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October 6, 2025

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Women World Cup 2025: न्यूजीलैंड को मिली करारी शिकस्त, साउथ अफ्रीका ने दी 6 विकेट से मात, ब्रिट्स की शानदार सेंचुरी

स्त्री वर्ल्ड कप 2025 (Women World Cup 2025) के सातवें मुकाबले में साउथ अफ्रीका (SA W) ने दमदार प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड (NZ W)को 7 विकेट से मात दी. यह मुकाबला पूरी तरह अफ्रीकी टीम के नाम रहा, जहां पहले गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और फिर बल्लेबाजों ने रन चेज को आसान बना दिया. न्यूजीलैंड को लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा, वहीं साउथ अफ्रीका ने टूर्नामेंट में अपनी लय मजबूत कर ली. (South Africa Beat New Zealand By 6 Wickets). न्यूजीलैंड की खराब शुरुआत टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही. पहली ही गेंद पर अनुभवी ओपनर सूजी बेट्स बिना खाता खोले पवेलियन लौट गईं. इसके बाद अमेलिया केर (23) और जॉर्जिया प्लीमर (31) ने थोड़ी कोशिश जरूर की, लेकिन दोनों लय बरकरार नहीं रख सकीं. कप्तान सोफी डिवाइन ने एक बार फिर जिम्मेदारी उठाते हुए शानदार 85 रन (98 गेंद, 9 चौके) की पारी स्पोर्ट्सी. उनके साथ ब्रूके हैलिडे ने भी तेजतर्रार 45 रन बनाए. बावजूद इसके न्यूजीलैंड की टीम 50 ओवर पूरे नहीं स्पोर्ट्स पाई और 47.5 ओवर में 231 रन पर ऑलआउट हो गई. म्लाबा की घातक गेंदबाजी साउथ अफ्रीका की स्पिनर नॉनकुलुलेको म्लाबा ने न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी. उन्होंने अपने 10 ओवर में सिर्फ 40 रन देकर 4 अहम विकेट झटके. उनकी सटीक गेंदबाजी ने कीवी बल्लेबाजों को खुलकर स्पोर्ट्सने का मौका नहीं दिया. उनके अलावा मरिजाने कैप और अयाबोंगा खाका ने भी महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए, जिससे न्यूजीलैंड की पारी रफ्तार नहीं पकड़ सकी. ब्रिट्स-लुस की रिकॉर्ड साझेदारी लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की शुरुआत भले ही खराब रही, लेकिन उसके बाद तैजमिन ब्रिट्स और सुने लुस ने कीवी गेंदबाजों पर जमकर हमला बोला. दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 159 रन की रिकॉर्ड साझेदारी हुई. ब्रिट्स ने 87 गेंदों में शानदार 101 रन की पारी स्पोर्ट्सी और प्लेयर ऑफ द मैच बनीं. वहीं लुस ने 114 गेंदों में 83 नाबाद रन बनाकर टीम को जीत दिलाई. साउथ अफ्रीका ने यह लक्ष्य 40.5 ओवर में 6 विकेट रहते हासिल कर लिया. न्यूजीलैंड सबसे ज्यादा हारने वाली टीम यह हार न्यूजीलैंड के लिए इतिहास में एक नकारात्मक रिकॉर्ड लेकर आई. यह स्त्री वनडे वर्ल्ड कप में उनकी 32वीं हार थी, जिससे वे टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज्यादा मैच हारने वाली टीम बन गईं. ऑस्ट्रेलिया से पिछली हार के बाद यह लगातार दूसरी शिकस्त है, जिससे न्यूजीलैंड की सेमीफाइनल की राह मुश्किल होती दिख रही है. ये भी पढ़ें- यह मेरे और मेरे परिवार… युवा खिलाड़ी क्रांति गौड़ ने पाकिस्तान की बैंड बजाने के बाद दिया बड़ा बयान आंख दिखाती है… हरमनप्रीत ने निकाली पाकिस्तानी गेंदबाज की हेकड़ी, 11 सेकंड के वीडियो ने मचाया तहलका The post Women World Cup 2025: न्यूजीलैंड को मिली करारी शिकस्त, साउथ अफ्रीका ने दी 6 विकेट से मात, ब्रिट्स की शानदार सेंचुरी appeared first on Naya Vichar.

