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June 27, 2025

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पटना से फिल्म प्रमोशन की नई पटकथा लिख रहे प्रभात चौधरी, बॉलीवुड की बड़ी रिलीज में बन गए बिहारी कनेक्शन की जान

Success Story: जब भी बात हिंदुस्तानीय सिनेमा की बड़े प्रमोशनल कैंपेन की होती है, तो एक नाम बार-बार सामने आता है- प्रभात चौधरी. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस ग्लैमर और मार्केटिंग की दुनिया में चमकता यह नाम बिहार के दरभंगा जिले के पंचोभ गांव से आता है. पटना में ज्ञान निकेतन और सेंट माइकल जैसे प्रतिष्ठित स्कूलों से पढ़ाई करने वाले प्रभात का सफर सिर्फ करियर की ऊंचाइयों तक पहुंचने का नहीं, बल्कि अपने शहर को हिंदुस्तान के मनोरंजन नक्शे पर खास जगह दिलाने का भी है. शाहरुख खान को पहली बार पटना लाए थे प्रभात स्पाइस पीआर के फाउंडर प्रभात चौधरी को इंडस्ट्री के सबसे भरोसेमंद कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजिस्ट्स में गिना जाता है. शाहरुख खान की डॉन 2, आमिर खान की तारे ज़मीन पर, ऋतिक रोशन की सुपर 30 से लेकर अब पुष्पा 2 जैसे बड़े कैंपेन. हर बार पटना प्रमोशन का अहम केंद्र बना. 2011 में शाहरुख खान को पहली बार डॉन 2 के प्रमोशन के लिए पटना लाने वाले भी प्रभात ही थे. जब सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा “पटना क्यों?… हाल ही में पुष्पा 2 का ट्रेलर लॉन्च पटना में होना किसी चौंकाने वाले फैसले से कम नहीं था. देशभर में जहां प्रमोशनल इवेंट्स बड़े शहरों तक सीमित रहते हैं, वहीं पटना का चुनाव फिल्म इंडस्ट्री की सोच में बदलाव का संकेत था. सोशल मीडिया पर “पटना क्यों?” ट्रेंड करने लगा, लेकिन जवाब प्रभात के अनुभव और ज़मीन से जुड़ी सोच में छिपा था. बिहार को हिंदुस्तानीय सिनेमा के नक्शे पर मजबूत करने में है अहम भूमिका कभी आमिर खान का पटना में लिट्टी-चोखा खाना, तो कभी ऋतिक का गांधी मैदान पहुंचना इन सब पलों के पीछे प्रभात की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी रही है. आमिर की वह तस्वीर आज भी कई लिट्टी स्टॉल्स की शान बनी हुई है. प्रभात चौधरी ने साबित किया है कि ज़रूरी नहीं हर बड़ा फैसला मुंबई या दिल्ली में ही हो. अगर इरादा मजबूत हो, तो पटना भी प्रमोशन का नया केंद्र बन सकता है. और यही सोच आज बिहार को हिंदुस्तानीय सिनेमा के नक्शे पर मजबूती से खड़ा कर रही है. Also Read: कोई 23 की उम्र में बना अफसर, कोई फैसलों से मचाता है हलचल! जानिए बिहार कैडर के 8 दबंग IAS के बारे में… The post पटना से फिल्म प्रमोशन की नई पटकथा लिख रहे प्रभात चौधरी, बॉलीवुड की बड़ी रिलीज में बन गए बिहारी कनेक्शन की जान appeared first on Naya Vichar.

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Sawan Somwar 2025 Dates: शुरू होने जा रहा शिवभक्ति का महीना, जानें सावन सोमवार की तिथियां और पूजन विधि

