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May 15, 2025

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Rahul Gandhi Bihar Visit: दरभंगा में रोका गया राहुल गांधी का काफिला, छात्रों से करने जा रहे थे संवाद

Rahul Gandhi Bihar Visit: दरभंगा. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बिहार दौरे पर विवाद गहराता जा रहा है. दरभंगा पहुंचने के बाद राहुल गांधी अपने काफिले के साथ आंबेडकर छात्रावास की ओर निकले, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कर्पूरी चौक के पास राहुल गांधी के काफिले को रोका गया है. हालांकि, एयरपोर्ट पर मौजूद प्रशासन ने राहुल गांधी को बताया है कि आंबेडकर छात्रावास के आसपास धारा 163 लागू है. ऐसे में वहां ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम नहीं हो सकता है. इधर आंबेडकर छात्रावास के पास राहुल गांधी का मंच बना हुआ है और कई छात्र तथा कांग्रेसी कार्यकर्ता वहां ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम कराने पर अड़े हुए हैं. काफिला रोकने के बाद राहुल गांधी गाड़ी से उतर कर पैदल ही अंबेदकर छात्रावास की ओर निकल पड़े हैं. पटना में राहुल गांधी देखेंगे यह फिल्म दरभंगा में शिक्षा न्याय संवाद के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बिहार की राजधानी पटना में चर्चित फिल्म ‘फुले’ देखेंगे. राहुल गांधी यह फिल्म दलित वर्ग के लोगों और सिविल सोसायटी के लोगों के साथ देखेंगे. हालांकि, अभी दरभंगा में राहुल गांधी के कार्यक्रम स्थल को लेकर विवाद हो गया है. कांग्रेस को यहां आबंडेकर छात्रावास में शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली है. दरभंगा जिला प्रशासन ने टाउन हॉल में कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत दी है. पुलिस दलित छात्रों से बर्बरता कर रही दरभंगा अंबेडकर छात्रावास में राहुल गांधी की ‘शिक्षा न्याय संवाद’ की अनुमति नहीं देने और पुलिस के पहरा को कांग्रेस ने दमनकारी रवैया बताया है. पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर अभय दुबे ने सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि पुलिस वहां दलित छात्रों के साथ बर्बरता कर रही है. मधुबनी, समस्तीपुर से दरभंगा आ रहे छात्रों को रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद राहुल गांधी की सामाजिक न्याय की लड़ाई जारी रहेगी. Also Read: Folk Band: मिथिला का ‘फोक बैंड’ रसनचौकी, इन पांच वाद्ययंत्रों पर कभी नहीं बजता शोक धुन The post Rahul Gandhi Bihar Visit: दरभंगा में रोका गया राहुल गांधी का काफिला, छात्रों से करने जा रहे थे संवाद appeared first on Naya Vichar.

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बिहार चुनाव 2025: अलौली विधानसभा पर राजद की पैनी नजर, तेजस्वी को सीएम बनाने का लिया संकल्प

बिहार चुनाव को लेकर खगड़िया जिले में भी राजद ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. पिछले दिनों सामाजिक न्याय परिचर्चा के जरिए राजद ने सक्रियता दिखायी. अलौली विधानसभा में आयोजित सामाजिक न्याय परिचर्चा कार्यक्रम का उदघाटन विधायक मो. इजहार आसफी ने अन्य राजद नेताओं के साथ मिलकर किया. नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सभी को जुटने का आह्वान किया गया. तेजस्वी आएंगे तो देंगे सौगात, बोले विधायक राजद विधायक मो. इजहार आसफी ने इस दौरान कहा कि तेजस्वी यादव झूठा वादा नहीं करते. जो कहते हैं वो करते जरूर हैं. बिहार में अगर इसबार राजद की प्रशासन बनी तो गैस सिलेंडर की कीमत घटाकर 500 रुपए करेंगे. गरीब परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो अनाज और माई बहन योजना चलाकर सभी वर्गों की स्त्रीओं को 2500 रुपए देने की बात विधायक ने कही. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इसबार तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनायेगी और बिहार के विकास में रफ्तार लेकर आएंगे. ALSO READ: बिहार चुनाव 2025: जमालपुर विधानसभा का नब्ज टटोल रहे नेता, शिवदीप लांडे भी कर रहे दौरा लालू और तेजस्वी के कामों का किया जिक्र विधायक रामवृक्ष सदा ने कहा कि गरीबों के मसीहा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव न्याय के नेता हैं . बहुजन वर्ग के लिए लालू यादव के किए गए कामों का जिक्र उन्होंने किया.पूर्व एमएलसी प्रत्याशी सह राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश पर आयोजित सामाजिक न्याय परिचर्चा कार्यक्रम में पंचायत अध्यक्ष और बूथ अध्यक्ष सहित राजद के नेता भाग लेकर प्रशिक्षित हो रहे हैं . इसबार के विधानसभा चुनाव में राजद को वोट करवाकर तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाएंगे. The post बिहार चुनाव 2025: अलौली विधानसभा पर राजद की पैनी नजर, तेजस्वी को सीएम बनाने का लिया संकल्प appeared first on Naya Vichar.

