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June 23, 2025

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Sitaare Zameen Par: आमिर खान ने फिल्म की ब्लॉकबस्टर सफलता पर तोड़ी चुप्पी, कहा- मूवी की आत्मा और दिल… Video

Sitaare Zameen Par: अभिनेता आमिर खान को हाल ही में अपनी नई फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ की स्क्रीनिंग के दौरान सिनेमाघरों में सरप्राइज विजिट करते दिखा गया. सोशल मीडिया पर अब इसका वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दर्शक ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन कर रहे हैं. सितारे जमीन पर के ब्लॉकबस्टर सक्सेस पर क्या बोले आमिर खान दर्शकों को संबोधित करते हुए अभिनेता ने कहा, “आपने हमें जो प्यार दिया है, उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद… हम वास्तव में इसकी सराहना करते हैं और काफी खुश भी हैं.” आमिर ने फिर अन्य सितारों के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने “अद्भुत काम किया है. वे फिल्म की आत्मा और दिल हैं.” नवोदित कलाकारों के कुछ अभिनेताओं ने भी दर्शकों से बात की. जाने से पहले आमिर ने फिल्म को मिले प्यार के लिए दर्शकों का शुक्रिया अदा किया. सितारे जमीन पर में ये स्टार्स हैं मौजूद सितारे जमीन पर में 10 नए कलाकारों ने अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा है. इसमें अरौश दत्ता, गोपी कृष्ण वर्मा, संवित देसाई, वेदांत शर्मा, आयुष भंसाली, आशीष पेंडसे, ऋषि शाहनी, ऋषभ जैन, नमन मिश्रा और सिमरन मंगेशकर शामिल है. आरएस प्रसन्ना की ओर से निर्देशित इस फिल्म में आमिर और जेनेलिया डिसूजा भी मुख्य भूमिकाओं में हैं. सितारे जमीन पर का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन इस बीच, सितारे जमीन पर बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कारोबार कर रही है. ट्रेड रिपोर्ट्स के अनुसार, आमिर की फिल्म ने रविवार को 26.45 करोड़ रुपये कमाए, जिससे हिंदुस्तान में इसकी कुल कमाई 57.35 करोड़ रुपये हो गई. शुक्रवार को 11.7 करोड़ रुपये से ओपनिंग करने वाली इस मूवी ने शनिवार को 20.2 करोड़ रुपये कमाकर लगभग 89 प्रतिशत की प्रभावशाली उछाल देखी. रविवार को भी यह गति जारी रही, हिंदी वर्शन ने 41.76 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी दर्ज की. यह भी पढ़ें- Anupama New Entry: शो में हुई इस शख्स की नई एंट्री, अनु पर लगा ये संगीन आरोप, राही तोड़ेगी ये रिश्ता The post Sitaare Zameen Par: आमिर खान ने फिल्म की ब्लॉकबस्टर सफलता पर तोड़ी चुप्पी, कहा- मूवी की आत्मा और दिल… Video appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Flood Alert: नेपाल में भारी बारिश से बिहार में मच सकती है तबाही, नदियां उफनाई, इन जिलों के लिए अलर्ट…

Bihar Flood Alert: बिहार के सभी जिलों में मानसून एक्टिव हो गया है. कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में नेपाल में भी रूक-रूक कर झमाझम बारिश हो रही है. इसका असर उत्तर बिहार में देखने के लिए मिल रहा है. दरअसल, बागमती सहित कई नदियां उफन आई है. इसके साथ ही नदियों के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है. बागमती की दक्षिणी उपधारा में पानी का दबाव बढ़ने से अतरार घाट पर चचरी पुल बह गया. जिसके बाद जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया. इन जिलों में मंडराया खतरा… दरअसल, संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए सतर्क रहने की अपील की गई. बता दें कि, सिर्फ मुजफ्फरपुर ही नहीं बल्कि शिवहर, सीतामढ़ी और समस्तीपुर में भी नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. मालूम हो कि, मानसून के वक्त बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है. लोग अपना ही घर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं. जिसके कारण कई परेशानियां लोगों को झेलनी पड़ती है. इधर, बागमती नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है. जिला प्रशासन हुआ अलर्ट जानकारी के मुताबिक, पानी के दबाव के कारण कटरा-पहसौल-यजुआर मुख्य मार्ग में बकुची स्थित बागमती नदी पर बने पीपा पुल का दक्षिणी भाग कई भागों में बंट गया. हालांकि, मरम्मती के बाद आवागमन जारी हो पाया. तो वहीं, संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए और उससे निपटने के लिए जिला प्रसासन की ओर से तैयारी कर ली गई है. बता दें कि, मानसून के शुरूआत से पहले ही सीएम नीतीश कुमार ने भी समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को अलर्ट किया था. तमाम तैयारियों पर नजर रखने का आदेश दिया गया था. तो वहीं, अब प्रशासन अलर्ट है. Also Read: Bridge In Bihar: देश के सबसे लंबे केबल ब्रिज का सीएम नीतीश ने किया उद्घाटन, दियारा से पटना बस 5 मिनट में पहुंचेंगे The post Bihar Flood Alert: नेपाल में भारी बारिश से बिहार में मच सकती है तबाही, नदियां उफनाई, इन जिलों के लिए अलर्ट… appeared first on Naya Vichar.

