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July 4, 2025

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स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

नगर प्रतिनिधि, पाकुड़. स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को हिंदुस्तानीय जनता युवा मोर्चा की ओर से श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का नेतृत्व युवा मोर्चा के जीतू सिंह ने किया. इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने नगर स्थित विवेकानंद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया. उन्होंने कहा कि विवेकानंद का मूलमंत्र था- एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ. कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हिंदुस्तान में राष्ट्रवाद को अध्यात्म से जोड़कर नई चेतना का संचार किया. उन्होंने जातिवाद, मानवतावाद, धर्मनिरपेक्षता और शिक्षा पर जो विचार प्रस्तुत किए, वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं. उनके भाषणों में गीता, उपनिषद, बुद्ध और ईसा मसीह के उपदेशों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखता है. कार्यक्रम में जिला महामंत्री रूपेश भगत, जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी, स्त्री मोर्चा जिलाध्यक्ष शबरी पाल, नगर अध्यक्ष सोहन मंडल, पवन भगत, आलोक मंडल समेत अन्य मौजूद थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News : हैवी ब्लास्टिंग को ले जोड़ापोखर थाना में त्रिपक्षीय वार्ता

Dhanbad News : मोदीभीठी बस्ती के ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर शुक्रवार को झरिया सीओ मनोज कुमार ने जोड़ापोखर थाना में त्रिपक्षीय वार्ता की. वार्ता में एकीकृत जयरामपुर कोलियरी के पीओ एके पांडेय, प्रबंधक शांतनु शील, थाना प्रभारी राजेश प्रकाश सिन्हा व बस्ती के पांच दर्जन रैयत शामिल थे. इस दौरान जेएलकेएम के नगर अध्यक्ष शक्तिनाथ महतो, सुरेश चक्रवर्ती, वीणा देवी व पार्वती देवी ने सीओ से कहा कि बस्ती के बगल में आउटसोर्सिंग परियोजना चल रही है. उसमें हैवी ब्लास्टिंग पर रोक लगायी जाये. ब्लास्टिंग से क्षतिग्रस्त आवासों की मरम्मत हो और रैयतों को आरआर पॉलिसी के तहत जमीन के बदले नियोजन व मुआवजा दिया जाये. प्रशासन की पुनर्वास नीति के तहत सुविधा देकर लोगों को पुनर्वासित करने व विस्थापित बेरोजगारों को परियोजना एवं मैनुअल लोडिंग में रोजगार देने की मांग की. सीओ ने प्रबंधन को रैयतों की जमीन संबंधी कागजात को लेकर पुनः वार्ता करने का निर्देश दिया. वार्ता में सुरेश चक्रवर्ती, नेपाल भट्टाचार्य, मुकेश महतो, मनौती कुमारी, रामप्रसाद सिंह, सरिता कुमारी, भानु देवी, ममता देवी, ज्योत्सना देवी, दिलीप सिंह, बिजोला देवी आदि थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News : हैवी ब्लास्टिंग को ले जोड़ापोखर थाना में त्रिपक्षीय वार्ता appeared first on Naya Vichar.

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मुकेश हत्याकांड : प्रेमी के साथ मिलकर करायी थी पति की हत्या

