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July 23, 2025

विश्लेष्ण

आधुनिक भजन: आस्था या मनोरंजन

आजकल भजन अपने मूल स्वरूप से बहुत दूर होते जा रहे हैं। पहले भजन एक ऐसा माध्यम थे, जिनसे भक्त अपने आराध्य से गहराई से जुड़ पाते थे। ये केवल गीत नहीं थे, बल्कि आत्मा की पुकार थे जो ईश्वर तक पहुंचती थी। परंतु वर्तमान समय में भजन, खासकर फ़िल्मी धुनों पर आधारित भजन, न केवल अपनी गंभीरता और श्रद्धा खो चुके हैं, बल्कि वे एक प्रकार के मनोरंजन का माध्यम बनकर रह गए हैं। जिन धुनों पर पहले नाच-गानों और नाटकीय गीतों का प्रयोग होता था, अब उन्हीं पर भक्ति गीत गाए जा रहे हैं, जिन पर लोग बेहूदे और अशोभनीय ढंग से कूदते-फांदते हैं। यह देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो भक्ति का सही अर्थ ही खो गया हो। भजन सुनने और गाने का उद्देश्य कभी भी लोगों को झूमने या शोर मचाने के लिए नहीं था, बल्कि वह आत्म-साक्षात्कार, ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति के लिए था। एक उदाहरण से इस बात को और स्पष्ट किया जा सकता है। हाल ही में एक भजन बहुत प्रचलित हुआ जिसमें माता गौरा (पार्वती जी) शिव जी से शिकायत कर रही हैं कि वह उनसे और उनकी भांग से परेशान हो गई हैं। इस भजन को हास्य और हल्के-फुल्के अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है, और लोग इस पर ठहाके लगाते हुए नाचते हैं। यह न केवल एक धार्मिक चरित्र का मज़ाक उड़ाने जैसा प्रतीत होता है, बल्कि पार्वती जी की तपस्या और श्रद्धा का भी अपमान है। हमारे ग्रंथों में वर्णित है कि माता पार्वती ने वर्षों तक कठिन तपस्या की थी शिव जी को पति रूप में पाने के लिए। यह तपस्या उनकी भक्ति और दृढ़ निष्ठा का प्रतीक थी। ऐसे पवित्र और आदर्श पात्रों को हास्य का विषय बना देना और उस पर नाचना, क्या हमारी आस्था का अपमान नहीं है? भजन बनाने का मूल उद्देश्य था — ईश्वर की भक्ति में लीन होना, उनके गुणों का स्मरण करना, और अपने मन, वाणी व कर्म को ईश्वर की ओर मोड़ना। भजन एक सेतु थे, जो भक्त और भगवान के बीच की दूरी को कम करते थे। किंतु आज के भजन इस उद्देश्य से बिलकुल भटक चुके हैं। उनमें न भाव है, न श्रद्धा, न ही कोई अध्यात्मिक उद्देश्य। वे केवल एक धार्मिक पॉप संगीत बनकर रह गए हैं, जिनमें लाउड म्यूज़िक, तेज़ बीट्स और फिल्मी तर्ज पर गायक के अंदाज़ में ईश्वर का नाम लिया जाता है। और उन पर आज की नई पीढ़ी, विशेषकर शिशु और युवा, बिना किसी अर्थ को जाने नाचने लगते हैं। वे यह नहीं समझते कि यह किसी डिस्को या क्लब में नाचना नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक क्रिया को अपवित्र करने जैसा है। क्या यह हमारी संस्कृति और आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं है? क्या किसी अन्य धर्म में इस प्रकार की छूट दी जाती है, जैसा कि आज हिन्दू धर्म में देखने को मिलता है? किसी अन्य धर्म में अगर कोई धार्मिक गीत या प्रार्थना का मज़ाक उड़ाए, तो तुरंत सामाजिक और कानूनी स्तर पर कड़ी प्रतिक्रिया मिलती है। परंतु हिन्दू धर्म में, जहाँ सहिष्णुता और उदारता की भावना रही है, वहीं इसे कमजोरी मान लिया गया है, और हर कोई अपने हिसाब से भजन का स्वरूप बदलने में लग गया है जिसमें न कोई संयम है और न ही कोई दिशा। भजनों का उपयोग एक ऐसे शस्त्र की तरह होना चाहिए था जो हमारी आने वाली पीढ़ी को उनके गौरवशाली अतीत, वैभवशाली ग्रंथों और समृद्ध धार्मिक परंपराओं से परिचित करा सके। परंतु आज भजन न तो उन्हें शिक्षा दे रहे हैं, न ही संस्कृति से जोड़ पा रहे हैं। क्या कोई एक भी ऐसा भजन सामने है, जो बच्चों को यह बता सके कि रामायण, महाहिंदुस्तान या भगवद गीता क्या सिखाती है? या वे किस तरह अपने जीवन में धार्मिक मूल्यों को आत्मसात कर सकते हैं? हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि हम भक्ति को किस दिशा में ले जा रहे हैं। यदि समय रहते हमने इस दिशा में सजग कदम न उठाए, तो आने वाली पीढ़ी के लिए भक्ति केवल एक दिखावा बनकर रह जाएगी जिसमें न श्रद्धा होगी, न संस्कार, न कोई आध्यात्मिकता। अतः यह समय है कि हम भजनों को पुनः उनकी गरिमा, उद्देश्य और आध्यात्मिक गहराई के साथ पुनर्स्थापित करें — जिससे यह केवल कानों का आनंद नहीं, आत्मा की यात्रा बन सके। गरिमा भाटी “गौरी” फ़रीदाबाद, हरियाणा।  

