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May 16, 2025

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नीट एमडीएस का रिजल्ट जारी

संवाददाता, पटना नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीइएमएस) ने नीट एमडीएस का रिजल्ट जारी कर दिया है. मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी के लिए नीट में शामिल होने वाले उम्मीदवार वेबसाइट natboard.edu.in पर अपना रिजल्ट देख सकते हैं. एनबीइएमएस अधिसूचना के अनुसार कुल 30,435 उम्मीदवार नीट एमडीएस 2025 में शामिल हुए थे. रिजल्ट जारी होने के बाद काउंसेलिंग शेड्यूल जल्द जारी कर दिया जायेगा. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post नीट एमडीएस का रिजल्ट जारी appeared first on Naya Vichar.

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Motihari: पुलिस ने एक अपहृता को किया गिरफ्तार

Motihari: हरसिद्धि . थाना क्षेत्र के हरसिद्धि बाबू टोला निवासी बीरेंद्र ठाकुर ने अपने पुत्री की अपहरण कर लेने का प्राथमिकी दर्ज कराया था. जिसमें गांव के ही प्रमिला देवी पर आरोप लगाया था कि उसने मेरी पुत्री को अपहरण कर लिया है. जिसमें पुलिस ने कांड संख्या 63/20 दर्ज कर अनुसंधान शुरू रखा था. इसी बीच पुलिस ने आरोपी प्रमिला देवी को गिरफ्तार किया. पूछताछ में प्रमिला देवी ने बताया कि लड़की की अपहरण नहीं हुआ है. वह पलनवा थाना के पिंकु सिंह से भागकर विवाह कर लिया है. पुलिस छापेमारी कर पलनवा थाना के सहयोग से अपहृता पूजा देवी को गिरफ्तार किया. इसकी पुष्टि करते हुए थानाध्यक्ष सर्वेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि सूचना के आधार पर छापेमारी कर अपहृता पूजा देवी को गिरफ्तार किया गया है. आज पूजा तीन शिशु की मां बन चुकी हैं. उसे 183 बीएनएस का बयान हेतु शनिवार को मोतिहारी भेजा जाएगा. पूजा ने बताई कि अपहरण का केस झूठा है. मैं अपनी मर्जी से भागकर पिंकू सिंह से विवाह की हूं. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Motihari: पुलिस ने एक अपहृता को किया गिरफ्तार appeared first on Naya Vichar.

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पांच महीने नियोजित शिक्षकों को नहीं मिला है वेतन- प्रदेश अध्यक्ष

कुमारखंड. बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार शिक्षक एकता मंच के संयोजक प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि सूबे के हजारों नियोजित शिक्षकों को दिसंबर 2024 से वेतन नहीं मिला है. पांच माह बीतने के बाद भी वेतन नहीं दिया गया है. ज्ञात हो कि जीओबी मद से वेतन पाने वाले राज्यभर के प्रारंभिक नियोजित शिक्षकों के लिए राज्य प्रशासन द्वारा जिले को राशि का आवंटन दिसंबर 2024 से नहीं दिया जा रहा है, जिससे नियोजित शिक्षकों को पांच माह से बिना वेतन का ही विद्यालय में पठन पाठन कार्य करना पड़ रहा है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना भी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य से शिक्षा विभाग आदेश निर्गत करता है कि शिक्षकों के वेतन भुगतान के बाद ही जिले में डीईओ व डीपीओ का वेतन भुगतान होगा, लेकिन जिले को वेतन भुगतान के लिए राशि का आंवटन ही नहीं देता है. दूसरे तरफ प्रत्येक माह प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान करने की प्रशासन की दावा भी खोखला साबित हो गया है, जबकि शिक्षकों पर नित्य प्रतिदिन नये-नये आदेश थोपते रहते हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव व निदेशक को ज्ञापन देकर मांग किया कि राज्य के सभी जिलों को जीओबी मद में राशि का आवंटन अविलंब दें. ताकि नियोजित शिक्षकों के पांच माह से लंबित वेतन भुगतान हो सकें. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post पांच महीने नियोजित शिक्षकों को नहीं मिला है वेतन- प्रदेश अध्यक्ष appeared first on Naya Vichar.