पत्नी के बाद प्रेमी कमलेश यादव भी गिरफ्तार 21 जून की सुबह झिकटिया गांव के समीप बरामद हुआ था मुकेश का शव गोह. बंदेया थाना की पुलिस ने विक्कु कुमार उर्फ मुकेश कुमार की हत्या की गुत्थी सुलझा दी है. मुकेश की हत्या के पीछे पत्नी का प्रेम प्रसंग कारण बना है. पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्याकांड का अंजाम दिया. वैसे पुलिस ने पत्नी पूजा देवी के बाद मुख्य अभियुक्त रफीगंज थाना क्षेत्र के कर्मा मसूद गांव निवासी कमलेश यादव को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिसिया पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने अपनी संलिपत्ता स्वीकार की है. ज्ञात हो कि 21 जून की सुबह बंदेया थाना क्षेत्र के झिकटिया गांव के समीप पुलिस ने मुकेश का शव बरामद किया था. उस वक्त मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था. पुलिस दुर्घटना व हत्या मानकर मामले की छानबीन कर रही थी. इस क्रम में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करायी गयी. पोस्टमार्टम में स्पष्ट हुआ कि उसके साथ मारपीट की गयी थी. इसके बाद हत्या मान पुलिस की जांच आगे बढ़ गयी. एसपी अंबरीश राहुल ने एसडीपीओ दाउदनगर के नेतृत्व में एक एसआइटी का गठन किया. इधर, मृतक की मां सबिता कुंवर के बयान पर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ कांड संख्या 65/25 के रूप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी वैसे-वैसे चौकाने वाले खुलासे होने लगे. मृतक की पत्नी पूजा देवी हत्या में संलिप्त पायी गयी. इसके बाद पुलिस ने उसे 25 जून को गिरफ्तार कर लिया. इधर एसडीपीओ कुमार ऋषिराज ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि पत्नी पूजा ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की. पत्नी को पहले ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इधर, अप्राथमिकी अभियुक्त कमलेश यादव को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. जिसके सहयोग से पत्नी ने पति की हत्या की उस अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. इस कार्रवाई में थानाध्यक्ष सूरज कुमार, मोहित कुमार और सशस्त्र बल की अहम भूमिका रही. वाहन से कुचलकर पति को उतारा मौत के घाट मुकेश की मौत के पीछे पूजा का प्रेमी के साथ अगाढ़ प्रेम कारण बना. पूजा का रफीगंज थाना क्षेत्र के कर्मा मसूद गांव निवासी कमलेश यादव के साथ लंबे समय से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. बिक्कू उनके रिश्ते में बाधा बन रहा था. उसे रास्ते से हटाने के लिए दोनों ने साजिश रची. थानाध्यक्ष सुरज कुमार ने बताया कि पूजा बीमारी का बहाना बनाकर पति को इलाज के लिए गया जिले के डोभी बाइपास स्थित एक निजी अस्पताल ले गयी. वहां उसका प्रेमी कमलेश पहले से मौजूद था. इसके बाद तीनों स्कॉर्पियो गाड़ी से रफीगंज के चंदौती गांव गये, जहां पूजा ने एक निजी क्लिनिक में दिखाने का नाटक किया. सिहुली होते हुए वे झिकटिया गांव के सुनसान नहर क्षेत्र में पहुंचे. वहां कमलेश ने बिक्कू को गाड़ी का चक्का देखने के बहाने उतारा और स्कॉर्पियो से कुचलकर उसकी हत्या कर दी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post मुकेश हत्याकांड : प्रेमी के साथ मिलकर करायी थी पति की हत्या appeared first on Naya Vichar.

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hajipur news. मानव के स्वास्थ्य के लिए पौधारोपण अति आवश्यक : प्राचार्य

राजापाकर. राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का आयोजन बीएमडी महाविद्यालय में शुक्रवार को किया गया. कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो रविरंजन कुमार के नेतृत्व में महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ श्याम रंजन प्रसाद सिंह ने कहा कि मानव के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पौधारोपण सर्वोत्तम कार्य है. मानव अपनी जरूरत की वस्तु पौधे से ही प्राप्त करते हैं. पृथ्वी के वातावरण को संतुलित रखने में पौधा काफी उपयोगी होता है. मां के नाम से पेड़ लगाना मां की सबसे बड़ी सेवा है. अधिक से अधिक पौधा लगाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पौधा का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है. बताया गया कि घर में कोई शुभ काम हो उस अवसर पर भी एक पौधा लगाए, जो हमेशा के लिए एक यादगार के रूप में रहेगा. कार्यक्रम में डॉ रवि चंद्रन, डॉ जया चौधरी, डॉ पूजा कुमारी, डॉ अभिरंजन, डॉ अखिलेश कुमार सिंह, डॉ श्वेता राय, डॉ सौरव कुमार, डॉ कुमार संजीव रंजन सहित छात्र-छात्रा उपस्थित थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post hajipur news. मानव के स्वास्थ्य के लिए पौधारोपण अति आवश्यक : प्राचार्य appeared first on Naya Vichar.

