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October 11, 2025

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Motihari: संयुक्त टीम की कार्रवाई में लाखों के जूते और कपड़े बरामद

Motihari: रक्सौल . त्योहारों के मौसम के बीच सशस्त्र पुलिस बल नेपाल, प्रस्तावित सीमा सुरक्षा गुल्म वीरगंज, इलाका प्रहरी कार्यालय छपकैया और वीरगंज भंसार कार्यालय की संयुक्त टीम ने भंसार (सीमा शुल्क) चोरी कर लाए गए लाखों रुपए मूल्य के जूते और कपड़े जब्त किए हैं. विशेष सूचना के आधार पर संयुक्त टीम ने वीरगंज महानगरपालिका–1, सुकुम्बासी इलाके स्थित कई घरों और खेतों में छापा मारा. तलाशी के दौरान वहां हिंदुस्तान से अवैध रूप से लाए गए और भंडारण किए गए कपड़े व जूते बरामद किए गए. इस कार्रवाई में प्रस्तावित सीमा सुरक्षा गुल्म वीरगंज के सशस्त्र पुलिस नायब उपरीक्षक पुरुषोत्तम भंडारी के कमांड में 83 जवान, इलाका प्रहरी कार्यालय छपकैया के प्रहरी वरिष्ठ नायब निरीक्षक मदन बहादुर मल्ल के नेतृत्व में 20 पुलिसकर्मी, और वीरगंज भंसार कार्यालय के अधिकारी गोबिन्द कडेल सहित 2 कर्मचारी — इस तरह कुल 105 सदस्यों की संयुक्त टीम शामिल थी. संयुक्त टीम द्वारा बरामद किए गए सामानों की अनुमानित कीमत 5 लाख 93 हजार 295 नेपाली रुपए आंकी गई है. जब्त किए गए सभी सामानों को शुक्रवार दोपहर करीब 4:30 बजे वीरगंज भंसार कार्यालय में आवश्यक कानूनी कार्रवाई के लिए सुपुर्द किया गया है. सशस्त्र पुलिस बल के सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई सीमा पार से हो रही तस्करी पर नियंत्रण के लिए चलाए गए अभियान का हिस्सा थी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Motihari: संयुक्त टीम की कार्रवाई में लाखों के जूते और कपड़े बरामद appeared first on Naya Vichar.

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Samastipur News:सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर सैनिक स्कूल की टीम ने जीते सात मेडल

Samastipur News:रोसड़ा : सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर सैनिक स्कूल बटहा ने एक बार फिर क्षेत्र का मान बढ़ाया है. विद्यालय की टीम ने विद्या हिंदुस्तानी उत्तर-पूर्व क्षेत्रीय समूह एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 7 मेडल जीतकर सफलता का परचम लहराया. यह प्रतियोगिता सरस्वती विद्या मंदिर, गुलाब बाग (पूर्णिया) के आतिथ्य में आयोजित की गई थी. विद्यालय के मीडिया प्रभारी विजयव्रत कंठ ने बताया कि टीम की खिलाड़ी जयंती कुमारी एवं राजनंदनी ने 4×100 मीटर रिले रेस में रजत पदक हासिल किया. वहीं राहुल कुमार, अयान अहमद व हेमचंद्र हिमांशु ने विभिन्न स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीतकर विद्यालय का गौरव बढ़ाया. प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली टीम के सम्मान में विद्यालय सभागार में एक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर प्रधानाचार्य रामचंद्र मंडल ने विजेताओं को मेडल पहनाकर सम्मानित किया एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. टीम के कोच अशोक कुमार, ड्रिल इंस्ट्रक्टर ऋषिकेश सिंह व ललित कुमार झा को भी बेहतर प्रशिक्षण व मार्गदर्शन के लिए सम्मानित किया गया. सभी ने विजेता खिलाड़ियों को बधाई देते हुए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम में विद्यालय अध्यक्ष बिनोद कुमार,सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, विद्या हिंदुस्तानी उत्तर पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश वर्मा, लोक शिक्षा समिति प्रदेश सचिव रामलाल सिंह, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह व बेगूसराय विभाग निरीक्षक विनोद कुमार, कोच श्वेता झा आदि उपस्थित थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Samastipur News:सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर सैनिक स्कूल की टीम ने जीते सात मेडल appeared first on Naya Vichar.

