Hot News

June 16, 2025

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Bokaro News : मंत्री को दी मजदूरों की समस्याओं की जानकारी

कथारा, जेसीएमयू कथारा क्षेत्रीय समिति का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को राज्य के पेयजल स्वच्छता एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद से रांची स्थित उनके आवास में मिला. उन्हें क्षेत्र के मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराया. क्षेत्रीय सचिव इकबाल अहमद ने क्षेत्र में पेयजल, बिजली कटौती, स्थानीय विस्थापितों को रोजगार मुहैया कराने आदि पर ध्यान आकृष्ट किया एवं क्षेत्र के जीएम से तत्काल उपरोक्त सभी समस्याओं पर पहल करवाने का आग्रह किया. इस पर मंत्री ने अपने स्तर पर समस्याओं पर सकारात्मक पहल करवाने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में नरेश मंडल, हेमू यादव आदि थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Bokaro News : मंत्री को दी मजदूरों की समस्याओं की जानकारी appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Bokaro News : सीआइएसएफ जवानों को दिया गया सीपीआर का प्रशिक्षण

बोकारो थर्मल, बोकारो थर्मल के सिक्स यूनिट स्थित सीआइएसएफ कैंप में सोमवार को जवानों, अधिकारियों एवं डीवीसी कर्मियों के लिए सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. उद्घाटन डिप्टी कमांडेंट अरुण प्रसाद ई ने किया. रांची के मेडिका हॉस्पिटल के डॉ रोहित सेंगर ने प्रशिक्षण दिया. कहा कि किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाने पर तब तक सीपीआर देना चाहिए, जब तक की चिकित्सा सुविधा ना आ जाये और व्यक्ति सांस लेना शुरू ना कर दे. मौके पर निरीक्षक फायर एके शर्मा, निरीक्षक (सुरक्षा) प्रशांत कुमार प्रसून, उप निरीक्षक एमके तिवारी, सहायक उप निरीक्षक सुरेश यादव, रोहिताश कुमार, एसके सहारे, सुभाष,प्रधान आरक्षक रणबीर सिंह, एके मिश्रा, सूरज कुमार, वीके आजाद, नीलेश कुमार तथा आरक्षक नीरज कुमार, राजेंद्र तिवारी, अंग्रेज सिंह, पवन कुमार, कौशलेंद्र तिवारी, दिनेश सिंह आदि उपस्थित थे. प्रशिक्षण लेने वालों को सर्टिफिकेट भी दिया गया. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Bokaro News : सीआइएसएफ जवानों को दिया गया सीपीआर का प्रशिक्षण appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

भूमि विवाद में दखल देहानी मामले में कार्रवाई,सीओ ने कब्जाधारी को दी एक सप्ताह की मोहलत

प्रतिनिधि, रजौली. रजौली थाना क्षेत्र के बांके मोड़ स्थित एक विवादित भूमि पर दखल देहानी (कब्जा दिलाने) के मामले में सोमवार को प्रशासन ने बुलडोजर के साथ कार्रवाई की. रजौली सीओ मो. गुफरान मजहरी और थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर राजेश कुमार के नेतृत्व में भारी संख्या में स्त्री-पुरुष पुलिस बल मौजूद थे. हालांकि, द्वितीय पक्ष (कब्जाधारी)के कागजात दिखाने के लिए विनती किए जाने पर अधिकारियों ने पूर्ण कार्रवाई नहीं की और उन्हें एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है. सीओ मो. गुफरान मजहरी ने बताया कि अंचल क्षेत्र के बांके मोड़ स्थित मौजा रामदासी, थाना संख्या 182, खेसरा संख्या 152 की एक भूमि को लेकर बाजार के दो व्यक्तियों, सुखदेव साव और दयानंद साव के बीच विवाद चल रहा है. इस भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए बेदखली वाद संख्या 01/2023-24 चलाया गया था. कब्जाधारी के भूमि को खाली नहीं किय जाने पर कब्जा दिलाने के लिए दंडाधिकारी और पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. सीओ ने बताया कि स्थल पर बुलडोजर से महज 30 फीट तक मार्किंग की गयी थी और आगे की कार्रवाई चल ही रही थी कि कब्जाधारी ने जमीन के कागजात दिखाने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा. सीओ ने स्पष्ट किया कि यदि एक सप्ताह के भीतर कब्जाधारी ने भूमि दस्तावेज़ पेश नहीं किये तो भूमि में निर्मित खपरैल संरचना को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post भूमि विवाद में दखल देहानी मामले में कार्रवाई,सीओ ने कब्जाधारी को दी एक सप्ताह की मोहलत appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

