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June 28, 2025

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झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के फिर अध्यक्ष बने शिबू सोरेन, दिल्ली से सीएम हेमंत सोरेन बोले, मजदूरों की बनें आवाज

Shibu Soren: रांची-झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के आठवें केंद्रीय महाधिवेशन का आयोजन शनिवार को सीएमपीडीआई के रवींद्र भवन में किया गया. इसमें सांसद शिबू सोरेन को फिर से यूनियन का अध्यक्ष चुना गया. यूनियन के सम्मेलन को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऑनलाइन संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यूनियन ही मजदूरों की ताकत है. इसको मजबूत करें. मजदूरों की आवाज बनें. पहली बार शिबू सोरेन इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. यूनियन की नयी कमेटी घोषित की गयी. शिबू सोरेन फिर अध्यक्ष बने. गरीबों के अधिकारों की लड़ाई में पार्टी हमेशा रही है साथ-हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हमेशा से श्रमिकों, गरीबों व वंचितों के अधिकारों की लड़ाई में उनके साथ खड़ी रही है. हम आदिवासियों-मूलवासियों, श्रमिकों और विस्थापितों को उनका हक-अधिकार दिलाने के लिए काम करते रहेंगे. पार्टी की नींव ही संघर्ष और श्रमिक हितों पर टिकी है. संघर्ष की भावना और जमीनी जुड़ाव पहले की तरह कायम है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड प्रशासन देश-विदेश में संकट में फंसे श्रमिकों की मदद के लिए लगातार प्रयासरत है. उत्तराखंड, दुबई और ऑस्ट्रेलिया जैसे स्थानों से श्रमिकों को सुरक्षित वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. ये भी पढ़ें: झारखंड में बड़ा हादसा, दामोदर में बहा बिहार का युवक, नहीं मिला कोई सुराग हाथ खींचने से आगे बढ़ते हैं, पैर खींचने से पीछे विशिष्ट अतिथि उत्पाद मंत्री योगेंद्र महतो ने कहा कि यूनियन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. संगठित रहने के बावजूद यूनियन को जिस तेजी से आगे जाना चाहिए था, नहीं जा रहा है. इसके कई कारण है. आज भी कोयला कंपनियों की कई इकाइयों के मजदूर हमारे साथ नहीं आ रहे हैं. इसके लिए चिंता करनी होगी. मजदूरों की आवाज बननी होगी. उनके सुख-दुख का साथी बनना होगा. यूनियन जिसको पदाधिकारी बना रहा है, उसको पूरा सहयोग करना होगा. हाथ खींचने से हम आगे बढ़ते हैं, लेकिन पैर खींचने से पीछे. यह समझना होगा. नौ जुलाई के मजदूर आंदोलन को किया समर्थन इस मौके पर तैयारी समिति के सदस्य फागू बेसरा ने कहा कि नौ जुलाई को मजदूर संगठनों का देशव्यापी आंदोलन है. इसमें हमारी यूनियन सक्रिय रूप से हिस्सा निभायेगी. यूनियन लगातार मजदूरों और विस्थापितों की लड़ाई रही है. निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. पहली बार गुरु जी नहीं ले रहे हैं हिस्सा संविधान संशोधन समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने कहा कि पहली बार गुरुजी इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. गुरु जी इस यूनियन के अध्यक्ष हैं. यूनियन शुरू से विस्थापितों के अधिकार को लेकर संघर्ष करता रहा है. मजदूरों की आवाज प्रबंधन तक पहुंचायेंगे. इस मौके पर समारोह को विधायक मथुरा महतो ने भी संबोधित किया. कहा कि यूनियन को मजदूरों की आवाज बनानी है. इसके लिए मिलजुल कर काम करने की जरूरत है. यूनियन का हुआ विलय इस मौके पर जगन्नाथ महतो (अब स्व) द्वारा गठित यूनियन झारखंड कोलियरी कामगार यूनियन का विलय झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन में किया गया. स्व महतो के पुत्र अखिलेश महतो ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि पिताजी भी हमेशा मजदूरों की लड़ाई लड़ते थे. हम इस लड़ाई को आगे बढ़ायेंगे. ये भी पढ़ें: दिल्ली में एडमिट शिबू सोरेन की तबीयत अभी कैसी है? अस्पताल से संजय सेठ ने दिया लेटेस्ट अपडेट, बृंदा करात भी मिलीं The post झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के फिर अध्यक्ष बने शिबू सोरेन, दिल्ली से सीएम हेमंत सोरेन बोले, मजदूरों की बनें आवाज appeared first on Naya Vichar.

