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October 12, 2025

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Gajar Halwa Cake: गाजर के हलवे में मिलाएं केक का जादू, इस तरह मिनटों में तैयार करें सर्दियों का सबसे टेस्टी और फेवरेट डेजर्ट

Gajar Halwa Cake: शायद ही कोई ऐसा हो जिसे गाजर का हलवा पसंद न हो. यह एक ऐसी डिश है जिसे सर्दियों के दिनों में घर पर जरूर बनाया जाता है. जब आप इसे घर पर तैयार करते हैं तो इसकी मीठी सी खुशबू पूरे घर पर फैल जाती है और सभी इसके बनने का इंतजार करने लगते हैं. ऐसे में आज की यह आर्टिकल उन लोगों के लिए काफी काम की है जिन्हें गाजर का हलवा पसंद है और वे इसे एक बिलकुल ही यूनिक और मॉडर्न ट्विस्ट के साथ ट्राई करना चाहते हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको गाजर के हलवे की नहीं बल्कि गाजर हलवा केक की रेसिपी बताने जा रहे हैं. यह रेसिपी गाजर के हलवे की हल्की खुशबू और जबरदस्त टेस्ट को केक की सॉफ्ट और फ्लफी टेक्सचर के साथ जोड़कर और भी जबरदस्त बनाती है. ठंड के मौसम में जब गाजर का सीजन हो, तब इस फ्यूजन मिठाई को बनाकर आप अपने परिवार और मेहमानों को आसानी से इंप्रेस कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं स्वाद और सेहत से भरपूर गाजर हलवा केक रेसिपी बनाने की आसान रेसिपी. गाजर हलवा केक बनाने के लिए जरूरी सामग्री गाजर – 2 कप, कद्दूकस की हुई दूध – 1 कप खोया – आधा कप चीनी – आधा कप घी – 2 टेबल स्पून काजू, बादाम, किशमिश – 2 टेबल स्पून बारीक कटा हुआ इलायची पाउडर – आधा टी स्पून मैदा – 1 कप बेकिंग पाउडर – 1 टी स्पून बेकिंग सोडा – आधा टी स्पून तेल – आधा कप दही – आधा कप चीनी पाउडर – आधा कप वनीला एसेंस – आधा टी स्पून यह भी पढ़ें: Besan Dhokla Recipe: बिना तेल और झंझट के घर पर बनाएं फूला-फूला बेसन ढोकला, जानें मिनटों में तैयार होने वाली हेल्दी और एनर्जेटिक रेसिपी यह भी पढ़ें: Masala Makka Fries Recipe: शाम की चाय होगी खास और बच्चों का स्नैक भी हेल्दी, बिना मेहनत और समय बर्बाद किये बनाएं मसाला मक्का फ्राइज गाजर हलवा केक बनाने की आसान रेसिपी सबसे पहले एक पैन में घी गर्म करें और उसमें कद्दूकस की हुई गाजर डाल दें. अब गाजर को 5 से 7 मिनट तक धीमी आंच पर भूनें. इसके बाद इसमें दूध डालकर अच्छे से मिलाएं और तब तक पकाएं जब तक दूध लगभग सूख न जाए. इसके बाद खोया और चीनी डालकर मिलाएं और मिश्रण को 5 मिनट तक पकाएं. इसके बाद इसमें इलायची पाउडर और कटे हुए मेवे डालें. तैयार गाजर के हलवे को ठंडा होने दें. इसके बाद एक बाउल में दही, तेल और पाउडर चीनी डालकर अच्छे से फेंट लें और इसमें वनीला एसेंस डालें और अच्छी तरह मिक्स करें.इसके बाद दूसरे बाउल में मैदा, बेकिंग पाउडर और बेकिंग सोडा छान लें. इसके बाद धीरे-धीरे सूखी सामग्री को गीले मिश्रण में मिलाते जाएं और एक स्मूद बैटर तैयार कर लें. अब तैयार गाजर हलवा को ठंडा होने के बाद बैटर में मिलाएं और स्पैचुला की मदद से हल्के हाथों से मिक्स करें ताकि सभी सामग्री एकसमान अच्छे से सेट हो जाए. इसके बाद ओवन को 180 डिग्री सेल्सियस पर प्रीहीट करें और केक टिन में बटर पेपर लगाएं या तेल से ग्रीस करें. इसके बाद मिश्रण को टिन में डालें और 30 से 35 मिनट तक बेक करें. जब केक गोल्डन ब्राउन हो जाए और टूथपिक साफ निकल आए तो समझिए केक पूरी तरह से तैयार है. अब केक को ठंडा होने दें और फिर ऊपर से थोड़ा ड्राय फ्रूट्स या गाजर हलवे की लेयर लगाकर सजाएं. आप इसे अपने पसंद के हिसाब से या तो गर्म या फिर ठंडा भी खा सकते हैं. यह भी पढ़ें: Sevai Cutlet Recipe: बच्चों की टिफिन से लेकर शाम की चाय के लिए परफेक्ट हैं सेवई से बने कटलेट्स, जान लें 15 मिनट में बनने वाली रेसिपी The post Gajar Halwa Cake: गाजर के हलवे में मिलाएं केक का जादू, इस तरह मिनटों में तैयार करें सर्दियों का सबसे टेस्टी और फेवरेट डेजर्ट appeared first on Naya Vichar.