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Bihar SIR Row: ‘चुनाव आयोग को व्यावहारिक ज्ञान नहीं’- जदयू सांसद गिरधारी यादव का SIR प्रक्रिया पर कड़ा हमला

Bihar SIR: सांसद गिरधारी यादव ने कहा कि मुझे दस्तावेज जुटाने में 10 दिन लगे। मेरा बेटा अमेरिका में है… एक महीने में दस्तावेज कैसे देंगे? वहीं, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी SIR प्रक्रिया पर सवाल दागे।

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Bihar News: ASI ने खुद को मारी गोली, पुलिस लाइन में दी गई श्रद्धांजलि; पत्नी ने दी सफाई, 15 लाख लेने का आरोप

डायल 112 सेवा में तैनात एएसआई रामपुकार यादव ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। इलाज के दौरान मौत के बाद पुलिस लाइन में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वहीं, उनकी पत्नी ने सफाई दी है कि उनकी मौत रिवॉल्वर की सफाई के दौरान गोली चलने से हुई है।

समस्तीपुर

बखरी बुजुर्ग केवार्ड -11 में नल जल का पानी नहीं मिलने से बढ़ी परेशानी

नया विचार न्यूज़ सरायरंजन : मुसरीघरारी नगर पंचायत के बखरी बुजुर्ग स्थित वार्ड 11में नल जल का पानी नहीं मिलने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बता दें कि उक्त वार्ड में विगत तीन दिनों से पानी नहीं मिल रहा है। पानी नहीं मिलने से लोग भटक रहे हैं। वार्ड के विमला देवी ,पूनम देवी ,सविता कुमारी,हरि पासवान,सुनीता देवी ,महेंद्र पासवान ,मंजू देवी ,ममता देवी ,राज कुमारी देवी ,शब्बीर आलम आदि लोगों का कहना है कि उनलोगों के घर में बहुत दिन से पानी नहीं दिया जा रहा है। पानी के लिए गांव में भटक कर चापाकल से पानी भरकर पीने को मजबूर हैं। गांव में मात्र एक दो चापाकल ही चलता है। उस चापाकल पर लाइन में रहकर पानी लेने में घंटों भर समय लग जाता है। पानी के लिए सुबह दो तीन घंटे एवं शाम में भी दो तीन घंटे लग जाते हैं। लोगों ने बताया कि पानी के लिए नगर पंचायत के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को कहा भी गया,लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। पानी पीने के लिए भी वे लोग तरस रहे हैं।

