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May 17, 2025

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Dipika Kakar को हुई गंभीर बीमारी पर ननद सबा इब्राहिम ने तोड़ी चुप्पी, कहा- कितना भी रो लो…

Dipika Kakar: टेलीविजन अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ इन-दिनों लीवर ट्यूमर से गुजर रही है. उनके पति शोएब इब्राहिम ने यूट्यूब व्लॉग के जरिए फैंस को उनका हेल्थ अपडेट शेयर किया. शोएब ने कहा कि दीपिका के लीवर में टेनिस बॉल जितना ट्यूमर डायग्नोज हुआ है. जिससे उनकी सर्जरी करवानी पड़ेगी. हमने कई और जांच किए, लेकिन कैंसर का कुछ फिलहाल निकला नहीं है. आप लोग बस दुआ कीजिए, कि सबकुछ ठीक हो जाए. अब एक्ट्रेस की ननद सबा इब्राहिम ने भी भाभी की बीमारी पर चुप्पी तोड़ी है. दीपिका की बीमारी पर क्या बोली ननद सबा सबा इब्राहिम और उनके पति खालिद नियाज ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो डाला, जिसमें दीपिका कक्कड़ के लिवर ट्यूमर पर बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी प्रेग्नेंसी और शिशु से ज्यादा भाभी की चिंता है. वह उनके अच्छे स्वास्थ्य और जल्दी ठीक होने की प्रार्थना कर रही हैं. एक्ट्रेस ने कहा, “अल्लाह पर भरोसा रखना जरूरी है… ये चीज मैंने इस टाइम पर सीखी है, क्योंकि आप कितना भी रो लो, कर लो, कुछ नहीं होगा. 2-3 दिन सब ठीक है.” दीपिका की हालत जान रो पड़ी थी सबा सबा ने आगे बताया कि शुरुआत में वह दीपिका से नहीं मिली थीं और उनके पेट में दर्द होने के बारे में उन्हें सिर्फ अपनी मां से पता चला था, लेकिन जब डॉक्टर ने दीपिका को सीटी-स्कैन कराने की सलाह दी, तो वह हैरान रह गईं. उन्होंने कहा, “हम आपस में चर्चा कर रहे थे कि सीटी स्कैन क्यों सुझा रहे हैं. सामान्य पेट दर्द में तो अल्ट्रासाउंड होता है. हालांकि जब पता चला, तो मैं रोने लगी थी. भाभी को ट्यूमर निकालने के लिए सर्जरी करवानी होगी.” खालिद नियाज ने यह कहा इसके अलावा, व्लॉग में खालिद ने खुलासा किया कि सबा अगले हफ्ते अपने शिशु को जन्म देगी. उन्होंने सभी से दीपिका और सबा के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध किया. उन्होंने यह भी कहा कि दीपिका एक बेहद मजबूत स्त्री हैं और वह हर परिस्थिति को पार कर लेगी. यह भी पढ़ें- Phir Hera Pheri 3: सुनील शेट्टी ने परेश रावल के हेरा फेरी 3 छोड़ने पर तोड़ी चुप्पी, कहा- बाबू भैया के बिना श्याम… The post Dipika Kakar को हुई गंभीर बीमारी पर ननद सबा इब्राहिम ने तोड़ी चुप्पी, कहा- कितना भी रो लो… appeared first on Naya Vichar.

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Supreme Court: क्या राष्ट्रपति की आपत्ति से बदलेगा सुप्रीम कोर्ट का निर्णय? जानें क्या है अनुच्छेद 143