किसान 200 रुपये प्रति घंटे की दर से खरीद रहे पानी

प्रतिनिधि, महाराजगंज. खरीफ सीजन आया तो नहरों ने साथ नहीं दिया. बीज डालने व बचाने के लिए किसान 200 रुपये घंटे की दर से पानी खरीदने को विवश हैं. धान के बीज की नर्सरी समय से तैयार करने के लिए किसान जद्दोजहद में जुटे हैं. किसानों के पास अब केवल एक विकल्प है- बोरिंग मशीन या डीजल पंप. विपरीत परिस्थितियों में भी धान के बीज की नर्सरी तैयार करने को कमर कसे किसान बेबस हो जेब ढीली कर रहे हैं. प्रखंड में करीब 10800 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है. बताया जाता है कि इतने आच्छादन के लिए करीब 252 एकड़ में बीज की नर्सरी तैयार करनी होगी. इतना बीज डालने में लाखों रुपये का खर्च आयेगा. देवरिया महुआरी के किसान संजय सिंह ने बताया कि एक एकड़ की नर्सरी से 40 हेक्टेयर खेत में धान का आच्छादन हो सकेगा. उन्होंने बताया कि एक एकड में बीज डालने में 20 से 25 हजार रुपए खर्च का अनुमान है. बिचड़े तैयार करने में कई बार पटवन के पानी का खर्च अलग है. किसान खेतों में पानी लेने के लिए लगा रहे हैं नंबर किसान महंगे दाम पर मार्केट से बीज खरीद रहे हैं. 60-70 रुपये किलो साधारण बीज व उच्च प्रभेदों के धान के बीज का रेट 100-120 रुपए प्रति किलो से अधिक है. मार्केट में धान के विभिन्न प्रभेदों के बीज उपलब्ध हैं. पर महंगा होने के कारण किसानों की जेब ढीली हो रही है. उधर धान के बीज की नर्सरी तैयार करने के लिए पानी आवश्यक है. हर किसान के पास निजी बोरिंग मशीन या डीजल पंप सेट नहीं है. ऐसे में जिन किसानों के पास पटवन के पानी का साधन है, उनके यहां किसान नंबर लगा रहे हैं. किसानों ने बताया कि एक बीघे के पटवन में पांच से छह घंटे का समय लग रहा है. अगर नहर में पानी आया होता तो किसानों को पानी खरीदने के झंझट से मुक्ति मिल गई होती. किसान हैं परेशान सिकटिया के किसान महेंद्र यादव, सत्येंद्र सिंह, बिजेंद्र यादव ने बताया कि एक बीघे में बीज डालने में बीज, खाद, जुताई, पानी व मजदूरी पर दस हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे. इधर किसान दिन-रात बोरिंग मशीन व डीजल पंप चला खेतों में पानी भर रहे हैं. फिर ट्रैक्टर से जुताई कर बीज डालने लायक खेत की तैयारी कर रहे हैं. इस कोशिश में किसान अपने परिश्रम से तीखी धूप व सिस्टम दोनों को हरा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अभी भी बीज डालने की प्रक्रिया में किसान जुटे हैं. जिन्होंने बीज डाल दिया है उन्हें भी प्रचंड धूप से बीज बचाने के लिए पानी भरने की जद्दोजहद से निपटना पड़ रहा है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post किसान 200 रुपये प्रति घंटे की दर से खरीद रहे पानी appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Aurangabad News : नदियों के सूखने से प्रभावित हो रही घान की खेती