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राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर निकाली गयी जागरूकता रैली

मुंगेर जिला स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया. जिसे लेकर जिला मलेरिया कार्यालय से एएनएम स्कूल की छात्राओं व मलेरिया विभाग कर्मियों ने जागरूकता रैली निकाली. जिसे सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार सिन्हा तथा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. रामप्रवेश ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जागरूकता रैली जिला मलेरिया कार्यालय से प्रारंभ होकर सदर अस्पताल, कोतवाली चौक, एक नंबर ट्रैफिक होते हुये किला गेट तक पहुंची. जहां से वापस सदर अस्पताल पहुंची. इस दौरान छात्राओं ने डेंगू से संबंधित पैंपलेट वितरित कर आमजन को डेंगू के लक्षण और उससे बचाव को लेकर जानकारी दी. सिविल सर्जन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस का थीम चेक, क्लीन, कवर, स्टेप टू डिफिट डेंगू है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि डेंगू की जांच सभी प्रशासनी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है. साथ ही सभी प्रशासनी स्वास्थ्य संस्थानों में इसका समुचित इलाज उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव को लेकर घर के आसपास जल जमाव न होनें दें, कूड़ा-कचरा एवं गंदगी न फैलायें. दिन में भी मच्छरदानी का प्रयोग करें. बरसात के समय डेंगू फैलने की संभावना सबसे अधिक होती है. ऐसे में बचाव के प्रति सजग रहना आवश्यक है, क्योंकि जानकारी ही बचाव का सबसे सही उपाय है. मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार पंकज कुमार प्रणय, राजकुमार प्रसाद आदि मौजूद थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर निकाली गयी जागरूकता रैली appeared first on Naya Vichar.

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Murder For Dowry: शादी के 15 दिनों बाद नवविवाहिता की संदिग्ध मौत, TMH में शव छोड़ भागे ससुरालवाले, दहेज हत्या का केस दर्ज

Murder For Dowry: जमशेदपुर-जमशेदपुर के ओल्ड सोनारी एमपी रोड स्थित एक मकान में नवविवाहिता रीता कुमारी महतो की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी. रीता की शादी महज 15 दिन पहले, 29 अप्रैल 2025 को चंदन कुमार महतो से हुई थी. गुरुवार शाम को रीता की तबीयत बिगड़ने पर उसे टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पति चंदन और ससुराल वाले शव को अस्पताल में छोड़कर फरार हो गए. मृतका के पिता ने लगाया दहेज हत्या का आरोप मृतका का मायका गम्हरिया के चित्रगुप्त नगर में है. पिता बैद्यनाथ महतो ने सोनारी थाने में पति चंदन कुमार महतो, ससुर देवेन महतो और सास सावित्री महतो के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया है. बैद्यनाथ महतो के अनुसार रीता उनके पांच बच्चों में मंझली थी. उन्होंने शादी में अपनी सामर्थ्य अनुसार दहेज में सभी सामग्री दी थी, लेकिन दामाद चंदन ने शादी से पहले एक 2.50 लाख की मोटरसाइकिल की मांग की थी. उसे भी एक महीने बाद देने का वादा किया था, फिर भी दहेजलोभियों ने बेटी को मार डाला. हालांकि ससुराल पक्ष के लोगों का कहना है कि रीता ने आत्महत्या की है. ये भी पढ़ें: झारखंड में चार बच्चों की मां और उसके प्रेमी पर पति ने कुल्हाड़ी से किया हमला, प्रेमी की मौत, पत्नी की हालत गंभीर शादी के अगले दिन से ही रीता को करने लगे थे प्रताड़ित बैद्यनाथ ने बताया कि आर्थिक कारणों से उन्होंने शादी के समय बाइक देने में असमर्थता जताते हुए एक महीने बाद बाइक देने का आश्वासन दिया था. इसके बावजूद शादी के अगले दिन से ही रीता को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा. 30 अप्रैल को एक रस्म के लिए बेटी को घर लाया था. फिर एक मई को दामाद चंदन बेटी को साथ सोनारी ले गया. उसके बाद से सभी उसे प्रताड़ित करने लगे, जिसके कारण 11 मई को बेटी को अपने घर गम्हरिया ले आया. 14 मई को दामाद चंदन फिर बेटी को अपने घर ले गया. बैद्यनाथ महतो के अनुसार 12 मई को उन्होंने मोटरसाइकिल बुक भी कर दी थी. कंपनी वालों ने 24 मई को मोटरसाइकिल डिलीवरी करने की बात कही थी. इस बीच 15 मई की शाम दामाद समेत उसके पिता देवेन महतो और सास सावित्री महतो ने मिलकर बेटी की हत्या कर दी. पुलिस ने शुरू की जांच पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. जब पुलिस चंदन के घर पहुंची, तो पूरा परिवार फरार मिला. थाना प्रभारी ने बताया कि मृतका के पिता के बयान पर दहेज हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है. ये भी पढ़ें: शिबू सोरेन के विचारों से भटक गया है JMM, आजसू मिलन समारोह में हेमंत सोरेन प्रशासन पर बरसे सुदेश महतो The post Murder For Dowry: शादी के 15 दिनों बाद नवविवाहिता की संदिग्ध मौत, TMH में शव छोड़ भागे ससुरालवाले, दहेज हत्या का केस दर्ज appeared first on Naya Vichar.