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डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस : “तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें”

Syama Prasad Mookerjee Death Anniversary : (विनय कुमार सिंह का लेख) जिस तरह सन् 1699 की वैशाखी पर्व पर आनंदपुर के केशगढ़ साहिब में दशम गुरु गोविंद सिंह जी के देश-धर्म पर मर-मिटने के आह्वान पर पंजाब के दयाराम खत्री आत्मोत्सर्ग के लिए सबसे पहले आगे आए थे,उसी प्रकार स्वातंत्र्योत्तर हिंदुस्तान की  एकता और अखंडता के रक्षार्थ हिंदुस्तानमाता के आर्त पुकार पर सबसे पहले दौड़ पड़नेवाले महापुरुष थे- हिंदुस्तानीय जनसंघ के संस्थापक-अध्यक्ष और अपने युग के अप्रतिम तेजस्वी सांसद डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी. आज ही, 23 जून 1953 को डा.मुखर्जी हिंदुस्तानमाता के मणि-किरीट जम्मू कश्मीर में मातृभूमि की बलिवेदी पर चढ़ गए थे. स्वाधीन हिंदुस्तान की अखंडता और प्रभुसत्ता के लिए वह प्रथम बलिदान था जो इतिहास के पन्नों में देदीप्यमान है. स्वाधीनता के बाद हिंदुस्तान की 565 में 564 रियासतों का विलय लोहपुरुष सरदार पटेल की दृढ़ता और नीति-निपुणता के चलते हिंदुस्तानीय संघ में हो गया था. लेकिन जम्मू-कश्मीर के हिंदुस्तानीय संघ के साथ एकीकरण के प्रश्न पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू गृहमंत्री सरदार पटेल के आड़े आ गए और जम्मू कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के नेता (बाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस) शेख अब्दुल्ला से गुमराह हो उन्होंने अपरिपक्व रवैया अपनाया जिससे कश्मीर-समस्या खड़ी हुई. उधर मोहम्मद अली जिन्ना और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत खां की ललचाई दृष्टि ‘धरती के स्वर्ग’ कश्मीर पर थी;सो कवायलियों की आड़ में पाकिस्तान ने 22 अक्तूबर 1947 को जम्मू कश्मीर पर धावा बोल दिया. वे कश्मीर घाटी के इलाकों में जन-धन की भीषण तबाही मचाते हुए श्रीनगर पर कब्जे को लक्ष्य कर आगे बढ़ने लगे. कोटली और मीरपुर में हजारों हिंदुस्तान-भक्तों,विशेषकर हिंदुओं का लोमहर्षक संहार हुआ. स्थिति बिगड़ती देख सरदार पटेल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्री गुरुजी गोलवलकर तथा अपने दीवान जस्टिस मेहरचंद महाजन की सलाह को ध्यान में रखते हुए कश्मीर के महाराजा हरिसिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को राज्य के हिंदुस्तानीय संघ में विलय-पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया और यह प्रदेश अन्य रियासतों की ही भांति हिंदुस्तान का अभिन्न अंग हो गया. विलय के अगले दिन हिंदुस्तानीय सेना श्रीनगर पहुंची और मेजर सोमनाथ शर्मा,ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह तथा मेजर उस्मान की अगुआई में सटीक सैन्य करवाई से घबराकर पाकिस्तानी सिर पर पैर रखकर भागने लगे. लेकिन इसी बीच प्रधानमंत्री पं.नेहरू के तीन आत्मघाती कदम बढ़े. पहले तो वे कश्मीर घाटी को पाक-आक्रांताओं से पूरी तरह मुक्त किए बिना युद्ध-विराम कर मामले को संयुक्त राष्ट्रसंघ में ले गए. दूसरा यह कि उन्होंने कश्मीर के हिंदुस्तान या पाकिस्तान में रहने के सवाल पर राष्ट्रसंघ के ‘जनमत संग्रह’ (plebiscite) के प्रस्ताव को हामी भर दी. उनके इन निर्णयों से कश्मीर की तकदीर मानो कच्चे सूते में बंधी लटक गई. इसके बाद भी,पं.नेहरू की सबसे बड़ी हिमालयी भूल यह रही कि संविधान सभा में सरदार पटेल,डा.