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Samastipur News:कोल्ड ड्रिंक्स में नशा पिलाकर महिला के आभूषण व रुपये उड़ाये

Samastipur News:समस्तीपुर: बाजार में करवा चौथ की खरीदारी करने पहुंची स्त्री को उसके एक परिचित व्यक्ति ने कोल्ड ड्रिंक्स में नशा मिलाकर पिलाया. जब स्त्री बेहोश हो गयी तो उसे अपने घर ले गया. वहां स्त्री के आभूषण व रुपये गायब कर दिया. दूसरे दिन होश में आने के बाद स्त्री ने विरोध. आरोपित ने उसके साथ मारपीट की. शुक्रवार देर शाम पीड़ित स्त्री मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हकीमाबाद वार्ड सात निवासी चमन पासवान की पत्नी रुना देवी ने स्थानीय पुलिस के डायल 112 पर इसकी शिकायत की. आरोपित विशनपुर टारा गांव का रहने वाला बताया गया है. इधर, शुक्रवार शाम घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के डायल 112 की टीम ने स्त्री को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया. पीड़ित स्त्री ने बताया कि वह गुरुवार को पड़ोस के एक परिचित व्यक्ति के साथ समस्तीपुर बाजार में करवा चौथ के सामान खरीदने घर से आयी थी. उस व्यक्ति ने बाजार में खरीदारी के दौरान कोल्ड ड्रिंक्स में नशा मिलाकर उसे पिला दिया. इसके बाद बेहोशी की हालत में अपने घर ले गया. वहां उसके सोने चांदी का आभूषण व नकद गायब कर दिया. होश में आने के बाद जब उसने विरोध किया तो आरोपित ने उसके साथ मारपीट की. उसने स्थानीय पुलिस के डायल 112 पर इसकी शिकायत की. शुक्रवार शाम स्त्री को सदर अस्पताल लेकर पहुंची पुलिस के डायल 112 के पदाधिकारी सुरेन्द्र झा ने बताया कि स्त्री के द्वारा मारपीट की शिकायत मिली थी. उसे सदर अस्पताल में इलाज कराया गया है. आवेदन मिलने पर संबंधित पुलिस थाना में कार्रवाई की जाएगी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Samastipur News:कोल्ड ड्रिंक्स में नशा पिलाकर स्त्री के आभूषण व रुपये उड़ाये appeared first on Naya Vichar.

समस्तीपुर

लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर समस्तीपुर समाहरणालय में माल्यार्पण कर किया गया नमन

नया विचार न्यूज़ समस्तीपुर – लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर, आज जिला समाहरणालय समस्तीपुर के प्रांगण में समारोह का आयोजन किया गया। जिला पदाधिकारी श्री रोशन कुशवाहा ने जय प्रकाश नारायण जी के तैल चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, नज़ारत उप समाहर्ता सह नोडल पदाधिकारी मीडिया कोषांग, पंचायती राज पदाधिकारी, तथा अन्य वरीय पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहे। सभी पदाधिकारियों ने लोकनायक के चित्र पर पुष्प और माला अर्पित कर उन्हें नमन किया। जिला पदाधिकारी श्री रोशन कुशवाहा ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन राष्ट्र सेवा और जन-कल्याण के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उपस्थित अन्य वरीय पदाधिकारियों ने भी अपने उद्बोधन में लोकनायक के आदर्शों और समाजवाद के प्रति उनके अटूट विश्वास को याद किया। यह समारोह लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी के महान योगदान को याद करने और उनके उच्च आदर्शों पर चलने की प्रतिबद्धता को दोहराने का माध्यम बना।

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Bihar: रेलवे ट्रैक पर काम कर रहा था मजदूर, अचानक आयी ट्रेन, भागने में दूसरे ट्रैक पर पहुंचा कटकर हुई मौत