समस्तीपुर

सरायरंजन के मत्स्यपालकों ने नून नदी स्थित कमला स्थान पर दिया धरना, खेमईठ झील अपनी बदहाली पर आंसू बहाने के लिए हो रहा विवश

नया विचार न्यूज़ सरायरंजन: कभी हरियाली से भरा खेमईठ झील गर्मी के मौसम में राहत देने के लिए प्रसिद्ध था। आज प्रशासन की अपेक्षा के कारण इसकी स्थिति राजस्थान की तरह हो गई है। मिथिलांचल के दुर्लभ धरोहर में से एक सरायरंजन प्रखंड का यह झील अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। सरायरंजन प्रखंड मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दक्षिण लगमा गांव के पास 200 एकड़ से अधिक भूमि में फैला है। इस झील में सूर्योदय एवं सूर्यास्त के साथ प्राकृतिक मनोरम दृश्य बरबर कर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता था। लेकिन इस बार भी ये झील सुखार की मार झेल रहा है। पानी नहीं रहने के कारण पशु पक्षी भी मर रहे हैं। यहां पहले बारहों मास पानी रहा करता था। आज वहां जंगल ऊपज रही है। बढ़ते तापमान के साथ पानी की मार से इंसान के साथ पशु भी बेहाल हो रहे हैं। झील में पानी नहीं रहने के कारण बुधवार को मछुआरा समाज ने आंदोलन किया। साथ ही प्रशासन से राजस्व माफ करने की मांग के साथ उनकी अन्य मांगे शामिल थी। स्थानीय लोगों का कहना था कि दो साल से लगातार पानी नहीं रहने के कारण मछुआरे काफी घाटे में है। वहीं प्रशासन को प्रखंड से कुल 4 लाख 78 हजार रुपए के करीब राजस्व भी दिया जा रहा है। उसके बावजूद इस झील के विकास के लिए कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। जिससे मछुआरे समाज की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है। झील में पानी नहीं रहने के कारण किसानों की भी स्थिति दयनीय है। स्थानीय मत्स्य पालक राम लखन सहनी, मेघन सहनी, शिव शंकर सहनी, राजकुमार सहनी, योगेंद्र सहनी, रामविलास सहनी, राजगीर सहनी, राम प्रसाद सहनी, अधी सहनी आदि का कहना है कि प्रशासन जिस तरह से बलान एवं जमुआरी नदी की उड़ाही करा रही है, उसी प्रकार नून नदी की भी उड़ाही होनी चाहिए थी,जिससे यहां के किसानों को काफी लाभ मिलता। इस बार नून नदी व खेमईठ झील के सूखे रहने से सबसे अधिक मत्स्य पलकों की स्थिति दयनीय हो गई है। लोगों का कहना था कि प्रशासन व प्रशासन द्वारा इस ओर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो मछुआरा समाज आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

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ECI On SIR: बिहार के मतदाता सूची पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा होने की ओर, 98% से अधिक मतदाताओं की हुई कवरेज

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के पहले चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। 23 जुलाई 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 98.01% मतदाताओं को कवर किया जा चुका है। पढ़ें पूरी समाचार…।

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Election 2025: ‘महुआ के बउआ हमहीं हैं, कहां जाएंगे’- तेज प्रताप का दावा वायरल, नई पार्टी से लड़ सकते हैं चुनाव

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के वायरल वीडियो से संकेत मिल रहे हैं कि वे अपनी पुरानी विधानसभा सीट महुआ से चुनाव लड़ सकते हैं। वो भी नई पार्टी से, क्योंकि इस समय उनकी अपने परिवार और पार्टी संगठन से दूरी बनी हुई है।

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Bihar Vidhan Sabha: विधानसभा में नीतीश vs तेजस्वी, मुख्यमंत्री बोले- …जब उमर तुम्हारा कम था, तुम बच्चे थे

Bihar Vidhan Sabha News: विधानसभा में बुधवार को भी विपक्ष के विधायकों ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य के विरोध में प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष सदन में इस मुद्दे पर प्रशासन पर हमला बोल रहे थे।