Supreme Court: हिंदुस्तान की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हिंदुस्तानीय संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सर्वोच्च न्यायालय से राय मांगी है. यह मामला राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर राष्ट्रपति और राज्यपालों द्वारा निर्णय लेने की समयसीमा तय करने से संबंधित है. यह संदर्भ सुप्रीम कोर्ट के 8 अप्रैल 2024 के फैसले के बाद आया है, जिसमें अदालत ने कहा था कि राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए.  Article 143 क्या है? संविधान का अनुच्छेद 143(1) राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे किसी भी महत्वपूर्ण कानूनी या संवैधानिक प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श ले सकें. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की यह राय बाध्यकारी नहीं होती, लेकिन इसका संवैधानिक महत्व काफी अधिक होता है. संविधान के अनुच्छेद 145(3) के तहत इस तरह की राय कम से कम पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दी जाती है. राष्ट्रपति ने यह संदर्भ 13 मई को भेजा, जिसमें कुल 14 कानूनी प्रश्न शामिल हैं. इन प्रश्नों में न केवल विधेयकों पर निर्णय की समयसीमा से जुड़े मुद्दे शामिल हैं, बल्कि यह भी पूछा गया है कि सुप्रीम कोर्ट को खुद यह पहले तय करना चाहिए या नहीं कि कोई मामला संविधान की व्याख्या से संबंधित है, जिससे उसे बड़ी पीठ को सौंपा जा सके. एक प्रश्न सुप्रीम कोर्ट की अनुच्छेद 142 के तहत “पूर्ण न्याय” करने की शक्ति की सीमाओं को लेकर भी है. वहीं, अंतिम प्रश्न केंद्र और राज्यों के बीच विवादों की मूल सुनवाई के अधिकार क्षेत्र पर केंद्रित है कि क्या यह सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के पास है या अन्य अदालतों के पास भी? इसे भी पढ़ें: कंगाल पाकिस्तान अपने सेना प्रमुख को कितनी सैलरी देता है? हिंदुस्तान के सेनाध्यक्ष से ज्यादा या कम क्या Supreme Court का राय देगा? इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने कुछ मामलों में राय देने से इनकार किया है. 1993 में राम जन्मभूमि–बाबरी मस्जिद विवाद में जब मंदिर की पूर्वस्थिति पर राय मांगी गई थी, तब कोर्ट ने धार्मिक और संवैधानिक मूल्यों का हवाला देते हुए मना कर दिया था. 1982 में पाकिस्तान से आए प्रवासियों के पुनर्वास से संबंधित एक कानून पर राय मांगी गई थी, लेकिन कानून पारित हो जाने और उस पर याचिकाएं दायर हो जाने से राय अप्रासंगिक हो गई थी. इस बार के मामले को लेकर यह आशंका भी उठी है कि कहीं राष्ट्रपति पहले से दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना तो नहीं चाहतीं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट पहले स्पष्ट कर चुका है कि अनुच्छेद 143 के तहत दी गई राय किसी न्यायिक निर्णय की समीक्षा या उसे पलटने का जरिया नहीं बन सकती. 1991 में कावेरी जल विवाद में कोर्ट ने कहा था कि पहले दिए गए निर्णय पर दोबारा राय मांगना न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ है. इसे भी पढ़ें: तुर्की हिंदुस्तान के खिलाफ क्यों? वजह जान हो जाएंगे हैरान पूरा विवाद कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संतुलन की बहस को फिर से सामने लाता है. विपक्ष-शासित राज्यों में विधेयकों को राज्यपालों द्वारा लंबे समय तक रोककर रखने या अस्वीकार करने की घटनाओं से यह मुद्दा गरमाया है. तमिलनाडु के राज्यपाल ने ऐसे 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थिति को केंद्र और राज्य के संबंधों में असंतुलन बताया और समयसीमा जरूरी ठहराई. इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को कार्यपालिका की गरिमा के खिलाफ बताया. अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस संवैधानिक मुद्दे पर क्या राय देता है और यह राय केंद्र-राज्य संबंधों और संविधान की व्याख्या को किस दिशा में ले जाएगी. इसे भी पढ़ें: एक बूंद तेल का तोहफा मिलने से ट्रंप भड़के, बोले क्या मजाक है ये? वीडियो वायरल The post Supreme Court: क्या राष्ट्रपति की आपत्ति से बदलेगा सुप्रीम कोर्ट का निर्णय? जानें क्या है अनुच्छेद 143 appeared first on Naya Vichar.

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Dahi Parwal: परवल की सब्जी खाकर हो गए हैं बोर, तो ट्राई करें ये खास रेसिपी, जानिए बनाने की विधि

