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June 28, 2025

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अब बिहार में उद्योग की बढ़ेगी रफ्तार, इन जिलों में स्थापित होंगे दो विशेष आर्थिक क्षेत्र

Bihar News: राज्य में दो विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) का निर्माण किया जाएगा. इसमें उन औद्योगिक इकाइयों को स्थान मिलेगा जो निर्यात को ध्यान में रखकर अपना उत्पाद तैयार करेंगी. इन दोनों एसईजेड के बुनियादी ढ़ांचे को विकसित करने के लिए बियाडा की तकनीकी समिती ने प्रशासनिक स्वीकृति के लिए बियाडा बोर्ड को 109 करोड़ और 116 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है. जमीन हो चुकी है उपलब्ध बता दें कि गत वर्ष जुलाई में बिहार के लिए दो एसईजेड को मंजूरी मिली थी. 31 जुलाई 2024 को वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय ने बिहार के लिए दो एसईजेड को मंजूरी दी थी. जिसके तहत एक एसईजेड बक्सर के नवानगर और एक पश्चिम चंपारण के कुमार बाग में स्थापित होगा. इस कड़ी में कुमारबाग एसईजेड पिछले साल 5 नवंबर को अधिसूचित किया गया था. वहीं बक्सर के नवानगर विशेष आर्थिक क्षेत्र को 19 नवंबर को अधिसूचित किया गया था. इन दोनों ही एसईजेड को औद्योगिक क्षेत्र में जमीन उपलब्ध हो चुकी है. पीएम गति शक्ति योजना के तहत होगा विकास इस एसईजेड की विकास पीएम गति शक्ति योजना के तहत किया जाना है. उद्योग विभाग ने गत मार्च महीने में बजट उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा था. काम जल्द हो सके, इसे ध्यान में रखते हुए बियाडा ने अपने फंड से एसईजेड के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने का काम आगे बढ़ाने का फैसला लिया. यह राशि बाद में केंद्र प्रशासन के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से प्राप्त कर ली जाएगी. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें क्या है एसईजेड? विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) एक अधिसूचित क्षेत्र है, जहां उद्योग लगाने के लिए अन्य क्षेत्रों की तुलना में कुछ उदार कानून हैं. इसकी स्थापना मुख्य रूप से निर्यात क्षेत्र में काम करने वाले उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए होती है. खास तौर पर आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और ऑटो पार्ट्स के उत्पादन में लगी इकाइयों को प्राथमिकता दी जाती है. एसईजेड का लाभ है कि इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होता है.   इसे भी पढ़ें: Bihar News: इन 4 जिलों के 200 पुलों की होगी मरम्मत, पूरा हुआ सर्वे का काम   The post अब बिहार में उद्योग की बढ़ेगी रफ्तार, इन जिलों में स्थापित होंगे दो विशेष आर्थिक क्षेत्र appeared first on Naya Vichar.

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Gold-Silver Price Today: सोने-चांदी की कीमत में गिरावट, फिर भी नहीं खरीद रहे ग्राहक, जानिए कारण

