नया विचार समस्तीपुर – समस्तीपुर शहर के काशीपुर वार्ड-34 में शुक्रवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब स्थानीय लोगों ने कचरे के ढेर में एक नवजात बच्ची का शव देखा। सूचना मिलते ही नगर निगम के सफाईकर्मी पहुंचे और शव को पन्नी में डालकर ले गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मामला भ्रूण हत्या से जुड़ा बताया जा रहा है।घटना को लेकर स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि विजय कुशवाहा ने नाराजगी जताते हुए कहा, “इलाके में कई अवैध अस्पताल बिना किसी निगरानी के चल रहे हैं। मेडिकल वेस्ट को खुलेआम फेंका जा रहा है। कभी नवजात का शव तो कभी इंसानी अंग कचरे में मिल रहे हैं। यह बेहद अमानवीय और खतरनाक है। प्रशासन को कई बार सूचना देने के बावजूद आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”विजय कुशवाहा ने आगे कहा, “यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी यहां नवजात शव और भ्रूण मिल चुके हैं। अब यह रोज की घटना बनती जा रही है, लेकिन जिम्मेदार चुप हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर प्रशासन की लापरवाही इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है।”जिले में 30 निबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्र और 105 निबंधित नर्सिंग होम हैं, जबकि 2000 से अधिक ऐसे नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। इनमें से केवल 65 संस्थानों ने ही मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निस्तारण के लिए अनुबंध किया है, शेष संस्थानों से निकलने वाला खतरनाक कचरा शहर में जगह-जगह फेंका जा रहा है।डॉ. नागमणि राज बताते हैं कि खून से सनी सिरिंज, ग्लव्स और पट्टियां खुले में फेंकना गंभीर खतरा है। यदि मेडिकल कचरा 1150 डिग्री सेल्सियस तापमान पर नहीं जलाया जाता, तो यह ऑर्गेनिक प्रदूषण फैलाता है, जिससे कैंसर, प्रजनन संबंधी रोग, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और डायरिया जैसी बीमारियां फैल सकती हैं।सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि समस्तीपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि अवैध अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई हो और मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निष्पादन की पुख्ता व्यवस्था की जाए।