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जेडी वीमेंस कॉलेज में म्यूचुअल फंड्स पर सेमिनार का आयोजन

संवाददाता, पटना जेडी वीमेंस कॉलेज के विज्ञान सभागार में कॉलेज के एनएसएस विंग की ओर से म्यूचुअल फंड्स विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. यह सेमिनार कोलकाता की एक कंपनी की ओर से आयोजित किया गया था. इसमें मुख्य वक्ता क्षमा बनर्जी ने म्यूचुअल फंड्स के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने शिक्षकों और छात्राओं को विस्तार से समझाया कि म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना क्यों अत्यंत आवश्यक है. कार्यक्रम की शुरुआत एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ हिना रानी और डॉ मंजरी नाथ ने की. कंपनी के प्रतिनिधियों ने कॉलेज की प्राचार्या प्रो मीरा कुमारी का स्वागत किया. प्राचार्या प्रो मीरा कुमारी ने म्यूचुअल फंड्स के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आजकल के परिवेश में सभी को फंड्स मैनेज करना आना चाहिए. मनमोहन कुमार और स्वपन कुमार ने भी विभिन्न प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के महत्व के बारे में बताया. इस दौरान छात्राओं के प्लेसमेंट पर भी चर्चा की गयी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post जेडी वीमेंस कॉलेज में म्यूचुअल फंड्स पर सेमिनार का आयोजन appeared first on Naya Vichar.

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सहकारिता मंत्री का किया गया स्वागत

खिजरसराय. व्यापार मंडल अध्यक्ष अंकित कुमार उर्फ पेड़ा सिंह के द्वारा सहकारिता मंत्री का स्वागत निजी आवास पर किया गया. इस दौरान सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार का स्वागत माल्यार्पण कर किया गया. पैक्स अध्यक्षों ने अपनी समस्या सहकारिता मंत्री के समक्ष रखी. जमुआमा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने पैक्स अध्यक्षों को भी हथियार का लाइसेंस मिले. इसकी मांग रखी. इस मौके पर सभी पैक्स अध्यक्ष उपस्थित थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post सहकारिता मंत्री का किया गया स्वागत appeared first on Naya Vichar.

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मुहर्रम जुलूस के दौरान 229 स्थानों पर तैनात रहेंगे स्टैटिक मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी

भभुआ अनुमंडल व मोहनिया अनुमंडल को 3 जोन में बांट कर जोनल दंडाधिकारी तैनात सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने पर होगी कठोर कार्रवाई संवेदनशील क्षेत्रों में पेट्रोलिंग, फ्लैग मार्च, वॉच टॉवर व सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की है व्यवस्था डीएम एसपी ने जारी किया संयुक्त आदेश भभुआ नगर. 6 जुलाई को मनाये जाने वाले मुहर्रम पर्व पर शांति, सौहार्द्र एवं विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला पदाधिकारी सुनील कुमार और पुलिस अधीक्षक हरिमोहन शुक्ला ने संयुक्त आदेश जारी किया है. आदेश में कहा है कि मुहर्रम जुलूस के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिले के 229 स्थानों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी तैनात किये गये हैं. आदेश में कहा गया है कि भभुआ अनुमंडल और मोहनिया अनुमंडल को 3 जोन में बांटा गया है. सभी जोन में वरीय अधिकारियों के साथ जोनल पदाधिकारी की तैनाती की गयी है. साथ ही जिला प्रशासन मुहर्रम जुलूस के दौरान तीसरी आंख से भी निगरानी करेगी. यदि कोई भी व्यक्ति भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर डालता है, तो तत्काल कार्रवाई की जायेगी. जुलूस के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में पेट्रोलिंग, फ्लैग मार्च, वॉच टॉवर और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था की गयी है. साथ ही सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल गठित कर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जायेगी. आवश्यकतानुसार साइबर अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जायेगी. वहीं कानून व्यवस्था के तत्काल निराकरण के लिए स्पेशल फोर्स का गठन किया गया है. तत्काल सूचना मिलने पर मौके पर पहुंच कर विधि व्यवस्था का संचालन करने के लिए स्पेशल टीम में पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी की तैनाती की गयी है. 24 घंटे सक्रिय रहेगा नियंत्रण कक्ष मुहर्रम पर्व के दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए भभुआ समाहरणालय परिसर में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे कार्यरत रहेगा. कोई भी व्यक्ति नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 06189–222080 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकता है. पुलिस जवान व दंडाधिकारी नियमित करेंगे फ्लैग मार्च जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के जारी संयुक्त आदेश में कहा गया है कि 5 जुलाई के दोपहर 12:00 बजे से ही सभी अधिकारी अपने ड्यूटी पर तैनात रहेंगे. प्रमुख जुलूस मार्गों व भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस जवान नियमित फ्लैग मार्च करेंगे. चिकित्सा व एंबुलेंस सेवा रहेगी उपलब्ध डीएम और एसपी ने जारी संयुक्त आदेश में कहा है कि मुहर्रम जुलूस के दौरान सदर अस्पताल भभुआ और अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया में विशेष चिकित्सा दलों की तैनाती की गयी है. आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, स्ट्रेचर, ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था के साथ एंबुलेंस सेवा 24×7 उपलब्ध रहेगी. वहीं बिजली विभाग, पेयजल, नगर निकाय, सड़क व परिवहन विभाग को जुलूस मार्गों की सफाई, जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, सड़क मरम्मत आदि की जिम्मेदारी दी गयी है. सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मुहर्रम संपन्न कराना जिला प्रशासन की है प्राथमिकता आदेश में स्पष्ट कहा है कि जनता की सुरक्षा एवं सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मुहर्रम पर्व को संपन्न करना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है. कानून-व्यवस्था भंग करने वाले किसी भी व्यक्ति या समूह को बख्शा नहीं जायेगा. शांति व्यवस्था बनाये रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिये प्रशासन पूरी तरह सजग एवं प्रतिबद्ध है. जारी किया गया आदेश जुलूस के आयोजन के लिए पूर्व से लाइसेंस प्राप्त करना होगा अनिवार्य लाइसेंस के लिए दिए आवेदन में आयोजक का नाम, पता, फोन नंबर और फोटोयुक्त पहचान पत्र देना जरूरी प्रत्येक जुलूस में 8 से 10 स्वयंसेवकों को चिन्हित कर प्रशासन के साथ बनाए रखें समन्वयनिर्धारित रूट व समय का करें पालन. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post मुहर्रम जुलूस के दौरान 229 स्थानों पर तैनात रहेंगे स्टैटिक मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी appeared first on Naya Vichar.

