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June 25, 2025

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अधौरा प्रखंड में सर्वे का कार्य जल्द होगा शुरू

अधौरा. भूमि सर्वेक्षण को लेकर अधौरा अंचल के राजस्व गांवों में बहुत जल्द शुरू की जायेगी. इस को लेकर बुधवार को सभी अमीन के साथ शिविर प्रभारी ने सर्वे कार्यालय में बैठक की. इस संदर्भ में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सह शिविर प्रभारी अविनाश कुमार ने बताया कि अब अधौरा अंचल में बहुत जल्द किश्तवार सर्वे की प्रक्रिया शुरू होगी. उसके लिए राजस्व ग्राम की सूची बंदोबस्त कार्यालय में भेजी गयी है जैसे ही बंदोबस्त पदाधिकारी द्वारा मंजूरी मिल जायेगी, तुरंत सभी अमीन आगे की प्रक्रिया में लग जायेंगे. प्रशासन द्वारा चयनित एजेंसी भभुआ आ चुकी है व अंचल के सभी राजस्व ग्राम का नक्शा भी उपलब्ध कराया जा चुका है. अब सभी अमीन किश्तवार चयनित ग्राम में जाकर किसानों की ओर से जमा किये गये कागजात वंशावली का भौतिक सत्यापन करते हुए जमीन के टुकड़े पर जाकर जांच करेगी. वहीं, शिविर प्रभारी द्वारा बताया गया कि उससे पहले किसानों से अंतिम बार कागजात जमा करने कि अपील की गयी. मौके पर कानुनगो हिमांशु कुमार इत्यादि अमीन मौजूद थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post अधौरा प्रखंड में सर्वे का कार्य जल्द होगा शुरू appeared first on Naya Vichar.

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बनकटा के मुन्ना यादव की सर्पदंश से हुई मृत्यु दुखद एवं निंदनीय

पंचदेवरी. प्रखंड के बनकटा गांव निवासी श्री मुन्ना यादव की सर्पदंश के बाद समुचित इलाज एवं आवश्यक दवा (एंटी स्नेक वेनम) के अभाव में हुई मृत्यु अत्यंत दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण और प्रशासनिक लापरवाही का ज्वलंत उदाहरण है. हम पार्टी के जिला अध्यक्ष पंकज सिंह राणा इस गंभीर घटना की उच्चस्तरीय जांच कराये जाने की मांग करते हैं. इसके लिए हमने जिला पदाधिकारी, गोपालगंज को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस मामले में दोषी एवं जवाबदेह पदाधिकारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाये. साथ ही, हमारी यह भी मांग है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रखंड स्तर के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक अस्पतालों में सर्पदंश की दवा (एंटी वेनम सूई) की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये. जीवन अमूल्य है और इसे सुरक्षित रखना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है. हम प्रशासन से शीघ्र व सकारात्मक कार्रवाई की अपेक्षा करते हैं. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post बनकटा के मुन्ना यादव की सर्पदंश से हुई मृत्यु दुखद एवं निंदनीय appeared first on Naya Vichar.

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ट्रांसफर के बाद स्कूलों विषयवार शिक्षकों की हुई कमी : अजीत

ओबरा. बिहार राज्य बीपीएससी प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत कुमार ने बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर रैंडमाइजेशन पद्धति से किये जाने पर निराशा व नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि बिहार के प्रत्येक जिले के पदस्थापित शिक्षक-शिक्षिकाओं से स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए प्रशासन ने विकल्प मांगे थे. लेकिन, जब रैंडमाइजेशन पद्धति से किये गये ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी की गयी तो चौंकाने वाले परिणाम देखने को मिल रहे हैं. किसी विद्यालय में एक ही विषय के एक से अधिक शिक्षक को स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि जिस विद्यालय से शिक्षक स्थानांतरित होकर आये वहां उस विषय के लिए किसी शिक्षक का स्थानांतरण नहीं किया गया. ऐसी स्थिति में उस विद्यालय में उस विषय के शिक्षक नहीं रह गये जिससे अध्यापन में काफी व्यवधान उत्पन्न होगी. शिक्षा विभाग की प्रारंभ में ही पोस्टिंग की जो प्रक्रिया थी वह गलत व जल्दबाजी में लिया गया निर्णय था. जबसे स्वैच्छिक स्थानांतरण के आधार पर शिक्षकों को अपने जिले या नजदीक के विद्यालय में आने के लिए आवेदन मांगा गया, तो फिर शिक्षा विभाग को इस ओर ध्यान जाना चाहिए था कि जिस विद्यालय से किसी विषय के शिक्षक अगर स्थानांतरित होकर अन्य विद्यालय में चले जायेंगे तो फिर उस विद्यालय में शिक्षक कहां से आयेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को इस पर आत्म मंथन कर शीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता है, ताकि शिक्षकों के ट्रांसफर के कारण बेवजह अफरा-तफरी का माहौल नहीं बने. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post ट्रांसफर के बाद स्कूलों विषयवार शिक्षकों की हुई कमी : अजीत appeared first on Naya Vichar.

