शहर के शिक्षण संस्थानों के सामने भी तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं. जिले के दुकानदरों में प्रशासनी अदेश का भी डर नहीं है. कोर्ट व प्रशासनी अदेश के बाद भी शहर भर में मौजूद शिक्षण संस्थानों के बाहर दुकानदार खुलेआम तंबाकू, सिगरेट व पान मसाला बेच रहे हैं. दुकानों में घरेलू सामान के साथ नशे के सामान भी बेच रहे है. ये देश के भविष्य के रगों में जहर घोल रहे हैं. स्कूल के छात्रों को तो इनकी लत भी लग चुकी है. गौरतलब है कि जब राज्य में तंबाकू उत्पादों पर बैन नहीं था, उस समय भी शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचने के मनाही थी.
नया विचार की टीम ने धनबाद में की पड़ताल
सोमवार को नया विचार की टीम इसके पड़ताल के लिए निकली. रिपोर्टर ने कुछ स्कूलों के बाहर लगी दुकानों पर तंबाकू व सिगरेट की मांग की तो दुकानदरों ने तुरंत सामान निकाल कर दे दिया. स्कूल सामने होने के बावजूद दुकानदारों में इन नशे के सामानों को बेचने को लेकर कोई हिचकिचाहट या शासन-प्रशासन का खौफ नहीं दिखा.
नया विचार की पड़ताल में इन जगहों पर स्कूल गेट के ठीक सामने बिकते मिले तंबाकू उत्पाद
कार्मिक नगर :
कार्मिक नगर स्थित निजी स्कूल के सामने ही कई दुकानें लगी हैं. यहां नया विचार रिपोर्टर ने सिगरेट व गुटखे की मांग की तो दुकानदार ने उनसे ब्रांड का नाम पूछा. नाम बताते ही तुरंत दुकानदार ने पास में रखे प्लास्टिक से गुटखा दे दिया. वहीं सिगरेट की मांग करने पर घरेलू सामान के बीच में से निकालकर दे दिया.
झारूडीह पॉलिटेक्निक मोड़ :
झारूडीह पॉलिटेक्निक मोड़ के पास राजकीय पॉलिटेक्निक व आइटीआइ स्थित है. यहां के आस पास भी कई छोटे दुकान मौजूद है. जहां दुकानदार खुले आम तंबाकू, गुटखा आदि बेच रहे है. टीम के मांगने पर दुकानदारों ने उनसे सिर्फ ब्रांड का नाम पूछा व तुरंत ही छुपा कर रखे डब्बे से निकाल कर गुटखा दे दिया.
झारूडीह मध्य विद्यालय :
झारूडीह मध्य विद्यालय के सामने के दुकान में दुकानदार छिपा कर तंबाकू, गुटखा व सिगरेट बेच रहे है. टीम के सिगरेट व तंबाकू मांगने पर दुकानदरों ने ब्रांड पूछा व तुरंत दुकान के काउंटर के नीचे से सिगरेट व तंबाकू दे दिया.
प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई, इसलिए चल रहा नशे का काला कारोबार
तंबाकू उत्पादों पर पूर्ण रूप से बैन के बवजदू धड़ल्ले से हो रही बिक्री को लेकर सरायढेला निवासी लक्ष्मण पॉल, रागिनी, संगीता, रमेश साव समेत अन्य लोगों ने कहा कि नशे का कारोबार करने वालों पर जिला प्रसाशन कारवाई नहीं कर रही है. यही वजह है कि दुकानदारों का मन बढ़ा हुआ है. कोटपा कमेटी के सदस्यों और प्रशासन को ऐसे लोगों पर कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है.
कानून की धज्जियां उड़ा रहे दुकानदार
2003 में कोटपा सिगरेट व अन्य तंबाकू नियंत्रण अधिनियम बनाया गया था. जिसका उद्देश्य धूम्रपान को नियंत्रित करना था. इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करते हुए पाए जाने पर 200 से 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. तंबाकू सामग्री को खुलेआम बेचने और प्रदर्शन करने पर भी रोक लगाई गई है. लेकिन शहर में इसका पालन होता नहीं देख रहा है.
राज्य प्रशासन ने भी बैन किया है तंबाकू व गुटका
झारखंड के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने तंबाकू या निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला के निर्माण, भंडारण, बिक्री और वितरण पर फरवरी मां में ही प्रतिबंध लगाया है. इसके तहत राज्य में गुटखा और पान मसाला कोई भी बेच और खरीद नहीं सकेगा है. बेचता पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की करने की बात कही थी.
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