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October 18, 2025

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Dhanteras 2025: आज धनतेरस पर मां लक्ष्मी और कुबेर जी को खुश करने के चक्कर में शनि देव को न करें नाराज, वरना रूक सकता है धन लाभ

Dhanteras 2025: धनतेरस का दिन इस बार बेहद खास है क्योंकि मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा के साथ-साथ शनि देव की कृपा भी जरूरी मानी जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर इस दिन शनि देव को नाराज किया जाए, तो धन लाभ और संपन्नता में बाधा आ सकती है. इसलिए पूजा और उपाय ध्यानपूर्वक करना बेहद आवश्यक है. शनि देव को खुश रखने के उपाय शनि भगवान को प्रसन्न रखने के लिए शनिवार को कुछ विशेष उपाय करने चाहिए. पीपल के पेड़ में गंगाजल और काले तिल चढ़ाएं और उसकी तीन बार परिक्रमा करें. इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ होता है, क्योंकि हनुमान जी शनि देव को प्रसन्न रखते हैं. पूजा और मंत्र जाप सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थान को साफ रखें. शनिदेव को खुश करने के लिए “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है. इस दिन दान करना भी विशेष महत्व रखता है। जरूरतमंदों को भोजन, काले वस्त्र, तिल या उड़द जैसी काली चीजें दान करें. विशेष उपाय और सुरक्षा यदि चाहें तो अपनी मध्यमा उंगली में लोहे का छल्ला पहन सकते हैं. यह शनि देव की क्रोध से सुरक्षा देने वाला माना जाता है. इस दिन नकारात्मक गतिविधियों से बचना बेहद जरूरी है. क्या न करें शनिवार को नशा, जुआ, छल-कपट और गलत काम करने से बचें. बुजुर्गों, विकलांगों और जानवरों के साथ दयालु रहें. खरीदारी में चमड़े से बनी चीजें (जूता, चप्पल, पर्स), सरसों का तेल, नमक और काजल लेने से बचें. अगर जरूरी न हो तो पूर्व, दक्षिण या ईशान दिशा में यात्रा भी टालें. धनतेरस का महत्व धनतेरस सिर्फ मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा का ही पर्व नहीं, बल्कि शनि देव की कृपा और सही उपायों के माध्यम से घर में स्थायी सुख-शांति और धन वृद्धि का दिन भी है. इस अवसर का लाभ उठाकर पूजा विधि का पालन जरूर करें. धनतेरस पर शनि देव की पूजा क्यों जरूरी है? शनि देव की कृपा से घर में स्थायी धन, सुख-शांति और समृद्धि आती है. अगर शनि देव नाराज हों तो धन लाभ में बाधा आ सकती है. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कौन से उपाय करें? शनिवार को पीपल के पेड़ में गंगाजल और काले तिल चढ़ाएं और तीन बार परिक्रमा करें. हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शुभ होता है. शनि देव के कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए? “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करना लाभकारी माना जाता है. धनतेरस पर क्या दान करना शुभ होता है? जरूरतमंदों को भोजन, काले वस्त्र, तिल या उड़द जैसी काली चीजें दान करें. इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. ये भी पढ़ें: Dhanteras 2025: धनतेरस पर खील-बताशे चढ़ाना क्यों होता है महत्वपूर्ण? जानें कहीं इससे तो नहीं खुलती है बंद किस्मत के तालें ये भी पढ़े  Kuber Ji Ki Aarti ये भी पढ़े  Dhanteras Ki Katha ये भी पढ़े: Dhanteras Puja Vidhi ये भी पढ़े: Kuber Chalisa  Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. नया विचार किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. The post Dhanteras 2025: आज धनतेरस पर मां लक्ष्मी और कुबेर जी को खुश करने के चक्कर में शनि देव को न करें नाराज, वरना रूक सकता है धन लाभ appeared first on Naya Vichar.

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Tips to Prevent Heart Attack: हार्ट अटैक से बचने के लिए योग को बनाएं अपनी दिनचर्या का हिस्सा – स्वामी रामदेव की सलाह

