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October 21, 2025

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Bihar Elections 2025: ‘राहुल गांधी अगर राजनीति में सीरियस होते तो 57 साल में युवा नेता नहीं कहलाते, कांग्रेस की नैया उन्‍होंने ही डुबाई’

Bihar Elections 2025: बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष दिलीप जायसवाल ने आज राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला. उन्‍होंने राहुल गांधी के नेतृत्‍व, नेतृत्वक समझ और उनके युवा होने तक पर सवाल उठा डाला. दिलीप जायसवाल आज पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उन्‍होंने यहां तक यह कह डाला कि आज कांग्रेस की जो स्थिति है वो राहुल गांधी की वजह से है और हम लोग राहुल गांधी को सीरियस नेता मानते ही नहीं हैं. सीरियस नहीं राहुल गांधी – दिलीप जायसवाल प्रदेश अध्‍यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी नेतृत्व को लेकर गंभीर नहीं है. उन्‍होंने कहा, बीजेपी राहुल गांधी को सीरियस ही नहीं लेती है. दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए यह भी कह डाला कि यदि वो नेतृत्व को लेकर गंभीर होते तो उन्‍हें 57 साल में खुद को युवा नेता कहने की जरूरत नहीं पड़ती. राहुल गांधी ने डुबाई कांग्रेस की नैया बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल ने अपने नेतृत्वक बयान से बिहार की नेतृत्व को दीपावली के बाद एक बार फिर से गर्म कर दिया है. उन्‍होंने राहुल गांधी के नेतृत्‍व और नेतृत्वक समझ पर सवाल उठाते हुए यहां तक कह डाला कि आज बिहार में कांग्रेस की जो स्थिति है वह राहुल गांधी की वजह से ही है और ‘कांग्रेस की नैया राहुल गांधी की वजह से ही डूबी है.’ ‘समय पर सीरियस नहीं होते राहुल’ दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी के विदेश जाने पर भी उन्‍हें आड़े हाथ लिया और तीखा हमला बोला. उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी नेतृत्व को लेकर समय पर सीरियस ही नहीं होते है. उन्‍होंने पत्रकारों से कहा कि राहुल गांधी SIR को लेकर बिहार में घूम रहे थे. उन्‍होंने SIR को लेकर रोड़ शो किया, यात्राएं कीं और उसके बाद वो विदेश चले गए. इसलिए हम लोग राहुल गांधी को सी‍रियस नेता मानते ही नहीं हैं. Also Read: Bihar Elections 2025: पप्पू यादव का सीएम नीतीश को खुला ऑफर, कहा- चुनाव के बाद भी है स्वागत, कांग्रेस ही उन्हें देगी सम्मान The post Bihar Elections 2025: ‘राहुल गांधी अगर नेतृत्व में सीरियस होते तो 57 साल में युवा नेता नहीं कहलाते, कांग्रेस की नैया उन्‍होंने ही डुबाई’ appeared first on Naya Vichar.

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Bigg Boss 19: घर में शुरू हुए नए लव एंगल पर फरहाना भट्ट ने कसा तंज, नेहल और बसीर के रिश्ते को बताया फेक

Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 के घर में रिश्ते तेजी से बदल रहे हैं. शो की शुरुआत में जो दोस्त थे, अब वही एक-दूसरे पर कमेंट करते नजर आ रहे हैं. हाल ही में जारी हुए प्रोमो में देखा गया कि बसीर अली और नेहल चुडासमा की नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं, वहीं फरहाना भट ने इस पूरे लव एंगल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें सर्वाइवल के लिए किसी रोमांस की जरूरत नहीं है. इसके बाद से सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई है. View this post on Instagram A post shared by ColorsTV (@colorstv) बसीर और नेहल की बढ़ी नजदीकियां प्रोमो में नेहल और बसीर लॉन एरिया में एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते दिखे. नेहल बसीर की गोद में सिर रखकर बैठी थी और बसीर उनसे प्यार से बात कर रहे थे. वहीं, एक्ट्रेस कुनिका सदानंद ने इस सीन को देखकर मस्ती में कहा, “एन्जॉय करो, आगे का मत सोचो.” इस पर घरवालों ने अपना अलग-अलग रिएक्शन देना शुरू कर दिया. फरहाना ने इस रिश्ते पर क्या कहा? इसके बाद फरहाना और गौरव खन्ना के बीच बातचीत होती है, जहां गौरव उन्हें कहते हैं कि अगर वो एक्टिंग करती रहती, तो घर का माहौल थोड़ा और बदल सकता था. इस पर फरहाना साफ कहती हैं, “मुझे सर्वाइवल के लिए लव एंगल स्पोर्ट्सने की जरूरत नहीं है.” उनके इस जवाब पर अभिषेक बजाज और अशनूर कौर ताली बजाकर उनकी हिम्मत की तारीफ करते हैं. क्या बसीर का प्यार है झूठा? बात यहीं खत्म नहीं होती. अभिषेक बजाज बाद में फरहाना से पूछते हैं कि उन्होंने पहले बसीर और नेहल के रिश्ते को “नाटक” क्यों कहा था. इस पर फरहाना ने जवाब दिया, “मुझे बसीर की तरफ से फेकनेस लग रही है, नेहल का मुझे नहीं पता.” फरहाना को बसीर का प्यार सच्चा नहीं लगता. अभिषेक भी उनकी बात से सहमत दिखे और बोले, “दोनों बस परफॉर्म कर रहे हैं, ये सिर्फ शो के लिए है.” ये भी पढ़ें: Ek Deewane Ki Deewaniyat First Review: प्यार और जुनून से भरी फिल्म ‘एक दीवाने की दीवानियत’ का पहला रिव्यू आया सामने, फिल्म क्रिटिक ने दिए इतने स्टार्स ये भी पढ़ें: Thamma Movie Review: मैडॉक हॉररवर्स की सबसे बड़ी पेशकश, आयुष्मान खुराना-रश्मिका मंदाना की जोड़ी ने जमाया रंग The post Bigg Boss 19: घर में शुरू हुए नए लव एंगल पर फरहाना भट्ट ने कसा तंज, नेहल और बसीर के रिश्ते को बताया फेक appeared first on Naya Vichar.