Gold-Silver Price Today: राजधानी पटना में सर्राफा बाजार की हालत पतली इन दिनों पतली हो गई है. सोने-चांदी की कीमत में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन फिर भी ग्राहक खरीदारी के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. उधर, निवेशकों की भी हालत कुछ ऐसी ही है. कीमत गिरने की वजह से निवेशक निवेश नहीं कर रहे हैं तो वहीं लग्न वाला सीजन नहीं रहने के कारण ग्राहक खरीदारी के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. दुकानें तो रोज खुल रही है, लेकिन ग्राहक से ज्यादा तो स्टाफ ही हैं. सभी ग्राहकों के आने का इंतजार कर रहे हैं. क्यों गिरी कीमतें ? ऐसी स्थिती को लेकर एक्सपर्ट की माने तो, जिओ पॉलिटिकल कारणों और सीजन खत्म होने की वजह से सोने-चांदी का बाजार पूरी तरह से बेजान हो गया है. वहीं, शादी का सीजन नहीं होने के कारण ग्राहक खरीदारी नहीं कर रहे. दूसरी तरफ ईरान और इजरायल की तनातनी और अमेरिका के नीतियों की वजह से कीमतों में कुछ खास बदलाव नहीं हो रहा है. ट्रेडिंग बाजार में भी मंदी का दौर जारी है. सर्राफा बाजार में सोने की कीमत आज सर्राफा बाजार में सोने के रेट की बात करें तो, 24 कैरेट सोने की कीमत 97,800 रूपये से घटकर 96,800 रूपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. यानी कि, 1000 रूपये की गिरावट हो गई. इसमें अगर जीएसटी जोड़ दें तो, इसकी कीमत 99,704 रूपये प्रति 10 ग्राम हो जाएगी. हालांकि, बिना जीएसटी 22 कैरेट सोना 90,000 रूपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोना 73,500 रूपये प्रति 10 ग्राम बिक रहा. सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत चांदी की कीमत की बात करें तो, रिकॉर्ड ही टूट गया है. सर्राफा बाजार में आज भी चांदी के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. एक किलो चांदी की कीमत 107,000 प्रति किलो बिक रही है. जीएसटी जोड़ने के बाद 110, 210 रूपये बिक रही. इधर, हॉलमार्क आभूषण की कीमत 105 रुपए प्रति ग्राम है. सोने-चांदी के एक्सचेंज रेट इन सबके के अलावा एक्सचेंज रेट की बात करें तो, 22 कैरेट वाले पुराने सोने के ज्वेलरी का एक्सचेंज रेट 87,500 रूपये है तो वहीं, 18 कैरेट सोने के पुराने ज्वेलरी 71,000 रूपये में एक्सचेंज हो रहे हैं. इधर, चांदी की बात करें तो, हॉलमार्क ज्वेलरी का एक्सचेंज रेट 102 रूपये प्रति ग्राम तो वहीं, बिना हॉलमार्क वाले ज्वेलरी का एक्सचेंज रेट 100 रूपये प्रति ग्राम है. इस तरह से देखा जाए तो, सर्राफा बाजार में सुस्ती छाई हुई है. Also Read: Bridge In Bihar: राघोपुर और इसके आस-पास के लोगों की खुलेगी किस्मत ! सीएम नीतीश ने गठित की कमिटी, दिया बड़ा आदेश The post Gold-Silver Price Today: सोने-चांदी की कीमत में गिरावट, फिर भी नहीं खरीद रहे ग्राहक, जानिए कारण appeared first on Naya Vichar.

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BJP: कोलकाता में लॉ छात्रा के साथ गैंगरेप को भाजपा ने बताया राज्य प्रायोजित क्रूरता 

BJP: कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ गैंगरेप मामले को लेकर सियासत तेज हो गयी है. इस मामले में कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा गार्ड सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि भाजपा ने इस घटना के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में संवेदनशीलता की बजाय क्रूरता हावी हो गयी है. शनिवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि लॉ छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना राज्य प्रायोजित है. इस घटना में सत्ता पर काबिज नेतृत्वक दल से जुड़े लोग शामिल है. पात्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एक स्त्री हैं और ऐसे में राज्य में स्त्रीओं के प्रति संवेदनशीलता होनी चाहिए. लेकिन क्या कारण है कि पश्चिम बंगाल में स्त्रीओं के साथ लगातार अत्याचार और क्रूरता की घटना सामने आ रही है. पीड़ित ने इस मामले में खुद बयान जारी किया है और बयान से साफ जाहिर होता है कि यह पूरी घटना राज्य प्रायोजित है. इस घटना का मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा हुआ है और वह तृणमूल कांग्रेस छात्र संगठन का सक्रिय सदस्य है. इसमें शामिल सभी आरोपी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. पश्चिम बंगाल में इससे पहले भी कई जघन्य अपराध के मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे क्रूर मामले लगातार सामने आने के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के दौरान भी स्त्रीओं के साथ बर्बरता की गयी थी, लेकिन इस मामले में मुख्यमंत्री मौन रही. पश्चिम बंगाल में स्त्रीएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं.   भाजपा ने गठित की चार सदस्यीय समिति लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप मामले का पता लगाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी, बिप्लव कुमार देव और मनन कुमार मिश्रा शामिल है. समिति घटना स्थल का दौरा कर इस बाबत पार्टी अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगी. पात्रा ने तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के साथ आरोपियों की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रशासन को लगता है कि उनकी कोई जवाबदेही नहीं है. तृणमूल कांग्रेस से जुड़े लोगों को राज्य में कुछ भी करने की छूट मिली हुई है. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने भी इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है. इस घटना के खिलाफ प्रदेश भाजपा व्यापक पैमाने पर आंदोलन चलाने की तैयारी कर रही है. गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में छात्रा से साथ हुए बलात्कार के बाद एक बार फिर ममता बनर्जी भाजपा के निशाने पर आ गयी है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले स्त्री सुरक्षा का मामला तृणमूल प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.  The post BJP: कोलकाता में लॉ छात्रा के साथ गैंगरेप को भाजपा ने बताया राज्य प्रायोजित क्रूरता  appeared first on Naya Vichar.