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Jackfruit Recipe: कटहल बना इतना टेस्टी कि सब पूछें रेसिपी, स्नैक्स और डिनर दोनों के लिए परफेक्ट

Jackfruit Recipe: कटहल एक ऐसी सब्जी है जिसे कई लोग खाना पसंद करते हैं, लेकिन जब उसमें थोड़ा ट्विस्ट आ जाए तो उसका स्वाद और भी मजेदार हो जाता है. यह रेसिपी उन्हीं लोगों के लिए है जो कुछ नया और स्वाद से भरपूर खाना चाहते हैं. कटहल की खास बात ये है कि इसकी बनावट चिकन जैसी लगती है, और जब इसमें अच्छे मसाले जुड़ जाते हैं, तो इसका स्वाद लाजवाब हो जाता है. यह डिश ना सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि दिखने में भी इतनी अच्छी लगती है कि कोई भी देखते ही खा ले. घर में जब कुछ अलग बनाना हो या किसी को इम्प्रेस करना हो, तो यह कटहल की रेसिपी सबसे बढ़िया है. तो आइये जानते हैं कटहल की मजेदार रेसिपी बनाने की विधि. सामग्री कटहल पकाने के लिए: कटहल – 500 ग्राम (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)नमक – 1 छोटा चम्मचहल्दी पाउडर – 1/2 छोटा चम्मचपानी – आवश्यकतानुसार मसाले के लिए: दही – 1/2 कपकॉर्नस्टार्च – 4 बड़े चम्मचकश्मीरी लाल मिर्च पाउडर – 1 बड़ा चम्मचकाली मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मचनमक – 1 छोटा चम्मच (या स्वादानुसार) तलने के लिए: तेल – फ्राई करने के लिए तड़का (सॉस) के लिए: तेल – 1 से 2 बड़े चम्मचलहसुन – 10 से 15 कलियां (बारीक कटी हुई)हरी मिर्च – 2 से 3 (बारीक कटी हुई)करी पत्ते – 8 से 10टमाटर सॉस – 4 से 5 बड़े चम्मच विधि सबसे पहले कटहल को धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें. फिर प्रेशर कुकर में कटहल, थोड़ा नमक, हल्दी और पानी डालें. एक सीटी आने तक पकाएं. फिर कुकर ठंडा होने पर ढक्कन खोलें और कटहल को ठंडा कर लें. अब एक बर्तन में कटहल के टुकड़े डालें. उसमें दही, कॉर्नस्टार्च, कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर, काली मिर्च पाउडर, नमक और अदरक-लहसुन का पेस्ट मिलाएं. सब चीजों को अच्छे से मिलाकर कटहल के टुकड़ों पर अच्छे से लेप करें. अब एक कड़ाही में थोड़ा तेल गरम करें और उसमें कटहल के टुकड़े डालें. इन्हें मीडियम से हाई आंच पर 8 से 10 मिनट तक सेंकें जब तक वे हल्के सुनहरे और कुरकुरे न हो जाएं. फिर निकाल कर अलग रख लें. एक दूसरी कड़ाही में थोड़ा तेल गरम करें. उसमें बारीक कटा हुआ लहसुन, हरी मिर्च और करी पत्ते डालें. इन्हें हल्का भूनें. अब उसमें टमाटर सॉस डालें और मिलाएं. फिर पहले से तला हुआ कटहल डालें और अच्छे से मिक्स करें. गरमागरम परोसें और एन्जॉय करें. आप इसे स्नैक्स की तरह, रोटी या पराठे के साथ भी खा सकते हैं ये भी पढ़ें: Rajma Wrap Recipe: बच्चों को टिफिन में दें ये मजेदार ट्विस्ट, ट्राई करें ये हेल्दी और टेस्टी राजमा रैप ये भी पढ़ें: Banana Bajji Recipe: घर में झटपट बनाएं कच्चे केले के पकोड़े, स्वाद ऐसा कि बार-बार बनाना चाहेंगे The post Jackfruit Recipe: कटहल बना इतना टेस्टी कि सब पूछें रेसिपी, स्नैक्स और डिनर दोनों के लिए परफेक्ट appeared first on Naya Vichar.

