षा लेकर आया है. उसका जन्म पाकिस्तान के सारगोधा, पंजाब में हुआ है. हाफिज सईद कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करना चाहता है, क्योंकि यह एक मुस्लिम बहुल इलाका है. वह हिंदुस्तान को काफिरों का देश मानता है और वह काफिरों के खिलाफ धार्मिक युद्ध की बात करता है. इसी वजह से वह गजवा ए हिंद की वकालत करता है. गजवा पैगंबर साहब द्वारा लड़े गए युद्ध को कहते हैं. कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी संगठन गजवा ए हिंद यानी हिंदुस्तान के साथ धर्म युद्ध की बात करके युवाओं को भ्रमित करते हैं और उन्हें आतंकवाद की ओर लेकर जाते हैं. इस काम में लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, अलकायदा और आईएस जैसे संगठन जुटे हुए हैं, जबकि इस्लाम इस तरह की कोई बात नहीं कहता है. मोहम्मद हाफिज को पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है और वे इन आतंकवादी संगठनों के जरिए हिंदुस्तान से छद्म युद्ध यानी पाॅक्सी वार करते हैं. हाफिज सईद ने 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 170 लोगों की मौत हुई थी.

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Sarkari Naukri 2025: चतरा को मिले 30 नए रोजगार सेवक, 19 को दिए गए नियुक्ति पत्र, इनकी भी जल्द होगी बहाली

Sarkari Naukri 2025: चतरा-झारखंड के चतरा जिले के समाहरणालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में शुक्रवार को 19 नवनियुक्त रोजगार सेवकों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया. बाकी रोजगार सेवकों को 20 मई तक विकास भवन में नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. विधायक जनार्दन पासवान, डीसी रमेश घोलप, कुमार उज्ज्वल, जिप अध्यक्ष ममता कुमारी, उपाध्यक्ष बिरजू तिवारी और डीडीसी अमरेंद्र कुमार सिन्हा ने 19 रोजगार सेवकों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया. मौके पर एसी अरविंद कुमार, डीएलओ वैभव सिंह, जिला नियोजन पदाधिकारी मनु कुमार समेत कई उपस्थित थे. मनरेगा के तहत रोजगार सेवकों की हुई नियुक्ति मनरेगा के तहत सभी 19 रोजगार सेवकों को नियुक्ति पत्र दिया गया. रोजगार सेवकों की नियुक्ति प्रक्रिया डेढ़ वर्ष से चल रही थी. गुरुवार को रिजल्ट प्रकाशित किया गया. ये भी पढ़ें: Kal Ka Mausam: झारखंड में गर्मी, उमस और हीट वेव से बढ़ेगी परेशानी, 13 मई से फिर बदलेगा मौसम 30 में 19 को सौंपा गया नियुक्ति पत्र-डीसी डीसी रमेश घोलप ने कहा कि 30 लोगों को नियुक्ति पत्र देना था, जिनमें 19 रोजगार सेवकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है. शेष रोजगार सेवकों को 20 मई तक विकास भवन में नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. उन्होंने उन्हें निर्धारित समय तक नियुक्ति पत्र ले लेने को कहा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के 34 पदों सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, लेखा सहायक और कंप्यूटर सहायक की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी. ये भी पढ़ें: Chatra Crime: शराब के नशे में बेटे ने मां को पीट-पीट कर मार डाला, चतरा पुलिस ने किया अरेस्ट ये भी पढ़ें: India Pakistan Tension: हिंदुस्तान-पाकिस्तान तनाव के बीच इमरजेंसी से निबटने के लिए कितना तैयार है रिम्स? ये भी पढ़ें: हजारीबाग के इंदिरा गांधी स्कूल के क्वार्टर पर अवैध कब्जा, SDO के पास पहुंची शिकायत ये भी पढ़ें: सड़क निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप, विधायक दशरथ गागराई ने CM को सौंपा ज्ञापन The post Sarkari Naukri 2025: चतरा को मिले 30 नए रोजगार सेवक, 19 को दिए गए नियुक्ति पत्र, इनकी भी जल्द होगी बहाली appeared first on Naya Vichar.

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MEA Defence Briefing: पाकिस्तानी ड्रोन ने 36 ठिकानों को बनाया निशाना, तुर्की से जुड़ रहा है कनेक्शन, प्रेस कॉन्फ्रेंस में MEA ने क्या खुलासा किया?