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Viral Video : 5 सिर वाला सांप, शेषनाग को देख लोग हो गए हैरान

Viral Video : सोशल मीडिया पर पांच सिर वाले नाग सांप का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखकर लोग चौंक जा रहे हैं. वीडियो में नजर आ रहा है कि कुछ लोग सांप के सामने खड़े हैं और बहुत ही भौचक्के होकर सांप को देख रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि लोगों को अपनी आंख पर विश्वास नहीं हो पा रहा है कि वे शेषनाग को देख रहे हैं. आप भी देखें ये वायरल वीडियो. View this post on Instagram A post shared by Anmol Bohra (@anmolbohraa) शेषनाग को देखकर वीडियो बनाने लगे लोग वीडियो की शुरूआत में नजर आ रहा है  कि शेषनाग किसी के घर के दरवाजे पर है. उसके पीछे कुछ स्त्रीएं नजर आ रहीं हैं. शेषनाग को देखते ही लोगों ने अपना मोबाइल निकाला और वीडियो बनाने लगे. इतने में शेषनाग आगे बढ़ता है जिसके बाद लोग डरकर पीछे हटने लगते हैं. क्या ये वीडियो AI जनरेटेड है? वीडियो देखकर पहली नजर में लग रहा है कि यह असली वीडियो है लेकिन जब इसपर किए गए कमेंट पर नजर डालेंगे तो कुछ लोग विश्वास करते नजर नहीं आ रहे हैं. वीडियो पर एक यूजर ने कमेंट किया–देखा दया Ai का कमाल. वहीं दूसरे यूजर ने कहा–असली नहीं है नहीं तो इतनी नजदीक खड़े भी नहीं होता. एक अन्य यूजर ने लिखा–Ai देवता की जय हो. यह भी पढ़ें : Viral Video : बिल्ली के गले में लिपट गया सांप, वीडियो देख सब हैरान वीडियो को anmolbohraa नाम के यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा–जय शेषनाग! The post Viral Video : 5 सिर वाला सांप, शेषनाग को देख लोग हो गए हैरान appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Election 2025: 22 अक्टूबर से पूरे जोश के साथ मैदान में उतरेगी बीजेपी, शुरू करेगी धुआंधार चुनाव प्रचार

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने चुनावी अभियान का बिगुल बजा दिया है. सभी 243 सीटों पर उम्मीदवारों के एलान के साथ अब बीजेपी ने धुआंधार प्रचार की रूपरेखा तय कर ली है. बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि पार्टी का प्रचार अभियान 22 अक्टूबर से पूरे जोश के साथ शुरू होगा. जायसवाल के मुताबिक, “एनडीए पूरी तरह तैयार है, जबकि महागठबंधन अभी सीट शेयरिंग के पेंच में उलझा  है.” उन्होंने कहा कि जनता यह भलीभांति जानती है कि जिन दलों में आपसी मतभेद है, वे बिहार की स्थिर प्रशासन नहीं चला सकते. 24 अक्टूबर को समस्तीपुर आएंगे पीएम मोदी प्रचार कार्यक्रम की शुरुआत आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के अभियानों से होगी, जबकि बुधवार से केंद्रीय स्तर पर प्रचार का आगाज होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अक्टूबर को समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम पहुंचेंगे, जहां वे जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और समस्तीपुर व बेगूसराय से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे. क्षेत्रवार प्रचार पर फोकस इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बिहार में कई रैलियों को संबोधित करेंगे. इस बार बीजेपी का फोकस क्षेत्रवार प्रचार पर है, जिसमें हर जिले में स्टार प्रचारकों की मौजूदगी सुनिश्चित की गई है. दो-तिहाई बहुमत के साथ प्रशासन बनाएगी एनडीए दिलीप जायसवाल ने दावा किया कि एनडीए इस बार दो-तिहाई बहुमत के साथ प्रशासन बनाएगा. उन्होंने कहा, “बिहार ने विकास की जो गति प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में देखी है, उसे केवल एनडीए ही आगे बढ़ा सकता है.” सीट बंटवारे की खींचतान नेतृत्वक हलकों में एनडीए के इस आक्रामक प्रचार अभियान को महागठबंधन पर सीधा प्रहार माना जा रहा है, जो अब तक सीट बंटवारे की खींचतान में फंसा हुआ है. वहीं, एनडीए के नेताओं का कहना है कि इस एकजुटता और संगठित रणनीति से बिहार में “मिशन दोबारा एनडीए प्रशासन” की राह साफ होती दिख रही है. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें एनडीए ने झोंकी पूरी ताकत बिहार चुनाव के लिए एनडीए ने पूरी ताकत झोंक दी है. सभी 243 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अब बीजेपी ने बड़े नेताओं के साथ धुआंधार प्रचार अभियान शुरू करने का एलान किया है. इस कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश कुमार और अमित शाह बिहार में एनडीए का प्रचार संभालेंगे. इसे भी पढ़ें: Bihar Election 2025: जहानाबाद में नामांकन के बाद गिरफ्तार प्रत्याशी को आया आर्ट अटैक, पटना रेफर The post Bihar Election 2025: 22 अक्टूबर से पूरे जोश के साथ मैदान में उतरेगी बीजेपी, शुरू करेगी धुआंधार चुनाव प्रचार appeared first on Naya Vichar.