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मंत्री योगेंद्र प्रसाद की अचानक बिगड़ी तबीयत, दौड़े-भागे अस्पताल पहुंचे इरफान अंसारी

Yogendra Prasad : झारखंड के उत्पाद एवं निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद की आज गुरुवार की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गयी. धुर्वा स्थित पारस अस्पताल में उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. जानकारी के अनुसार सीने में अचानक उठे दर्द के बाद तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी भी मंत्री का हाल-चाल जानने अस्पताल पहुंचे हैं. फिलहाल मंत्री का इलाज चल रहा है. उनके स्वास्थ्य को लेकर फिलहाल कोई अधिकारिक जानकारी सामने नहीं आयी है. इसे भी पढ़ें Traffic Challan: चालान काटने के मामले में झारखंड को 21वां स्थान, रोजाना कट रहे लगभग 1 हजार चालान, पहले स्थान पर है ये राज्य खुशसमाचारी: झारखंड से विदेशी बाजारों में पहुंचेगा करंज का बीज, इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ एमओयू पर सहमती Road Accident: उड़ीसा में हुई सड़क दुर्घटना में गोमिया के युवक की मौत, गांव में पसरा मातम The post मंत्री योगेंद्र प्रसाद की अचानक बिगड़ी तबीयत, दौड़े-भागे अस्पताल पहुंचे इरफान अंसारी appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Land Survey: जमाबंदी को लेकर राजस्व विभाग का नया आदेश, करबा लें ये जरुरी काम

Bihar Land Survey: पटना. बिहार प्रशासन के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने केंद्र और राज्य प्रशासन के विभिन्न विभागों व संस्थानों के लिए भूमि अधिग्रहण एवं स्वामित्व हस्तांतरण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. विभाग ने निर्देश जारी किया है कि जैसे ही किसी प्रशासनी संस्थान को भूमि हस्तांतरित की जाती है, उसी समय ऑनलाइन दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) और जमाबंदी के लिए आवेदन अनिवार्य रूप से किया जाए. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की. बैठक में हिंदुस्तानीय विमानपत्तन प्राधिकरण, रेलवे, दूरसंचार विभाग, बियाडा, एम्स पटना व दरभंगा, दानापुर कैंट समेत अन्य संस्थानों और जिलों के भू-अर्जन अधिकारी मौजूद रहे. ‘गवर्नमेंट लैंड म्यूटेशन पोर्टल’ का होगा उपयोग अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अब ‘गवर्नमेंट लैंड म्यूटेशन पोर्टल’ के माध्यम से प्रशासनी संस्थानों को मिली जमीन का ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा. इसके लिए संबंधित संस्थानों को भूमि प्राप्ति से संबंधित सभी अभिलेख विभाग को उपलब्ध कराना होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक यह दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे, तब तक पोर्टल पर म्यूटेशन और जमाबंदी की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकेगी. इस कदम से प्रशासनी जमीन के स्वामित्व में पारदर्शिता आएगी और रिकॉर्ड में किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना खत्म होगी. ऑनलाइन होगी सारी प्रक्रिया बैठक के दौरान सभी विभागों और संस्थानों ने अपने-अपने स्तर पर भूमि म्युटेशन में आ रही परेशानियों को साझा किया. इस पर विभाग ने निर्णय लिया कि प्रत्येक विभाग/संस्थान के लिए मुख्यालय स्तर से अलग-अलग तिथि निर्धारित की जाएगी. निर्धारित तिथि पर संबंधित विभाग के जानकार अधिकारी जो कंप्यूटर संचालन में दक्ष हों, भूमि से जुड़े सभी दस्तावेजों और नक्शों के साथ विभाग में उपस्थित रहेंगे. मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान कर दाखिल-खारिज और जमाबंदी की प्रक्रिया ऑनलाइन प्रारंभ कराई जाएगी. एम्स को दिए विशेष निर्देश दरभंगा और पटना स्थित एम्स को विशेष रूप से निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित जिला भू-अर्जन अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर दाखिल-खारिज एवं जमाबंदी की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करें. अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भूमि के हस्तांतरण के समय ही संबंधित विभागों को दाखिल-खारिज और जमाबंदी के लिए एक साथ आवेदन देना होगा. इससे रिकॉर्ड में पारदर्शिता बनी रहेगी और भूमि विवादों की संभावना कम होगी. हिंदुस्तानीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बैठक में बताया कि पूर्णिया और बिहटा में अधिग्रहित भूमि का आंशिक म्युटेशन हो चुका है, शेष भूमि का कार्य लंबित है. इसी प्रकार, रेलवे कॉलोनी, दानापुर द्वारा उठाए गए मामले पर विभाग ने निर्णय लिया कि उन्हें एक निर्धारित तिथि पर बुलाकर समस्या का समाधान किया जाएगा. Also Read: Folk Band: मिथिला का ‘फोक बैंड’ रसनचौकी, इन पांच वाद्ययंत्रों पर कभी नहीं बजता शोक धुन The post Bihar Land Survey: जमाबंदी को लेकर राजस्व विभाग का नया आदेश, करबा लें ये जरुरी काम appeared first on Naya Vichar.