MEA Defence Briefing: गुरुवार देर रात पाकिस्तान ने हिंदुस्तानीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की एक असफल कोशिश की. इस घटना पर जानकारी देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि 7 और 8 मई की रात पाकिस्तान ने हिंदुस्तानीय वायुसीमा का कई बार उल्लंघन किया. उनका उद्देश्य हिंदुस्तान के सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचाना था. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी कैलिबर के हथियारों से गोलीबारी की गई. इसके अलावा, लगभग 300 से 400 ड्रोन घुसपैठ के प्रयासों में इस्तेमाल किए गए. हिंदुस्तानीय सशस्त्र बलों ने समय रहते कार्रवाई करते हुए गतिज और गैर-गतिज साधनों से कई ड्रोन को मार गिराया और स्थिति को नियंत्रण में लिया. कर्नल कुरैशी ने इस पूरे अभियान को हिंदुस्तान की सुरक्षा के खिलाफ एक सुनियोजित और खतरनाक कदम बताया, जिसमें न सिर्फ सैन्य ढांचों को बल्कि आम नागरिकों को भी खतरे में डाला गया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की यह रणनीति क्षेत्रीय शांति और नागरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. #WATCH | Delhi: Colonel Sofiya Qureshi says, “..Around 300 to 400 drones were used (by Pakistan) to attempt infiltration at 36 locations…Forensic investigation of the wreckage of the drones is being done. Initial reports suggest that they are Turkish Asisguard Songar drones…” https://t.co/JndIIgFNYh pic.twitter.com/J1wc4gYPDQ — ANI (@ANI) May 9, 2025 वहीं, इस मामले पर कमेंट करते हुए कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों की निंदा की. उन्होंने कहा कि 7 मई को रात 08:30 बजे पाकिस्तान द्वारा किया गया ड्रोन और मिसाइल हमला विफल रहा, इसके बावजूद पाकिस्तान ने अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान जानबूझकर नागरिक विमानों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है ताकि हिंदुस्तानीय जवाबी कार्रवाई से बचा जा सके. यह न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास उड़ान भरने वाले अन्य देशों के विमानों के लिए भी खतरा है. कमांडर व्योमिका ने यह भी बताया कि हिंदुस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को नागरिक विमानों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, जबकि पाकिस्तान की ओर से कराची और लाहौर के बीच अभी भी सामान्य नागरिक उड़ानें चल रही हैं. फ्लाइट रडार 24 के डेटा के मुताबिक, पंजाब सेक्टर में हिंदुस्तानीय पक्ष पर उच्च स्तरीय वायु रक्षा चेतावनी जारी है और वहाँ कोई नागरिक विमान गतिविधि नहीं हो रही, जबकि पाकिस्तानी पक्ष में उड़ानें जारी हैं. इसे भी पढ़ें: सिंधु जल संधि से विश्व बैंक ने झाड़ा पल्ला, जानें क्या कहा? इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान ने हिंदुस्तान के भटिंडा मिलिट्री स्टेशन को भी टारगेट करने की कोशिश की. नियंत्रण रेखा पर तंगधार, अखनूर, उधमपुर सहित कई इलाकों में भी भारी गोलीबारी की गई, जिससे हिंदुस्तानीय सेना के कई जवान घायल हुए और कुछ को जान से हाथ धोना पड़ा. हिंदुस्तान ने इन हमलों का संयमित लेकिन प्रभावी जवाब दिया है, जिससे यह साफ संकेत गया है कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की जान की कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इसे भी पढ़ें: जेल से बाहर आएंगे इमरान खान? रिहाई के लिए कोर्ट में याचिका दायर The post MEA Defence Briefing: पाकिस्तानी ड्रोन ने 36 ठिकानों को बनाया निशाना, तुर्की से जुड़ रहा है कनेक्शन, प्रेस कॉन्फ्रेंस में MEA ने क्या खुलासा किया? appeared first on Naya Vichar.

