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October 11, 2025

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सोनवर्षा, सहरसा, महिषी के लिए दूसरे दिन भी नहीं हुआ एक भी नामांकन पत्र दाखिल

महिषी से चार, सहरसा से एक एनआर रसीद कटा सहरसा . विधानसभा चुनाव को लेकर जारी नामांकन के दूसरे दिन भी सोनवर्षा, सहरसा व महिषी विधानसभा के लिए किसी भी प्रत्याशी ने अपना नामांकन दर्ज नहीं कराया. प्रथम चरण में जिले में होने वाले मतदान के लिए 10 अक्तूबर से ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू है. समाहरणालय परिसर में सोनवर्षा, सहरसा व महिषी विधानसभा के लिए प्रत्याशियों का नामांकन किया जा रहा है. जबकि सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा के नामांकन को लेकर एसडीओ सिमरी बख्तियारपुर कार्यालय में नामांकन पत्र लिया जा रहा है. सोनवर्षा, सहरसा एवं महिषी विधानसभा के लिए पिछले दो दिनों में एक भी नामांकन नहीं किया गया. जबकि इस दौरान एक प्रत्याशी ने अपना एनआर रसीद कटाया. शनिवार को इन तीन विधानसभाओं में सोनवर्षा एवं महिषी के लिए एक भी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया. नामांकन 17 अक्तूबर तक सभी कार्य दिवस में लिया जायेगा. सभी तीन विधानसभाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था समाहरणालय में जिले के तीन विधानसभा सोनवर्षा, सहरसा व महिषी विधानसभाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी है. सभी तीन विधानसभाओं के लिए अलग-अलग काउंटर बनाये गये हैं. सभी पर कर्मियों की तैनाती की गयी है. साथ ही निर्वाची पदाधिकारियों को इसकी जबावदेही दी गयी है. सहरसा विधानसभा के लिए सदर एसडीओ निर्वाची पदाधिकारी बनाये गये हैं. जबकि सोनवर्षा विधानसभा के लिए सदर डीसीएलआर एवं महिषी विधानसभा के लिए अपर समाहर्ता निर्वाची पदाधिकारी हैं. वहीं सहरसा एवं सोनवर्षा विधानसभा के लिए प्रत्याशियों का एनआर रसीद सदर अनुमंडल नजारत व महिषी विधानसभा के लिए जिला नजारत में एनआर रसीद कट रहा है. सहरसा विधानसभा के लिए अब तक एक मात्र एनआर रसीद कटा है. जबकि महिषी विधानसभा के लिए अबतक कुल चार एनआर रसीद कटाया गया है. वहीं सोनवर्षा विधानसभा के लिए एक भी एनआर रसीद अबतक नहीं कटाया गया है. समाहरणालय में सुरक्षा व्यवस्था सख्त नामांकन को लेकर समाहरणालय के अंदर व बाहर कुल नौ ड्राॅप गेट बनाये गये हैं. जहां मजिस्ट्रेट के साथ बडी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गयी है. गहन जांच के बाद ही समाहरणालय में प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं सभी विधानसभा के नामांकन प्रक्रिया को लेकर बनाये गये काउंटर पर भी सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गयी है. भीड़ भाड़ से बचाव को लेकर पूरी सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गयी है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post सोनवर्षा, सहरसा, महिषी के लिए दूसरे दिन भी नहीं हुआ एक भी नामांकन पत्र दाखिल appeared first on Naya Vichar.

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सामान्य वाहन दो व स्कूल वाहन तीन नवंबर तक जमा कराने का दिया निर्देश