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Ahoi Ashtami Vrat 2025: पहली बार कर रही हैं संतान के लिए अहोई अष्टमी का व्रत? जानें उपवास के सभी नियम, तिथि और माता का प्रिय भोग

Ahoi Ashtami Vrat 2025: अहोई अष्टमी का पर्व हिंदुस्तान में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन विवाहित स्त्रीएं संतान प्राप्ति की कामना और माताएं अपनी संतान की लंबी आयु एवं सुरक्षा के लिए व्रत रखती हैं. पर्व के दौरान स्त्रीएं व्रत रखकर माता अहोई की आराधना करती हैं. व्रत के समय कुछ आवश्यक नियमों का पालन करना जरूरी होता है ताकि पूजा बिना किसी गलती के पूर्ण और सफल हो. अहोई अष्टमी कब है? अहोई अष्टमी हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. साल 2025 में यह पर्व 13 अक्टूबर (सोमवार) को मनाया जाएगा. अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और 14 अक्टूबर 2025 को सुबह 11 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगा. इसलिए अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा. माता अहोई को किस चीज का भोग लगाएं? माना जाता है कि इस दिन माता अहोई को पूड़ी, मालपुआ, चावल और दूध का भोग अर्पित करना शुभ होता है. व्रत के दौरान क्या व्रती फलाहार कर सकती हैं? अहोई अष्टमी के पावन दिन स्त्रीएं निर्जला व्रत रखती हैं, मतलब इस दिन व्रत के दौरान किसी भी प्रकार का अनाज, फल, दूध या जल ग्रहण नहीं किया जाता है. व्रत का पारण कब किया जाता है? व्रत सूर्योदय के साथ शुरू होता है. वहीं इसका समापन रात में तारों के दर्शन और उन्हें अर्घ्य देने के बाद किया जाता है. ध्यान रखें, अर्घ्य देने से पहले पारण न करें. ऐसा करने पर व्रत अधूरा माना जाता है, इसलिए अर्घ्य देने के बाद ही पारण करें. अहोई अष्टमी वाले दिन व्रती को सबसे पहले क्या करना चाहिए? अहोई अष्टमी वाले दिन व्रती को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, फिर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. शाम के समय माता अहोई की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करके विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए और व्रत कथा का पाठ करना चाहिए. क्या अहोई अष्टमी के दिन दान-पुण्य करना चाहिए? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन किया गया पुण्य दोगुना फल देता है. व्रत के दौरान क्या नहीं करना चाहिए? इस दिन व्रती को क्रोध नहीं करना चाहिए और न ही अपशब्दों का प्रयोग करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. इसके अलावा, व्रत के दौरान नकारात्मक विचारों से भी बचना चाहिए. पूजा संपन्न होने के बाद क्या करना चाहिए? पूजा समाप्त होने के बाद शाम के समय व्रती को अपनी सास या घर की बड़ी-बुजुर्ग स्त्री को कपड़े या उपहार देना चाहिए और उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए. Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. नया विचार किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. यह भी पढ़े: Ahoi Ashtami Vrat 2025: अहोई अष्टमी व्रत के दिन माताएं भुलकर भी न करें ये काम, वरना नहीं मिलेगा पुजा का फल The post Ahoi Ashtami Vrat 2025: पहली बार कर रही हैं संतान के लिए अहोई अष्टमी का व्रत? जानें उपवास के सभी नियम, तिथि और माता का प्रिय भोग appeared first on Naya Vichar.

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Chanakya Niti: महिलाएं खाना बनाते समय अक्सर करती हैं ये 3 गलतियां, घर की खुशियां और तरक्की देखते ही देखते हो जाती है खत्म

