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July 4, 2025

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Crime News: आपसी विवाद में चचेरे भाई ने खेला खूनी खेल, भाई पर चलायी 4 गोलियां

Crime News | भरनो, दुर्जय पासवान: गुमला से बड़ी समाचार सामने आ रही है, जहां चचेरे भाई ने अपने ही भाई पर गोली चला दी. मामला जिले के भरनो थाना क्षेत्र के बरांदा गांव का है. जानकारी के अनुसार, आपसी दुश्मनी में एक व्यक्ति ने अपने चचेरे भाई को गोली मार दी. हालांकि, पीड़ित की जान बच गयी है. उसे चार गोली लगी है. आपसी दुश्मनी में दिया वारदात को अंजाम बताया गया कि घटना गुरुवार रात करीब 9 बजे की है. बारंदा गांव में आपसी दुश्मनी में 33 वर्षीय हेमंत साहू को उसके चचेरे भाई ने साथियों के साथ मिलकर गोली मार दी. उसे आनन-फानन में भरनो सीएचसी ले जाया गया. यहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में उसे रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया गया. यहां उसका इलाज चल रहा है. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें पुलिस ने 3 आरोपियों को पकड़ा फिलहाल, हेमंत की स्थिति खतरे से बाहर है. इस घटना में पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है. पुलिस पूरे गोली कांड की जांच पड़ताल में जुटी है. घायल हेमंत साहू रांची में रहता है और मेडिकल में एमआर का कार्य करता है. बुधवार को हेमंत अपने गांव आया था. उसका चचेरा भाई भी लोहरदगा में रहता है. लेकिन वह घटना को अंजाम देने के लिए गांव पहुंचा था. वहीं, घटना की सूचना मिलते ही रात में एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव और थानेदार कंचन प्रजापति दलबल के साथ गांव पहुंचे. इसे भी पढ़ें Ranchi News: बिरसा जू में शेर शशांक की मौत, पोस्टमॉर्टम में सामने आये कैंसर के लक्षण Crime News: पलामू में 80 लाख से अधिक की अंग्रेजी शराब जब्त करने से हड़कंप, तस्करी की आशंका रांची में बारिश की रिमझिम फुहारों से भीगी सड़कें, IMD का येलो अलर्ट, जानें आपके जिले में कैसा रहेगा मौसम The post Crime News: आपसी विवाद में चचेरे भाई ने स्पोर्ट्सा खूनी स्पोर्ट्स, भाई पर चलायी 4 गोलियां appeared first on Naya Vichar.

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Unique Baby Names: नन्हे फरिश्तों को दें ये यूनिक और अर्थपूर्ण नाम

Unique Baby Names: शिशु का नाम रखना हर माता-पिता के लिए खास अनुभव होता है. एक सुंदर और अर्थपूर्ण नाम न केवल शिशु की पहचान बनाता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व और भविष्य की झलक भी दिखाता है. हिंदुस्तानीय संस्कृति में हर नाम का एक विशेष अर्थ, भावना और परंपरा से जुड़ा होता है. ऐसे में आज हम लड़कों और लड़कियों के लिए ऐसे यूनिक हिन्दी नामों की लिस्ट लेकर आए है, जो सुंदर और सांस्कृतिक रूप से भरपूर हो. तो चलिए जानते हैं बच्चों के यूनिक नामों के बारे में.  लड़कियों के लिए यूनिक हिन्दी नाम (Girls Baby Names With Meaning) चरिता (Charita) – जिसका अच्छा चरित्र और नेक कार्य हो. लावण्या (Lavanya) – इस नाम का मतलब सुंदरता और आकर्षण होता है.  त्वेषा (Tvesa) – जो चमकदार, तेजस्वी से पूर्ण हो. प्रीषा (Prisha) – इस नाम का अर्थ प्रिय और ईश्वर का वरदान होता है. नायरा (Nayra) – रोशनी और आदर्श से भरा हुआ प्यार नाम.  तन्विका (Tanvika) – इस नाम का मतलब दिव्य, छोटी और सुंदर होता है. वृतिक (Vritika) – प्रकृति से जुड़ा हुआ प्यार नाम.  ईशान्वी (Eshanvi) – देवी पार्वती से जुड़ा प्यारा नाम. किमाया (Kimaya) – जो बहुत चमत्कार और दिव्यता हो.  यह भी पढ़ें- Hindu Baby Names: नन्हें राजकुमार और राजकुमारी के लिए धर्म से प्रेरित नामों की लिस्ट  यह भी पढ़ें- Baby Names: दो अक्षर के स्टाइलिश बेबी नेम्स, अपने शिशु के लिए जरूर चुनें लड़कों के लिए यूनिक हिन्दी नाम (Boys Baby Names With Meaning) आरित (Aarit) – इस नाम का अर्थ धर्म का पालन करने वाला और नैतिक व्यक्ति होता है.  हृदय (Hriday) – इस नाम का मतलब दिल, भावना होता है. दिव्यांश (Divyansh) – दिव्यता का अंश, देव का अंश. प्रयान (Prayan) – आगे बढ़ना, यात्रा की शुरुआत. लक्षित (Lakshit) – जो लक्ष्य की ओर केंद्रित हो.  तविष (Tavish) – ऊर्जा, शक्ति, वीरता का प्रतीक. युवन (Yuvan) – युवा, शक्ति और सुंदरता का प्रतीक. ईश्विक (Ishvik) – ईश्वर का उपहार. रिद्धविक (Ridhvik) – ज्ञान देने वाला या गुरु का स्वरूप. सर्वज्ञ (Sarvagya) – जो सब कुछ जानने वाला और ज्ञानी हो.  यह भी पढ़ें- Baby Names: बिटिया रानी के लिए रखें ऐसा नाम जो सबका दिल जीत ले यह भी पढ़ें- नाम में हो प्यार और पहचान– जुड़वां बच्चों के लिए सबसे सुंदर नामों की लिस्ट The post Unique Baby Names: नन्हे फरिश्तों को दें ये यूनिक और अर्थपूर्ण नाम appeared first on Naya Vichar.