Tips to Prevent Heart Attack: आधुनिक जीवनशैली में हार्ट संबंधी समस्याओं का बढ़ना चिंता का विषय है, लेकिन इसे योग और प्राकृतिक उपायों से काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. स्वामी रामदेव ने युवाओं को चेताया कि दवाइयों का जरूरत से ज्यादा उपयोग हानिकारक हो सकता है, इसलिए स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए प्राकृतिक उपायों और योग को प्राथमिकता दें. स्वामी रामदेव ने बताया कि हार्ट अटैक मुख्य रूप से तनाव, असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण होता है. नियमित योगाभ्यास से हृदय स्वस्थ रहता है और शरीर में रक्त संचार सही ढंग से होता है. Tips to Prevent Heart Attack: हार्ट अटैक से बचने के लिए योग और प्राणायाम के उपाय Tips to prevent heart attack भ्रामरी प्राणायाम –  भ्रामरी प्राणायाम करने से मन शांत रहता है और तनाव कम होता है. तनाव कम होने से हृदय पर दबाव घटता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है. इसे रोजाना 5-10 मिनट करना पर्याप्त है. अनुलोम विलोम – यह नाड़ी शोधन प्राणायाम है जो हृदय और फेफड़ों को मजबूत बनाता है. अनुलोम विलोम से रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है. इसे सुबह खाली पेट करना अधिक लाभकारी होता है. कपालभाति प्राणायाम – यह पेट और फेफड़ों को सक्रिय करता है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाता है. रोजाना 10 मिनट तक कपालभाति करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. स्वामी रामदेव ने कहा कि योग सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है. युवाओं को चाहिए कि वे नियमित रूप से योग और प्राणायाम का अभ्यास करें और अत्यधिक दवाइयों पर निर्भर न रहें. साथ ही, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन भी हार्ट अटैक से बचाव में सहायक होते हैं. योग को जीवन का हिस्सा बनाकर और प्राकृतिक उपायों को अपनाकर हम न केवल अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि पूरी जीवनशैली में सुधार ला सकते हैं. Also Read: World Heart Day 2025: दिल को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना करें ये 5 प्राणायाम Also Read: Healthy Heart Tips: दिल के साथ है इन अंगों का खास कनेक्शन, बेहतर सेहत के लिए इनपर भी दें ध्यान The post Tips to Prevent Heart Attack: हार्ट अटैक से बचने के लिए योग को बनाएं अपनी दिनचर्या का हिस्सा – स्वामी रामदेव की सलाह appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Election 2025: बिहार के इस जिले में हेलीपैड के पास ही करनी होगी जनसभा, गाइडलाइन जारी

Bihar Election 2025: गोपालगंज जिले में विधानसभा विधानसभा चुनाव के दौरान 43 स्थानों पर ही हेलीपैड बनाने की अनुमति दी जाएगी. जिसके तहत जिला मुख्यालय में केवल चार हेलीपैड निर्माण स्थल की पहचान की गई है. इन हेलीपैड स्थल के आसपास ही प्रत्याशी अथवा नेतृत्वक दल सभास्थल बना पाएंगे. पहले लेनी होगी सभा की अनुमति हेलीपैड स्थल से ज्यादा दूरी पर सभास्थल की अनुमति भी प्रशासनिक स्तर पर नहीं मिलेगी. प्रत्याशियों को हेलीकॉप्टर उतारने व सभा के आयोजन की अनुमति पहले ही लेनी होगी. विधानसभा चुनाव के दौरान विभिन्न नेतृत्वक दलों के नेता हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार करने पहुंचते हैं. इन हेलीकॉप्टरों को लैंड कराने के लिए हेलीपैड स्थल बनाया जाता है. हेलीपैड के लिए स्थल निर्धारित इस बार प्रशासन ने चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए हेलीपैड के लिए एक स्थल तय कर दिया है. किसी भी दल या नेता के हेलीकॉप्टर को इन्हीं स्थानों पर उतारने की अनुमति मिलेगी. इसके अलावा इस हेलीपैड के आसपास ही सभा स्थल की भी अनुमति दी जाएगी. सिंगल विंडो सिस्टम से आवेदन जानकारी के मुताबिक, इसके लिए भी प्रत्याशियों को सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से ही आवेदन करना होगा. इसके आधार पर ही हेलीपैड निर्माण व सभा स्थल की भी अनुमति मिलेगी. इसको लेकर तमाम नेतृत्वक दलों को दिशा निर्देश जारी किया गया है. यहां उतरेंगे हेलीकॉप्टर बता दें कि प्रशासनिक स्तर पर जिला मुख्यालय में चार स्थानों पर हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति मिलेगी. इनमें वीएम फिल्ड, मिंज स्टेडियम, तिलंगही मैदान और विस्कोमान भवन भी शामिल है. इसके अलावा रामरतन शाही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जादोपुर व गोपालगंज विस क्षेत्र में शामिल थावे के होमगार्ड मैदान में भी हेलीकॉप्टर उतारने के लिए स्थान तय किया गया है.   सभी 14 प्रखंडों में स्थल निर्धारित प्राप्त जानकारी के अनुसार हेलीकॉप्टर उतरने के लिए प्रशासनिक स्तर पर जिले के सभी चौदह प्रखंडों में स्थल तय किए गए हैं. इसके अलावा कई प्रखंड मुख्यालयों में भी इसके लिए स्थान तय हुए हैं. आयोग की शर्तें आदर्श आचार संहिता का पालन. तय समय में ही कार्यक्रम का आयोजन. धर्म, संप्रदाय व जाति जनित भाषा का इस्तेमाल नहीं. संबंधित थाने को कार्यक्रम की सूचना देना जरूरी. निर्वाचन खर्च में शामिल करेंगे कार्यक्रम आयोजन का खर्च. कार्यक्रम से यातायात में बाधा नहीं. ध्वनि का प्रयोग निर्धारित डेसीबल में ही करना होगा. धार्मिक स्थल का इस्तेमाल कार्यक्रम आयोजन के लिए नहीं. अश्लील गानों का प्रसारण नहीं. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रहेगा लाउडस्पीकर. अनुमति के लिए वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जरूरी. चुनाव प्रचार समाप्ति के बाद संबंधित कोषांग में जमा होंगे वाहन. इसे भी पढ़ें: बिहार चुनाव में घोड़ों को भी मिल रहा रोजगार, यहां के घोड़े बने नेताओं की पहली पसंद The post Bihar Election 2025: बिहार के इस जिले में हेलीपैड के पास ही करनी होगी जनसभा, गाइडलाइन जारी appeared first on Naya Vichar.