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क्या है Vienna Convention, जिसने अफगानी दूतावास में महिलाओं की एंट्री बैन पर मोदी सरकार के हाथ बांध दिए?

Table of Contents क्या किसी भी देश के दूतावास में उनका अपना कानून चलता है? वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 क्या है? वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 की खासियत क्या है? वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 का उद्देश्य क्या है? क्या हिंदुस्तान वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 का हिस्सा है? Vienna Convention on Diplomatic Relations 1961: अफगानिस्तानी तालिबान प्रशासन के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी हिंदुस्तान दौरे पर आए हैं. हिंदुस्तान और अफगानिस्तान आपसी संबंधों को सुधारने की दिशा में अग्रसर हैं और संभावना है कि हिंदुस्तान, अपना दूतावास अफगानिस्तान में 2021 के बाद फिर से खोल दे. हिंदुस्तान दौरे के दौरान दिल्ली में मुत्ताकी का प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित किया गया, लेकिन इस आयोजन को लेकर दिल्ली में बवाल मच गया और पूरा विपक्ष मोदी प्रशासन को घेरने लगा और प्रशासन को स्त्री विरोधी बताने लगा. दरअसल हुआ यह कि अफगानिस्तान के दूतावास में स्त्री पत्रकारों को एंट्री नहीं दी. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने मोदी प्रशासन को घेरा और कहा कि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि हिंदुस्तान में स्त्री-पुरुष के अधिकार एक समान हैं, उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होता है. इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बयान भी जारी कर दिया है कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. यहां यह जानना जरूरी है कि जिस देश में दूतावास होता है वहां की प्रशासन दूतावास के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती है. आखिर ऐसा क्यों है? क्या किसी भी देश के दूतावास में उनका अपना कानून चलता है? जब किसी देश में कोई दूतावास खोला जाता है, तो वह अंतरराष्ट्रीय कानून वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस (1961) के अनुसार काम करता है. यह एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय कानून है, जिसे दुनिया के लगभग सभी देशों ने स्वीकार किया है, जिसमें हिंदुस्तान भी शामिल है. वियना कन्वेंशन किसी भी दूतावास को सुरक्षित करने के लिए उसे कुछ विशेषाधिकार देता है, ताकि दूतावास सुरक्षित रहे और अपना काम कर सके. वियना कन्वेंशन द्वारा दिए गए अधिकार की वजह से यह सोचना कि सभी दूतावास हिंदुस्तानीय कानून से परे हैं यह पूरी तरह सही नहीं है. कोई भी दूतावास हिंदुस्तानीय भूमि पर होता है, इसलिए उसपर हिंदुस्तान का कानून लागू है, हां यह बात सही है कि उन कानूनों को लागू करवाने के लिए हिंदुस्तान प्रशासन दूतावास के अधिकारियों को बाध्य नहीं कर सकती है. वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 क्या है? वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस विश्व के तमाम देशों के बीच राजनयिक संबंधों को बेहतर और न्यायपूर्ण बनाने के वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस (1961) बनाया गया था. इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों में से सबसे सफल और मजबूत कानून माना जाता है. इस कानून में ऐसे कुछ प्रावधान किए गए हैं, जो दूतावास को विशेष स्थान प्रदान करते हैं और उसे एक तरह से सुरक्षित भी करते हैं. इस बारे में नया विचार के साथ बात करते हुए रिटायर्ड राजदूत अनिल त्रिगुणायत कहते हैं कि कोई भी दूतावास एक संप्रभु देश का हिस्सा होता है. वहां की गतिविधियों में हिंदुस्तान प्रशासन हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. तालिबान की विचारधारा स्त्रीओं को लेकर किस तरह की यह सभी जानते हैं और ये उनकी समस्या है. वियना कन्वेंशन एक दूतावास को किसी भी तरह के उत्पीड़न से भी बचाता है. जहां तक बात हिंदुस्तान प्रशासन की है, तो जब मुत्ताकी दूतावास से बाहर थे और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के कार्यक्रम में स्पीच दे रहे थे, तो वहां कई स्त्रीएं उपस्थित थीं और उन्होंने सबसे बात भी की. जैसे हिंदुस्तान का दूतावास किसी देश में होता है, तो वहां हम अपने कानून चलाते हैं, लेकिन साथ ही यह कोशिश भी करते हैं कि किसी दूसरे देश के कानून का उल्लंघन ना हो. विभिन्न विषयों पर एक्सप्लनेर पढ़ने के लिए क्लिक करें वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 की खासियत क्या है? वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस, 1961 दो देशों के राजनयिक संबंधों को बेहतर बनाता है. इस अंतराष्ट्रीय कानून के अनुसार शक्ति संतुलन स्थापित किया गया है, ताकि किसी देश में कोई दूतावास और उसके अधिकारी सुरक्षित रहें. वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 का उद्देश्य क्या है? वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 किसी देश में एक दूतावास को सुरक्षित करता है और दो देशों के बीच संबंध को मजबूत बनाता है. क्या हिंदुस्तान वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 का हिस्सा है? हां, हिंदुस्तान वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस 1961 का हिस्सा है और वह इस अंतरराष्ट्रीय कानून को अपने यहां मान्यता देता है. ये भी पढ़ें : Mughal Harem Stories : मुगल हरम में राजा से अधिक किन्नरों का चलता था राज, राजकुमारियों के थे खास; लेकिन प्रेम की सजा थी मौत Hindu Mughal Queen : आजीवन हिंदू परंपरा के साथ जीने वाली मुगल रानियों का कैसे हुआ था अंतिम संस्कार? The post क्या है Vienna Convention, जिसने अफगानी दूतावास में स्त्रीओं की एंट्री बैन पर मोदी प्रशासन के हाथ बांध दिए? appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Elections 2025: दिल्ली में राहुल गांधी से मिलेंगे तेजस्वी यादव, सीटों के बंटवारे पर लगेगी मुहर

