गिरफ्तार पाकिस्तानी नागरिक से संशोधनागार में पूछताछ की इडी को अदालत से मिली अनुमति कोलकाता. फर्जी दस्तावेजों के जरिये हिंदुस्तानीय पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा गिरफ्तार पाकिस्तानी नागरिक आजाद मल्लिक उर्फ आजाद हुसैन को लेकर एजेंसी के अधिकारी तमाम जानकारी एकत्रित करने में जुटे हैं. आजाद फिलहाल पांच जून तक न्यायिक हिरासत में है. संशोधनागार में उससे पूछताछ के लिए इडी ने विचार भवन स्थित विशेष अदालत में आवेदन किया था, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को हुई. अदालत से इडी को संशोधनागार में आजाद से पूछताछ करने की अनुमति मिल गयी है. केंद्रीय जांच एजेंसी को आजाद के पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम करने की भी आशंका है. इतना ही नहीं, उसपर केवल फर्जी दस्तावेजों के जरिये हिंदुस्तानीय पासपोर्ट ही नहीं, बल्कि फर्जी वीजा बनाने के अवैध कार्य से जुडे़ होने का भी आरोप है. जांच एजेंसी को दो वर्षों में उसके बैंक खातों से 50 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के लेन-देन को लेकर अहम तथ्य मिले हैं. हालांकि, इसकी जांच जारी है. आजाद ने किसी आतंकवादी को फर्जी पासपोर्ट और वीजा उपलब्ध कराये थे या नहीं, यह भी जांच का अहम हिस्सा है. जांच में यह भी पता चला है कि आजाद लगातार पाकिस्तान के कई नागरिकों से व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिये संपर्क में था. वह व्हाट्सऐप कॉल के जरिये भी पाकिस्तानियों के साथ संपर्क करता था. इस संपर्क के पीछे क्या मकसद था. इसके बारे में कई सवालों को जानने की कोशिश इडी अधिकारी कर रहे हैं. उसके मोबाइल फोन से 20 हजार से ज्यादा कॉन्टैक्ट नंबर मिले हैं. उसपर यह भी आरोप है कि उसने 500 से ज्यादा फर्जी हिंदुस्तानीय पहचान पत्र बनाये हैं और उनका इस्तेमाल फर्जी पासपोर्ट बनाने में किया गया हो सकता है.
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