Rules Changes: अगर आप लग्जरी घड़ियां, ब्रांडेड स्नीकर्स या एक्सक्लूसिव आर्ट पीसेज में दिलचस्पी रखते हैं, तो ये समाचार आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है. आयकर विभाग ने एक नई गाइडलाइन नोटिफाई की है. वहयह है कि 22 अप्रैल 2025 से 10 लाख रुपये से ऊपर के कुछ हाई-एंड लग्जरी आइटम्स की खरीद पर 1% टीसीएस (Tax Collected at Source) लगेगा.
कौन-कौन से आइटम इस लिस्ट में हैं?
आयकर विभाग के नए रूल्स के तहत अब 10 लाख से ज्यादा के ये आइटम खरीदते वक्त TCS देना होगा.
- लग्जरी हैंडबैग्स और घड़ियां
- हाई-एंड स्नीकर्स और शेड्स
- स्पोर्ट्सवियर, नौकाएं, हेलीकॉप्टर
- पेंटिंग, मूर्तियां, एंटीक कलेक्शंस
- होम थिएटर सिस्टम
- पोलो और रेसिंग के घोड़े
TCS कौन देगा?
इसका नियम समझना बड़ा साधारण है. 10 लाख रुपये से अधिक के लग्जरी आइटम्स की खरीद पर TCS खरीदार से नहीं, बल्कि विक्रेता (seller) से लिया जाएगा, लेकिन इसका असर आपकी जेब पर सीधा पड़ेगा. इसका कारण यह है कि आखिरकार ये चार्ज लग्जरी आइटम्स की कीमत में जुड़ जाएगा.
प्रशासन का क्या है उद्देश्य
इस नियम के पीछे प्रशासन की मंशा साफ है.
- टैक्स चोरी पर रोक लगाना
- हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शंस पर नजर रखना
- कर आधार (tax base) को बढ़ाना
- वित्तीय पारदर्शिता को मजबूत बनाना
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एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं?
नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर संदीप झुनझुनवाला का कहना है कि यह कदम “विवेकाधीन खर्चों की निगरानी” को बेहतर करेगा और टैक्स कंप्लायंस को मजबूती देगा.
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