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के लिए नामांकन शुरु हो चुका है. इसके बावजूद NDA और महागठबंधन में शामिल पार्टियां अभी तक अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं कर पाई हैं. हालांकि राष्ट्रीय जनता दल के नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव रविवार से दो दिनों के दिल्ली दौरे पर हैं और आज शाम उनकी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात होने वाली है.  सीटों के बंटवारे पर लगेगी मुहर  तेजस्वी और राहुल गांधी की मुलाकात की जानकारी देते हुए सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि आज शाम को दोनों नेताओं के बीच में होने वाली इस बैठक में सीटों के बंटवारे पर मुहर लग जाएगी. महागठबंधन में सब कुछ हल हो जाएगा. दोनों के बीच कभी कोई तनाव नहीं है.   दिल्ली में राहुल गांधी से मिलेंगे तेजस्वी यादव, सीटों के बंटवारे पर लगेगी मुहर#Delhi @RahulGandhi @TejashwiYdvRJD #SeatSharing #Bihar #Biharelection #BiharVidhansabhaElection pic.twitter.com/6ZAPvZBJZu — Naya Vichar (@prabhatkhabar) October 12, 2025 तेजस्वी के पटना आते ही सीटों का होगा एलान सूत्रों के मुताबिक, आज शाम दिल्ली में सीटों के बंटवारे पर फाइनल मुहर लगने के बाद तेजस्वी सोमवार शाम को पटना लौटेंगे. इसके बाद कल देर शाम तक उम्मीदवारों के नाम का एलान हो सकता है. बिहार की नेतृत्व पर नजर रखने वाले लोग बताते हैं कि राजद उन सीटों को कांग्रेस को देने पर सहमत है जिन सीटों पर बीजेपी का अच्छा प्रभाव है या बीजेपी पिछले तीन चुनाव से उस सीट को जीतते आ रही है. बिहार के इन सीटों के लिए अड़ी है कांग्रेस  इससे पहले शनिवार को महागठबंधन में सीटों को लेकर चल रही खींचतान पर कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने कहा था कि हमने अपनी सीटों की मांग को राजद प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव के सामने रख दिया है. उससे हम पीछे नहीं हटने वाले हैं. इसके साथ ही हमारे शीर्ष नेतृत्व ने भी लालू यादव को बता दिया है कि कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक में जिन सीटों पर उम्मीदवार तय हो चुके हैं उनसे किसी भी हाल में समझौता नहीं होगा.    बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें महागठबंधन में नहीं मान रही भाकपा (माले)  सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन में भाकपा (माले) को मनाने में सफलता नहीं मिली है. इसी खींचतान के बीच सीपीएम ने भी दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिससे संकेत मिल रहा है कि सब कुछ पूरी तरह सहज नहीं है. वाम दलों खासकर भाकपा (माले) की सीटों को लेकर सबसे अधिक विवाद सामने आ रहा है.  इसे भी पढ़ें: Bihar Elections 2025: “भूमिहार” वोटरों के सहारे प्रशासन बनाने में जुटे तेजस्वी, पिछली बार दिया था महज एक सीट  The post Bihar Elections 2025: दिल्ली में राहुल गांधी से मिलेंगे तेजस्वी यादव, सीटों के बंटवारे पर लगेगी मुहर appeared first on Naya Vichar.

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Mamata Banerjee : लड़कियों को रात में बाहर नहीं जाने देना चाहिए, गैंगरेप मामले पर ममता बनर्जी का आया पहला रिएक्शन

Mamata Banerjee : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के पास हुई गैंगरेप घटना पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि लड़की को रात में बाहर नहीं जाने देना चाहिए. यह घटना दुर्गापुर के शोभापुर के पास एक निजी मेडिकल कॉलेज की दूसरी साल की एमबीबीएस छात्रा के साथ हुई, जो ओडिशा के जलेश्वर की निवासी है. पीड़िता का शुक्रवार देर शाम अस्पताल के पीछे वाले इलाके में दुष्कर्म किया. सोशल मीडिया पर लोगों ने घटना पर गुस्सा व्यक्त किया. इस बीच मेडिकल कॉलेज की छात्रा के सामूहिक बलात्कार मामले में रविवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति को संदिग्ध भूमिका के कारण हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है. The post Mamata Banerjee : लड़कियों को रात में बाहर नहीं जाने देना चाहिए, गैंगरेप मामले पर ममता बनर्जी का आया पहला रिएक्शन appeared first on Naya Vichar.