डीटीओ ने जिले के बस मालिकों और पंप संचालकों के साथ की बैठक की, प्रतिदिन बाइक को 350 व बस 50 सीट से अधिक को मिलेगा 3500 रुपया चुनाव कार्य में उपयोग होंगे 21 प्रकार के लगभग 2500 वाहन सहरसा. आचार संहिता लागू होते ही चुनाव की सरगर्मी तेज हो गयी है. जिला प्रशासन के सभी अधिकारी अपने-अपने कार्य में जुट गये हैं. चुनाव कार्य में सबसे अहम वाहन की जरूरत होती है. चुनाव कार्य के लिए जिले में लगभग 2500 वाहन की जरूरत है. इसमें 21 प्रकार के वाहन शामिल हैं. इन सभी वाहनों का भाड़ा अलग-अलग प्रशासनी रेट पर तय है. इधर, वाहन की उपलब्धता व पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी सुजीत कुमार वर्णवाल ने वाहन मालिकों व पेट्रोल पंप संचालकों के साथ बैठक की. डीटीओ ने कहा कि निर्वाचन के दौरान जिले में विभिन्न मतदान केंद्रों तक मतदान कर्मियों, पुलिस बल एवं निर्वाचन सामग्रियों के सुरक्षित परिवहन के लिए बड़ी संख्या में बसों एवं अन्य वाहनों की आवश्यकता होती है. इन वाहनों की समय पर उपलब्धता तथा निरंतर संचालन के लिए ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. डीटीओ ने कहा कि निर्वाचन कार्य के लिए जिले में पंजीकृत सभी बसों की सूची तैयार कर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. इच्छुक बस संचालकों से वाहन निर्वाचन कार्य के लिए स्वेच्छा से दो नवंबर तक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. साथ ही स्कूल बसों को तीन नवंबर तक अनिवार्य रूप से वाहन जमा करने की बात कही. इस दौरान उन्होंने वाहनों के अधिग्रहण, दर निर्धारण व भुगतान, प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी. डीटीओ ने कहा कि सभी बसों के फिटनेस, बीमा, प्रदूषण प्रमाणपत्र व चालक-परिचालक की पात्रता का सत्यापन किया जाएगा. प्रत्येक बस का रूट मैपिंग एवं मतदान केंद्रवार टैगिंग किया जाएगा. इस दौरान बस संचालकों ने अपनी समस्या जैसे समय पर भुगतान, ड्राइवर उपलब्धता आदि पर चर्चा किया. कूपन प्रणाली के माध्यम से वाहनों में मिलेगा ईंधन डीटीओ ने कहा कि जिले के सभी अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर पेट्रोल पंपवार नोडल निर्धारण किया गया है. जिससे वाहनों को नजदीकी पंप से ईंधन उपलब्ध कराया जा सके फ्यूल कूपन प्रणाली के माध्यम से ईंधन वितरण किया जाएगा. जिसकी निगरानी के लिए जिला परिवहन कार्यालय द्वारा विशेष रजिस्टर एवं मॉनिटरिंग तंत्र स्थापित किया गया है. निर्वाचन अवधि के दौरान सभी पेट्रोल पंपों पर 24 घंटे आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी. वाहन अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित दर ईंधन रहित बस 50 एवं अधिक सीट क्षमता 3500, बस 40 से 49 सीट 3200, मिनी बस 23 से 39 सीट 2500, मैक्सी, सीटी राइड, विंगर, टेम्पो ट्रैवलर 2000, छोटी कार सामान्य 1000, छोटी कार एसी 1100, ट्रेकर, जीप, कमांडर, जिप्सी 1000, बोलेरो, सुमो, मार्शल सामान्य 1200, जाइलो, बोलेरो, सुमो, मार्शल एसी 1500, स्कॉर्पियो, क्वालिस, टवेरा एसी 1900, इनोवा, सफारी एसी 2100, विक्रम, मैजिक, मिनीडोर, ओमनी, फोर्स, मेटाडोर 900, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, ई- कार्ट 700, मोटरसाइकिल 350, भारी मालवाहक छह चक्का 2500, भारी मालवाहक दस चक्का 3000, भारी मालवाहक 3200, कन्टेनर छह चक्का 2700, कन्टेनर दस चक्का 3200, कन्टेनर 3500, मध्यम मालवाहक, मिनी ट्रक 1700, हल्का मालवाहक 1000, हल्का मालवाहक 1400, ट्रैक्टर ट्रेलर 1000, इनोवा क्रिस्टा एसी 3000, सीएनजी कार, अर्टिगा 2100, सीएनजी बस 40 से 49 सीट 3200, सीएनजी बस 23 से 39 सीट 2500 का दर किया गया है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post सामान्य वाहन दो व स्कूल वाहन तीन नवंबर तक जमा कराने का दिया निर्देश appeared first on Naya Vichar.