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धान की खेती की तैयारी में जुटे किसान

बारिश होने के बाद खेतों में धान का बिचड़ा डाल रहे किसान, मक्के की हो रही बुआई प्रतिनिधि, अकबरपुर. माॅनसून की पहली मूसलाधार वर्षा होने से किसानों में काफी खुशी है. बुधवार को अच्छी वर्षा से खेतों में पानी भर गया है. किसान कृषि कार्य में जुटे गये हैं. किसान दशरथ यादव, गणेश सिंह ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालने वाले किसान धान की रोपने की भी तैयारी में जुट गये हैं. कुछ किसान वर्षा के बाद धान का बिचड़ा डालने के लिए खेतों को तैयार करने लगे हैं. कृषि सलाहकार बिनोद कुमार ने बताया कि अभी तक अकबरपुर प्रखंड में धान आच्छादन का लक्ष्य 9172 हेक्टेयर है, जिसका 10 प्रतिशत धान बिचड़ा का लक्ष्य 917 हेक्टेयर है. इसमें 57 प्रतिशत लक्ष्य के विरुद्ध बिचड़ा आच्छादन हो गया है. बुधवार की तरह वर्षा होते रहने से धान का बिचड़ा लगाने का लक्ष्य समय से पहले पूरा हो जायेगा. आद्रा नक्षत्र के प्रारंभिक होने के दो दिन पहले वर्षा शुरू हो गयी. आर्द्रा नक्षत्र 22 जून से शुरू हुआ है और छह जुलाई तक रहेगा. आद्रा नक्षत्र में वर्षा से खेती कार्य को काफी लाभ होगा. जिन किसानों के बिछड़े रोहिणी नक्षत्र में डाले गये थे, वे लोग धान की रोपने की तैयारी में लग गये हैं. खेत में नमी आने से सिंचाई में होगी सुविधा किसानों का कहना है कि खेत में वर्षा के पानी से नमी आने से सिंचाई में भी सुविधा होगी. इस वर्षा से भदई फसल को भी लाभ होगा. आमतौर पर आद्रा नक्षत्र की वर्षा से मक्के के साथ कई तरह की सब्जियों, उड़द, अरहर आदि की बुआई की जाती है. किसान मनोज सिंह ने बताया कि आद्रा नक्षत्र के प्रवेश होने के दो दिन पहले से बरसात हुई है. लेकिन, पर्याप्त वर्षा होने से भदई फसल लगाने में सुविधा होगी. अकबरपुर प्रखंड में धान और भदई फसल दोनों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. किसानों का कहना है कि मक्के आदि की बुआई के लिए अच्छी वर्षा हुई है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post धान की खेती की तैयारी में जुटे किसान appeared first on Naya Vichar.

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याद की गयीं मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती

25कोडपी4 कार्यक्रम में केंद्र की संचालिका व अन्य. प्रतिनिधि कोडरमा. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सहाना रोड कोडरमा शाखा में संस्था की प्रथम पूर्व मुख्य प्रशिक्षिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी का 60वीं पुण्य स्मृति दिवस आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में मनाया गया. उपस्थित संस्थान के भाई बहनों ने मातेश्वरी जगदंबा के तस्वीर पर पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि दी. वहीं कोडरमा सेवा केंद्र की संचालिका वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी अनीता बहन ने मातेश्वरी जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मातेश्वरी के बचपन का नाम ओम राधे था. उन्होंने 16 वर्ष में ही अलौकिक शिक्षा लेने के लिए अपने माता जी के साथ संस्थान में आयीं. संस्थान के साकार संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा को देखते ही कई आलौकिक अनुभव हुआ, तब से मातेश्वरी जी ने आध्यात्मिक पथ पर चलने का निर्णय किया. संचालन बीके संजय भाई ने किया. मौके पर डॉ आर विश्वास, डॉ पवन कुमार, एडवोकेट विनोद, समाजसेवी उमेश वर्मा, रंजन मोदी, भोले शंकर, मनीष जी, सम्राट, अशोक, मीना माता, पुतुल देवी, बी के मीना, बी के ललिता, उमा, अंजू विश्वास, निशा ,खुशी, कोमल, उर्मिला, तारा, आरती, संतोषी, शारदा, सुंदरी, प्रमिला, सावित्री, शारदा, सरोज, बेदामी, उषा, चंपा, शेरा, मंजू, कौशल्या, रीना आदि मौजूद थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post याद की गयीं मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Elections 2025: छठ बाद होगा बिहार विधानसभा चुनाव! अक्टूबर में ऐलान कर सकता है निर्वाचन आयोग