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झारखंड में 28 जून से 2 जुलाई तक भारी वर्षा की चेतावनी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Table of Contents Heavy Rain Alert: रांची समेत इन जिलों में 28 जून को होगी भारी वर्षा 29 जून को झारखंड के किन हिस्सों में होगी बारिश? 30 जून के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी 1 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी 2 जुलाई के लिए आईएमडी ने जारी किया येलो अलर्ट 48 घंटे के दौरान बंगाल में बनेगा लो प्रेशर एरिया झारखंड से गुजर रहा है इस्ट-वेस्ट ट्रफ इस्ट-वेस्ट ट्रफ के असर से झारखंड में होगी भारी वर्षा मौसम विभाग ने लोगों से कहा- सतर्क और सावधान रहें भारी बारिश का क्या होगा असर बारिश के दौरान क्या-क्या बरतें सावधानियां Heavy Rain Alert: झारखंड के लोगों सावधान! मौसम विभाग ने 5 दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. हिंदुस्तान मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने स्पेशल बुलेटिन जारी कर चेतावनी दी है. इसमें 28 जून, 29 जून, 30 जून, 1 जुलाई और 2 जुलाई के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, 29 जून, 30 जून और 1 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है. रांची समेत इन जिलों में 28 जून को होगी भारी वर्षा रांची स्थित मौसम केंद्र ने कहा है कि 28 जून 2025 को राजधानी रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, रामगढ़, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पलामू, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है. 29 जून को झारखंड के किन हिस्सों में होगी बारिश? मौसम केंद्र ने 29 जून के लिए जारी ऑरेंज अलर्ट में कहा है कि राजधानी रांची, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले में कुछ जगहों पर बहुत भारी वर्षा हो सकती है. वहीं, बोकारो, धनबाद, गुमला, हजारीबाग, रामगढ़, सिमडेगा, गढ़वा, पलामू, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश होगी. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 30 जून के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी रांची, खूंटी, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम में 30 जून को कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जतायी गयी है. वहीं, गुमला, हजारीबाग, सिमडेगा, गढ़वा, पलामू, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, जामताड़ा, पूर्वी सिंहभूम, लातेहार और लोहरदगा जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है. 1 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी एक जुलाई को गुमला, गढ़वा, चतरा, पलामू, लातेहार और लोहरदगा जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. इसी दिन रांची, रामगढ़, बोकारो, खूंटी, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग और सिमडेगा जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है. 2 जुलाई के लिए आईएमडी ने जारी किया येलो अलर्ट 2 जुलाई के लिए जारी येलो अलर्ट में कहा गया है कि रांची, गुमला, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, पलामू, चतरा, गढ़वा, लातेहार और लोहरदगा जिले में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना है. 48 घंटे के दौरान बंगाल में बनेगा लो प्रेशर एरिया मौसम विभाग ने कहा है कि ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश और उससे सटे गांगेय पश्चिम बंगाल पर उसी क्षेत्र में बना हुआ है, जो कि समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला था. इसके प्रभाव से अगले 48 घंटे के दौरान उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे तटीय बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. झारखंड से गुजर रहा है इस्ट-वेस्ट ट्रफ इसके बाद इसके धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में गांगेय पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और झारखंड को पार करते हुए आगे बढ़ने की संभावना है. इस्ट-वेस्ट ट्रफ ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण (जो दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश और उससे सटे गांगेय पश्चिम बंगाल पर है) से लेकर झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ होते हुए उत्तर पूर्वी मध्य प्रदेश तक समुद्र तल से 3.1 और 4.5 किलोमीटर के बीच फैली थी. इस्ट-वेस्ट ट्रफ के असर से झारखंड में होगी भारी वर्षा मौसम विभाग ने कहा है कि ये परिस्थितियां दर्शाती हैं कि झारखंड में 28 जून से 2 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है. यह मौसमी गतिविधि उत्तरी बंगाल की खाड़ी में संभावित कम दबाव के क्षेत्र के निर्माण और उसके बाद इसके धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में झारखंड की ओर बढ़ने के कारण होगी. इसके अलावा एक इस्ट-वेस्ट ट्रफ का झारखंड के ऊपर से गुजरना भी इस भारी वर्षा में योगदान देगा. मौसम विभाग ने लोगों से कहा- सतर्क और सावधान रहें इसलिए मौसम विभाग ने जनता से अनुरोध किया है कि वे सावधान और सतर्क रहें. मौसम विभाग ने कहा है कि इस दौरान कुछ जगहों पर वज्रपात और तेज हवाएं चलने की भी संभावना है. भारी बारिश का क्या होगा असर कई जगहों पर भारी वर्षा के कारण भू-स्खलन हो सकता है. पहाड़ियों पर कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक आपूर्ति और परिहवन प्रभावित रह सकता है. कृषि और बागवानी फसल और पौधरोण को मामूली क्षति हो सकती है. जीवन और संपत्ति के नुकसान के अलग-अलग मामले सामने आ सकते हैं. निचले इलाकों में जलजमाव हो सकता है. बारिश के दौरान क्या-क्या बरतें सावधानियां मछली पकड़ने/कैंपिंग या किसी अन्य गतिविधि के लिए नदी में जाने से बचें. छप्पर वाले मजबूत घरों में ही रहें, जो तेज हवाओं और भू-स्खलन को झेलने में सक्षम हो. बिना समय बर्बाद किये भू-स्खलन पथ या निचील घाटियों से तुरंत दूर चले जायें. संवेदनशील क्षेत्रों में रहने से बचने का प्रयास करें. खड़ी ढलानों और जल निकासी पथ के पास घर न बनायें. बारिश के बारे में रेडियो, टेलीविजन और वेबसाइट पर समाचारें देखते रहें. नालियों को साफ रखें, कूड़े-पत्ते, प्लास्टिक की थैलियां, मलबा आदि को नालियों में न फेंके. बहते पानी में न चलें. 6 इंच बहता पानी आपको गिरा सकता है. अगर आपको पानी में चलना ही है, तो वहां चलें, जहां पानी बढ़ रहा हो. अपने सामने जमीन की मजबूती की जांच करने के लिए छड़ी का इस्तेमाल करें. इसे भी पढ़ें Success Story: बड़े भाई मेजर, पिता हिंदुस्तानीय सेना से रिटायर्ड, झारखंड के इस लाल ने प्रशासनी स्कूल से पढ़कर दी सपनों को नयी उड़ान दिल्ली में भर्ती शिबू सोरेन के लिए झारखंड के इस प्रसिद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना, बेहतर स्वास्थ्य की कामना Jagannathpur Mela:

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Latest Mehndi Design: हाथों पर रचाइए इन लेटेस्ट मेहंदी डिजाइन को,जो बना देंगे सबको दीवाना

Latest Mehndi Design: हाथों पर मेहंदी रचाना हर लड़की को पसंद होता है ओर बात जब होती है खास मौके की तब हम ट्रेडिंग मेहंदी डिजाइन की तलाश में जुट जाते हैं.आज हम आपके लिये लाये हैं लेटेस्ट डिजाइंस जो आपके हाथों की खूबसूरती में चार चांद लगा देंगे. Latest mehndi design: हाथों पर रचाइए इन लेटेस्ट मेहंदी डिजाइन को,जो बना देंगे सबको दीवाना 6 रॉयल मुगल आर्ट मेहंदी : मुगल काल की झलक लिए हुए इसमें महल, राजकुमारी और फूल-पत्तियों की भरपूर आकृतियां होती हैं. Latest mehndi design: हाथों पर रचाइए इन लेटेस्ट मेहंदी डिजाइन को,जो बना देंगे सबको दीवाना 7 फूलों और पत्तियों का डिजाइन: सादा और क्लासिक डिजाइन जिसमें फूल और पत्तियों की खूबसूरत कढ़ाई होती है. यह डिजाइन हाथों को नेचुरल और फ्रेश लुक देता है. Latest mehndi design: हाथों पर रचाइए इन लेटेस्ट मेहंदी डिजाइन को,जो बना देंगे सबको दीवाना 8  रॉयल फ्रंट हैंड डिजाइन: फ्रंट हैंड पर बड़े फूल, पत्तियां और जालीदार पैटर्न यह डिजाइन हाथों को रॉयल टच देती है. Latest mehndi design: हाथों पर रचाइए इन लेटेस्ट मेहंदी डिजाइन को,जो बना देंगे सबको दीवाना 9 मेहंदी के यह डिजाइन भी आपके हाथों पर चार चांद लगायेंगे.ऐसे में मेहंदी के इन डिजाइन को भी आप ट्राय कर सकती हैं. Latest mehndi design: हाथों पर रचाइए इन लेटेस्ट मेहंदी डिजाइन को,जो बना देंगे सबको दीवाना 10 Also Read : Latest Bridal Mehndi Design: हाथों में रचाएं साजन के नाम की मेहंदी,प्यार का दें खूबसूरत पैगाम Also Read : Valentine’s Day 2025 Mehndi Designs: मेहंदी के जरिये अपने प्यार का करें इजहार,वेलेंटाइन डे पर ट्राई करें ये स्टाइल्सAlso Read : Valentine Day Mehndi Design: प्यार के मौसम में मेहंदी का यह खूबसूरत लुक आपके प्यार को और भी बना देगा खास The post Latest Mehndi Design: हाथों पर रचाइए इन लेटेस्ट मेहंदी डिजाइन को,जो बना देंगे सबको दीवाना appeared first on Naya Vichar.