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पत्थर लोड ट्रेलर अनियंत्रित होकर घर में घुसा, पलटने से अधेड़ की मौत

घटना के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क किया जाम प्रशासन के समझाने व मुआवजा दिलाने के आश्वासन के बाद हटा जाम प्रतिनिधि, हिरणपुर. थाना क्षेत्र डांगापाड़ा- शहरग्राम मुख्य सड़क स्थित बिंदाडीह गांव में शनिवार को दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिससे मौके पर ही एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गयी. घटना के बाद ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद ट्रेलर में लोड गिट्टी से दबे शव को बाहर निकाला. इसके बाद सड़क जाम जमकर विरोध करने लगे. जानकारी के अनुसार, ट्रेलर संख्या डब्ल्यूबी-59D/1215 पत्थर लोड कर शहरग्राम की ओर से हिरणपुर की दिशा में जा रहा था. बिंदाडीह गांव के समीप चालक का वाहन पर से नियंत्रण हट गया और ट्रेलर अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित एक खपरैल के कच्चे मकान में जा घुसा. इस मकान में सकल बेसरा (55) मवेशियों की देखभाल करने के लिए सोये हुए थे. ट्रेलर के पलटने से वह मलबे में दब गये और मौके पर ही मौत हो गयी. घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर पुलिस पदाधिकारी के साथ नोकझोंक की. सूचना पाकर बीडीओ टुडू दिलीप, सीओ मनोज कुमार, थाना प्रभारी रंजन कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची. काफी मशक्कत के बाद डांगापाड़ा के समाजसेवी मोहनलाल भगत एवं अन्य लोगों के हस्तक्षेप से ग्रामीण शांत हुए. प्रशासन की ओर से मुआवजे का भरोसा दिए जाने के बाद सड़क जाम हटाया गया. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बताया जाता है कि उक्त पत्थर लोड ट्रेलर में माइनिंग चालान नही था. घटना के संबंध में थाना प्रभारी रंजन कुमार सिंह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. घटना को लेकर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post पत्थर लोड ट्रेलर अनियंत्रित होकर घर में घुसा, पलटने से अधेड़ की मौत appeared first on Naya Vichar.

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एक ही काम करो, लेकिन अलग तरीके से करो : डॉ गुलशन

फोटो- गया बोधगया 210- कार्यक्रम में संबोधित करते डॉ गुलशन वाधवा डीबीटी वैज्ञानिक ने हिंदुस्तानीय वैज्ञानिक डॉ जीएन रामचंद्रन की जयंती पर कार्यक्रम को किया संबोधित वरीय संवाददाता, गया जी सीयूएसबी के स्कूल ऑफ अर्थ, बायोलॉजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज (एसइबीइएस) के अंतर्गत संचालित बायोइन्फॉरमेटिक्स विभाग ने प्रसिद्ध हिंदुस्तानीय वैज्ञानिक डॉ जीएन रामचंद्रन की 103वीं जयंती के उपलक्ष्य में बायोइन्फॉरमेटिक्स दिवस मनाया. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शारदा विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली के प्रो डॉ गुलशन वाधवा शामिल हुए. हिंदुस्तान प्रशासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के पूर्व वैज्ञानिक व सलाहकार डॉ गुलशन वाधवा ने हाल के नोबेल पुरस्कार विजेता अध्ययनों के उदाहरणों का हवाला देते हुए वैज्ञानिक जीएन रामचंद्रन अनुसंधान में नवाचार के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कई नोबेल पुरस्कार विजेताओं को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके काम को एक दिन इतनी वैश्विक मान्यता मिलेगी, लेकिन जो बात उन्हें अलग बनाती थी, वह यह थी कि वे समस्याओं का अलग तरीके से सामना करते थे. वही कर रहे हैं, लेकिन अलग तरीके से. डॉ वाधवा ने डीबीटी के साथ अपने तीन दशक के लंबे करियर के साथ हिंदुस्तान भर में 150 से अधिक डीबीटी जैव सूचना विज्ञान केंद्रों की स्थापना और समर्थन सहित कई प्रमुख पहलों में अपनी भागीदारी से प्राप्त अंतर्दृष्टि साझा किया. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि डॉ वाधवा के संबोधन ने श्रोताओं, विशेषकर छात्रों को प्रेरित किया और उन्हें समर्पण व एक नये दृष्टिकोण के साथ उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया. इससे पहले परिचयात्मक भाषण में जैव सूचना विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो आरएस राठौर ने जीएन रामचंद्रन को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें हिंदुस्तान के सबसे कुशल जीव वैज्ञानिकों में से एक बताया. प्रो राठौर ने प्रो रामचंद्रन व उनके पीएचडी छात्र प्रो सी रामकृष्णन के अभूतपूर्व रामचंद्रन मानचित्र के विकास और कोलेजन संरचना पर उनके कार्य के प्रति अप्रतिम समर्पण की बात की. उनके अथक प्रयास की तुलना तपस्या (आध्यात्मिक भक्ति) से की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिक उत्कृष्टता के लिए केंद्रित और निरंतर कार्य की ऐसी संस्कृति आवश्यक है. एसइबीइएस के डीन प्रो रिजवानुल हक ने स्कूल द्वारा हाल ही में शुरू की गयी शैक्षणिक और शोध पहलों पर प्रकाश डाला और छात्रों से जीएन रामचंद्रन जैसे महान वैज्ञानिकों के जीवन और योगदान से प्रेरणा लेने का आग्रह किया. संगोष्ठी में प्रो अजय कुमार सिंह (एचबीटीयू, कानपुर), प्रो आशीष शंकर, डॉ डीवी सिंह, डॉ केके ओझा, डॉ वीके सिंह, डॉ अनिल कुमार सहित संकाय सदस्यों और शोधार्थियों एवं छात्रों ने भाग लिया. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post एक ही काम करो, लेकिन अलग तरीके से करो : डॉ गुलशन appeared first on Naya Vichar.