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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी अकेलेपन को क्यों मानते हैं भजन का फल? जानिए इसका महत्व

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज का नाम सुनते ही मन में शांति और भक्ति की भावना जाग जाती है. उनकी मधुर वाणी, सरल भाषा और गहरे विचार हर किसी के दिल को छू जाते हैं. ऐसे में जब एक व्यक्ति ने प्रेमानंद जी महाराज से कहा कि वह हमेशा अकेलापन महसूस करता है, तो महाराज जी ने अकेलेपन को भजन का फल बताया और इसके गहरे आध्यात्मिक महत्व को समझाया. तो आइए जानते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज अकेलेपन को भजन का फल क्यों मानते हैं और इसका महत्व क्या है. अकेलापन क्या सच में भजन का फल है? प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं की अकेलापन तो बहुत बढ़िया है. दूसरा कोई है ही नहीं. एक ही परम पुरुष – परमात्मा. यह भजन का फल होता है कि आपका मन अकेलापन अनुभव करता है. इसे और आगे बढ़ना चाहिए. यही वैराग्य की ओर गति होती है. वैराग्य और अनुराग का संबंध प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार जब वैराग्यवान भजन करता है, तब अनुराग प्रकट होता है. पहले तो ये भजन राग का नाश करेगा, मन भय भी पैदा करेगा, इतना भयभीत कर देगा कि भगवान के मार्ग पर नहीं चलना चाहिए और बहुत डर पैदा करेगा. सत्संग से डर का नाश सत्संग के द्वारा इस भय का नाश होता रहता है. प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं की अगर साधु-संग मिल गए तो इस भय और विषाद से ऊपर उठ जाओगे. अनुराग की अवस्था और अपनापन प्रेमानंद जी ने बताया की जहां राग नष्ट हुआ और अनुराग प्रकट हुआ, वहां अकेलापन खत्म हो जाएगा. क्योंकि फिर आराध्य देव के परिकर में अपनापन होने लगता है. अंत में भक्ति का आनंद प्रेमानंद जी महाराज आगे बताते हुए कहते हैं की फिर यह शिकायत खत्म हो जाती है. फिर तो व्यक्ति अपने लाडले, अत्यंत प्यारे आराध्य देव के साथ प्रतिपल भाव से रहता है और उन्हीं के आनंद में डूबा रहता है.  ये भी पढ़ें: Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज की ये शिक्षाएं बनाती है हर इंसान को बेहतर और समझदार  ये भी पढ़ें: Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज की 5 अनमोल शिक्षाएं जो हर किसी को जाननी चाहिए  ये भी पढ़ें: Premanand Ji Maharaj: क्या गलत कर्मों का हिसाब यहीं होता है? जानें क्या कहा प्रेमानंद जी महाराज ने  ये भी पढ़ें: Premanand Ji Maharaj: सम्मान और प्रेम में किसे चुनना चाहिए? जानिए प्रेमानंद जी से, क्या है बड़ा Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार इसकी पुष्टि नहीं करता है. The post Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी अकेलेपन को क्यों मानते हैं भजन का फल? जानिए इसका महत्व appeared first on Naya Vichar.

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Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: शो में विलेन युवराज की हो रही फिर से एंट्री, अभीरा और अरमान की जिंदगी में लाएगा नया तूफान