Sawan Somwar 2025 Dates: हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण या सावन माह भगवान शिव की आराधना का सबसे शुभ समय होता है. यह माह शिवभक्तों के लिए साधना, उपवास और आस्था का पर्व बन जाता है. मान्यता है कि इस पवित्र महीने में शिव-पार्वती की उपासना करने से जीवन में सुख-शांति आती है और विशेष रूप से अविवाहित कन्याओं को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति का योग बनता है. वहीं विवाहित स्त्रीएं अपने वैवाहिक जीवन की समृद्धि के लिए सोमवार व्रत करती हैं. सावन 2025 कब से कब तक? सावन माह इस वर्ष 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार) से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 (शनिवार) तक चलेगा. पूरे 30 दिनों तक शिवभक्ति में डूबने का शुभ अवसर रहेगा. Astro Kitchen Tips: ये 6 भूलें रसोई में ना करें वरना बढ़ेगी तंगी सावन सोमवार व्रत तिथियां (Sawan Somwar 2025 Dates) पहला सोमवार: 14 जुलाई 2025 दूसरा सोमवार: 21 जुलाई 2025 तीसरा सोमवार: 28 जुलाई 2025 चौथा सोमवार: 4 अगस्त 2025 सावन में क्या करें? प्रतिदिन शिवलिंग का अभिषेक करें (दूध, जल, शहद आदि से). सोमवार को उपवास रखें और सात्विक आहार लें. “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें. शिव आरती का नियमित रूप से पाठ करें. ब्रह्मचर्य का पालन करें और संयमित जीवन जिएं. ज़रूरतमंदों को दूध या उससे बने पदार्थों का दान करें. सावन में क्या नहीं करना चाहिए? मांसाहार और अधिक तामसिक भोजन से परहेज करें. क्रोध, झगड़ा और कटु शब्दों से बचें. शिवलिंग पर केतकी के फूल और हल्दी चढ़ाने से बचें. दिन में सोना वर्जित माना गया है. भोलेनाथ की कृपा पाने का विशेष अवसर अगर आप भी जानना चाहते हैं अपनी जन्मकुंडली, वास्तु दोष समाधान या व्रत-त्योहारों से जुड़ी जानकारी, तो संपर्क करें: ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्राज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ8080426594 | 9545290847 The post Sawan Somwar 2025 Dates: शुरू होने जा रहा शिवभक्ति का महीना, जानें सावन सोमवार की तिथियां और पूजन विधि appeared first on Naya Vichar.

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Success Story: मंत्र, वेद-शास्त्र और IIT…अब ISRO तक पहुंचा गुरुकुल का छात्र, देखें गोविंद कृष्णन की अनोखी यात्रा

Success Story of Govind Krishnan M in Hindi: हिंदुस्तान के युवा हमेशा से प्रतिभा और परिश्रम के लिए पहचाने जाते हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है गोविंद कृष्णन एम की, जिन्होंने गुरुकुल जैसे पारंपरिक संस्थान से पढ़ाई शुरू की और आज ISRO में एक सफल स्पेस साइंटिस्ट के रूप में काम कर रहे हैं. उनकी यात्रा इस बात का प्रमाण है कि सीमित संसाधन भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकते. आइए जानें Success Story of Govind Krishnan M यहां विस्तार से. गुरुकुल से शुरू हुई शिक्षा की राह (Success Story) रिपोर्ट्स और रिसर्च के मुताबिक, गोविंद कृष्णन केरल के रहने वाले हैं. उनकी स्कूली पढ़ाई किसी आधुनिक स्कूल में नहीं, बल्कि संस्कृत गुरुकुल में हुई. वहां उन्हें वेद, संस्कृत और वैदिक ज्ञान की शिक्षा मिली. तकनीकी युग में ऐसी शिक्षा पद्धति से पढ़ाई करना कई लोगों को मुश्किल लग सकता है, लेकिन गोविंद ने इसे ही अपनी ताकत बना लिया. JEE Advanced से IIT तक की यात्रा गुरुकुल से निकलकर गोविंद ने JEE Advanced जैसी कठिन परीक्षा पास की और IIT में दाखिला लिया. उन्होंने Aerospace Engineering को चुना, जो उनकी स्पेस साइंटिस्ट बनने की दिशा में पहला कदम था. इसे भी पढ़ें- IAS Success Story: 9 से 5 की नौकरी…मॉक टेस्ट और Youtube से पढ़ाई, क्या था UPSC Topper का सक्सेस फॉर्मूला? ISRO में कैसे मिला मौका? IIT से ग्रेजुएशन के बाद गोविंद ने GATE परीक्षा पास की और ISRO में अप्लाई किया. कठिन टेस्ट और इंटरव्यू को पार करते हुए उनका चयन स्पेस साइंटिस्ट के पद पर हुआ. यही से उनकी असली उड़ान शुरू हुई विज्ञान की दुनिया में आसमान छूने की. परंपरा और विज्ञान का मेल गोविंद (ISRO Scientist Govind Krishnan) न केवल एक टेक्निकल एक्सपर्ट हैं बल्कि उन्हें हिंदुस्तानीय संस्कृति, वेदों और संस्कृत की भी गहरी समझ है. वे मानते हैं कि भविष्य का विज्ञान हमारी प्राचीन हिंदुस्तानीय परंपराओं से प्रेरणा लेकर ही आगे बढ़ेगा. यही सोच उन्हें बाकी वैज्ञानिकों से अलग बनाती है. युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा गोविंद कृष्णन की सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक संदेश है जो सोचते हैं कि गांव या पारंपरिक शिक्षा से वे कुछ बड़ा नहीं कर सकते. उन्होंने यह साबित किया कि जुनून, लगन और सही दिशा में की गई मेहनत से हर सपना सच हो सकता है. यह भी पढ़ें- Success Story: मजबूत हौसले से उड़ान…बिना कोचिंग UPSC में गाड़ा झंडा, 22 की उम्र में IAS यह भी पढ़ें- Success Story: 23 की उम्र में बनीं मां, 32 में UPSC Crack…हौसले की मिसाल है इस IAS की कहानी The post Success Story: मंत्र, वेद-शास्त्र और IIT…अब ISRO तक पहुंचा गुरुकुल का छात्र, देखें गोविंद कृष्णन की अनोखी यात्रा appeared first on Naya Vichar.