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Patna Zoo: पटना जू में लीजिए रेन डांस का मजा, इसी महीने वाटर गार्डेन में बनेगा चेंजिंग रूम

Patna Zoo: गर्मी के इस मौसम में अगर आपको रेन डांस का आनंद लेना हो सबसे बेस्ट ऑप्शन पटना जू है. यहां पिछले साल दिसंबर महीने में ही वाटर गार्डेन (जल उद्यान) का उद्घाटन किया गया था.  इसमें 7 तरह के फाउंटेन लगाए गए हैं. वहीं अब पटना जू में मौजूद जल उद्यान में चेंजिंग रूम बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. इस जल उद्यान में दो चेंजिंग रूम बनेंगे. दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. इस चेंजिंग रूम को इसी महीने में बनाने का लक्ष्य रखा गया है. चेंजिंग रूम के लिए विभाग से मिली मंजूरी जल उद्यान के उद्‌घाटन के समय में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की पूर्व सचिव बंदना प्रेयषी ने चेंजिंग रूम बनाने को लेकर बात की थी. ऐसे में जू प्रशासन की ओर से चेंजिंग रूम बनाने को लेकर प्रस्ताव विभाग को दिया गया था. इसे अब स्वीकृति मिल चुकी है. फिलहाल पर्यटक सिर्फ फाउंटेन को देखकर जा रहे हैं. चेंजिंग रूम बनने के बाद इसका आनंद सभी ले सकेंगे. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें 2.45 करोड़ की लागत से बना जल उद्यान इस जल उद्यान के मुख्य फाउंटेन का डिजाइन इको पार्क में लगे झरने जैसा बनाया गया है. इसे पहाड़ीनुमा नेचुरल झरने का लुक दिया गया है. इस फाउंटेन की ऊंचाई 30 फीट है. इसके साइड से पाथवे बनाया गया है, जहां से विजिटर्स आ-जा सकेंगे. रेन डांस फाउंटेन के अलावा रहत फाउंटेन, वॉल फाउंटेन, फिश फाउंटेन, बैम्बू फाउंटेन, मिस्ट फाउंटेन और एलिफेंट फाउंटेन आकर्षण के केंद्र हैं. कुल 2.45 करोड़ रुपये की लागत से इस पूरे जल उद्यान को तैयार किया गया था. इसे भी पढ़ें: Bihar Civil Defence: बिहार में सिविल डिफेंस होगा मजबूत, आम लोग भी हो सकेंगे शामिल The post Patna Zoo: पटना जू में लीजिए रेन डांस का मजा, इसी महीने वाटर गार्डेन में बनेगा चेंजिंग रूम appeared first on Naya Vichar.

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Fake ATM News: एटीएम बंद होने की खबर निकली फर्जी! बैंकों ने कहा, उनके पास कैश भरपूर

Fake ATM News: हिंदुस्तान-पाकिस्तान के आपसी तनाव के बीच देश के बैंकों का एटीएम दो-तीन दिन बंद रहने की समाचार पूरी तरह से फर्जी निकली. सोशल मीडिया पर यह समाचार तेजी से वायरल हो रही थी. सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली फर्जी समाचारों का फैक्ट चेक करने वाले प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) और देश के दो प्रमुख बैंक हिंदुस्तानीय स्टेट बैंक (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने ऐसी समाचारों को नकली बताया है. एसबीआई-पीएनबी का दावा: एटीएम में नकदी पर्याप्त हिंदुस्तानीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत देश के कई दूसरे बैंकों ने शुक्रवार को कहा कि उनके एटीएम पूरी तरह से चालू हैं, उनमें पर्याप्त नकदी है और डिजिटल सर्विसेज सुचारू रूप से काम कर रही हैं. सोशल मीडिया पर आई उन समाचारों की पृष्ठभूमि में यह बयान जारी किया गया, जिनमें दावा किया गया था कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से आने वाले दिनों में एटीएम बंद हो सकते हैं. एसबीआई ने एक्स पर दी जानकारी हिंदुस्तान के सबसे बड़े प्रशासनी बैंक हिंदुस्तानीय स्टेट बैंक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट के जरिए अपने ग्राहकों को जानकारी दी है, ‘‘हमारे सभी एटीएम, सीडीएम/एडीडब्ल्यूएम और डिजिटल सर्विसेज पूरी तरह से चालू हैं और जनता के लिए उपलब्ध हैं.’’ हिंदुस्तान के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक ने अपने ग्राहकों को असत्यापित जानकारी पर भरोसा न करने की सलाह भी दी है. एसबीआई के साथ-साथ बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब एंड सिंध बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने भी इसी तरह के संदेश जारी किए. इसे भी पढ़ें: ITR-3 फॉर्म किसके लिए जरूरी है? रिटर्न फाइल करने से पहले जानिए अहम बातें डिजिटल सर्विसेज पहले की तरह चालू पंजाब नेशनल बैंक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हमारी सभी डिजिटल सर्विसेज भी सुचारू रूप से चल रही हैं, जिससे आपको घर बैठे सहज बैंकिंग अनुभव सुनिश्चित हो रहा है.’’ इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शाम को बैंकों और वित्तीय संस्थानों की साइबर सुरक्षा तैयारियों पर समीक्षा बैठक करेंगी. इसे भी पढ़ें: UPI Payments: देश के लाखों गाड़ी मालिकों को दिक्कत! कल से पेट्रोल पंप पर काम नहीं करेगा यूपीआई The post Fake ATM News: एटीएम बंद होने की समाचार निकली फर्जी! बैंकों ने कहा, उनके पास कैश भरपूर appeared first on Naya Vichar.