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है. अपने जीवनकाल के दौरान उन्होंने कई तरह की बातें बताई जिन्हें आगे चलकर चाणक्य नीति के नाम से जाना जाने लगा. उनकी जो नीतियां थी वे आज के समय में भी मानवजाति को सही रास्ता दिखाने का काम करती हैं और साथ ही जीवन में कोई बड़ी गलती करने से भी रोकती है. अपनी इन्हीं नीतियों में आचार्य चाणक्य ने स्त्रीओं के खाना बनाते समय की जाने वाली कुछ गलतियों का भी जिक्र किया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर कोई भी स्त्री खाना बनाते समय इन गलतियों को बार-बार दोहराती है तो इसका सीधा असर घर की खुशियों और तरक्की पर पड़ता है. आपके घर की खुशियों पर और तरक्की पर किसी तरह का बुरा असर न पड़े इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें हर स्त्री को खाना बनाते समय दोहराने से बचना चाहिए. तो चलिए इनके बारे में जानते हैं विस्तार से. खाना बनाते समय स्त्रीएं न करें एक दूसरे से बात आचार्य चाणक्य के अनुसार एक स्त्री को कभी भी खाना बनाते समय एक दूसरे से बातें नहीं करनी चाहिए और न ही कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे उसका ध्यान भटके. जब खाना बनाते समय दिमाग भटका हुआ रहता है तो इसका असर भोजन के स्वाद पर पड़ता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब भी आप खाना बनाएं तो आपका पूरा ध्यान उसी में होना चाहिए. यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: 5 ऐसे फैसले जिन्हें लेने से डरता है आम इंसान! समय रहते सीख गए तो बदल जाएगी जिंदगी यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: कब अपना ही पैसा बन जाता है इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन? आचार्य चाणक्य से सीखें पैसों को दोस्त बनाने के तरीके बिना नहाये कभी भी न बनाएं खाना चाणक्य नीति में यह साफ तौर पर बताया गया है की जब आप किचन में घुसें या फिर खाना बनाएं तो इस समय आपका शरीर और कपड़े पूरी तरह से साफ होने चाहिए. अगर आप बिना नहाये खाना बनाती हैं तो उसे शुद्ध नहीं माना जाता है. जब आप इस तरह की चीजों का सेवन करते हैं तो आपकी तबियत बिगड़ सकती है और साथ ही आप मेंटली भी परेशान हो सकते हैं. आपकी यह गलती पूरे घर में निगेटिव एनर्जी को फैलाने का काम करती है जिससे तरक्की होना रुक जाता है. गुस्से में या फिर बेमन खाना बनाने की गलती कई बार ऐसा होता है कि घर में लड़ाई-झगड़े होते हैं या फिर बहस हो जाती है जिससे स्त्रीएं दुखी और परेशान हो जाती हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार इस हालात में भी एक स्त्री को कभी भोजन नहीं बनाना चाहिए. जब आप गुस्से में या फिर दुखी होकर खाना बनाती हैं तो इसका असर भोजन पर पड़ता है और वह भोजन परिवार के सदस्यों में चिड़चिड़ाहट की भावना पैदा कर सकता है. अगर इस तरह के भोजन को खा लिया जाए तो पूरे परिवार में लड़ाई-झगड़े और आपसी क्लेश बढ़ जाते हैं. इसके अलावा आप चाहे कोई भी काम कर रहे हों आपका उसमें मन भी नहीं लगता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जब आप खाना बना रही हैं तो आपका मन शांत होना चाहिए और साथ ही आपको खुश भी रहना चाहिए. Chanakya Niti: क्यों आपको अपने दुश्मन को पूरी तरह से नहीं करना चाहिए नष्ट? आचार्य चाणक्य से जानें चौंकाने वाली वजह Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार इसकी पुष्टि नहीं करता है. The post Chanakya Niti: स्त्रीएं खाना बनाते समय अक्सर करती हैं ये 3 गलतियां, घर की खुशियां और तरक्की देखते ही देखते हो जाती है खत्म appeared first on Naya Vichar.

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Motihari: ढाका के सीमावर्ती गावों में फैला लालबकेया नदी के बाढ़ का पानी, फसलें डूबीं