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Post Diwali Detox: दिवाली के बाद अपनाएं ये डिटॉक्स रूटीन, पाएं पाचन और एनर्जी में सुधार

Post Diwali Detox: दिवाली के त्योहार में हम अक्सर ज्यादा मिठाई, तली-भुनी और मसालेदार खाने की आदत डाल लेते हैं. इसके कारण पेट भारी महसूस होता है, कब्ज की समस्या बढ़ जाती है और शरीर में थकान और सूजन हो सकती है. पोस्ट दिवाली डिटॉक्स का मतलब यही है कि त्योहार के बाद शरीर से ज़्यादा तेल, शुगर और विषैले पदार्थ बाहर निकाले जाएं. सही डाइट, हाइड्रेशन और हल्के व्यायाम से पाचन सुधरता है, मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और शरीर की ऊर्जा फिर से संतुलित होती है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि डिटॉक्स के दौरान क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए और कौन-से घरेलू उपाय सबसे फायदेमंद हैं, ताकि आप दिवाली के बाद भी स्वस्थ और तंदरुस्त बने रहें. पोस्ट दिवाली डिटॉक्स क्यों जरूरी होता है? दिवाली के समय हम अक्सर ज्यादा मिठाई, तली-भुनी चीजें और मसालेदार भोजन करते हैं. इससे शरीर में भारीपन, पेट फूलना, कब्ज और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं. पोस्ट दिवाली डिटॉक्स शरीर को साफ़ करता है, पाचन सुधरता है और एनर्जी बढ़ती है. डिटॉक्स करने के लिए  क्या पीना चाहिए? गुनगुना पानी: दिनभर में 8–10 गिलास.नींबू पानी: सुबह खाली पेट नींबू पानी पीने से पाचन ठीक रहता है.हल्दी वाला दूध: रात को पीने से सूजन और शरीर की सफाई में मदद मिलती है.ग्रीन टी: एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर और मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है.तुलसी या अदरक वाली हर्बल टी – शरीर की विषाक्तता कम करती है. डिटॉक्स में क्या खाना सही होता है? साबुत अनाज (ओट्स, ब्राउन राइस, जौ)हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी, ब्रोकोली)फाइबर युक्त फल (सेब, पपीता, संतरा)दालें और हल्की प्रोटीन वाली चीजेंसलाद और अंकुरित अनाज डिटॉक्स में क्या नहीं खाना चाहिए? तली-भुनी और ज्यादा मसालेदार चीजेंमिठाइयां और शुगर युक्त पदार्थकोल्ड ड्रिंक्स और पैकेट फूडज्यादा तेल या घी वाले व्यंजनलाल मांस और फास्ट फूड डिटॉक्स के लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय बेहतर होते हैं? रोजाना गुनगुना पानी और नींबू पानी पीनाभाप लेना – सुबह या शाम 5–10 मिनटहल्का योग और स्ट्रेचिंग – पाचन और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिएइसबगोल या चिया सीड्स – कब्ज से राहत और डिटॉक्स में मददरोजाना पर्याप्त नींद और तनाव कम करना दिवाली का डिटॉक्स कब शुरू करना चाहिए? दिवाली के अगले दिन ही हल्का डिटॉक्स शुरू करना सबसे अच्छा है. 3–7 दिन तक हल्का और संतुलित डाइट अपनाने से शरीर को आराम और सफाई मिलती है. डिटॉक्स करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? धीरे-धीरे डाइट बदलें, अचानक कोई कठोर डाइट न अपनाएं.पर्याप्त पानी और हाइड्रेशन जरूरी है.हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें.शरीर की जरूरत के अनुसार प्रोटीन और कार्ब्स लें. यह भी पढ़ें: Nachos Recipe For Diwali Guest: 5 मिनट में तैयार करें पार्टी परफेक्ट नाचोज, दिवाली के मेहमानों के लिए स्पेशल स्नैक यह भी पढ़ें: Sugar Free Moong Dal Laddu: घर पर बनाएं हेल्दी मूंग दाल लड्डू और मनाएं शुगर-फ्री दिवाली यह भी पढ़ें: Paneer Schezwan Finger Fries: दिवाली पार्टी के लिए बनाएं झटपट पनीर शेजवान फिंगर फ्राइज, स्वाद और क्रंच का परफेक्ट कॉम्बो The post Post Diwali Detox: दिवाली के बाद अपनाएं ये डिटॉक्स रूटीन, पाएं पाचन और एनर्जी में सुधार appeared first on Naya Vichar.

