संवाददाता, कोलकाता
””योग्य-अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची अभी प्रकाशित नहीं की जायेगी. बर्खास्त शिक्षकों को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए, जो उनकी समीक्षा याचिका को कमजोर करे. हम कानूनी सलाह के अनुसार हर कदम उठा रहे हैं. मंगलवार को विकास भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने यह जानकारी दी. शिक्षा मंत्री ने कहा- न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अपने साथ खतरे लेकर आ रहे हैं. उनको प्रैक्टिकल स्थिति को समझना चाहिए. योग्य-अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची अभी प्रकाशित नहीं की जायेगी. सुप्रीम कोर्ट ने योग्य-अयोग्य शिक्षकों और गैरशिक्षा कर्मियों की सूची प्रकाशित करने के लिए नहीं कहा है. इससे पहले जब बैठक हुई थी, तो प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट रूप से बताया गया था कि योग्य-अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची कानूनी सलाह लेने के बाद प्रकाशित की जायेगी. तदानुसार, कानूनी विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि कोई सूची प्रकाशित नहीं की जा रही है, क्योंकि उन्हें कानूनी सलाह नहीं मिली है. साथ ही शिक्षा मंत्री ने स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) कार्यालय के सामने खड़े अभ्यर्थियों को कोर्ट की मुहर दिखाते हुए सलाह दी कि वे ऐसा कुछ न करें, जिससे कोर्ट की अवमानना हो. योग्य उम्मीदवारों के लिए समीक्षा याचिका दायर की जायेगी, इसलिए ऐसा कुछ भी करना वांछनीय नहीं होगा, जिससे समीक्षा याचिका प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हो जाये या कमजोर हो जाये. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुर में सुर मिलाते हुए ब्रात्य बसु ने कहा, प्रशासन आपके साथ है. आपसे अनुरोध है कि 31 दिसंबर तक स्कूल जायें, कामकाज करें. ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए, जिससे आपका पक्ष कमजोर हो. मंत्री ने इस बात को दोहराया कि हमने पहले ही कहा था कि उनकी कुछ मांगें पूरी हो सकती हैं और कुछ नहीं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से कोई निर्देश नहीं है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कहा है कि 17,206 लोग योग्य हैं. न तो हमने और न ही एसएससी अध्यक्ष ने किसी तीसरे चरण या चौथे चरण के बारे में बात की, न ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ऐसा कहीं लिखा है. मंत्री ने कहा- मुझे लगता है कि प्रदर्शनकारी शिक्षक खुद की समीक्षा याचिका को खतरे में डाल रहे हैं. हमने पुलिस के जरिए उन्हें समझाने की कोशिश की है. हम शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अक्षरशः पालन करेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो फिर उनसे बात करेंगे या मिलेंगे. लेकिन उन्हें तुरंत यह आंदोलन वापस ले लेना चाहिए. सूची प्रकाशित करने में अदालत की अवमानना की संभावना है.
विकास भवन ने डीआइ को भेजा पत्र
कोलकाता. स्कूल शिक्षा आयुक्त (विकास भवन) की ओर से एक पत्र जिला निरीक्षकों (डीआइ) को भेजा गया है. पत्र में कहा गया है कि डीआइ ””योग्य”” शिक्षकों की सूची प्रकाशित करेंगे. पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 17 अप्रैल के आदेश के अनुसार, जो लोग 2016 की भर्ती प्रक्रिया के अनुसार योग्य हैं, वे 31 दिसंबर तक पढ़ा सकेंगे. पता चला है कि स्कूल शिक्षा आयुक्त ने उन लोगों को वेतन देने का आदेश दिया है जो अयोग्य के रूप में पहचाने नहीं गये हैं. यानी कि जो टेंटेड या दागी शिक्षकों की सूची में नहीं हैं, उनको वेतन दिया जाए.
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