Bihar, सुजित कुमार सिंह: औरंगाबाद में शनिवार की सुबह गया-पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड पर एक दर्दनाक घटना हुई है. रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे एक 35 वर्षीय मजदूर की मौत ट्रेन से कटकर हो गयी. घटना फेसर थाना क्षेत्र के सिमरी गुमटी के समीप की है. मृतक की पहचान खुदवां थाना क्षेत्र के रघु बिगहा गांव निवासी जानकी सिंह के पुत्र जितेंद्र कुमार के रूप में हुई है. मिली जानकारी के अनुसार जितेंद्र किसी ठेकेदार के अधीन रेलवे ट्रैक पर काम कर रहा था. उसके साथ अन्य कई मजदूर भी काम में लगे हुए थे. काम के दौरान ही अचानक ट्रेन आ गयी. जिसके बाद काम कर रहे मजदूरों में भगदड़ मच गयी. ट्रैक छोड़कर सभी भागने लगे. इतने में जितेंद्र भी हड़बड़ाहट में ट्रैक से भागकर डाउन लाइन पर चला गया. ठीक उसी वक्त एक अन्य एक्सप्रेस ट्रेन आ गयी और वह उसकी चपेट में आ गया. घटनास्थल पर ही जितेंद्र की दर्दनाक मौत हो गयी. घटना के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने काटा बवाल  रेलवे ट्रैक पर मजदूर जितेंद्र की मौत होने की सूचना मिलते ही उसके परिजन और गांव वाले बदहवास हालत में घटनास्थल पर पहुंचे और शव देखते ही चीत्कार उठे. अचानक अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. ठेकेदार और रेलवे के खिलाफ नारेबाजी  शुरू हो गयी. घटना की सूचना मिलते ही फेसर थानाध्यक्ष  वर्षा कुमारी  के दल बल के साथ पहुंची और आक्रोशितों को समझाने- बुझाने का प्रयास किया,लेकिन आक्रोशित ठेकेदार को घटनास्थल पर बुलाने और तुरंत मुआवजा की मांग पर अड़ गये.कुछ लोगों के समझाने के बाद परिजन व गांव वाले माने,जिसके बाद पुलिस ने आगे की प्रक्रिया पूरी करायी. वैसे रफीगंज थाना की पुलिस भी वहां पहुंची थी. थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें पिता की मौत के बाद अनाथ हुए पांच शिशु मजदूर जितेंद्र कुमार की मौत के बाद उसके गांव में हाहाकार मच गया. परिजनों के चीत्कार से गांव का कोना-कोना दहल उठा. जानकारी मिली कि वह अत्यंत निर्धन परिवार से था. पांच छोटे-छोटे शिशु  की जिम्मेवारी उसके कंधे पर थी. तीन बेटियां हैं और दो बेटों के लिए वह हाड़तोड़ मेहनत कर रहा था.  वैसे जितेंद्र अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था. उसकी मौत के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा . पत्नी मालती देवी का रो-रोकर बुरा हाल था. इसे भी पढ़ें: Bihar Elections 2025: “भूमिहार” वोटरों के सहारे प्रशासन बनाने में जुटे तेजस्वी, पिछली बार दिया था महज एक सीट The post Bihar: रेलवे ट्रैक पर काम कर रहा था मजदूर, अचानक आयी ट्रेन, भागने में दूसरे ट्रैक पर पहुंचा कटकर हुई मौत appeared first on Naya Vichar.

