प्रतिनिधि,सीवान.जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओमप्रकाश लाल ने कहा कि कालाजार जैसी घातक बीमारी के प्रसार को रोकना और हिंदुस्तान को इससे मुक्त करना कालाजार उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य है.उन्होंने कहा कि कालाजार बीमारी बालू मक्खियों के काटने से फैलता है. जिस कारण असमय मृत्यु का कारण भी बन सकता है. डा. लाल कालाजार की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में उन्होंने कहा कि इसके उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य प्रशासन आपसी समन्वय स्थापित कर संयुक्त रूप से दवाओं की उपलब्धता, रोग की समय पर पहचान और मक्खियों की रोकथाम पर जोर दे रही हैं. वर्ष 2027 तक हिंदुस्तान से कालाजार को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए सामुदायिक स्तर पर जन जागरूकता अभियान, निगरानी और इलाज की बेहतर व्यवस्था से इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा हैं. तीन वर्षों में 234 कालाजार के मरीजों को किया गया सूचीबद्ध जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सीवान जिले में कालाजार उन्मूलन अभियान लगभग अंतिम चरण में है. क्योंकि अब धीरे धीरे इस बीमारी का सफाया किया जा चुका हैं.वर्ष 2022 में 108 कालाजार मरीजों की पहचान हुई थी. जिसमें विसरल लिशमैनियासिस के 57 जबकि पोस्ट कालाजार डरमल लिशमैनियासिस के 20 मरीज शामिल है. इसी तरह वर्ष 2023 में 64 जिसमें वीएल के 44 जबकि पीकेडीएल के 20 मरीज मिले. वर्ष 2024 में 50 मरीजों की शिनाख्त हुई हैं. जिसमें वीएल के 36 जबकि पीकेडीएल के 14 मरीजों का इलाज किया गया था. वहीं वर्ष 2025 में अभी तक मात्र 12 मरीजों में वीएल के 09 जबकि पीकेडीएल के 03 रोगियों की जांच के बाद उपचार किया गया है.इस अवसर पर वीडीसीओ विकास कुमार और कुंदन कुमार, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे.
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