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September 28, 2025

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Bhagat Singh: जब भगत सिंह ने देखा था सिनेमा और कहा- कला क्रांति के रास्ते को दृढ़ बनाती है

Bhagat Singh: शहीदे-आजम भगत सिंह पर एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों फिल्में बन चुकी हैं. कभी राजकुमार संतोषी की द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, तो कभी मनोज कुमार की शहीद—हर दौर का सिनेमा इस नौजवान क्रांतिकारी को अपनी-अपनी तरह से परदे पर उतारता रहा. पर बहुत कम लोग जानते होंगे कि खुद भगत सिंह का सिनेमा से रिश्ता क्या था. शहीदे-आजम भगत सिंह न सिर्फ किताबों के गहरे पाठक और विचारक थे, बल्कि रंगमंच पर भी शानदार अभिनेता रहे. कॉलेज के दिनों में उन्होंने कई नाटकों में अभिनय किया और दर्शकों को मुग्ध कर लिया. उनका प्रसिद्ध पगड़ी वाला चित्र भी दरअसल नेशनल कॉलेज, लाहौर के ड्रामा क्लब के ग्रुप फोटो से लिया गया है. फिल्में देखने का शौक़ उन्हें अधिक नहीं था. उनका समय किताबों, विचारों और आंदोलन की तैयारियों में बीतता था. फिर भी एक फिल्म उन्होंने देखी—बल्कि अपने साथियों से जबरन दिखवाई. यह फिल्म थी अंकल टॉम्स केबिन, जो गुलामों पर हो रहे अत्याचार और आजादी की लड़ाई की कहानी कहती थी. इसे देखकर भगत सिंह ने कहा था—“हर क्रांतिकारी को यह फिल्म देखनी चाहिए.” पर्दे पर गढ़ी गई छवि और असली भगत सिंह भगत सिंह का जीवन अपने आप में इतना प्रेरणादायी था कि हिंदी सिनेमा ने उन्हें बार-बार परदे पर उतारा. उनकी शहादत को नाटकीय अंदाज में पेश किया गया, उनके नारों और गीतों को फिल्मी धुनों में ढाला गया. पर असली भगत सिंह को सिर्फ उनके क्रांतिकारी साहस से नहीं समझा जा सकता.उनका व्यक्तित्व सिर्फ पिस्तौल और बम तक सीमित नहीं था. वे बेहद हंसमुख, सजीव, मसखरे, सहृदय और संतुलित इंसान थे. यह पहलू अक्सर फिल्मों में पीछे छूट जाता है. स्वभाव ही किसी व्यक्ति के असली व्यक्तित्व की पहचान है. कोई आदमी कभी-कभी परिस्थितियों या आवेश में अद्भुत काम कर सकता है, पर उसका स्वभाव उसके रोजमर्रा के जीवन से झलकता है. भगत सिंह के साथी बताते हैं कि उनका स्वभाव इतना सहज और उदार था कि कोई भी उनसे मिलते ही उनका हो जाता था. अंग्रेज जेलर तक उनकी सरलता से प्रभावित हो जाते थे. रंगमंच और अभिनय से रिश्ता लाहौर के नेशनल कॉलेज में पढ़ते समय भगत सिंह नाटकों में भाग लेते थे. ‘हिंदुस्तान दुर्दशा’ नाटक में उनके अभिनय ने दर्शकों को इतना प्रभावित किया कि लोग उन्हें असली अभिनेता मान बैठे. स्वर के उतार-चढ़ाव, संवादों की ताकत और साधारण अंग-भंगिमा में भी उनकी नाटकीयता झलकती थी.अभिनय ने उनकी वक्तृत्व कला को भी धार दी. जब वे अपने साथियों या जनता को संबोधित करते थे, तो उनके शब्द दिल से उठकर सीधे सामने वाले के दिल में उतर जाते थे. यही कारण था कि वे जहां भी बोलते, लोग मंत्रमुग्ध होकर सुनते. उनका स्वभाव लोकतांत्रिक था. वे कभी अपनी राय को जबरन थोपने वाले नहीं थे. यदि बहुमत उनके खिलाफ निर्णय ले लेता, तो वे उसी फैसले को मानते और उसकी सफलता के लिए पूरा प्रयास करते. गलती मान लेने में भी उन्हें संकोच नहीं था. वे मजाकिया अंदाज में रहते थे. साथी क्रांतिकारी अक्सर उनकी हंसी-ठिठोली का आनंद उठाते. यहां तक कि जेल में भी वे अपने मजाक और चुटकुलों से उदासी को दूर भगा देते थे. सिनेमा का किस्सा : अंकल टॉम्स केबिन अब आते हैं उस मशहूर प्रसंग पर, जब भगत सिंह ने फिल्म देखने की जिस की थी.