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Agriculture: किसानों के लिए प्रधानमंत्री ने दो अहम योजना को किया शुरू

Agriculture: देश की वित्तीय स्थिति में कृषि का अहम योगदान है और अभी भी देश में सबसे अधिक लोग कृषि से जुड़े हुए है. कृषि उत्पादन के मामले में देश आत्मनिर्भर है, लेकिन दलहन के मामले में दूसरे देशों पर निर्भरता है. समय के साथ बढ़ते कृषि लागत के कारण किसानों की आय कम हुई है. ऐसे में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि क्षेत्र को और सशक्त बनाने के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, पशुपालन, मछली पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण को लेकर योजना शुरू की.  पीएम धन धान्य कृषि योजना पर 24 हजार करोड़, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर 11440 करोड़ और पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण पर 5450 करोड़ रुपये खर्च होगा. इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने इस योजनाओं को शुरू करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है. इस दिन ग्रामीण विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाले हिंदुस्तान के दो महान सपूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख का जन्मदिन है. दोनों सपूत देश के ग्रामीण लोगों की आवाज थे और उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. पीएम धन-धान्य कृषि योजना का मकसद किसानों को बेहतर बीज, उन्नत तकनीक और बाजार तक सीधे पहुंच प्रदान कर उनकी आय को दोगुना करना है. इस योजना के तहत किसानों को अनुदान और तकनीकी सहायता दी जाती है ताकि वे खेती के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का प्रयोग कर सकें.  क्या होगा फायदा पीएम धन-धान्य योजना के लिए तीन पैमाना तय किया गया है. पहला पैमाना है खेत से कितनी पैदावार होती है, दूसरा एक खेत में कितनी बार खेती होती है और तीसरा किसानों को लोन या निवेश की कितनी सुविधा है. इस पैमाने के आधार पर 100 जिलों का चयन किया गया है. इस योजना में प्रशासन की 36 योजनाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा. जैसे प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन है, सिंचाई के लिए पर ड्रॉप मोर क्रॉप अभियान, तेल उत्पादन को बढ़ाने के लिए तिलहन मिशन है.  पीएम धन-धान्य कृषि योजना में पशुधन पर भी विशेष फोकस दिया गया है. खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों से पशुओं को बचाने के लिए 125 करोड़ से अधिक टीके मुफ्त लगाए गए हैं और इससे पशु भी स्वस्थ हुए हैं और किसानों की चिंता भी कम हुई है. पीएम धन-धान्य कृषि योजना में स्थानीय स्तर पर पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़े अभियान भी चलाए जाएंगे. आकांक्षी जिला कार्यक्रम की तरह पीएम धन-धान्य कृषि योजना का बहुत बड़ा दायित्व किसानों के साथ ही स्थानीय प्रशासनी कर्मचारियों और उस जिले के डीएम पर होगा. पीएम धन-धान्य कृषि योजना का डिजाइन ऐसा है कि हर जिले की अपनी जरूरत के हिसाब से इसकी प्लानिंग में बदलाव लाया जा सकता है. उसी तरह दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का मकसद दलहनी फसलों के उत्पादन में वृद्धि करना है.  हिंदुस्तान में दलहन की खपत बहुत अधिक है, लेकिन दलहन की खेती में उत्पादन कम होने के कारण हिंदुस्तान को निर्यात के लिए निर्भर रहना पड़ता है. इस मिशन के तहत किसानों को उन्नत बीज, बेहतर सिंचाई व्यवस्था और कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि दलहन की खेती को बढ़ावा मिल सके. इस मिशन का मकसद दाल की खेती में 35 लाख हेक्टेयर की वृद्धि करना है. इस मिशन के तहत तूर, उड़द और मसूर दाल की पैदावार बढ़ाने पर जोर होगा. दाल खरीद की उचित व्यवस्था की जाएगी और इससे देश के करीब दो करोड़ दाल किसानों को लाभ होने की संभावना है.   ReplyForwardShare in chatNew The post Agriculture: किसानों के लिए प्रधानमंत्री ने दो अहम योजना को किया शुरू appeared first on Naya Vichar.

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Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana: मोदी सरकार की इस योजना से बदलेगी किसानों की किस्मत, पीएम ने किया उद्घाटन!

Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर, शनिवार को दो बड़ी कृषि योजनाओं का शुभारंभ किया, जिन पर कुल मिलाकर 35,440 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इनमें से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएम-डीडीकेवाई) की लागत 24,000 करोड़ रुपये है और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की 11,440 करोड़ रुपये है. इन योजनाओं का लक्ष्य किसानों का जीवन बदलना और देश की कृषि को आत्मनिर्भर बनाना है. किसानों के लिए मोदी की नई परियोजनाएं कितनी महत्वपूर्ण हैं? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों की भूमिका 2047 तक विकसित हिंदुस्तान के सपने को पूरा करने में बहुत अहम है. उन्होंने किसानों से उत्पादन बढ़ाकर घरेलू और वैश्विक मांग को पूरा करने का आह्वान भी किया है. मोदी ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और फूड प्रोसेसिंग में 5,450 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 815 करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी. किस तरह बढ़ेगी फसल उत्पादकता और दलहन खेती? पीएम-डीडीकेवाई (PM-DDKY) योजना का मकसद 100 कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों का कायाकल्प करना है. यह योजना फसल उत्पादकता बढ़ाने, फसल डाइवर्सिफिकेशन, सिंचाई और भंडारण सुविधाओं में सुधार और ऋण की पहुंच बढ़ाने पर केंद्रित है. प्रधानमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि 2030 तक दलहन की खेती का क्षेत्र 35 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया जाए. Also Read: Bira 91 crisis: एक शब्द ने हिला दिया Bira 91 का साम्राज्य, नाम बदलते ही आया 748 करोड़ रुपये का झटका! किसानों की मदद से हिंदुस्तान कैसे बनेगा आत्मनिर्भर? दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का लक्ष्य 2030-31 तक दलहन उत्पादन को मौजूदा 252.38 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करना है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी. प्रधानमंत्री ने पिछली प्रशासन पर कृषि क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप भी लगाया और कहा कि पिछले 11 वर्षों में कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों के लिए कई सुधार किए गए हैं. कृषि सुधारों से किसानों को क्या फायदे मिले? पीएम मोदी ने बताया कि बीज से लेकर बाजार तक कई सुधारों के परिणामस्वरूप हिंदुस्तान में कृषि निर्यात दोगुना हुआ है, खाद्यान्न उत्पादन 900 लाख टन बढ़ा है और फलों तथा सब्जियों का उत्पादन 640 लाख टन बढ़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी दरों में हालिया कमी से ग्रामीण हिंदुस्तान और किसानों को फायदा हुआ, क्योंकि इससे ट्रैक्टर जैसी कृषि मशीनरी की कीमतें कम हुई हैं. इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मत्स्य पालन, पशुपालन तथा डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह और कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी भी मौजूद थे. Also Read: Big B Birthday Special: कितनी संपत्ति के मालिक हैं बॉलीवुड के शहंशाह, मना रहे हैं 83वां जन्मदिन The post Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana: मोदी प्रशासन की इस योजना से बदलेगी किसानों की किस्मत, पीएम ने किया उद्घाटन! appeared first on Naya Vichar.