अंबेदकर,डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी और हसरत मोहानी सहित अपने मंत्रिमंडल के अधिकांश सदस्यों के विरोध के बावजूद शेख अब्दुल्ला की सलाह पर उन्होंने सन् 1949 में हिंदुस्तानीय संविधान में धारा 370 के तहत कश्मीर को ‘विशेष दर्जा’ और 1954 में 35-ए के उपबंध के अंतर्गत राज्य में ‘दोहरी नागरिकता’ की व्यवस्था लागू कर दी. दशकों तक ये अलगाववादी उपबंध हिंदुस्तान के शरीर में नासूर की तरह चुभते रहे–तबतक,जबतक कि 5 अगस्त 2019 को वर्तमान की भाजपा प्रशासन ने अपने वायदे के मुताबिक इसे पूरी तरह रद्द नहीं कर दिया. इसी बीच सन् 1951 में जम्मू कश्मीर राज्य-विधानसभा के लिए प्रथम चुनाव हुए जिसके परिणामस्वरूप राज्य-शासन की बागडोर शेख अब्दुल्ला के हाथों आ गई. शेख ने कश्मीर के विशेष दर्जे के तहत राज्य में ‘अलग विधान,अलग निशान (झंडा) और अलग प्रधान’ (प्रधानमंत्री) की व्यवस्था लागू की. शेख साहब बड़े शान से राज्य के वजीरे आजम (प्रधानमंत्री) कहलाते थे. उस वक्त वहां हिंदुस्तान का राष्ट्रीय तिरंगा फहराना जुर्म था;जो भी देशभक्त वहां तिरंगा फहराने की कोशिस करते,वे अब्दुल्लाशाही की गोलियों के शिकार होते थे. सबसे विचित्र परिपाटी तो यह प्रचलित थी कि शेष हिंदुस्तान के लोगों को जम्मू-कश्मीर प्रविष्ट होने के लिए ‘परमिट’ लेना पड़ता था. स्पष्ट है कि यह सब हिंदुस्तानीय संविधान की मूल भावना — ‘एक राष्ट्र,एक जन’ के विरुद्ध था. कश्मीर के विशेष दर्जे के चलते हिंदुस्तान की संसद वहां आंशिक तौर पर ही प्रभावी थी और राज्य सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार से बाहर था.  इन राष्ट्रघाती प्रावधानों की आड़ में पृथकतावादी व पाकपरस्त तत्वों के राष्ट्रद्रोह की आंच से कश्मीर की केसर की क्यारियां मानो झुलस-सी रही थी. अटलजी ने कश्मीर की दयनीयता को अपनी एक कविता में यथार्थ ही लिखा था – “समय की सर्द सांसों ने चिनारों को झुलस डाला.” ऐसी परिस्थिति में जम्मू कश्मीर प्रजा-परिषद् के प्रधान पं.प्रेमनाथ डोगरा के नेतृत्व में राज्य के देशभक्तों ने शेख अब्दुल्ला द्वारा खड़ी की गई अलगाववादी दीवार को ढहाकर कश्मीर के हिंदुस्तान में पूर्ण विलय के लिए प्रचंड जनांदोलन छेड़ दिया. इसपर शेख-प्रशासन ने क्रूर दमनचक्र चलना शुरू किया जिसमें दर्जनों देशभक्त शहीद हुए और बड़ी संख्या में अमानवीय जेल-यातना के शिकार हुए. 7 अगस्त 1952 को लोकसभा में हिंदुस्तानीय जनसंघ के अध्यक्ष व सांसद डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने प्रजा परिषद् के देशभक्तो पर किए जा रहे निरंकुश दमनकारी कारवाइयों के खिलाफ तर्कपूर्ण आवाज बुलंद की. उनके शब्द थे,”प्रधानमंत्री पं.नेहरू की कश्मीर नीति ‘हिंदुस्तान के  ‘बाल्कनीकरण’ (विखंडन) की ओर ले जा सकती है.” इसपर पं.नेहरू ने प्रजा परिषद्,जनसंघ और डा.मुखर्जी को साम्प्रदायिक करार दिया. तब डा.मुखर्जी ने दिसंबर 1952 में जनसंघ के कानपुर अधिवेशन में प्रजा परिषद् के राष्ट्रवादी आंदोलन को समर्थन की घोषणा कर दी और भेदभावपूर्ण व राष्ट्रघाती परमिट प्रणाली को तोड़कर जम्मू-कश्मीर जाने का निर्णय लिया. इससे पूर्व अगस्त 1952 में उन्होंने जम्मू का दौरा किया था और वहां परेड मैदान की एक विशाल जनसभा में यह एलान किया था–“या तो विधान लेंगे या फिर जान दे देंगे.” विधान लेने का तात्पर्य जम्मू-कश्मीर के ‘अलग विधान’ की जगह वहां हिंदुस्तानीय संविधान लागू कराना था. 8 मई 1953 को डा.मुखर्जी ने वैद्य गुरुदत्त,पं.टेकचंद शर्मा,पं. प्रेमनाथ डोगरा,प्रो.बलराज मधोक,अटल बिहारी वाजपेयी सहित आठ साथियों के साथ नई दिल्ली से जम्मू के लिए प्रस्थान किया। मार्ग में पड़नेवाले स्टेशनों पर हजारों की देशभक्त भीड़ ने उनका जोरदार अभिनंदन किया. जालंधर स्टेशन पर गुरदासपुर के कलक्टर ने उन्हें सूचित किया कि ‘हिंदुस्तान प्रशासन उन्हें बिना परमिट कश्मीर घुसने नहीं देगी’, लेकिन उनका संकल्प अडिग रहा. 11 मई को वे पठानकोट पहुंचे