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रांची की साक्षी ने फोर्ब्स अंडर-30 में मारी धमाकेदर एंट्री, बताती है पैसे कमाने का गुर

Forbes Under-30: रांची की साक्षी जैन ने फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया 2025 की प्रतिष्ठित सूची में स्थान बनाकर अपने शहर और देश का नाम रोशन किया है. यह सूची एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 30 वर्ष से कम आयु के उन युवा उद्यमियों, नेताओं और इनोवेटर्स को सम्मानित करती है, जो अपने क्षेत्र में असाधारण प्रभाव डाल रहे हैं. साक्षी को सोशल मीडिया, मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग श्रेणी में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए चुना गया है. साक्षी जैन का काम साक्षी जैन एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और लोकप्रिय कंटेंट क्रिएटर हैं, जो सोशल मीडिया पर वित्तीय साक्षरता (फाइनेंशियल लिटरेसी) को बढ़ावा देती हैं. उनके इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लाखों फॉलोअर्स हैं, जहां वे जटिल वित्तीय अवधारणाओं को सरल और आकर्षक तरीके से पेश करती हैं. व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन, निवेश, कर योजना और बजट जैसे विषयों पर उनके वीडियो और पोस्ट युवाओं, विशेष रूप से मिलेनियल्स और जेन-जेड के बीच खासे लोकप्रिय हैं. साक्षी का कंटेंट न केवल शिक्षित करता है, बल्कि लोगों को सूचित वित्तीय निर्णय लेने के लिए प्रेरित भी करता है. उनकी अनूठी शैली ने उन्हें डिजिटल दुनिया में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाया है, जिसमें हास्य और रोजमर्रा की कहानियों का मिश्रण होता है. फोर्ब्स में चयन का आधार फोर्ब्स की चयन प्रक्रिया सावधानीपूर्वक और पारदर्शी है. उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनकी उपलब्धियों, सामाजिक प्रभाव, और उनके उद्योग को बदलने की क्षमता के आधार पर किया जाता है. साक्षी का चयन उनके द्वारा वित्तीय साक्षरता के क्षेत्र में किए गए नवाचारों और व्यापक प्रभाव के कारण हुआ. फोर्ब्स ने 4000 उम्मीदवारों में से 900 को शॉर्टलिस्ट किया, जिसमें साक्षी ने अपनी अनूठी कंटेंट रणनीति और बड़े पैमाने पर ऑडियंस तक पहुंच के आधार पर जगह बनाई. उनकी सामग्री ने न केवल व्यक्तियों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाया, बल्कि डिजिटल मार्केटिंग में नए मानक भी स्थापित किए. साक्षी जैन के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स साक्षी जैन का सोशल मीडिया पर लाखों सब्सक्राइबर्स हैं. इसमें इंस्टाग्राम पर 1.7 मिलियन, यूट्यूब पर 6.90 लाख और लिंक्डइन पर 1.50 लाख फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर्स हैं. साक्षी जैन ने रांची के नामकुम के बिशप वेस्टकोट गर्ल्स स्कूल से 10वीं और डीपीएस से 12वीं की पढ़ाई की है. उन्होंने 2021 में रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीकॉम किया. इसे भी पढ़ें: ट्रेड एग्रीमेंट से शराब कारोबारियों में हड़कंप, सता रहा नुकसान का खौफ युवाओं में काफी प्रभावी हैं साक्षी जैन साक्षी जैन रांची के युवाओं में काफी पॉपुलर और प्रभावी हैं. उनकी उपलब्धि रांची जैसे शहरों के युवाओं के लिए प्रेरणा है, जहां वैश्विक मंच पर पहचान बनाना एक बड़ा सपना माना जाता है. उनकी कहानी दर्शाती है कि डिजिटल युग में प्रतिभा और समर्पण किसी भी भौगोलिक सीमा को पार कर सकता है. फोर्ब्स की इस मान्यता ने साक्षी को और अधिक लोगों तक पहुंचने का अवसर प्रदान किया है, जिससे वे हिंदुस्तान में वित्तीय साक्षरता के स्तर को और ऊपर ले जा सकती हैं. इसे भी पढ़ें: ड्रीम 11 से चतरा के दर्जी ने जीते 3 करोड़ रुपये, टैक्स चुकाने के बाद कितना मिला पैसा? जानें पूरा कैलकुलेशन The post रांची की साक्षी ने फोर्ब्स अंडर-30 में मारी धमाकेदर एंट्री, बताती है पैसे कमाने का गुर appeared first on Naya Vichar.