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Superhit Bhojpuri Chhath Geet: शारदा सिन्हा से लेकर पवन सिंह तक, इन सुपरहिट छठ गीतों के बिना अधूरा है यह महापर्व, देखें लिस्ट

Superhit Bhojpuri Chhath Geet: दिवाली का त्योहार खत्म होते ही छठ पूजा की तैयारियां शुरू होने लगी है. यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि लोक आस्था और भक्ति का पर्व है, जिसमें सूर्य देव और छठी मईया की पूजा की जाती है. इस साल छठ पूजा 25 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 28 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा. चारों दिन घर और घाट पर भक्ति और उत्साह का माहौल देखने को मिलेगा. हालांकि कुछ खास छठ गीतों के बिना यह उत्सव अधूरा सा लगता है. शारदा सिन्हा से लेकर पवन सिंह जैसे सिंगर्स ने छठ में ऐसे गीत रिलीज किए है, जो हर साल इस पर्व की शोभा बढ़ा देते है. नए गीत रिलीज होने के बाद भी इनका क्रेज खत्म नहीं होता है. इसी बीच आज हम आपके लिए उन पॉपुलर गीतों की लिस्ट लाए है, जो कई सालों से दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है. पहिले-पहिले हम कईनी छठी मइया दिवंगत गायिका शारदा सिन्हा के इस गीत को हर छठ पूजा पर सबसे पहले सुना जाता है. यह गाना छठ की शुरुआत से ही भक्तों के मन को भक्ति से भर देता है. 8 साल पहले रिलीज हुए इस गाने को अब तक 67 मिलियन से ज्यादा बार सुना जा चुका है.  कांच ही बांस के बहंगिया 4 साल पहले इस गीत को अनुराधा पौडवाल ने अपनी मधुर आवाज में गाया है और इसका संगीत निर्देशन सुरेंद्र कोहली ने किया है. करीब 90 मिलियन से ज्यादा व्यूज बटोर चुका यह गाना छठ के महापर्व पर हर घाट पर गूंजता है और उत्सव को और खास बनाता है. जोड़े-जोड़े फलवा भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह का यह गाना हर साल छठ पर्व के समय ट्रेंड करता है. 2 साल पहले आए इस गानों को अब तक 121 मिलियन व्यूज मिल चुके है. यह गीत छठ की खुशियों और उत्साह को दिखाने के लिए एकदम परफेक्ट है. बबुआ जे रहिते त माई माई कहिते यह 3 साल पहले रिलीज हुआ पवन सिंह का एक और इमोशनल छठ गीत है, जिसे 1.1 मिलियन व्यूज मिले है. इस गीत में भक्त अपनी संतान के लिए छठी मईया से प्रार्थना करते हैं. इस गीत को सुनकर हर कोई भावुक हो जाता है. छठी मईया करिहा दुलार सिंगर अक्षरा सिंह का यह गीत साल 2023 में रिलीज हुआ था और तब से हर साल छठ पूजा में खूब बजाया जाता है. यह गीत भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम है, जो अब तक 6 मिलियन से ज्यादा व्यूज बटोर चुका है.  ये भी पढ़ें: Bhojpuri Chhath Geet: दिवाली के बाद रिलीज हुआ माही श्रीवास्तव का भक्ति और श्रद्धा से सजा नया छठ गीत ‘पनिया में कांपतारी कनिया’ ये भी पढ़ें: Bhojpuri Chhath Geet: ‘उगी ए सूरज देव’ ने बढ़ाई छठ की रौनक, रिलीज हुआ गोल्डी यादव और माही श्रीवास्तव का नया गीत The post Superhit Bhojpuri Chhath Geet: शारदा सिन्हा से लेकर पवन सिंह तक, इन सुपरहिट छठ गीतों के बिना अधूरा है यह महापर्व, देखें लिस्ट appeared first on Naya Vichar.

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Chitragupt Puja 2025: चित्रगुप्त पूजा के दिन पढ़ाई कर ली तो क्या होगा?