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IED विस्फोट में घायल जवान शहीद, विधायक के भाई समेत दो लोगों का इलाज जारी

IED Blast In Jharkhand: ओडिशा-झारखंड सीमावर्ती क्षेत्र में सारंडा के बाबूडेरा के पास शुक्रवार शाम को हुए आईईडी विस्फोट में घायल हुए एएसआई महेंद्र लश्कर इलाज के दौरान शहीद हो गए. शहीद महेंद्र लश्कर मूल रूप से असम के नवगांव के निवासी थे. उनकी मौत की पुष्टि सीआरपीएफ 60 बटालियन के कमांडेंट अंबुज मुथाल ने की. विस्फोट में घायल हो गये थे तीन जवान विस्फोट में घायल अन्य जवानों में सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर रामचंद्र गागराई और एएसआई महेंद्र लश्कर शामिल थे. तीनों को तुरंत इलाज के लिए राउरकेला के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान एएसआई महेंद्र लश्कर की मौत हो गई. वहीं, इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा और जवान रामकृष्ण गागराई का इलाज जारी है. जानकारी के अनुसार, घायल रामकृष्ण गागराई खरसावां विधायक दसरथ गागराई के भाई हैं. Also Read: रांची में राहुल दुबे गैंग से पुलिस की मुठभेड़, 2 अपराधियों को लगी गोली, 4 हथियारबंद गिरफ्तार इंस्पेक्टर कौशल मिश्रा को सबसे पहले लाया गया था इलाज के लिए विस्फोट के बाद शुक्रवार की देर शाम इंस्पेक्टर कौशल मिश्रा को सबसे पहले इलाज के लिए लाया गया था. इसके बाद महेंद्र लश्कर और रामकृष्ण गागराई को देर रात अस्पताल लाया गया. इस दौरान महेंद्र की मौत हो गई. सभी घायलों और शहीद सीआरपीएफ 60 बटालियन के जवान हैं. अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. Also Read: Jharkhand Cabinet Date: कैबिनेट की बैठक 16 अक्टूबर को, कई अहम फैसलों को मिल सकती है मंजूरी The post IED विस्फोट में घायल जवान शहीद, विधायक के भाई समेत दो लोगों का इलाज जारी appeared first on Naya Vichar.

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एसआईपी से होगी मोटी कमाई या म्यूचुअल फंड बजाएगा डंका, जानें आपको कौन दिलाएगा महारिटर्न?