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hajipur news. जेवरात व नकद लूटने के आरोप में 17 लोगों पर नामजद प्राथमिकी

राघोपुर. राघोपुर थाना क्षेत्र की चांदपुरा पंचायत के हैबतपुर गांव में गाय के बांधने वाला करकट नुमा घर तोड़ने एवं सोने-चांदी के जेवरात व नकद की लूट मामले में एक स्त्री ने राघोपुर थाने में प्राथमिकी कराई है. पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई में जुटी है. इस मामले में हैबतपुर निवासी अर्जुन राय की पत्नी संजू देवी ने 17 नामजद लोगों के विरुद्ध गाय बांधने वाले करकट नुमा घर तोड़ने व लूटपाट करने का आरोप लगाकर प्राथमिकी करायी है. संजू देवी ने आरोप लगाया कि उक्त सभी लोग हमारे गाय बांधने वाला करकट से बना हुआ घर को मिलकर तोड़ने लगे. मना करने पर सभी लोग मिलकर मेरे साथ मारपीट की. मारपीट के क्रम में परिवार के लोग बचाने गए तो उन लोगों को के साथ भी मारपीट की गई. मारपीट के क्रम में पीड़िता बेहोश हो गई. इसके बाद सभी लोग मिलकर घर में घुसकर पेटी बक्सा लेकर फरार हो गया. घायल अवस्था में ग्रामीण द्वारा अस्पताल पहुंचा गया. होश में आने के बाद घर के परिवार के द्वारा पता चला कि घर से सामान गायब है. इस संबंध में थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि हैबतपुर में मारपीट करकट नुमा गाय बांधने वाला घर तोड़ने एवं लूटपाट के मामले में स्त्री के लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच-पड़ताल के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post hajipur news. जेवरात व नकद लूटने के आरोप में 17 लोगों पर नामजद प्राथमिकी appeared first on Naya Vichar.