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व्यक्तित्व गढ़ने की पाठशाला का नाम है परिवार

-डॉ ऋतु सारस्वत- International Family Day : परिवार एक शब्द मात्र नहीं अपितु संपूर्ण सभ्यताओं और समाज के विकास की नींव है. यह वह पाठशाला है जहां व्यक्तित्व गढ़े जाते हैं. यह वह जगह है जहां आपका मूल्यांकन आपकी सफलता और असफलता से नहीं होता. यह वह जगह है जहां बाहरी दुनिया की तमाम नाकामियों और हताशा के बाद सुकून का आलिंगन मिलता है और ढाढस भी. परंतु क्या हम इस परिवार से दूर नहीं होते जा रहे, यह ‘प्रश्न’ है या ‘कथन’, यह निश्चित तो आपको ही करना होगा. क्योंकि अगर यह प्रश्न है, तो इसका उत्तर आपसे बेहतर किसी के पास नहीं है. अगर यह कथन है, तो इसकी सहमति या असहमति का निर्णय भी आप ही कर सकते हैं. दुनियाभर में परिवार का अस्तित्व खतरे में है. हिंदुस्तान भी इससे अछूता नहीं है. यकीनन यह कथन आपको असत्य प्रतीत होगा क्योंकि हमें अपने चारों ओर परिवारों का जमघट दिखाई देता है. ऐसे परिवार जहां पति-पत्नी और शिशु एक साथ रह रहे हैं, पर क्या वाकई यही हिंदुस्तानीय परिवार का वास्तविक स्वरूप है? नहीं, एकल परिवार हिंदुस्तान की संस्कृति की पहचान नहीं है. माता-पिता, चाचा-चाचा ऐसे रिश्तों के ताने-बाने में गुथा परिवार एक सुदृढ़ हिंदुस्तानीय परिवार की छवि थी, परंतु यह सब कुछ बदल कैसे गया. एकल परिवार की परिपाटी ने क्यों और कैसे वर्चस्व पा लिया? इस प्रश्न का उत्तर त्वरित रूप से यही होगा कि ‘नौकरी, शहर और छोटे घर, कहां बड़े परिवारों की गुंजाइश बचती है… एकल परिवार तो अब विवशता है, इसमें किसी का दोष नहीं.’ पर क्या यह अधूरा सत्य नहीं है? क्या यह सत्य नहीं कि दायित्वों का भय हमें झूठे आवरण ओढ़ने पर विवश करता है? क्या यह सच नहीं कि धन और सुविधाओं को साझा करने की अनिच्छा हमें एकल परिवार की ओर उकसाती है? विश्वास कीजिए, हमें इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है? इस सत्य का आभास अभी नहीं, तो आने वाले कुछ वर्षों में अवश्य होगा. जिस व्यस्तता और विवशता की हम दुहाई देकर माता-पिता के साथ रहने से हिचकते हैं, वह विवशता नहीं विलासिता की चाह है. स्वयं द्वारा अर्जित धन केवल अपनी आवश्यकताओं और अपने बच्चों की अनगिनत आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए व्यय करने की सोच, हर रिश्ते से दूरी बनाने के लिए प्रेरित करती है. अंतहीन सुखों की चाह, बच्चों को बेहतर से बेहतर भौतिक सुविधाएं देने की आकांक्षा के बीच हम एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं जिनके लिए रिश्तों के कोई मायने शेष नहीं बचेंगे. और इसमें उनका कतई