औरंगाबाद/कुटुंबा. धान का बिचड़ा डालने का समय बीत रहा है़ यदि इस समय बिचड़ा नहीं डाला गया तो धान की फसल की रोपनी में बिलंब होगा, जिसका असर उपज पर पड़ता है. बारिश नहीं होने और नहरों में पानी नहीं आने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. आषाढ़ स्त्री चल रहा है इसमें बारिश नहीं होगी तो धान की फसल को काफी नुकसान होगा़ जिले की नहरों में भी पानी नहीं आया है़ नदियों के सूखने का सबसे बड़ा असर खेती-किसानी पर पड़ा है. पहले नदियों से पइन सैर, दोन, लट्ठा के जरिये खेतों की सिंचाई आसानी से हो जाती थी. अब नादियों के सूखने से नहरों में भी पानी नहीं आ रहा है. ताल तलैये सब बेकार हो गये हैं. भूजल स्तर के नीचे जाने से सतही मोटर भी काम नहीं कर रहे. किसानों को अब सबमर्सिबल पंपों पर निर्भर होना पड़ रहा है, जो महंगा और बोझिल विकल्प है. डीजल मोटर चलाने में भी दिक्कत हो रही है. स्थानीय किसान मृत्युंजय सिंह और शिवनाथ पांडेय ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि खेती के लिए अब केवल बारिश और सबमर्सिबल ही बचे हैं. नदियों में पानी होता था, तो ऐसी समस्याएं नहीं थी. अब खेती करना मुश्किल हो गया है. नदियों के सूखने से न केवल फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है, बल्कि किसानों की आजीविका पर भी खतरा मंडरा रहा है. पहले नदी के किनारे सब्जी की खेती होती थी. अब नदियों के सूखने से भूमि बंजर होती जा रही है. ऐसे में किसानों के वजूद संकट में है. पशुओं की संख्या में आयी अप्रत्याशित कमी नदियों के सूखने का असर पशुपालन व व्यवसाय पर भी पड़ा है. पहले ग्रामीण इलाकों में लोग बड़ी संख्या में पशुपालन करते थे. नदियां पशुओं के लिए पानी का प्रमुख स्रोत थीं, जहां उन्हें नहलाने से लेकर पानी पिलाने तक का काम होता था. अब पेयजल संकट इतना गहरा गया है कि इंसानों के लिए ही पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है. ऐसी स्थिति में पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करना और भी चुनौती पूर्ण है. पशुपालक प्रमोद पांडेय व मुकेश कुमार तथा रामकुमार सिंह बताते हैं कि पानी की इतनी किल्लत है कि ज्यादा पशु रखना अब संभव नहीं रह गया है. बस अपना घर के काम चलाने के लिए एक-दो दुधारू पशु ही रखे हैं. इस कारण कई पशुपालकों ने पशुपालन छोड़ दिया है, और ग्रामीण इलाकों में अब इक्का-दुक्का पशु ही दिखाई देते हैं. क्या बताते है मौसम वैज्ञानिक मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप चौबे ने कहा कि सूखी नदियां अब कचरे का ढेर बन चुकी हैं, जिससे दुर्गंध और प्रदूषण फैल रहा है. पहले जल प्रवाह के कारण कचरा बह जाता था और नदियां स्वच्छ रहती थीं. अब गंदगी के कारण नदियों का स्वरूप ही बदल गया है. नदियां इतनी गंदी हो गयी है कि अब इनके पास से गुजरना भी मुश्किल है. प्रथम दृष्टया नदिया शौचालय बन गयी है. यह पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत बड़ा खतरा है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Aurangabad News : नदियों के सूखने से प्रभावित हो रही घान की खेती appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

पेंशनर समाज ने मनायी शिवाजी और महाराणा प्रताप की जयंती

प्रतिनिधि, हिसुआ. हिसुआ नगर पर्षद के ब्रह्मर्षि कॉलोनी स्थित पेंशनर समाज भवन में सोमवार को बुजुर्गों ने शिवाजी और महाराणा प्रताप की जयंती मनायी. सेवानिवृत प्राचार्य प्रो गणेश शर्मा, प्रो विजय कुमार, सेवानिवृत बीसीओ युगल किशोर राम ने अपने-अपने विचार रखे. अध्यक्षता पेंशनर समाज के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद ने की. दोनों महापुरुषों की तस्वीर पर फूल-माला अर्पण करने के बाद उनकी देश की देन को रेखांकित किया गया. वक्ताओं ने कहा कि छत्रपति शिवाजी हिंदुस्तान के महान राजा और रणनीतिकार थे. पश्चिम हिंदुस्तान में उन्होंने हिन्दवी स्वराज की नींव रखी. मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब से संघर्ष किया. 1674 में उनका राज्याभिषेक हुआ और वे छत्रपति बने. ये अनुशासित सेवा, कुशल, योग्य और प्रगतिशील प्रशासन के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने समर विद्या में महारथ हासिल की. महाराणा प्रताप मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे. वीरता, शौर्य त्याग, दृढता और पराक्रम के लिए ये अमर हैं. उन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया. वक्ताओं ने कई संदर्भों से उनकी वीरता को याद किया. मौके पर देवनंदन सिंह सहित पेंशनर समाज के लोग उपस्थित थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post पेंशनर समाज ने मनायी शिवाजी और महाराणा प्रताप की जयंती appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Bokaro News : प्रबंधन को खामियां दूर करने का निर्देश