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Operation Sindoor: भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने कैसे पाकिस्तानी हमले को किया नाकाम 

Operation Sindoor:पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के लिए हिंदुस्तानीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. हिंदुस्तानीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर सटीकता से हमला किया गया. इस हमले में दर्जनों आतंकी के मारे जाने की सूचना है. हिंदुस्तानीय सेना को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरी आशंका थी कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आयेगा और छुप कर वार करेगा. यही कारण रहा कि पाकिस्तान के संभावित हमले से निपटने के लिए हिंदुस्तान की ओर से पहले ही एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय कर दिया गया था.  तीन स्तर पर हिंदुस्तान की ओर से एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती की गयी थी. इसका परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान की ओर से किए गए जवाबी हमले को हिंदुस्तानीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पूरी तरह नाकाम कर दिया. पाकिस्तान की ओर से भेजे गए आत्मघाती ड्रोन और मिसाइलों को पूरी तरह हिंदुस्तानीय सेना की ओर से नष्ट कर दिया गया. पाकिस्तान किसी भी ठिकाने पर हमला करने में नाकाम रहा. पाकिस्तानी कार्रवाई के जवाब में हिंदुस्तान की ओर से की गयी कार्रवाई में पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया गया और कई लड़ाकू विमानों को मार गिराने में सफलता हासिल की.  हिंदुस्तानीय एयर डिफेंस सिस्टम ने दिखाया दम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद सेना की एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए सशक्त कदम उठाया. इसके लिए इंटीग्रेटेड काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम(यूएएस), एस-400 सिस्टम, बराक-8 सिस्टम, आकाश सरफेस टू एयर मिसाइल और डीआरडीओ द्वारा निर्मित एंटी ड्रोन सिस्टम का विकास किया गया. हिंदुस्तानीय एयर डिफेंस सिस्टम ने सिर्फ पाकिस्तानी हमले को ही नाकाम नहीं किया, बल्कि सटीकता से जवाबी कार्रवाई को अंजाम दिया. जवाबी कार्रवाई में हिंदुस्तानीय सेना ने पाकिस्तान के एचक्यू-9 और रडार सिस्टम को पूरी तरह बर्बाद कर दिया.  वर्ष 2018 में रूस के साथ 35 हजार करोड़ रुपये की लागत से एस-400 सिस्टम खरीदने का समझौता किया और इसके तीन स्क्वाड्रन चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात हैं. वर्ष 2017 में इजरायल के साथ बराक मिसाइल सिस्टम के लिए समझौता किया गया. साथ ही स्वदेशी निर्मित आकाश मिसाइल सिस्टम हिंदुस्तानीय सीमा को सुरक्षित रखने में कारगर साबित हुआ है. इसके अलावा स्वदेशी निर्मित आत्मघाती ड्रोन का निर्माण शुरू हुआ और यह ड्रोन सटीक हमला करने में सक्षम है.  The post Operation Sindoor: हिंदुस्तानीय एयर डिफेंस सिस्टम ने कैसे पाकिस्तानी हमले को किया नाकाम  appeared first on Naya Vichar.

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