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Astro Kitchen Tips: ये 6 भूलें रसोई में ना करें वरना बढ़ेगी तंगी

Astro Kitchen Tips: हिंदुस्तानीय संस्कृति में रसोईघर को सिर्फ भोजन पकाने की जगह नहीं, बल्कि एक पवित्र स्थान माना गया है जहां देवी अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए रसोई से जुड़ी हर गतिविधि का वास्तु शास्त्र में खास महत्व बताया गया है. माना जाता है कि अगर किचन में वास्तु नियमों की अनदेखी की जाए तो यह घर की सुख-शांति और आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है. अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि बनी रहे, तो इन रसोई से जुड़ी 6 अहम बातों का विशेष ध्यान रखें: उल्टी कढ़ाई न रखें भोजन बनाने के बाद कई बार कढ़ाई को धोकर उल्टा रख दिया जाता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार यह राहु से जुड़ा अशुभ संकेत है. इससे मानसिक तनाव, विवाद और धन हानि हो सकती है. बेहतर होगा कि कढ़ाई को साफ करके सीधा ही रखें. शुरू होने जा रहा शिवभक्ति का महीना, जानें सावन सोमवार की तिथियां और पूजन विधि धारदार चीजें फैलाकर न रखें किचन में चाकू, छुरी या कांटे जैसी वस्तुएं अगर बेतरतीब और खुली पड़ी रहें, तो घर में मतभेद, गुस्सा और असंतुलन का माहौल बन सकता है. इन्हें हमेशा स्टैंड या ड्रावर में रखें और धार को नीचे की ओर करें. गैस स्टोव की गलत दिशा गैस चूल्हा वास्तु के अनुसार दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्निकोण) में होना चाहिए. अगर यह उत्तर या पश्चिम में रखा गया हो, तो यह स्वास्थ्य और धन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. रसोई में न करें भोजन जल्दी में रसोई में ही खाना खा लेना वास्तु के अनुसार मां लक्ष्मी का अनादर माना जाता है. इससे आर्थिक रुकावटें आ सकती हैं. भोजन हमेशा साफ और निर्धारित स्थान (जैसे डाइनिंग एरिया) में बैठकर करना चाहिए. बाथरूम और किचन के दरवाजे आमने-सामने न हों यदि रसोई और बाथरूम के दरवाजे एक-दूसरे के सामने हैं, तो यह ऊर्जा संतुलन को बिगाड़ता है. इससे घर में बीमारियों और तनाव की संभावना बढ़ जाती है. टपकता नल नजरअंदाज न करें रसोई में लगातार टपकता नल नकारात्मक ऊर्जा और धन की हानि का संकेत है. यह आर्थिक प्रवाह में रुकावट का कारण बनता है. ऐसे में नल को तुरंत ठीक कराना आवश्यक है. उपाय रसोईघर ऊर्जा और समृद्धि का केंद्र है. छोटे-छोटे बदलाव और वास्तु के आसान नियमों को अपनाकर आप न केवल घर का माहौल बेहतर बना सकते हैं, बल्कि दरिद्रता, तनाव और विवाद जैसी समस्याओं से भी छुटकारा पा सकते हैं. यदि आप अपनी कुंडली, वास्तु दोष या किसी धार्मिक समस्या का समाधान चाहते हैं, तो संपर्क करें: ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्राज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ8080426594 / 9545290847 The post Astro Kitchen Tips: ये 6 भूलें रसोई में ना करें वरना बढ़ेगी तंगी appeared first on Naya Vichar.