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Odisha Police SI Exam 2025: बसों में पकड़े गए अभ्यर्थी, साजिश बेनकाब, जल्द होगी ओडिशा पुलिस भर्ती परीक्षा

Odisha Police SI Exam 2025: ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (OPRB) ने कहा है कि क्राइम ब्रांच की जांच पूरी होने के बाद उप-निरीक्षक (SI) पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी. बोर्ड ने उम्मीदवारों को भरोसा दिलाया है कि प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने की कोशिश की जाएगी ताकि अभ्यर्थियों का कीमती समय बर्बाद न हो. दरअसल, ओडिशा पुलिस में 933 उप-निरीक्षक पदों के लिए संयुक्त पुलिस सेवा परीक्षा (CPSE) 2024 की लिखित परीक्षा पांच और छह अक्टूबर को आयोजित की जानी थी. लेकिन परीक्षा से ठीक पहले एक बड़े खुलासे ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया. परीक्षा से पहले सामने आई साजिश क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि ओडिशा-आंध्र प्रदेश बॉर्डर से 114 अभ्यर्थियों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि यह सभी अभ्यर्थी तीन बसों में सवार होकर आंध्र प्रदेश के एक अज्ञात स्थान पर जा रहे थे. जांच में पता चला कि उन्हें वहां जाकर परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया जाना था. यह पूरी घटना एक साजिश का हिस्सा थी, जिसका मकसद ओडिशा प्रशासन की भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करना था. 119 लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में अब तक लगभग 119 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें 114 अभ्यर्थी भी शामिल हैं जो उप-निरीक्षक की भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले थे. ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड ने बताया कि ये गिरफ्तारियां साफ तौर पर यह साबित करती हैं कि भर्ती प्रक्रिया को विफल करने की कोशिश की गई थी. Odisha Police SI Exam 2025: बोर्ड ने उम्मीदवारों को दिया भरोसा ओपीआरबी ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि सभी उम्मीदवारों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्राइम ब्रांच की जांच पूरी होते ही भर्ती प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाएगा. बोर्ड का कहना है कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हर स्तर पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों. ओडिशा SI भर्ती में अभ्यर्थियों को राहत इस घटनाक्रम के बाद हजारों उम्मीदवारों में निराशा फैल गई थी जो लंबे समय से परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. लेकिन अब जब बोर्ड ने परीक्षा दोबारा शुरू करने की बात कही है, तो उम्मीदवारों में फिर से उम्मीद जगी है. बोर्ड का कहना है कि जांच पूरी होते ही नई परीक्षा तिथियों की घोषणा की जाएगी. यह भी पढ़ें: क्लर्क, इंडस्ट्री इंस्पेक्टर समेत कई पदों पर वैकेंसी, सैलरी होगी 1 लाख से ज्यादा The post Odisha Police SI Exam 2025: बसों में पकड़े गए अभ्यर्थी, साजिश बेनकाब, जल्द होगी ओडिशा पुलिस भर्ती परीक्षा appeared first on Naya Vichar.

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Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2 में होगी ‘कहानी घर घर की’ के ओम और पार्वती की एंट्री, देखने को मिलेगा रीयूनियन

Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2: सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 एक बार फिर से दर्शकों को एंटरटेन कर रहा है. शो में तुलसी और मिहिर के बच्चों पर कहानी फोक्सड है. इसके अलावा नोइना की एंट्री से भी कहानी में नया ट्विस्ट आया है. एकता कपूर का शो हर हफ्ते टीआरपी लिस्ट में टॉप 5 शोज में रहता है. अब सीरियल में कहानी घर घर की ओम और पार्वती एंट्री लेने वाले हैं. जी हां, ओम यानी किरण करमरकर और पार्वती यानी साक्षी तंवर सीरियल में आएंगे. क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 में होगी कहानी घर घर की के ओम-पार्वती की एंट्री साल 2000 की सुपरहिट सीरियल कहानी घर घर की के मुख्य किरदार साक्षी तंवर और किरण करमरकर क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 में प्रवेश करने वाले हैं. ईटाइम्स टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, साक्षी और किरण क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 में कैमियो रोल निभाने वाले हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार, ”ओम और पार्वती की एंट्री काफी दिलचस्प तरीके से होगी. एक प्रॉपर्टी है जिसके मालिकाना हक के कागजात एक अग्रवाल दंपत्ति के पास हैं. मिहिर इस कपल को अपने घर बुलाएगा और इस तरह से ओम और पार्वती शांति निकेतन आएंगे. दोनों कुछ एपिसोड्स में नजर आएंगे.” जानें सीरियल में क्या दिखाया गया क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 में आपने देखा कि रणविजय, मिहिर के सामने अपनी जॉब खोने के बारे में बात करता है. वह कहता है कि फिलहाल वह परी की अभी देखभाल नहीं कर सकता. नोइना और मिहिर उसकी ईमानदारी से काफी इम्प्रेस होते हैं. नोइना, रणविजय की तारीफ़ करते हुए कहती है कि हर लड़की को उसके जैसा जीवनसाथी मिलना सौभाग्य की बात है. नोइना उसे उसी वक्त जॉब ऑफर करती है. तुलसी इस शादी के लिए नहीं मानती. वह कहती है कि रणविजय उनसे कुछ छिपा रहा है. परी अपनी मां से पूछती है कि वह उसकी खुशियों के बीच बार-बार क्यों आ जाती है. तुलसी कहती है कि वह अपनी बेटी की शादी एक गलत लड़के से नहीं होने दे सकती. यह भी पढ़ें- Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2: तुलसी-मिहिर की जोड़ी की तुलना शाहरुख खान-काजोल से करने पर अमर उपाध्याय ने तोड़ी चुप्पी, कह दी बड़ी बात The post Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2 में होगी ‘कहानी घर घर की’ के ओम और पार्वती की एंट्री, देखने को मिलेगा रीयूनियन appeared first on Naya Vichar.