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कैमूर में आम आदमी पार्टी ने निकाली जनसंपर्क यात्रा

भभुआ शहर. आम आदमी पार्टी की कैमूर जिला इकाई ने शुक्रवार को सर्किट हाउस से शहर के एकता चौक, जयप्रकाश चौक और पटेल चौक तक पदयात्रा निकाली, जिसमें आम आदमी पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार यादव, जिला प्रवक्ता अरविंद कुमार, नंदनी सिंह कुशवाहा ओमप्रकाश पासवान सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए. प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार यादव ने कहा कि केजरीवाल जनसंपर्क यात्रा के माध्यम से बिहार के लोगों को दिल्ली व पंजाब में आम आदमी पार्टी की किये गये शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, सड़क और जनकल्याण योजनाओं से अवगत कराना है. वहीं पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता ओमप्रकाश पासवान ने कहा कि बिहार में आम जनता पार्टी मजबूती के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. इस बार हम बिहार में केवल सत्ता परिवर्तन की लड़ाई नहीं लड़ने जा रहे हैं, बल्कि इस बार हमारी लड़ाई व्यवस्था परिवर्तन की है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post कैमूर में आम आदमी पार्टी ने निकाली जनसंपर्क यात्रा appeared first on Naya Vichar.

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बिहार बनाने में डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के साथ खड़े थे मुसलमान भी, बिहारी अस्मिता से आंदोलन को ऐसे जोड़ा