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Sabudana Fruit Custard Recipe: गर्मियों में बनाएं ठंडा-ठंडा साबूदाना फ्रूट कस्टर्ड, जानें विधि 

Sabudana Fruit Custard Recipe: साबूदाना फ्रूट कस्टर्ड एक हल्का और सेहतमंद डिश है, जिसे आप खास मौकों पर या रोजाना भी बना सकते हैं. गर्मी में इसे खाने से शरीर को ताजगी मिलने के साथ ठंडा-ठंडा महसूस होता है. साबूदाने का इस्तेमाल आमतौर पर व्रत के दौरान किया जाता है. लेकिन कई बार इसे आम दिनों में भी खाया जाता है. ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल में साबूदाना और ताजे फलों से कस्टर्ड बनाने के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं इसे बनाने की विधि के बारे में.  साबूदाना फ्रूट कस्टर्ड बनाने की सामग्री (Ingredients for Sabudana Fruit Custard) साबूदाना – 1 कप दूध – 3 कप चीनी – स्वादानुसार कस्टर्ड पाउडर – आधा चम्मच  फल – 1 कप (सेब, केला, पपीता, अंगूर, अनार आदि) इलायची पाउडर – आधा चम्मच  पानी – 1 कप (साबूदाना उबालने के लिए) यह भी पढ़ें: Homemade Rusk Recipe: चाय की हर चुस्की को बनाएं खास, घर पर आज ही ट्राई करें होममेड रस्क साबूदाना फ्रूट कस्टर्ड बनाने की विधि (Method to make Sabudana Fruit Custard) सबसे पहले साबूदाना को अच्छे से धोकर एक बर्तन में 1 कप पानी में आधे घंटे के लिए भिगो दें. इसके बाद, एक पैन में पानी गरम करें और उसमें साबूदाना डालकर उबालें. अब इसे छानकर अलग रख लें.  अब एक छोटे बर्तन में 3 कप दूध लें, फिर उसमें कस्टर्ड पाउडर डालें और अच्छे से मिला लें. फिर इसे धीमी आंच पर गरम करें और लगातार चलाते रहें. जब दूध गाढ़ा होने लगे, तो उसमें स्वादानुसार चीनी डालें.  अब साबूदाना को तैयार हुए कस्टर्ड में डालें और अच्छे से मिक्स करके गैस बंद कर दें.  अब आप तैयार कस्टर्ड में सेब, केला, पपीता, अंगूर, अनार, या संतरा डालकर इसे ठंडा करने के लिए फ्रिज में रख दें. अब इसे ठंडा-ठंडा सर्व करें और परिवार या दोस्तों के साथ खाकर आनंद लें. यह भी पढ़ें: Rajbhog Ice Cream: स्वाद ऐसा कि भूल जाएंगे बाजार का स्वाद, बिना झंझट के घर पर बनाएं शाही राजभोग आइसक्रीम The post Sabudana Fruit Custard Recipe: गर्मियों में बनाएं ठंडा-ठंडा साबूदाना फ्रूट कस्टर्ड, जानें विधि  appeared first on Naya Vichar.