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में दिखाया जाएगा कि अरमान और अभीरा को पता चलता है कि बॉयज हॉस्टल में बिजली नहीं है. सारे छात्र वार्डन से शिकायत करते हैं. वार्डन बताती है कि अरमान, रिहान और प्रियांशु ने इंडक्शन कुकर का यूज किया था, जिसके कारण बिजली की दिक्कत हुई. इस दिक्कत को सुलझाने के लिए वार्डन घोषणा करती है कि लड़के ग्रांउड फ्लोर पर रहेंगे और लड़के फर्स्ट फ्लोर रहेंगे. दूसरी तरफ माधव से विद्या पूछती है कि क्या वह उससे गीतांजलि का साइड लेने पर नाराज है. माधव कहता है कि वह उससे नाराज नहीं है और उसे यकीन है कि अभीरा और अरमान जल्द ही मिल जाएंगे. अभीरा को चिढ़ाता है अरमान ये रिश्ता क्या कहलाता है में दिखाया जाएगा कि अरमान, अभीरा को चिढ़ाता है कि उसकी तेज धड़कनें उसे सुनाई दे रही है. वह उसके करीब आने की कोशिश करता है और तभी आलिया आ जाती है. वह उससे पूछती है कि वह अलमारी के पीछे क्यों छिप रही है. अरमान ये सुनकर अभीरा को चिढ़ाता है और आलिया के सवाल का जवाब देने के लिए कहता है. अभीरा कोई बहाना बनाकर वहां से चली जाती है. रात में अभीरा की नींद अरमान और उसके दोस्तों की वजह से खराब हो जाती है. दोनों की बीच बहस होती है. अरमान और अभीरा एक-दूसरे को बैडमिंटन मैच के लिए चुनौती देते हैं. युवराज की एंट्री फिर से अभीरा अपनी टीम बनाती है जिसमें आलिया, लावण्या और कुछ अन्य लड़कियां उसमें शामिल होती है. अभीरा इस चुनौती को लेकर घबराई हुई है. अरमान बैडमिंटन की प्रैक्टिस करती है और अरमान उसकी मदद के लिए आता है. बाद में अभीरा को पता चलता है कि अरमान भी इस मैच में भाग ले रहा है. रिहान और पीजे कहते हैं कि अरमान ने उसे गलत सिखाया होगा क्योंकि वह खुद मैच में भाग ले रहा. अभीरा उससे इस बारे में पूछती है, लेकिन अरमान मना कर देता है. आने वाले एपिसोड में दिखाया जाएगा कि अरमान और अभीरा की जिंदगी में आफत लाने के लिए युवराज की एंट्री हो रही है. यह भी पढ़ें- Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: इन दोनों की शादी करवाएंगे अरमान और अभीरा, हॉस्टल में होगा हंगामा, AbhiMaan को याद आएगा अपना अतीत The post Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: शो में विलेन युवराज की हो रही फिर से एंट्री, अभीरा और अरमान की जिंदगी में लाएगा नया तूफान appeared first on Naya Vichar.

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BrahMos Missiles : पाकिस्तान के हर इलाके में अब ब्रह्मोस मिसाइल ला सकता है तबाही, बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

BrahMos Missiles : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में बनी पहली ब्रह्मोस मिसाइलों की खेप का अनावरण किया. यह अत्याधुनिक इकाई 11 मई, 2025 को खोली गई थी. यहां मिसाइलों का निर्माण, परीक्षण और अंतिम गुणवत्ता जांच के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. हिंदुस्तानीय सशस्त्र बल इन मिसाइलों का सफल परीक्षण करने के बाद तैनाती के लिए तैयार करते हैं. इससे देश की सुरक्षा और सशक्त होगी. #WATCH | Lucknow | Defence Minister Rajnath Singh says, “BrahMos is not just a missile, but a symbol of India’s growing indigenous capabilities. This combination of speed, accuracy, and power makes BrahMos one of the world’s best missiles. BrahMos has become the backbone of… pic.twitter.com/J0l2mGPEU6 — ANI (@ANI) October 18, 2025 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज का कार्यक्रम केवल मिसाइल लॉन्च का नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को संदेश देने का गर्वपूर्ण अवसर है कि हिंदुस्तान अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता है. इस आत्मविश्वास ने हमें ऑपरेशन सिंदूर में मदद की, जहां ब्रह्मोस सिर्फ एक सिस्टम नहीं बल्कि हमारे देश की सुरक्षा का सबसे बड़ा प्रमाण साबित हुआ. #WATCH | Lucknow | “Today’s event is not just a launch; it is a proud moment to send a message to future generations that India has the power to turn its dreams into reality. This confidence empowered us in Operation Sindoor, where BrahMos proved to be not just a system but the… pic.twitter.com/An5YLNEqBc — ANI (@ANI) October 18, 2025 जीत हमारी आदत बन गई है: राजनाथ सिंह राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया है कि जीत हमारे लिए अब मामूली घटना नहीं है, बल्कि हमारी आदत बन गई है. देश भरोसा करता है कि हमारे विरोधी अब ब्रह्मोस से बच नहीं पाएंगे. पाकिस्तान का हर क्षेत्र अब हमारी ब्रह्मोस मिसाइल की पहुंच में है. #WATCH | Lucknow | Defence Minister Rajnath Singh says, “What happened in Operation Sindoor was just a trailer. But that trailer itself made Pakistan realise that if India could give birth to Pakistan, then I need not say anything further about what else it could do…” pic.twitter.com/KSyXspmlu7 — ANI (@ANI) October 18, 2025 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में जो हुआ, वह केवल एक ट्रेलर था. लेकिन इस ट्रेलर ने ही पाकिस्तान को एहसास करा दिया कि अगर हिंदुस्तान बहुत कुछ कर सकता है. इसके बारे में कहने की जरूरत नहीं.” यह भी पढ़ें : Brahmos Missile : लखनऊ से रवाना होगी ब्रह्मोस की पहली खेप मिसाइलों का निर्माण और लास्ट टेस्ट पूरी तरह से देसी टेक्निक से लखनऊ की यह यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. यहां मिसाइलों का निर्माण और लास्ट टेस्ट पूरी तरह से देसी टेक्निक से किया जाता है. पहली खेप के रवाना होने के साथ ही यह प्रदेश ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियान का मजबूत हिस्सा बन गया है. यह यूनिट सिर्फ रणनीतिक रूप से ही अहम नहीं है, बल्कि प्रदेश में रोजगार, निवेश और नई तकनीक के अवसर भी पैदा कर रही है. The post BrahMos Missiles : पाकिस्तान के हर इलाके में अब ब्रह्मोस मिसाइल ला सकता है तबाही, बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह appeared first on Naya Vichar.