Table of Contents कौन थे डॉ सच्चिदानंद सिन्हा बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग करने की जरूरत क्यों पड़ी? डॉ सच्चिदानंद सिन्हा बिहार अलग राज्य के लिए बिहारी अस्मिता को जगाया डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के आंदोलन को इमाम ब्रदर्स ने भी दिया भरपूर सहयोग History of Bihar : बिहार यानी मगध का इतिहास काफी समृद्धशाली रहा है, लेकिन कालांतर में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिसने बिहार को दबा कुचला राज्य बना दिया. स्थिति इतनी खराब हो गई कि बिहार का अपना कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं बचा और यह बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा बनकर रहा गया, जहां बिहारियों और बिहार के संसाधनों का महज दुरुपयोग हुआ. उस दौर में डॉ सच्चिदानंद सिन्हा हुए जिन्होंने बिहारी अस्मिता की लड़ाई लड़ी और बिहारी गौरव को जगाकर बिहार को राज्य का दर्जा वापस दिलाया. कौन थे डॉ सच्चिदानंद सिन्हा डॉ सच्चिदानंद सिन्हा का जन्म ब्रिटिश राज्य में बिहार के शाहाबाद जिले में हुआ था. अब शाहाबाद जिला अस्तित्व में नहीं है, अब उनका गांव बिहार के बक्सर जिले में आता है. डॉ सच्चिदानंद सिन्हा ने काफी उम्र में लंदन का रुख किया और वहां से वकालत की पढ़ाई करके लौटे. उन्होंने 10 साल तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वकालत की प्रैक्टिस की थी, उसके बाद वे ब्रिटिश शासन में 1921 में बिहार के कानून मंत्री भी रहे थे. डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के पिता बख्शी शिव प्रताप सिन्हा डुमरांव महाराज के तहसीलदार थे. उन्हें हिंदुस्तान की संविधान सभा का प्रथम अध्यक्ष होने का गौरव भी प्राप्त है. बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग करने की जरूरत क्यों पड़ी? बिहार राज्य की प्राचीन काल से अपनी पहचान रही है और यहां की भाषा, संस्कृति भी काफी समृद्ध है. ब्रिटिश काल में बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा बना दिया गया, जिसकी वजह से बिहार की अपनी पहचान और संस्कृति सबकुछ समाप्त हो गई. इस संबंध में बात करते हुए Bihar Institute of Public Finance and Policy के प्रोफेसर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ बख्शी अमित कुमार सिन्हा ने कहा कि बंगाल प्रेसीडेंसी से बिहार को अलग करने की मांग इसलिए उठी क्योंकि बंगाल प्रेसीडेंसी में प्रोडक्शन पर परमानेंट सेटलमेंट लागू था. परमानेंट सेटलमेंट का अर्थ यह था कि राजस्व तय कर दिया गया था. इसका अर्थ यह था कि फसल चाहे जैसी भी हो, किसानों को एक तय रकम कर के रूप में जमींदारों के जरिए ब्रिटिश प्रशासन को देनी पड़ती थी. इसका परिणाम यह हुआ कि ब्रिटिश प्रशासन को तो एक तय रकम मिलने लगी और जमींदारों को भी भूमि का स्थायी अधिकार मिल गया, लेकिन किसान बेहाल हो गए. उन्हें किसी भी कीमत पर निर्धारित कर चुकाना पड़ता था. इससे किसानों के अंदर रोष फैल गया था. बिहार अलग राज्य की मांग की दूसरी सबसे बड़ी वजह यह थी कि बंगाल प्रेसीडेंसी में जो कुछ भी विकास हो रहा था वह बंगाल केंद्रित था, इसमें कोलकाता पर फोकस था. बिहार में विकास की रोशनी नहीं पहुंच पा रही थी और बिहार का इलाका पिछड़ता जा रहा था, गरीबी बढ़ रही थी. तीसरी वजह यह थी कि उच्च पदों पर सिर्फ बंगालियों की ही नियुक्ति होती थी, बिहारियों को वहां भागीदारी ना के बराबर मिलता था और अगर मिलता भी था, तो वह काफी कम था. इसकी वजह यह थी कि बिहार में शिक्षा का अभाव था. उच्च शिक्षा के कोई भी संस्थान बिहार में नहीं थे. डॉ सच्चिदानंद सिन्हा बिहार अलग राज्य के लिए बिहारी अस्मिता को जगाया डॉ सच्चिदानंद सिन्हा जो एक पढ़े-लिखे बिहारी थे और उनके अंदर बिहारी अस्मिता को जगाकर रखने की भावना थी. उन्होंने यह महसूस किया कि बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा बनने से बिहारियों का स्वतंत्र अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है. बिहारियों को ना तो विकास में हिस्सेदारी मिल रही है और ना ही उनकी भाषा और संस्कृति सुरक्षित बच रही है. तब उन्होंने बिहारी पहचान बिहारी अस्मिता की बात उठाई, जिसका समर्थन उस समय के शिक्षित परिवारों ने किया. बिहार अलग राज्य के आंदोलन में जिन्होंने उनका बढ़-चढ़कर साथ दिया, उनमें प्रमुख थे महेश नारायण, रायबहादुर कृष्ण सहाय और किशोरीलाल. डॉ बख्शी अमित कुमार सिन्हा बताते हैं कि The Partition of Bengal or the Separationof Behar? इस पुस्तक को डॉ सच्चिदानंद सिन्हा और महेश नारायण ने तब लिखा जब बंगाल विभाजन की बात हो रही थी. इस पुस्तक को एक तरह से बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग करने की बौद्धिक नींव कहा जा सकता है. इस पुस्तक में यह बताया गया है कि बंगाल के साथ बिहार को रखने पर प्रशासनिक परेशानियां आती हैं और प्रदेश का विकास नहीं हो पा रहा है. उन्होंने यह बताया कि बिहार को बंगाल से अलग करना केवल नेतृत्वक रूप से उचित नहीं, बल्कि यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी आवश्यक था इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया कि दोनों प्रदेशों की संस्कृति में अंतर है. भाषाई भिन्नता है और बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा होने की वजह से बिहार पिछड़ता जा रहा है. इस पुस्तक पर इंग्लैंड में भी चर्चा हुई. डॉ सच्चिदानंद सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार के विकास के लिए यह जरूरी है कि उसका एक स्वतंत्र अस्तित्व हो. डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के प्रयासों को उस वक्त के अखबारों का भी सहयोग मिला. डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के आंदोलन को इमाम ब्रदर्स ने भी दिया भरपूर सहयोग डॉ सच्चिदानंद सिन्हा ने बिहार अलग राज्य के गठन को लेकर जो आंदोलन चलाया उसे समाज के पढ़े-लिखे लोगों का भरपूर साथ मिला. बिहार के पढ़े-लिखे मुसलमान भी इसमें आगे आए और आंदोलन को विभिन्न तरीकों से समर्थन दिया. इसमें इमाम ब्रदर्स का नाम सबसे प्रमुख है, जिन्होंने आंदोलन का पूरा साथ दिया. इमाम ब्रदर्स सर अली इमाम और इमाम हसन ने ब्रिटिश प्रशासन को भेजे जाने वाले हर पत्र और ज्ञापन में साइन करके आंदोलन को अपना समर्थन दिया. इतना ही नहीं इन दोनों भाइयों ने उर्दू अखबारों के जरिए भी आंदोलन को समर्थन दिया और बिहारी अस्मिता की रक्षा के लिए लोगों को जागरूक किया. इन्होंने हरसंभव यह कोशिश की कि बिहार अलग राज्य के आंदोलन को समाज के हर वर्ग का समर्थन मिले और इसमें मुसलमान कहीं से भी पीछे ना रहें. Also Read : कानूनन क्या होगी शिशु की जाति अगर माता-पिता

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