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प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज का विधानसभा घेराव, तीन मांगों को लेकर एक करोड़ लोगों का हस्ताक्षर लेकर CM नीतीश से मिलने पहुंचे

नया विचार न्यूज़ पटना। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत 3 मांगों को लेकर विधानसभा घेराव का नेतृत्व किया। बेली रोड स्थित शेखपुरा हाउस से हजारों जन सुराज के समर्थकों के साथ प्रशांत किशोर दोपहर 12 बजे के करीब निकले। एयरपोर्ट रोड होते हुए जन सुराज के कार्यकर्ता पटेल गोलंबर तक पहुंचे। पटेल गोलंबर पर पुलिस ने जन सुराजियों को रोकने की असफल कोशिश की। लेकिन पहला बैरिकेड तोड़कर सभी लोग विधानसभा की ओर बढ़ने लगे। इसके बाद पुलिस ने फिर रोकने को कोशिश की तो प्रशांत किशोर समेत हजारों कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। काफी देर तक पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश की। इस दौरान पटना पुलिस ने जन सुराज के निहत्थे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी कर दिया। लाठीचार्ज में कई समर्थकों को गंभीर चोट लगी। कई के सिर फूटे। कई कार्यकर्ता पुलिस से धक्का-मुक्की में घायल भी हुए। समर्थकों पर लाठीचार्ज हुआ तो PK भड़के, प्रशासन से कहा- इनको को क्यों मारा, दम है तो मुझे मारकर दिखाओ, बिहार भर में प्रशासन का निकलना मुश्किल कर देंगे इस दौरान प्रशांत किशोर मीडिया से बात करते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर भड़क गए। उन्होंने अधिकारियों को चैलेंज करते हुए कहा कि आपने बच्चों पर लाठीचार्ज क्यों किया? नीतीश कुमार से परमिशन लेकर आइए और मुझपर लाठीचार्ज करिए। हिम्मत है तो ऐसा करिए, फिर देखिए, कल से बिहार भर में प्रशासन का निकलना मुश्किल कर देंगे। प्रशांत किशोर ने बताया कि मुख्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए बुलाया है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्य सचिव यह लिखकर नहीं देंगे कि हमारी मांगों पर कितने दिन में कार्रवाई होगी, तो अब आगे नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। एक लाख आदमी लाकर घर को घेर लेंगे। वो निकल नहीं पाएंगे।  मुख्य सचिव से मिला जन सुराज का 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, 3 मांगों वाला ज्ञापन सौंपा इस बीच पटना जिला प्रशासन की ओर से जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज हिंदुस्तानी के नेतृत्व में 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मुख्य सचिव से मिलने के लिए ले जाया गया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें पार्टी की 3 मांगों का ज्ञापन सौंपा। मनोज हिंदुस्तानी ने बताया कि बिहार की जनता के लिए अहम इन तीन मुद्दों पर जन सुराज ने एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर लिए हैं। इन तीन मांगों में शामिल है – 1. साल 2023 की जातीय जनगणना में चिह्नित 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता कब मिलेगी? 2. 50 लाख भूमिहीन दलित और अतिपिछड़ा परिवारों को 3 डिसमिल जमीन देने के वादे का क्या हुआ? 3. भूमि सर्वे के नाम पर वंशावली, रसीद और दाखिल-खारिज में हो रही लूट कब रुकेगी? मुख्य सचिव से तीनों मांगों पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशांत किशोर और हजारों कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से वापस हो गए।

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Bihar: जीडी कॉलेज बेगूसराय के नए प्राचार्य बने प्रो. चंद्रभूषण, LNMU के तीन कॉलेजों के प्राचार्यों का तबादला

LNMU प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए तीन कॉलेजों के प्राचार्यों का स्थानांतरण किया है। साथ ही कई कॉलेजों में नए प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति भी की गई है। प्रो. चंद्रभूषण, जीडी कॉलेज बेगूसराय के नए प्राचार्य बने हैं।

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