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इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने तोड़ा पाकिस्तान का रिकॉर्ड, लेकिन इस मामले में हो गई बड़ी टेंशन

India Broke Pakistan Record vs England in Bazball Era: इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में स्पोर्ट्से गए पहले टेस्ट में मिली हार के बाद टीम इंडिया ने दूसरे टेस्ट में जोरदार पलटवार किया. एजबेस्टन टेस्ट के पहले दो दिन में हिंदुस्तान ने इंग्लैंड को दबाव में ला दिया. कप्तान शुभमन गिल की ऐतिहासिक 269 रनों की पारी की बदौलत हिंदुस्तान ने पहली पारी में 587 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया और टेस्ट में मजबूत पकड़ बनाई. इस स्कोर के साथ हिंदुस्तान ने पाकिस्तान को पछाड़ दिया है. लेकिन आंकड़ों की मानें तो इतना बड़ा स्कोर भी हिंदुस्तान की जीत की गारंटी नहीं है बल्कि इंग्लैंड ही यह मैच जीत सकता है.  2022 में इंग्लैंड ने ब्रैंडन मैकुलम को अपना कोच नियुक्त किया. उसके बाद से इंग्लिश टीम ने बल्लेबाजी को लेकर नई शैली का विकास किया है, जिसे बैजबॉल का नाम दिया गया. आपको बता दें कि बैज मैकुलम का निकनेम है. उनके आने के बाद इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में किसी मैच को ड्रॉ कराने की बजाय, जीतने के लिए स्पोर्ट्सती है और आक्रामक ढंग से बल्लेबाजी करती है. अब बात करते हैं कि हिंदुस्तान ने पाकिस्तान को कहां पीछे किया. दरअसल जून 2022 से लेकर अब तक इंग्लैंड के खिलाफ सबसे बड़े टेस्ट स्कोर बनाने वाली टीमों में हिंदुस्तान सबसे ऊपर आ गया है. हिंदुस्तान के 587 रनों के बाद पाकिस्तान का 579 और 556 रनों का रिकॉर्ड क्रमशः रावलपिंडी और मुल्तान में रहा है. वहीं न्यूजीलैंड ने भी 2022 में नॉटिंघम में 553 और 2023 में वेलिंग्टन में 483 रन बनाए थे.  जीत की गारंटी नहीं 587 रन! अब बात करते हैं कि हिंदुस्तान के लिए जीत क्यों मुश्किल है. दरअसल पिछले कुछ वर्षों में इंग्लैंड के खिलाफ किसी भी टीम द्वारा बनाए गए बड़े स्कोरों की एक दिलचस्प तस्वीर सामने आती है. 2022 के बाद से यह चौथा मौका है जब किसी विपक्षी टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 550 से ज्यादा रन बनाए हैं. इससे पहले पाकिस्तान (579 रन, रावलपिंडी), न्यूजीलैंड (553 रन, नॉटिंघम) और फिर पाकिस्तान (556 रन, मुल्तान) ने भी ऐसे ही स्कोर खड़े किए थे, लेकिन तीनों ही बार जीत इंग्लैंड की हुई. इन आंकड़ों से साफ है कि इंग्लैंड बड़े स्कोर के बावजूद मैच निकालने का माद्दा रखता है. The highest total against England in the Bazball era! However, England won the three previous times they conceded a 500+ total 👀 pic.twitter.com/WvgyYK6gLK — ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) July 3, 2025 हिंदुस्तानीय गेंदबाजों ने भी किया पलटवार ऐसे में हिंदुस्तान की 587 रनों की पहली पारी उतनी सुकूनदायक नहीं कही जा सकती. हां, यह जरूर कहा जा सकता है कि गेंदबाजों ने शुरुआती झटकों से हिंदुस्तान की उम्मीदें बरकरार रखी हैं. दूसरे दिन का स्पोर्ट्स खत्म होने तक इंग्लैंड की टीम सिर्फ 77 रन पर अपने 3 अहम विकेट गंवा चुकी थी. आकाश दीप ने बेन डकेट और ऑली पोप को लगातार गेंदों पर आउट किया, वहीं मोहम्मद सिराज ने जैक क्रॉली को चलता किया. अब तीसरे दिन हिंदुस्तान के पास इतिहास को बदलने का सुनहरा मौका है. अगर