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Maa Box Office Collection Day 1: ओपनिंग डे पर काजोल की फिल्म ‘मां’ ब्लॉकबस्टर होगी या फुस्स? करेगी इतने करोड़ की कमाई

Maa Box Office Collection Day 1: आज यानी 27 जून 2025 को काजोल की हॉरर फिल्म ‘मां’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. ये एक पौराणिक अलौकिक थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्माण जियो स्टूडियो और देवगन फिल्म्स ने किया है. विशाल फुरिया की ओर से निर्देशित फिल्म में काजोल ने एक मां का किरदार निभाया है. इसके साथ ही बॉक्स ऑफिस पर आज साउथ की फिल्म कन्नप्पा भी रिलीज हुई है. दोनों फिल्मों को लेकर दर्शकों के बीच क्रेज है. अब फिल्म पहले दिन कितने करोड़ की कमाई करेगी, यहां जानिए. ओपनिंग डे पर कितने करोड़ की कमाई करेगी मां इन दिनों सिनेमाघरों में आमिर खान की सितारे जमीन पर और हाउसफुल 5 बनी हुई है. हाउसफुल 5 का क्रेज तो कम हो गया है और कमाई में भी गिरावट देखी गई, जबकि सितारे जमीन पर ने अपनी पकड़ बनाई रखी है. इस बीच मां पहले दिन कैसा कलेक्शन करेगी, इसकी रिपोर्ट आ गई है. पिंकविला और कोईमोई की रिपोर्ट के अनुसार, अर्ली आंकड़ों के मुताबिक फिल्म ओपनिंग डे पर 4.50 करोड़ रुपये से 6.50 करोड़ रुपये के बीच नेट कलेक्शन कर सकती है. जबकि sacnilk के अनुसार, पहले दिन मूवी ने 0.02 करोड़ का कलेक्शन किया है. ये शुरुआती नंबर्स है, जो शाम तक अपडेट हो जाएंगे. दर्शकों के लिए ये ऑफर लेकर आए अजय देवगन अजय देवगन ने एडवांस बुकिंग को बढ़ाने के लिए दर्शकों के लिए 2 खरीदें 1 मुफ्त पाए ऑफर लेकर आए है. उन्होंने अपने एक्स पर लिखा, “चंद्रपुर के डर का मजा सबके साथ ही आएगा! 2 टिकट खरीदें, 1 मुफ्त पाएं – एडवांस बुकिंग अभी शुरू है. जल्दी करें. ऑफर इस शुक्रवार तक वैध है.” फिल्म का रनटाइम 2 घंटे 15 मिनट है. यह भी पढ़े: Box Office Report: ‘सितारे जमीन पर’, ‘कुबेर’ या ‘हाउसफुल 5’? बॉक्स ऑफिस पर किसकी लगी लॉटरी, जानें बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट The post Maa Box Office Collection Day 1: ओपनिंग डे पर काजोल की फिल्म ‘मां’ ब्लॉकबस्टर होगी या फुस्स? करेगी इतने करोड़ की कमाई appeared first on Naya Vichar.

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Kannappa OTT Release: थिएटर्स के बाद कब ओटीटी पर स्ट्रीम होगी ‘कन्नप्पा’, विष्णु मांचू ने किया बड़ा खुलासा

Kannappa OTT Release: विष्णु मांचू की मच अवेटेड पौराणिक फिल्म ‘कन्नप्पा’ 27 जून, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. दर्शकों को इस फिल्म का लंबे समय से इंतजार था, और यह पहले ही अपने ट्रेलर व स्टारकास्ट के कारण सुर्खियों में बनी हुई थी. इस बीच फिल्म के प्री-रिलीज इवेंट के दौरान विष्णु मांचू ने कन्नप्पा के ओटीटी रिलीज की योजनाओं का खुलासा किया. आइए बताते हैं, उन्होंने क्या कुछ कहा है. कन्नप्पा ओटीटी रिलीज पर क्या बोले विष्णु मांचू? विष्णु मांचू ने इवेंट में स्पष्ट किया कि “कन्नप्पा” सिनेमाघरों में कम से कम 10 हफ्ते तक चलेगी और उसके बाद ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम की जाएगी. उन्होंने कहा, “मेरे पास बहुत बड़ी स्वतंत्रता है, मेरी फिल्म 10 सप्ताह से पहले ओटीटी पर नहीं आएगी. मेरे पास यही सौदा है और भगवान की कृपा से, मेरे पास रिलीज का दबाव नहीं है. मेरा एकमात्र इरादा दर्शकों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है.” फिल्म की कहानी क्या है? ‘कन्नप्पा’ की कहानी थिनाडु नाम के एक शिकारी की है, जो शुरुआत में नास्तिक होता है. एक दिन वह जंगल में एक शिवलिंग खोजता है और वहां से उसकी आस्था की यात्रा शुरू होती है. फिल्म दिखाती है कि कैसे वह शिव भक्ति में इस कदर डूब जाता है कि खुद भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त बन जाता है. कन्नप्पा की कास्ट और धमाकेदार कैमियो फिल्म के मुख्य भूमिका में विष्णु मांचू हैं. साथ ही मोहन बाबू, आर. सरथकुमार, ब्रह्मानंदम, ब्रह्माजी, अर्पित रांका आदि भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. वहीं, कैमियो रोल में प्रभास (रुद्र), अक्षय कुमार (भगवान शिव), काजल अग्रवाल (पार्वती), मोहनलाल (किरात योद्धा) जैसे बड़े कलाकार नजर आ रहे हैं. फिल्म के निर्देशन की कमान मुकेश कुमार सिंह ने संभाली है. वहीं, कहानी और स्क्रिप्ट खुद एक्टर विष्णु मांचू ने दिया है. यह भी पढ़े: Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: 17 साल बाद जेठालाल-बबिता के साथ अय्यर ने कहा शो को अलविदा? वजह जान चौंक जायेंगे The post Kannappa OTT Release: थिएटर्स के बाद कब ओटीटी पर स्ट्रीम होगी ‘कन्नप्पा’, विष्णु मांचू ने किया बड़ा खुलासा appeared first on Naya Vichar.