Dahi Parwal: दही तड़का और दही आलू तो बहुत लोग खाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी दही के साथ परवल की सब्जी बनाई है? अगर नहीं, तो ये एक नया और बहुत ही टेस्टी डिश है. परवल हल्का और पौष्टिक सब्जी है. जब इसे दही के साथ बनाया जाता है, तो इसका स्वाद और भी ज्यादा अच्छा और अलग हो जाता है. इसे बनाना बहुत ही आसान होता है. इसलिए अगर आप बिना देर किए कुछ टेस्टी और हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो दही परवल जरूर बनाएं. इस आर्टिकल में दही परवल की सब्जी बनाने की विधि के बारे में बताया गया है. दही परवल बनाने की सामग्री  परवल (Parwal) – 500 ग्राम दही – 1 कप तेल – 2 बड़े चम्मच जीरा – 1 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर – आधा छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटी चम्मच धनिया पाउडर – 1 छोटी चम्मच गरम मसाला – आधा  छोटी चम्मच नमक – स्वादानुसार हरी मिर्च – 1-2 (बारीक कटी हुई) अदरक का पेस्ट – 1 छोटी चम्मच हरा धनिया – सजाने के लिए यह भी पढ़ें: Soya Chilli Recipe: वेज होते हुए भी देगा नॉनवेज जैसा स्वाद, घर पर बनाएं चटपटी सोया चिली दही परवल बनाने की सामग्री  सबसे पहले परवल को धोकर अच्छे से छील लें और इसे 2 हिस्सों में काट लें.  इसके बाद दही को अच्छे से फेंट लें  और गाढ़ा बना लें. अब कड़ाही में तेल गरम करें, फिर उसमें जीरा का तड़का लगाएं. जब जीरा चटकने लगे तो उसमें अदरक पेस्ट और हरी मिर्च डालकर भूनें. परवल डालकर इसे मध्यम आंच पर 5-7 मिनट तक भूनें.फिर इसमें हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर और नमक डालकर अच्छे से मिलाएं.  इसके बाद अब इसमें फेंटा हुआ दही धीरे-धीरे डालें और लगातार चलाते रहें जिससे वह फटे नहीं.  कड़ाही को ढककर धीमी आंच पर 8-10 मिनट तक पकाएं जब तक परवल नरम हो जाए, तब आखिरी में इसमें गरम मसाला मिक्स करें. अंत में इसमें हरा धनिया डालकर सजाएं और गरम-गरम रोटी और चावल के साथ परोसें.  यह भी पढ़ें: Arbi Ke Patte Ki Sabji: सेहत के साथ-साथ स्वाद का भी मजा, देसी तरीके से बनाएं अरबी के पत्ते की सब्जी  The post Dahi Parwal: परवल की सब्जी खाकर हो गए हैं बोर, तो ट्राई करें ये खास रेसिपी, जानिए बनाने की विधि appeared first on Naya Vichar.

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Jharkhand Weather: कल झारखंड में तूफान मचायेगा तांडव, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Jharkhand Weather: झारखंड में 18 मई को तूफान तांडव मचाने वाला है. इसे लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को झारखंड के अधिकतर हिस्सों में तेज हवाओं के साथ तूफान का पूर्वानुमान जताया गया है. 18 मई को राज्य के दक्षिणी, मध्य और उत्तर-पूर्वी भागों के करीब 20 जिलों में आंधी और 60 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति की तेज हवाएं चलेंगी, जिससे तूफान आने की आशंका है. इन 20 जिलों में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी कर दिया है. 21 तक राज्य के कई हिस्सों में बारिश की संभावना इस संबंध में रांची मौसम विज्ञान केंद्र के उपनिदेशक अभिषेक आनंद ने शनिवार को कहा कि ‘‘शनिवार से मौसम में बदलाव होने की संभावना है. इस दौरान बंगाल की खाड़ी से नमी आने के कारण हल्की बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है.’’ इसके साथ ही 21 मई तक राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. झारखंड की समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें तापमान में आयेगी गिरावट मौसम विभाग के अनुसार, इस बदलाव के कारण अगले दो दिन में अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है. बता दें कि शुक्रवार को झारखंड में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा. इस दौरान राज्य का सबसे गर्म जिला डालटनगंज रहा, जहां 42.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. वहीं, गोड्डा, गढ़वा और सरायकेला में तापमान क्रमशः 41.7, 41.5 और 40.6 डिग्री सेल्सियस रहा. राजधानी रांची में शुक्रवार को तापमान सामान्य से 2.5 डिग्री अधिक 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसे भी पढ़ें Champai Soren: घुसपैठियों पर केंद्र के कदम को चंपाई सोरेन ने सराहा, कहा- इन्हें डिपोर्ट करना होगा आसान बोकारो विधायक श्वेता सिंह के नाम दो PAN कार्ड, उठे कई सवाल Babulal Marandi : झारखंड प्रशासन पर बाबूलाल मरांडी का तीखा प्रहार, बोले- आरोपी को मुआवजा, लेकिन पीड़िता के लिए मौन The post Jharkhand Weather: कल झारखंड में तूफान मचायेगा तांडव, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट appeared first on Naya Vichar.