Motihari: सिकरहना. नेपाल के लालबकेया एवं जान नदी के बाढ़ का पानी ढाका प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों के कई गांवों में फैल गया हैं .निचले हिस्से में बसे दर्जनों परिवारों के घरों में पानी घुस गया है वही गंवई सड़क व खेत खलिहान पूरी तरह डूब गए है. उक्त दोनों नदियों के सैलाब का पानी हिंदुस्तान नेपाल के बोडर्र पिलर संख्या 347/1 के समीप से हिंदुस्तानीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है.जिसके कारण ढाका प्रखंड के उत्तरी भाग के बीरता टोला, हीरापुर,गुरहनवा,भवानीपुर,बलुआ,दोस्तिया, अमवा टोला, महंगुआ, तेलहारा, बड़हरवा फतेमहमद सहित कई गांव प्रभावित हैं. बीरता टोला,हीरापुर, गुरहनवा गांव के निचले हिस्से में बसे दर्जनों परिवारों के घरों में पानी घुस गया हैं. बाढ़ पीड़ित अपने मवेशियों एवं परिवारों के साथ गुरहनवा स्टेशन प्लेटफार्म,हीरापुर मध्य विद्यालय सहित अन्य उच्चे जगहों पर शरण लिए हुए हैं.वही गुरहनवा से भवानीपुर,गुरहनवा से हीरापुर,हीरापुर से बीरता टोला व भवानीपुर, गुरहनवा से कुसमहवा जाने वाली सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा हैं.बाढ़ के पानी से इस इलाके में सैकड़ों एकड़ खेत में लगी धान की फसलें पूरी तरह से डूब गई है़.इधर एसडीओ साकेत कुमार, डीएसपी उदय शंकर,बीडीओ डॉ इस्माइल अंसारी, सीओ अर्चिता हिंदुस्तानी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया.सीओ ने बताया कि फिलहाल बीरता टोला, गुरहनवा स्टेशन एवं ढांगर टोली विद्यालय में कम्युनिटी किचेन चालू कर करीब पांच सौ बाढ़ पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की गई हैं. यातायात के लिए नाव की व्यवस्था किया गया है. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर अन्य बुनियादी चीजें भी जल्द मुहैया कराई जाएगी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Motihari: ढाका के सीमावर्ती गावों में फैला लालबकेया नदी के बाढ़ का पानी, फसलें डूबीं appeared first on Naya Vichar.

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Darbhanga News: दो दिनों की झमाझम बारिश में डूब गयी कई मोहल्लों की सड़कें

Darbhanga News: दरभंगा. दो दिनों की झमाझम बारिश में उमस भरी गरमी से तो काफी हद तक निजात दिला दी, लेकिन भीषण जल जमाव ने जीवन को नर्क बना दिया. विशेषकर निचले इलाकों के मुहल्लों में सड़कें पानी में इस कदर डूब गयी हैं, लगता है मानो बाढ़ का पानी फैल गया है. सदर प्रखंड मुख्यालय के सामने जलजमाव की समस्या और विकराल हो गयी. यहां तो तीन फीट से अधिक पानी जमा हो गया. इस वजह से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण प्राय: प्रत्येक बारिश में यह समस्या निचले इलाकों के मुहल्लावासियों को झेलनी पड़ती है. शुक्रवार एवं शनिवार को हुई बौछार ने इस समस्या को एक बार फिर विकराल कर दिया है. जहां नाला बना भी हुआ है, वहां भी दूसरे क्षेत्र का पानी आकर ठहर गया है. इससे लोगों की न केवल दिनचर्या प्रभावित हो रही है, बल्कि स्त्री, बुजुर्ग व शिशु घर में कैद से हो गये हैं. डूब गयीं कई सड़कें शनिवार रात के बाद रविवार से बारिश लगभग थमी हुई है. बारिश के दौरान शहर के कई मुहल्लों में जल जमाव हो गया था, जहां से धीरे-धीरे पानी निकल गया है. स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गयी. जो मुहल्ले निचले इलाकों में बसे हैं, वहां से दो दिन बाद भी पानी नहीं निकल पाया है. गांधीनगर कटरहिया के बाद लक्ष्मीसागर की गली संख्या पांच एवं छह की स्थिति बदतर हो गयी है. पानी इतना जमा है कि स्कूल बसें भी नहीं आ पा रही है. कई घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है. गैस गोदाम से गढ़िया जाने वाली सड़क में भी कई स्थान पर पानी जमा है. गंज से अललपट्टी जाने वाली सड़क भी डूबी हुई है. शिशु नहीं जा पा रहे स्कूल जलजमाव की वजह से स्कूली बस भी नहीं पहुंच पा रही है. सोमवार को बड़ी संख्या में विशेषकर लक्ष्मीसागर गली संख्या पांच, छह व सात के शिशु स्कूल नहीं जा सके. वहीं बुजुर्ग व स्त्रीएं भी घर से बाहर नहीं निकल सके. कामकाजी को पानी तैरकर आवागमन करना पड़ा. इससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश और गहरा गया है. सदर प्रखंड के समीप स्थिति विकराल सदर प्रखंड मुख्यालय के समीप जल जमाव की विकट समस्या है. पहले तो कार्यालय परिसर तक में पानी प्रवेश कर जाता था. हालांकि परिसर को उंचा कर दिये जाने के बाद काफी हद तक जल जमाव से छुटकारा मिला है, लेकिन सामने की सड़क डूबी होने के कारण कार्यालय तक पहुंच पाना दूभर सा है. दो दिनों की बारिश में पानी और अधिक हो गया है. आसपास के लोग भी इससे होकर गुजरने में खौफ खाते हैं. वैसे पिछले ही महीने निवर्तमान मंत्री सह नगर विधायक संजय सरावगी ने यहां नाला निर्माण का कार्यारंभ किया था, जो अभी आरंभ नहीं हो सका. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Darbhanga News: दो दिनों की झमाझम बारिश में डूब गयी कई मोहल्लों की सड़कें appeared first on Naya Vichar.

