जिलेभर के शिक्षकों ने लगातार शिक्षकों पर की जा रही दंडात्मक कार्रवाई के विरोध में आवाज उठाना शुरू कर दिया है. शिक्षकों ने इस बाबत बुधवार को प्रधान शिक्षकों के एक दिन का वेतन स्थगित करने के संबंध में काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया है. शिक्षको का यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा. शिक्षक 26 से 28 मार्च तक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. इसके बाद आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी. पूरे मामले में ठाकुरगंगटी के शिक्षक नेताओं ने भी विरोध जताया है. ठाकुरगंगटी के चांदपूर, देवनचक, खरखोदिया सहित विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया है और सभी ने जिला प्रशासन इस कार्रवाई का विरोध किया है. मालूम हो कि जिले में हर दिन स्कूलों का ऑनलाइन निरीक्षण किया जा रहा है. निरीक्षण के दौरान समय पर मिड डे मील की रिपोर्ट स्कूलों को एसएमएस के माध्यम से देने को कहा गया है.
जिले के 492 स्कूलों के प्रधान शिक्षकों का वेतन किया गया स्थगित
इस मामले में पिछले दिनों जिले के कुल 1417 स्कूलों द्वारा लापरवाही बरती गयी थी, जिसमें डीसी के स्तर से सभी बीइइओ, बीपीओ सहित प्रधान शिक्षकों के एक दिन का वेतन स्थगित कर दिया गया था. मंगलवार को भी निरीक्षण के दौरान जिले के कुल 492 स्कूलों के प्रधान शिक्षको का वेतन स्थगित किया गया था. साथ ही मदरसा आदि का भी वेतन स्थगित करने का आदेश दिया गया था. इस आलोक में जिले भर में शिक्षकों में उबाल देखा जा रहा है. जिला संयोजक अमरकांत यादव ने बताया कि 26 से 28 मार्च तक काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी. आंदोलन में अमरेंद्र कुमार यादव,आनंद रजक, सुभाष चंद्र, आशुतोष पांडेय, रोहित राय, गौतम कुमार वैरागी आदि का समर्थन प्राप्त हैं. सबों ने प्रशासन के इस कारवायी के विरोध में काला बिल्ला लगाया.
हनवारा में भी शिक्षको ने लगाया काला बिल्ला
महगामा सहित हनवारा में भी सभी शिक्षकों ने डीसी द्वारा दिये गये आदेश के खिलाफ सामूहिक रूप से अपना विरोध और आक्रोश जताया है. साथ ही न्याय की गुहार लगायी है. उपायुक्त कार्यालय से जारी होने वाले इस प्रकार के पत्र से शिक्षकों में रोष है. शिक्षकों ने इसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना बताया है. कहा कि शिक्षकों को कम समय में कई रिपोर्ट जमा करना पड़ता है. इससे वे परेशान हैं. पदाधिकारियों ने बताया कि विभाग द्वारा शिक्षक समुदाय को इस प्रकार डराना और वेतन काटना या स्थगित करना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है. समस्या के निदान के लिए उपचारात्मक और निदानात्मक उपाय और संसाधनों की आवश्यकता है ना कि विभिन्न प्रकार के पत्र द्वारा उन्हें प्रताड़ित और दंड की. ऐसा सभी शिक्षकों के साथ किया जा रहा है, वह सही नहीं है. उन्होंने बताया कि शिक्षक अपने कार्य के प्रति पहले भी प्रयासरत थे और आज भी हैं. आगे भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करते रहेंगे, परंतु इस प्रकार के दंड की भावना से जारी किया जाना वाला पत्र किसी भी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसका हरहाल में विरोध किया जाएगा. विरोध करने वाले शिक्षकों मेें शम्स परवेज, असलम आजाद, जितेंद्र कुमार, खालिद शमीम, राधेश्याम साह आदि उपस्थित थे.
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