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संन्यास: स्टिंग ऑपरेशन का भुक्तभोगी से दो ओलंपिक जीतने वाला चैंपियन तक, ‘बनारसी’ ने थामी हॉकी स्टिक

Lalit Upadhyay Announces Retirement from International Hockey: टोकियो और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली हिंदुस्तानीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य रहे अनुभवी फारवर्ड ललित उपाध्याय ने एक दशक से भी अधिक समय तक चले अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया है. ललित ने 2014 में विश्व कप में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया था तथा ओलंपिक में दो पदक जीतना उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि रहींं. ललित ने रविवार को बेल्जियम के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग 2024-25 सत्र के यूरोपीय चरण के हिंदुस्तान के अंतिम मैच के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर जारी की गई पोस्ट में अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की. एक्स पर अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में ललित ने कहा, ‘‘यह सफर एक छोटे से गांव से शुरू हुआ, जहां संसाधन सीमित थे, लेकिन सपने असीम थे.’’ वह टोक्यो 2020 ओलंपिक में इतिहास रचने वाली टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा थे. हिंदुस्तान ने तब लंबे समय के बाद ओलंपिक में पदक जीता था. हिंदुस्तान ने 2024 में पेरिस ओलंपिक स्पोर्ट्सों में फिर से कांस्य पदक जीता और ललित इस टीम का भी अभिन्न अंग थे. ललित ने आगे लिखा, ‘‘स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर एक बार नहीं बल्कि दो बार ओलंपिक पोडियम पर पहुंचने का यह सफर चुनौतियों, विकास और अविस्मरणीय गौरव से भरा रहा. 26 वर्षों के बाद अपने शहर से पहला ओलंपियन बनना ऐसी बात है जिसे मैं हमेशा पूरे सम्मान के साथ संजोकर रखूंगा.’’ गोल करने की अद्भुत क्षमता वाले ललित ने सीनियर स्तर पर हिंदुस्तान के लिए 183 मैच स्पोर्ट्से, जिनमें 67 गोल किए. 31 वर्षीय खिलाड़ी ने हिंदुस्तानीय टीम के लिए अपना अंतिम मैच 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ स्पोर्ट्सा था. Today, I announce my retirement from international hockey.It’s a tough moment, but one every athlete must face one day.It has been the greatest honour and pride of my life to represent our country 🇮🇳🙏Thank you for everything. 🙏 @HockeyIndiaLeag @TheHockeyIndia pic.twitter.com/OcryhKsYxQ — Lalit Upadhyay (@lalithockey) June 22, 2025 स्टिंग ऑपरेशन में ललित कैसे फंसे थे? साल 2008 में जब ललित की उम्र सिर्फ 17 साल थी और उनका करियर नई शुरुआत ही कर रहा था, तभी एक अनचाहे विवाद ने उनके सफर को अचानक थाम दिया. एक टीवी चैनल के रिपोर्टर ने एक एजेंट बनकर हिंदुस्तानीय हॉकी महासंघ (IHF) के उस समय के सचिव के. जोथिकुमारन को एक प्रायोजन (स्पॉन्सरशिप) डील की पेशकश की, लेकिन शर्त यह रखी कि उनके पसंद के खिलाड़ी को हिंदुस्तानीय टीम में लिया जाए और इस चाल में ललित का नाम बतौर मोहरा इस्तेमाल किया गया. ललित इस ‘सौदेबाज़ी’ से पूरी तरह अनजान थे और इस घटना से इतने आहत हुए कि उन्होंने हॉकी छोड़ने का मन तक बना लिया था. हालांकि बाद में उन्होंने अपना मन बदला और आगे चलकर इसने उन्हें मानसिक रूप से और मजबूत बनाया. दिलीप टर्की ने बताया सबसे शानदार फॉरवर्ड प्लेयर ललित के हिंदुस्तानीय हॉकी में योगदान का जिक्र करते हुए हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा, ‘‘ललित अपनी पीढ़ी के सबसे शानदार और समर्पित फॉरवर्ड में से एक रहे हैं. चाहे वह महत्वपूर्ण ओलंपिक मैच हो या लीग मैच, उन्होंने हमेशा हिंदुस्तानीय जर्सी को गर्व के साथ पहना और दिल से स्पोर्ट्सा.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘वाराणसी की संकरी गलियों से निकलकर दो बार ओलंपिक पोडियम पर खड़े होने तक का उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है. हम हिंदुस्तानीय हॉकी के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं और उनके जीवन की अगली पारी के लिए शुभकामनाएं देते हैं.’’ ललित की अप्रतिम उपलब्धियां ललित ने ओलंपिक के अलावा 2016 में एशियाई चैंपियन ट्रॉफी और 2017 में एशिया कप में हिंदुस्तान की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य प्रतियोगिताओं में भी पदक जीते जिनमें 2017 हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल में कांस्य, 2018 चैंपियंस ट्रॉफी में रजत, 2018 एशियाई स्पोर्ट्सों में कांस्य और 2018 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक शामिल हैं. वह एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरे स्थान पर रहने वाली और 2022 एशियाई स्पोर्ट्सों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे. हिंदुस्तानीय हॉकी में उनके योगदान के लिए ललित को 2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. ‘जब तक भगवान ने…’, भड़के बुमराह ने दिया करारा जवाब, आलोचकों को सुनाया खरा-खरा बाउंड्री पर कैच लेते समय गिरने वाले थे जडेजा, फिर आए साई सुदर्शन, देखें जुगलबंदी वाली शानदार फील्डिंग एक तो WTC फाइनल हार गए, ऊपर से साथी खिलाड़ियों से ऐसी बात कह रहे ट्रैविस हेड, इंडीज दौरे पर चाहते हैं ऐसा The post संन्यास: स्टिंग ऑपरेशन का भुक्तभोगी से दो ओलंपिक जीतने वाला चैंपियन तक, ‘बनारसी’ ने थामी हॉकी स्टिक appeared first on Naya Vichar.