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पहला टेस्ट हार गया भारत, लेकिन खुश हैं दिग्गज क्रिकेटर्स, इसको बताया टीम का सकारात्मक पहलू

IND vs ENG: रोहित और कोहली की कमी को पूरा करने में कितना समय लगेगा? यह सवाल हेडिंग्ले में शु्रूआती टेस्ट से पहले चर्चाओं का विषय रहा. नए कप्तान शुभमन गिल के सेना देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में रिकॉर्ड पर सवाल उठाए गए थे लेकिन उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान करके ड्रेसिंग रूम का सम्मान हासिल किया. महज एक मैच से ही कोई फैसला नहीं लिया जा सकता, लेकिन हिंदुस्तान ने निश्चित रूप से इंग्लैंड के खिलाफ शुरूआती टेस्ट में संन्यास ले चुके सुपरस्टार विराट कोहली और रोहित शर्मा की कमी महसूस नहीं की. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में शीर्ष चार खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी लाइन-अप को मजबूत बनाए रखा. कप्तान शुभमन गिल ने नंबर चार पर स्पोर्ट्सते हुए शानदार शतक बनाया और हिंदुस्तानीय टीम ने दो पारियों में पांच शतक बनाए, लेकिन फिर भी मैच हार गए. हिंदुस्तान का गेंदबाजी आक्रमण पूरी तरह से जसप्रीत बुमराह पर निर्भर है, ऐसे में यह भारी पड़ा. केएल राहुल ने शीर्ष क्रम में शानदार प्रदर्शन किया जिससे निकट भविष्य के लिए उनके बल्लेबाजी स्थान पर बहस बंद हो गई. उन्होंने दिखाया कि इंग्लैंड की परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने का तरीका क्या है. उनके सलामी जोड़ीदार यशस्वी जायसवाल ने ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे की शुरुआत में यादगार शतक लगाया था और इंग्लैंड में अपनी पहली पारी में यही दोहराया. गिल के पैरों का मूवमेंट देखकर खुश- गांगुली गिल ने जिस तरह से अपने पैरों का इस्तेमाल किया, उसे स्पोर्ट्स के महान खिलाड़ियों ने भी देखा जिसमें पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भी शामिल थे जो उनके सुधार से हैरान थे. गांगुली ने हाल में पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं विदेशी सरजमीं पर उनके पैरों के ‘मूवमेंट’ को देखकर बहुत खुश हूं. उनके पैरों में बहुत सुधार हुआ है. शुभमन ने पैरों का अच्छा इस्तेमाल किया और कोई गलती नहीं की. ’’ गेंदबाजी और फील्डिंग में सुधार की जरूरत पांचवें नंबर पर ऋषभ पंत ने परिपक्वता और तेज तर्रार बल्लेबाजी करते हुए एक टेस्ट में दो शतक बनाने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की. तीसरे नंबर पर उतरे साई सुदर्शन पहली पारी में एक सहज गेंद पर आउट हो गए लेकिन दूसरी पारी में टिककर स्पोर्ट्से. उम्मीद है कि उन्हें लंबे समय तक मौका दिया जाएगा और यही बात करुण नायर पर भी लागू होती है. लेकिन हिंदुस्तान को गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण विभाग में बहुत सुधार करना होगा, लेकिन बल्लेबाजी अभी ठीक लगती है. पहली पारी में इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों ने ज्यादा रन बटोर, जबकि हिंदुस्तानीय खिलाड़ियों ने पूरे मैच में 9 कैच छोड़े.  विराट-रोहित की अनुपस्थिति का असर, अंत में होगा फैसला पूर्व हिंदुस्तानीय मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा, ‘‘रोहित और कोहली के संन्यास के बाद बदलाव हुआ है या नहीं, हम सीरीज के अंत में बता पाएंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन कोई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि वे अनुभवी क्रिकेटर हैं. गिल, यशस्वी, पंत, राहुल सभी बेहतरीन हैं और लंबे समय से स्पोर्ट्स रहे हैं. राहुल जब टेस्ट क्रिकेट में इस तरह से स्पोर्ट्सते हैं तो अपना सर्वश्रेष्ठ करते हैं.’’ कुलदीप यादव को शामिल करने की चर्चाओं के बावजूद प्रसाद एजबेस्टन में अंतिम एकादश में कोई बदलाव नहीं करना चाहते. पूर्व हिंदुस्तानीय विकेटकीपर ने कहा, ‘‘शार्दुल ठाकुर को इसलिए चुना गया क्योंकि उन्होंने पिछले दौरों पर इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन किया था. मैं उन्हें एक और मौका देना चाहूंगा.’’ पर निचले क्रम को बल्ले से और अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है. साई अच्छा प्रदर्शन करेंगे इंग्लैंड में कुछ यादगार पारियां स्पोर्ट्सने वाले हिंदुस्तान के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर भी बल्लेबाजों से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत है. इसके अलावा आपके पास तीन बेहतरीन बल्लेबाज श्रेयस अय्यर, सरफराज खान और देवदत्त पडीक्कल हैं जो टीम का हिस्सा भी नहीं हैं. ’’ वेंगसरकर ने कहा, ‘‘मुख्य बल्लेबाज फॉर्म में हैं और मुझे यकीन है कि करुण और साई भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. ईशान किशन अकेले नहीं, 5 मौके जब एक-साथ स्पोर्ट्से हिंदुस्तान-पाक खिलाड़ी, जहीर, कुंबले और पुजारा जैसे दिग्गज शामिल बुमराह के साथ इस खिलाड़ी का बाहर होना तय, दूसरे टेस्ट में ऐसी हो सकती है शुभमन गिल की प्लेइंग XI ‘हमारा 19 नवंबर खराब किया था तो…’, रोहित शर्मा ने किया खुलासा 2023 विश्वकप हार के बाद का प्लान The post पहला टेस्ट हार गया हिंदुस्तान, लेकिन खुश हैं दिग्गज क्रिकेटर्स, इसको बताया टीम का सकारात्मक पहलू appeared first on Naya Vichar.