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Pradeep Sardana: प्रदीप सरदाना ने पत्रकारिता में पूरा किया 50 साल, बिहार के राज्यपाल ने घर जाकर दी बधाई

Pradeep Sardana: प्रदीप सरदाना की पत्रकारिता में 50 साल पूरा होने पर नयी दिल्ली में एक भव्य स्वर्ण जयंती समारोह आयोजित किया गया. जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, सांसद मनोज तिवारी और प्रतिभा आडवाणी के साथ सुप्रसिद्द शास्त्रीय नृत्यांगना पद्मविभूषण सोनल मानसिंह और वयोवृद्द पत्रकार-साहित्यकार पद्मश्री शीला झुनझुनवाला सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने घर जाकर दी बधाई भव्य समारोह में शामिल नहीं होने पर राज्यपाल आरि मोहम्मद खां ने प्रदीप सरदाना के पूर्वी दिल्ली आवास जाकर उन्हें बधाई देकर सम्मानित किया. मुलाकात के बाद राज्यपाल ने कहा कि मैं प्रदीप सरदाना जी को उनकी अब तक की 50 वर्ष की शानदार, गौरवपूर्ण पत्रकारिता यात्रा पर अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. साथ ही कामना करता हूं कि वह स्वस्थ रहें और आगे भी कई बरसों तक पत्रकारिता में सक्रिय रहकर देश और समाज को जागरूक करते रहें. मेरा सौभाग्य है कि राज्यपाल आरिफ साहब मुझे बधाई देने घर तक आए प्रदीप सरदाना ने इस अवसर पर कहा- “मेरा यह सौभाग्य है कि महामहिम राज्यपाल आरिफ साहब मुझे बधाई देने के लिए मेरे घर तक आए. यह सब उनकी सादगी और महानता दर्शाता है. वह इतने उच्च पद पर आसीन होने के बावजूद जमीन से जुड़े हैं और पुराने संबंध निभाने के साथ पत्रकारों, साहित्यकारों और कलाकारों को सम्मान देने में अग्रणी रहते हैं. उनके मेरे घर आगमन से मेरा और मेरे काम का सम्मान तो बढ़ा ही है, साथ ही पत्रकारिता में मेरी स्वर्ण जयंती की उपलब्धि का आनंद और सुख दोहरा हो गया. मुझे इससे नयी ऊर्जा मिली है. मैं इसके लिए उनका सदैव कृतज्ञ रहूंगा.” The post Pradeep Sardana: प्रदीप सरदाना ने पत्रकारिता में पूरा किया 50 साल, बिहार के राज्यपाल ने घर जाकर दी बधाई appeared first on Naya Vichar.

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गेंदबाजी की जगह बल्लेबाजी की प्रैक्टिस कर रहे सिराज, आखिर क्यों प्रबंधन ने उठाया यह कदम