हिंदुस्तानीय गेंदबाज दबाव बनाए रख सके और इंग्लैंड को फॉलोऑन के करीब ले जा सके, तो एजबेस्टन में पहली टेस्ट जीत की कहानी लिखी जा सकती है. लेकिन इंग्लैंड की हालिया रेकॉर्ड को देखते हुए टीम इंडिया को किसी भी हाल में ढील नहीं देनी होगी. इंग्लैंड में इंडियन बैट्समैन, डबल सेंचुरी और गजब संयोग, गिल ने पूरा किया द्रविड़ और गावस्कर का चक्र सर जडेजा ने तोड़ दी BCCI की गाइडलाइन, लेकिन खुश है बोर्ड; सजा तो दूर की बात, जानें ऐसा क्या कर दिया आम नहीं कैप्टन गिल का दोहरा शतक, इन 12 रिकॉर्ड्स को तोड़कर प्रिंस ने साबित की काबिलियत, देखें एक नजर The post इंग्लैंड के खिलाफ हिंदुस्तान ने तोड़ा पाकिस्तान का रिकॉर्ड, लेकिन इस मामले में हो गई बड़ी टेंशन appeared first on Naya Vichar.

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अब नहीं कटेगा वेतन, कर्मचारियों के हित में सरकार का बड़ा फैसला, ‘आउटसोर्स सेवा निगम’ को मंजूरी

UP News: उत्तर प्रदेश के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर योगी प्रशासन ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. अब प्रदेश में कार्यरत इन कर्मचारियों को हर महीने की 5 तारीख तक वेतन दिया जाएगा, जो कि सीधे बैंक अकाउंट में दिया जाएगा. इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए राज्य प्रशासन ने ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (UPCOS) के गठन को मंजूरी दे दी है. इस वजह से उठाया गया कदम सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में प्रस्तावित निगम की संरचना, कार्यप्रणाली और इसके लक्ष्य को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अब तक एजेंसियों के जरिए हो रही नियुक्तियों में वेतन कटौती और श्रमिक अधिकारों की अनदेखी की शिकायतें आती थीं, जिसे खत्म करने के लिए यह ठोस कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री योगी के मुख्य निर्देश निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाएगा. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स तथा एक महानिदेशक की नियुक्ति होगी. मंडल और जिला स्तर पर निगरानी समितियां गठित की जाएंगी. जेम पोर्टल के माध्यम से कम से कम तीन वर्षों के लिए एजेंसियों का चयन किया जाएगा. वर्तमान कर्मचारियों की सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए अनुभव आधारित वेटेज मिलेगा. कर्मचारियों को सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कर्मचारियों को हर महीने समय पर वेतन के साथ-साथ ईपीएफ और ईएसआई की जमा व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा कर्मचारियों को बैंकिंग और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े सभी लाभ बिना किसी परेशानी के मिलेंगे. आरक्षण का होगा सख्ती से पालन निगम के अंतर्गत होने वाली नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, स्त्रीओं, दिव्यांगों और पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. साथ ही निराश्रित, तलाकशुदा और परित्यक्ता स्त्रीओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी. नियमित पदों पर आउटसोर्स नियुक्तियों पर रोक लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं. The post अब नहीं कटेगा वेतन, कर्मचारियों के हित में प्रशासन का बड़ा फैसला, ‘आउटसोर्स सेवा निगम’ को मंजूरी appeared first on Naya Vichar.