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में हिंदुस्तान निर्वाचन आयोग पूरी तरह सक्रिय हो गया है. इस बार 22 सालों के बाद राज्य में मतदाता सूची का व्यापक पुनरीक्षण किया जा रहा है. इसके लिए आयोग ने हाल ही में एक विस्तृत कैलेंडर जारी किया है. इससे संकेत मिल रहे हैं कि विधानसभा चुनाव दिवाली और  छठ पूजा के बाद कराए जा सकता है.  मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण शुरू चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक, सबसे पहले मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और सुधार का कार्य किया जा रहा है. इसके लिए 25 जून से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो लगभग एक महीने तक चलेगी. बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं का सर्वे और सत्यापन करेंगे. यह काम साल 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी बार इतने बड़े स्तर पर किया गया था. बीएलओ 26 जुलाई तक सभी आवेदनों की जांच और सूची में संशोधन का कार्य पूरा करेंगे. इसके बाद 1 अगस्त को संशोधित मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी किया जाएगा. 30 सितंबर को आएगी फाइनल लिस्ट ड्राफ्ट सूची पर नागरिक 1 सितंबर 2025 तक दावा और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे. इसके बाद सभी आपत्तियों का निपटारा कर 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी.  अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकती है चुनाव तारीखों की घोषणा सूत्रों के अनुसार, फाइनल मतदाता सूची जारी होने के तुरंत बाद, अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है. इसके साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. दिवाली और छठ के बाद ही संभावित मतदान 2025 में दिवाली 21 अक्टूबर को और छठ पूजा 25 से 28 अक्टूबर तक है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर के बाद ही होगा. आयोग धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही तारीखों का निर्धारण करेगा. 29 या 30 अक्टूबर को हो सकती है पहली फेज की वोटिंग  अगर चुनाव कार्यक्रम 1 अक्टूबर को घोषित होता है, तो अधिसूचना 2 अक्टूबर से जारी की जा सकती है. ऐसे में नामांकन 9 अक्टूबर तक, जांच 10 अक्टूबर को, नाम वापसी 12 अक्टूबर तक और मतदान कम से कम दो सप्ताह बाद यानी 29 या 30 अक्टूबर के बाद होने की संभावना है.  बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें तीन चरणों में हो सकता है मतदान, 15 नवंबर तक आ सकते हैं नतीजे पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव दो से तीन चरणों में संपन्न हो सकते हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव भी तीन चरणों में हुए थे. चूंकि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए आयोग को इससे पहले चुनाव परिणाम घोषित करना होगा. अनुमान है कि मतदान छठ पूजा के बाद अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होकर नवंबर के पहले पखवाड़े में समाप्त होगा और 15 नवंबर तक चुनाव परिणाम आ सकते हैं. इसे भी पढ़ें: पटना के मरीन ड्राइव पर पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़, एनकाउंटर में एक आरोपी घायल The post Bihar Elections 2025: छठ बाद होगा बिहार विधानसभा चुनाव! अक्टूबर में ऐलान कर सकता है निर्वाचन आयोग appeared first on Naya Vichar.