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Darbhanga News: आसी गांव में विकल स्मृति पर्व का आयोजन

Darbhanga News: दरभंगा. मैथिली साहित्यकार पं. विष्णु देव झा विकल की दूसरी पुण्यतिथि पर सोमवार को उनके पैतृक गांव आसी में विकल स्मृति पर्व का आयोजन किया गया. आदर्श मैथिली परिषद आसी के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में उनकी पुस्तक मानसरक मुक्ता के परिवर्धित संस्करण का लोकार्पण किया गया. शुभारंभ पं. गंधर्व झा के वेद ध्वनि से हुआ. अध्यक्षता करते हुए डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक ने कहा कि पंडित विष्णु देव झा विकल उच्च कोटि के साहित्यकार थे. उनका रचना संसार वृहद है. डॉ देवकांत मिश्र ने विकल जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि विकल जी साहित्यकार तो थे ही, तंत्र के सिद्ध साधक भी थे. मणिकांत झा ने कहा कि विकल जी की अप्रकाशित कीर्तियों को प्रकाशित करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. शंभूनाथ मिश्र के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में दीपक कुमार झा, शारदानंद सिंह, संजीव कुमार मिश्र, नेहा चौधरी, गुड़िया कुमारी, कृपानाथ झा आदि ने भी विचार रखे. इससे पूर्व विकल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम में गोपीनाथ झा, वेदनाथ झा, धीरज मिश्रा, दयानाद झा, उमा, किरण, इन्द्रकला, संजू, संगीता, जागृति आदि मौजूद थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Darbhanga News: आसी गांव में विकल स्मृति पर्व का आयोजन appeared first on Naya Vichar.

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Darbhanga News: किसानों को छोटे-बड़े कृषि यंत्रोंं पर 50 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान

Darbhanga News: पुरुषोत्तम चौधरी, बहादुरपुर. प्रशासन ने कृषि यांत्रिकीकरण योजना की स्वीकृति दे दी है. इसके तहत किसानों को अनुदानित मूल्य पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें छोटे से बड़े यंत्रों पर 50 से 80 फीसदी तक अनुदान दिया जायेगा. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान छह से 31 अक्तूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. डीबीटी के माध्यम से भेजी जायेगी अनुदान की राशि वित्तीय वर्ष 20255- 26 में कृषि यांत्रिकरण योजना में सीधे किसानों के खाते में अनुदान की राशि भेजी जाएगी. राज्य प्रशासन ने इसकी तैयारी कर ली है. किसानों द्वारा जमा किये गये आवेदनों को लॉटरी के माध्यम से परमिट जारी किया जायेगा. जारी परमिट के अनुसार किसानों को यंत्र की खरीदारी पर विक्रेताओं को पूरा पैसा देना होगा. खरीद की गयी यंत्र की राशि किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे भेजी जाएगी. अब कोई भी विक्रेता अनुदान की राशि काटकर यंत्र किसानों को नहीं देंगे. ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन करते समय किसान रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड, जमीन की रसीद सहित अन्य दस्तावेज जमा करना आवश्यक है. एक किसान को एक प्रकार के कृषि यंत्र पर तीन वर्ष की अवधि में केवल एक बार अनुदान दिया जाएगा. किसानों को एक वित्तीय वर्ष में एक ही कृषि यंत्र पर इसका अनुदान मिलेगा. प्रशासनिक स्वीकृति जारी करने से पहले खरीदी गयी पुराने कृषि यंत्रों पर अनुदान नहीं मिलेगा. इन यंत्रों पर मिलेगा अनुदान कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत 91 यंत्रों पर अनुदान दिया जायेगा. ट्रैक्टर संचालित यंत्र, ,रोटावेटर, थ्रेसर, कल्टीवेटर, बंडफार्मर, रीपर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, डिस्क हेरो, प्लॉउ आदि यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा. कृषि यंत्रों को पंजीकृत विक्रेताओं से खरीदने व कृषि समन्वयकों से सत्यापन के बाद अनुदान किसानों के खाते में भेजी जाएगी. कहते हैं अधिकारी वित्तीय वर्ष 2025-2026 में 91 कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए विभाग ने पोर्टल खोल रखी है. साथ ही कृषि यांत्रिकरण योजना के लिए छह से 31 अक्तूबर तक किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस वित्तीय वर्ष में अनुदान की राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में सीधे भेजी जाएगी. -डॉ सिद्धार्थ, जिला कृषि पदाधिकारी डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Darbhanga News: किसानों को छोटे-बड़े कृषि यंत्रोंं पर 50 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान appeared first on Naya Vichar.