साल 1928-29 के आसपास की बात है. लाहौर में अमेरिकी उपन्यासकार हैरियट बीचर स्टो की किताब Uncle Tom’s Cabin पर बनी फिल्म लगी थी. यह फिल्म गुलामों के संघर्ष और अत्याचारों की मार्मिक दास्तान कहती थी. भगत सिंह अपने साथियों विजय कुमार सिन्हा और भगवानदास माहौर के साथ एक सभा से लौट रहे थे. पोस्टर देखा तो वे ठिठक गए और बोले—यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए. पर समस्या थी पैसों की. क्रांतिकारी दल के पास रोजमर्रा के खाने तक के लिए मुश्किल से पैसे जुटते थे. नेता चन्द्रशेखर आजाद रोज चार आने देते थे, जिसमें से दो आने में एक वक्त का खाना ही आता था. ऐसे में फिल्म के टिकट खरीदना अनुशासन के खिलाफ था. भगवानदास माहौर के पास डेढ़ रुपये थे, पर उन्होंने पैसे देने से साफ इनकार कर दिया. भगत सिंह ने कला पर लंबा भाषण दिया—क्यों क्रांतिकारियों को यह फिल्म देखनी चाहिए, कैसे यह गुलामी और मुक्ति के संघर्ष को समझने का मौका देगी. पर माहौर टस से मस नहीं हुए. फिर बहस, फिर मजाक, फिर जिद. आखिरकार भगत सिंह ने अभिनय का सहारा लिया—“मैं तो तुमसे जबरदस्ती पैसे छीन रहा हूं और तुम्हें पीटकर टिकट लाने भेज रहा हूं.” माहौर जी हंस पड़े और मजबूरी में पैसे दे दिए. टिकट खिड़की पर भीड़ थी. भगत सिंह खुद भीड़ में कूद पड़े और लौटे तो हाथ में तीन टिकट थे, पर दो दिन का खाने का पैसा गायब.अब दुविधा यह थी कि फिल्म तो देख ली जाएगी, पर अगले दो दिन भूखे कैसे रहेंगे और आजाद जी को क्या जवाब देंगे. Shaheed-e-azam bhagat singh फिल्म और आजाद को सुनाई कहानी फिल्म देखने के बाद तीनों बाहर निकले तो भूख से पेट गुड़गुड़ा रहा था, लेकिन चेहरे पर संतोष था. अंकल टॉम्स केबिन ने उन पर गहरी छाप छोड़ी थी. निवास पर लौटते ही भगत सिंह ने बिना रुके फिल्म की पूरी कहानी चन्द्रशेखर आजाद को सुनानी शुरू कर दी. उनकी शैली इतनी रोचक और जीवंत थी कि सुनते-सुनते आजाद खुद कहानी में डूब गए.अंत में भगत सिंह ने कहा—“असल में यह फिल्म हर क्रांतिकारी को देखनी चाहिए. इसी लिए हम इसे देखकर आ रहे हैं.आजाद मुस्कराए. नाराजगी का खतरा टल गया और खाने के पैसे भी फिर से मिल गए. यह घटना मामूली नहीं है. यह बताती है कि भगत सिंह कला और साहित्य को कितना गंभीरता से लेते थे. वे मानते थे कि क्रांतिकारी के लिए सिर्फ हथियार चलाना ही काफी नहीं, बल्कि विचारों और संवेदनाओं से लैस होना भी जरूरी है.वे कहते थे कि किताबें, नाटक और कला का अनुभव इंसान के भीतर गहरी संवेदना जगाता है. यही संवेदना उसे जनता के दुख-दर्द से जोड़ती है और क्रांति के रास्ते पर दृढ़ बनाती है. जब भगत सिंह पर फिल्म बनी जब भगत सिंह अपने साथियों के साथ अंकल टॉम्स केबिन देख रहे थे, तब शायद उन्हें अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि आगे चलकर

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Aaj Bihar ka Mausam: बिहार में बारिश से राहत या उमस की मार, दुर्गा पूजा पंडालों में कैसा रहेगा माहौल?