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‘चुटकी में सुलझा दूंगा झगड़ा’, अफगानिस्तान-पाकिस्तान युद्ध के बीच ट्रंप का बड़ा दावा, कहा- जान-माल की हानि रोकना पसंद है

Trump Afghanistan Pakistan War Statement: दुनिया में जब भी कहीं बम फटता है, बंदूक चलती है या सीमा पर तनाव बढ़ता है तो एक शख्स सामने आ ही जाता है और वो है डोनाल्ड ट्रंप. जिनका बयान दुनिया भर में चर्चा का विषय बन जाता है. इस बार उन्होंने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष पर अपनी राय रखी और कहा कि अगर वो चाहें तो इसे “आसानी से सुलझा सकते हैं.” अब भले ये बयान आत्मविश्वास से भरा हो या अति-आत्मविश्वास से, लेकिन ट्रंप का अंदाज हमेशा की तरह इस बार भी सुर्खियों में आ गया है. Trump Afghanistan Pakistan War Statement: ट्रंप का बयान जिसने हलचल मचा दी शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि यह लगभग आखिरी मामला है, हालांकि मैं समझता हूं कि पाकिस्तान ने हमला किया है या अफगानिस्तान पर हमला हो रहा है. अगर मुझे इसे सुलझाना है तो यह मेरे लिए आसान है. इस बीच, मुझे अमेरिका चलाना है, लेकिन मुझे युद्ध सुलझाना पसंद है. यानि ट्रंप के अनुसार, अफगानिस्तान-पाकिस्तान जैसे दशकों पुराने विवाद को सुलझाना उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें जान-माल की हानि रोकने में गर्व महसूस होता है. उन्होंने कहा- जानते हो क्यों? मुझे लोगों को मारे जाने से रोकना पसंद है. मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है, और मुझे लगता है कि हमें इस युद्ध में सफलता मिलेगी.” उनका यह बयान ऐसे समय आया जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे के युद्धविराम (Ceasefire) को बढ़ाने पर सहमति बनी है. यह निर्णय दोहा में हुई बातचीत के बाद लिया गया, जहां सऊदी अरब और कतर ने मध्यस्थता का समर्थन किया. पाकिस्तानी हमले में मारे गए तीन अफगान खिलाड़ी लेकिन इसी बीच मामला फिर से गर्मा गया. समाचार आई कि पाकिस्तान के फिर से हवाई हमलों में तीन अफगान क्रिकेटर मारे गए हैं. जिससे कि सीमा पर गोलियों की गूंज के बीच स्पोर्ट्स जगत को झकझोर दिया. अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने बताया कि तीन क्रिकेटर मारे गए हैं. यह हमला पूर्वी पक्तिका प्रांत में हुआ. बोर्ड ने कहा कि खिलाड़ी उरगुन से शाराना गए थे, जहां वे एक मित्रता-पूर्ण मैच में हिस्सा लेने वाले थे. उरगुन लौटते वक्त, एक सभा के दौरान उन्हें निशाना बनाया गया. जिसे बोर्ड ने “पाकिस्तानी शासन द्वारा किया गया कायराना हमला” बताया. मारे गए खिलाड़ियों की पहचान कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून के रूप में हुई. इसी हमले में पांच अन्य लोग भी मारे गए. इसके बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पीड़ितों के सम्मान में अगले महीने होने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला (Tri-series) जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल थे. इस हमला के बाद अफगानिस्तान ने नाम वापस ले लिया. रॉयटर्स का खुलासा- युद्धविराम के बावजूद हवाई हमले जारी दुनिया के कई हिस्सों में शांति सिर्फ कागज पर होती है जमीन पर नहीं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने युद्धविराम के बावजूद बरमल और उरगुन जिलों में हवाई हमले किए. इससे पहले अफ़ग़ान सीमा के पास एक आत्मघाती हमले में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 13 घायल हुए. पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक सैन्य शिविर पर हमला किया. एक हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को चारदीवारी से टकरा दिया और दो अन्य हमलावरों को गोली मार दी गई. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि हमले में छह आतंकवादी मारे गए. तालिबान ने दी चेतावनी  अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पश्तो भाषा के चैनल एरियाना न्यूज से कहा कि काबुल ने अपने बलों को आदेश दिया है कि जब तक पाकिस्तान किसी भी हमले से बचता है, तब तक अफगान बल युद्धविराम बनाए रखें. यानी यह एक शर्तिया शांति है अगर एक गोली चली, तो सबकुछ फिर से भड़क सकता है. कभी सहयोगी रहे इस्लामाबाद और काबुल अब कट्टर प्रतिद्वंद्वी बन चुके हैं. 2021 में अमेरिकी सेनाओं के अफगानिस्तान से निकलने के बाद तालिबान सत्ता में लौटा था, लेकिन पाकिस्तान के लिए वही ‘मित्र’ अब बोझ बन गया है. वर्तमान संकट की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तान ने काबुल से मांग की कि वो उन आतंकियों को रोके जो पाकिस्तान में हमले कर रहे हैं और जिनके ठिकाने अफगीनिस्तान में हैं. लेकिन तालिबान प्रशासन ने इस आरोप को नकार दिया. नतीजा यह हुआ कि सीमा पर गोलीबारी, हवाई हमले, आत्मघाती धमाके और अब निर्दोष खिलाड़ियों की मौत. ये भी पढ़ें: 28 नए B-2 बॉम्बर ‘भूत’ तैयार हैं! इजराइल की धरती से ट्रंप की गर्जना, ईरान के परमाणु ठिकानों पर मचाया था तहलका पाकिस्तान के लिए नया खौफ! हिंदुस्तानीय वायुसेना को मिलेंगी 200+ किमी मारक क्षमता वाली 700 ‘अस्त्र मार्क‑2’ मिसाइलें The post ‘चुटकी में सुलझा दूंगा झगड़ा’, अफगानिस्तान-पाकिस्तान युद्ध के बीच ट्रंप का बड़ा दावा, कहा- जान-माल की हानि रोकना पसंद है appeared first on Naya Vichar.