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Bihar News: बिहार का ये ऐतिहासिक किला बनने वाला है फेमस टूरिस्ट स्पॉट, दिलकश है नजारा, इतिहास भी रोचक

Bihar News: औरंगाबाद जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर दाउदनगर शहर में दाउद खां का किला है. दाउदनगर शहर सैकड़ों साल पुराना शहर है. दाउद खां के किला से इस शहर का इतिहास जुड़ा हुआ है. यह पुरातात्विक धरोहर स्थापत्य कला का जीवंत मिसाल है, लेकिन दुर्भाग्यवश अभी तक किला को रिजर्व और विकसित नहीं किया जा सका है. किले की कलाकृति के अवशेष इसकी विशेषता को दर्शाते हैं. 19 ऐतिहासिक धरोहरों की लिस्ट में दाउद खां का किला शामिल वैसे कहने को तो यह दाउद खां का किला कला, संस्कृति और युवा विभाग में आता है, जिसका बोर्ड भी लगा हुआ है. यह पुरातत्व विभाग के अधीन आता है. जिले के जिन 19 ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है, उस लिस्ट में दाउद खां का किला भी शामिल है. लेकिन, धरातल पर जो स्थिति दिखती है, उसे सही नहीं कहा जा सकता. पर्यटन को मिल सकेगा बढ़ावा 2009 में कराये गए सौंदर्यीकरण के अधिकतर काम ध्वस्त या फिर डैमेज हो चुके हैं. लगभग सात सालों में भी अतिक्रमण चिह्नित नहीं हो सका है, जिसके कारण चारों तरफ की चहारदिवारी नहीं कराई जा सकी है. हालांकि, अधूरी चहारदीवारी कराई गई थी. जब ऐतिहासिक धरोहर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होंगे, तो शहर के लिए काफी उपयोगी साबित होगा. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. स्थानीय लोगों को स्वरोजगार मिल सकेगा. 2022 में ही मांगी गई थी रिपोर्ट पर्यटन विभाग की तरफ से अगस्त 2022 में औरंगाबाद जिले के 19 ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये डीएम से लेटेस्ट रिपोर्ट की मांग की गई थी. उस लिस्ट में इस किला का नाम भी शामिल है. आश्चर्यजनक बात तो यह है कि करीब सात सालों में भी किला की जमीन को अतिक्रमण मुक्त स्थानीय प्रशासन की तरफ से नहीं कराया जा सका है, जिसके कारण किला परिसर का सौंदर्यीकरण कार्य पूरा नहीं हो सका. लंबे समय से सौंदर्यीकरण का काम प्रभावित दरअसल, किला परिसर के पूर्वी एरिया से लेकर उत्तरी भाग तक अतिक्रमण का शिकार है. लंबे समय से सौंदर्यीकरण का काम प्रभावित है. अब तो जो पहले सौंदर्यीकरण के काम कराये गये थे, वह भी डैमेज होते जा रहे हैं या हो गए हैं. करीब सात साल पहले डीएम के आदेश के अनुसार किला परिसर को सुरक्षित रखने और अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्रवाई करने का आदेश सीओ और थानाध्यक्ष को दिया था. आज तक न तो अतिक्रमण चिन्हित हो सका और न इसका सौंदर्यीकरण कार्य पूरा कराया जा सका. क्या है दाउद खां के किला का इतिहास जानकारी के मुताबिक, इसके अंदर दक्षिण 20, पश्चिम से 10 और उत्तर में 7 अस्तबलनुमा ध्वस्त होते अवशेष और मस्जिद की आकृति के अवशेष आज भी हैं. औरंगजेब के शासनकाल में बिहार में पहले सूबेदार 1659 में दाउद खां कुरैशी बनाये गये. तीन अप्रैल 1660 को दाउद खां पलामू फतह के लिए पटना से रवाना हुए . पलामू फतह के बाद पटना वापसी के दौरान उन्हें अंछा परगना में ठहरने की नौबत आयी. वे शिकार पर निकले तो उन्हें बताया गया कि यह इलाका खतरनाक है. दरअसल, बड़े इलाके का राजस्व जब दिल्ली पहुंचाया जाता था तो इस रास्ते में उसे लूट लिया जाता था. इसकी सूचना बादशाह को दी गयी. 1663 में यहां किला का निर्माण शुरू कराया गया, जो 10 साल बाद 1673 में बन कर तैयार हो गया. ऐतिहासिक तथ्य है कि दाउद खां के आगमन से पहले यह बस्ती अंछा परगना का सिलौटा बखौरा था. दाउदनगर का लिखित इतिहास दाउद खां से ही शुरू हुआ और माना जाता है कि उनके नाम पर ही इस शहर का नाम दाउदनगर पड़ा. (औरंगाबाद से ओमप्रकाश की रिपोर्ट) Also Read: Bihar Election 2025: तेजस्वी के दिल्ली जाते ही बड़ा झटका, RJD के इन दो नेताओं ने दिया इस्तीफा The post Bihar News: बिहार का ये ऐतिहासिक किला बनने वाला है फेमस टूरिस्ट स्पॉट, दिलकश है नजारा, इतिहास भी रोचक appeared first on Naya Vichar.