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मुंगेर के तारापुर में भाजपा ने निकाली भव्य तिरंगा यात्रा, पीएम मोदी के लिए बोले बीजेपी प्रवक्ता…

हिंदुस्तानीय सेना के शौर्य को नमन करते हुए मुंगेर के तारापुर में शुक्रवार की शाम को तिरंगा यात्रा निकाली गई. नगर पंचायत क्षेत्र के धौनी बजरंगबली स्थान से भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट सह प्रदेश प्रवक्ता जयराम विप्लव एवं मनमोहन चौधरी के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली गई .मुख्य बाजार का भ्रमण करते हुए शहीद स्मारक स्थल तक तिरंगा यात्रा पहुंची. जहां पूर्व सैनिकों को फूल-माला पहनाकर सम्मानित किया गया. बोले प्रदेश प्रवक्ता प्रदेश प्रवक्ता जयराम विप्लव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों और उनके आकाओं के सीने पर दागी गई मिसाइल है. यह हिंदुस्तान की रणनीतिक परिपक्वता, निर्णायक नेतृत्व और तीनों सेनाओं के शौर्य का वैश्विक उद्घोष है. हिंदुस्तान ने दिखा दिया है कि वह बिना युद्ध की घोषणा किए दुश्मन की सीमा में घुसकर जवाब देने में सक्षम है. हिंदुस्तानीय वायुसेना ने मात्र 90 मिनट में पाकिस्तान पर इतने मिसाइल दागे कि वह घुटनों पर आ गया. ALSO READ: बांका में भाजपा की तिरंगा यात्रा, हिंदुस्तानीय सेना के शौर्य को सड़क पर उतरकर सलाम करेगी बीजेपी पीएम मोदी के संदेश के बारे में बताया… भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि हिंदुस्तान अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल, स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म और छद्म युद्ध को बर्दाश्त नहीं करेगा. हिंदुस्तान प्रशासन ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान से वार्ता अब केवल दो विषयों पर होगी. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और आतंकवाद. वहीं बड़ी संख्या में नागरिक, व्यापारी, सामाजिक संगठन और युवा हाथों में तिरंगा लेकर यात्रा में शामिल हुए और हिंदुस्तान माता की जय व वंदे मातरम के जयकारे लगाये. सैकड़ों लोग हुए शामिल तिरंगा यात्रा में शंभु शरण चौधरी, चैंबर ऑफ कॉमर्स के मो. मुजाहिद, अफजल हौदा, पूर्व फौजी रौशन सिंह राठौर, मंगल सिंह मंगल, रामावतार राजहंस, अश्वनी राजहंस, विनीत सिंह, सिद्धांत सिंह, शुभम रॉक सहित सैकड़ों तारापुरवासी शामिल थे. The post मुंगेर के तारापुर में भाजपा ने निकाली भव्य तिरंगा यात्रा, पीएम मोदी के लिए बोले बीजेपी प्रवक्ता… appeared first on Naya Vichar.

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देश की सुरक्षा में सेंध? मथुरा में अवैध बांग्लादेशियों का भंडाफोड़

MATHURA: देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध घुसपैठ पर नकेल कसने के मकसद से केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने मथुरा में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस संयुक्त अभियान में स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग की टीमों ने मिलकर मथुरा के विभिन्न इलाकों में छापेमारी करते हुए 90 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. यह ऑपरेशन कई दिनों तक चली खुफिया निगरानी और सूचनाओं के आदान-प्रदान का नतीजा है. कई वर्षों से अवैध रूप से रह रहे थे हिंदुस्तान में गिरफ्तार किए गए लोगों में पुरुष, स्त्रीएं और कुछ किशोर भी शामिल हैं. प्रारंभिक पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि इनमें से कई लोग पिछले 5 से 10 वर्षों से हिंदुस्तान में अवैध रूप से रह रहे थे. कुछ लोगों ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों, खासकर मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा और अलीगढ़ में मजदूरी, रिक्शा चलाना, घरेलू काम और निर्माण कार्य जैसे क्षेत्रों में काम करना स्वीकार किया है. फर्जी पहचान पत्र और प्रशासनी योजनाओं का दुरुपयोग जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी खुलासा किया है कि कुछ अवैध बांग्लादेशी नागरिकों ने फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी और पते के दस्तावेज बनवा रखे थे. इन दस्तावेजों के आधार पर वे प्रशासनी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे, जिसमें सब्सिडी वाले राशन, मुफ्त चिकित्सा सेवाएं और मजदूरी योजनाएं शामिल हैं. संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी केंद्रीय एजेंसियों के अनुसार, यह छापेमारी सामान्य अवैध प्रवासियों की पहचान भर नहीं थी. कुछ मामलों में कट्टरपंथी संगठनों से संभावित संबंध होने की आशंका भी जताई जा रही है. इस संबंध में कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों और डिजिटल उपकरणों की जांच की जा रही है, जिन्हें कब्जे में लिया गया है. यदि इन आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह मामला और अधिक गंभीर हो सकता है. मथुरा को क्यों चुना गया? मथुरा, एक धार्मिक और पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के निकट भी है. यह भौगोलिक स्थिति अवैध घुसपैठियों के लिए सुविधाजनक बनती है, जिससे वे यहां शरण लेकर बड़े शहरों में घुल-मिल जाते हैं. केंद्रीय एजेंसियों ने मथुरा, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और दिल्ली जैसे क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है. प्रशासन का बयान मथुरा पुलिस अधीक्षक ने प्रेस को बताया कि, “हमने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से यह सफल ऑपरेशन अंजाम दिया है. गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की पहचान और पृष्ठभूमि की गहन जांच की जा रही है. जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी.” डिपोर्टेशन और कानूनी प्रक्रिया गिरफ्तार किए गए सभी नागरिकों को संबंधित विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है. विदेश मंत्रालय और बांग्लादेश दूतावास को भी सूचित किया गया है ताकि इन लोगों की पहचान की पुष्टि के बाद डिपोर्टेशन की प्रक्रिया पूरी की जा सके. आम नागरिकों से अपील प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर उनके आस-पास कोई संदिग्ध प्रवासी, फर्जी दस्तावेजों वाला व्यक्ति या अज्ञात नागरिक रह रहा हो, तो उसकी जानकारी तुरंत पुलिस या प्रशासनिक अधिकारियों को दें. इससे न सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि समाज में पारदर्शिता और शांति भी बनी रहेगी. मथुरा में हुई यह कार्रवाई एक बार फिर यह दिखाती है कि प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा पार से हो रही अवैध घुसपैठ के प्रति सजग और सख्त हैं. यह कदम न केवल कानून-व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि हिंदुस्तान की सरजमीं पर अवैध गतिविधियों और पहचान छिपाकर रहने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा. The post देश की सुरक्षा में सेंध? मथुरा में अवैध बांग्लादेशियों का भंडाफोड़ appeared first on Naya Vichar.