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Jagannath Rath Yatra 2025: रथ खींचने से पापों का होता है नाश, जानें धार्मिक रहस्य

Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथयात्रा न केवल एक भव्य धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह गहरी आस्था और आध्यात्मिक शक्ति से जुड़ी परंपरा भी है. मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. हर साल लाखों श्रद्धालु इस पावन अवसर पर पुरी पहुंचते हैं और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को खींचने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं. यह यात्रा केवल बाह्य यात्रा नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और भक्ति की चरम अभिव्यक्ति मानी जाती है. मान्यता : रथ खींचने से सभी पाप हो जाते हैं नष्ट रथयात्रा और घुरती रथयात्रा के दिन भगवान स्वयं भक्तों को दर्शन देने के लिए मंदिर के बाहर आते हैं. वे उनपर विशेष कृपा दृष्टि बरसाते हैं. रथयात्रा भगवान जगन्नाथ की भक्ति और एकता का प्रतीक है. रथयात्रा रांची के लोगों का एक प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन वे लोग न सिर्फ जगन्नाथ मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करते हैं बल्कि घरों में भी पूजा-अर्चना करते हैं. रांची की रथ यात्रा पुरी की रथ यात्रा की तरह ही भव्य होती है.रथ खींचने के लिए राज्यभर से जुटते हैं श्रद्धालु Jagannath Rath Yatra 2025: शुभ मुहूर्त का इंतजार खत्म, मौसीबाड़ी को निकले प्रभु जगन्नाथ रथयात्रा का धार्मिक महत्व रथयात्रा में शामिल होने और भगवान जगन्नाथ स्वामी का कीर्तन करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि तीनों विग्रहों के साथ विराजमान रथ खींचने से 100 यज्ञों के चराचर का पुण्य मिलता है. Jagannath Rath Yatra 2025: रथ खींचने से पापों का होता है नाश, जानें धार्मिक रहस्य The post Jagannath Rath Yatra 2025: रथ खींचने से पापों का होता है नाश, जानें धार्मिक रहस्य appeared first on Naya Vichar.