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Kajal Raghwani Chhath Geet: सहेली के लिए छठी मैया से प्रार्थना करती दिखी काजल राघवानी, ‘दुख सुनी दीनानाथ’ गीत सुन भावुक हुए फैंस

Kajal Raghwani Chhath Geet: लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर लोगों में बहुत उत्साह देखा जा रहा है. इस साल 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक छठ का पावन पर्व मनाया जायेगा, जिसे लेकर अभी से ही तैयारियां शुरू हो गई है. इसी बीच भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री में कई छठ के नए गीत रिलीज हो रहे है. कुछ दिन पहले ही काजल राघवानी का एक छठ गीत ‘छठी माई के पावन परबिया’ रिलीज हुआ था और अब फिर से उन्होंने अपना नया गीत ‘दुख सुनी दीनानाथ’ अपलोड कर दिया है. गाने की टीम कौन है? गाने को वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स भोजपुरी यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया है. इस गाने को सिंगर सृष्टि हिंदुस्तानी ने अपनी मधुर आवाज में गाया है और वीडियो में काजल राघवानी नजर आ रही है. गाने के बोल अरुण बिहारी ने लिखा है और इसका संगीत छोटू रावत ने तैयार किया है. गाने की खासियत क्या है? गाने में काजल राघवानी सभी के साथ छठ की तैयारी करती है, लेकिन उनकी दोस्त बहुत उदास हो जाती है क्योंकि उसके पति बाहर कमाने गए है और छठ में नहीं आ पाए है. इसी वजह से वह छठी मैया से दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करती है कि दुख सुनी दीनानाथ. कितना व्यूज बटोर चुका है गाना? काजल राघवानी गाने में पीले रंग की साड़ी पहने और सज धज कर छठ की तैयारी करती है. उनका अभिनय और यह गाना फैंस के दिलों को छू रहा है. करीब 7 घंटे पहले रिलीज हुए इस गाने को अब तक 6.7 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके है. ये भी पढ़ें: Ankush Raja Chhath Geet: यूट्यूब पर रिलीज हुआ अंकुश राजा का नया छठ गीत ‘ओरी तर’, नंदिनी सिंह के साथ इंटरनेट पर मचाया धमाल ये भी पढ़ें: Khesari Lal Yadav Chhath Geet: छठी मईया की भक्ति में रंगे खेसारी लाल यादव, छठ पूजा से पहले ‘चल गंगा किनारे’ गीत ने बिखेरा जादू The post Kajal Raghwani Chhath Geet: सहेली के लिए छठी मैया से प्रार्थना करती दिखी काजल राघवानी, ‘दुख सुनी दीनानाथ’ गीत सुन भावुक हुए फैंस appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Election 2025: क्या नीतीश कुमार तोड़ पाएंगे,सबसे अधिक दिनों तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड?