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Anupama: रूपाली गांगुली की वजह से कलाकार छोड़ते हैं शो, राजन शाही ने तोड़ी चुप्पी, कहा- हर चीज के लिए…

Anupama: स्टारप्लस का पॉपुलर सीरियल अनुपमा लंबे वक्त से दर्शकों को एंटरटेन करता आ रहा है. शो की सोशल मीडिया पर तगड़ी फैन-फॉलोइंग है. यही वजह है कि टीआरपी चार्ट में ये अक्सर टॉप पर बना रहता है. हाल ही के दिनों में सीरियल में काफी बदलाव हुए. जिसमें लीप की वजह से कई कलाकारों को शो छोड़कर जाना पड़ा. इसमें मदालसा शर्मा से लेकर सुधांशु पांडे और गौरव खन्ना शामिल है. हाल ही में ये भी समाचारें आई थी कि राघव की भूमिका निभाने वाले मनीष गोयल भी रूपाली संग अनबन के बाद शो छोड़ने वाले हैं. अब इसपर राजन शाही ने रिएक्ट किया. क्या रूपाली गांगुली की वजह से एक्टर्स छोड़ते हैं अनुपमा विक्की लालवानी के साथ एक इंटरव्यू में राजन शाही से रूपाली गांगुली के खिलाफ इन आरोपों के बारे में पूछा गया. इसपर जवाब देते हुए उन्होंने मजाक में कहा कि अभिनेत्री हर चीज के लिए जिम्मेदार है, यहां तक कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक या सामाजिक मुद्दों के लिए भी. होता ये है कि वह काफी आसान टारगेट है, इसलिए सब उन्हें सुना देते हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि पॉपुलैरिटी की कीमत चुकानी पड़ती है. राजन शाही बोले- डेली सोप करते समय होती है असहमति निर्माता का मानना ​​​​था कि स्मृति ईरानी के बाद रूपाली टीवी इंडस्ट्री की सबसे बड़े ब्रांडों में से एक थी. राजन शाही ने आगे बताया कि कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता है. हर किसी के अपने अच्छे और बुरे गुण होते हैं. उन्होंने कहा कि डेली सोप करते समय प्यार और असहमति दोनों होते हैं. पारस और रूपाली बन सकते हैं दोस्त इससे पहले, समर की भूमिका निभाने वाले पारस कलनावत ने शो से अचानक निकलने पर बात की थी. उन्होंने कहा कि रूपाली गांगुली संग काम करना कितना मुश्किल है. राजन शाही ने इसपर कहा कि वह अभी बच्चा है. शाही ने कहा कि इंडस्ट्री में कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है और कई बातें पल भर में ही कह दी जाती हैं. उन्होंने यहां तक ​​कहा कि आप कभी नहीं जानते कि पारस और रूपाली कुछ सालों बाद दोस्त बन सकते हैं. यह भी पढ़ें- Phir Hera Pheri 3: सुनील शेट्टी ने परेश रावल के हेरा फेरी 3 छोड़ने पर तोड़ी चुप्पी, कहा- बाबू भैया के बिना श्याम… The post Anupama: रूपाली गांगुली की वजह से कलाकार छोड़ते हैं शो, राजन शाही ने तोड़ी चुप्पी, कहा- हर चीज के लिए… appeared first on Naya Vichar.