IND vs ENG: एजबेस्टन में नेट पर मोहम्मद सिराज एक अलग ही अंदाज में दिखे. वह आम तौर पर अभ्यास सत्र में लगातार गेंदबाजी का अभ्यास करते दिखते हैं, लेकिन दूसरे टेस्ट से पहले उन्होंने लंबे बल्लेबाजी सत्र ने दिलचस्पी दिखाई है. खासकर हेडिंग्ले में सीरीज के पहले मैच में हिंदुस्तान के निचले क्रम के पतन के बाद से प्रबंधन ने इस पर गंभीरता से विचार किया है. शुक्रवार के प्रशिक्षण सत्र में जसप्रीत बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा दोनों के अनुपस्थित रहने के कारण, सभी की निगाहें मैदान पर उतरे हिंदुस्तानीय तेज गेंदबाजों पर थीं. हालांकि, सिराज एक असामान्य कारण से सबसे अलग दिखे. उनका ध्यान बल्लेबाजी पर था. पहले टेस्ट की दोनों पारियों में हिंदुस्तान की पुछल्ले बल्लेबाज काफी खराब रहे. दोनों पारियों में हिंदुस्तान सिर्फ 72 रन पर 13 विकेट खो दिए. निचले क्रम के बल्लेबाजों की किसी भी तरह की प्रतिरोध क्षमता की कमी ने हिंदुस्तान की परेशानी को और बढ़ा दिया, क्योंकि इंग्लैंड ने 371 रनों का लक्ष्य पांच विकेट रहते हासिल कर लिया. सिराज तक को करनी होगी बेहतरीन बल्लेबाजी सिराज द्वारा अपनी बल्लेबाजी तकनीक पर केंद्रित प्रयासों से पता चलता है कि टीम प्रबंधन ने चुपचाप सुधार शुरू कर दिया है. बल्लेबाजी कोच सीतांशु कोटक की निगरानी में सिराज अपने रक्षात्मक स्पोर्ट्स पर काफी काम करते नजर आए. उन्होंने शॉर्ट गेंदों को चकमा देने, ऑफ के बाहर की गेंदों को छोड़ने और आगे की तरफ नरम हाथों से डिफेंस करने का अभ्यास किया. एक ऐसे गेंदबाज के लिए जो अपनी बल्लेबाजी कौशल के लिए नहीं जाना जाता, यह कोई साधारण नेट रूटीन नहीं था. ऐसा लग रहा था कि यह प्रबंधन की ओर से हिंदुस्तान के पुछल्ले बल्लेबाजों को मजबूत करने का स्पष्ट निर्देश था. 📍 Edgbaston Prep Begins 👌 👌#TeamIndia | #ENGvIND pic.twitter.com/6JJ9gXmlDk — BCCI (@BCCI) June 27, 2025 गौतम गंभीर को पता है हरेक रन का महत्व अपने सख्त रवैये के लिए मशहूर हेड कोच गौतम गंभीर हाल के दिनों में टेस्ट क्रिकेट में हर रन के महत्व के बारे में मुखर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने अभी तक पुछल्ले बल्लेबाजों के प्रदर्शन के बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं की है, लेकिन लगता है कि यह संदेश अंदरूनी तौर पर दिया जा चुका है. सिराज की केंद्रित ड्रिल इस बात का मजबूत संकेत है कि हिंदुस्तान यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उनके नंबर 9, 10 और 11 बल्लेबाज सिर्फ औपचारिक प्रतिरोध ही पेश कर सकें. बुमराह को कथित तौर पर दूसरे टेस्ट के लिए आराम दिया जाएगा और शार्दुल ठाकुर बल्ले और गेंद दोनों से खराब प्रदर्शन के कारण सवालों के घेरे में हैं, इसलिए गेंदबाजी लाइन-अप में बदलाव की उम्मीद है. बुमराह का स्पोर्ट्सना संदिग्ध लीड्स में नियंत्रण खोने के बाद हिंदुस्तान एजबेस्टन में सीरीज बराबर करने के लिए बेताब होगा. जबकि शीर्ष क्रम के रन और गेंदबाजी संयोजन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, पुछल्ले बल्लेबाजों को न हिला पाने के कारण हिंदुस्तान को पहले टेस्ट में बहुमूल्य रन गंवाने पड़े. बुमराह की संभावित अनुपस्थिति में सिराज से हिंदुस्तानीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करने की भी उम्मीद है, जिससे टीम के वरिष्ठ तेज गेंदबाज के रूप में उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी. लीड्स में नियंत्रण खोने के बाद हिंदुस्तान एजबेस्टन में सीरीज बराबर करने के लिए बेताब होगा. जबकि शीर्ष क्रम के रन और गेंदबाजी संयोजन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, पुछल्ले बल्लेबाजों को न हिला पाने के कारण हिंदुस्तान को पहले टेस्ट में बहुमूल्य रन गंवाने पड़े. बुमराह की संभावित अनुपस्थिति में सिराज से हिंदुस्तानीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करने की भी उम्मीद है, जिससे टीम के वरिष्ठ तेज गेंदबाज के रूप में उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी. ये भी पढ़ें… WTC Points Table: 4 टेस्ट के बाद ऑस्ट्रेलिया टॉप पर, हिंदुस्तान और पाक इस पायदान पर ICC की कमाई में और अधिक हिस्सेदारी मांगेगा BCCI! रवि शास्त्री ने बताई बड़ी वजह The post गेंदबाजी की जगह बल्लेबाजी की प्रैक्टिस कर रहे सिराज, आखिर क्यों प्रबंधन ने उठाया यह कदम appeared first on Naya Vichar.

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बिहार चुनाव 2025: 1952 से 2020 तक पसमांदा मुस्लिमों की अनदेखी, सभी दलों ने दिए सवर्ण मुस्लिमों को टिकट