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Diwali Puja Date 2025: कब है दिवाली? जानें सही डेट, इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मिलेगा विशेष लाभ  

Diwali Puja Date 2025: सनातन परंपरा में दीपावली का स्थान बहुत पवित्र माना गया है. दीपावली के दिन श्रद्धालु भगवान श्रीराम के दरबार और मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं. ऐसा करने से घर में सुख, समृद्धि और आनंद का वास होता है. आइए जानते हैं इस साल दीपावली कब मनाई जाएगी. 2025 में कब है दिवाली वैदिक पंचांग के मुताबिक, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर की सुबह 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी. यह तिथि 21 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी. इसलिए दीपावली का पर्व इस वर्ष 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दीपावली पूजन का शुभ समय इस साल लक्ष्मी पूजन का उत्तम मुहूर्त शाम 7 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. भक्त इस अवधि में किसी भी समय विधिवत पूजा कर सकते हैं. दीवाली के दिन बनने वाले शुभ योग शनि वक्री योग: जब शनि देव मीन राशि में वक्री रहते हैं, तब यह योग कई राशियों को लाभ और तरक्की के अवसर देता है. हंस महापुरुष योग: इस दिन गुरु ग्रह के कर्क राशि में स्थित होने से हंस योग बनता है. यह व्यक्ति को धन, यश और ज्ञान प्रदान करने वाला अत्यंत शुभ योग माना जाता है. कलात्मक योग: कन्या राशि में चंद्रमा और शुक्र की युति से यह योग बनता है, जो जीवन में सौंदर्य, प्रेम और मानसिक शांति लाता है. बुधादित्य योग: सूर्य और बुध के तुला राशि में एक साथ आने से बनने वाला यह योग बुद्धिमत्ता, प्रभाव और सफलता बढ़ाने में सहायक होता है. दिवाली पूजन विधि और मंत्र दीपावली पूजा की शुरुआत “ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः॥” इस पवित्री मंत्र से करें. इस मंत्र का उच्चारण करते हुए स्वयं पर, आसन और पूजन सामग्री पर कुशा या पुष्प से तीन बार जल के छींटे दें. इसके बाद आचमन करें- “ऊँ केशवाय नमः, ऊँ माधवाय नमः, ऊँ नारायणाय नमः” और फिर हाथ धो लें. अब आसन को शुद्ध करें. इसके लिए यह मंत्र बोलें — ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता। त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥” फिर चंदन लगाएं. अनामिका उंगली से श्रीखंड चंदन का तिलक करते हुए यह मंत्र कहें “चन्दनस्य महत् पुण्यं पवित्रं पापनाशनम्। आपदां हरते नित्यं लक्ष्मी तिष्ठ सर्वदा॥” इससे मन, शरीर और स्थान तीनों पवित्र माने जाते हैं तथा मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. दीवाली पर पूजा कब की जाती है? कार्तिक अमावस्या की शाम को लक्ष्मी–गणेश की पूजा की जाती है. पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? इस वर्ष पूजन का समय शाम 7:08 से 8:18 बजे तक शुभ माना गया है. दीवाली पर किन देवी-देवताओं की पूजा होती है? मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, और श्रीराम दरबार की पूजा की जाती है. दीवाली पर क्या चढ़ाना चाहिए? लक्ष्मी माता को कमल पुष्प, खील-बताशे, मिठाई, चावल और दीप अर्पित करें. दीवाली पर दीपदान का क्या महत्व है? दीप जलाने से अंधकार दूर होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है. ये भी पढ़ें: Diwali 2025: दीवाली पर क्यों किया जाता है व्रत? जानिए इसकी धार्मिक मान्यता ये भी पढ़ें: Diwali 2025 Upay: दीवाली पर मां लक्ष्मी का ऐसे करें घर में स्वागत, जानिए आसान उपाय Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. नया विचार किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. The post Diwali Puja Date 2025: कब है दिवाली? जानें सही डेट, इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मिलेगा विशेष लाभ   appeared first on Naya Vichar.