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Anupama New Entry: शो में हुई इस शख्स की नई एंट्री, अनु पर लगा ये संगीन आरोप, राही तोड़ेगी ये रिश्ता

Anupama New Entry: रूपाली गांगुली स्टारर अनुपमा अपने दिलचस्प एपिसोड से दर्शकों को एंटरटेन करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है. शो के आने वाले एपिसोड में कई बड़े ट्विस्ट और टर्न देखने को मिल रहे हैं. मेकर्स अनु की जिंदगी में उतार-चढ़ाव दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. ड्रग ओवरडोज के कारण आर्यन की मौत के बाद, अनु मुंबई चली गई, क्योंकि सभी ने उसे उसकी हत्या के लिए दोषी ठहराया. पंडित मनोहर के घर पर काम करती है अनुपमा अनुपमा के मौजूदा एपिसोड में, अनु पंडित मनोहर के घर में रसोइया का काम करती है और संयोग से राही भी उसी जगह जाती है. अनुपमा मनोहर की खास बन जाती है, जब वह अचानक गिर जाता है और वह उसे अस्पताल ले जाती है. इसी बीच पंडित की फैमिली की एंट्री होती है, जो बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. वह अपने पिता का इज्जत नहीं करता है और घर को एक संपत्ति के रूप में देखता है. पंडित जी को नुकसान पहुंचाने का अनुपमा पर आरोप लगाएगा ये शख्स अनुपमा के आने वाले एपिसोड में, अनु अपनी आवाज उठाती है और पंडित जी के बेटे को खरी-खोटी सुनाती है, क्योंकि वह कहता है कि अनु सिर्फ उसके पिता की संपत्ति पाने के लिए चापलूसी कर रही है. इतनी लड़ाई के बाद पंडित मनोहर बेहोश हो जाते हैं. अनुपमा पंडित जी को गाड़ी में बिठाती है और उन्हें अस्पताल लेकर जाती है. इधर पंडित जी का बेटा अस्पताल लौटता है और कहता है कि वह उनका बेटा है और अनुपमा पर पैसे की समस्या के कारण उसके पिता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाता है. दूसरी ओर, राही पारिवारिक कलह को लेकर अंश और प्रार्थना से अपने संबंध तोड़ने का फैसला करती है. परी को सताता है ये आरोप इस बीच, परी जानती है कि उसके पिता उसकी खुशहाल शादीशुदा जिंदगी को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं. राजा की ओर से परितोष को लोन के तौर पर पैसे देने पर बुरा महसूस करने के बाद वह अपना आपा खो देती है. किंजल अपनी गलती स्वीकार न करने के लिए तोशु को कोसती है और उसकी बेटी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. पाखी और इशानी को परी के खिलाफ जाने का मौका मिलता है. यह भी पढ़ें- Ramayana में भगवान हनुमान का किरदार निभाने पर सनी देओल ने तोड़ी चुप्पी, कहा- आपको कुछ बहुत खास… The post Anupama New Entry: शो में हुई इस शख्स की नई एंट्री, अनु पर लगा ये संगीन आरोप, राही तोड़ेगी ये रिश्ता appeared first on Naya Vichar.

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झारखंड में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगेगी रोक, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने लिया बड़ा फैसला