Aaj Bihar ka Mausam: आईएमडी और बिहार मौसम सेवा केंद्र की रिपोर्ट बताती है कि राज्य में बारिश का असर अब धीमा पड़ रहा है. पश्चिमी बिहार और सीमांचल में हल्की बारिश की संभावना है, मगर पटना, गया, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर जैसे जिलों का मौसम पूरी तरह शुष्क रहेगा. तापमान दो से चार डिग्री तक बढ़ सकता है. भले ही आसमान से बूंदें बरसें, उमस से राहत की उम्मीद कम है. उधर, भागलपुर में लगातार रिमझिम बारिश ने पूजा की रौनक को और बढ़ा दिया है. मौसम की बदलती करवटें कुछ दिन पहले तक यह आशंका थी कि दुर्गा पूजा और नवरात्र के दिनों में बारिश लोगों की परेशानी बढ़ाएगी. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. आईएमडी का कहना है कि 30 सितंबर और 1 अक्टूबर तक बारिश लगभग थमी रहेगी. सिर्फ कुछ सीमावर्ती इलाकों में छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है. धूप और नमी मिलकर लोगों को पसीने से बेहाल कर देंगी. उमस से बढ़ी असुविधा राज्य में फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती उमस है. मौसम सेवा केंद्र ने साफ कहा है कि अगले दो दिनों तक “असुविधा का स्तर” बहुत अधिक रहने वाला है. हवा की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, लेकिन यह राहत देने के बजाय उमस को और अधिक चुभन भरा बना देगी. पटना और आसपास के जिलों में तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है. भागलपुर में रिमझिम का असर भागलपुर में हालात कुछ अलग हैं। यहां पिछले एक सप्ताह से लगभग रोज हल्की बारिश हो रही है. शनिवार को भी शहर में 4.8 एमएम वर्षा दर्ज की गई.अधिकतम तापमान 34.5 और न्यूनतम 26.7 डिग्री सेल्सियस रहा. 76 प्रतिशत नमी के बीच समय-समय पर गिरती बूंदों ने मौसम को सुहाना बनाए रखा. शाम के वक्त हल्की ठंडक और बारिश ने लोगों को पूजा पंडालों तक खींचा. मौसम चाहे जैसा हो, दुर्गा पूजा की रौनक पर इसका असर पड़ना मुश्किल है. बारिश के बीच भी श्रद्धालुओं की भीड़ पंडालों तक पहुंच रही है. भागलपुर के कालीबाड़ी, बूढ़ानाथ, आदमपुर और लहेरीटोला मंदिरों में शनिवार शाम से ही भीड़ बढ़ गई. आरती और भजनों के बीच बिजली की चमक और रिमझिम बूंदें माहौल को और दिव्य बना रही थीं. कई लोग भीगते हुए भी गरबा और संध्या आरती का हिस्सा बने. कब लौटेगी जोरदार बारिश? आईएमडी का अनुमान है कि 2 अक्टूबर से एक बार फिर मानसून सक्रिय होगा. इस दौरान भारी बारिश की संभावना जताई गई है. तब तक बिहार के अधिकांश जिलों में उमस और हल्की-फुल्की बूंदाबांदी से ही काम चलाना होगा. यानी पूजा के शुरुआती दिनों में पसीने से जूझना तय है, लेकिन 2 अक्टूबर से एक बार फिर झमाझम बारिश पंडालों और सड़कों पर नजर आ सकती है. इस समय मौसम की सबसे बड़ी तस्वीर यही है कि बारिश कम हो रही है लेकिन उमस अधिक है. पूजा पंडालों में निकलने वाले लोगों को तैयार रहना होगा—कभी पसीना परेशान करेगा तो कभी बूंदें भीगा देंगी. मौसम विभाग की चेतावनी साफ है कि 1 अक्टूबर तक छिटपुट फुहारें होंगी, फिर 2 अक्टूबर से भारी बारिश की वापसी होगी. बिहार का मौसम फिलहाल लोगों को उलझन में डाल रहा है. पटना और मध्य बिहार के जिलों में उमस और गर्मी का सामना करना पड़ेगा. भक्तों के लिए यह वक्त धैर्य का है—नवरात्र की भक्ति में डूबे रहिए, मौसम का रंग चाहे जैसा हो, मां दुर्गा की आराधना की रौनक कम नहीं होगी. Also Read: Bihar: रविवार को बिहार आएंगे उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, इस कार्यक्रम में होंगे शामिल The post Aaj Bihar ka Mausam: बिहार में बारिश से राहत या उमस की मार, दुर्गा पूजा पंडालों में कैसा रहेगा माहौल? appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: एसएनएमएमसीएच में हुआ नेत्रदान