SIP vs Mutual Fund: निवेशक हमेशा अपने पोर्टफोलियो के लिए बेहतर ऑप्शन तलाशते रहते हैं. बाजार में हेज फंड, यूलिप, ईएलएसएस, एसब्ल्यूपी समेत कई दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं. लेकिन, सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित विकल्प म्यूचुअल फंड और एसआईपी हैं. जो लोग जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं और लॉन्ग टर्म में मोटी कमाई करना चाहते हैं, वे इनमें से किसी एक ऑप्शन को चूज करते हैं. लेकिन, जो नए लोग और इनमें से किसी एक फंड में पैसा लगाना चाहते हैं, उन्हें इन दोनों के बारे में जान लेना चाहिए, तभी कोई कदम उठाना चाहिए. आइए, यह जानते हैं कि आपके लिए म्यूचुअल फंड और एसआईपी में से कौन बेतहर ऑप्शन होगा. म्यूचुअल फंड क्या है? म्यूचुअल फंड निवेश का एक ऐसा माध्यम है, जिसमें फंड हाउस या एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) निवेशकों से पैसा इकट्ठा करती हैं और इसे शेयर, बॉन्ड, कमोडिटी जैसे विभिन्न निवेश साधनों में इन्वेस्ट करती हैं. इसका उद्देश्य जोखिम को कम करके लाभ को अधिकतम करना होता है. म्यूचुअल फंड के फायदे क्या हैं? निवेशकों का पैसा कई एसेट्स में विभाजित होता है, जिससे जोखिम कम हो जाता है. फंड मैनेजर द्वारा पोर्टफोलियो का प्रोफेशनल मैनेजमेंट किया जाता है. खास बात यह है कि आप इसमें एकमुश्त (लंपसम) निवेश कर सकते हैं. बाजार में कई प्रकार के म्यूचुअल फंड उपलब्ध हैं. इनमें स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप फंड, इंडेक्स फंड और हाइब्रिड फंड शामिल हैं. एसआईपी क्या है? एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) भी म्यूचुअल फंड में निवेश का एक माध्यम है, लेकिन इसमें नियमित तौर पर हर महीने या प्रत्येक तीसरे महीने छोटे निवेश किए जाते हैं. आप कम से कम 500 रुपये से इसकी शुरुआत कर सकते हैं. फंड मैनेजर आपकी ओर से निवेश करता है और जोखिम को कम रखते हुए लाभ को अधिकतम करता है. एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) है, जिससे लॉन्ग टर्म में रिटर्न बढ़ता है. म्यूचुअल फंड और एसआईपी में अंतर क्या है? म्यूचुअल फंड और एसआईपी में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश एकमुश्त किया जाता है, जबकि एसआईपी में मंथली या क्वार्टरली छोटे-छोटे निवेश होते हैं. म्यूचुअल फंड और एसआईपी दोनों ही डेट, इक्विटी और हाइब्रिड फंड्स में निवेश करते हैं, लेकिन एसआईपी में निवेश छोटे हिस्सों में किया जाता है. बाजार की अस्थिरता का प्रभाव म्यूचुअल फंड पर अधिक पड़ता है, जबकि एसआईपी में नियमित छोटे निवेश समय के साथ उतार-चढ़ाव को बैलेंस करते हैं. फीस की बात करें तो म्यूचुअल फंड में एएमसी फीस और ट्रांजेक्शन चार्ज अधिक होते हैं, जबकि एसआईपी में ये बहुत कम होते हैं. निवेशकों के लिए और दूसरे फायदे क्या हैं? जोखिम प्रबंधन: म्यूचुअल फंड और एसआईपी दोनों ही बाजार जोखिम के अधीन हैं. टैक्स बेनिफिट: आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेशक 1,50,000 रुपये तक की छूट का दावा कर सकते हैं. लचीला निवेश: एसआईपी मासिक निवेश के कारण निवेशकों के लिए बजट के अनुकूल है, जबकि म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश लंबी अवधि में रिटर्न बढ़ाने में सहायक है. प्रोफेशनल मैनेजमेंट: दोनों में फंड मैनेजर का मैनेजमेंट निवेशक के समय और प्रयास को बचाता है. इसे भी पढ़ें: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट से स्विट्जरलैंड में अचानक मिला कॉन्टेंट क्रिएटर, सोशल मीडिया धमाल मचा रहा Viral Video एसआईपी और म्यूचुअल फंड में बेहतर कौन है? म्यूचुअल फंड और एसआईपी दोनों ही निवेश के लिहाज से बेहतरीन ऑप्शन हैं. अगर आप एकमुश्त निवेश करना चाहते हैं और बंपर रिटर्न के लिए लंबी अवधि की योजना बना रहे हैं, तो म्यूचुअल फंड सबसे बेहतर ऑप्शन है. अगर आप नियमित तौर पर छोटी राशि निवेश करना चाहते हैं और कंपाउंडिंग के लाभ लेना चाहते हैं, तो एसआईपी सही ऑप्शन है. दोनों ऑप्शन निवेशकों को पोर्टफोलियो का बैलेंस, जोखिम मैनेजमेंट और फाइनेंशियल स्कीम बनाने में मदद करते हैं. नए निवेशकों के लिए यह समझना जरूरी है कि एसआईपी और म्यूचुअल फंड के अलग-अलग कॉन्सेप्ट हैं, लेकिन दोनों ही बाजार में निवेश के प्रभावी तरीके हैं. इसे भी पढ़ें: चीन जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट को दी गई जल सलामी, 10 नवंबर से उड़ान सेवा होगी शुरू The post एसआईपी से होगी मोटी कमाई या म्यूचुअल फंड बजाएगा डंका, जानें आपको कौन दिलाएगा महारिटर्न? appeared first on Naya Vichar.