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Muzaffarpur : मीनापुर व साहेबगंज में करेंट लगने से दो लोगों की मौत

प्रतिनिधि, मीनापुर सिवाईपट्टी थाना क्षेत्र के सुरजन पकड़ी गांव के एक अधेड़ व्यक्ति की मौत करेंट लगने से हो गयी. मृतक की शिनाख्त सुरजन पकड़ी गांव के वार्ड संख्या-9 के रामवृक्ष भगत के पुत्र रामबली भगत (67) के रूप हुई. बताया गया कि रामबली भगत अपनी पत्नी के साथ बकरी चराने खेत में गये थे. तभी ऊपर से गुजर रहा हाइटेंशन तार पेड़ में सटने से करंट प्रवाहित होने लगा, जिसकी चपेट में आने से रामबली भगत की मौत मौके पर ही हो गयी. थानाध्यक्ष त्रिपुरारी कुमार राय ने बताया कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया है. घटना के बाद परिजन का रोते-रोते बुरा हाल है. —————- पंखे की मरम्मत कर रहे युवक की करेंट लगने से मौत साहेबगंज. प्रखंड की बसंतपुर चैनपुर पंचायत के मधुबनी में रविवार की रात करेंट लगने से प्रभु पंडित के पुत्र वीरेंद्र कुमार (26) की मौत हो गयी. बताया गया कि वह बिजली मिस्री था. अपने घर में खराब पंखे की मरम्मत कर रहा था. इसी दौरान पंखा में प्रवाहित करेंट की चपेट में आने से युवक की मौके पर ही मौत हो गयी. युवक अभी अविवाहित था. राजद नेता पृथ्वीनाथ राय ने घर पहुंचकर ढांढ़स बंधाया व सांत्वना दी. मौके पर राजद के प्रखंड अध्यक्ष प्रो अजय कुमार, जितेंद्र राम, पारस पासवान, डॉ अमोद, श्रीनिवास आदि लोग मौजूद थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Muzaffarpur : मीनापुर व साहेबगंज में करेंट लगने से दो लोगों की मौत appeared first on Naya Vichar.

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जर्जर तार बदलने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बिजली कार्यालय का किया घेराव

अमरपुर. प्रखंड क्षेत्र की बल्लिकित्ता पंचायत अंतर्गत बलिया गदाल यादव टोला के ग्रामीणों ने जर्जर बिजली तार बदलने तथा गांव में ट्रांसफर्मर लगाने की मांग को लेकर सोमवार को अमरपुर बिजली कार्यालय का घेराव करते हुए विभाग का अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौके पर पवन यादव, विष्णुदेव यादव, प्रमोद यादव, दयानंद यादव, सौरभ कुमार, शंकर यादव, राजेन्द्र यादव आदी ग्रामीणों ने बताया वर्षों पूर्व गांव के बाहर 63 केवी का एक ट्रांसफार्मर लगाया गया है. जिससे रतनपुर मकदुमा पंचायत का वार्ड नंबर तीन तथा बलिया, गदाल यादव टोला तक बिजली सप्लाई किया जा रहा है. एक ट्रांसफार्मर रहने की वजह बिजली नियमित रूप से सप्लाई नहीं हो पा रही है जब भी बिजली आती है तो लॉ वोल्टेज की समस्या बन जाती है. गांव में लगे बिजली का तार काफी जर्जर हो चुकी है. जिस कारण आये दिन तार गलकर गिर जाती है. तार की चपेट में आने से दो मवेशी की मौत भी हो चुकी है. एक ट्रांसफर्मार से चार टोले में बिजली की सप्लाई हो रही है. जर्जर तार की वजह से आये दिन ग्रामीण किसी अनहोनी की घटना घटित होने से भय के माहौल में जीने को विवश हो गये हैं. ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के सहायक अभियंता को लिखित आवेदन देकर सौ केवी का ट्रांसफार्मर लगाने व जर्जर तार बदलकर नया तार लगाने की मांग की है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post जर्जर तार बदलने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बिजली कार्यालय का किया घेराव appeared first on Naya Vichar.