Bihar Elections 2025, प्रह्लाद कुमार: बिहार में मुस्लिमों की कुल आबादी में करीब 70 फीसदी हिस्सेदारी पसमांदा समाज की है. यानी मुस्लिमों में पिछड़े और अति पिछड़े अधिक हैं. लेकिन, नेतृत्वक दल जब टिकट बाटते हैं तो उसमें सवर्ण मुस्लिमों को अधिक हिस्सा मिलता है. 1952 से 2020 तक सामान्य सभी पार्टियों ने सबसे अधिक टिकट सामान्य वर्ग के मुस्लिमों को दी है, लेकिन वोटरों की बात करें, तो सामान्य वर्ग से अधिक पसमांदा वर्ग के मुस्लिमों की संख्या अधिक है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन अपनी साख यहां बनाने की कोशिश में है. पासमांदा अब भी कई पार्टियों से दूर बिहार विधान सभा की बात करें,तो सामान्य मुस्लिम वर्ग के नेताओं की संख्या काफी है. बिहार में प्रथम विधानमंडल 1952-1957 से लेकर 2020 -2025 तक कुल 4971 विधायक निर्वाचित हुये है. इनमें से 7.38 प्रतिशत औसत की दर से कुल 367 मुस्लिम विधायक सदस्य हुये. यह मुस्लिम आबादी के17.70 प्रतिशत के सापेक्ष बहुत कम है. बिहार में कुल निर्वाचित मुस्लिम विधायकों के जातिवार विश्लेषण मुस्लिम समाज की समाजियात की असलियत को उजागर करता है. 2020 के चुनाव में 18 मुस्लिम विधायक जीते, जिसमें सिर्फ एक अति पिछड़ा वर्ग से 2020 विधानसभा चुनाव में मुस्लिम विधायकों की संख्या 18 थी, जिसमें 17 सामान्य वर्ग और एक पिछड़ा वर्ग से जीतकर आये थे. अगर पार्टी के मुताबिक जीते विधायकों की संख्या देखें, तो जीतने वाले सामान्य वर्ग के विधायकों में शमीम अहमद राजद, अब्दुल रहमान कांग्रेस, शाहनवाज एआइएमएम, मो अंजार नईमी एआइएमएम,सऊद आलम राजद, इजराइल हुसैन कांग्रेस, मो इजहार अस्फी एआइएमएम, अख्तरुल इमान एआइएमएम, सैयद रुकनुद्दीन अहमद एआइएमएम, मो अफाक आलम-कांग्रेस, शकील अहमद खान-कांग्रेस , महबूब आलम-भाकपा माले, युसूफ सहाउददीन-राजद, अली असरफ सिद्दीकी – राजद, मो जमा खान-बसपा, मो नेहालुदीन-राजद, मो कामरान- राजद से थे. वहीं, महज एक विधायक मो इसराइल मंसूरी राजद से जीतकर आये है, जो पिछड़ा वर्ग से है. क्या बोले अध्यक्ष इस मुद्दे पर अली पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनवर अंसारी ने कहा कि पसमांदा समाज की आबादी और वोट सबसे अधिक है. सारी पार्टियां वोट भी लेती है. लेकिन, जब टिकट बटवारे की बात आती है तो पैसे वाले और सामान्य वर्ग के नेताओं को तरजीह मिलती हैँ. इसे भी पढ़ें: बिहार के शिक्षकों को मिली बड़ी राहत, अब खुद कर सकेंगे ट्रांसफर और स्कूल का चयन 1952 से 2020 तक बिहार में कांग्रेस से हुये सबसे अधिक विधायक पार्टी – विधायक- सामान्य वर्ग- पसमांदा कांग्रेस- 188- 153- 35 जनता दल- 42- 31- 11 राजद- 51- 42- 9 जदयू- 20- 19- 1 एआइएमआइएम- 5- 5- 00 बसपा- 2- 2- 00 एसपी- 2- 2- 00 एनसीपी- 3- 3- 00 लोजपा- 3- 3- 00 सीपीआइ- 14- 14- 00 सीपीएम- 3- 3- 00 भाजपा- 1- 1- 00 अन्य- 33- 26- 7 इसे भी पढ़ें: तेजस्वी के साथी दल कर रहे 174 सीटों की मांग, कैसे करेंगे मैनेज, मचेगा घमासान! The post बिहार चुनाव 2025: 1952 से 2020 तक पसमांदा मुस्लिमों की अनदेखी, सभी दलों ने दिए सवर्ण मुस्लिमों को टिकट appeared first on Naya Vichar.

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झारखंड में बड़ा हादसा, दामोदर में बहा बिहार का युवक, नहीं मिला कोई सुराग

Damodar River Big Accident: रजरप्पा (रामगढ़)-रजरप्पा स्थित दामोदर नद में नहाने के दौरान शनिवार को पटना का युवक शशि कुमार (17 वर्ष) डूब गया. वह परिजनों के साथ पूजा-अर्चना के लिए रजरप्पा मंदिर आया था. उसके शव का देर शाम तक पता नहीं चल सका था. इससे पहले नहाने के क्रम में युवक ने सेल्फी भी ली थी. युवक पटना जिले के एतवारपुर का रहनेवाला था. स्नान करते वक्त तेज धारा में बहा यह घटना तब हुई, जब शशि अपने पिता कृष्ण प्रसाद के साथ दामोदर नद में स्नान कर रहा था. इसी बीच वह दामोदर नद की तेज धारा में बहने लगा. यह देखकर उसके परिजन बचाने के लिए शोर मचाने लगे. मौके पर कुछ लोगों ने युवक को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. उन सबके देखते-देखते युवक तेज धारा में बह गया. घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. इधर युवक के सभी परिजन मां छिन्नमस्तिका मंदिर परिसर में ही हैं. घटना की सूचना मिलने पर रजरप्पा थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. ये भी पढ़ें: दिल्ली में एडमिट शिबू सोरेन की तबीयत अभी कैसी है? अस्पताल से संजय सेठ ने दिया लेटेस्ट अपडेट, बृंदा करात भी मिलीं खोजबीन के लिए एनडीआरएफ टीम को दी गयी सूचना थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने शव को खोजने के लिए गोताखोरों को लगाया था, लेकिन देर शाम तक कोई पता नहीं चला. थाना प्रभारी ने बताया कि युवक की खोजबीन के लिए एनडीआरएफ टीम को भी सूचना दी गयी है. वहीं दामोदर और भैरवी नदी के किनारे नहा रहे कई लोगों को पुलिस ने डांट-फटकार कर भगाया. ये भी पढ़ें: सावधान! झारखंड में अगले 96 घंटे भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी, फिर बिगड़ेगा मौसम का मिजाज ये भी पढ़ें: झारखंड में RTE का उल्लंघन, 8000 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे, ऐसे हुआ खुलासा The post झारखंड में बड़ा हादसा, दामोदर में बहा बिहार का युवक, नहीं मिला कोई सुराग appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Chunav: बिहार की राजनीति में हुई नई पार्टी की एंट्री, हेलीकॉप्टर बाबा ने बनाई ‘वीवीआईपी’

Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है. इसी कड़ी में शनिवार को पटना में एक नई नेतृत्वक पार्टी की घोषणा की गई, जिसका नाम ‘विकास वंचित इंसान पार्टी’ (वीवीआइपी) है. पटना में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप निषाद उर्फ हेलीकॉप्टर बाबा ने पार्टी के गठन की औपचारिक घोषणा की.  बिहार में पहले से ही है वीआईपी बिहार की नेतृत्व में पहले से ही विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) है, जो निषादों के हक और अधिकार की बात करती रही है. इसके बावजूद, प्रदीप निषाद ने नई पार्टी की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी में सभी जाति, धर्म और संप्रदाय के लोगों की पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी.  खासकर निषाद समाज की सभी उपजातियों को एक सूत्र में बांधकर उनके वाजिब हक और अधिकार दिलाने की दिशा में पार्टी काम करेगी.  पार्टी में स्त्रीओं को अहम भूमिका उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व में युवाओं और स्त्रीओं को अहम भूमिका दी जाएगी. विकास वंचित इंसान पार्टी का गठन किसी व्यक्ति विशेष या सत्ता की लालसा के लिए नहीं, बल्कि समाज के उन तबकों की आवाज बनने के लिए किया गया है, जिन्हें अब तक सिर्फ वोट बैंक समझा गया. निषाद समाज समेत दलित, अत्यंत पिछड़ा, अल्पसंख्यक और वंचित समुदायों के लोगों को उनका हक दिलाना ही पार्टी का उद्देश्य है.  बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन का समर्थन करेगी VIP वक्फ कानून के खिलाफ पटना के गांधी मैदान में आयोजित जनसभा का विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने समर्थन देने की घोषणा की है. पार्टी के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र में हमारी प्रशासन बनने या विपक्ष के रूप में पार्टी की भूमिका के तौर पर हम इस बिल का विरोध करते हैं. साथ ही हिंदू मंदिर न्यास की तरह मुस्लिम वक्फ मामले में भी समरी इविक्शन का प्रस्ताव वापस लाएंगे तथा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन और अन्य धार्मिक न्यासों की तरह केवल मुस्लिम धर्मावलंबियों को वक्फ समिति में जगह देने का समर्थन करेंगे.  इसे भी पढ़ें: बिहार के इस शहर का नाम बदलने की मांग तेज, डिप्टी सीएम पहले ही कर चुके हैं समर्थन का ऐलान  The post Bihar Chunav: बिहार की नेतृत्व में हुई नई पार्टी की एंट्री, हेलीकॉप्टर बाबा ने बनाई ‘वीवीआईपी’ appeared first on Naya Vichar.

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Bihar News: दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है, ज्योति सिन्हा बोली- राहें बदल सकती हैं, जब इरादे मजबूत हों

Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के चंगेल गांव की रहने वाली ज्योति सिन्हा ने साबित कर दिखाया है कि मुश्किलें केवल संजीवनी होती हैं, जो हमें हमारी असली ताकत पहचानने का अवसर देती हैं. शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद, ज्योति ने न केवल अपनी पढ़ाई में सफलता पायी, बल्कि उन्होंने मधुबनी पेंटिंग में राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किए हैं. ज्योति की जीवन यात्रा हमें यह प्रेरणा देती है कि जब तक हम खुद से हार नहीं मानते, तब तक कोई भी चुनौती हमें अपनी मंजिल से दूर नहीं कर सकती. Q. दसवीं बोर्ड परीक्षा के वक्त तक आप आम बच्चों की तरह थीं, फिर ऐसा क्या हुआ ? अपने बारे में कुछ बताएं. Ans – मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद, मैंने 2002 में मैट्रिक की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की. लेकिन कुछ दिनों बाद मेरे कमर से नीचे का हिस्सा संवेदनहीन हो गया. शुरू में, मैं सामान्य जीवन जी रही थी, पर धीरे-धीरे मुझे खुद के शरीर पर नियंत्रण खोने का एहसास हुआ. अपने घरवालों के प्रयासों से मैंने बनारस व दिल्ली के कई बड़े डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन किसी ने भी सही इलाज नहीं सुझाया. इस दौरान मुझे ‘मसकुलर डिस्ट्रोफी’ नामक बीमारी का पता चला, और डॉक्टर्स ने कहा कि इसका कोई इलाज नहीं है. दो साल बाद मेरे जुड़वां भाई भी इस बीमारी से प्रभावित हो गये. यह मेरी जिंदगी का एक बड़ा मोड़ था, जहां मुझे अपनी जिंदगी को नये तरीके से समझने की जरूरत पड़ी. Q. मधुबनी पेंटिंग से आपका जुड़ाव कब और कैसे हुआ? Ans – जब मैं अपनी शारीरिक तकलीफों और उदासी से जूझ रही थी, तब एक दिन मेरे हाथ कृष्ण कुमार कश्यप जी की पुस्तक ‘मिथिला चित्रकला भाग-एक, दो’ लगी. इस पुस्तक ने मेरी सोच को बदल दी. मैंने यह निश्चय किया कि मैं मधुबनी पेंटिंग में अपना भविष्य बनाऊंगी. शुरुआत में, मैंने खुद से आड़ी-तिरछी लकीरें खींचने की कोशिश की, लेकिन मुझे यह ठीक नहीं लगा. तब मैंने कश्यप जी से संपर्क किया, जो दरभंगा से अपने खर्च पर हर हफ्ते मेरे गांव आते थे और मुझे सिखाते थे. उनके मार्गदर्शन में, मैंने कड़ी मेहनत और अभ्यास के साथ पेंटिंग में निपुणता हासिल की. मुझे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिले, जो इस कला में मेरी सफलता की पहचान बने. Q. 2002 के बाद लंबे अंतराल पर आपने पढ़ाई शुरू की और अभी एमए कर रही हैं, इसके बारे में बताएं? Ans – मेरे जीवन में एक और महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब मुझे एक और गुरु मिले, प्रो उमेश कुमार उत्पल, जिन्होंने मुझे उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित किया. उन्होंने मुझे दरभंगा के महथा आदर्श महाविद्यालय में नामांकन करवाया और घर से ही पढ़ाई की व्यवस्था की. मैं 2016 में इंटर की परीक्षा दी. परिणाम में द्वितीय श्रेणी से पास हुई और उसके बाद स्नातक और एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की. अब मैं हिंदी में पीएचडी कर रही हूं. इस यात्रा में मुझे अपने गुरु, स्व कृष्ण कुमार कश्यप जी और अशोक कुमार सिन्हा का पूरा समर्थन मिला. Q. आपके जीवन के इस सफर में सबसे बड़ी प्रेरणा क्या रही? Ans – मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा मेरे माता-पिता, गुरु और मेरे भाई हैं. जब मैं सबसे ज्यादा मुश्किल में थी, तब उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया और मुझे कभी हार मानने नहीं दिया. मेरे गुरु, कश्यप जी ने मुझे मधुबनी पेंटिंग सिखाने का मार्ग दिखाया और प्रो उत्पल ने मुझे शिक्षा के प्रति प्रेरित किया. वे सब मुझे अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार प्रेरित करते रहे. इस संघर्ष और मेहनत के बावजूद, मैं आज जहां हूं, वहां तक पहुंचने में मेरे परिवार और शिक्षकों का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है. Also Read: Train: यात्रीगण कृपया ध्यान दें, आरा-रांची और रांची-गोड्डा एक्सप्रेस में स्लीपर कोच की संख्या बढ़ी The post Bihar News: दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है, ज्योति सिन्हा बोली- राहें बदल सकती हैं, जब इरादे मजबूत हों appeared first on Naya Vichar.

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Puri Rath Yatra 2025: अदाणी और रिलायंस ग्रुप ने पुरी रथयात्रा में पेश की अनूठी मिसाल