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक दिलचस्प बहस सियासी गलियारों में गूंज रही है—क्या नीतीश कुमार हिंदुस्तान में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता बन सकते हैं? 75 की उम्र पार कर चुके नीतीश के सामने चुनौती सिर्फ विपक्ष की नहीं, वक्त और सेहत की भी है. मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए उन्हें 85 की उम्र तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर टिके रहना होगा. उधर, अमित शाह के एक बयान ने भविष्य की नेतृत्व में अनिश्चितता का रंग और गहरा कर दिया है. नीतीश बनाम समय: क्या टूटेगा 24 साल का नेतृत्वक रिकॉर्ड? बिहार की नेतृत्व में नीतीश कुमार एक ऐसा नाम बन चुके हैं, जिन्हें न तो विरोधी नजरअंदाज कर पाते हैं, न ही सहयोगी दल पूरी तरह साथ छोड़ पाते हैं. 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले नीतीश ने अब तक 18 साल से अधिक समय बतौर सीएम बिताया है. बिहार के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता बन चुके हैं. लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर अब भी उनके सामने एक ‘सुनहरा आंकड़ा’ खड़ा है—24 साल का. यह रिकॉर्ड फिलहाल दो नेताओं के नाम दर्ज है—सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग (लगभग 24 वर्ष 165 दिन) और ओडिशा के नवीन पटनायक (लगभग 24 वर्ष). तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल के ज्योति बसु हैं, जिन्होंने 23 साल से कुछ अधिक समय तक सत्ता संभाली. अगर नीतीश को यह रिकॉर्ड तोड़ना है, तो उन्हें अगले दो विधानसभा कार्यकाल तक सत्ता में बने रहना होगा—जो 2035 तक का समय होगा. तब वे 85 वर्ष के होंगे. Bihar Election 2025: नीतीश कुमार ने बिहार की नेतृत्व में 18 साल का शासनकाल पूरा कर लिया है. 🔴अब सवाल सिर्फ सत्ता का नहीं, रिकॉर्ड का है. क्या वे सिक्किम और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों का 24 साल का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे? 🔴अमित शाह के बयान ने इस सस्पेंस को और गहरा कर दिया है.… pic.twitter.com/bEALLDVdaA — Naya Vichar (@prabhatkhabar) October 18, 2025 अमित शाह के बयान से बढ़ी सस्पेंस की परत हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान ने इस पूरे समीकरण में अनिश्चितता का तड़का लगा दिया. एक मीडिया कार्यक्रम में जब उनसे पूछा गया कि अगर बिहार में एनडीए को बहुमत मिला तो अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, तो उन्होंने कहा—“मैं कौन होता हूं मुख्यमंत्री बनाने वाला? गठबंधन के सभी दल चुनाव के बाद बैठकर विधायक दल का नेता तय करेंगे.” शाह ने यह भी जोड़ा कि फिलहाल चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है. लेकिन उनके इस जवाब को नेतृत्वक हलकों में संकेत के रूप में देखा गया कि शायद भाजपा चुनाव बाद महाराष्ट्र जैसा फार्मूला अपनाए. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गठबंधन ने चुनाव लड़ा था, लेकिन नतीजों के बाद भाजपा ने अपने मुख्यमंत्री को आगे कर दिया. बिहार में भी भाजपा और जदयू 101-101 सीटों पर बराबरी से चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा के पास अगर बहुमत आ गया, तो नीतीश का रास्ता सहज नहीं रहेगा. पार्टी के भीतर नीतीश का रिकॉर्ड मिशन जदयू इन तमाम नेतृत्वक चर्चाओं से बेपरवाह होकर नीतीश के लिए ‘रिकॉर्ड मिशन’ पर काम कर रही है. पार्टी के नेताओं का मानना है कि अगर अगला कार्यकाल भी नीतीश पूरा कर लेते हैं, तो वे 23 साल तक सीएम रहने का रिकॉर्ड बना लेंगे. इससे वे ज्योति बसु को पीछे छोड़ देंगे और केवल चामलिंग व पटनायक उनके आगे रह जाएंगे. नीतीश की नेतृत्वक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए. 2014 में उन्होंने स्वेच्छा से जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा. कुछ महीनों बाद वे वापस सत्ता में लौटे. एनडीए और महागठबंधन के बीच कई बार पाला बदलने के बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके पास ही रही. जनवरी 2024 में वे नौवीं बार मुख्यमंत्री बने और तब से लगातार पद पर हैं. रिकॉर्ड की दौड़ में समय और सेहत की चुनौती रिकॉर्ड की दौड़ में सबसे बड़ी चुनौती नेतृत्वक विरोधियों से नहीं, बल्कि उम्र और सेहत से है. 75 वर्ष पूरे करने के करीब नीतीश कुमार को अगले 10 साल और सक्रिय नेतृत्व में बने रहना होगा. इस दौरान उन्हें न सिर्फ सत्ता में वापसी करनी होगी, बल्कि नेतृत्वक स्थिरता भी बनाए रखनी होगी. हाल के वर्षों में कई सार्वजनिक मौकों पर उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को लेकर सवाल उठे हैं. कभी वे राष्ट्रगान के दौरान हाथ हिलाते दिखे, तो कभी मंच से अशोक चौधरी के घर श्रद्धांजलि के फूल उनके बेटे पर फेंकते. संसदीय चुनाव के वक्त उन्होंने 400 पार के नारे को 4000 सांसदों तक पहुंचा दिया. इन घटनाओं को विपक्ष ने उनके ‘बुढ़ापे और अस्वस्थता’ का प्रतीक बताया. तेजस्वी यादव ने तो सीधे जनता से अपील कर दी कि अब समय युवा चेहरे को मौका देने का है. भाजपा का रुख, विपक्ष की आक्रामकता और नीतीश की आयु—तीनों मिलकर उनके नेतृत्वक भविष्य को सस्पेंस से भर देते हैं. अगर एनडीए की जीत के बाद भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति अपनाती है, तो नीतीश का रिकॉर्ड मिशन अधूरा रह जाएगा. अगर वे किसी तरह दोबारा सीएम बन जाते हैं, तो 2030 तक वे देश में दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बन सकते हैं. लेकिन 2035 तक यह सिलसिला जारी रखने के लिए उन्हें उम्र, सेहत और नेतृत्वक समीकरण—तीनों पर नियंत्रण रखना होगा. जो कि मौजूदा परिदृश्य में आसान नहीं दिखता. Also Read: Bihar Election 2025: बिहार का सबसे अमीर प्रत्याशी कौन? तेजस्वी–सम्राट भी पीछे, पटना मेयर के बेटे ने मारी बाजी The post Bihar Election 2025: क्या नीतीश कुमार तोड़ पाएंगे,सबसे अधिक दिनों तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड? appeared first on Naya Vichar.