Dhanbad News: कतरास निवासी रामचंद्र सोनार के निधन के बाद शनिवार को एसएनएमएमसीएच में उनके परिजनों ने नेत्रदान कर समाज के सामने एक अनुकरणीय मिसाल पेश की. इस दान से दो नेत्रहीन व्यक्तियों को आंखों की रोशनी मिल सकेगी. रामचंद्र के बेटे मनोज सोनी ने बताया कि उन्होंने समाजसेवी अंकित राजगढ़िया की प्रेरणा से यह बड़ा निर्णय लिया. मनोज ने कहा कि पिता के नेत्रदान से किसी के जीवन में उजाला आयेगा, यह हमारे लिए गर्व की बात है. समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने कहा कि नेत्रदान जीवन का सबसे अनमोल दान है. नेत्रदान की इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में एसएनएमएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ दिनेश गिंदौरिया व डॉ एमके दुबे का विशेष योगदान रहा. बता दें कि अस्पताल में सालों से बंद नेत्रदान बीते दिनों कॉर्निया आने के बाद यह सुविधा शुरू हुआ. एसएनएमएमसीएच में दो कॉर्निया उपलब्ध, अंधेपन से छुटकारा पा सकते हैं मरीज शहीद निर्मल महतो मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के नेत्र रोग विभाग में अंधेपन से ग्रसित मरीजों के लिए सुनहरा अवसर है. विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अस्पताल के पास फिलहाल दो कॉर्निया उपलब्ध है. यह कॉर्निया उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है, जो कॉर्नियल ब्लाइंडनेस (कॉर्निया संबंधी अंधापन) से जूझ रहे हैं. डॉ कुमार ने बताया कि इस गंभीर समस्या से पीड़ित मरीज सात दिनों के अंदर अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं. यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर कोई पात्र मरीज सामने नहीं आता है, तो उपलब्ध कॉर्निया को रांची स्थित रिम्स भेज दिया जायेगा. कॉर्निया प्रत्यारोपण क्यों है जरूरी : कॉर्निया आंख का पारदर्शी सामने वाला हिस्सा होता है, जो प्रकाश को आंख के भीतर प्रवेश करने और दृष्टि बनाने में मदद करता है. चोट, संक्रमण, जन्मजात बीमारियां या किसी अन्य वजह से कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो जाने पर मरीज की आंखों को रोशनी चली जाती है. कॉर्निया ट्रांसप्लांट इस समस्या का एकमात्र प्रभावी इलाज है. इसमें दान किये गये स्वस्थ कॉर्निया को मरीज की आंख में लगाया जाता है. सफल ऑपरेशन के बाद मरीज सामान्य दृष्टि वापस पा सकता है. नेत्रदान ही कॉर्निया ब्लाइंडनेस का समाधान : डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अन्य अंगों की तरह कॉर्निया का कोई कृत्रिम विकल्प नहीं है. केवल नेत्रदान ही कॉर्निया ब्लाइंडनेस का समाधान है. जब कोई व्यक्ति मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करता है, तभी ऐसे मरीजों को नया जीवन मिलता है. मरीजों से अपील : एसएनएमएमसीएच प्रबंधन ने मरीजों और उनके परिजनों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति या परिवार कॉर्निया प्रत्यारोपण के योग्य मरीज को जानता है, तो अगले सात दिनों में अस्पताल के नेत्र रोग विभाग से संपर्क करें. यह केवल एक मेडिकल सुविधा नहीं, बल्कि किसी की जिंदगी बदलने का मौका है. डॉ कुमार ने बताया कि समय पर सही मरीज तक कॉर्निया पहुंचना बेहद जरूरी है. यदि कोई मरीज समय पर संपर्क करेगा तो उसकी जिंदगी अंधकार से प्रकाश की ओर लौट सकती है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: एसएनएमएमसीएच में हुआ नेत्रदान appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: रंगदारी मामले में फरार प्रिंस के गुर्गा अदनान के घर पुलिस ने की कुर्की-जब्ती