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18 लोग नदी में डूबे, वीडियो देख फट जाएगा कलेजा!

Flood IN Pakistan: खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की स्वात नदी में शुक्रवार को अचानक आई बाढ़ ने भयानक तबाही मचाई. इस बाढ़ में एक ही परिवार के 18 लोग डूब गए. अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि बाकी लोगों की तलाश जारी है. बचाव कार्य में जुटे रेस्क्यू-1122 के महानिदेशक शाह फहाद ने बताया कि पांच विभिन्न स्थानों पर राहत एवं बचाव अभियान चल रहा है, जिसमें करीब 80 कर्मी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि यह परिवार पर्यटकों के एक समूह का हिस्सा था, जो भारी बारिश के चलते नदी के उफान में फंस गया. अचानक जलस्तर बढ़ने से लोग संभल नहीं पाए और नदी में बह गए. स्वात नदी, खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी हिस्से से होकर बहती है और अक्सर बारिश के मौसम में इसमें तेज बहाव आ जाता है. 18 tourists swept away in Swat River Flood in Pakistan pic.twitter.com/2LDKWniFow — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) June 28, 2025 इस घटना के साथ ही पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब प्रांत में भी मौसम ने कहर बरपाया है. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के चलते 7 लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हुए हैं. झेलम नदी में डूबने से दो लोगों की जान गई, जबकि ओकारा और बहावलनगर में बारिश से संबंधित हादसों में दो बच्चों की मौत हो गई. वहीं मुजफ्फरगढ़ में दीवार गिरने से दो और खानेवाल में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत. इसे भी पढ़ें: वजीरिस्तान में हमला, 13 सैनिकों की मौत, 29 लोग घायल इसे भी पढ़ें: बुलडोजर से गिराया गया दुर्गा मंदिर, मूर्ति तोड़ी, मचा बवाल इसे भी पढ़ें: मार पड़ी तो ‘डैडी’ की गोद में भागा इजरायल, ट्रंप ने किसकी बचाई जान? The post 18 लोग नदी में डूबे, वीडियो देख फट जाएगा कलेजा! appeared first on Naya Vichar.

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शहरों के बाद अब कॉलेजों के नाम में बदलाव, 5 इंजीनियरिंग संस्थानों को नई पहचान

UP News: यूपी में शनिवार को राज्य के 5 इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम बदल दिया है. इनमें मैनपुरी, गोण्डा, बस्ती, मिर्जापुर और प्रतापगढ़ जिले के कॉलेजों के नाम हैं. इन सभी कॉलेजों का नाम ऐतिहासिक और प्रेरणादायक व्यक्तियों के नाम पर रखे गए हैं. कॉलेजों के नाम सीएम योगी के निर्देश के बाद बदले गए हैं. समाचार अपडेट हो रही है… The post शहरों के बाद अब कॉलेजों के नाम में बदलाव, 5 इंजीनियरिंग संस्थानों को नई पहचान appeared first on Naya Vichar.

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CBI और NIA में क्या है अंतर? ‘पावर मशीन’ जानेंगे तो इन नौकरियों के लिए लगा देंगे दौड़

