Election Commission: हाल के वर्षों में विपक्षी दलों की ओर से चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं. विपक्षी दलों की शिकायत को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने एक बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया था. इस आयोजन का मकसद नेतृत्वक दलों की चुनाव संबंधी शिकायतों का तय समय में निवारण करना था. भले ही विपक्षी दलों की ओर से चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं, लेकिन चुनाव आयोग पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है.
इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. बुधवार को आयोग की ओर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (आईआईडीईएम) में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के लिए 2 दिवसीय प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण का आयोजन किया गया. चुनावी राज्य बिहार से प्रशिक्षित होने वाला यह बीएलओ का तीसरा बैच है.
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के 229 बीएलओ, 12 ईआरओ और 2 डीईओ भाग ले रहे हैं. बिहार के राज्य पुलिस नोडल अधिकारी (एसपीएनओ) और पुलिस अधिकारियों के लिए एक विशेष एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी बुधवार को शुरू हुआ. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हिंदुस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त विवेक जोशी की उपस्थिति में किया.
मतदाता सूची में होने वाली गड़बड़ी को रोकने की कवायद
प्रशिक्षण का मकसद बीएलओ को संवैधानिक ढांचे के अनुसार उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से अवगत कराना और त्रुटि-मुक्त मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए तैयार करना है. आयोजन का मकसद बीएलओ को उनकी भूमिकाओं को पूरा करने में मदद के लिए बनाये गये आईटी मॉड्यूल के बारे में प्रशिक्षित करना है. प्रशिक्षण कार्यक्रमों के पहले चरण में बिहार, पश्चिम बंगाल और असम जैसे चुनावी राज्यों से 555 बीएलओ और बिहार से 10 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य नेतृत्वक दलों के 279 बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है. प्रशिक्षित बीएलओ पूरे देश में बीएलओ के पूरे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए विधानसभा स्तर के मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) की एक टुकड़ी का गठन करेंगे.
बिहार के एसपीएनओ और पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण का उद्देश्य चुनाव प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए चुनाव अधिकारियों और पुलिस के बीच समन्वय में सुधार करना है. खासकर कानून और व्यवस्था, अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) की तैनाती और आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) प्रवर्तन के क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
गौर करने वाली बात है कि ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका, ब्राजील, मिस्र, फ्रांस, इंडोनेशिया, इजरायल, रूस और दक्षिण अफ्रीका जैसे बड़े लोकतांत्रिक देशों सहित 141 देशों के 3000 से अधिक प्रतिभागियों ने आईआईडीईएम में हिंदुस्तान की विश्व स्तर पर प्रशंसित चुनाव प्रबंधन प्रथाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से लाभ उठाया है.
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