Puri Rath Yatra 2025: ओडिशा के पुरी में आयोजित भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा एक ओर श्रद्धा और आस्था का पर्व है. वहीं, इसमें देश की प्रमुख औद्योगिक हस्तियों की भागीदारी ने इस बार यात्रा को और भी विशेष बना दिया. अदाणी और रिलायंस ग्रुप ने इस साल के पुरी रथयात्रा में अनूठी मिसाल पेश की है. इस वर्ष गौतम अदाणी का पारिवारिक सहभाग और रिलायंस ग्रुप की सेवा पहल चर्चा का विषय रही. गौतम अदाणी का पारिवारिक दर्शन अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी अपने परिवार सहित रथ यात्रा में शामिल हुए. उन्होंने गुंडिचा मंदिर के पास भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों के समक्ष पूजा-अर्चना की. उनके साथ उनकी पत्नी प्रीति अदाणी, बेटे करण अदाणी और अन्य पारिवारिक सदस्य भी मौजूद रहे. गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है, जहां तीनों देवता कुछ दिनों तक विश्राम करते हैं. गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा पोस्ट गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “भगवान श्री जगन्नाथ जी की कृपा से हमें पुरी धाम की पवित्र रथ यात्रा में सेवा करने का अवसर मिला. यह वह क्षण है, जब भगवान स्वयं अपने भक्तों के बीच आकर उन्हें अपने दिव्य दर्शन देते हैं. मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, और सेवा ही आध्यात्मिक साधना है. जय जगन्नाथ.” पुरी प्रशासन और मंदिर के सेवादारों ने गौतम अदाणी का स्वागत पारंपरिक पट्टा वस्त्र और पुष्प भेंट कर किया. रिलायंस की ‘अन्न सेवा’ और सेवा संकल्प रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने इस वर्ष पुरी की रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं के लिए ‘अन्न सेवा’ का आयोजन किया. रथ यात्रा के पहले दिन ही करीब एक लाख भक्तों को भोजन वितरित किया गया. यह सेवा 8 जुलाई को नालाद्री बिजे तक जारी रहेगी, जब भगवान अपने मूल मंदिर लौटेंगे. रिलायंस ने केवल भोजन वितरण तक ही सीमित न रहकर, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं कीं. इनमें संपर्क रहित सैनिटाइजर स्टॉल, स्वच्छता के लिए कचरा बैग और डस्टबिन, पुलिस शिविरों में स्वच्छता सुविधाएं, 1.5 लाख इको-फ्रेंडली हाथ पंखों का वितरण, पुलिसकर्मियों को 3,500 रेनकोट और स्वयंसेवकों और कर्मियों के लिए जलपान किट वितरित किया गया. इसे भी पढ़ें: जुलाई में बदल जाएगा बैंकों से लेनदेन का तरीका, नियमों में बदलाव से जेब होगी हल्की भक्तों की सेवा करना हमारा सौभाग्य: अनंत अंबानी रिलायंस के कार्यकारी निदेशक अनंत अंबानी ने कहा, “सेवा, रिलायंस के ‘वी केयर’ दर्शन में गहराई से निहित है. पुरी में भक्तों की सेवा करना हमारे लिए सौभाग्य है.” पुरी रथ यात्रा न केवल आध्यात्मिक भक्ति का महापर्व है, बल्कि यह हिंदुस्तान के कॉर्पोरेट नेतृत्व की सेवा भावना और सामाजिक जुड़ाव का भी प्रतीक बनती जा रही है. इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश के खिलाफ हिंदुस्तान की बड़ी कार्रवाई, जूट और फाइबर प्रोडक्ट्स के आयात लगाया प्रतिबंध The post Puri Rath Yatra 2025: अदाणी और रिलायंस ग्रुप ने पुरी रथयात्रा में पेश की अनूठी मिसाल appeared first on Naya Vichar.

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Shefali Jariwala Last Rites: अभिनेत्री शेफाली जरीवाला को दी गई भावुक विदाई, फूट-फूटकर रोने लगे पति पराग

Shefali Jariwala Last Rites: ‘कांटा लगा’ गाने से मशहूर हुईं अभिनेत्री शेफाली जरीवाला को शनिवार को आखिरी विदाई दी गई. इस दौरान उनके पति पराग भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे. शेफाली को आखिरी विदाई देते समय पराग ने उनका माथा चूमा. अंतिम संस्कार में फेमस गायक मीका सिंह भी पहुंचे. अभिनेत्री के अंतिम संस्कार परिवार वालों के साथ-साथ टीवी के कई बड़े सितारे भी मौजूद थे. बेटी की आखिरी विदाई में बेसुध हुईं मां अभिनेत्री शेफाली को आखिरी विदाई देते समय उनकी मां बेसुध हो गईं. बेटी को पकड़कर उनकी मां फूट-फूटकर रोने लगीं. मां और पति को देखकर वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए. View this post on Instagram A post shared by Bollywoodflash (@bollywoodflash01) शुक्रवार की रात अभिनेत्री का हुआ निधन अभिनेत्री शेफाली की 42 साल की उम्र में शुक्रवार रात मृत्यु हो गई. शेफाली को उनके पति, अभिनेता पराग त्यागी उपनगरीय मुंबई के बेलेव्यू मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में लेकर गए थे. लेकिन उनका निधन अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गया था, जैसा की डॉक्टरों ने बताया. अभिनेत्री के शव का हुआ पोस्टमार्टम अभिनेत्री शेफाली के शव का शनिवार को पोस्टमार्टम किया गया. हालांकि डॉक्टरों ने यह नहीं बताया कि उनके मौत की क्या वजह है? कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई मौत? अभिनेत्री शेफाली की मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट को बताया जा रहा है. हालांकि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ही असली वजह बता सकते हैं. अंधेरी स्थित घर में मृत पायी गई अभिनेत्री अभिनेत्री शेफाली का शव अंधेरी स्थित उनके घर से मिला. पुलिस को शनिवार रात एक बजे सूचना मिली. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर अस्पताल ले गई. ‘‘कांटा लगा’’ गाने से फेमस हुईं शेफाली अभेनत्री शेफाली 2002 में ‘‘कांटा लगा’’ गाने से लोकप्रिय हुई थीं, जो 1972 की फिल्म ‘समाधि’ के लता मंगेशकर के एक पुराने गीत का रीमिक्स था. शेफाली ने अपने पति के साथ डांस शो ‘‘नच बलिए’’ और बाद में ‘‘बिग बॉस 13’’ जैसे रियलिटी शो में भाग लेकर लोकप्रियता हासिल की थी. मौत से एक हफ्ते पहले, शेफाली ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वो शूट के लिए तैयार हो रही थीं. उन्होंने वीडियो के साथ लिखा, “अब समय आ गया है कि हम जिंदगी को जीना शुरू करें. जैसे हर चीज हमारे हक में हो रही हो.” The post Shefali Jariwala Last Rites: अभिनेत्री शेफाली जरीवाला को दी गई भावुक विदाई, फूट-फूटकर रोने लगे पति पराग appeared first on Naya Vichar.