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Bihar News: 22 साल बाद मिला इंसाफ, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पर हमला मामले में सरपंच समेत 5 दोषी करार

Bihar News: बिहार के बेगूसराय से एक बड़ी समाचार सामने आई है. 15 फरवरी 2003 को पटना से भागलपुर जा रहे सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस बी पी सिंह पर एन एच 31 पर हुए सनसनीखेज हमले के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश महेश प्रसाद सिंह की अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की है. अदालत ने सरपंच समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है. दोषी ठहराए गए आरोपियों के नाम दोषी ठहराए गए आरोपियों के नाम शाम्हो थाना के अकबरपुर बरारी बिजुलिया निवासी दिलीप कुमार सिंह (वर्तमान में सरपंच), रंजीत कुमार सिंह, रजनीश कुमार, और लखीसराय जिला थाना के पथुआ निवासी शिवदानी ठाकुर व भुल्लू भगत हैं. न्यायालय ने इन सभी को हिंदुस्तानीय दंड विधान की धारा 147, 148, 427, 337, 353 और 189 के तहत दोषी पाया है. न्यायिक हिरासत में भेजे गए दोषी अदालत ने सभी दोषियों के बंध पत्र को रद्द करते हुए उन्हें तत्काल न्यायिक हिरासत में भेजा है. इन सभी को बेगूसराय जेल में रखा गया है. इस केस में सजा के बिंदु पर अगली सुनवाई 20 मई को होगी. अगली सुनवाई में ही दोषियों के सजा का ऐलान किया जाएगा. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक बहोर दास ने इस मामले में कुल 11 गवाहों को पेश किया था. अभियोजन के अनुसार, यह घटना नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एन एच 31 पर स्थित डी सी पेट्रोल पंप के पास घटी थी. आरोप है कि जब जस्टिस बी पी सिंह अपनी कार से गुजर रहे थे, तब इन आरोपियों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था. हमले में बाल-बाल बचे थे जस्टिस इस हमले में जस्टिस बाल-बाल बच गए थे, लेकिन उनकी कार का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया था. काफिले में मौजूद पुलिसकर्मियों ने मौके पर ही कुछ हमलावरों को पकड़ लिया था. बता दें कि घटना के दिन एक नेतृत्वक दल द्वारा बिहार बंद का आह्वान किया गया था और नेतृत्वक कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हुए थे. इस घटना की प्राथमिकी जस्टिस को सुरक्षा दे रहे साहेबपुर कमाल थाना के तत्कालीन अवर निरीक्षक यदुनाथ मिश्रा ने दर्ज कराई थी. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें अब 20 मई पर टिकी निगाहें आपको बता दें कि जिन धाराओं में न्यायालय ने 5 आरोपियों को दोषी ठहराया है, उनमें हिंदुस्तानीय दंड विधान की धारा 147 में 2 साल, धारा 148 में 3 साल, धारा 189 में 2 साल, धारा 353 में 2 साल, धारा 337 में 6 महीने और धारा 427 में 2 साल तक की सजा का प्रावधान है. अब सभी की निगाहें 20 मई पर टिकी हैं क्योंकि इस दिन अदालत दोषियों को सजा सुनाएगी. 22 साल पुराने इस केस में आए फैसले ने न्यायपालिका पर लोगों के विश्वास को और मजबूत किया है. इसे भी पढ़ें: Bihar Police: बिहार पुलिस में बड़ा फेरबदल, इन 7 थानाध्यक्षों का हुआ तबादला, जानिए किसे मिला कौन सा थाना The post Bihar News: 22 साल बाद मिला इंसाफ, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पर हमला मामले में सरपंच समेत 5 दोषी करार appeared first on Naya Vichar.