फुसरो, सीसीएल आइएसओ बीपी सिंह, अशोक सिंह ने सोमवार को ढोरी प्रक्षेत्र अंतर्गत ढोरी खास परियोजना की 4, 5 नंबर भूमिगत खदान का निरीक्षण किया, जहां गुरुवार को चाल धंसने की घटना हुई थी. पीओ रंजीत कुमार, मैनेजर मृत्युंजय सिंह सहित अन्य अधिकारियों के साथ खदान में जाकर लगभग डेढ़ घंटे तक घटनास्थल सहित आसपास के एरिया का मुआयना किया. आइएसओ बीपी सिंह ने कहा कि सीसीएल टीम द्वारा खदानों की रूटीन जांच की जाती है. इस दौरान मिली त्रुटियों को दूर करने का निर्देश दिया जाता है. इधर, जनता मजदूर संघ के सेफ्टी बोर्ड मेंबर रवींद्रनाथ सिंह, जोनल सचिव टीनू सिंह, सेफ्टी ऑफिसर मनोज सिंह, रविकांत सिंह, विकास सिंह ने भी खदान में दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया. सेफ्टी बोर्ड मेंबर ने कहा कि रूफ बोल्टिंग, सपोर्टिंग आदि में खामियां मिली हैं. इसमें सुधार का निर्देश प्रबंधन को दिया गया है. कहा कि खदान में मजदूरों को पानी की सुविधा उपलब्ध कराने और संकीर्ण मार्ग को चौड़ा करने का भी निर्देश दिया गया है. खदान के अंदर गर्म हवा आती है, उस पर भी पहल करने को कहा गया है. डिपलेरिंग कार्य के दौरान चाल धंसने की घटना घटी है. पोल के दो हिस्से से काट कर कोयला निकासी कर ली गयी थी. परंतु उसी पोल के निचले हिस्से में ड्रिल के दौरान घटना घटी है. भूमिगत खदान को सुरक्षित ढंग से चलाने के लिए समय समय पर निरीक्षण जरूरी है. प्रबंधन की ओर से कहा गया कि सेफ्टी बोर्ड मेंबर द्वारा बतायी गयी खामियाें को 10-15 दिनों में दुरुस्त कर दिया जायेगा. मौके पर विकास सिंह, उमेश कुमार, राहुल सिंह, मनोज कुमार, मंगरा उरांव आदि मौजूद थे. घायल ओवरमैन का चल रहा है इलाज विदित हो कि गुरुवार को उक्त खदान में द्वितीय पाली में चाल धंसने से ओवरमैन मयंक कुमार सहित कर्मी सुफल मांझी, महावीर तुरी, मधु बाउरी घायल हो गये थे. सभी को केंद्रीय अस्पताल ढोरी पहुंचाया गया. चिकित्सकों ने कमर में गंभीर चोट आने पर ओवरमैन को प्राथमिक उपचार के बाद रांची रेफर कर दिया था. जहां उनका इलाज चल रहा है. सुफल मांझी का बायां हाथ फ्रेक्चर हो गया. अन्य कर्मियों को हल्की चोट आयी थी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Bokaro News : प्रबंधन को खामियां दूर करने का निर्देश appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

ग्रीष्मावकाश में स्कूलों में होना था समर कैंप, कागजों में ही सिमटकर रह गया

समर कैंप में वर्ग पांच व छह के कमजोर शिशु को गणित विषय में शिक्षा प्रदान करना है प्रतिनिधि, अकबरपुर. ग्रीष्मावकाश के दिनों में सभी स्कूलों में समर कैंप का आयोजन होना है. लेकिन, अकबरपुर प्रखंड में यह धरातल पर कहीं नहीं संचालित हो रहा है. केवल कागजों में ही यह सिमटकर रह गया है. समर कैंप में वर्ग पांच व छह के कमजोर शिशु को गणित विषय में शिक्षा प्रदान करना है. बिहार प्रशासन के अपर सचिव एस सिद्धार्थ के आदेश पर यह कार्य प्रथम एनजीओ शिक्षा सेवक, तालिमी मरकज, बिहार विकास कौशल से जुड़े युवा साथी को पढ़ाना है. लेकिन, अभी तक इसका चयन नहीं हो पाया है. यहां तक कि कमजोर बच्चों का भी चयन नहीं हो पाया है. जबकि प्रत्येक केंद्र पर दस से पंद्रह बच्चों को पढ़ाना है. गर्मी की छुट्टी में प्रारंभिक स्कूल के बच्चों के लिए जून तक स्कूलों में समर कैंप का आयोजन करना है. शैक्षणिक सत्र 2025-26 में राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में कक्षा 5 व 6 में अध्ययनरत वैसे छात्र-छात्राएं, जिनकी कोरोना काल में पढ़ाई प्रभावित हुयी थी, उसे सरल गणित करने की दक्षता में अपेक्षाकृत रूप से कमजोर हैं, उनके लिए प्रथम संस्था के सहयोग से गणितीय समर कैंप का आयोजन किया जाना था. क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक प्राथमिक विधालय दरियापुर पंतागी के प्रधानाध्यापक महेन्द्र चौधरी ने बताया कि हमारे स्कूल से एनजीओ ने बच्चों का लिस्ट भी नहीं मागा है. उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक कुश कुमार ने बताया कि गर्मी छुट्टी के बाद समर कैंप के लिए प्रथम संस्था के लोग नहीं आये हैं, जबकि कमजोर बच्चों का लिस्ट बना कर रखा रह गया. मध्य विधालय अकबरपुर के प्रधानाध्यापक रेयाज उद्दीन ने बताया कि प्रशासन के आदेश के अनुसार सभी बच्चो को चिह्नित कर दिया गया था कि प्रथम एनजीओ के द्वारा सुबह सात बजे से नौ बजे तक पढ़ाई करना है, लेकिन आज तक सस्था वाले नहीं आये. क्या कहते हैं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रभारी बीइओ विद्यानंद कुमार ने जायजा लेकर बताया कि अकबरपुर में प्रथम संस्था एनजीओ कहीं भी गणित का समर कैंप नहीं चला रही है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post ग्रीष्मावकाश में स्कूलों में होना था समर कैंप, कागजों में ही सिमटकर रह गया appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Buxar News: हत्यारे को 20 वर्षों की सजा, 1.50 लाख रुपये जुर्माना