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Why is Turkey against India: तुर्की भारत के खिलाफ क्यों? वजह जान हो जाएंगे हैरान

Why is Turkey against India : तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगन हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व में लगातार चर्चा में बने हुए हैं. इसका एक प्रमुख कारण यह है कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हिंदुस्तान के खिलाफ उसकी सैन्य कार्रवाई में समर्थन दिया. एर्दोगन ने न सिर्फ पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया कराए, बल्कि PoK में हिंदुस्तानीय कार्रवाई की निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय जांच की पाकिस्तान की मांग का समर्थन भी किया. यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने पाकिस्तान का पक्ष लिया हो इससे पहले भी वह संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के समर्थन में बोल चुके हैं. घरेलू मोर्चे पर मिली बड़ी जीत (Why is Turkey Against India) तुर्की के भीतर भी एर्दोगन ने एक बड़ी नेतृत्वक उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) को समाप्त करने का दावा किया है, जो चार दशकों से तुर्की प्रशासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष कर रही थी. इसी दौरान अमेरिका ने सीरिया पर लगे प्रतिबंधों में ढील दी, जिससे अंकारा का दमिश्क पर प्रभाव और मजबूत हुआ है. इसके अलावा, अमेरिका और तुर्की के बीच 300 मिलियन डॉलर की मिसाइल डील भी हुई है. इसे भी पढ़ें: 16 से 21 मई तक भयंकर आंधी-तूफान और भारी बारिश का खतरा, IMD ने इन राज्यों में जारी किया अलर्ट विरोधों के बीच विदेश नीति से ध्यान भटका रहे एर्दोगन घरेलू नेतृत्व में विरोध का सामना कर रहे हैं. इस्तांबुल के लोकप्रिय मेयर एक्रेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के खिलाफ मार्च से मई तक हजारों लोगों ने प्रदर्शन किए. आलोचकों का कहना है कि इमामोग्लू की गिरफ्तारी नेतृत्वक बदले की कार्रवाई है. लेकिन एर्दोगन अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर सक्रिय रहकर इन घरेलू मुद्दों से ध्यान हटाने में सफल रहे हैं. रूस-यूक्रेन वार्ता और वैश्विक छवि निर्माण हाल ही में तुर्की ने रूस-यूक्रेन शांति वार्ता की मेजबानी की, जिसमें शुरुआत में पुतिन, जेलेंस्की और ट्रम्प के शामिल होने की संभावना थी, लेकिन अंतिम समय में उन्होंने भाग नहीं लिया. जेलेंस्की ने अपने रक्षा मंत्री को भेजा. इस वार्ता के जरिए एर्दोगन यूरोप में खुद को एक निर्णायक शक्ति के रूप में पेश करना चाहते हैं. इसे भी पढ़ें: सबसे ज्यादा शराब किस देश के लोग पीते हैं? हिंदुस्तान या पाकिस्तान एशिया में दखल और पाकिस्तान से करीबी एर्दोगन की निगाहें सिर्फ यूरोप तक सीमित नहीं हैं. वह पाकिस्तान के माध्यम से दक्षिण एशिया में भी अपने प्रभाव को मजबूत करना चाहते हैं. हिंदुस्तान-पाक युद्ध विराम की घोषणा के बाद, पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एर्दोगन की भूमिका की सार्वजनिक सराहना की. हालांकि हिंदुस्तान ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नकार दिया, लेकिन तुर्की का बढ़ता प्रभाव साफ नजर आ रहा है. सुन्नी नेतृत्व की ओर कदम विशेषज्ञों का मानना है कि एर्दोगन अजरबैजान और पाकिस्तान जैसे देशों का समर्थन कर और हिंदुस्तान व आर्मेनिया जैसे देशों का विरोध कर खुद को वैश्विक सुन्नी मुस्लिम नेतृत्व के केंद्र में लाना चाहते हैं. पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे सुन्नी बहुल देशों के साथ उनके रिश्ते इसी रणनीति का हिस्सा हैं. वहीं हिंदुस्तान और सऊदी अरब तथा यूएई के बीच बढ़ती नजदीकी तुर्की को खटक रही है. इसे भी पढ़ें: 21 दिन की कैद, हर रात पूछताछ, जासूस जैसा टॉर्चर, पाकिस्तान से रिहा BSF जवान की दास्तां The post Why is Turkey against India: तुर्की हिंदुस्तान के खिलाफ क्यों? वजह जान हो जाएंगे हैरान appeared first on Naya Vichar.