Dhanbad News: बैंकमोड़ थाना क्षेत्र के वासेपुर कमरमकदुमी रोड स्थित प्रिंस खान के गुर्गे अदनान उर्फ अंडा के घर भूली ओपी व बैंक मोड़ थाना की पुलिस ने शनिवार को कुर्की जब्ती की कार्रवाई की. पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज था और पुलिस पहले ही इश्तेहार की कार्रवाई कर चुकी है. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर कुर्की की प्रक्रिया की जा रही है. मजिस्ट्रेट की निगरानी में हुई कुर्की : भूली ओपी प्रभारी अभिनव कुमार के नेतृत्व में कुर्की की कार्रवाई की गयी. जब पुलिस व मजिस्ट्रेट अंडा के घर पहुंचे तो पता चला कि उसका घर बंद है. इसके बाद उसके घर में लगा ताला तोड़ा गया और कुर्की की प्रक्रिया शुरू की गयी, लेकिन घर लगभग खाली पड़ा हुआ था और पुलिस ने वहां मिले थोड़े-बहुत सामानों को जब्त कर लिया. मुहल्ला में लग गयी थी भीड़ : कुर्की के दौरान मुहल्ला के लोगों का भीड़ लग गयी थी. आसपास के लोगों ने बताया कि अंडा के परिजन भी धनबाद छोड़ कर चले गये हैं और अंडा भी धनबाद में नहीं रहता है. वहीं पुलिस ने आसपास के लोगों बताया कि यदि किसी को अंडा की जानकारी हो तो वह पुलिस को सूचना दें. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: रंगदारी मामले में फरार प्रिंस के गुर्गा अदनान के घर पुलिस ने की कुर्की-जब्ती appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: प्रिंस की महिला मित्र ने भी दुबई में बनाया अपना ठिकाना

Dhanbad News: वासेपुर के फरार अपराधी प्रिंस खान के साथ अदनान उर्फ अंडा की बहन भी यूएइ के शारजाह में अपना ठिकाना बनाये हुए है. पुलिस अदनान की बहन की पूरी गतिविधि पर नजर बनाये हुए है. पुलिस का कहना है कि प्रिंस के विदेश भाग जाने के कुछ माह बाद प्रिंस की स्त्री मित्र भी दुबई चली गयी और वहां उन लोगों के संपर्क में रह रही है. पुलिस ने बताया कि प्रिंस खान की अंडा की बहन के साथ एक ही स्थान पर घर रहने के कारण वासेपुर से दोस्ती थी. इसके बाद प्रिंस पहले दुबई भागा और उसके बाद उसका भाई गोपी, मेजर और बाद में प्रिंस खान की पत्नी और शिशु वहीं पर शिफ्ट हो गये. बाद में प्रिंस खान ने अपनी स्त्री मित्र अंडा की बहन को भी दुबई बुला लिया है. अगल-अलग स्थान पर रहते हैं दोनों पुलिस ने बताया कि प्रिंस खान अपने परिवार के साथ अलग स्थान पर रहता है और उसकी स्त्री मित्र अलग स्थान पर रहती है. दोनों स्थानों का खर्च प्रिंस खान ही उठाता है. वहीं पुलिस अब उसकी स्त्री मित्र की कुंडली निकाल रहा है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: प्रिंस की स्त्री मित्र ने भी दुबई में बनाया अपना ठिकाना appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: कोयलांचल की पूजा में बंगाल की झलक, बंगाली पद्धति से होती है मां की स्तुति

Dhanbad News: सत्या राज, धनबाद. धनबाद कोयलांचल के दुर्गोत्सव में बंगाली परंपरा व रीति-रिवाज की झलक देखने को मिलती है. बंगाली समुदाय का दुर्गोत्सव बंगाल की तरह महालया से ही प्रारंभ हो जाता है. इस दहन आगोमनी कर मां की स्तुति की जाती है. पुराना बाजार रतन जी रोड में स्व अस्तिनी राय ने 1904 में दुर्गोत्सव की शुरुआत की थी. यहां आज भी बंगाली रीति से पूजा होती आ रही है. अभी उनकी चौथी पीढ़ी दुर्गापदो राय परंपरागत पूजा करते हैं. चैरिटेबल एंड रिलीजियस ट्रस्ट की ओर से दुर्गा मंदिर रोड हीरापुर में 112 साल पहले 1913 में पूजा की शुरुआत हुई थी. हीरापुर हरिमंदिर शारदीय सम्मेलनी द्वारा 1933 से मां दुर्गा की आराधना की जा रही है. पांच पीढ़ियों से मूर्तिकार मूर्ति बना रहे हैं. वहीं तीन पीढ़ी के लोग मां