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Dhanteras 2025: धनतेरस के दिन क्यों पूजे जाते हैं मृत्यु के देवता यमराज, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Dhanteras 2025: धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन घरों में माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है. धनतेरस को सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और जीवन में नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि उम्मीदों और नई शुरुआत को दर्शाने वाले इस पावन पर्व पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा क्यों की जाती है? आइए इस सवाल का उत्तर जानने की कोशिश करते हैं, इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा के माध्यम से. पौराणिक कथा पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में हेम नाम के एक राजा हुआ करते थे. उनकी कोई संतान नहीं थी. कई वर्षों तक मनोकामनाएं मांगने और पूजा-पाठ करने के बाद उनके घर एक पुत्र का जन्म हुआ.पुत्र के जन्म से राजा अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने ज्योतिषाचार्यों को बुलाकर शिशु की कुंडली बनवाई.ज्योतिषाचार्य ने बताया कि उनके पुत्र की कुंडली में अकाल मृत्यु का योग है,  यदि उसकी शादी होती है, तो विवाह के दसवें दिन उसकी मृत्यु हो जाएगी. यह सुनकर राजा की खुशियां डर और चिंता में बदल गईं. राजा ने उसी दिन निर्णय लिया कि वह अपने पुत्र का विवाह कभी नहीं करवाएंगे. लेकिन इसके बाद भी राजा दिन-रात अपने बेटे की चिंता में डूबे रहते. एक दिन उन्होंने निश्चय किया कि पुत्र को ऐसी जगह भेज दें जहां कोई स्त्री न रहती हो. राजा ने ऐसी एक जगह ढूंढी और अपने बेटे को वहां भेज दिया. लेकिन वहां जाकर राजकुमार की मुलाकात एक सुंदर कन्या से हुई. धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया और उन्होंने गंधर्व विवाह कर लिया.विवाह के दसवें दिन, जैसा कि भविष्यवाणी में कहा गया था, यमदूत राजकुमार के प्राण लेने पहुंचे. यह देखकर उसकी पत्नी जोर-जोर से रोने लगी.नवविवाहिता को इस तरह विलाप करते देख यमदूतों को बहुत दुख हुआ.वे राजकुमार के प्राण लेकर मृत्यु के देवता यमराज के पास पहुंचे और सारी बात बताई. उन्होंने यमराज से पूछा कि क्या अकाल मृत्यु से मुक्ति का कोई उपाय है? यमराज ने उनके दुखी मन को देखकर कहा कि “यदि कोई व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शाम के समय दीपक जलाता है, तो उसके जीवन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.” तब से ही धनतेरस के दिन यमराज की पूजा की परंपरा शुरू हुई. इस साल धनतेरस कब मनाया जाएगा? पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस का पावन पर्व 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. धनतेरस के दिन किन-किन देवताओं की पूजा होती है? धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और भगवान यमराज की पूजा की जाती है. धनतेरस के दिन किन चीजों को खरीदना शुभ माना जाता है? धनतेरस के दिन बर्तन, सोना-चांदी, वाहन, झाड़ू सहित अन्य घर के सामान खरीदना शुभ माना जाता है. धनतेरस पर नई वस्तुएं खरीदने का धार्मिक महत्व क्या है? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन नई वस्तुएं खरीदने से घर की धन-समृद्धि में 13 गुना वृद्धि होती है. यह भी पढ़ें: Dhanteras Shopping 2025: धनतेरस पर इस शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, जानें इसके अलावा और क्या खरीदना रहेगा शुभ Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. नया विचार किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. The post Dhanteras 2025: धनतेरस के दिन क्यों पूजे जाते हैं मृत्यु के देवता यमराज, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा appeared first on Naya Vichar.

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Railway: नयी दिल्ली पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खुला यात्री सुविधा केंद्र