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Jagannath Rath Yatra 2025: शुभ मुहूर्त का इंतजार खत्म, मौसीबाड़ी को निकले प्रभु जगन्नाथ

सुबह से रात तक चला अनुष्ठान, हुआ नेत्रदान Jagannath Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र 15 दिनों के एकांतवास के बाद गुरुवार को बाहर आये. जैसे ही भगवान का पट खोला गया, मंदिर परिसर में उपस्थित भक्तों ने हाथ जोड़कर जय जगन्नाथ की गूंज के साथ उन्हें प्रणाम किया. इस दौरान श्रद्धालुओं की खुशी देखते ही बन रही थी. स्त्रीओं और पुरुषों के लिए दर्शन के लिए अलग-अलग कतारों की व्यवस्था की गयी थी. सुबह भगवान की नित्य पूजा-अर्चना स्नान मंडप में की गयी. इसके बाद उन्हें हलुआ का भोग अर्पित किया गया. दोपहर 12 बजे अन्न भोग अर्पित करने के बाद पट बंद कर दिया गया. दोपहर तीन बजे के बाद पट खुला और भक्तों ने राधा-कृष्ण सहित अन्य देवी-देवताओं का दर्शन किया. शाम चार बजे भगवान को पुनः स्नान मंडप में लाकर नेत्रदान का अनुष्ठान संपन्न हुआ. पूजा-अर्चना, धूप-आरती, मालपुआ समेत विविध भोग अर्पित किये गये. इसके बाद 108 दीपों से मंगल आरती की गयी और भक्तों के बीच प्रसाद वितरित किया गया. रात नौ बजे भगवान को अंतिम भोग अर्पण कर मंदिर का पट बंद कर दिया गया. रथयात्रा की ऐतिहासिक झलक राजपरिवारों की पुरानी परंपरा आज भी जीवंत रातू. छोटानागपुर की ऐतिहासिक रथयात्रा रातू किला स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर से आज निकाली जायेगी. बुधवार को मंदिर में भगवान श्रीजगन्नाथ का “नेत्रदान संस्कार” राजपुरोहित भोला नाथ मिश्रा व करुणा मिश्रा के सान्निध्य में संपन्न हुआ. इस परंपरा की शुरुआत वर्ष 1899 में रातू के 60वें महाराजा प्रताप उदय नाथ शाहदेव द्वारा की गयी थी, जिन्हें स्वप्न में भगवान श्रीजगन्नाथ के दर्शन हुए थे. उन्होंने पूरी से कारीगर बुलाकर नीम की लकड़ी से भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र की मूर्तियां बनवाकर मंदिर की स्थापना की. रथयात्रा मंदिर से 500 मीटर दूर मौसीबाड़ी (शिव मंदिर) तक जाती है और उसी दिन वापस लौटती है. रथ पर राजपरिवार के सदस्य भी सवार होते हैं. जरियागढ़ में चढ़ाते हैं कटहल का महाप्रसाद कर्रा प्रखंड स्थित जरियागढ़ की परंपरागत रथयात्रा आज भी राजपरिवार और ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से पारंपरिक तरीके से निकाली जाती है. यहां दो रथ यात्रा निकाली जाती है. एक राजपरिवार की ओर से और दूसरी ग्रामीणों द्वारा निकाली जाती है. रथ यात्रा की शुरुआत राजपरिवार द्वारा झाडू लगाकर मार्ग शुद्धिकरण से होती है. भगवान को मौसीबाड़ी ले जाकर विशेष भोग अर्पित किया जाता है. जिसमें कटहल का प्रसाद विशेष रूप से तैयार किया जाता है. रथयात्रा में ढोल-मृदंग, घंटे और जयकारों के साथ नगर भ्रमण कर भगवान को पुनः मंदिर में स्थापित किया जाता है. सीआरपीएफ 94 बटालियन निकालती है रथयात्रा खूंटी जिले में रथयात्रा का आयोजन वर्ष 2011 से सीआरपीएफ 94 बटालियन द्वारा किया जा रहा है. रथयात्रा से पूर्व बटालियन परिसर में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें अधिकारी, जवान और स्थानीय लोग सम्मिलित होते हैं. इस परंपरा की नींव तब पड़ी जब सीआरपीएफ 94 बटालियन की स्थापना वर्ष 1988 में ओडिशा के भुवनेश्वर में हुई थी. उस वर्ष 1988 में पहली बार रथयात्रा का आयोजन हुआ था. तब से यह धार्मिक परंपरा बटालियन के साथ चली आ रही है. सीआरपीएफ के जवान हर वर्ष धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालते हैं और उत्सव मनाते हैं. बड़ाइक परिवार को बढ़ा रहा है आगे चोरटया, तोरपा के बढ़ाइक टोली स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर से निकाली जाने वाली रथयात्रा की परंपरा लगभग 200 वर्ष पुरानी है. नेतृत्व क्षेत्र के पुराने जमीदार बहाइक परिवार की ओर से किया जाता है. परिवार के सदस्य विजय सिंह बडाइक बताते हैं कि पहले सगड नाड़ी को रथ बनाकर यात्रा करायी जाती थी. वर्तमान में भहत्य मंदिर निर्माण कार्य प्रगति पर है. मूर्तियों की पूजा मुरहू के बारला गांव निवासी श्याम सुंदर कार करते हैं, जिनके पूर्वजों द्वारा यह सेवा करीब दो शताब्दियों से की जाती रही है. इधर, कोटेगसेरा गांव में 2013 से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जा रही है. यहां मंदिर में प्रतिदिन पांच बार भोग चढ़ाया जाता है. परंपराइटकी में 250 वर्षों रथयात्रा की परंपरा इटकी, रांची जिले के इटकी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर रथयात्रा का इतिहास करीष वर्ष पुराना है. यह परंपरा जम परिवार की पांचवी पीढ़ी द्वारा अब भी निभायी जा रही है. स रामेकर नाथ शाहदेव ने बताय उनके पूर्वज मंगलनाश साय यात्रा के बाद यहां मिट्टी का मा बनवाकर रथयात्रा की शुरु थी. बाद में उनकी दादी लक्ष्म के प्रयासों से वर्ष 1945 में एक मंदिर का निर्माण शुरू हुआ 1947 में मूर्तियों की स्थापना गयी. मंदिर की दो गुम्बज है ऊंचाई लगभग 80 फीट है. The post Jagannath Rath Yatra 2025: शुभ मुहूर्त का इंतजार खत्म, मौसीबाड़ी को निकले प्रभु जगन्नाथ appeared first on Naya Vichar.