का भोग बना रहे हैं. ढाकिया ढाक बजा कर मां को करते हैं जागृत : श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति रतनजी रोड पुराना बाजार में 1905 से पूजा की जा रही है. यहां भी बंगाली रीति रिवाज से पूजा होती है. बांकुड़ा की चार पीढ़ी के पुजारी पूजा कराते आ रहे हैं. वहीं पूजा के आयोजन में पांच पीढ़ी के लोग शामिल हैं. कलश स्थापन के बाद पंचमी तिथि से पूरी तरह से बंगाली संस्कृति पूजा में दिखती है. पंडाल के साथ प्रतिमा का अनावरण किया जाता है. यहां की लाइट के अलावा पंडाल, भोग बनानेवाले, ढाकी व पुजारी सभी बंगाल क्षेत्र से आते हैं. पूजा के बजट का 50 प्रतिशत इनके भुगतान पर खर्च होता है. पंचमी तिथि से पुजारी, ढाकिया व भोग बनाने वाले पंडाल में पहुंच जाते हैं. चंदन नगर के कारीगरों द्वारा आकर्षक लाइटिंग की जाती है. ढाकिया ढाक बजा कर मां को जागृत करते हैं. षष्टि तिथि को बेलवरण कर नवपत्रिका प्रवेश पंडाल में कराया जाता है. सप्तमी तिथि को तालाब से कोलाबोऊ को लाया जाता है. दशमी के दिन सिंदूर स्पोर्ट्सा के बाद मां का खोइछा भर कर विदाई दी जाती है. हीरापुर हरिमंदिर में 1933 से हो रही है पूजा पीयूष रंजनहीरापुर हरिमंदिर शारदीय सम्मेलनी में 1933 से पारंपरिक पूजा की जा रही है. समिति के संयुक्त सचिव पीयूष रंजन ने बताया कि पुजारी धनंजय चक्रवर्ती द्वारा पूजन कार्य संपन्न होता है. चंदनकियारी के मधुसूदन मुखर्जी द्वारा भोग बनाया जाता है, सियालदह के ढाकी द्वारा पंचमी तिथि से ढाक बजना प्रारंभ हो जाता है. षष्टि तिथि को बेलवरण के बाद सप्तमी को कोलाबोऊ को लाया जाता है. सिंदूर स्पोर्ट्सा के बाद प्रतिमा विसर्जित की जाती है. बंगाली कल्याण समिति करती है पारंपरिक पूजाकंचन डेबंगाली कल्याण समिति के कंचन डे बताते हैं हमारी समिति जिला परिषद मैदान में पूरी तरह पारंपरिक पूजा करती है. जगत जननी की डाक साज प्रतिमा स्थापित कर पारंपरिक पूजा की जाती है. कतरास के मलय चक्रवर्ती पूजन कार्य करते हैं. वीरभूम के ढाकी द्वारा पंचमी तिथि से प्रतिमा विसर्जन तक ढाक बजाया जाता है. सप्तमी तिथि को तालाब से विधि विधान से कोलाबोऊ को लाया जाता है. सप्तमी से नवमी तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. दशमी को सिंदूर स्पोर्ट्सा के बाद प्रतिमा विसर्जित होती है. न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी में 1960 से हो रही है पूजामुनेश्वर सिंहश्री श्री दुर्गा पूजा समिति न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी में 1960 से पूजा की जा ही है. समिति के महासचिव मुनेश्वर सिंह ने बताया कि यहां हिंदूृमुस्लिम मिलकर पूजा संपन्न कराते हैं. पूजा बंगाली रीति रिवाज से होती है. पुजारी बांकुड़ा व ढाकी वर्दमान से आते हैं. पंपू तालाब से कोलाबोऊ का लाया जाता है. यहां का सिंदूर स्पोर्ट्सा व प्रतिमा विसर्जन खास होता है. विसर्जन में स्त्रीएं भी शामिल होती हैं. एलसी रोड में पूजा का है 51वां सालसम्राट चौधरीयूथ क्लब सेवा समिति एलसी रोड में पूजा की शुरुआत 1974 में की गयी थी. इस बार पूजा का 51वां साल है. समिति के सचिव सम्राट चौधरी ने बताया कि आकर्षक लाइटिंग के लिए हर साल समिति को प्रथम पुरस्कार मिलता है. चंदन नगर के कारीगर द्वारा लाइटिंग की गयी है. वीरभूम से ढाकी आते हैं बांकुड़ा के पुजारी दुलाल उपाध्याय पूजन करते हैं. कोलाबोऊ को लाने से लेकर सिंदूर स्पोर्ट्सा विसर्जन तक में बंगाली पद्धति शामिल रहती है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: कोयलांचल की पूजा में बंगाल की झलक, बंगाली पद्धति से होती है मां की स्तुति appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: प्रशासन ने बाइक से निकला फ्लैग मार्च

