हर घंटे एक सेंटीमीटर की वृद्धि, 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर बढ़ी गंगा गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. शुक्रवार को नदी के जलस्तर में हर घंटे औसतन एक सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गयी, जो बीते 24 घंटे में कुल 24 सेंटीमीटर तक पहुंच चुकी है. जलस्तर में तेजी से हो रही इस बढ़ोतरी ने गंगा किनारे स्थित इलाकों के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. इंजीनियरिंग कॉलेज, बाबूपुर मोड़ और मसाढ़ू गांव जैसे निचले इलाकों के लोग अब ऊंचे स्थानों की ओर जाने की तैयारी कर रहे हैं. स्थानीय लोगों में भय का माहौल है क्योंकि, उन्हें बीते वर्षों की बाढ़ की भयावहता याद आने लगी है. प्रशासनिक स्तर पर सतर्कता बढ़ायी जा रही है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक अलर्ट जारी नहीं किया गया है. फिर भी लोग खुद सतर्क होकर जरूरी सामान सहेजने लगे हैं. जलस्तर बढ़ने का सीधा असर तीन बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर भी पड़ सकता है. इनमें पहला है विक्रमशिला समानांतर पुल निर्माण कार्य, दूसरा है सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और तीसरा जलापूर्ति प्रोजेक्ट है, जिसका महत्वपूर्ण कार्य गंगा किनारे में स्थित है. जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो इन तीनों परियोजनाओं पर अस्थायी रूप से कार्य रोकना पड़ सकता है. जल संसाधन विभाग की टीम हालात पर नजर बनाये हुए है. जलस्तर बढ़ने से जलापूर्ति प्रोजेक्ट पर भी मंडराया संकट बहुप्रतीक्षित जलापूर्ति प्रोजेक्ट का अधिकांश काम गंगा तट के पास चल रहा है, जहां पानी बढ़ने से निर्माण कार्य बाधित होने की आशंका गहरा गयी है. वाटर वर्क्स परिसर में गंगा किनारे बनायी जा रही बिल्डिंग का ढांचा तैयार हो चुका है, लेकिन फिनिशिंग का काम अब अस्थायी रूप से रुक सकता है. जलस्तर और बढ़ा, तो परिसर में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य जोखिम भरा हो जायेगा. सबसे अधिक असर इंटक वेल के पास बनने वाले अप्रोच चैनल पर पड़ने वाला है. यह काम अभी तक शुरू ही नहीं हो सका है और अब कम से कम तीन महीने तक के लिए टालना पड़ सकता है. हालांकि, यह इलाका अभी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में है. इस बीच प्रोजेक्ट से जुड़ी दो जलमीनारों के लिए हाल ही में पानी का ट्रायल किया गया है, जिससे उम्मीद बनी हुई है कि समय मिलते ही बाकी कार्यों को गति दी जायेगी. 15 मई तक पूरा होना था कटाव निरोधक कार्य, अब भी अधूरा, बारिश ने बढ़ाई मुश्किल मसाढ़ू गांव को कटाव से बचाने वाला कार्य अधर में लटक गया है. 15 मई तक ही इस कार्य को पूरा किया जना था, लेकिन अब तक काम अधूरा है. पहले तय डेडलाइन के बाद विभाग ने 30 मई तक का टाइम एक्सटेंशन लिया, लेकिन दूसरी डेडलाइन में भी पूरा नहीं हो सका. करीब 1500 मीटर लंबे प्रोजेक्ट में अब तक केवल 825 मीटर हिस्से में ही कार्य पूरा हो पाया है. अब जब गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है, तो शेष कार्य रुकने की आशंका गहरा गयी है. विभागीय नियम के अनुसार यह कार्य एलडब्ल्यूएल (लो वाटर लेवल) के अंदर ही कराया जाना है. यह काम 26 करोड़ 22 लाख रुपये से हो रहा है. विभाग का दावा: घरों के पास का हिस्सा पूरा, बचा है खेतिहर वाले इलाके में विभागीय अधिकारियों का दावा है कि मसाढ़ू में घरों के आसपास का प्रमुख हिस्सा सुरक्षित कर लिया गया है और वहां कटाव निरोधक कार्य पूरा हो चुका है. केवल खेतिहर भूमि वाले इलाके में काम कराया जाना है. उनका कहना है कि फिलहाल कार्य जारी है, लेकिन यदि पानी और बढ़ता है, तो काम रोकना ही पड़ेगा. जलस्तर सामान्य होने के बाद बाकी कार्य पूरा किया जायेगा. कोट गंगा जलस्तर बढ़ने से अभी प्रोजेक्ट के कार्यों पर असर नहीं पड़ा है. जलस्तर में और ज्यादा बढ़ोतरी हो गयी या पानी ऊपर तक आ जायेगा, तो काम रोकना पड़ सकता है. जलापूर्ति योजना के अधीन इंटकवेल के नजदीक अप्रोच चैनल तो बनना मुश्किल हो जायेगा. एसटीपी के अधिकांश कार्य गंगा के ऊपर है. गंगा के किनारे कुछ कार्य है जो लगभग पूरा है. जो बचा हुआ है, उससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. इसका ट्रायल तो शुरू हो गया रहता, बिजली कनेक्शन ही बाधक बना हुआ है. अखिलेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंताबुडको, भागलपुर डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post bhagalpur news. गंगा के जलस्तर में वृद्धि, तीन परियोजनाओं के निर्माण पर लग सकता है ब्रेक appeared first on Naya Vichar.