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Dhanteras 2025: धनतेरस पर खील-बताशे चढ़ाना क्यों होता है महत्वपूर्ण? जानें कहीं इससे तो नहीं खुलती है बंद किस्मत के तालें

Dhanteras 2025: धनतेरस का पर्व मां लक्ष्मी की आराधना और सुख-समृद्धि की कामना के लिए खास माना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी को खील और बताशे चढ़ाने की परंपरा बहुत पुरानी है. मान्यता है कि इन दोनों प्रसादों को अर्पित करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है. खील-बताशे क्यों है महत्वपूर्ण? खील यानी फूला हुआ धान और बताशे यानी चीनी से बने छोटे गोले, दोनों ही समृद्धि और मिठास के प्रतीक हैं. खील को धन और वैभव से जोड़ा गया है, जबकि बताशे को सुख और प्रेम का प्रतीक माना गया है. इन्हें मां लक्ष्मी को अर्पित करने से जीवन में सुख, शांति और सौभाग्य बढ़ता है. ज्योतिषीय महत्व धनतेरस के दिन शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए खील और बताशे चढ़ाना शुभ माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह धन, विलासिता और सौंदर्य का कारक है. इसलिए इन प्रसादों को अर्पित करने से शुक्र ग्रह का आशीर्वाद मिलता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. यह भी पढ़ें: Diwali 2025 Kuber Puja: दिवाली पर करवानी है धन की बरसात? तो कुबेर जी को चढ़ाना न भूलें उनकी ये खास पसंदीदा चीजें मां लक्ष्मी का प्रिय भोग माना जाता है कि खील और बताशे मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं. इन मीठे और पवित्र प्रसादों को चढ़ाने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यही कारण है कि दीपावली और धनतेरस दोनों दिनों पर इनका विशेष महत्व रहता है. फसल और आभार का प्रतीक पुरानी परंपरा के अनुसार, खील और बताशे नई फसल के पहले भोग के रूप में तैयार किए जाते हैं. इन्हें चढ़ाकर लोग मां लक्ष्मी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने साल भर अन्न और संपन्नता प्रदान की. खील और बताशे किस देवी-देवता को चढ़ाए जाते हैं? धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है. खील-बताशे मुख्य रूप से मां लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं. खील और बताशे कब चढ़ाने चाहिए? शाम के समय, धनतेरस पूजा मुहूर्त में दीप जलाने और मां लक्ष्मी की आरती के बाद खील-बताशे चढ़ाना शुभ माना जाता है. क्या खील-बताशे सिर्फ धनतेरस पर ही चढ़ाए जाते हैं? नहीं, कई लोग इन्हें दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन में भी चढ़ाते हैं, क्योंकि यह देवी को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं. ये भी पढ़े  Kuber Ji Ki Aarti ये भी पढ़े  Dhanteras Ki Katha ये भी पढ़े: Dhanteras Puja Vidhi ये भी पढ़े: Kuber Chalisa  Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. नया विचार किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. The post Dhanteras 2025: धनतेरस पर खील-बताशे चढ़ाना क्यों होता है महत्वपूर्ण? जानें कहीं इससे तो नहीं खुलती है बंद किस्मत के तालें appeared first on Naya Vichar.

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