Irfan Ansari: झारखंड में अब प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी नहीं चलेगी. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने एक बड़ा फैसला लिया है. मंत्री इरफान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “मौत के बाद इंसानियत जिंदा रहनी चाहिए.” मौत के बाद शव नहीं रोक सकते अस्पताल उन्होंने कहा कि “हमने एक ऐसा मानवीय फैसला लिया है, जिसकी गूंज न सिर्फ राज्य में बल्कि पूरे देश में सुनी जा रही है. अब किसी भी मरीज की मृत्यु के बाद अस्पताल शव को रोक कर नहीं रखेगा. इससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिली है.” झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें आर्थिक तंगी के कारण अंतिम संस्कार में देरी स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि “कई बार देखा गया है कि आर्थिक तंगी के कारण गरीब परिवार अपने ही प्रियजन का अंतिम संस्कार समय पर नहीं कर पाते थे. लेकिन अब, इस संवेदनशील फैसले से हर वर्ग को इंसाफ मिला है. लोग कह रहे हैं — मुसीबत के समय अगर कोई सहारा बनता है, तो वही सच्ची श्रद्धांजलि और इंसानियत है.” इसे भी पढ़ें रांची में महज कुछ देर की बारिश ने खोली नगर निगम की पोल, बरसात की बूंदों में डूबा दिखा शहर यह फैसला कांग्रेस की विचारधारा का प्रतिबिंब है मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि यह फैसला केवल एक प्रशासनी आदेश नहीं, बल्कि कांग्रेस की उस विचारधारा का प्रतिबिंब है जो हर पीड़ित, हर जरूरतमंद के साथ खड़ी होती है. यही है कांग्रेस की असली ताकत-सेवा, संवेदना और सहयोग. सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस आलाकमान ने मुझे जो जिम्मेदारी दी उसे राज्य के हर व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा करके निभा रहा हूं. “मौत के बाद इंसानियत जिंदा रहनी चाहिए” हमने एक ऐसा मानवीय फैसला लिया है, जिसकी गूंज न सिर्फ राज्य में बल्कि पूरे देश में सुनी जा रही है। अब किसी भी मरीज की मृत्यु के बाद अस्पताल शव को रोक कर नहीं रखेगा, इससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिली है। कई बार देखा गया है… pic.twitter.com/qvDhhCI3C9 — Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) June 23, 2025 इसे भी पढ़ें Shravani Mela: देवघर में जोरों पर श्रावणी मेले की तैयारी, कांवरिया पथ पर बिछेगा गंगा का बालू Jharkhand Liquor Policy: नई उत्पाद नीति के तहत पूरी नहीं हुई प्रक्रिया, 1 जुलाई से शराब की बिक्री पर पड़ेगा असर Shravani Mela: बाबा मंदिर में पट बंद होने और खुलने का समय तय नहीं, घंटों लाइन में खड़े रहने को मजबूर भक्त The post झारखंड में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगेगी रोक, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने लिया बड़ा फैसला appeared first on Naya Vichar.

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Numerology: सूर्य की तरह चमकता है इस मूलांक के लोगों की किस्मत, लोग समझते हैं घमंडी

Numerology: अंक ज्योतिष एक ऐसी विद्या है जिसमें अंकों के जरिए इंसान के स्वभाव और उसके जीवन के बारे में जाना जाता है. हर अंक का अपना एक खास मतलब और असर होता है. जब किसी व्यक्ति का भविष्य जानना हो, तो सबसे पहले उसकी जन्मतिथि से उसका मूलांक निकाला जाता है. यह मूलांक 1 से 9 तक कोई भी एक अंक होता है. अंक ज्योतिष के अनुसार, हर मूलांक से जुड़ा एक ग्रह होता है, जो उस व्यक्ति की जिंदगी पर असर डालता है. ऐसे में आज हम आपको उन 4 तारीखों में जन्मे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किस्मत से बहुत भाग्यशाली होते हैं. चलिए जानते हैं इन लोगों के स्वभाव के बारे में अच्छे से.  ये हैं मूलांक और जन्मतिथि  अंक ज्योतिष के अनुसार, जिनका जन्म किसी भी महीने के 1, 10, 19 और 28 तारीख को हुआ है. उनका मूलांक 1 होता है. मूलांक 1 का ग्रह स्वामी सूर्य होता है.  यह भी पढ़ें- Numerology: दोस्तों को कभी अकेले नहीं छोड़ते इस मूलांक में जन्में लोग, हर महफिल की होते हैं जान मूलांक 1 के लोग कैसे होते हैं? मूलांक 1 के लोग बहुत तेज दिमाग के होते हैं. इसके अलावा, जो बोलते है वो करके भी दिखते हैं. इन्हें सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करना पड़ता है.  मूलांक 1 के लोग अपनी बातें जल्दी किसी से कहना नहीं पसंद करते हैं. इनको खुद की मर्जी से काम करना अच्छा लगता है. इसके अलावा, ये हंसकर हर विपदा को हल कर लेते हैं.  मूलांक के 1 लोग ज्यादातर लोगों को घमंडी लगते हैं. हालांकि, ये लोग बहुत साफ और नेक दिल के होते हैं. इनमें घमंड बिल्कुल भी नहीं होता है. यह भी पढ़ें- Numerology: घर में राजा और ससुराल में महराजा जैसे रहते हैं इन तारीखों में जन्मे लड़के  यह भी पढ़ें- Numerology: गहरे राज दिल में दफन किए रहती हैं इन 3 तारीखों में जन्मी लड़कियां Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार इसकी पुष्टि नहीं करता है. The post Numerology: सूर्य की तरह चमकता है इस मूलांक के लोगों की किस्मत, लोग समझते हैं घमंडी appeared first on Naya Vichar.