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भारत-इंग्लैंड सीरीज में बदलेगा ट्रॉफी का नाम, इन दो खिलाड़ियों के नाम पर हो रही चर्चा

IND vs ENG Tendulkar-Anderson Trophy: हिंदुस्तान और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज को जल्द ही एक नया नाम मिल सकता है. हिंदुस्तान के इंग्लैंड दौरे पर होने वाली टेस्ट सीरीज पहले पटौदी ट्रॉफी के लिए स्पोर्ट्सी जाती थी, जिसे इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान में नामित किया गया था. मार्च में, ईसीबी ने पटौदी परिवार को पत्र लिखकर सूचित किया कि वे इस ट्रॉफी को अब से “रिटायर” करना चाहते हैं. इस बदलाव के पीछे सोच यह है कि ट्रॉफी का नाम हाल ही में रिटायर हुए दिग्गज खिलाड़ियों के नाम पर रखा जाए, जिससे आज की पीढ़ी के प्रशंसक उनसे बेहतर जुड़ाव महसूस कर सकें. अब इस सीरीज का नाम सचिनत तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर रखा जा सकता है.   तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने प्रस्ताव दिया है कि भविष्य में इंग्लैंड की ज़मीन पर हिंदुस्तान और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज का नाम टेस्ट क्रिकेट के सबसे अधिक मैच स्पोर्ट्सने वाले दो खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर (200 टेस्ट) और जेम्स एंडरसन (188 टेस्ट) के नाम पर रखा जाए. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई हिंदुस्तान-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज ट्रॉफी के प्रस्तावित नाम परिवर्तन पर आपत्ति नहीं जताएगा. बीसीसीआई एक अधिकारी ने कहा, “अगर ट्रॉफी का नाम सबसे ज़्यादा टेस्ट स्पोर्ट्सने वाले खिलाड़ियों के नाम पर रखा जा रहा है, तो बीसीसीआई को इससे कोई आपत्ति नहीं होगी. इसके अलावा, यह ईसीबी का विशेषाधिकार है.” सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन. इमेज- सोशल मीडिया. सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के सबसे शानदार बल्लेबाजों में गिना जाता है, टेस्ट क्रिकेट में 15,921 रन बनाकर सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं. 16 साल की उम्र में करियर की शुरुआत करने वाले तेंदुलकर ने 24 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया. वहीं, जेम्स एंडरसन को स्विंग गेंदबाजी का बेहतरीन मास्टर माना जाता है. उनके 704 टेस्ट विकेट किसी भी तेज गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट हैं. वह टेस्ट इतिहास में मुथैया मुरलीधरन और शेन वॉर्न के बाद तीसरे स्थान पर हैं. दोनों खिलाड़ियों के बीच एक शानदार प्रतिद्वंद्विता रही. एंडरसन ने तेंदुलकर को नौ बार आउट किया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने तेंदुलकर को “सबसे बेहतरीन बल्लेबाज” बताया. दोनों ही क्रिकेट जगत में अत्यधिक सम्मानित हैं. तेंदुलकर को 2014 में हिंदुस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “हिंदुस्तान रत्न” मिला, जबकि एंडरसन को पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के इस्तीफा सम्मान सूची में “नाइटहुड” से सम्मानित किया गया. IND vs ENG टेस्ट सीरीज का शेड्यूल हिंदुस्तान और इंग्लैंड 20 जून से 4 अगस्त, 2025 तक इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज स्पोर्ट्सेंगे. यह सीरीज 20 जून को लीड्स के हेडिंग्ले में शुरू होगी, इसके बाद दूसरा टेस्ट 2 से 6 जुलाई तक बर्मिंघम के एजबेस्टन में होगा. लंदन के लॉर्ड्स में 10 से 14 जुलाई के बीच तीसरा मैच स्पोर्ट्सा जाएगा. चौथा टेस्ट 23 से 27 जुलाई तक मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में स्पोर्ट्सा जाएगा और सीरीज का समापन 31 जुलाई से 4 अगस्त तक लंदन के द किआ ओवल में होगा. दोनों टीमों के बीच सबसे हालिया टेस्ट सीरीज में, हिंदुस्तान ने 2024 की शुरुआत में घरेलू सीरीज में 4-1 से जीत हासिल की. ​​हिंदुस्तान 2021-22 सीरीज के दौरान इंग्लैंड में 2-2 से ड्रॉ भी हासिल करने में सफल रहा. 2025 में हिंदुस्तान और इंग्लैंड अपने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के 2025-27 के साइकल की शुरुआत करेंगे.  गौतम गंभीर नहीं, इंग्लैंड दौरे पर इंडिया-ए का कोच बनेगा यह दिग्गज, जानें कौन है 98 में पाकिस्तान को धूल चटाने वाला सूरमा Video: हवा में ऐसे उड़ा कीपर जैसे कोई पंछी, झपट्टा मारकर बेन फोक्स ने पकड़ा हैरतअंगेज कैच बाबर आजम ने चुनी टी20 वर्ल्ड इलेवन, विराट-बुमराह को छोड़ हिंदुस्तान से इन दो खिलाड़ियों को दिया मौका The post हिंदुस्तान-इंग्लैंड सीरीज में बदलेगा ट्रॉफी का नाम, इन दो खिलाड़ियों के नाम पर हो रही चर्चा appeared first on Naya Vichar.