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JoSAA Counselling 2025: JoSAA राउंड 2 सीट एलॉटमेंट रिजल्ट जारी, यहां से करें चेक josaa.nic.in

JoSAA Counselling 2025 in Hindi: जो उम्मीदवार JEE Main 2025 के माध्यम से तकनीकी संस्थानों में दाखिले के लिए JoSAA काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल हैं, वे अपनी राउंड 2 सीट एलॉटमेंट का रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट josaa.nic.in पर देख सकते हैं.  इसके लिए उम्मीदवार को अपनी JEE Main 2025 की आवेदन संख्या, पासवर्ड और सुरक्षा पिन दर्ज करना होगा. सफलतापूर्वक लॉगिन करने के बाद, राउंड 2 का रिजल्ट स्क्रीन पर दिखेगा. यदि आपकी सीट एलॉट होती है, तो आप उसे डाउनलोड कर प्रिंटआउट जरूर लें.  JoSAA Counselling 2025: राउंड 2 काउंसलिंग में महत्वपूर्ण तारीखें और निर्देश JoSAA के नए शेड्यूल के अनुसार, राउंड 2 की ऑनलाइन रिपोर्टिंग, जिसमें फीस भुगतान, डॉक्युमेंट अपलोड और उम्मीदवारों के सवालों के जवाब शामिल हैं, 25 जून से 29 जून 2025 तक होगी. फीस भुगतान में यदि कोई समस्या आती है, तो उसका समाधान JoSAA 30 जून शाम 5 बजे तक कर देगा, लेकिन यह केवल समय पर की गई भुगतान कोशिशों पर ही लागू होगा. सीट वापसी यानी withdrawal प्रक्रिया 26 जून से 30 जून के बीच शुरू होगी. उम्मीदवार 1 जुलाई तक withdrawal से संबंधित सवालों का जवाब दे सकते हैं.  आगे की सीट एलॉटमेंट राउंड्स की तारीखें JoSAA काउंसलिंग कुल छह राउंड में होगी.  राउंड 3 का सीट एलॉटमेंट 2 जुलाई को, राउंड 4 का 6 जुलाई को, राउंड 5 का 11 जुलाई को और आखिरी राउंड 6 का 16 जुलाई 2025 को होगा. अगर राउंड 2 में उम्मीदवार को पसंदीदा सीट नहीं मिलती है तो वे आगे के राउंड्स में बेहतर विकल्प के लिए अपनी उम्मीद बनाए रख सकते हैं.  Best BTech College: ये हैं बिहार के टॉप प्रशासनी इंजीनियरिंग कॉलेज, जानें प्लेसमेंट और एडमिशन प्रोसेस JoSAA काउंसलिंग प्रक्रिया में क्या ध्यान रखें? JoSAA के माध्यम से देश के IIT, NIT, IIIT और अन्य प्रमुख संस्थानों में सीट आवंटित की जाती है. काउंसलिंग के दौरान उम्मीदवारों को सीट स्वीकार करने, सीट छोड़ने या अपग्रेड करने के विकल्प मिलते हैं. फीस समय पर जमा करना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि निर्धारित समय के बाद भुगतान स्वीकार नहीं किया जाता. डॉक्युमेंट्स को सही और पूरी तरह अपलोड करें ताकि वेरिफिकेशन में कोई बाधा न आए. अगर कोई उम्मीदवार राउंड 2 में सीट नहीं पाता है तो निराश न हों, क्योंकि आगे के राउंड्स में अवसर मिलते रहेंगे.  JoSAA की सभी आधिकारिक घोषणाएं और अपडेट्स केवल उनकी वेबसाइट पर प्रकाशित होते हैं, इसलिए उम्मीदवारों को सभी सूचनाओं के लिए नियमित रूप से वेबसाइट चेक करते रहना चाहिए.  तकनीकी संस्थानों में दाखिले का सपना पूरा करने के लिए JoSAA काउंसलिंग की पूरी प्रक्रिया और तारीखों पर ध्यान देना आवश्यक है.  The post JoSAA Counselling 2025: JoSAA राउंड 2 सीट एलॉटमेंट रिजल्ट जारी, यहां से करें चेक josaa.nic.in appeared first on Naya Vichar.