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Dimple Yadav Education: राजनीति की चकाचौंध से पहले कैसी थी डिंपल यादव की पढ़ाई? जानें पूरी एजुकेशन डिटेल

Dimple Yadav Education: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का गहरा रिश्ता उत्तराखंड की मिट्टी से भी है. बहुत कम लोग जानते हैं कि डिंपल एक फौजी परिवार से ताल्लुक रखती हैं और मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के एक गांव से आती हैं. उनका जन्म 1978 में पुणे (महाराष्ट्र) में हुआ था. उनके पिता सेवानिवृत्त कर्नल आर.एस. रावत हिंदुस्तानीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं, जबकि उनकी मां का नाम चंपा रावत है. उनका पारिवारिक संबंध काशीपुर से भी बताया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे डिंपल यादव की पढ़ाई, उनके स्कूल-काॅलेज और डिग्रीयों के बारे में. डिंपल यादव की शिक्षा कहां हुई? डिंपल यादव की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ में हुई. उन्होंने आर्मी स्कूल, लखनऊ से 1993 में हाई स्कूल और 1995 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से 1998 में बी.कॉम की डिग्री प्राप्त की. उनका शैक्षणिक सफर भले ही सादा रहा हो, लेकिन डिंपल ने हमेशा पढ़ाई को प्राथमिकता दी और अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहीं. नेतृत्व में कैसे आईं डिंपल यादव? डिंपल यादव की नेतृत्व में एंट्री 2009 के फिरोजाबाद उपचुनाव से हुई. उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के राज बब्बर से हार गईं. हार के बावजूद उन्होंने नेतृत्व से दूरी नहीं बनाई. 2012 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा दिया, जिसके उपचुनाव में डिंपल यादव को टिकट मिला और उन्होंने निर्विरोध जीत हासिल की. यह जीत डिंपल के नेतृत्वक करियर का अहम मोड़ साबित हुई. Also Read: 1 या 2 नहीं 4 बार UPSC क्लियर, दिव्यांगता को हराकर बनीं IAS, आंखें नम कर देगी ये सक्सेस जर्नी Also Read: Success Story: JEE में हार नहीं मानी, ड्रॉप ईयर में प्लानिंग बदली, और बन गए IITian! The post Dimple Yadav Education: नेतृत्व की चकाचौंध से पहले कैसी थी डिंपल यादव की पढ़ाई? जानें पूरी एजुकेशन डिटेल appeared first on Naya Vichar.

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PM Modi Trinidad & Tobago Visit : पीएम मोदी को खास पत्ते पर परोसा गया खाना, देखें तस्वीर

PM Modi Trinidad & Tobago Visit : प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में पीएम मोदी नजर आए. इसकी तस्वीर खुद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर की. तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा– सोहारी पत्ते पर भोजन परोसा गया. इसका त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों, खासकर हिंदुस्तानीय मूल के लोगों के लिए बहुत सांस्कृतिक महत्व है. यहां, त्यौहारों और अन्य विशेष कार्यक्रमों के दौरान अक्सर इस पत्ते पर भोजन परोसा जाता है. पीएम मोदी ने जो तस्वीर शेयर की है उसे आप भी देखें. The dinner hosted by Prime Minister Kamla Persad-Bissessar had food served on a Sohari leaf, which is of great cultural significance to the people of Trinidad & Tobago, especially those with Indian roots. Here, food is often served on this leaf during festivals and other special… pic.twitter.com/KX74HL44qi — Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2025 करीब 40% आबादी हिंदुस्तानीय मूल प्रधानमंत्री मोदी की यह ऐतिहासिक यात्रा हिंदुस्तान और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए हो रही है. यह दौरा इसलिए खास है क्योंकि इस साल हिंदुस्तानीय मजदूरों के वहां पहुंचने की 180वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. त्रिनिदाद एंड टोबैगो की करीब 40% आबादी हिंदुस्तानीय मूल की है, जिनके पूर्वज 19वीं सदी में वहां आए थे. डिनर के टेबल पर पीएम मोदी यह भी पढ़ें : Ramayan : 180 साल बितल हो…मन न भूलल हो…भजन राम के, त्रिनिदाद और टोबैगो में भोजपुरी में बोले पीएम मोदी पीएम मोदी पांच देशों की यात्रा के तहत त्रिनिदाद एवं टोबैगो आए हैं. वह द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए त्रिनिदाद एवं टोबैगो के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे. The post PM Modi Trinidad & Tobago Visit : पीएम मोदी को खास पत्ते पर परोसा गया खाना, देखें तस्वीर appeared first on Naya Vichar.