दोष नहीं होगा क्योंकि हमने स्वयं उनके हाथों में परिवार के विकल्प के रूप में लैपटॉप, टीवी और वीडियो गेम्स की वह छद्म और मायावी दुनिया थमा दी है जो उन्हें वास्तविक रिश्तों से स्वत: ही दूर करती चली जा रही है. ‘ममता’, ‘स्नेह’, बड़ों का ‘आलिंगन’, चचेरे भाई-बहनों का साथ और साझा करने की संस्कृति ही एक संपूर्ण व्यक्तित्व बनाती है. एक ऐसा व्यक्तित्व जिसमें मानवता, साहस, सामंजस्य, सहनशीलता, त्याग, दायित्व निर्वहन का भाव पल्लवित होता है. इन भावों का पोषण परिवार से प्राप्त होता है. एक स्वस्थ और सामंजस्यपूर्ण परिवार बच्चों में भावनात्मक संतुलन, सहयोग की भावना, शैक्षिक उत्कृष्टता और सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद करता है. इससे न केवल बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार होते हैं. इंडियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से यह साबित हुआ है कि एक मजबूत पारिवारिक जीवन व्यक्ति की जीवन संतुष्टि का महत्वपूर्ण आधार होता है. हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा एक अध्ययन किया गया था, जिसका उद्देश्य सफल बच्चों की परवरिश के गहन रहस्यों को उजागर करना था. इस महत्वपूर्ण अनुसंधान में 268 पुरुष हार्वर्ड छात्रों के जीवन की गहन पड़ताल की गयी, जिससे उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत, सफलताओं और असफलताओं का सूक्ष्म विश्लेषण संभव हो सका. इस अध्ययन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और स्पष्ट निष्कर्ष यह था कि एक सफल और संतुष्ट जीवन के लिए प्रेमपूर्ण परिवार और स्वस्थ संबंधों का होना नितांत आवश्यक है. दुखद, परंतु सत्य है कि धीरे-धीरे परिवारों से प्रेम विलुप्त-सा होता जा रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण ‘अहं’ है जो हमारे किरदार को इतना बड़ा बना देता है कि उसके आगे हमें रिश्ते छोटे नजर आने लगते हैं. हम बाहर की दुनिया में सामंजस्य स्थापित करने की न केवल कोशिश करते हैं बल्कि कई बार चुभने वाली बातों की अवहेलना तक कर देते हैं. परंतु बात जब परिवार की आती है तो हम कोई समझौता करने के लिए तैयार नहीं होते. परिवार संजोने और संवारने के लिए है, ना कि ‘टेकन फॉर ग्रांटेड ‘लेने के लिए. हमारी सबसे बड़ी परेशानी यह है कि हमें लगता है कि हमारा रास्ता ही सबसे सही है और बाकी सब गलत. यह सोच ही परिवार तोड़ती है. ‘कुछ सहकर और बहुत कुछ नजरअंदाज करके ही जीवन को आसान बनाया जा सकता है. हर पल इस बात को याद रखकर कि अगर परिवार है तो हम हैं. The post व्यक्तित्व गढ़ने की पाठशाला का नाम है परिवार appeared first on Naya Vichar.