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Defense: पाकिस्तान के हर हमले काे नाकाम करने वाले आकाश तीर की सफलता से दुनिया हैरान

Defense: पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान वायुसेना के लड़ाकू विमान और मिसाइल ने पाकिस्तान के कई ठिकानों को तबाह कर दिया. हिंदुस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान पूरी तरह विफल हो गया. पाकिस्तान को अक्षम बनाने में हिंदुस्तानीय एयर डिफेंस सिस्टम आकाशतीर का अहम रोल रहा. यह हिंदुस्तानीय हवाई क्षेत्र को अभेद्य बना दिया और पाकिस्तान की सभी रणनीति फेल हो गयी. आकाशतीर ने पाकिस्तान की ओर से दागे गए सभी मिसाइल और सैकड़ों ड्रोन को रोक दिया. आकाशतीर स्वदेशी निर्मित एयर डिफेंस कंट्रोल और रिपोर्टिंग सिस्टम है. आकाशतीर बनाने में कई साल की मेहनत लगी और यह हिंदुस्तानीय वैज्ञानिकों की तकनीक के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की सोच को दर्शाता है. वहीं पाकिस्तान एयर डिफेंस सिस्टम के लिए दूसरे देशों की एचक्यू-9 और एचक्यू-16 पर निर्भर था, जो किसी भी हिंदुस्तानीय हमले को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहा. आकाशतीर ने हवा में हिंदुस्तान की प्रभुता को साबित किया.  स्वचालित रूप से डिजायन किया हुआ सिस्टम है आकाशतीर आकाशतीर ऑटोनोमस डिफेंस सिस्टम ने वास्तविक समय में टारगेट को पूरी तरह से तबाह किया. साथ ही ड्रोन हमलों से निपटने में भी अपनी ताकत का परिचय कराया. यह कंट्रोल रूम, रडार और एक डिफेंस गन को एक कॉमन, रियल टाइम में एयर पिक्चर मुहैया कराता है, जिससे समन्वित एयर डिफेंस ऑपरेशन करना आसान हो जाता है. दुश्मन के विमान, ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैकिंग करने और उन्हें निशाना बनाने के लिए स्वचालित रूप से डिजाइन किया गया सिस्टम है. रडार सिस्टम, सेंसर और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी को एक ही ऑपरेशनल फ्रेमवर्क में समाहित किया गया है. आकाशतीर व्यापक कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर, इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टोही फ्रेमवर्क का हिस्सा है, जो अन्य सिस्टम के साथ समन्वय का काम करता है.  भविष्य के युद्ध के लिए है कारगर विश्व के विशेषज्ञ भी आकाशतीर की सफलता से हैरान हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे युद्ध क्षेत्र में आने वाले समय में व्यापक बदलाव आयेगा. आकाशतीर की सफलता से हिंदुस्तान बेहतर एयर सिस्टम का निर्माण करने के लिए दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है. यह दुश्मन के खतरे को सिर्फ तेजी से नहीं भांपता, बल्कि उतनी तेजी से उसे नष्ट करने का भी काम करता है. यह हिंदुस्तान के लिए सिर्फ तकनीक नहीं बल्कि हाइब्रिड वार, सीमापार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का अहम हथियार बन गया है. ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित किया है कि हिंदुस्तान का भविष्य विदेशी हथियार तकनीक पर नहीं बल्कि स्वदेशी तकनीक पर निर्भर है. आकाशतीर हिंदुस्तानीय सेना का प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम है. यह आसानी से वायुसेना के एयर डिफेंस सिस्टम आईएसीसीएस और नौसेना के त्रिगुण के साथ समन्वय बना सकता है. इससे सेना को युद्ध क्षेत्र की रियल टाइम जानकारी हासिल हो जाती है. यह सिस्टम वाहन-आधारित है जिसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है. हिंदुस्तान सिर्फ आकाशतीर ही नहीं बल्कि कई हथियारों का स्वदेशी निर्माण कर रहा है.  The post Defense: पाकिस्तान के हर हमले काे नाकाम करने वाले आकाश तीर की सफलता से दुनिया हैरान appeared first on Naya Vichar.