Chitragupt Puja 2025: हिंदू धर्म में 33 देवताओं का उल्लेख मिलता है, जिनमें भगवान चित्रगुप्त का विशेष स्थान है. उन्हें देवताओं का लेखाकार माना जाता है, जो हर इंसान के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. मृत्यु के बाद वे तय करते हैं कि किसे स्वर्ग या नरक का फल मिलना चाहिए. भगवान चित्रगुप्त को यमराज के सहायक और आकाशीय लेखपाल कहा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार उनका जन्म भगवान ब्रह्मा के चित्त (मन) से हुआ था, इसलिए उन्हें “चित्रगुप्त” नाम मिला. कब मनाया जाता है चित्रगुप्त पूजा माना जाता है कि चित्रगुप्त जी की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि बढ़ती है, जबकि अज्ञानता और गरीबी दूर होती है. उनकी पूजा खासतौर पर भाई दूज के दिन की जाती है, जो कायस्थ समुदाय के लिए बहुत महत्व रखता है. साल 2025 में भगवान चित्रगुप्त की पूजा भाई दूज के दिन मनाई जाएगी, जो दिवाली के दो दिनों बाद पड़ती है. चित्रगुप्त पूजा का महत्व यह दिन भगवान चित्रगुप्त को समर्पित होता है. माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त यमराज के सचिव हैं और सभी लोगों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. उन्हें कलम-दवात और लेखन का देवता भी कहा जाता है. इसलिए इस दिन कलम, दवात और कागज की पूजा की जाती है. क्यों नहीं करते इस दिन पढ़ाई या लिखाई चित्रगुप्त पूजा के दिन लोग अपनी किताबें, पेन, कॉपियां और हिसाब-किताब की बही पूजा के लिए रखते हैं. विद्यार्थी और व्यापारी दोनों ही इस दिन कलम-दवात की विशेष पूजा करते हैं, ताकि उन्हें ज्ञान, सफलता और समृद्धि मिले. परंपरा के अनुसार, इस दिन पढ़ाई या कोई लिखने का काम नहीं किया जाता. माना जाता है कि जब कलम और किताबें पूजा में रखी जाती हैं, तो वे भी विश्राम की अवस्था में होती हैं. इसलिए उस दिन उनका उपयोग न करना ही शुभ माना जाता है. ये भी पढ़ें: कायस्थों के आराध्य देव चित्रगुप्त महाराज की आदिकाल से होती है उपासना चित्रगुप्त पूजा के दिन पढ़ाई कर ली तो क्या होगा? अब सवाल यह है कि अगर कोई इस दिन पढ़ाई कर ले तो क्या कोई नुकसान होगा? धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो ऐसा करना अशुभ नहीं है, लेकिन यह परंपरा के खिलाफ माना जाता है. इसका मतलब यह नहीं कि कोई बुरा फल मिलेगा, बल्कि यह समझा जाता है कि आपने उस दिन के महत्व का सम्मान पूरी तरह नहीं किया. चित्रगुप्त पूजा का असली संदेश चित्रगुप्त पूजा का असली उद्देश्य ज्ञान, लेखन और कर्म के प्रति आदर जताना है. अगर कोई भूल से इस दिन पढ़ाई कर ले, तो कोई बुरा असर नहीं होता. फिर भी, बेहतर यह है कि इस दिन किताबों और कलम की पूजा करें, उन्हें विश्राम दें और अगले दिन नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ पढ़ाई शुरू करें. यही इस दिन की सच्ची भावना है. चित्रगुप्त पूजा कब है? चित्रगुप्त पूजा हर साल कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाई जाती है. वर्ष 2025 में यह 23 अक्टूबर को है. चित्रगुप्त पूजा में क्या लिखा जाता है? इस दिन लोग अपने नाम और कर्मों का लेखा-जोखा कलम और कागज पर लिखते हैं. कलम-दवात की पूजा क्यों होती है? कलम-दवात की पूजा भगवान चित्रगुप्त को समर्पित लेखा-जोखा और ज्ञान के प्रतीक के रूप में की जाती है. चित्रगुप्त पूजा के लिए क्या सामग्री चाहिए? पूजा के लिए कलम, स्याही, किताबें, कॉपियां और पत्ता या पवित्र थाल आवश्यक होती हैं. भगवान चित्रगुप्त कौन हैं? भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहायक और मानव कर्मों के दिव्य लेखाकार देवता हैं. The post Chitragupt Puja 2025: चित्रगुप्त पूजा के दिन पढ़ाई कर ली तो क्या होगा? appeared first on Naya Vichar.

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बिहार का पड़ोसी जिला जो 3 राज्यों और 2 देशों से घिरा है, जानते ही Google Map में खोजने लगेंगे नाम