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Emergency: कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित कर कहा, आपातकाल में हुई लोकतंत्र की हत्या

Emergency: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक प्रस्ताव पास किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘आपातकाल में लोकतंत्र की हत्या हुई थी. साथ ही लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के मूल्यों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया. इस दौरान आपातकाल का विरोध करने वाले अनगिनत लोगों के बलिदान को याद करने और उनका सम्मान करने का संकल्प लिया. प्रस्ताव पारित करने के आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाकर जान गंवाने वाले लोगों के सम्मान में प्रधानमंत्री और मंत्रियों ने 2 मिनट का मौन भी रखा.  गौरतलब है कि हाल के वर्षों में कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा प्रशासन पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाते रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में विपक्ष के भाजपा पर संविधान बदलने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया और इसका खामियाजा भाजपा का भुगतना पड़ा. वहीं भाजपा प्रशासन ने कांग्रेस पर आपातकाल के दौरान संविधान बदलने और लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाती रही है. आपातकाल के 50 साल पूरे होने के मौके पर प्रशासन ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया. इस दौरान आपातकाल के दौरान की गयी ज्यादियों से युवाओं को अवगत कराना है.  कांग्रेस लोकतंत्र विरोधी  बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई भी हिंदुस्तानीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे हनन किया गया. मौजूदा प्रशासन संवैधानिक सिद्धांतों को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सोशल मीडिया एक्स पर लिखे पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल हिंदुस्तानीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है. आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया. प्रेस की स्वतंत्रता का गला दबा दिया गया और व्यापक पैमाने पर नेतृत्वक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डालने का काम किया गया. ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस प्रशासन ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था. आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भाजपा की ओर से व्यापक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के दौरान आपातकाल के पीड़ित लोगों को सम्मानित करने के साथ युवाओं को यह बताने की कोशिश है कि कैसे कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने के लिए संविधान की हत्या की.  The post Emergency: कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित कर कहा, आपातकाल में हुई लोकतंत्र की हत्या appeared first on Naya Vichar.

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Cabinet: संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मिली केंद्र की मंजूरी

Cabinet: झारखंड के झरिया में कोयला खदान में लगी वर्षों पुरानी आग, प्रभावित परिवारों के पुनर्वास से निपटने के लिए केंद्र प्रशासन ने संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गयी. इस योजना पर 5940 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और आग तथा भू धंसान से निपटने तथा प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित पुनर्वास सुनिश्चित करने का काम होगा. संशोधित झरिया मास्टर प्लान के तहत पुनर्वास परिवारों की स्थायी आजीविका के साधन मुहैया कराने, परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए विशेष कौशल विकास और रोजगार परक उपाय को महत्व दिया जायेगा.  इसके अलावा एक लाख रुपये का आजीविका अनुदान और वैध भू-स्वामित्व धारक (एलटीएच) परिवारों और अपंजीकृत भू-धारक (नॉन-एलटीएच) परिवारों दोनों को तीन लाख रुपये तक संस्थागत ऋण दिया जाएगा. इसके अलावा पुनर्वास वाले परिवारों के लिए सड़क, बिजली, जल आपूर्ति, सीवरेज, स्कूल, अस्पताल, कौशल विकास केंद्र, सामुदायिक भवन जैसे व्यापक बुनियादी ढांचे और आवश्यक सुविधाएं विकसित होगी. संशोधित झरिया मास्टर प्लान क्रियान्वयन समिति की सिफारिशों के अनुसार इन प्रावधानों को लागू किया जाएगा. इससे समग्र और मानवीय पुनर्वास सुनिश्चित होगा. पिछली एक शताब्दी से धधक रहा है झरिया कोल फील्ड झरिया कोयला खदान में आग लगने की पहली घटना वर्ष 1916 में सामने आयी थी. इसके बाद जमीन के नीचे आग लगने के कई मामले सामने आए. कोयला खदानों के वर्ष 1971 में राष्ट्रीयकरण से पहले इन खदानों में खनन का काम निजी कंपनियां करती थी. निजी कंपनियां सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान नहीं रखती थी. झरिया कोयला खदान में आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए केंद्र प्रशासन ने वर्ष 1978 में पोलैंड और हिंदुस्तान के विशेषज्ञों की उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया. समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि झरिया क्षेत्र में 41 कोयला खदानों में 77 आग लगने के मामले का पता लगाया है. झरिया कोयला खदान का काम हिंदुस्तान कोकिंग कोल लिमिटेड के जिम्मे है. इसके बाद केंद्र प्रशासन ने वर्ष 1996 में पुनर्वास को लेकर एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया. इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही मास्टर प्लान तैयार किया गया. इस इलाके में उच्च गुणवत्ता वाला कोयला मौजूद है. तमाम प्रयास के बावजूद सिर्फ 2800 परिवारों को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया. खतरे को देखते हुए झरिया मास्टर प्लान को 12 अगस्त 2009 को मंजूरी दी गयी. इस प्लान के तहत केंद्र प्रशासन ने 7112.11 करोड़ रुपये का आवंटन किया. लेकिन यह प्लान आगे नहीं बढ़ पाया. इसके बाद केंद्र प्रशासन ने संशोधित मास्टर प्लान तैयार किया. कोयला मंत्रालय के वर्ष 2023 के आंकड़े के हिसाब से झरिया क्षेत्र में आग से प्रभावित इलाकों की संख्या में कमी आयी है और यह 77 से घटकर 67 हो गयी है.  The post Cabinet: संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मिली केंद्र की मंजूरी appeared first on Naya Vichar.