CBI vs NIA: हिंदुस्तान में 10वीं और 12वीं के बाद कई ऐसी जाॅब्स होती हैं जो आपको एक शानदार करियर दे सकती हैं. हालांकि आपने शायद ही कभी सोचा हो कि जब भी गंभीर अपराध, आतंकवाद या हाई-प्रोफाइल केस की बात आती है तो दो एजेंसियों का नाम CBI (Central Bureau of Investigation) और NIA (National Investigation Agency) का नाम सबसे पहले आता है. अगर आप इन दोनों एजेंसियों के बारे में जानेंगे तो नौकरियों के लिए बेस्ट ऑप्शन खोजना शुरू कर देंगे. इस लेख में आपको CBI vs NIA में अंतर है और यहां नौकरियों के लिए क्या करना होगा आदि के बारे में बताया जा रहा है. CBI क्या है? CBI यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन कहा जाता है और यह हिंदुस्तान की सबसे पुरानी जांच एजेंसी है. इसका गठन 1963 में हुआ था और हेडक्वार्टर नई दिल्ली में है. CBI मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, घोटाले, हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच करती है. यह एजेंसी प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन होती है. इसका मुख्य काम आर्थिक अपराध, बैंक फ्रॉड, हाई-प्रोफाइल मर्डर केस, भ्रष्टाचार के मामलों को इन्वेस्टिगेट करना है. NIA क्या है? NIA यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की स्थापना 2009 में मुंबई आतंकी हमले के बाद की गई थी. यह एजेंसी आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों की जांच करती है. NIA को बिना किसी राज्य की अनुमति के भी जांच का अधिकार होता है. इसका हेडक्वार्टर भी नई दिल्ली में है. इसका मुख्य काम  आतंकवाद, आतंकी फंडिंग, राष्ट्र-विरोधी साजिश आदि के मामले आने पर जांच करना है.  CBI और NIA में क्या अंतर है? (CBI vs NIA) CBI vs NIA में अंतर की बात की जाए तो NIA को किसी भी राज्य की इजाजत के बिना जांच शुरू करने की शक्ति है जबकि CBI को राज्य प्रशासन की सहमति लेनी होती है. NIA सिर्फ गंभीर आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच करती है.  कौन सी नौकरी बेहतर है? दोनों एजेंसियों में जॉब मिलना बहुत कठिन और सम्मानजनक होता है. यहां तक पहुंचने के लिए ये एग्जाम क्लियर करने होते हैं- CBI Officer बनने के लिए UPSC, SSC CGL या पुलिस सेवा से आ सकते हैं NIA Officer बनने के लिए UPSC, SSC CGL, या पुलिस/पैरा-मिलिट्री से चयन होता है. यह भी पढ़ें- CBSE Important Notice 2025: 12वीं के बाद पढ़ाई के लिए यहां मिलेगी Scholarship, सीबीएसई ने जारी किया नोटिस यह भी पढ़ें- BTech Placement 2025: Google और Apple में प्लेसमेंट, IIT-NIT नहीं, इस काॅलेज का रुख कर रहे स्टूडेंट्स The post CBI और NIA में क्या है अंतर? ‘पावर मशीन’ जानेंगे तो इन नौकरियों के लिए लगा देंगे दौड़ appeared first on Naya Vichar.

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समधी ने पीट-पीटकर समधन की ली जान, कारण जान रह जायेंगे हैरान, हत्या के बाद गांव में तनाव

Aurangabad Crime: औरंगाबाद जिले के उपहारा थाना क्षेत्र के खैरा गांव में अंतरजातीय विवाह को लेकर परिवारों के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद शुक्रवार को खूनी संघर्ष में बदल गया. इस विवाद में बेटे की अंतरजातीय शादी से नाराज लड़की के पिता ने अपनी समधन को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. मामला क्यों बढ़ा पुलिस के मुताबिक मृतका शांति देवी (पत्नी काशी सिंह) के बेटे राजेश कुमार ने सोनम कुमारी नामक युवती से कुछ समय पहले अंतरजातीय विवाह किया था. इस शादी को लेकर लड़की के पिता मिथलेश पासवान लगातार नाराज चल रहे थे. दोनों परिवारों के बीच कई बार कहासुनी भी हुई थी. शुक्रवार को यह विवाद इतना बढ़ गया कि मिथलेश पासवान ने अपनी समधन शांति देवी पर लाठी-डंडे से हमला कर दिया. अस्पताल ले जाने पर हुई मौत घटना की सूचना मिलते ही डायल 112 की पुलिस मौके पर पहुंची और घायल स्त्री को इलाज के लिए अस्पताल भेजा. गंभीर चोटों के चलते इलाज के दौरान शांति देवी की मौत हो गई. पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. बिहार चुनाव की ताजा समाचारों के लिए क्लिक करें मामले की जांच के लिए SIT का गठन औरंगाबाद एसपी के निर्देश पर दाउदनगर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कुमार ऋषिराज की अगुवाई में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है. SIT को निर्देश दिया गया है कि आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी कर घटना की जांच की जाए. पुलिस ने कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसे भी पढ़ें: तेजस्वी के साथी दल कर रहे 174 सीटों की मांग, कैसे करेंगे मैनेज, मचेगा घमासान! इलाके में फैला तनाव घटना के बाद खैरा गांव समेत आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है. पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि हिंसा न भड़के. फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य इकट्ठा किए हैं. पुलिस ने मृतका के परिजनों के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है. पुलिस ने परिजनों और ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि बहुत जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर कानून के हवाले किया जाएगा. (मृणाल कुमार) The post समधी ने पीट-पीटकर समधन की ली जान, कारण जान रह जायेंगे हैरान, हत्या के बाद गांव में तनाव appeared first on Naya Vichar.

