Health: टीकाकरण के मामले में भारत ने दुनिया में कायम की मिसाल
Health: देश में बच्चों और स्त्रीओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र प्रशासन टीकाकरण अभियान को हर स्तर पर सशक्त बनाने का काम कर रही है. प्रशासन के प्रयास का नतीजा है कि वर्ष 2023 में जहां बिना टीका लगे (Zero Dose) बच्चों की संख्या देश की कुल आबादी का 0.11 फीसदी थी, वह वर्ष 2024 में घटकर सिर्फ 0.06 फीसदी रह गयी. यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत सालाना 2.9 करोड़ गर्भवती स्त्रीओं और 2.6 करोड़ शिशुओं (0-1 वर्ष) को निशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है. स्वास्थ्य सेवा कर्मी आशा और एएनएम देश भर में 1.3 करोड़ से अधिक टीकाकरण सत्र आयोजित करते हैं. हिंदुस्तान के टीकाकरण अभियान की संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहना करते हुए हिंदुस्तान को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए दुनिया का रोल मॉडल करार दिया है. हिंदुस्तान को मीजल्स और रूबेला टीकाकरण के लिए चैंपियन अवार्ड भी मिल चुका है. हिंदुस्तान में डायरिया, निमोनिया, मेनिन्जाइटिस और एन्सेफलाइटिस के कारण बच्चों में मृत्यु दर और रोगों की संख्या को कम करने में काफी मदद मिली है. हिंदुस्तान की मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) 2014-16 में प्रति लाख 130 था, जो लाख वर्ष 2020-22 में घटकर 88 प्रति लाख हो गया. संयुक्त राष्ट्र मातृ मृत्यु अनुमान अंतर-एजेंसी समूह (यूएन-एमएमईआईजी 2000-2023) की रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान में मातृ मृत्यु दर प्रति लाख 80 है. इस मामले में वर्ष 1990 के बाद वैश्विक स्तर पर 48 फीसदी की कमी दर्ज की गयी, जबकि हिंदुस्तान में यह कमी 86 फीसदी रही. शिशु मृत्यु दर में इस दौरान 78 फीसदी की कमी देखी गयी, जबकि वैश्विक स्तर पर यह कमी 61 फीसदी रही. हिंदुस्तान ने कैसे हासिल की उपलब्धि केंद्र प्रशासन ने टीकाकरण कवरेज बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया. यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुशंसित टीकों की एक बड़ी संख्या को शामिल किया है. वर्ष 2013 तक इस कार्यक्रम के तहत सिर्फ 6 टीके ही उपलब्ध थे. वर्ष 2014 के बाद और नये 6 टीके निष्क्रिय पोलियो-वायरस वैक्सीन, रोटावायरस वैक्सीन (आरवीवी), न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी), खसरा-रूबेला वैक्सीन, वयस्क जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सीन और टेटनस-डिप्थीरिया वैक्सीन को कार्यक्रम में शामिल किया गया. मौजूदा समय में ऐसे टीकों की संख्या 12 हो गयी है. टीकों की संख्या बढ़ाने के साथ प्रशासन ने टीकाकरण कार्यक्रम के कवरेज को विस्तार देने के लिए कई कार्यक्रम को शुरू किया. टीकाकरण कवरेज में सुधार पर लगातार ध्यान देते हुए वंचित तबके तक पहुंचने के लिए एक सक्रिय और समावेशी नजरिया अपनाया गया. केंद्र प्रशासन ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को साथ लेकर शहरी झुग्गियों, अर्ध-शहरी क्षेत्रों, प्रवासी आबादी, दुर्गम क्षेत्रों और टीकाकरण को लेकर हिचकिचाहट रखने वाले प्रभावित समुदायों में शून्य खुराक वाले बच्चों के बीच चुनौतियों का समाधान करने के लिए विशेष अभियान चलाया. इस काम में तकनीक का भी उपयोग किया गया ताकि बड़ी आबादी तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित हो सके. साथ ही कई योजना शुरू की गयी. जैसे शून्य खुराक योजना 2024 के तहत 11 राज्यों के 143 जिलों में शुरू की गयी. इन जिलों में टीकाकरण से वंचित बच्चों की संख्या सबसे अधिक थी. मिशन इंद्रधनुष के तहत 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती स्त्रीओं को टीका लगाया गया. ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस के तहत समुदाय स्तर पर टीकाकरण और आउटरीच गतिविधियों के लिए नियमित रूप से आयोजित किया गया. साथ ही बहु-स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर टीकाकरण के लक्ष्य हासिल करने के उपाय किए गए. The post Health: टीकाकरण के मामले में हिंदुस्तान ने दुनिया में कायम की मिसाल appeared first on Naya Vichar.