Who Is Marwan Barghouti Palestinian Nelson Mandela: मध्य पूर्व की धरती पर एक बार फिर शांति की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन इस शांति की कीमत किसे चुकानी होगी क्योंकि यह सवाल अब भी हवा में तैर रहा है. हमास और इजराइल के बीच जारी युद्धविराम और कैदी अदला-बदली समझौते के बीच एक नाम है जो सबकी जुबान पर है मारवान बरगौती. कई लोग उन्हें ‘फिलिस्तीन का नेल्सन मंडेला’ कहते हैं, तो कुछ के लिए वे ‘खतरा’. हमास उन्हें आजाद कराना चाहता है, लेकिन इजराइल ने साफ शब्दों में मना कर दिया है. Who Is Marwan Barghouti Palestinian Nelson Mandela: कौन हैं मारवान बरघौती? 1959 में पश्चिमी तट के कोबर गांव में जन्मे मारवान बरगौती फिलिस्तीनी नेतृत्व के सबसे चर्चित और विवादित चेहरों में से एक हैं. बीर जीत विश्वविद्यालय में छात्र नेता के रूप में उनकी पहचान बनी और 1987 के पहले इंतिफादा (विद्रोह) में वे एक प्रमुख आयोजक बन गए. दूसरे इंतिफादा के दौरान, इजराइल ने उन पर फतह से जुड़े सशस्त्र समूहों का लीड करने का आरोप लगाया. यही वह मोड़ था, जब बरघौती की किस्मत ने करवट ली. 2004 में उन्हें पांच लोगों की हत्या के जुर्म में दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. मारवान बरगौती ने उस समय कहा था कि मैं आतंकवादी नहीं हूं, लेकिन न ही मैं शांतिवादी हूं. फिलिस्तीनियों के ‘नेल्सन मंडेला’ क्यों कहे जाते हैं बरगौती? बरगौती जेल में हैं, लेकिन उनका असर जेल की दीवारों से बहुत आगे तक जाता है. वे दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) के समर्थक हैं, लेकिन कब्जे के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध को भी जायज मानते हैं. यही दोहरी पहचान उन्हें फिलिस्तीनी समाज में खास बनाती है. कई फिलिस्तीनी उन्हें ऐसा नेता मानते हैं जो हमास और फतह जैसी प्रतिद्वंद्वी गुटों को भी एकजुट कर सकता है. 2021 में बरगौती ने अपनी नेतृत्वक ताकत दिखाते हुए जेल के भीतर से ही अपनी मतदाता सूची दर्ज कराई थी. वहीं, कैदियों के बेहतर व्यवहार के लिए उन्होंने 40 दिन लंबी भूख हड़ताल का लीड किया. यही वजह है कि बहुत से लोग उन्हें “फिलिस्तीन का नेल्सन मंडेला” कहते हैं. इजराइल क्यों रिहा नहीं करना चाहता बरघौती को? हाल के कैदी अदला-बदली समझौते में, जब हमास और इजराइल के बीच 20 इजराइली बंधकों के बदले करीब 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किए जाने की उम्मीद है, तब भी इजराइल ने बरघौती का नाम सूची से बाहर रखा है. इजराइल बरगौती को एक आतंकवादी नेता के रूप में देखता है और उसे डर है कि उनकी रिहाई से वे फिलिस्तीनी नेतृत्व में एकजुटता का चेहरा बन सकते हैं. यही डर इजराइल के इनकार की असली वजह है. शुक्रवार को इजराइली अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की कि बरघौती मौजूदा डील का हिस्सा नहीं होंगे. बरगौती की रिहाई पर अड़ गया है समूह हमास के वरिष्ठ नेता मूसा अबू मरजूक ने अल जजीरा से बातचीत में साफ कहा है कि संगठन बरगौती और अन्य प्रमुख हस्तियों की रिहाई पर अड़ा हुआ है. हमास ने अब तक हर कैदी सौदे में बरगौती की रिहाई की मांग की है. समूह मानता है कि बरगौती जैसे नेताओं की मौजूदगी फिलिस्तीनी एकता के लिए जरूरी है. हालांकि, इजराइल की नजर में यह “एक नए खतरे का दरवाजा खोलना” है. किन कैदियों को रिहा किया जाएगा? इस कैदी अदला-बदली समझौते में ज्यादातर कैदी हमास और फतह से जुड़े हैं, जिन्हें 2000 के दशक में गिरफ्तार किया गया था. कई पर गोलीबारी, बम विस्फोट और हमलों में इजराइली नागरिकों, बसने वालों और सैनिकों की हत्या के आरोप हैं. सबसे उम्रदराज कैदी समीर अबू नामा (64 वर्ष) हैं, जिन्हें 1986 में जेल हुई थी. सबसे कम उम्र के हैं मोहम्मद अबू कातिश, जिन्हें 2022 में 16 साल की उम्र में गिरफ्तार किया गया था. रिहाई के बाद आधे से ज्यादा कैदियों को या तो गाजा भेजा जाएगा या फिलिस्तीनी इलाकों से बाहर किया जाएगा. बरगौती की लोकप्रियता बरकरार कैद के बावजूद बरगौती की लोकप्रियता कम नहीं हुई. अगस्त में आखिरी बार वे सार्वजनिक रूप से तब दिखे जब इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने जेल में उनसे मुलाकात का एक वीडियो साझा किया था. वीडियो में बेन-ग्वीर ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि इजराइल देश के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को “मिटा देगा” पर यही वीडियो बरघौती के समर्थकों के बीच उनकी “दृढ़ छवि” को और मजबूत कर गया. ये भी पढ़ें: मालदीव में आतंकियों का खतरा! अमेरिका ने संभावित हमलों को लेकर जारी की नई ट्रैवल एडवाइजरी अफगानिस्तान हमारा नंबर 1 दुश्मन! पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने क्यों कही यह बात पाकिस्तान दहला! खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर आत्मघाती हमला, घंटों चली मुठभेड़ में 7 पुलिसकर्मी की मौत The post फिलिस्तीनी ‘नेल्सन मंडेला’ मारवान बरगौती कौन हैं, और इजराइल उन्हें रिहा करने से क्यों मना कर रहा है? appeared first on Naya Vichar.