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Bigg Boss 19: ‘प्रणीत मोरे शो’ ने मचाया धमाल, फैंस बोले– ‘असली एंटरटेनमेंट तो अब शुरू हुआ है’

Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 का मौजूदा सीजन लगातार दर्शकों को एंटरटेन कर रहा है. झगड़े, इमोशंस और ड्रामा के बीच अब शो में एंटरटेनमेंट का एक नया चेहरा उभरकर सामने आया है- स्टैंड-अप कॉमेडियन प्रणीत मोरे. हाल ही में रिलीज हुए प्रोमो में प्रणीत ने अपने ह्यूमर से घरवालों को हंसी से लोटपोट कर दिया. View this post on Instagram A post shared by JioHotstar Reality (@jiohotstarreality) स्टेज पर धमाकेदार एंट्री जियो सिनेमा के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रणीत मोरे बिग बॉस हाउस के एक हॉल में स्टेज पर चढ़ते हैं. कोई उन्हें अनाउंस करता है, “प्लीज वेलकम स्टैंड-अप कॉमेडियन ऑफ द ईयर – प्रणीत मोरे!” इसके बाद पूरा घर तालियों और सीटियों से गूंज उठता है. ‘सुरसुरी’ विवाद पर ली चुटकी प्रणीत ने सबसे पहले कुनिका सदानंद पर मजाकिया अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा, “मैंने कहा कुनिका जी आपको क्या पसंद है? तो वो कहती हैं – मुझे सुरसुरी चाहिए!” इस लाइन ने पूरे घर में ठहाके गूंजा दिए। ये कमेंट उस पुराने विवाद की ओर इशारा था जिसमें कुनिका, अमाल मलिक और अश्नूर कौर के बीच ‘सुरसुरी’ शब्द को लेकर बहस हुई थी. मालती चहर के व्यवहार पर किया मजाक इसके बाद प्रणीत ने मालती चहर की बहसों के बाद सबको गले लगाने और किस करने की आदत को निशाना बनाते हुए कहा, “कुनिका जी से बहस हुई – जाकर किस कर दिया. तान्या से हुई – तान्या को भी किस कर दिया.” उन्होंने आगे जोड़ा, “जैसे ही ये बात बसीर को पता चली, वो बोला – मुझे भी दुश्मनी लेनी है भाई!” यह सुनकर घरवालों की हंसी नहीं रुकी. फैंस बोले- ‘ये दिल मांगे मोरे’ वीडियो के कैप्शन में लिखा गया, “जब बिग बॉस में शुरू हुआ ‘द प्रणीत मोरे शो’, एंटरटेनमेंट का लेवल हुआ हाई!” सोशल मीडिया पर फैंस ने जमकर प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने लिखा, “रियल टैलेंट इसे कहते हैं.” वहीं एक और ने कहा, “प्रणीत हमेशा माहौल को हल्का कर देते हैं.” कुछ लोगों ने तो उन्हें टॉप 5 का हकदार भी बता दिया. कब और कहां देखें बिग बॉस 19? बिग बॉस 19 के नए एपिसोड्स हर दिन रात 9 बजे जियो सिनेमा और 10:30 बजे कलर्स टीवी पर प्रसारित होते हैं. अगर आपने ‘प्रणीत मोरे शो’ मिस किया है, तो जियो सिनेमा पर जाकर जरूर देखें. The post Bigg Boss 19: ‘प्रणीत मोरे शो’ ने मचाया धमाल, फैंस बोले– ‘असली एंटरटेनमेंट तो अब शुरू हुआ है’ appeared first on Naya Vichar.