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Sprouts Recipe: रोज की सब्जियों से हटकर, ट्राई करें स्प्राउट्स से ये मजेदार रेसिपी

 Sprouts Recipe: अगर आप भी रोज एक जैसी सब्जियों को खाकर बोर हो गए हैं और कुछ हेल्दी और टेस्टी खाना चाहते हैं तो आप स्प्राउट्स करी या स्प्राउट्स से बनी सब्जी को ट्राई कर सकते हैं. स्प्राउट्स से आपने कई चीजों को ट्राई किया होगा. पोषक तत्व से भरपूर स्प्राउट्स सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इस से बनी सब्जी खाने में काफी टेस्टी है. तो आइए जानते हैं इसे बनाने की आसान विधि.  स्प्राउट्स की सब्जी बनाने के लिए सामग्री  मूंग अंकुरित- एक कप  प्याज- एक बारीक कटा हुआ  टमाटर- एक  जीरा- एक छोटा चम्मच  अदरक लहसुन का पेस्ट- एक बड़ा चम्मच  हींग- चुटकीभर  लाल मिर्च पाउडर- आधा चम्मच   धनिया पाउडर- एक छोटा चम्मच  जीरा पाउडर- आधा छोटा चम्मच  गरम मसाला- आधा छोटा चम्मच   तेल  धनिया पत्ता  हल्दी पाउडर- आधा छोटा चम्मच   नमक- स्वादानुसार   यह भी पढ़ें- Besan Methi Chilla: बच्चों और बड़ों के लिए हेल्दी स्नैक, ट्राई करें मेथी चीला स्प्राउट की सब्जी बनाने की विधि ( Sprouts Recipe) मूंग स्प्राउट की सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले आप हरी मूंग को धो कर साफ कर लें. अब इसे पानी में भिगो दें. इनको आपको अंकुरित करना है. अंकुरित दाल से सब्जी को बनाएं. अब आप एक कड़ाही को गर्म करें और इसमें आप तेल को डालें. जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें आप जीरा और हींग को डालें. अब इसमें आप प्याज को डालकर फ्राई करें. प्याज फ्राई हो जाने के बाद इसमें अदरक लहसुन का पेस्ट को डाल कर भुने.  अब इसमें टमाटर को भी डालकर पकाएं. अब आप इसमें धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर को डालकर पकाएं. अब इसमें अंकुरित मूंग को डालें. इसे अच्छे से मिक्स करें. अब आप इसमें पानी डालें और नमक को भी मिक्स कर दें. अब इसमें गरम मसाला को मिक्स कर दें. इसे ढककर पकाएं जब तक दाल सॉफ्ट न हो जाए. अब इसके ऊपर आप बारीक कटा हुआ धनिया पत्ता को डाल दें. आप इसको कुकर में भी पका सकते हैं. यह भी पढ़ें- Chilla Recipe: सुबह के नाश्ते की परफेक्ट शुरुआत, तैयार करें हेल्दी मिक्सड दाल चीला यह भी पढ़ें- Sprouts Dosa Recipe: सुबह नाश्ते में अंकुरित मूंग से बनाएं टेस्टी डोसा, टिफिन के लिए परफेक्ट The post Sprouts Recipe: रोज की सब्जियों से हटकर, ट्राई करें स्प्राउट्स से ये मजेदार रेसिपी appeared first on Naya Vichar.

