Rural Development: समग्र कृषि और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई ), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी ) जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करने को लेकर कृषि भवन में शुक्रवार को अधिकारियों की एक मैराथन बैठक हुई जिसमें विकास कार्यक्रमों को त्वरित गति से लागू करने को लेकर आधुिनक तकनीक का उपयोग करने पर विचार किया गया. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आधुनिक तकनीक का जलग्रहण विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में बेहतर उपयोग करने पर विचार किया गया साथ ही मृदा व नमी संरक्षण डेटा के आधार पर निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) विकसित करके ग्राम समुदाय और व्यक्तिगत किसानों को उचित सलाह देने पर भी विचार किया गया.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास घटक (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) के तहत जलग्रहण विकास परियोजनाओं को जनांदोलन की तरह क्रियान्वित किया जाना चाहिए. आम जनता, जनप्रतिनिधियों, गैर प्रशासनी संगठनों, कॉरपोरेट्स सहित सभी हितधारकों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएं. पहाड़ी क्षेत्रों में स्प्रिंगशेड विकास कार्यक्रमों पर चर्चा की गयी, ताकि कम पानी उपलब्धता वाले महीनों में पानी उपलब्ध कराया जा सके. स्थानीय आबादी को पीने का पानी उपलब्ध कराने के अलावा, यह प्रमुख नदी प्रणालियों के जल प्रवाह को भी बढ़ाएगा, जो अंततः मैदानी क्षेत्रों में रहने वाली बड़ी आबादी की मदद करेगा.
जून तक सभी भूमि अभिलेख को डिजिटल करने का निर्देश
कृषि मंत्री ने कृषि भूमि के लिए डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) तथा शहरी भूमि सर्वेक्षण के लिए नक्शा कार्यक्रम के तहत प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान बताया गया कि डीआईएलआरएमपी के तहत अधिकारों के अभिलेख 99% तक कम्प्यूटरीकृत किए जा चुके हैं. भूकर मानचित्रों को लगभग 97% तक डिजिटाइज किया जा चुका है. उप रजिस्ट्रार कार्यालयों को 95 प्रतिशत तक कम्प्यूटराइज किया जा चुका है.नक्शा कार्यक्रम को देश के 29 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में 152 शहरी स्थानीय निकायों में चलाया जा रहा है, जिनमें से 61 में एरियल फ्लाइंग का काम पूरा हो चुका है. शेष शहरी स्थानीय निकायों में भी एरियल फ्लाइंग कार्य निर्धारित समय-सीमा अर्थात जून 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया.
भू अभिलेखों में आधार संख्या, मोबाइल नंबर और पता भी होंगे शामिल
बैठक में कृषि मंत्री ने राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया सरल किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इस संबंध में राज्यों के साथ समन्वय किया जाएं, ताकि जनता को सहूलियत हो साथ ही देश में भूमि अभिलेख डेटा को और पारदर्शी तथा सटीक बनाने के लिए अधिकारों के अभिलेखों में भूस्वामी का आधार संख्या, मोबाइल नंबर और उसका पता भी शामिल करने के निर्देश दिया और इस काम में तेजी लाने को भी कहा. बैठक में मिशन अमृत सरोवर की समीक्षा की गई, जिसमें इसकी ठोस उपलब्धियों एवं गहन प्रभावों को रेखांकित किया गया.
मिशन अमृत सरोवर अंतर्गत देश में 50 हजार सरोवरों बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, इसे पार करते हुए देशभर में 68 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण पूर्ण हो चुका है. यह समग्र प्रशासनी दृष्टिकोण व जनभागीदारी आधारित राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसका उद्देश्य केवल जलाशयों का निर्माण या पुनरुद्धार नहीं, अपितु जल संरक्षण एवं सतत विकास सुनिश्चित करना है. अभियान के अंतर्गत लगभग 80 हजार पंचायत प्रतिनिधि एवं 65 हजार से अधिक उपयोगकर्ता समूह सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं. ये समूह सरोवरों के माध्यम से विविध प्रकार की आजीविका गतिविधियों- कृषि, मत्स्य पालन, पर्यटन व मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं.
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