Bihar News: पोखर में डूबने से युवक की मौत, मुआवजे की मांग को लेकर सड़क जाम; खगड़िया का मामला
घटना की सूचना मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने पोखर में कूदकर विक्रम को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी।
घटना की सूचना मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने पोखर में कूदकर विक्रम को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी।
Bihar: एक ही परिवार के दो लोगों की एक साथ मौत से पूरे गांव में मातम पसरा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोगों ने घटना को बेहद दर्दनाक बताया है और प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।
Bihar: शहर का पुराना किला इलाका भी बुरी तरह जलमग्न हो चुका है। कई घरों में बारिश का पानी घुस गया है। वहीं मखदूम सराय जाने वाली सड़क पर लगभग पांच फीट तक पानी भर गया है। वाहन फंस जा रहे हैं और लोग जान जोखिम में डालकर रास्ता पार कर रहे हैं।
Bihar: श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद रही। जगह-जगह बैरिकेडिंग, मेडिकल कैंप और पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
Rohtas News: आरा-सासाराम रोड पर तेज रफ्तार कार ने सामने से आ रही बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एक युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं दूसरे युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
BSEB OFSS Spot Admission 2025: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कक्षा 11 में दाखिले के लिए OFSS स्पॉट एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। छूटी हुई सीटों के लिए इच्छुक छात्र 5 अगस्त 2025 तक आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
पांच लोगों की मौत के विरोध में लोगों ने सड़क पर जमकर बवाल किया। लोगों ने शाहकुंड थाने के मेन गेट पर शवों को रखकर जाम कर दिया और हंगामा करने लगे। परिजनों का आरोप है कि सभी की मौत करंट लगने हुई है।
राजगीर में 9-10 अगस्त को आयोजित होने वाली एशिया रग्बी U20 रग्बी 7s चैंपियनशिप 2025 के लिए हिंदुस्तानीय पुरुष और स्त्री टीमों की घोषणा कर दी गई है। बिहार से 4 स्त्री और 2 पुरुष खिलाड़ियों का चयन हुआ है, जो राज्य के लिए गौरव की बात है।
रविवार को हुए एक हादसे में तेज रफ्तार थार ने सड़क किनारे खड़े चार लोगों को रौंद दिया। हादसे में एक स्त्री की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक 3 वर्षीय बच्ची समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
नया विचार न्यूज़ समस्तीपुर– समस्तीपुर के तत्कालीन एसपी ने हत्या के एक मामले में कोर्ट से सजा पा चुके, यानि अपराधी घोषित हो चुके व्यक्ति के पक्ष में कोर्ट में क्लीन चिट दे दिया। तत्कालीन एसपी ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर सजायाफ्ता मुजरिम को क्लीन चिट दिया। सुप्रीम कोर्ट भी एसपी के कारनामे को देखकर हैरान रह गया है। कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताते हुए एसपी को तलब किया है। ये मामला समस्तीपुर जिले का है। सुप्रीम कोर्ट ने समस्तीपुर जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (SP) आईपीएस अशोक मिश्रा के व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने अशोक मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। अशोक मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने हत्या के मामले में दोषी अपराधी माने गये व्यक्ति के पक्ष में हलफनामा दायर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एस.वी.एन भट्टी की बेंच में इस मामले की सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “यह गंभीर चिंता का विषय है कि जिस वरिष्ठ अधिकारी ने मामले की जांच कर चार्जशीट दायर कराया, वही अब आरोपियों को क्लीन चिट दे रहा है। राज्य प्रशासन ने मामले की जांच पड़ताल के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट किया, फिर कोर्ट में ट्रायल हुआ और सजा दी गयी। लेकिन एसपी ने उन आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया।” यहां पूरा मामला समझिए : दरअसल, यह मामला मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में हुए शशिनाथ झा हत्याकांड से जुड़ा हैह समस्तीपुर में हुए इस हत्याकांड में पुलिस ने जांच पड़ताल कर इस मर्डर केस के आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था। समस्तीपुर कोर्ट ने आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनायी थी। बाद में हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगा दिया था। इसके बाद पीड़िता (मृतक की पत्नी) ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें आरोपियों की सजा को निलंबित कर दिया गया था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302/34 (हत्या), धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और शस्त्र अधिनियम की धारा 27(3) के तहत आरोप तय किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट स्तब्ध : सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को यह जानकर हैरानी हुई कि समस्तीपुर के तत्कालीन एसपी अशोक मिश्रा ने अदालत में जवाबी हलफनामा दायर किया , जो राज्य प्रशासन और पुलिस के स्टैंड के ठीक उलट था और आरोपियों के पक्ष में था। कोर्ट के कड़े रुख पर मिश्रा की सफाई: सुप्रीम कोर्ट में मामला पकड़े जाने के बाद आईपीएस अधिकारी अशोक मिश्रा ने कोर्ट में अपनी सफाई भी दी थी। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि यह एक मानवीय भूल थी और गलती से ऐसा एफिडेविट दायर हो गया था। अशोक मिश्रा ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि एसपी लेवल के अधिकारी की ओर दायर एफिडेविट में तीन संगीन धाराओं के आरोपी का पक्ष लेना कोई “अनजाने में हुई गलती” नहीं हो सकती। कोर्ट ने क्या कहा: कोर्ट ने कहा कि यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि यह सिर्फ मानवीय भूल है। या तो अधिकारी ने बिना पढ़े दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर दिए (जो घोर लापरवाही का मामला है), या फिर उन्होंने जानबूझकर आरोपी का पक्ष लिया (जो जानबूझकर की गई अनुचित कार्रवाई है)। दोनों ही स्थितियाँ गंभीर हैं।” कोर्ट ने आगे कहा की “सुप्रीम कोर्ट में इस तरह का गंभीर और लापरवाहीपूर्ण हलफनामा दायर करना वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की संवैधानिक जिम्मेदारी की अवहेलना है।” सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हों एसपी : सुप्रीम कोर्ट ने अशोक मिश्रा को आदेश दिया है कि वे 19 अगस्त 2025 को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हों और यह स्पष्ट करें कि क्यों न उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है- “हम अशोक मिश्रा, IPS को कारण बताओ नोटिस जारी करते हैं और उनसे यह स्पष्ट करने को कहते हैं कि इस अदालत को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए।” बता दें कि समस्तीपुर के एसपी रह चुके आईपीएस अधिकारी अशोक मिश्रा फिलहाल पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं। वे स्पेशल ब्रांच में एसपी पद पर बने हुए हैं। अशोक मिश्रा के एफिडेविट की चर्चा बिहार पुलिस मुख्यालय में भी हो रही है। वरीय पुलिस अधिकारी भी इस मामले को जानकर दंग हैं।