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बिहार के कॉलेजों में अब पढ़ाई होगी दुरुस्त, यूनिवर्सिटी में सुधार के लिए राजभवन ने बनायी हाईलेवल कमेटी

Bihar: पटना. बिहार के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई, दाखिला, रिजल्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्याओं को लेकर छात्रों की शिकायतें अब जल्द खत्म हो सकती हैं. राजभवन ने इन समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. राज्यपाल-सह-कुलाधिपति के निर्देश पर एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बनाई गई है, जो 15 दिनों के भीतर बिहार प्रशासन के शिक्षा विभाग को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी. इन लोगों को सौंपी गई कमान इस हाईलेवल कमेटी में तीन बड़े नाम शामिल हैं- जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेंद्र कुमार बाजपेई, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह और पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह. यह कमेटी न सिर्फ ‘समर्थ’ पोर्टल की समस्याओं पर काम करेगी, बल्कि कॉलेजों में पढ़ाई, बजट और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी तमाम समस्याओं पर भी विचार करेगी. खत्म होंगी पोर्टल की खामियां बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्रों और कर्मचारियों की समस्याओं को दर्ज करने के लिए ‘समर्थ’ पोर्टल शुरू किया गया था, लेकिन इस पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के कारण समस्याओं का समाधान पूरी तरह से नहीं हो पा रहा. अब इस कमेटी को पोर्टल की खामियों को दूर करने और इसे और प्रभावी बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि पोर्टल के जरिए शिकायतों का तेजी से और पारदर्शी तरीके से निपटारा हो. सभी कुलपतियों से मांगे गए सुझाव राजभवन की अधिसूचना में साफ कहा गया है कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति इस कमेटी को अपने सुझाव दे सकते हैं. इतना ही नहीं, अन्य कुलपति भी कमेटी की बैठकों में शामिल हो सकते हैं. सभी सुझावों की गहन समीक्षा के बाद कमेटी अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगी, जो शिक्षा विभाग को सौंपी जाएगी. इस पहल से बिहार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई की गुणवत्ता और बुनियादी सुविधाओं में सुधार की उम्मीद जगी है. छात्रों की शिकायतों का तेजी से समाधान और बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है. Also Read: छठ के बाद बिहार में विधानसभा चुनाव के आसार, 22 साल बाद आयोग जांच रहा वोटर लिस्ट The post बिहार के कॉलेजों में अब पढ़ाई होगी दुरुस्त, यूनिवर्सिटी में सुधार के लिए राजभवन ने बनायी हाईलेवल कमेटी appeared first on Naya Vichar.

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4 बार झेला रिजेक्शन, 5वीं बार UPSC फतह कर बनीं Topper, अब संभाल रहीं CEO की कुर्सी

Success Story of UPSC IAS 2025 in Hindi: UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पास करना सिर्फ पढ़ाई का स्पोर्ट्स नहीं होता, इसके पीछे होता है जिद, मेहनत और कभी हार न मानने का जज्बा. IAS रुचि बिंदल (IAS Ruchi Bindal) की सफलता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. उन्होंने 2019 में UPSC परीक्षा में 39वीं रैंक हासिल की और अब वह एक IAS अधिकारी और CEO हैं. उनकी यह यात्रा हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो यूपीएससी के सपने देख रहा है. दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया से की पढ़ाई (Success Story) रुचि बिंदल की शुरुआती पढ़ाई अजमेर के Sophia Senior Secondary School से हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज (LSR) से इकोनॉमिक्स और साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया. पोस्ट ग्रेजुएशन उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से Conflict Analysis and Peace Building में किया. UPSC Success Story: यूपीएससी में मिली बड़ी सफलता रुचि ने अपने पांचवें प्रयास में UPSC परीक्षा पास की. पहले तीन प्रयासों में वह प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं, चौथे में मेंस क्लियर हुआ लेकिन इंटरव्यू में चयन नहीं हो सका. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. पांचवें अटेम्प्ट में रणनीति बदली और IAS बनने का सपना पूरा किया. IAS Ruchi Bindal: कैसे साकार किया सपना? रुचि का परिवार बेहद साधारण है. उनके पिता बिजनेसमैन और माता हाउसमेकर हैं. एक सामान्य परिवार से निकलकर उन्होंने UPSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में टॉप रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है. IAS Ruchi Bindal की पोस्टिंग (Success Story in Hindi) IAS बनने के बाद रुचि की पहली पोस्टिंग गुजरात के विरमगाम में Taluka Development Officer के तौर पर हुई. फिर उन्होंने अहमदाबाद में Assistant Collector की जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद उनका कैडर कर्नाटक में बदल गया और फिलहाल वह कर्नाटक के हावेरी जिले की CEO (Chief Executive Officer) के पद पर कार्यरत हैं. यह भी पढ़ें- Success Story: पिता का साथ न मां का हाथ, फिर भी नहीं मानी हार, IIT के सफर के बाद मिली सफलता तो छलके आंसू यह भी पढ़ें- Success Story: 1 या 2 नहीं 4 बार UPSC क्लियर, दिव्यांगता को हराकर बनीं IAS, रुला देगी सक्सेस जर्नी The post 4 बार झेला रिजेक्शन, 5वीं बार UPSC फतह कर बनीं Topper, अब संभाल रहीं CEO की कुर्सी appeared first on Naya Vichar.

