Bihar Vidhan Sabha Chunav: नेतृत्वक पार्टियों के साथ-साथ चुनाव आयोग भी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जोरशोर से जुटा हुआ है. विधानसभा चुनाव 2025 से पहले निर्वाचन आयोग राज्य में मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण कर रहा है. कल (रविवार से) घर-घर जाकर मतदाताओं को फॉर्म बांटे जाएंगे. इस फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज आयोग को जमा कराने होंगे. आयोग को देनी होगी जानकारी बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की जानकारी जुटाने के लिए घर-घर सर्वे शुरू कर दिया है. इसके तहत विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान की शुरुआत हो चुकी है. बीएलओ (BLO) रविवार से हर घर जाकर मतदाताओं को गणना प्रपत्र (एनुमरेशन फॉर्म) देंगे. मतदाताओं को यह फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा. इसके आधार पर आयोग फर्जी मतदाताओं की जांच करेगा और उन्हें मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा. साथ ही नए योग्य मतदाताओं को सूची में जोड़ा जाएगा. आयोग को दिखाने होंगे दस्तावेज जिन मतदाताओं का जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हिंदुस्तान में हुआ है, उन्हें अपनी जन्म तिथि या जन्म स्थान की सत्यता प्रमाणित करने के लिए फॉर्म के साथ कोई एक वैध दस्तावेज जमा करना अनिवार्य होगा. वहीं, जिन लोगों का जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हिंदुस्तान में हुआ है, उन्हें न सिर्फ अपना वैध दस्तावेज देना होगा, बल्कि अपने माता-पिता में से किसी एक का वैध दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होगा. इसी तरह, 2 दिसंबर 2004 के बाद हिंदुस्तान में जन्मे मतदाताओं को अपना और अपने माता-पिता का वैध दस्तावेज फॉर्म के साथ देना होगा. अगर माता-पिता में से कोई भी हिंदुस्तानीय नहीं है, तो उन्हें अपने जन्म के समय का अपने माता-पिता के वैध पासपोर्ट और वीजा की सेल्फ अटेस्टेड प्रति देनी होगी. BLO को वापस देना होगा फॉर्म विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को एक गणना प्रपत्र (एनुमरेशन फ़ॉर्म) बाटेंगे. इसमें मतदाता का नाम, फोटो, पता, EPIC नंबर, आधार नंबर, जन्म तारीख, मोबाइल नंबर, माता-पिता या अभिभावक का नाम आदि से जुड़ी जानकारी होगी. वोटर्स को अपना नया फोटो इसमें लगाना होगा. फॉर्म भरने के बाद इसे बीएलओ को वापस करना होगा. इसके साथ अपनी पहचान को सत्यापित करने के लिए मांगे गए दस्तावेज देने होंगे. मतदाता यह काम ऑनलाइन भी कर सकते हैं. Also Read: निर्वाचन आयोग पर ओवैसी ने साधा निशाना, बोलें- आयोग बिहार में गुप्त तरीके से एनआरसी लागू कर रहा ये दस्तावेज होंगे मान्य कोई भी पहचान पत्र या केंद्र/राज्य प्रशासन के नियमित कर्मचारियों अथवा पेंशनभोगियों को मिलने वाला पेंशन भुगतान आदेश 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र/प्रमाण पत्र/प्रशासन, स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी या पीएसयू द्वारा जारी कोई भी दस्तावेज़ जन्म प्रमाण पत्र पासपोर्ट मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या बोर्ड द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र या मैट्रिक का सर्टिफिकेट राज्य प्रशासन की किसी संस्था द्वारा जारी मूल निवास प्रमाण पत्र ओबीसी, एससी या एसटी का जाति प्रमाण पत्र वन अधिकार प्रमाण पत्र राज्य प्रशासन या स्थानीय निकाय का फैमिली रजिस्टर प्रशासन द्वारा जारी किसी जमीन या घर का प्रमाण पत्र कैसे वोटर लिस्ट से कटेगा या जुड़ेगा नाम? 26 जुलाई तक घर-घर सर्वे पूरा करने के बाद निर्वाचन आयोग सर्वे में आए फॉर्म और दस्तावेजों की जांच करेगा. उस आधार पर वोटर लिस्ट को संशोधित किया जाएगा. जिन मतदाताओं का सत्यापन नहीं हुआ, या जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनके नाम हटाए जाएंगे और नए नामों को जोड़ा जाएगा. इसके बाद 1 अगस्त को संशोधित वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी होगा. इस पर 1 सितंबर तक दावा और आपत्ति मांगी जाएगी. सितंबर महीने में दावा आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा. अंत में 30 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी जाएगी. The post Bihar Election: घर-घर जाकर मतदाताओं को फॉर्म बांटेगा चुनाव आयोग, जानें कैसे जुड़ेगा या कटेगा नाम ? appeared first on Naya Vichar.