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International Day of Families 2025: परिवार ही है हर रिश्ते की नींव, जानिए फैमिली डे से जुड़ी खास बातें

International Day of Families 2025: कोई भी इंशन कभी भी अपने फैमिली के बिना नहीं रह सकता है. किसी कि भी ज़िंदगी की शुरुआत ही फाइमली के साथ होती है. माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, नाना-नानी समेत कई सारे रिश्ते उन्हें मिलते है जब वो पहली बार इस दुनिया पनि पहली सांस को लेते है. फैमिली ही उसे हर लोगों से जोड़ता है, उस एपहचन दिलाता है. परिवार ही आपके अच्छे- बुरे वक्त में आपका साथ देता है. ऐसे में फैमिली से जुड़े मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 15 मई को अंतरारष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है. तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि अंतरारष्ट्रीय परिवार दिवस क्यों मनाते है, क्या है इसका इतिहास.  क्या है पूरा इतिहास पूरी दुनिया में परिवार के महत्व को सभी लोग जानते हैं. साल 1994 में पहली बार अंतरारष्ट्रीय परिवार दिवस दीवार मनाया गया. अंतरारष्ट्रीय परिवार दिवस कि शुरुआत 1989 में हुई थी. इस दिन संयुक्त राष्ट्र सभा कि बैठक में पहली बार परिवार कि अहमियत पर चर्चा की गई. 1993 में UNGA ने एक संकल्प में फैमिली डे के लिए 15 मई की तारीख तय की थी. 1994 को अंतरारष्ट्रीय परिवार दिवस के रूप में इस घोषित किया गया था.   यह भी पढ़ें: Relationship Tips: सुखी एवं खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए नवविवाहिता इन बातों का रखें ख्याल क्या है इस साल का थीम  हर वर्ष फैमिली डे के लिए थीम तय कि जाती है. साल 2005 में अंतरारष्ट्रीय परिवार दिवस का थीम है 2024 की थीम या उसका  विषय “परिवार और जलवायु परिवर्तन थी.    The post International Day of Families 2025: परिवार ही है हर रिश्ते की नींव, जानिए फैमिली डे से जुड़ी खास बातें appeared first on Naya Vichar.

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खुशखबरी: झारखंड से विदेशी बाजारों में पहुंचेगा करंज का बीज, इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ एमओयू पर सहमती

Jharkhand News : बड़ी विदेशी कंपनी अब झारखंड से करंज (पोंगामिया) के बीज खरीदेंगे. इसके लिए झारखंड प्रशासन की संस्था सिदो-कान्हू एग्रीकल्चर एंड फॉरेस्ट प्रोड्यूस को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (सिद्धकोफेड) और अंतरराष्ट्रीय कंपनी टर्विवा के बीच एमओयू होगा. राज्य के किसानों और टर्विवा के बीच सिद्धकोफेड समन्वय का काम करेगी. फेडरेशन ने एमओयू का प्रारूप तैयार किया है, जिस पर फेडरेशन की उपाध्यक्ष सह कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सहमति जता दी है. वहीं, विभाग भी एमओयू के प्रारूप पर मंथन कर रहा है. क्या है टर्विवा कंपनी ? टर्विवा की टीम ने झारखंड में करंज के बाजार का आकलन आकर चुकी है. टर्विवा कंपनी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में काम करती है. इसके अलावा हिंदुस्तान के पुणे में भी टर्विवा का प्रोसेसिंग प्लांट है. यहां से प्रोसेस कर उत्पाद विदेशों में भेजा जाता है. कंपनी करंज के बीज से सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) बनाती है. इससे खाद्य तेल भी बनाया जाता है. कंपनी इसके लिए दूसरी कंपनियों से समझौता किया है. इसके अनुसार सालाना 5,00,000 किलोलीटर एसएएफ की आपूर्ति सुनिश्चित करना है. जानकारी के अनुसार कंपनी वित्तीय वर्ष 2028 में अपने टोकुयामा कॉम्प्लेक्स में सालाना 2,50,000 किलोलीटर एसएफ उत्पादन करने की योजना बना रही है. झारखंड की ताजा समाचारें यहां पढ़ें झारखंड में करंज बीज 45-50 रुपये किलो झारखंड में पहले चरण में करीब 1 लाख टन करंज के बीज संग्रहण की योजना है. इसके लिए सिद्धकोफेड ने सभी जिलों में संग्राहकों के साथ बैठक की है. संस्था का मानना है कि जून से इसका संग्रहण कर कंपनी को आपूर्ति हो पायेगा. अभी झारखंड में करंज बीज 45-50 रुपये किलो के आसपास है. अभी इसका संग्रहण कर स्थानीय बाजार में बेचा जाता है. कोई व्यवस्थित सिस्टम नहीं है. सिद्धकोफेड के सचिव राकेश कुमार सिंह बताते हैं कि संस्था का एक प्रयास है. टर्विवा से कई दौर की बात हुई है. इसके बाद एमओयू करने पर सहमति बनी है. झारखंड के वनों में कई तरह के उत्पाद हैं, जिनका बाजार है. इसको व्यवस्थित करने की दिशा में एक प्रयास है. इसे भी पढ़ें RIMS Ranchi: निजी अस्पतालों की लापरवाही से जूझता रिम्स, गंभीर हालत में मरीजों को किया जा रहा रेफर Traffic Challan: चालान काटने के मामले में झारखंड को 21वां स्थान, रोजाना कट रहे लगभग 1 हजार चालान, पहले स्थान पर है ये राज्य Road Accident: उड़ीसा में हुई सड़क दुर्घटना में गोमिया के युवक की मौत, गांव में पसरा मातम The post खुशसमाचारी: झारखंड से विदेशी बाजारों में पहुंचेगा करंज का बीज, इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ एमओयू पर सहमती appeared first on Naya Vichar.