पूजा पंडालों की सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा वरीय संवाददाता, धनबाद दुर्गा पूजा को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस महकमा अलर्ट है. शनिवार को उपायुक्त आदित्य रंजन और एसएसपी प्रभात कुमार के नेतृत्व में पुलिस एवं जिला प्रशासन की टीम ने बाइक से फ्लैग मार्च निकाला. इसका उद्देश्य जिले में शांति-व्यवस्था और सुरक्षा का संदेश देना था. फ्लैग मार्च के दौरान पूजा समितियों ने भी पुलिस-प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया और दुर्गा पूजा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में सहयोग का भरोसा दिलाया. कई इलाकों का किया भ्रमण पुलिस लाइन से निकला फ्लैग मार्च स्टील गेट, गोल बिल्डिंग, झारखंड मैदान, बरमसिया, मनईटांड़, जोड़ा फाटक, धनसार, बैंक मोड़, मटकुरिया, केंदुआडीह, जोगता, लोदना, सिजुआ, कतरास, बाघमारा, विनोद बिहारी चौक, पांडरपाला, भूली, वासेपुर और नया बाजार, पूजा टाकीज, कोर्ट मोड़ समेत दर्जनों क्षेत्रों से होकर गुजरा. इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इलाके की स्थिति का जायजा लेते रहे. पूजा पंडालों और मेलों का निरीक्षण फ्लैग मार्च के दौरान विभिन्न पूजा पंडालों और मेलों का निरीक्षण किया गया. वरीय अधिकारियों ने आयोजकों को सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया. यातायात व्यवस्था की भी समीक्षा की, ताकि भीड़ के दौरान लोगों को परेशानी न हो. फ्लैग मार्च में शामिल रहे कई अधिकारी व जवान फ्लैग मार्च में उपायुक्त आदित्य रंजन, एसएसपी प्रभात कुमार, सिटी एसपी ऋत्विक श्रीवास्तव, एडीएम (विधि-व्यवस्था) हेमा प्रसाद, एसडीएम राजेश कुमार, डीएसपी मुख्यालय डीएन बंका, डीएसपी सीसीआर सुमित कुमार, डीएसपी विधि व्यवस्था नौशाद आलम, डीएसपी वन शंकर कामती, डीएसपी ट्रैफिक अरविंद सिंह, डीएसपी साइबर संजीव कुमार समेत विभिन्न थाना प्रभारी और बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी शामिल थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: प्रशासन ने बाइक से निकला फ्लैग मार्च appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: जलापूर्ति पाइप क्षतिग्रस्त होने पर तुरंत शुरू होगी मरम्मत, पेट्रोलिंग बढ़ी

धनबाद. त्योहार में जल संकट नहीं हो, इसके लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सजग है. मेंटनेंस के लिए जहां अतिरिक्त मैन पावर लगाया गया है. वहीं दूसरी ओर मैथन से आ रहे जलापूर्ति पाइप लाइन व शहर में जलापूर्ति पाइपलाइन की पेट्रोलिंग बढ़ा दी गयी है. पाइप लाइन में लिकेज आदि की जानकारी मिलते ही तुरंत इसकी मरम्मत का काम शुरू किया जायेगा. इसके लिए पहले से मौजूद मैन पावर के साथ अतिरिक्त 10 लोगों को रखा गया है. 60 से 62 एमएलडी दिया जा रहा पानी शहर के 19 जलमीनारों से रोज 60 से 62 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है. लोगों को जरूरत भर पानी मिल सके इसके लिए जलमीनार से अधिक समय तक पानी खोला जा रहा है. जलापूर्ति से संबंधित समस्या हो, तो करें शिकायत जलापूर्ति से जुड़ी कोई समस्या हो तो इसके लिए 9234389777 पर कॉल कर शिकायत कर सकते हैं. पेयजल विभाग का कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है. लोग यहां पानी से जुड़ी कोई भी शिकायत कर सकते हैं. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: जलापूर्ति पाइप क्षतिग्रस्त होने पर तुरंत शुरू होगी मरम्मत, पेट्रोलिंग बढ़ी appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: कोहरा को लेकर दिसंबर से मार्च तक प्रभावित रहेगी ट्रेनें