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आधा भारत नहीं जानता होंडा का कॉरपोरेट कलर क्यों है लाल, जान जाएगा तो कर देगा कमाल

Honda Corporate Color: जापान की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी का नाम होंडा है. होंडा पहले हीरो मोटोकॉर्प के साथ मिलकर हिंदुस्तान में दोपहिया वाहनों की बिक्री करती थी. इन दोनों की साझेदारी से ‘हीरो होंडा’ नाम से मोटरसाइकिलें आती थीं. लेकिन, अब हीरो से होंडा अलग हो गई. होंडा आज भी हिंदुस्तान के लोगों के जेहन में अपनी जगह बनाए हुई है और इसकी प्राय: सभी गाड़ियां लाल रंग की आती हैं. इसके कार्यालयों के इंटीरियर और एक्सटीरियर डिजाइन भी चटकदार लाल रंग का होता है. देश के अधिकांश लोग नहीं जानते होंगे कि होंडा का कॉरपोरेट कलर लाल ही क्यों हैं? आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. होंडा की 75वीं वर्षगांठ पर नया अपडेट होंडा मोटर्स एंड स्कूटर इंडिया ने प्रोफेशनल्स स्पेशल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर अपने एक पोस्ट में कंपनी के कॉरपोरेट कलर चटकीला लाल रंग का राज खोला है. अपने लंबे-चौड़े लेख में कंपनी ने खुलासा किया है कि होंडा के लोगो में इस्तेमाल किया गया चटकीला लाल रंगर एक कॉरपोरेट कलर है, जिसे कंपनी ने “होंडा रेड” के नाम से खास तौर पर नामित किया है. साल 2023 में होंडा की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होंडा ने अपनी आधिकारिक अपडेटेड लाइनअप में होंडा रेड कलर की पेंसिल को शामिल किया है और अक्टूबर 2023 से इसे बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है, ताकि होंडा रेड को नए सिरे से देखा जा सके और इसे और फैलाया जा सके. 1960 के दशक में होंडा ने शुरू की प्रक्रिया होंडा ने अपने पोस्ट में लिखा है, ”एक समय जापान में लाल या सफेद रंग की कारों की अनुमति नहीं थी. यह होंडा ही थी, जिसने 1960 के दशक में इस विनियमन को संशोधित किया था. 1950 के दशक में जापान का ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अन्य देशों से पिछड़ रहा था. अंतरराष्ट्रीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमआईटीआई, वर्तमान में वित्तीय स्थिति, व्यापार और उद्योग मंत्रालय) ने “राष्ट्रीय कार कॉन्सेप्ट” की घोषणा की, जिसके तहत ऑटो निर्माताओं ने मंत्रालय की ओर से निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले ऑटोमोबाइल पेश करने के लिए एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा की. इस समय कारें फोर-सीटर, 100 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति और 150,000 येन की कीमत पर बेची जाती थीं. होंडा ने ऑटोमोबाइल बाजार में उतरने के लिए विकास करने के लिए युवा इंजीनियरों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया, जो उस समय एक मोटरसाइकिल निर्माता थी. होंडा को रोकने के लिए नया कानून हालांकि, जब विकास अभी भी प्रक्रिया में था. एमआईटीआई ने एक बुनियादी ऑटोमोटिव प्रशासनिक नीति (बाद में निर्दिष्ट उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अस्थायी उपायों के लिए कानून) निर्धारित की. ये कानून ऑटोमोबाइल निर्माताओं के उन्मूलन/समेकन और नए निर्माताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के लिए थे. होंडा को इस हद तक घेर लिया गया था कि अगर ये कानून पारित हो जाते, तो वह ऑटोमोबाइल