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चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर 177 जिंदगियों पर मंडराया मौत का साया, उड़ान से ठीक पहले इंडिगो फ्लाइट में आई गंभीर तकनीकी खामी

Indigo Flight Emergency: रविवार सुबह चंडीगढ़ स्थित शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब लखनऊ जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E-146 में उड़ान भरने से कुछ ही देर पहले तकनीकी खामी पाई गई. फ्लाइट में कुल 177 यात्री सवार थे, जिन्हें पायलट की सतर्कता के चलते सुरक्षित विमान से उतार लिया गया. जैसे ही विमान पार्किंग क्षेत्र से रनवे की ओर बढ़ा, पायलट को तकनीकी गड़बड़ी का अंदेशा हुआ. सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पायलट ने तत्काल विमान को रोका और उसे वापस पार्किंग पर ले आया. बोर्डिंग के बाद उड़ान रद्द, यात्रियों में गुस्सा यात्रियों ने बताया कि फ्लाइट सुबह 7:10 बजे रवाना होने वाली थी और वे बोर्डिंग पूरी कर विमान में बैठ चुके थे. उड़ान रद्द किए जाने की घोषणा अंतिम क्षणों में की गई, जिससे यात्री खासे नाराज नजर आए. करीब एक घंटे तक किसी भी अधिकारी ने उन्हें स्पष्ट जानकारी नहीं दी, जिस वजह से छोटे शिशु, बुजुर्ग और स्त्रीएं परेशान होते रहे. कई यात्री एयरपोर्ट पर जमीन पर बैठकर इंतजार करते दिखे. नहीं आया कोई वरिष्ठ अधिकारी, यात्रियों ने पीएमओ से लगाई गुहार लंबे इंतजार और जानकारी के अभाव में यात्रियों की परेशानी बढ़ गई. इस दौरान किसी वरिष्ठ अधिकारी के सामने न आने पर एक यात्री ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया और सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से मदद की गुहार लगाई. उस यात्री ने लिखा कि “बोर्डिंग के बाद फ्लाइट रद्द कर दी गई, कोई सीनियर सामने नहीं है, एक घंटे से इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई कुछ नहीं बता रहा.” इंडिगो ने दी यात्रियों को रिफंड और कनेक्टिंग फ्लाइट की सुविधा इंडिगो एयरलाइन की ओर से यात्रियों को विकल्प देने की बात कही गई। जिन यात्रियों ने यात्रा रद्द करनी चाही, उन्हें पूरा किराया वापस किया गया. वहीं जो लोग लखनऊ के लिए यात्रा जारी रखना चाहते थे, उन्हें दिल्ली के रास्ते कनेक्टिंग फ्लाइट की सुविधा दी गई. कुछ यात्रियों के लिए एयरलाइन की ओर से होटल में ठहरने की व्यवस्था भी की गई. लखनऊ से दिल्ली आने-जाने वाली एयर इंडिया की दो उड़ानें 25 दिनों तक रद्द 21 जून से 15 जुलाई तक नहीं चलेगी एआई 2460 और 2461. दूसरी तरफ लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से दिल्ली आने-जाने वाली एयर इंडिया की दो महत्वपूर्ण उड़ानों को 25 दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है. एयर इंडिया की फ्लाइट AI-2460 दिल्ली से रात 8:55 बजे चलकर रात 10:05 बजे लखनऊ पहुंचती थी, जबकि वापसी की फ्लाइट AI-2461 रात 10:55 बजे लखनऊ से उड़ान भरकर रात 12:20 बजे दिल्ली पहुंचती थी. अब ये दोनों उड़ानें 21 जून से 15 जुलाई तक निरस्त रहेंगी. एयर इंडिया ने ऑपरेशनल कारणों को बताया जिम्मेदार इन दोनों उड़ानों के रद्द होने के पीछे एयर इंडिया ने ऑपरेशनल कारणों का हवाला दिया है. एयरलाइन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति चेक कर लें और आवश्यकतानुसार वैकल्पिक व्यवस्था करें. The post चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर 177 जिंदगियों पर मंडराया मौत का साया, उड़ान से ठीक पहले इंडिगो फ्लाइट में आई गंभीर तकनीकी खामी appeared first on Naya Vichar.

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मानसून में बालों की हो गई है दुर्दशा, तो आज ही लगाएं ये गुलाबी रस 