Railway: देश के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में शामिल नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. नयी दिल्ली स्टेशन पर यात्री सुविधा केंद्र बनाया गया है. इस केंद्र के बनने से यात्रियों को अब अधिक सुविधा मिलेगी और भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी. दिवाली और छठ से पहले इस केंद्र के बनने से यात्रियों की भीड़ को संभालना आसान होगा. शनिवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्थायी यात्री सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया. इस केंद्र का मकसद यात्रियों को सुगम, आरामदायक और भीड़-रहित यात्रा अनुभव मुहैया कराना है. इस केंद्र में एक समय 7 हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है. इस मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि त्यौहार के मौसम में यात्रियों की संख्या काफी बढ़ जाती है. ऐसे में आधुनिक सुविधा से लैस यात्री सुविधा केंद्र से यात्रियों को कई तरह की राहत मिलेगी. आने वाले समय में ऐसे केंद्र देश के अन्य रेलवे स्टेशन पर भी बनाया जाएगा. यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए यात्री सुविधा केंद्र को तीन जोन में बांटा गया है. टिकटिंग एरिया, पोस्ट टिकटिंग और प्री टिकटिंग एरिया बनाया गया है. टिकटिंग एरिया 2860 स्क्वायर मीटर, पोस्ट टिकटिंग एरिया 150 स्क्वायर मीटर और प्री टिकटिंग एरिया 1218 स्क्वायर मीटर का है. पूर्वोत्तर रेलवे ने इस केंद्र को आधुनिक सुविधा से लैस बनाया है ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.  आधुनिक सुविधाओं से लैस है केंद्र नये यात्री सुविधा केंद्र में 22 आधुनिक टिकट काउंटर, 25 ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन, 150 से अधिक शौचालय, पेयजल डिस्पेंसर, और बड़े प्रतीक्षालय (वेटिंग एरिया) की व्यवस्था की गयी है. 200 यात्रियों के बैठने की सुविधा के साथ गर्मी से बचाव के लिए 18 बड़े पंखे,  ट्रेन से जुड़ी जानकारी के लिए 24 स्पीकर और तीन एलईडी स्क्रीन अन्य सेवा की जानकारी के लिए लगायी गयी है. सुरक्षा के लिए 18 सीसीटीवी कैमरे, पांच लगेज स्कैनर, पांच डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर उपलब्ध है.  रेल मंत्री ने कहा कि उत्तर रेलवे ने इसके निर्माण में कई जटिल चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता से निर्माण करने का काम किया. बिना किसी बाधा के पुराने पानी के लाइन, सीवर, केबल और अन्य निर्माण को हटाने का काम किया. भीड़ को कम करने के लिए मेट्रो तक नया ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया. रेल मंत्री ने कहा कि त्योहारों के मौसम में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 12000 से अधिक विशेष ट्रेनों के संचालन की योजना है, जिसमें से लगभग 10700 ट्रेनें दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर चलेंगी, ताकि यात्रियों को घर जाने में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े. इस दौरान रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं सीईओ सतीश कुमार, उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर अशोक कुमार वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. ReplyForwardShare in chatNew The post Railway: नयी दिल्ली पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खुला यात्री सुविधा केंद्र appeared first on Naya Vichar.

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फिलिस्तीनी ‘नेल्सन मंडेला’ मारवान बरगौती कौन हैं, और इजराइल उन्हें रिहा करने से क्यों मना कर रहा है?