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Shefali Jariwala की मौत को लेकर Paras Chhabra ने की थी चौंकाने वाली भविष्यवाणी

Shefali Jariwala Death Prediction: मशहूर अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला का बीती रात मुंबई में निधन हो गया.42 वर्षीय शेफाली फिट और स्वस्थ जीवनशैली के लिए जानी जाती थीं. शुरुआती मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मौत का संभावित कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है, हालांकि इस संबंध में अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. उनके अचानक निधन की समाचार ने फैन्स और इंडस्ट्री को गहरे सदमे में डाल दिया है. छाबड़ा के पॉडकास्ट का एक पुराना वीडियो वायरल इस दौरान पारस छाबड़ा के पॉडकास्ट का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कुंडली के आधार पर शेफाली जरीवाला की ‘अचानक मौत’ की ओर इशारा किया था. उनकी इस भविष्यवाणी को सुनकर नेटिज़न्स भी हैरान रह गए. पारस nने जताई थी ये चिंता पारस ने कहा था, “आपके आठवें भाव में चंद्र, बुध और केतु स्थित हैं. चंद्र और केतु का संयोजन बेहद नकारात्मक माना जाता है। यह भाव हानि, आकस्मिक मृत्यु, प्रसिद्धि, रहस्यों और तांत्रिक गतिविधियों से जुड़ा होता है. इसके साथ बुध की उपस्थिति मानसिक तनाव, तंत्रिका संबंधी समस्याओं की ओर इशारा करती है.” अब शेफाली जरीवाला के 42 वर्ष की उम्र में हुए निधन के बाद, लोग पारस की इस भविष्यवाणी को चौंकाने वाली सटीकता मान रहे हैं. जन्म कुंडली में आठवां भाव बताता है ये बात जन्म कुंडली में आठवां भाव रहस्य, अचानक घटनाएं, दीर्घकालिक रोग, मृत्यु, पुनर्जन्म, तंत्र-मंत्र, मानसिक गहराई और शोध से जुड़ा होता है. जब इस भाव में चंद्र, बुध और केतु स्थित हों, तो व्यक्ति के जीवन पर गहरा और जटिल प्रभाव पड़ता है. चंद्र करता है इन चीजों का प्रतिनिधित्व चंद्र मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है. आठवें भाव में चंद्र का होना व्यक्ति को मानसिक रूप से अस्थिर, अत्यधिक संवेदनशील और भीतर से डरपोक बना सकता है. ऐसा जातक अक्सर चिंता और अवसाद से ग्रस्त रह सकता है. बुध है इन चीजों से संबंधित बुध, जो तर्क, संवाद और नर्वस सिस्टम से संबंधित होता है, आठवें भाव में मानसिक विश्लेषण की प्रवृत्ति देता है. जातक गूढ़ विषयों, मनोविज्ञान, या रिसर्च में रुचि रख सकता है. लेकिन यदि बुध पीड़ित हो, तो तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं, भ्रम और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है. केतु का जीवन पर प्रभाव केतु एक रहस्यात्मक और आध्यात्मिक ग्रह है. यह भौतिकता से अलगाव, गहरे रहस्य, और आध्यात्मिक खोज की भावना पैदा करता है. आठवें भाव में इसका होना जातक को तंत्र, साधना या अतींद्रिय शक्तियों की ओर आकर्षित कर सकता है, लेकिन साथ ही अचानक घटनाएं या नुकसान का कारण भी बन सकता है. जब ये तीनों ग्रह एक साथ आठवें भाव में हों, तो यह योग जातक को गूढ़ ज्ञान और आंतरिक शक्ति देने वाला हो सकता है, लेकिन मानसिक अशांति, स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे मिर्गी या नर्वस डिसऑर्डर) और जीवन में अप्रत्याशित मोड़ भी ला सकता है. उचित ज्योतिषीय उपाय और जीवनशैली में संतुलन बनाकर इन प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है. The post Shefali Jariwala की मौत को लेकर Paras Chhabra ने की थी चौंकाने वाली भविष्यवाणी appeared first on Naya Vichar.

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