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अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर युद्ध की आहट! क्या मैदान में कूदेगा सऊदी भाईजान, डिफेंस डील की अग्निपरीक्षा

Afghanistan Pakistan Border Conflict: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर बंदूकें गरज रही हैं. रविवार रात की झड़पों ने दोनों देशों के रिश्तों में ऐसा जहर घोला है, जिसकी गूंज सिर्फ कंधार या खोस्त तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में सुनाई दे रही है. पाकिस्तान कहता है कि उसने तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों को निशाना बनाया, जबकि अफगानिस्तान इसे अपनी  राजसत्ता पर हमला बता रहा है. अब जब हालात बिगड़े हुए हैं, तब सबकी नजर एक तीसरे खिलाड़ी पर टिक गई है और वह है सऊदी अरब. जिसने हाल ही में पाकिस्तान के साथ एक ऐसा रक्षा समझौता किया है जो इस पूरे समीकरण को पलट सकता है. सीमा पर खून, गोलियों की गूंज और बढ़ता तनाव रविवार रात अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर भारी गोलीबारी हुई. इस झड़प में कम से कम 18 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और कई को अफगान बलों ने पकड़ लिया. यह संघर्ष पाकिस्तान के उस हवाई हमले के बाद शुरू हुआ, जो उसने कुछ दिन पहले काबुल पर किया था. इस्लामाबाद का दावा है कि उसने TTP के एक आतंकी सरगना को निशाना बनाया था. कंधार, नंगरहार, खोस्त और हेलमंद प्रांतों में तोपखाने और गोलीबारी पूरी रात चलती रही. अफगान सूत्रों का दावा है कि उन्होंने कई पाकिस्तानी चौकियां कब्ज़ा लीं, जबकि पाकिस्तान का कहना है कि उसने जवाबी कार्रवाई में 19 अफगान चौकियां नष्ट कीं. Afghanistan Pakistan Border Conflict: डूरंड रेखा- सीमा पार फैल सकता है संघर्ष डूरंड रेखा का इतिहास अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों की जड़ में है. 19वीं सदी के ब्रिटिश नक्शे से खींची गई ये लकीर आज भी दोनों देशों के बीच सबसे बड़ी दीवार बनी हुई है. तालिबान प्रशासन पाकिस्तान के हवाई हमलों से नाराज है और उसने चेतावनी दी है कि अगर यह सिलसिला नहीं रुका तो संघर्ष सीमा पार फैल सकता है. यानी, बारूद की ये लपटें सिर्फ सीमित नहीं रहने वालीं. सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौता सितंबर 2025 में सऊदी अरब और पाकिस्तान ने एक नया रक्षा समझौता किया था. समझौते में लिखा है कि अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो दोनों मिलकर जवाब देंगे. सादे शब्दों में कहें तो, पाकिस्तान पर हमला मतलब सऊदी अरब पर हमला. इस वक्त जब पाकिस्तान अफगान सीमा पर उलझा हुआ है, तो दुनिया यह पूछ रही है कि क्या अब रियाद इस्लामाबाद के लिए मैदान में उतरेगा? सऊदी अरब का बयान- ‘संयम बरतो, बातचीत करो’ रियाद ने फिलहाल सार्वजनिक तौर पर कहा है कि दोनों पक्ष “संयम बरतें और बातचीत के जरिए हल निकालें.” सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राज्य संयम बरतने, तनाव बढ़ाने से बचने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए संवाद अपनाने का आह्वान करता है. साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि सऊदी अरब क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा. लेकिन नेतृत्व के जानकार कह रहे हैं कि यह सिर्फ एक राजनयिक बयान नहीं है. इसके पीछे सऊदी अरब की रणनीतिक सोच भी है. क्योंकि अगर स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती है, तो रियाद सिर्फ बयानबाजा नहीं करेगा, बल्कि पाकिस्तान के पक्ष में व्यावहारिक समर्थन दे सकता है चाहे वह आर्थिक, कूटनीतिक या रक्षा स्तर पर हो. ट्रंप की नजर बगराम एयरबेस पर इस पूरी कहानी में एक और दिलचस्प परत जुड़ गई है, बगराम एयरबेस. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इस बेस पर दोबारा नियंत्रण पाने की इच्छा जताई है. उनका कहना है कि यह ठिकाना चीन के खिलाफ रणनीतिक संतुलन के लिए अहम है. अब अगर अमेरिका ऐसा कदम उठाता है, तो उसे पाकिस्तान और सऊदी अरब दोनों की जरूरत होगी. पाकिस्तान तालिबान पर असर रखता है, जबकि सऊदी अरब आर्थिक और धार्मिक दोनों मोर्चों पर ताकत रखता है. ऐसे में यह तिकड़ी वॉशिंगटन, इस्लामाबाद और रियाद सभी मिलकर अफगानिस्तान पर अप्रत्यक्ष दबाव बना सकती है. मगर चीन, रूस और ईरान के रुख से मुश्किलें बढ़ सकती हैं इस पूरी रणनीति में एक बड़ी बाधा भी है. चीन, रूस और ईरान क्योंकि तीनों देश अफगानिस्तान में किसी भी विदेशी सैन्य हस्तक्षेप के सख्त खिलाफ हैं. अगर सऊदी अरब या पाकिस्तान, अमेरिका के इशारे पर कोई दबाव बनाने की कोशिश करते हैं, तो यह क्षेत्रीय नेतृत्व में नया असंतुलन पैदा कर सकता है. सऊदी अरब की ओर से आया शांति का संदेश सुनने में सौम्य लगता है, लेकिन उसके भीतर शक्ति का संकेत छिपा है. यह नया रक्षा समझौता सऊदी को दक्षिण एशिया में एक ऐसे सुरक्षा खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है, जो सिर्फ खाड़ी तक सीमित नहीं है. विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता एक चेतावनी और एक गारंटी दोनों है यानी, अगर पाक-अफगान संघर्ष बढ़ता है, तो रियाद का समर्थन सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगा. ये भी पढ़ें: अफगानिस्तान हमारा नंबर 1 दुश्मन! पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने क्यों कही यह बात उत्तर कोरिया का पावर शो! किम जोंग उन ने दिखाई अब तक की सबसे घातक मिसाइल, रूस-चीन भी दंग The post अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर युद्ध की आहट! क्या मैदान में कूदेगा सऊदी भाईजान, डिफेंस डील की अग्निपरीक्षा appeared first on Naya Vichar.

