Sunita Williams Returns: सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को सिर्फ आठ दिन के लिए स्पेस स्टेशन पर रुकना था. लेकिन उनको लेकर गए स्पेस क्राफ्ट की खराबी से उनकी वापसी टलती गई और अब नौ महीने बाद वो धरती पर वापस लौटी हैं. इस स्पेस क्राफ्ट को बोइंग कंपनी ने बनाया था.
एलम मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. उनके स्पेस क्राफ्ट से अंतरिक्षक विज्ञानी सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का धरती पर वापस आना संभव हो पाया है. स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल को सुरक्षित समुद्र में पैरासूट के जरिए उतारा गया. इसके बाद उन्हें सुरक्षित कैप्सूल से बाहर निकाल लिया गया है. लेकिन 8 दिन के लिए अंतरिक्ष स्टेशन गई सुनीता और बुच विल्मोर को नौ महीने तक वहां क्यों रुकना पड़ा ये भी एक रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी है. क्योंकि उनका अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचना भी कम खतरों भरा नहीं था.
आठ दिन में वापस लौटना था
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेस क्राफ्ट से अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए थे. वहां कुछ रिसर्च करने के बाद उन्हें 13 जून 2024 को वापस धरती पर लौटना था. लेकिन जिस स्पेस क्राफ्ट से वो अंतरिक्ष स्टेशन गई थी, उसकी खराबी से वो नौ महीने तक स्पेश स्टेशन पर फंसे रहे. स्टारलाइनर से हीलियम का रिसाव होने और स्पीड की कमी के कारण उनकी वापसी लगातार टलती रही. जिस स्पेस क्राफ्ट स्टारलाइनर से सुनीता और बुच विल्मोर अंतरिक्ष स्टेशन गए थे उसके बनने से लेकर ट्रायल तक का सफर काफी विवादित रहा था.
स्टारलाइनर के बनने का सफर
नासा ने बोइंग को 2011 में स्पेस क्राफ्ट बनाने के लिए अनुमति दी थी. बोइंग ने अपना प्रोजेक्ट शुरू किया और स्पेस क्राफ्ट को नाम दिया स्टारलाइनर. 2011 में शुरू हुआ स्टारलाइनर लगभग 6 साल (2017) में बनकर तैयार हुआ. इसके बाद 2019 तक इसके मानव रहित उड़ानों के परीक्षण किए गए. 20 दिसंबर 2019 को पहला मानवरहित ऑर्बिटल टेस्ट किया गया. लेकिन साफ्टवेयर की गड़बड़ी से स्टारलाइनर दूसरे ऑर्बिट में पहुंच गया. इसके चलते अंतरिक्ष स्टेशन से इसकी डॉकिंग नहीं हो पायी और ये वापस धरती पर लौट आया. इस असफल उड़ान के बाद एक बार फिर 6 अप्रैल 2020 को इसकी लॉन्चिंग की तैयारी की गई. लेकिन उसे किसी कारण से टाल दिया गया. इसके बाद अगस्त 2021 में एक बार फिर लॉन्चिंग की तैयारी की गई, लेकिन स्पेसक्राफ्ट के प्रोप्लशन वॉल्व में दिक्कतें निकल आईं. इस असफल प्रयास के बाद बोइंग ने स्पेसक्राफ्ट को फिर से बनाने का फैसला लिया.
लगातार निकलती रहीं खामियां
मई 2022 में स्पेसक्राफ्ट फिर से बनकर तैयार हुआ. 19 मई 2022 को स्टारलाइनर को लॉन्च किया गया. इस बार भी टा्यल मानवरहित था, लेकिन स्पेशक्राफ्ट में दो डमी अंतरिक्षक यात्री रखे गए थे. इस उड़ान में भी स्टारलाइनर के ऑर्बिटल मैन्यूवरिंग और एटीट्यूड कंट्रोल सिस्टम थ्रस्टर्स फेल हो गए. लेकिन काफी प्रयासों के बाद 22 मई 2022 को स्टारलाइन की अंतरिक्ष स्टेशन से डॉकिंग हो गई. फिर 23 मई 2022 को अनडॉकिंग के बाद स्टारलाइनर वापस धरती पर लैंड कर गया. लेकिन इस लैंडिंग के दौरान भी उसकी नेविगेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम गड़बड़ हो गया. इससे सैटेलाइट से स्टारलाइनर का कनेक्शन भी टूट गया था. इस लॉन्चिंग, स्पेश स्टेशन से डॉकिंग व अनडॉकिंग, फिर लैंडिंग में जो दिक्कतें आई, उसे बोइंग ने फिर से दूर किया.
स्पेसक्राफ्ट में दिक्कतों ने टाली लॉन्चिंग
मई 2022 से लेकर जुलाई 2023 से अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाने वाले मिशन की तैयारी शुरू की गई. लेकिन अचानक फिर से मुख्य लॉन्चिंग को टाल दिया गया. इसके बाद 4 मई 2024 को लॉन्चिंग का नया समय तय किया गया. लेकिन रॉकेट के ऑक्सीजन वाल्व में गड़बड़ी हो गई. इसके बाद एक अन्य प्रयास में हीलियम लीक होने की समस्या पैदा हो गई. जिससे लॉन्चिंग टलती रही. बोइंग ने फाइनली 5 जून 2024 को अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर स्टारलाइनर को अंतरिक्ष स्टेशन भेजा लेकिन पूर्व नियोजित समय 13 जून 2024 को उनकी वापसी नहीं हो पाई.
क्यों टलता रहा धरती पर लौटना?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का धरती पर लौटना स्टारलाइनर में खराबी के कारण ही टलता रहा. अंतरिक्ष स्टेशन के पास पहुंचते समय ही इस स्पेस स्टेशन के थ्रस्टर बंद हो गए थे. जिससे इसे दिशा देने में दिक्कतें आ रही थी. इसी दौरान स्पेशक्राफ्ट में हीलियम भी खत्म हो गया और अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी टल गई थी. 13 जून 2024 को धरती पर वापसी की तैयारियों को स्टारलाइनर में आ रही एक के बाद एक दिक्कतों के कारण झटका लगता रहा. अंतत: नासा ने स्पेसएक्स के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने का फैसला किया. एलन मस्क की कंपनी का ये 10वां मानवयुक्त मिशन था.
सुनीता के पहले मिशन में भी आई थी दिक्कतें
सुनीता विलियम्स जब पहली बार अंतरिक्ष स्टेशन गई थीं, तब भी वापसी में दिक्कतें आई थी. अपने पहले मिशन में वो नासा के स्पेसक्राफ्ट अटलांटिस से अंतरिक्ष स्टेशन गई थी. उड़ान के दौरान ही अटलांटिस के बहारी सुरक्षा कवच में दरार की जानकारी सामने आई थी. इस दौरान सुनीता को 6 महीने स्पेश स्टेशन पर रुकना पड़ा था.
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