Who Is Marwan Barghouti Palestinian Nelson Mandela: मध्य पूर्व की धरती पर एक बार फिर शांति की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन इस शांति की कीमत किसे चुकानी होगी क्योंकि यह सवाल अब भी हवा में तैर रहा है. हमास और इजराइल के बीच जारी युद्धविराम और कैदी अदला-बदली समझौते के बीच एक नाम है जो सबकी जुबान पर है  मारवान बरगौती. कई लोग उन्हें ‘फिलिस्तीन का नेल्सन मंडेला’ कहते हैं, तो कुछ के लिए वे ‘खतरा’. हमास उन्हें आजाद कराना चाहता है, लेकिन इजराइल ने साफ शब्दों में मना कर दिया है. Who Is Marwan Barghouti Palestinian Nelson Mandela: कौन हैं मारवान बरघौती? 1959 में पश्चिमी तट के कोबर गांव में जन्मे मारवान बरगौती फिलिस्तीनी नेतृत्व के सबसे चर्चित और विवादित चेहरों में से एक हैं. बीर जीत विश्वविद्यालय में छात्र नेता के रूप में उनकी पहचान बनी और 1987 के पहले इंतिफादा (विद्रोह) में वे एक प्रमुख आयोजक बन गए. दूसरे इंतिफादा के दौरान, इजराइल ने उन पर फतह से जुड़े सशस्त्र समूहों का लीड करने का आरोप लगाया. यही वह मोड़ था, जब बरघौती की किस्मत ने करवट ली. 2004 में उन्हें पांच लोगों की हत्या के जुर्म में दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. मारवान बरगौती ने उस समय कहा था कि मैं आतंकवादी नहीं हूं, लेकिन न ही मैं शांतिवादी हूं. फिलिस्तीनियों के ‘नेल्सन मंडेला’ क्यों कहे जाते हैं बरगौती? बरगौती जेल में हैं, लेकिन उनका असर जेल की दीवारों से बहुत आगे तक जाता है. वे दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) के समर्थक हैं, लेकिन कब्जे के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध को भी जायज मानते हैं. यही दोहरी पहचान उन्हें फिलिस्तीनी समाज में खास बनाती है. कई फिलिस्तीनी उन्हें ऐसा नेता मानते हैं जो हमास और फतह जैसी प्रतिद्वंद्वी गुटों को भी एकजुट कर सकता है. 2021 में बरगौती ने अपनी नेतृत्वक ताकत दिखाते हुए जेल के भीतर से ही अपनी मतदाता सूची दर्ज कराई थी. वहीं, कैदियों के बेहतर व्यवहार के लिए उन्होंने 40 दिन लंबी भूख हड़ताल का लीड किया. यही वजह है कि बहुत से लोग उन्हें “फिलिस्तीन का नेल्सन मंडेला” कहते हैं. इजराइल क्यों रिहा नहीं करना चाहता बरघौती को? हाल के कैदी अदला-बदली समझौते में, जब हमास और इजराइल के बीच 20 इजराइली बंधकों के बदले करीब 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किए जाने की उम्मीद है, तब भी इजराइल ने बरघौती का नाम सूची से बाहर रखा है. इजराइल बरगौती को एक आतंकवादी नेता के रूप में देखता है और उसे डर है कि उनकी रिहाई से वे फिलिस्तीनी नेतृत्व में एकजुटता का चेहरा बन सकते हैं. यही डर इजराइल के इनकार की असली वजह है. शुक्रवार को इजराइली अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की कि बरघौती मौजूदा डील का हिस्सा नहीं होंगे. बरगौती की रिहाई पर अड़ गया है समूह हमास के वरिष्ठ नेता मूसा अबू मरजूक ने अल जजीरा से बातचीत में साफ कहा है कि संगठन बरगौती और अन्य प्रमुख हस्तियों की रिहाई पर अड़ा हुआ है. हमास ने अब तक हर कैदी सौदे में बरगौती की रिहाई की मांग की है. समूह मानता है कि बरगौती जैसे नेताओं की मौजूदगी फिलिस्तीनी एकता के लिए जरूरी है. हालांकि, इजराइल की नजर में यह “एक नए खतरे का दरवाजा खोलना” है. किन कैदियों को रिहा किया जाएगा? इस कैदी अदला-बदली समझौते में ज्यादातर कैदी हमास और फतह से जुड़े हैं, जिन्हें 2000 के दशक में गिरफ्तार किया गया था. कई पर गोलीबारी, बम विस्फोट और हमलों में इजराइली नागरिकों, बसने वालों और सैनिकों की हत्या के आरोप हैं. सबसे उम्रदराज कैदी समीर अबू नामा (64 वर्ष) हैं, जिन्हें 1986 में जेल हुई थी. सबसे कम उम्र के हैं मोहम्मद अबू कातिश, जिन्हें 2022 में 16 साल की उम्र में गिरफ्तार किया गया था. रिहाई के बाद आधे से ज्यादा कैदियों को या तो गाजा भेजा जाएगा या फिलिस्तीनी इलाकों से बाहर किया जाएगा. बरगौती की लोकप्रियता बरकरार कैद के बावजूद बरगौती की लोकप्रियता कम नहीं हुई. अगस्त में आखिरी बार वे सार्वजनिक रूप से तब दिखे जब इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने जेल में उनसे मुलाकात का एक वीडियो साझा किया था. वीडियो में बेन-ग्वीर ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि इजराइल देश के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को “मिटा देगा” पर यही वीडियो बरघौती के समर्थकों के बीच उनकी “दृढ़ छवि” को और मजबूत कर गया. ये भी पढ़ें: मालदीव में आतंकियों का खतरा! अमेरिका ने संभावित हमलों को लेकर जारी की नई ट्रैवल एडवाइजरी अफगानिस्तान हमारा नंबर 1 दुश्मन! पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने क्यों कही यह बात पाकिस्तान दहला! खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर आत्मघाती हमला, घंटों चली मुठभेड़ में 7 पुलिसकर्मी की मौत The post फिलिस्तीनी ‘नेल्सन मंडेला’ मारवान बरगौती कौन हैं, और इजराइल उन्हें रिहा करने से क्यों मना कर रहा है? appeared first on Naya Vichar.

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