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ATS investigation Jharkhand: जांच में बड़ा खुलासा, झारखंड मॉड्यूल के आतंकी रच रहे थे बड़े नेता की हत्या की साजिश

ATS investigation Jharkhand: धनबाद से गिरफ्तार प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर के झारखंड मॉड्यूल के आतंकियों ने दक्षिणपंथ से जुड़े एक बड़े नेता की हत्या की साजिश रची थी. इसे अंजाम देने के लिए उन्होंने मुंगेर से हथियार खरीदे थे. जानकारी के अनुसार, एटीएस के अधिकारियों को उक्त जानकारी केस की जांच करते वक्त मिली. जांच के दौरान एटीएस को आरोपियों के मोबाइल फोन से रिकवर डिजिटल डाटा से इससे जुड़े सबूत मिले हैं. मोबाइल फोन से रिकवर किया गया डाटा बता दें कि मोबाइल फोन से साक्ष्य मिले है कि मुंगेर के हथियार सप्लायर से उक्त नेता की हत्या के लिए हथियार और गोली खरीदे गये थे. हथियार खरीदने के लिए एक फोटो भी ह्वाट्सऐप के जरिये भेजा गया था. इसके बाद हथियार की डिलीवरी हुई थी. फिलहाल, एटीएस के अधिकारी हत्या को अंजाम देने के लिए बनायी गयी योजना से जुड़े अन्य साक्ष्य की तलाश कर रहे हैं. झारखंड की समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें एटीएस ने की थी छापेमारी और गिरफ्तारी मामले के संबंध में एटीएस को पूर्व में सूचना मिली थी कि हिज्ब उत तहरीर के आतंकी राज्य के कुछ युवकों को अपने नेटवर्क से जोड़कर सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से गुमराह कर रहे हैं. इसके अलावा अवैध आर्म्स का व्यापार तथा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं. इस सूचना पर एटीएस ने 26 अप्रैल को धनबाद जिला के विभिन्न स्थानों में छापेमारी की थी. इस दौरान एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन से जुड़े गुलफाम हसन, अयान जावेद, मो शहजाद आलम एवं शबनम परवीन को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के दौरान इनके पास से हथियार, गोली, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और भारी मात्रा में प्रतिबंधित संगठन से जुड़े दस्तावेज/पुस्तकें बरामद किये गये थे. एटीएस ने 30 अप्रैल को चारों आतंकियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी. इसके बाद एक अन्य संदिग्ध आतंकी अम्मार याशर को गिरफ्तार किया गया था, जो भूली ओपी क्षेत्र के शमशेर नगर का रहनेवाला था. वह पूर्व में इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़ा था. इसे 2014 में जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद यह 10 सालों तक जेल में रहने के बाद मई 2024 में जमानत पर छूटा था. इसे भी पढ़ें RIMS Ranchi: निजी अस्पतालों की लापरवाही से जूझता रिम्स, गंभीर हालत में मरीजों को किया जा रहा रेफर Murder in Bokaro: बेरमो में गोली मारकर व्यक्ति की हत्या, घटनास्थल पर पहुंचे विधायक जयराम महतो Pink City Bus Ranchi: पिंक सिटी बस सेवा पड़ी फीकी, आम बसों में सफर करने को मजबूर स्त्रीयें Bokaro Mob Lynching: स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने की पेंक के पीड़ित परिवार से मुलाकात, कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा The post ATS investigation Jharkhand: जांच में बड़ा खुलासा, झारखंड मॉड्यूल के आतंकी रच रहे थे बड़े नेता की हत्या की साजिश appeared first on Naya Vichar.

