Egypt Summit Modi Invited: मध्य पूर्व की नेतृत्व हमेशा से ही संवेदनशील रही है. खासकर गाजा पट्टी जैसे क्षेत्रों में हाल के संघर्ष ने दुनिया को फिर से चेताया है कि शांति कितनी नाजुक है. ऐसे में गाजा पट्टी में युद्ध को रोकने और शांति स्थापित करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन बुलाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. यह बैठक सोमवार, 13 अक्टूबर को मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित होगी. हालांकि हिंदुस्तान की ओर से इस सम्मेलन में सीधे प्रधानमंत्री मोदी नहीं जाएंगे, बल्कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी को शनिवार को अंतिम समय में निमंत्रण भेजा गया, जिसे हिंदुस्तान ने स्वीकार कर लिया है. Egypt Summit Modi Invited: कौन-कौन होगा शामिल और सम्मेलन का उद्देश्य इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी संयुक्त रूप से करेंगे. मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता भाग लेंगे. इसका उद्देश्य है गाजा में युद्ध रोकना, क्षेत्र में स्थिरता लाना और सुरक्षा के नए चरण की शुरुआत करना. एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें शामिल देशों में स्पेन, जापान, अजरबैजान, आर्मेनिया, हंगरी, हिंदुस्तान, अल सल्वाडोर, साइप्रस, ग्रीस, बहरीन, कुवैत और कनाडा शामिल हैं. इरान को भी बुलाया गया है, लेकिन इजराइल इसमें सीधे तौर पर हिस्सा नहीं लेगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भी शामिल होने की संभावना है. युद्धविराम और गाजा का पुनर्निर्माण शिखर सम्मेलन का मुख्य फोकस है इजराइल और हमास के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम को मजबूत करना और गाजा में मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण के प्रयासों पर काम करना. सम्मेलन में उम्मीद है कि नेता युद्धविराम का समर्थन करेंगे और गाजा के लिए दीर्घकालिक शांति का रोडमैप तैयार करेंगे. मिस्र, कतर, तुर्की और अमेरिका की मध्यस्थता में शर्म अल-शेख में तीन दिन की गहन वार्ता के बाद शुक्रवार को युद्धविराम लागू हुआ. पहले चरण में शामिल हैं गाजा शहर, राफा, खान यूनिस और उत्तरी गाजा से इजराइली सैनिकों की वापसी, पांच मानवीय क्रॉसिंग का खुलना और बंधकों/कैदियों का आदला-बदली. रिपोर्टों के मुताबिक, गाजा और मिस्र के बीच राफा क्रॉसिंग अगले सप्ताह के मध्य तक फिर से खुलने की संभावना है, जिससे सीमित नागरिक आवाजाही संभव होगी. इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो स्नेचेज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत 20 से अधिक देशों के नेता हिस्सा लेंगे. शांति प्रक्रिया में चुनौतियां हालांकि, शांति प्रक्रिया में कई बड़ी बाधाएं हैं. फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास ने कहा है कि वह शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा. उन्होंने ट्रम्प की योजना के कई तत्वों से असहमति जताई है, खासकर निरस्त्रीकरण और गाजा से फिलिस्तीनियों के स्थानांतरण के प्रस्तावों को खारिज किया. हमास ने इसे “बेतुका” बताया है, जो भविष्य में संभावित जटिलताओं की ओर इशारा करता है. शिखर सम्मेलन की बैकग्राउंड यह शिखर सम्मेलन 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले और उसके बाद कई हफ्तों तक चले भीषण संघर्ष के बाद हो रहा है. इस संघर्ष में दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ. इजराइल ने 47 इजराइली बंधकों की रिहाई के बदले में युद्ध शुरू होने के बाद हिरासत में लिए गए 250 कैदियों और 1,700 गाजावासियों को रिहा करने पर सहमति दी. सुरक्षा निगरानी के लिए अमेरिकी सेना द्वारा समन्वित और संभवतः मिस्र, कतर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करने वाला बहुराष्ट्रीय कार्यबल बनाया गया है. अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद, शांति का भविष्य अनिश्चित है क्योंकि प्रमुख देश गाजा में निरस्त्रीकरण और नेतृत्वक नियंत्रण को लेकर असहमत हैं. ये भी पढ़ें: उम्र 79 साल-दिल 65 का, ट्रंप के हेल्थ अपडेट में हुए जोरदार खुलासे, जिस टीके पर मचाया था बवंडर उसे भी लगवाया, जानें क्यों पेरू ने रातों-रात अपनी राष्ट्रपति को हटाया, देश की पहली स्त्री प्रेसीडेंट के खिलाफ क्यों लगा महाभियोग? The post मिस्र बुला रहा है दुनिया के बड़े नेताओं को, मोदी को भी मिला न्योता; हिंदुस्तान की ओर से कीर्ति वर्धन सिंह करेंगे प्रतिनिधित्व appeared first on Naya Vichar.