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बरैय में करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित पंचायत सरकार भवन बना खंडहर

विकास की आस में डूबे ग्रामीण, प्रशासनी उदासीनता से टूटी उम्मीदें खगड़िया. बिहार प्रशासन के ग्रामीण विकास द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से बरैय पंचायत में प्रशासन भवन का निर्माण किया गया था. सदर प्रखंड के बरैय पंचायत में निर्मित पंचायत प्रशासन भवन स्थानीय प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र बनने वाला था. अब झाड़-झंखाड़ में ढ़का हुआ खंडहर बनकर रह गया है. भवन के चारों ओर झाड़ियां, टूटी खिड़कियां और उखड़ी दीवारें प्रशासनी व्यवस्था की पोल खोल रही हैं. बरसात में दीवारों से पानी टपकता है. बरामदे में जंगली घास फैल चुका है. कभी पंचायत बैठकें, प्रशासनी योजनाओं की समीक्षा और ग्राम विकास के प्रस्ताव इसी भवन में तय करने के लिए निर्माण किया गया था. लेकिन आज यहां सन्नाटा पसरा है. बताया जाता है कि यह पंचायत प्रशासन भवन मिनी ब्लॉक के रूप में तीन पंचायत-बेला,रानीसकरपुरा व बरैय के लिए बनाया गया था. जिसका उद्घाटन तो हुआ लेकिन आज तक कोई भी कर्मचारी व पदाधिकारी इस भवन शोभा भी बढ़ाने नहीं आये. न अधिकारी आते, न जनप्रतिनिधि झांकते-ग्रामीणों को हो रही परेशानी स्थानीय समाजसेवी राजकिशोर चौधरी ने कहा कि पंचायत प्रशासन भवन में न तो मुखिया की बैठक होती है और न ही सचिव या रोजगार सेवक कभी पहुंचते हैं. प्रशासनी कार्यों के लिए ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय ही जाना पड़ता है. जिससे गरीब तबके को भारी दिक्कत उठानी पड़ती है. जब प्रशासन ने इतना बड़ा भवन बनाया था. तो इसका लाभ लोगों मिलना चाहिए था. लेकिन अब यह सिर्फ फोटो खिंचवाने और रिपोर्ट दिखाने का साधन बन गया है. करोड़ों रुपये की योजना बनी शोपीस प्रशासन ने जिस उद्देश्य से पंचायत प्रशासन भवन योजना की शुरुआत की थी. वह अब सवालों के घेरे में है. ग्रामीणों गणेश प्रसाद ने कहा कि यदि इस भवन में नियमित पंचायत बैठकें, प्रशासनी योजनाओं का संचालन और जनसुनवाई शुरू कर दी जाय. तो सैकड़ों ग्रामीणों को राहत मिलेगी. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण भवन की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. लोगों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से करोड़ों की लागत का यह भवन कागजी विकास का प्रतीक बन गया है. पंचायत प्रशासन भवन में मिनी प्रशासन का हो संचालन गांव के लोगों ने कहा कि बरैय पंचायत प्रशासन भवन में मिनी प्रशासन भवन का संचालन होना चाहिए. पंचायत स्तरीय गतिविधियां शुरू हो. भवन की देखरेख के लिए स्थायी व्यवस्था की जाय. यह कहानी सिर्फ बरैय पंचायत की नहीं है, बल्कि जिले के कई पंचायत प्रशासन भवनों की यही कहानी है. जहां करोड़ों रुपये खर्च कर भवन तो बना दिए गये. लेकिन उसमें न कर्मचारी बैठते हैं न जनप्रतिनिध. कहते हैं अधिकारी जिला पंचायती राज पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि शिकायत मिलेगी तो मामले की जांच कराया जाएगा. फिलहाल उनके जानकारी में नहीं है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post बरैय में करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित पंचायत प्रशासन भवन बना खंडहर appeared first on Naya Vichar.

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