PM Modi on Pahalgam Terror Attack : मधुबनी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी जिले में लोगों को संबोधित करते हुए पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति मौन रखा फिर ऐसे दहाड़ा कि पूरा माहौल रणभेदी नारों से गुंज उठा. पीएम मोदी ने कहा कि मैं बहुत स्पष्ट कहूंगा कि जिन्होंने न्हों यह हमला किया है, उन आतंकियों और इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी. इन लोगों को सजा मिलकर रहेगी. अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है. पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों ने सोचा भी नहीं होगा. हम लोग ऐसी सजा देंगे.
मौन रहने का आग्रह
इससे पहले अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने रैली में आए हजारों लोगों से कुछ पल का मौन रखने और मारे गए लोगों को नमन करने को कहा. पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं अपनी बात प्रारंभ करने से पहले आपसे प्रार्थना करना चाहता हूं कि आप जहां हैं, वहीं पर बैठकर 22 तारीख को जिन परिवार जनों को हमने खोया है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ पल मौन रखें। अपने- अपने आराध्य देवता का स्मरण करते हुए उनको श्रद्धांजलि देंगे. उसके बाद ही मैं अपनी बात प्रारंभ करूंगा.’
घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना
ऊं शांति के मंत्र जाप के बाद मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है. हर कोई दुखी है. सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है, जिन परिवार जनों का अभी इलाज चल रहा है, वे जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए भी प्रशासन प्रयास कर रही है.
हिंदुस्तान की आत्मा पर हमला
मोदी ने कहा कि आतंकी हमले में किसी ने अपने बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है. उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था और कोई मराठी, उड़िया, गुजराती और कोई बिहार का लाल था. आज उन सभी की मृत्यु पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारा दुख एक जैसा है. हमारा आक्रोश एक जैसा है. यह हमला निहत्थे पर्यटकों पर ही नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने हिंदुस्तान की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है.
शांति और सुरक्षा विकास की जरूरी शर्त
प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति और सुरक्षा विकास की जरूरी शर्त है. प्रधानमंत्री ने बुधवार को ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मीटिंग बुलाई थी. इस बैठक के बाद सिंधु जल समझौते को रोकने, दूतावास से स्टाफ कम करने और पाकिस्तानियों के लिए वीजा रद्द करने का फैसला लिया गया था. कयास लगाए जा रहे हैं कि हिंदुस्तान की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य ताकत का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
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