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Coldrif Syrup Ban: दिल्ली में कोल्ड्रिफ सिरप पर पूरी तरह बैन, 20 बच्चों की मौत के बाद एक्शन

Coldrif Syrup Ban: देशभर में नकली और मिलावटी दवाओं को लेकर बढ़ती चिंता के बीच दिल्ली प्रशासन ने बच्चों में इस्तेमाल होने वाले ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ की बिक्री, उपयोग और वितरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.यह कड़ा कदम सिरप में खतरनाक केमिकल डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाए जाने के बाद उठाया गया है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है और अब तक कई बच्चों की मौत का कारण बन चुका है. क्या है मामला? दिल्ली प्रशासन के औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा 10 अक्टूबर को जारी पब्लिक नोटिस में कहा गया कि कोल्ड्रिफ सिरप में 42.28% डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया, जो सामान्य से बेहद अधिक है. यह केमिकल आमतौर पर इंडस्ट्रियल उपयोग में आता है, लेकिन दवाओं में मिल जाने पर यह किडनी फेलियर, लिवर डैमेज, अंधापन और मृत्यु तक का कारण बन सकता है. अब तक 20 बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ कफ सिरप का इस्तेमाल आमतौर पर बच्चों में खांसी और बुखार के इलाज के लिए किया जाता है. लेकिन इस सिरप के सेवन से अब तक कम से कम 20 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिससे इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर हड़कंप मच गया है. सिर्फ दिल्ली नहीं, इन राज्यों में भी लगा बैन दिल्ली के अलावा कई अन्य राज्यों ने भी इस सिरप पर सख्त कार्रवाई की है: केरल तमिलनाडु मध्य प्रदेश पंजाब दिल्ली प्रशासन की अपील प्रशासन ने सार्वजनिक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोई भी व्यक्ति कोल्ड्रिफ कफ सिरप का उपयोग ना करे, और यदि उनके पास यह सिरप मौजूद है, तो उसे तुरंत नष्ट कर दें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सौंप दें. सिरप में मिला जानलेवा केमिकल प्रशासनी जांच रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिबंधित Coldrif कफ सिरप का निर्माण सीसन फार्मास्युटिकल्स नामक कंपनी द्वारा किया गया है. जिसका उत्पादन संयंत्र तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित है. जांच में बैच नंबर SR-13 (मैन्युफैक्चरिंग: मई 2025, एक्सपायरी: अप्रैल 2027) में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) की 42.28% w/v मात्रा पाई गई है, जो बेहद खतरनाक और सामान्य सीमा से कहीं अधिक है. The post Coldrif Syrup Ban: दिल्ली में कोल्ड्रिफ सिरप पर पूरी तरह बैन, 20 बच्चों की मौत के बाद एक्शन appeared first on Naya Vichar.

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West Bengal Medical Student Molestation: बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म, जांच जारी

West Bengal Medical Student Molestation: पीड़ित छात्रा के परिवार के सदस्यों ने बताया कि यह घटना शुक्रवार रात दुर्गापुर स्थित निजी मेडिकल कॉलेज परिसर के बाहर हुई. उन्होंने बताया छात्रा अपने एक मित्र के साथ डिनर के लिए बाहर गई थी. पुलिस ने बताया- ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली मेडिकल छात्रा की फिलहाल अस्पताल में इलाज की जा रही है. पीड़िता के पिता ने क्या बताया? पुलिस ने बताया, ” छात्रा के परिजन की शिकायत के आधार पर हमने जांच शुरू कर दी है.” छात्रा के माता-पिता ने कहा कि वे अपनी बेटी के दोस्तों का फोन आने के बाद आज सुबह दुर्गापुर पहुंचे. छात्रा की मां ने आरोप लगाया कि शुक्रवार रात करीब 10 बजे उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उस वक्त वह अपने एक दोस्त के साथ डिनर के लिए कॉलेज परिसर से बाहर गई थी. छात्रा के पिता ने कहा, “हमें उसके दोस्तों का फोन आया जिससे घटना की जानकारी मिली. हम शनिवार सुबह यहां आए और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. मैंने सुना था कि कॉलेज में अच्छी पढ़ाई होती है इसलिए हमने अपनी बेटी को यहां मेडिकल की पढ़ाई के लिए भेजा था.’’ #WATCH | North 24 Parganas, West Bengal | On the alleged gangrape of a second-year student of a private medical college in Durgapur, father of the RG Kar Medical College rape and murder victim says, “They are doctors, first-class citizens of society, and they (government) cannot… pic.twitter.com/7144sipmEn — ANI (@ANI) October 11, 2025 आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म और हत्या पीड़िता के पिता ने प्रशासन पर बोला हमला पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की सेकंड इयर की छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म और हत्या पीड़िता के पिता का ने प्रशासन पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “वे डॉक्टर हैं, समाज के प्रथम श्रेणी के नागरिक हैं, और वे (प्रशासन) उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती. यह प्रशासन अभी भी पीड़िता पर ही सारे सवाल उठाता है. जिनमें उनकी रक्षा करने की क्षमता नहीं है, उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए.” प्रशासन अपना काम ठीक से नहीं कर रहा : आरजे कर दुष्कर्म-हत्या पीड़िता के पिता आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म और हत्या पीड़िता के पिता ने कहा- “प्रशासन अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है, इसीलिए ये सारी घटनाएं आए दिन हो रही हैं. इतना कुछ होने के बावजूद, एक राष्ट्रीय रिपोर्ट (एनसीआरबी) आई है जिसमें पश्चिम बंगाल को सबसे सुरक्षित बताया गया है. इसे सबसे सुरक्षित राज्य बताते हुए नंबर एक का दर्जा दिया गया है. हम उन लोगों को चुनौती देंगे जो ये रिपोर्ट तैयार करते हैं. वे ये रिपोर्ट कैसे बनाते हैं?… पश्चिम बंगाल इस रिपोर्ट में नंबर एक पर कैसे आता है.” The post West Bengal Medical Student Molestation: बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म, जांच जारी appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Elections 2025: “भूमिहार” वोटरों के सहारे सरकार बनाने में जुटे तेजस्वी, पिछली बार दिया था महज एक सीट