Monsoon Hair Care: बारिश में अधिकतर ऐसा होता है कि लोग भीग जाते हैं और उनके बालों पर असर होता है. बारिश में बालों पर असर होने के कारण बाल बहुत ज्यादा फ्रीजि और कमजोर हो जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि बारिश में अपनी सेहत के साथ-साथ बालों का भी ठीक से ध्यान रखें, ताकि वो खराब न हो. लेकिन जब भी बालों की देखभाल की बात आती है तो लोग महंगे प्रोडक्ट्स की तरफ भागते हैं लेकिन फिर भी बालों पर कुछ खास असर नहीं दिखाई देता है, ऐसे में घरेलू उपाय ही बालों को वापस पहले की तरह करते हैं. चलिए फिर आपको बताते हैं कौन से हैं वो घरेलू उपाय.  कैसे रखे बालों का ख्याल बारिश के समय में घर से बालों में तेल लगा कर न निकलें. कोशिश करें की जब भी बाहर निकले तो बाल अच्छे से बंधे हो क्योंकि अगर बाल खुले होंगे औ रूनमें तेल लगे होंगे तो बाल और भी ज्यादा डैमेज होंगे. अगर आप बारिश से भीग कर आए हैं तो बालों को याद से अगले दिन धो लें वरना बाल आपस में उलझ जाएंगे.  बालों की जड़ों को कैसे करें मजबूत  बारिश में इसलिए भी बाल टूट जाते हैं क्योंकि वो कमजोर हो जाते हैं. ऐसे में जरूरी है उनकी अच्छे से मालिश की जाए ताकि बाल कमजोर न हो. इसमें प्याज बड़ी भूमिका निभाता है, प्याज के रस को निकाल कर घर में अगर आप अपने बालों में लगाते हैं तो ये आपके बालों को जड़ से मजबूत बनाता है.  Image: freepik कैसे इस्तेमाल करे प्याज का रस प्याज के रस को इस्तेमाल करना बेहद ही आसन है. इसके लिए आपको कच्चे प्याज को काट कर उए मिक्सर में अच्छे से गरईनद कर लेना है. इसके बाद एक पतले कपड़े की मदद से रस को निकाल लेंगे और एक बोतल में इसे सिक्योर करके रख लेंगे. अब जब भी बाल धोने जाएंगे बारिश के दिनों में तो इसे एक बार बालों की जड़ों में अच्छे से स्प्रे कर लेंगे और हल्के हाथों से पूरे सर में अच्छे से मसाज कर लेंगे.  यह भी पढ़ें: Monsoon Drink: हर मौसम के लिए परफेक्ट है ये होममेड ड्रिंक, एक बार चखा तो भी भूल पाएंगे स्वाद क्या मिलेगा फायदा प्याज के रस से बालों को ढेरों फायदे मिलते हैं. इससे बालों की जड़े भी मजबूत होती हैं. हफ्ते एन 3 से 4 बार इस रस को बालों में लगाने से बालों की जड़े मजबूत होती है जिसके कारण बाल कम गिरते हैं, बालों में चमक वापस आती हैं. इसके साथ ही साथ बाल मजबूत होते हैं.   यह भी पढ़ें: Masoor Dal Ka Chilla: प्रोटीन से भरपूर नाश्ते की है तलाश, तो बनाइए ये मजेदार डिश The post मानसून में बालों की हो गई है दुर्दशा, तो आज ही लगाएं ये गुलाबी रस  appeared first on Naya Vichar.

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बिहार की 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी ये पार्टी, इन उपेक्षित वर्गों पर रहेगा विशेष ध्यान

Bihar Election 2025: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में स्वाधीनता पार्टी राज्य की लगभग 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसकी जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर शंकर प्रभात ने सहरसा में एक संवाददाता सम्मेलन में दी. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि इस बार चुनाव में पार्टी सहरसा, मधेपुरा, सुपौल और खगड़िया जिले की सभी 17 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. इसके अलावा राज्य की कुल 50 सीटों पर उम्मीदवार खड़े होंगे. बिहार को नई पहचान दिलाने की तैयारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी का मुख्य उद्देश्य सामाजिक नव निर्माण, शिक्षित समाज का निर्माण, स्त्रीओं का उत्थान, बुजुर्गों का सम्मान और बिहार को नई पहचान दिलाना है. अमर शंकर प्रभात ने कहा कि स्वाधीनता पार्टी अति पिछड़े, दलित और बनिया वर्ग के अधिकारों और उनके विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोशी इलाका हमेशा से उपेक्षित रहा है. कोशी इलाके में न तो उद्योग लगे और न ही रोजगार के अवसर मिले. यही वजह है कि यहां से बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करना पड़ा है. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें संगठन की मजबूती पर जोर इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सहरसा में पार्टी का प्रधान कार्यालय बनाया गया है. इसकी सहायता से संगठन को कोशी क्षेत्र में मजबूती दी जाएगी. इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजीव कुमार और क्षेत्रीय प्रतिनिधि कृष्ण कन्हैया त्रिवेणीगंज, मुखिया किरण देवी और उनके प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर भी मौजूद रहे. इस मौके पर बनिया समाज को लेकर भी चिंता जाहिर की गई. राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि देश की आजादी में योगदान देने के बावजूद बनिया वर्ग नेतृत्वक प्रतिनिधित्व से वंचित हैं. स्वाधीनता पार्टी का मुख्य लक्ष्य इस वर्ग की नेतृत्वक जागरुकता की कमी को दूर करना है. इसे भी पढ़ें: गिरिराज सिंह का लालू परिवार पर तंज, कहा 15 साल में चरवाहा विद्यालय खोला, पीएम मोदी और नीतीश कुमार… The post बिहार की 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी ये पार्टी, इन उपेक्षित वर्गों पर रहेगा विशेष ध्यान appeared first on Naya Vichar.

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