उद्योग में प्रवेश नहीं कर पाती. कानून से बचने के लिए होंडा ने प्रोडक्ट का डिजाइन हालांकि, होंडा मोटर कंपनी लिमिटेड के संस्थापक सोइचिरो होंडा ने इस विश्वास के साथ इसका विरोध किया कि मुक्त प्रतिस्पर्धा एक उद्योग को पोषित करती है, लेकिन प्रशासन ने कानूनों को प्रस्तुत करने की दिशा में कदम नहीं बदले. इसलिए, होंडा को कानूनों के पारित होने से पहले ऑटोमोबाइल उत्पादन का इतिहास रखने के लिए दो प्रकार की चार पहिया स्पोर्ट्स कारों और दो प्रकार के मिनी ट्रकों के डिजाइन और विकास में तेजी लानी पड़ी. होंडा के जुनून से जापान में आई पहली लाल कार उस समय एक स्टाइलिंग डिजाइनर ने स्पोर्ट्स 360 के प्रोटोटाइप को लाल नारंगी रंग में रंगा, ताकि यह थोड़ा और अलग दिखे. जब सोइचिरो होंडा ने इसे देखा, तो इसे पसंद किया. इसलिए, उन्होंने अगले नए मॉडल पर लाल रंग अपनाने की अनुमति दे दी. लेकिन, उस समय जापान में घरेलू बाजार के लिए कार की बॉडी पर लाल रंग का इस्तेमाल करना कानूनन प्रतिबंधित था. इसका कारण यह था कि लाल वाहनों को आपातकालीन वाहनों जैसे कि दमकल और एम्बुलेंस के साथ भ्रमित किया जा सकता था. सोइचिरो होंडा ने एक अखबार के माध्यम से की अपील की. होंडा मोटर कंपनी लिमिटेड के संस्थापक सोइचिरो होंडा ने लाल रंग के पक्ष में अखबारों में कॉलम के जरिए प्रशासन और आम जनता से अपील की. उन्होंने अखबारों के माध्यम से बताया, ”लाल डिजाइन का एक बुनियादी रंग है. वे इसे कानून द्वारा कैसे प्रतिबंधित कर सकते हैं? मैंने दुनिया के किसी दूसरे शीर्ष राष्ट्र के बारे में नहीं सुना है, जिसमें प्रशासनी रंगों के इस्तेमाल पर एकाधिकार करता है.” होंडा के प्रभारी व्यक्ति ने लाल रंग के इस्तेमाल की स्वीकृति हासिल करने के लिए परिवहन मंत्रालय (वर्तमान में भूमि, अवसंरचना और परिवहन मंत्रालय) के लगातार दौरे किए. लेख में लिखा है कि जिस बुनियादी ऑटोमोटिव प्रशासनिक नीति ने होंडा को ऑटोमोबाइल विकास पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया था, वह अंततः पारित नहीं हुई. हालांकि, होंडा के लिए यह चुनौती कभी भी निरर्थक नहीं थी. इसका परिणाम न केवल ऑटोमोबाइल बाजार में उद्यम के रूप में सामने आया, बल्कि विकास प्रौद्योगिकियों और “लाल कार” को भी महत्वपूर्ण संपत्ति के रूप में विरासत में मिला. चटकीले लाल प्रोडक्ट से प्रेरित “होंडा बवंडर” ऑटोमोबाइल और मोटरसाइकिल उत्पादन के अलावा होंडा आम जनजीवन और काम के लिए आवश्यक बिजली उपकरणों जैसे टिलर, जनरेटर, स्नो ब्लोअर और लॉन मोवर के निर्माण के लिए गतिशीलता उत्पाद विकास में विकसित अपनी इंजन प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाता है. इन बिजली उत्पादों के लिए मुख्य रंग भी लाल है. हालांकि, आजकल लाल उत्पाद होंडा से जुड़े हुए हैं और चमकीले लाल रंग की होंडा दुनिया भर में देखी जा सकती हैं, लेकिन होंडा शुरू से ही उद्योग में अब की तरह अग्रणी कंपनी नहीं थी. ऑटोमोबाइल की विकास यात्रा में होंडा अपने किसी भी डोमेन में एक अनुयायी कंपनी थी. 1952 में होंडा ने “क्यूब टाइप एफ” लॉन्च किया, जो एक सहायक मोटर थी, जिसे साइकिल में लगाया जा सकता था. इसका कैच लाइन “सफेद टैंक, लाल इंजन” था. अपने छोटे और हल्के डिजाइन और नए स्टाइल के कारण यह उत्पाद लोकप्रिय हो गया, जिससे यह छवि फैल गई कि “होंडा का इंजन लाल है.” जब कंपनी

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