General Knowledge: प्रतियोगिता परीक्षाओं में करेंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज सेक्शन में भूगोल के सवाल जरूर होते हैं. ऐसे में जीके के ट्रिकी सवालों (General Knowledge Tricky Questions) की तैयारी के लिए यहां एक मजेदार टॉपिक के बारे में विस्तार से जानेंगे. हिंदुस्तान में एक अनोखा जिला ऐसा है जिसकी सीमाएं 2 देशों और 3 राज्यों से घिरी हुई हैं. खास बात ये है कि यह जिला बिहार का पड़ोसी है और अपने खूबसूरत नजारों के लिए मशहूर है. General Knowledge on Geography: 3 राज्यों और 2 देशों से घिरा जिला पश्चिम बंगाल में महानंदा नदी के तट पर स्थित दार्जिलिंग जिला अपनी खूबसूरत नजरों के लिए मशहूर है. यह हिंदुस्तान के टॉप टूरिस्ट प्लेस में से एक है. यहां दूर-दूर से लोग छुट्टियां मनाने आते हैं. इस जिले की समाएं बहुत रोचक हैं. आप Google Map में भी इसकी सीमाओं को विस्तार से देख सकते हैं. दो देशों से लगती हैं सीमाएं दार्जिलिंग जिला दो देशों से अपनी सीमाएं साझा करता है. दक्षिणी हिस्से में दार्जिलिंग की सीमा बांग्लादेश से लगती है, जबकि उत्तर-पश्चिम दिशा में यह नेपाल के साथ अपनी सीमा साझा करता है. नेपाल से इसकी करीब 100 किलोमीटर लंबी साझा सीमा है, जिससे यह क्षेत्र सामरिक और सांस्कृतिक रूप से भी काफी अहम बन जाता है. उत्तर में सिक्किम दक्षिण में पश्चिम बंगाल दार्जिलिंग के उत्तर में सिक्किम राज्य की सीमा लगती है. यहां यह सिक्किम के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों से जुड़ा हुआ है. दूसरी ओर, दक्षिण-पूर्व दिशा में दार्जिलिंग की सीमा पश्चिम बंगाल के ही दूसरे हिस्सों से मिलती है, क्योंकि यह जिला खुद भी पश्चिम बंगाल राज्य का एक अहम भाग है. बिहार का पड़ोसी दार्जिलिंग जिला बिहार राज्य से भी जुड़ा हुआ है. बिहार का किशनगंज जिला इसके साथ लंबी सीमा साझा करता है. दोनों इलाकों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध भी मजबूत हैं. ऐसे में दार्जिलिंग उन चुनिंदा जिलों में शामिल करती हैं जो दो पड़ोसी देशों और कई राज्यों से जुड़े हुए हैं. यह भी पढ़ें: हिंदुस्तान का इकलौता राज्य जहां हैं सिर्फ 2 जिले, खूबसूरत नजारों के लिए मशहूर दार्जिलिंग का दूसरा नाम क्या है? दार्जिलिंग को पहले “दोर्जे-लिंग” कहा जाता था, जिसका मतलब होता है “वज्र का स्थान”. यह नाम लेप्चा जनजाति के लोगों ने रखा था, जो इस इलाके के मूल निवासी थे. बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान इसका नाम दार्जिलिंग रखा गया और यह हिल स्टेशन के रूप में प्रसिद्ध हुआ. दार्जिलिंग की सबसे फेमस चीज क्या है? दार्जिलिंग अपनी खूबसूरत वादियों, सूर्योदय के मनमोहक नजारों और कंचनजंगा पर्वत के दृश्य के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. खासतौर पर टाइगर हिल का सूर्योदय देखने हजारों पर्यटक हर साल यहां आते हैं. यह जगह अपने प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के लिए मशहूर है. दार्जिलिंग का मुख्य व्यवसाय क्या है? दार्जिलिंग की वित्तीय स्थिति मुख्य रूप से चाय बागानों, खेती, बागवानी और वनों पर निर्भर करती है. यहां की चाय विश्वभर में अपनी खास खुशबू और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई तक फैले चाय बागान इस इलाके की पहचान बन चुके हैं और स्थानीय लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत हैं. दार्जिलिंग घूमने में कितना समय लगता है? दार्जिलिंग की सैर के लिए आमतौर पर 3 से 4 दिन काफी होते हैं, जिनमें आप प्रमुख दर्शनीय स्थल देख सकते हैं. अगर आप आराम से घूमना चाहते हैं या पास के इलाकों जैसे मिरिक या कालिम्पोंग भी देखना चाहते हैं, तो 5 दिन का ट्रिप प्लान करना सबसे अच्छा रहेगा. The post बिहार का पड़ोसी जिला जो 3 राज्यों और 2 देशों से घिरा है, जानते ही Google Map में खोजने लगेंगे नाम appeared first on Naya Vichar.

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शनिवारवाड़ा में 3 महिलाओं के नमाज पढ़ने से मचा बवाल, कभी मराठों के गौरव का प्रतीक किला था