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Bihar News: मोतिहारी में बड़ा हादसा, सिकरहना नदी में पलटी नाव, 3 की मौत  

Bihar News (सुजीत पाठक): मोतिहारी के लखौरा थाना इलाके के लखौरा पुरबारी टोला में सिकरहना नदी में एक नाव पलट गई. इस हादसे में 15 लोग नदी में डूब गए, जबकि तीन लोगों की मौत हो गई. घटना शनिवार देर शाम की बताई जा रही है. तेज हवा की चपेट में आई नाव मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण पशुओं के लिए चारा लेकर लौट रहे थे, तभी नदी पार करते समय नाव तेज हवा की चपेट में आ गई. हवा के दबाव से नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह देखते ही देखते नदी के बीचोंबीच पलट गई. घटना में एक व्यक्ति ने किसी तरह तैर कर अपनी जान बचाई और घटना की जानकारी गांव वालों को दी. जिसके बाद गांव वाले दूसरी नाव लेकर नदी में डूबे अन्य लोगों की तलाशी शुरू की. इस दौरान रात्रि में ही कैलाश सहनी को स्थानीय गोताखोरों ने ढूंढ निकाला. इलाज के लिए उन्हें निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां ईलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया तीनों शव ग्रामीण ने इसकी सूचना लखौरा थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार पासवान को दिया. जिसके बाद इसकी सूचना एनडीआरएफ की टीम को दी गई. एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया. करीब तीन घंटे के मशक्कत के बाद बाबूलाल सहनी और मुकेश सहनी के शव को ढूंढ़ निकाला गया. पुलिस ने तीनों शव को कब्जे में लेकर छानबीन करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. ग्रामीणों में आक्रोश ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि नाव पलट गई है और दो लोग लापता हैं वैसे ही पूरे गांव के लोग नदी के चारों तरफ से घेरकर बैठे रहे. सुबह जब एनडीआरएफ की टीम आई उनके साथ स्थानीय गोताखोर भी जाकर दोनों के शवों की तलाश की. शव मिलने के बाद गांव में मातम छा गया. ग्रामीणों ने बताया कि इतना बड़ा नाव हादसा होने के बाद भी सदर सीओ घटनास्थल पर नहीं पहुंचीं, जिस कारण लोगों में काफी आक्रोश भी देखने को मिला. एनडीआरएफ टीम ने किया रेस्क्यू ग्रामीणों ने सीओ को फोन किया लेकिन वह फोन नहीं उठायी, जिसके बाद ग्रामीणों ने डीएम सौरभ जोरवाल को कॉल कर घटना की जानकारी दी. उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ की टीम को घटनास्थल पर भेज कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया, जिसके बाद लापता दोनों शव बरामद हुए. मुआवजे की मांग वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन से सबसे पहले तो लखौरा थाना क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग की, साथ ही मृतक के परिजनों को प्रशासनी मुआवजा देने की भी मांग रखी है. ग्रामीण शिवलाल सहनी ने कहा कि मृतक के परिजनों को कम से कम 25 लाख रूपये प्रशासनी सहायता दिया जाए ताकि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके. लखौरा थानाध्यक्ष प्रवीण पासवान ने बताया कि तीनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मामले में कार्रवाई की जा रही है. इसे भी पढ़ें: बिहार में सिगरेट के लिए मर्डर, आक्रोश के बाद पैरामिलिट्री ने संभाला मोर्चा The post Bihar News: मोतिहारी में बड़ा हादसा, सिकरहना नदी में पलटी नाव, 3 की मौत   appeared first on Naya Vichar.

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