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चेहरे की रंगत निखारनी है, तो ये डिटॉक्स वॉटर कर देगा कमाल

Beetroot Detox Water: सादा पानी तो अब पीते हैं लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि डिटॉक्स वॉटर के कितने फायदे हैं. अगर आप आज से ही डिटॉक्स वॉटर पीना शुरू करते हैं तो आपके शरीर में इतने सारे बदलाव होंगे जो आपको खुद देखने से नहीं पता चलेगा लेकिन अगर कोई ओर देखेगा तो जरूर पता चलेगा. आपको हर दिन अपने लिए अलग-अलग डिटॉक्स वॉटर बनाकर पीना चहिए. ये सिर्फ शरीर कि त्वचा को ही नहीं बल्कि अंदर से भी पूरे तरीके से साफ करता है. इसे बनाना भी काफी आसान है . चलिए आज आपको बताते हैं डिटॉक्स वॉटर बनाने की विधि.  डिटॉक्स वॉटर सामग्री 1 नींबू  1 चुकंदर  5 – 6 पुदीना के पत्ते 1 लीटर ठंडा पानी  1 छोटी चम्मच शहद  कैसे करें तैयार  सबसे पहले चुकंदर के छिलकों को उतार कर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेंगे.  इसके बाद एक कांच की बोतल में  पानी डालकर इसमें कटे हुए चुकंदर डालेंगे.  नींबू को भी छोटे -छोटे टुकड़ों में काट लेंगे और इसे भी पानी के अंदर डाल देंगे.  अब इसमें पुदीने के पत्ते और शहद डालेंगे. फिर इसे अच्छे से मिला लेंगे.  अब इसे फ्रिज में 4-5 घंटे के लिए रख देंगे.  सुबह होने के बाद इसे छान कर पूरे दिन इसे पीते रहेंगे. यह भी पढ़ें: Chili Garlic Soup Recipe: इस मानसून ट्राइ करें कुछ चटपटा,  घर पर बनाए रेस्टोरेंट स्टाइल सूप  क्या हैं इसे पीने के फायदे चुकंदर खून को साफ करता है और चेहरे पर गलो लेकर आता है, होने वाली दुल्हन को इसे जरूर पीना चहिए.  नींबू और अदरक शरीर से विषैले तत्व को निकलने में मदद करता है.  पुदीना के पत्ते पाचन क्रिया को सही करता है। इस ड्रिंक को दिन भर में खत्म करने से ये वजन घटाने में भी मदद करता है. यह भी पढ़ें: घर पर खाने का मन है तीखा और चटपटा तो झट से बनाए ये डिश The post चेहरे की रंगत निखारनी है, तो ये डिटॉक्स वॉटर कर देगा कमाल appeared first on Naya Vichar.

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