बक्सर कोर्ट . राजपुर थाना कांड संख्या 113 /2021 में अभियुक्त शिव वरन राम, ग्राम छबलपुरा ,थाना कोसमी (उत्तर प्रदेश ) का रहने वाले को हत्या के मामले में 20 वर्षों के कारावास की सजा सुनायी गयी. इस आशय की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक गोपाल राम ने बताया कि अभियुक्त के साथ कैमूर जिला के कुंडी गांव के रहने वाले गीता देवी एक नॉन बैंकिंग संस्था में राजपुर में काम कर रहे थे जहां दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था ,इसी बीच गीता देवी की लाश राजपुर थाना के बधार में पुलिस को मिली थी बाद में जांच के क्रम में सारा रहस्य खुलता चला गया तथा अभियुक्त शिवबरन राम को हत्या के मामले में संलिप्त पाया गया.उक्त मामले की सुनवाई जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश 2 की अदालत में की गई जहां अभियुक्त को संयुक्त रूप से अलग-अलग दफाओं में कुल 20 वर्ष के कारावास एवं 1 लाख 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनायी गयी. ,जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त समय जेल में बिताने होंगे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Buxar News: हत्यारे को 20 वर्षों की सजा, 1.50 लाख रुपये जुर्माना appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Saran News : भूमि विवाद का मामला थाना पहुंचा, अगले जनता दरबार में सुलझाने का निर्णय

मशरक. मशरक थाना क्षेत्र के नवादा पंचायत अंतर्गत सनकौली गांव में दो समुदायों के बीच उत्पन्न भूमि विवाद का मामला थाना पहुंचा. इस मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए आगामी जनता दरबार में दोनों पक्षों को अपना-अपना जमीनी कागजात प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. सीओ सुमंत कुमार और थानाध्यक्ष रंधीर कुमार ने दोनों पक्षों के लोगों के साथ घंटों विचार-विमर्श किया और विवाद को शांत कराया. मशरक थाना में दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे. गंभीरता से विचार-विमर्श के बाद यह तय हुआ कि अगली बार जनता दरबार में पक्ष अपनी जमीन के कागजात लेकर आयेंगे तब तक दोनों पक्ष विवाद से दूर रहेंगे और किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करेंगे. थानाध्यक्ष रंधीर कुमार सिंह ने स्पष्ट कहा कि कानून का पालन न करने पर दोनों पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. सीओ सुमंत कुमार ने कहा कि प्रशासन इस विवाद पर पूरी नजर रखे हुए है और किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए सतर्क है. पहले भी विवाद के दौरान मढ़ौरा अनुमंडल पदाधिकारी व डीएसपी अमरनाथ पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित कर चुके हैं. पुलिस बल अब भी इलाके में तैनात है ताकि शांति बनी रहे. जानकारी के अनुसार सनकौली गांव में दो समुदायों के बीच जमीनी विवाद के कारण तनाव उत्पन्न हुआ था, जिसे प्रशासन और पुलिस के संयुक्त प्रयास से फिलहाल काबू में किया गया है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Saran News : भूमि विवाद का मामला थाना पहुंचा, अगले जनता दरबार में सुलझाने का निर्णय appeared first on Naya Vichar.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top