Table of Contents क्या है शनिवारवाड़ा? बाजीराव प्रथम ने कब कराया था शनिवारवाड़ा का निर्माण क्या शनिवारवाड़ा और मस्तानी महल एक ही है? कैसे हुई थी मस्तानी और पेशवा बाजीराव की शादी? शनिवारवाड़ा क्यों प्रसिद्ध है? शनिवारवाड़ा में किसकी हत्या हुई थी? शनिवारवाड़ा कैसे नष्ट हुआ? क्या बाजीराव और मस्तानी की प्रेमकथा सत्य है? क्या बाजीराव क्षत्रिय थे? Shaniwarwada row: पुणे स्थित शनिवारवाड़ा एक प्राचीन किला है, जिसके परिसर में तीन मुस्लिम स्त्रीओं द्वारा नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी पर यह आरोप लगा है कि वो प्रदेश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत और तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. दरअसल जब नमाज का वीडियो सामने आया तो मेधा कुलकर्णी के साथ बीजेपी और हिंदू संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने रविवार को किले में प्रदर्शन किया और कहा कि इस किले में किसी को नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. शनिवारवाड़ा विवाद ने यहां तूल पकड़ लिया है और नेतृत्व शुरू है. आखिर शनिवारवाड़ा क्या है? इसकी खासियत क्या है? बाजीराव प्रथम कौन थे? इन तमाम बातों की जानकारी हम आपको इस आलेख में देते हैं.intro क्या है शनिवारवाड़ा? पेशवा बाजीराव प्रथम का शनिवारवाड़ा शनिवारवाड़ा दरअसल पेशवा बाजीराव प्रथम द्वारा बनवाया गया किला है, जिसे मराठा साम्राज्य का गौरव माना जाता है. यह पेशवा बाजीराव का अधिकारिक निवास स्थान था और वे यहीं से अपने तमाम प्रशासनिक कार्य किया करते थे. शनिवारवाड़ा इसका निर्माण इसलिए पड़ा क्योंकि इसका उद्‌घाटन शनिवार को हुआ था और वाड़ा का अर्थ होता है बड़ा घर. यह एक बेहद खूबसूरत और सुरक्षित पांच मंजिला इमारत थी, जिसमें पेशवा बाजीराव प्रथम रहते थे. वे मराठों के सबसे प्रसिद्ध पेशवा थे और उनका कार्यकाल बहुत ही गौरवशाली रहा है. पेशवा का अर्थ होता है प्रधानमंत्री. बाजीराव प्रथम छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रधानमंत्री थे. उनका जन्म 1700 में हुआ था और महज 40 वर्ष की उम्र में यानी 1740 में उनका निधन हो गया था. वे 1720 से 1740 तक छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रधानमंत्री रहे थे. शनिवारवाड़ा को मराठों की नेतृत्व, संस्कृति और उनकी परंपराओं से जोड़कर देखा जाता है. यह किला मराठा पेशवाओं की कई गाथाओं का साक्षी रहा है. बाजीराव प्रथम ने कब कराया था शनिवारवाड़ा का निर्माण पेशवा बाजीराव प्रथम ने 1736 में कराया था. महाराष्ट्र प्रशासन की वेबसाइट पर यह जानकारी है,लेकिन कई जगहों पर यह बताया गया है कि इसका निर्माण 1732 में हुआ था. शनिवार वाड़ा, पेशवाओं का एक 13 मंजिला महल है, जिसका निर्माण सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया गया था. मुख्य प्रवेश द्वार को ‘दिल्ली दरवाजा’ के नाम से जाना जाता है और अन्य द्वारों के नाम गणेश, मस्तानी, जम्भल, खिड़की हैं. शनिवार वाड़ा के सामने घोड़े पर सवार बाजीराव प्रथम की मूर्ति स्थापित है. इसके अलावा अंदर कई भव्य महल भी है. यह महल पेशवा शक्ति का केंद्र था और 1828 में यहां आग लग गई जिसके बाद यह महल नष्ट हो गया अब सिर्फ खंडहर ही शेष है जो मराठों के गौरव का प्रतीक है. क्या शनिवारवाड़ा और मस्तानी महल एक ही है? शनिवारवाड़ा और मस्तानी महल ऐसा कहा जाता है कि पेशवा बाजीराव प्रथम की एक मुस्लिम प्रेमिका थी, जिसका नाम मस्तानी था. उसके नाम पर शनिवारवाड़ा में एक दरवाजा भी है. हालांकि शनिवारवाड़ा और मस्तानी महल एक नहीं थे, बल्कि ये दो अलग-अलग इमारतें थी. बाजीराव पेशवा की पत्नी काशीबाई मस्तानी को पसंद नहीं करती थी, इसलिए मस्तानी को शनिवारवाड़ा में जगह नहीं मिली. बाजीराव ने मस्तानी के लिए पुणे से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पाबल गांव में एक महल बनवाया था. शनिवारवाड़े से उसका कोई संबंध नहीं था. कैसे हुई थी मस्तानी और पेशवा बाजीराव की शादी? पेशवा बाजीराव और मस्तानी की शादी को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है, कुछ लोग यह मानते हैं कि उनकी शादी हुई थी जबकि कुछ यह कहते हैं कि उनके बीच बस प्रेम संबंध था शादी नहीं हुई थी. इनके संबंधों को बहुत ही ग्लोरिफाई करके फिल्मों और कथाओं में बताया जाता है. लेकिन इनका एक बेटा भी था, जिसे शमशेर बहादुर (कृष्णराव) कहा जाता है. इससे एक बात तो साफ है कि मस्तानी नाम की एक स्त्री बाजीराव के जीवन थी, जिसका बाजीराव के साथ संबंध था. मस्तानी बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल और रूहानी बेगम की बेटी थी, इस वजह से मराठों ने मस्तानी को स्वीकार नहीं किया था. जब उनके बेटे कृष्णराव का संस्कार ब्राह्मणों ने करने से मना कर दिया था, तब कृष्णराव का नाम शमशेर बहादुर रख दिया गया था. छत्रसाल ने मस्तानी से बाजीराव का विवाह इसलिए कराया था, क्योंकि बाजीराव ने उनकी मदद की थी. विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें शनिवारवाड़ा क्यों प्रसिद्ध है? मराठा पेशवाओं के गौरव के रूप में यह किला प्रसिद्ध है. शनिवारवाड़ा में किसकी हत्या हुई थी? शनिवारवाड़ा में बाजीराव के पोते नारायणराव की हत्या हुई थी. शनिवारवाड़ा कैसे नष्ट हुआ? 1828 में लगी आग में शनिवारवाड़ा नष्ट हुआ. आशंका जताई जाती है कि अंग्रेजों ने यह आग लगाई थी. क्या बाजीराव और मस्तानी की प्रेमकथा सत्य है? बाजीराव और मस्तानी का संबंध ऐतिहासिक तो है ही साथ ही इसमें कई काल्पनिक बातें भी जुड़ी हुईं हैं. हां यह सच है कि दोनों के बीच संबंध थे और उनका एक बेटा शमशेर बहादुर था. क्या बाजीराव क्षत्रिय थे? नहीं, वे ब्राह्मण कुल के थे. ये भी पढ़ें : Mughal Harem Stories : मुगलों के हरम में रात होते ही छा जाता था अंधेरा, प्रेम से रातें होती थीं रोशन The post शनिवारवाड़ा में 3 स्त्रीओं के नमाज पढ़ने से मचा बवाल, कभी मराठों के गौरव का प्रतीक किला था appeared first on Naya Vichar.