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Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: लीप से पहले इस एक्टर ने शो छोड़ना किया कंफर्म, रूही का भी कटेगा पत्ता

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: स्टार प्लस का पॉपुलर सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है काफी चर्चा में है. शो को लेकर अफवाह हैं कि इसमें लीप आने वाला है. फिलहाल, समृद्धि शुक्ला और रोहित पुरोहित मुख्य भूमिकाएं निभा रहे हैं. वे क्रमशः अभीरा और अरमान के रूप में नजर आ रहे हैं. कहानी चौथी पीढ़ी की है. अरमान और अभीरा अब माता-पिता बन गए हैं और उनकी जिंदगी बेटी पूकी के इर्द-गिर्द घूमती है. अरमान एक ओवर प्रोटेक्टिव पिता बन चुके हैं, जिसे हर बात से दिक्कत होती रहती है. वह अभीरा को अनदेखा कर रहा है और भावनात्मक रूप से उसे चोट पहुंचा रहा है. शो से आर्यन पोद्दार का कटा पत्ता ऐसा लगता है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है में लीप के बाद कई स्टार्स का पत्ता कटने वाला है. जी हां दरअसल मंथन सेतिया के एक पोस्ट ने फैंस को उत्सुक कर दिया है. अभिनेता शो में आर्यन पोद्दार की भूमिका निभाते हैं, जो वह अरमान के चचेरे भाई हैं. मंथन ने सेट से कुछ तस्वीरें शेयर की. जिसके बाद एक फैन ने उनसे पूछा कि क्या वह सीरियल में लीप आने के बाद भी दिखाई देंगे. इसपर अभिनेता ने बस ‘नहीं’ कहकर जवाब दिया. इससे उनके फैंस काफी हैरान हो गए हैं कि क्या उन्होंने शो से बाहर निकलने की पुष्टि की है. कई लोगों ने कहा कि वे ये रिश्ता क्या कहलाता है में आर्यन पोद्दार को मिस करेंगे. So Manthan won’t be a part of the show post leap, this was cast was something else, really don’t want anyone of them to leave the show, their bond was so beautiful 🥹#Yrkkh #Abhimaan pic.twitter.com/WwVP2WWrPD — 𝐒𝐞𝐣𝐣𝐣𝐣 ( 𝓐𝓫𝓱𝓲𝓶𝓪𝓪𝓷’𝓼 𝓟𝓡🤍) (@typicalteazz) May 15, 2025 समृद्धि शुक्ला ने लीप को लेकर कही थी ये बात ये रिश्ता क्या कहलाता है के निर्माताओं की ओर से लीप के बारे में अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है. बीते दिनों समृद्धि शुक्ला ने इंडिया फोरम संग बात करते हुए लीप की अफवाहों पर रिएक्ट किया था. उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. मेकर्स ने कुछ नहीं बताया है, तो अभी कुछ कमेंट नहीं कर सकती हैं. गर्विता साधवानी के शो छोड़ने की है अफवाह इससे पहले, गर्विता साधवानी उर्फ ​​रूही के शो छोड़ने की अफवाहें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. दरअसल एक्ट्रेस ने एक पोस्ट शेयर किया था. जिसमें इमोजी के तौर पर उन्होंने एक तितली, अलविदा और एक अनंत इमोजी ऐड की. इससे फैंस को लगा कि क्या वह शो छोड़ने का इशारा तो नहीं कर रही हैं ना. ये रिश्ता क्या कहलाता है में लीप के बाद क्या कुछ बदलाव होंगे. इसको लेकर महज अफवाहे चल रही है. यह भी पढ़ें- Madhuri Dixit Net Worth: फिल्मों से लेकर बिजनेस तक, कितनी अमीर हैं धक-धक गर्ल? The post Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: लीप से पहले इस एक्टर ने शो छोड़ना किया कंफर्म, रूही का भी कटेगा पत्ता appeared first on Naya Vichar.

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