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PM Modi Trinidad-Tobago Visit : कितने भारतीय रहते हैं त्रिनिदाद और टोबैगो में? जानकर चौंक जाएंगे आप भी

PM Modi Trinidad-Tobago Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो में हिंदुस्तानीय समुदाय की यात्रा को साहस से भरी बताया और कहा कि उनके पूर्वजों ने ऐसे कष्ट सहे, जो सबसे मजबूत लोगों को भी तोड़ सकते थे. उन्होंने यह बात कोउवा के नेशनल साइक्लिंग वेलोड्रोम में एक सामुदायिक कार्यक्रम में कही. मोदी दो दिवसीय यात्रा पर वहां पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की यात्रा के तहत त्रिनिदाद और टोबैगो के दौरे पर हैं. यह 1999 के बाद किसी हिंदुस्तानीय प्रधानमंत्री की इस देश की पहली यात्रा है. करीब 40% आबादी हिंदुस्तानीय मूल प्रधानमंत्री मोदी की यह ऐतिहासिक यात्रा हिंदुस्तान और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए हो रही है. यह दौरा खास इसलिए है क्योंकि इस साल वहां हिंदुस्तानीय मजदूरों के पहली बार पहुंचने की 180वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. त्रिनिदाद एंड टोबैगो की करीब 40% आबादी हिंदुस्तानीय मूल की है, जिनके पूर्वज 19वीं सदी में वहां आए थे. कोलंबस ने इस द्वीप का नाम ‘त्रिनिदाद’ क्यों रखा त्रिनिदाद एक कैरिबियाई देश है, जो कैरिबियन सागर के द्वीपों में स्थित है. कैरिबियाई देशों को सामूहिक रूप से ‘वेस्ट इंडीज’ कहा जाता है. हिंदुस्तान से त्रिनिदाद की दूरी लगभग 13,822 किलोमीटर है. इस द्वीप की खोज प्रसिद्ध खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस ने 1498 में अपने तीसरे समुद्री अभियान के दौरान की थी. कोलंबस ने इसका नाम ‘त्रिनिदाद’ रखा, जो ईसाई धर्म के प्रतीक ‘ट्रिनिटी’ यानी ‘त्रिमूर्ति’ से प्रेरित था. उन्होंने यह नाम तीन पहाड़ियों को देखकर रखा, जो उन्हें ईसाई त्रिमूर्ति की याद दिलाती थीं। यह द्वीप ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. गिरमिटिया का जिक्र पीएम मोदी ने किया हिंदुस्तानीय मूल की प्रतिष्ठित हस्तियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गिरमिटिया के वंशज अब संघर्ष से नहीं, बल्कि अपनी ‘‘सफलता, सेवा और मूल्यों’’ से पहचाने जाते हैं. गिरमिटिया ब्रिटिश शासन के दौरान हिंदुस्तान से लाए गए बंधुआ मजदूर थे, जिन्हें फिजी, दक्षिण अफ्रीका, पूर्वी अफ्रीका (विशेष रूप से मॉरीशस, सेशेल्स, तंजानिया, केन्या और युगांडा), मलेशिया, सिंगापुर और कैरेबियाई देशों के बागानों में काम करने के लिए लाया गया था. मोदी ने कहा कि दुनिया भर में गिरमिटिया समुदाय का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने के लिए काम जारी है. The post PM Modi Trinidad-Tobago Visit : कितने हिंदुस्तानीय रहते हैं त्रिनिदाद और टोबैगो में? जानकर चौंक जाएंगे आप भी appeared first on Naya Vichar.

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