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Leftover Diwali Food Recipes Ideas: दिवाली के बचे पकवानों से तैयार करें टेस्टी डिश, ट्राई करें ये रेसिपी आइडियाज

Leftover Diwali Food Recipe Ideas: दिवाली के त्योहार पर कई तरह की रेसिपी को बनाया जाता है. कई बार खाना ज्यादा बन जाता है और बच जाता है और दिवाली के बाद फ्रिज में तरह-तरह के बचे हुए पकवान को कई लोग रख देते हैं. अक्सर लोग बचे हुए खाने को फेंक देते हैं. बचे हुए खाने को फेंकने के बजाय आप नई चीजों को बना सकते हैं. तो आइए जानते हैं इस आर्टिकल से दिवाली के बचे हुए खाने से आप क्या बना सकते हैं? बचे हुए चावल से क्या बनाएं? Rice cutlet ( ai image) अगर रात का चावल बच गया है तो आप इससे कटलेट बना सकते हैं. आप एक बर्तन में चावल को लें. इसमें उबले आलू को मैश कर के डाल दें. इसमें आप कटा हुआ प्याज, हरी मिर्च और अदरक-लहसुन के पेस्ट को डालें. इसमें बेसन, नमक और धनिया पाउडर को डालें. सभी चीजों को अच्छे से मिला लें. हाथों में तेल लगा लें और मिश्रण से आप गोल आकार के कटलेट को तैयार कर लें. तवे पर तेल डालकर आप इसे दोनों साइड से क्रिस्पी होने तक पका लें.  बची हुई दाल से क्या बनाएं? Dal paratha ( ai image) आप बची हुई दाल से पराठा तैयार कर सकते हैं. आप दाल को गाढ़ा कर लें. अब एक बर्तन में आटा लें. इसमें आप दाल को डाल दें. अब आप बारीक कटा प्याज और कटी हुई हरी मिर्च को डालें. सभी चीजों को अच्छे से मिक्स कर लें. अब आप आटा को गूंथ लें. आटे से लोई बना लें और लोई को हाथ से दबा लें और बेलन से गोल बेल लें. तवे पर तेल लगाकर दोनों साइड से इसे पका लें.  बची हुई रोटी से क्या बनाएं? Roti pizza ( ai image) अगर रोटी बच गई है तो आप इससे पिज्जा को तैयार कर सकते हैं. बची हुई रोटी पर पिज्जा सॉस लगाएं, इसमें आप कटी हुई सब्जी जैसे शिमला मिर्च, प्याज, टमाटर और चीज को डालें. ऊपर से आप चिली फ्लेक्स को डालें. तवे पर ढककर पकाएं जब तक चीज पिघल न जाए. बची हुई मिठाई से क्या बनाएं? Kulfi ( ai image) आपके पास अगर दिवाली पर मिठाई में पेड़ा या बर्फी बचा हुआ है तो आप इससे कुल्फी बना सकते हैं. आप मिठाई को छोटे टुकड़ों में तोड़ लें और दूध के साथ मिक्स कर के मिक्सी में पीस लें. इस मिश्रण को निकाल लें. अब एक बर्तन में दूध को गर्म करें और इसमें आप तैयार मिश्रण को डालें. इसे गाढ़ा करें और ऊपर से कटे हुए ड्राई फ्रूट को डाल दें. इसे आप कुल्फी के सांचे में डालें और फ्रिज में रख दें. जब ये जम जाए तो इसे सर्व करें.  यह भी पढ़ें- Chana Dal Cutlet: संडे को बनाना है स्पेशल, तो स्नैक्स में तैयार करें टेस्टी चना दाल कटलेट  यह भी पढ़ें- Paneer Cheese Toast: वीकेंड पर फैमिली के लिए करें कुछ स्पेशल, बनाएं पनीर चीज टोस्ट रेसिपी  The post Leftover Diwali Food Recipes Ideas: दिवाली के बचे पकवानों से तैयार करें टेस्टी डिश, ट्राई करें ये रेसिपी आइडियाज appeared first on Naya Vichar.

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