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44 साल की प्रसिद्ध गायिका गायत्री हजारिका को कोलन कैंसर ने बनाया शिकार, अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान दें वरना…

Table of Contents सांस्कृतिक एंबेसडर थीं गायत्री हजारिका क्या होता है कोलन कैंसर क्या जानलेवा है कोलन कैंसर क्या है कोलन कैंसर के लक्षण और इलाज Gayatri Hazarika : असमिया भाषा की प्रसिद्ध युवा गायिका गायत्री हजारिका का निधन शुक्रवार को कोलन कैंसर से जूझते हुए हो गया. गायत्री हजारिका महज 44 साल की थी और पिछले कुछ समय से कोलन कैंसर से जूझ रही थीं. उनके निधन से उनके प्रशंसकों में घोर निराशा है, वहीं कला जगत भी एक प्रतिभावान युवा गायिका को खोकर शोक में डूबा है. गायत्री के गाए गीतों में सारा पाते पाते फागुन नामे और राति-राति मोर सोण सबसे अधिक लोकप्रिय हैं. सांस्कृतिक एंबेसडर थीं गायत्री हजारिका गायत्री हजारिका ने असमिया भाषा के पुराने गीतों को नए तरीके से अपनी आवाज में गाया. वे एक तरह से असमिया संस्कृति की पहचान बन गई थीं. उनकी मधुर और कोमल आवाज सबका मन मोह लेती थी. यही वजह थी कि उनकी खासी पहचान कला जगत में देशभर में बन गई थी. उनके लाइव कार्यक्रमों को देखने के लिए भी भीड़ उमड़ पड़ती थी. गायत्री ने बचपन से ही संगीत की शिक्षा ली थी और अपना नाम कमाया था. गायत्री हजारिका शादीशुदा थीं, उनके दो शिशु हैं. क्या होता है कोलन कैंसर कोलन कैंसर का खतरा आमतौर पर बढ़ती उम्र में होता है, यानी यह उम्रदराज लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है. लेकिन विगत कुछ वर्षों में यह बीमारी तेजी से युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है. कोलन कैंसर बड़ी आंत को प्रभावित करता है और आंत की भीतरी परतों में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने की वजह से ट्यूमर बन जाता है, जिसे कोलन कैंसर कहा जाता है. क्या जानलेवा है कोलन कैंसर कोलन कैंसर जानलेवा हो सकता है, लेकिन इसकी पहचान अगर समय रहते हो जाए, तो इलाज संभव है. कोलन कैंसर को अगर शुरुआती स्टेज में पकड़ लिया जाए, तो 90% से अधिक लोग स्वस्थ हो जाते हैं. कोलन कैंसर की चुनौती यह है कि इसके लक्षण शुरुआती जल्दी समझ नहीं आते हैं, इसकी वजह से ही यह कैंसर जानलेवा हो जाता है. क्या है कोलन कैंसर के लक्षण और इलाज कोलन कैंसर के लक्षण बहुत विशेष नहीं होते हैं. सबसे बड़ा अंतर जो इस बीमारी में नजर आता है वो है बार-बार दस्त होना या कब्ज रहना. मल त्याग की आदतों में बदलाव. मल के साथ खून आना या मल का रंग काला हो जाना. पेट में दर्द रहना रहना और सबसे प्रमुख लक्षण है अचानक वजन का कम होना. कोलन कैंसर का इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन के जरिए होता है,जैसे कि किसी और कैंसर का इलाज होता है. जीवनशैली इस कैंसर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है. जंक फूड का सेवन और फाइबर फूड से दूरी इसकी बड़ी वजह बनती है. घंटों लगातार बैठ कर काम करना भी कोलन कैंसर की वजह बन सकता है. Also Read : अहमदिया मुसलमानों को पाकिस्तानी नहीं मानते मुसलमान, खत्म करना चाहते हैं उनका अस्तित्व क्या सुप्रीम कोर्ट की राय मानने के लिए बाध्य हैं राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू ने मांगी सलाह? पाकिस्तान में बलात्कार पीड़िताओं को देनी होती थी 4 पुरुषों की गवाही, वरना मिलती थी 100 कोड़े की सजा हिंदुस्तानीय मुसलमान क्यों करते हैं अपनी लड़कियों की पाकिस्तान में शादी? हिंदू और मुसलमान के बीच हिंदुस्तान में नफरत की मूल वजह क्या है? विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें The post 44 साल की प्रसिद्ध गायिका गायत्री हजारिका को कोलन कैंसर ने बनाया शिकार, अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान दें वरना… appeared first on Naya Vichar.

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