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दो अरबपति उद्योगपतियों ने फिर मिलाया हाथ, देश में तेल-गैस की करेंगे बिक्री

Ambani Adani Deal: देश के दो सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी एक बार फिर साझेदारी के लिए आगे आए हैं. दोनों ने अपने ईंधन खुदरा नेटवर्क को मिलाकर हिंदुस्तान में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी बेचने के लिए समझौता किया है. यह उनका दूसरा व्यावसायिक सहयोग है, जो ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी हलचल पैदा कर सकता है. जियो-बीपी और एटीजीएल की रणनीतिक साझेदारी इस सहयोग के तहत, मुकेश अंबानी की जियो-बीपी (ब्रिटिश पेट्रोलियम के साथ संयुक्त उपक्रम) और अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल), अपने-अपने फ्यूल स्टेशनों पर एक-दूसरे के उत्पाद उपलब्ध कराएंगे. एटीजीएल की सीएनजी दुकानों पर जियो-बीपी द्वारा पेट्रोल और डीजल डिस्पेंसर लगाए जाएंगे. जियो-बीपी के फ्यूल स्टेशनों पर एटीजीएल अपने सीएनजी डिस्पेंसर स्थापित करेगा. देशभर में मौजूद नेटवर्क का लाभ इस साझेदारी का लाभ दोनों कंपनियों के मौजूदा और भविष्य के नेटवर्क को मिलेगा. जियो-बीपी के पास 1,972 पेट्रोल पंपों का नेटवर्क है. एटीजीएल देशभर के 34 भौगोलिक क्षेत्रों में 650 से अधिक सीएनजी स्टेशन संचालित करती है. यह समझौता उपभोक्ताओं को बेहतर ईंधन पहुंच और गुणवत्ता उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. उपभोक्ताओं के लिए बढ़ेगी सुविधा संयुक्त बयान में कहा गया कि यह सहयोग हिंदुस्तानीय उपभोक्ताओं के वाहन ईंधन अनुभव को फिर से परिभाषित करेगा. अब ग्राहक एक ही आउटलेट से पेट्रोल, डीजल और सीएनजी जैसी सभी प्रमुख ईंधन सेवाएं पा सकेंगे. इससे लॉजिस्टिक लागत घटेगी और ईंधन उपलब्धता में सुधार होगा. इससे पहले भी हो चुका है सहयोग यह दूसरी बार है, जब अंबानी और अदाणी साथ आए हैं. इससे पहले मार्च 2023 में, दोनों समूहों ने मध्यप्रदेश में बिजली परियोजना को लेकर समझौता किया था. रिलायंस ने अदाणी पावर की परियोजना में 26% हिस्सेदारी खरीदी थी और संयंत्र से 500 मेगावाट बिजली खुद उपयोग करने का अनुबंध किया था. इसे भी पढ़ें: साल का सबसे बड़ी सेल लेकर आ रही Amazon, बंपर छूट के साथ होगी सावन की शुरुआत ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा बदलाव मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी की यह साझेदारी न केवल प्रतिस्पर्धा को सहयोग में बदलने का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि हिंदुस्तान का ऊर्जा और ईंधन खुदरा बाजार किस तरह से एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है. आने वाले वर्षों में इस सहयोग के असर व्यापक रूप से देखने को मिल सकते हैं. इसे भी पढ़ें: मुकेश अंबानी ने जियो को बताया अपने जीवन का सबसे बड़ा जोखिम, जो रहा ऐतिहासिक फैसला The post दो अरबपति उद्योगपतियों ने फिर मिलाया हाथ, देश में तेल-गैस की करेंगे बिक्री appeared first on Naya Vichar.

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