दुर्गियाना सुपरफास्ट समेत अन्य ट्रेनें रद्द धनबाद. ठंड के दिनों में पड़ने वाले कोहरा को देखते हुए ट्रेनों के रद्द होने का सिलसिला शुरू होगा. रेलवे की ओर से से इसकी सूचना जारी की गयी है. इसमें धनबाद व गोमो स्टेशन होकर चलने वाली ट्रेनें शामिल हैं. दो दिसंबर से 27 फरवरी तक ट्रेन संख्या 12327 हावड़ा-दूहरादून उपासना एक्सप्रेस रद्द रहेगी, तीन दिसंबर से 28 फरवरी तक ट्रेन संख्या 12328 देहरादूर-हावड़ा उपासना एक्सप्रेस, छह, 13, 20, 27 दिसंबर, तीन, 10, 17, 24 और 31 जनवरी, सात, 14, 21 और 28 फरवरी को प्रस्थान करने वाली ट्रेन संख्या 12357 कोलकाता-अमृतसर दुर्गियाना सुपरफास्ट एक्सप्रेस, आठ, 15, 22 और 29 दिसंबर, पांच, 12, 19 और 26 जनवरी, दो, नौ, 16 और 23 फरवरी और दो मार्च को प्रस्थान करने वाली ट्रेन संख्या 12358 अमृतसर-कोलकाता दुर्गियाना सुपरफास्ट एक्सप्रेस, दो दिसंबर से 28 फरवरी तक मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को प्रस्थान करने वाली ट्रेन संख्या 12988 अजमेर-सियादह सुपरफास्ट एक्सप्रेस, तीन दिसंबर से एक मार्च तक हर बुधवार, शुक्रवार और रविवार को प्रस्थान करने वाली 12987 सियालदह-अजमेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस रद्द रहेगी. वहीं एक, आठ, 15, 22, 29 दिसंबर, पांच, 12, 19 और 26 जनवरी, दो, नौ, 16 और 23 फरवरी को प्रस्थान करने वाली ट्रेन संख्या 12178 मथुरा-हावड़ा चंबल एक्सप्रेस मथुरा और आगरा के बीच रद्द रहेगी, वहीं पांच, 12, 19, 26 दिसंबर, दो, नौ, 16, 23, 30 जनवरी, छह, 13, 20 व 27 फरवरी को प्रस्थान करने वाली ट्रेन संख्या 12177 हावड़ा-मथुरा चंबल एक्सप्रेस आगरा और मथुरा के बीच रद्द रहेगी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: कोहरा को लेकर दिसंबर से मार्च तक प्रभावित रहेगी ट्रेनें appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: आपदा पर भारी आस्था : भूली बी ब्लॉक में 24 घंटे में खड़ा हुआ नया पंडाल

भूली. श्रद्धा और आस्था के आगे विपरीत परिस्थितियां भी हार मान लेती हैं. इसका उदाहरण भूली बी ब्लॉक सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति ने पेश किया. शुक्रवार को तेज बारिश के कारण 110 फीट ऊंचा तिरुपति बालाजी मंदिर की अनुकृति पर आधारित भव्य पंडाल धराशायी हो गया था. यह क्षण समिति और स्थानीय लोगों के लिए बेहद निराशाजनक था, लेकिन पूजा समिति ने हार नहीं मानी. पंडाल गिरा, पर अडिग रहा समिति व कारीगरों का हौसला पंडाल गिरने के बाद भी समिति और कारीगरों का हौसला अडिग रहा. टूटे हुए ढांचे को हटाकर उसी रात से नया पंडाल खड़ा करने का काम शुरू कर दिया गया. महज 24 घंटे के अंदर कारीगरों के अथक परिश्रम और स्थानीय लोगों के सहयोग से 50 फीट ऊंचा और 45 फीट चौड़ा नया पंडाल खड़ा कर दिया. तिरुपति बालाजी मंदिर की अनुकृति ही बनेगी आकर्षण का केंद्र पूजा समिति के अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि भले ही 110 फीट का पंडाल गिर गया, लेकिन आस्था अडिग रही. श्रद्धालुओं को अब भी तिरुपति बालाजी मंदिर की अनुकृति का ही दर्शन मिलेगा. अंतर सिर्फ इतना है कि पंडाल थोड़ा छोटा होगा. लेजर लाइट शो से सजेगा नया पंडाल कारीगरों ने दिन-रात मेहनत कर पंडाल का ढांचा तैयार कर दिया है. सोमवार तक इसे पूरी तरह सजा दिया जाएगा. इस बार पंडाल का खास आकर्षण लेजर लाइट शो होगा, जो भक्तों को मंत्रमुग्ध करेगा. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: आपदा पर भारी आस्था : भूली बी ब्लॉक में 24 घंटे में खड़ा हुआ नया पंडाल appeared first on Naya Vichar.

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