Bihar Elections 2025: 2020 के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों से प्रशासन बनाने से चूकने वाले तेजस्वी यादव इस बार किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में भले ही राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन उसे हर तबके का साथ नहीं मिला था. खासकर बिहार की नेतृत्व में प्रभाव रखने वाली भूमिहार जाति का. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये था कि राजद ने पिछली बार विधानसभा चुनाव में महज 1 सीट पर भूमिहार उम्मीदवार को उतारा था और वो भी चुनाव जीतने में सफल रहा था लेकिन उसका प्रभाव दूसरी सीटों पर नहीं पड़ा.  भूमिहार नेताओं को लगातार राजद में शामिल करा रहे तेजस्वी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए तेजस्वी अपनी पार्टी के पारंपरिक वोटरों को भी नजरअंदाज करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने चुनाव के एलान के साथ ही अपनी पार्टी में सवर्ण खासकर भूमिहार नेताओं को पार्टी में शामिल करा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, राजद इस बार करीब 10 सीटों पर भूमिहार उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है.  डॉ संजीव से शुरु हुआ सिलसिला सूरजभान तक पहुंचा राजद ने भूमिहार नेताओं और वोटरों को खुद से जोड़ने की शुरुआत परबत्ता से जदयू के टिकट पर पिछला चुनाव जीतने वाले डॉ संजीव कुमार से शुरु हुई जो अब पूर्व बाहुबली सांसद सूरजभान सिंह के परिवार को राजद में शामिल कराने तक पहुंचा है.  हालांकि सूरजभान सिंह ने फिलहाल राजद का दामन नहीं थामा है लेकिन उनकी पत्नी के राजद चुनाव लड़ने की संभावना है. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें इन सीटों पर भूमिहारों को टिकट दे सकती है राजद  सूत्रों के मुताबिक, राजद इस बार के चुनाव में मोकामा, परबत्ता, मटिहानी, चनपटिया, घोसी, अस्थावां, लखीसराय, लालगंज, बिहपुर,  गोविंदगंज, केसरिया जैसी सीटों पर भूमिहार जाति से आने वाले उम्मीदवारों को  उतारा सकती है. पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 243 सीटों में से राजद 75 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी, जबकि भाजपा को 74 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.  इसे भी पढ़ें: Bihar Elections 2025: NDA में सीट बंटवारे पर फंसा पेच, उपेंद्र, चिराग और मांझी की तिकड़ी बिगाड़ न दे BJP-JDU का स्पोर्ट्स The post Bihar Elections 2025: “भूमिहार” वोटरों के सहारे प्रशासन बनाने में जुटे तेजस्वी, पिछली बार दिया था महज एक सीट appeared first on Naya Vichar.

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