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Operation Sindoor: आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की कूटनीतिक तैयारी, सांसदों का दल विदेश का करेगा दौरा

Operation Sindoor: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर से दुनिया के प्रमुख देशों को अवगत कराने के लिए प्रशासन की ओर से सभी दलों के सांसदों की टीम भेजने का फैसला लिया गया है. प्रशासन विदेश में हिंदुस्तान के पक्ष रखने के लिए सांसदों की 8 टीम भेजने की तैयारी कर रही है. सभी टीम में 6-7 सांसद हो सकते हैं.  जानकारों के मुताबिक पहले चरण में सांसदों की टीम पांच देशों का दौरा करेगी. दौरा का पहला चरण  22 मई से शुरू होकर 3 जून को खत्म हो सकता है. इस दौरे का मकसद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से हिंदुस्तान पर पड़ने वाले प्रभाव और ऑपरेशन सिंदूर के महत्व से इन देशों को अवगत कराना है. इस दौरान सांसदों का प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर पाकिस्तान के झूठ को सामने रखेगा. साथ ही ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठ से भी अवगत कराएगा.  हिंदुस्तान ने साफ कर दिया है कि अब आतंकवादी हमले को युद्ध के तौर पर लिया जाएगा. ऐसे में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इस बाबत हिंदुस्तान के पक्ष से प्रमुख देशों को अवगत कराएगा और पाकिस्तान के आतंकवाद पर दिखावे की कार्रवाई की भी जानकारी देगा. सूत्रों के मुताबिक प्रशासन विभिन्न देशों की प्रशासन और मीडिया के जरिए आतंकवाद को लेकर मजबूती से अपना पक्ष रखने की योजना पर काम कर रही है. इस बाबत संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से बातचीत कर रहे है. संसदीय कार्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर सांसदों के दल का समूह बनाने की कवायद शुरू की है. कांग्रेस भी इस दल में होगी शामिल कांग्रेस ने सभी दल के सांसदों के समूह में शामिल होने की बात कही है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद हुए दो सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता नहीं की. ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे हालात पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को भी प्रशासन ने स्वीकार नहीं किया. प्रशासन एकता की बात कर रही है, लेकिन भाजपा की ओर से लगातार कांग्रेस को निशाना बनाया जा रहा है. लेकिन अब अचानक प्रशासन ने आतंकवाद और पाकिस्तान पर विदेश में पक्ष रखने के लिए सभी दलों के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला लिया है. कांग्रेस हमेशा से राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में देश के साथ खड़ी रही है और कभी भी इस मुद्दे पर नेतृत्व नहीं की है. लेकिन भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी नेतृत्व करती है. कांग्रेस का मानना है कि पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए उनकी पार्टी हर स्तर पर और हर मुद्दे पर प्रशासन का समर्थन जारी रखेगी, लेकिन जहां उसे जरूरी लगेगा वहां सवाल पूछने से भी पीछे नहीं हटेगी. पहले भी प्रशासन ने हिंदुस्तानीय प्रतिनिधिमंडल को भेजा है विदेश ऐसी संभावना है कि इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हो सकते हैं. हालांकि शशि थरूर के हाल में दिए बयान से कांग्रेस नाराज बतायी जा रही है. हालांकि प्रशासन उनके कूटनीतिक अनुभव का लाभ लेने के लिए सांसदों की टीम में शामिल करना चाहती है. सांसदों का दल अमेरिका, ब्रिटेन, कतर, यूएई, फ्रांस, रूस सहित विभिन्न देशों का दौरा कर सकते हैं. गौरतलब है कि इससे पहले भी हिंदुस्तानीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाकर पाकिस्तान की कारगुजारियों को बताते रहे हैं. इससे पहले जनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हिंदुस्तान ने अपना पक्ष रखा था. उस प्रतिनिधिमंडल में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी शामिल थे. तब पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार आयोग में जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार का मुद्दा उठाने के लिए प्रयत्नशील था, लेकिन उनकी मंशा पर हिंदुस्तानीय सांसदों के दल ने पानी फेर दिया. 2008 में मुंबई हमलों के बाद भी हिंदुस्तानीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश का दौरा कर हिंदुस्तान का पक्ष रखा था. The post Operation Sindoor: आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर पर हिंदुस्तान की कूटनीतिक तैयारी, सांसदों का दल विदेश का करेगा दौरा appeared first on Naya Vichar.

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