Cyber security :दलसिंहसराय : साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं की देखते हुए नया विचार द्वारा चलाये जा रहे जन जागरूकता अभियान के तहत संवाद कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को शहर के शांति नायक रोड स्थित विद्या कुंज कोचिंग में हुआ. अध्यक्षता संस्था के निदेशक विद्यासागर यादव ने किया. श्री यादव ने छात्रों को बताया कि जागरूकता से ही साइबर अपराध जैसे जाल से हम बच सकते हैं. देश में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन गया है. साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशासन की और से कई कदम उठाये गये हैं, लेकिन साइबर अपराध की घटना लगातार बढ़ रही है. साइबर अपराध के अलावा साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन गया है. साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशासन अपनी रणनीति पर काम कर रही है. गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय, सर्ट इन, आईसी, टेलिकॉम और बैंकिंग जैसे विभागों के बीच टेक्नोलॉजी और बैठकों के माध्यम से संवाद किया जा राय है. परन्तु जब तक हमसभी जागरूक नहीं रहेंगे तब तक यह घटना होती रहेगी. संचालन शिक्षक शीतल राज ने करते हुए छात्रों को बताया कि मोबाइल के बिना हमारा जीवन जैसे अधूरा ही है. सूचनाएं हों अथवा कारोबार हो या फिर मनोरंजन मोबाइल फोन की लोगों को लत लग गयी है, लेकिन इस मोबाइल ने हमें खतरों के समक्ष भी ला खड़ा किया है. यह जान लीजिए कि टेक्नोलॉजी दो तरफा तलवार है. एक ओर जहां यह वरदान है, तो दूसरी ओर मारक भी है. आज के दौर में यदि आप कहीं मोबाइल भूल जाएं या फिर यह किसी तकनीकी खराबी से यह बंद हो जाए, तो आप कितनी बेचैनी महसूस करते हैं, जैसे जीवन की कोई अहम हिस्सा अधूरा रह गया हो. मोबाइल का सही उपयोग ही साइबर क्राइम जैसे गंभीर अपराध से बचा सकता है.
घर परिवार में भी करें जागरूक
अपने घर परिवार में भी इसे लेकर जागरूक करें. सोशल मीडिया पर जानकारी सार्वजनिक करने से साइबर अपराधियों को मौका मिल सकता है. इसलिए सोशल मीडिया में संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें. कभी भी अपनी जन्मतिथि, पता, फोन नंबर व बैंक खाते की जानकारी सोशल मीडिया पर न दें. अपराधी इन जानकारियों का इस्तेमाल आपकी पहचान चुराने में कर सकते हैं. सोशल मीडिया प्रोफाइल की सेटिंग ऐसी रहे ताकि करीबी दोस्त ही आपकी जानकारी देख सकें, ध्यान रखना है कि आपका सोशल मीडिया प्रोफाइल पब्लिक (सार्वजनिक) न रहे कि उसे कोई भी देख सके, शादी के रिश्ते और जॉब के लिए अप्लाई करते हुए भी प्रोफाइल में बहुत अधिक जानकारी नहीं देनी है. साइबर अपराधी पर्सनल जानकारी हासिल कर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
डिजिटल अरेस्टिंग समस्या
वक्ता डॉ. आदित्य राज ने बताया कि आज के दौर में डिजिटल अरेस्टिंग समस्या का जड़ बन गया है. हाल में ही एक जनप्रतिनिधि भी इसका शिकायत हुए है. इससें डरे नहीं बल्कि जागरूक होकर इससे बच सकते हैं. डिजिटल अरेस्ट के लिए आपको अचानक ही गिरफ्तार करने का झूठा दावा करते हैं. मकसद पीड़ित को यह यकीन दिलाना है कि यह किससे अपराध में शामिल हैं और आखिर में उससे बड़ी रकम ऐंठते हैं. आप ठान ले कि कभी भी अनजान कॉल या मेसेज पर ओटीपी शेयर नहीं करेंगे, नतीजा यह होगा कि आप अपने बैंक अकाउंट, मोबाइल, लैपटॉप की हैक होने से बचा सकेंगे. साथ ही, साइबर स्कैम के कई अन्य खतरों से बचे रहेंगे. नया विचार के द्वारा यह जन आंदोलन काबिले तारीफ है.
तुरंत करें संपर्क
वक्ता कुंदन कुमार, शिव सुदर्शन ने बताया कि किसी भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन को रोकने के लिए 1930 पर कॉल करके 30 मिनट के भीतर अकाउंट से ट्रांजेक्शन रोक सकते हैं. हिंदुस्तानीय कानून में ””””””””डिजिटल अरेस्ट”””””””” नाम की कोई चीज नहीं है. यह साइबर धोखाधड़ी का तरीका है. इसमें जालसाज पुलिस /खुफिया अफसर बनकर ठग कॉल करते है.एक फोन कॉल आएगा जिसमें कॉलर बतायेगा कि आपने अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या अन्य प्रतिबंधित पार्सल भेजा था या आपको यह मिला है. इसे रिसीव किया है. ओटीपी बताये इत्यादि. कई बार आपको निशाना बनाने के लिए यह फोन कॉल आपके रिश्तेदारों या दोस्तों की भी जा सकती है, बताया जायेगा कि आपके दोस्त या आपके रिश्तेदार ऐसे अपराध में शामिल हैं. आपको जैसे ही दोस्त या रिश्तेदार से यह सूचना मिलेगी, आप घबरा जायेंगे. इसके बाद अपराधियों को मौका मिल सकता है.ऐसा कॉल आने पर पहले रुके फिर संबंधित लोगों को कॉल करें या उनका कॉल नहीं लग रहा हो तो संबंधित के पड़ोसियों को कॉल कर जानकारी ले उसके बाद ही कोई कदम उठाये. बिल अपडेट न होने के कारण आज रात बिजली / गैस ऐसे कनेक्शन कट जाएगा. एआई से वॉयस क्लोनिंग में हुबहू आवाज से भी ठगी हो रही है इससे बचने का उपाय है जागरूकता. खुद जागरूक रहे और नया विचार साइबर अपराध के खिलाफ विशेष जागरूकता अभियान के तहत जुड़ कर लोगों को जागरूक कर सकते है. धन्यवाद ज्ञापन कुणाल गुप्ता ने देते हुए बताया कि समाज में साइबर जागरूकता की आवश्यकता आज के दौर में बेहद जरूरी है. अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके रोकथाम और इससे बचने के उपायों की जानकारी समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है. इस काम में नया विचार का यह जन-आंदोलन न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक सराहनीय पहल लेकर आई है जिसमें आप सभी अपनी भागीदारी देते हुए खुद जागरूक होकर अपने घर के सदस्यों को भी जागरूक करें और संदिग्ध ट्रांजेक्शन को रोकने के लिए 1930 नम्बर को अपने मोबाइल में सेव कर लें. छात्र-छात्राओं क्रमशःकसब प्रवीण, निशा कुमारी, आलोक कुमार, मंखुश कुमार झा, रोमा कुमारी, रिया कुमारी, अंजलि कुमारी, मंजीत कुमार, हिमांशु यादव, शुभम कुमार, हर्षिता कुमारी, गुंजा ज्योति, लक्ष्मी कुमारी, आरती कुमारी, दिव्या कुमारी ने इस विषय पर आये अतिथि से सवाल पूछे और लोगों को जागरूक करने की बात कही.
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