Dhanbad News: राजगंज थाना क्षेत्र के डोमनपुर में शनिवार की रात राजगंज के बरवाडीह गांव में दो दोस्तों आकाश महतो व दीपक महतो (दोनों की उम्र 19) की अर्थी रविवार की शाम एक साथ उठी. इस दौरान पूरा गांव रो पड़ा. दोनों के परिजनों के विलाप से माहौल गमगीन हो गया. गांव के लोग दोनों के परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे थे. शाम करीब पांच बजे पोस्टमार्टम के बाद दोनों का शव एंबुलेंस से गांव पहुंचा. दोनों का शव देखने के लिए ग्रामीण की भीड़ जमा हो गयी. शवों को देखते ही दोनों के परिजन बिलखने लगे. विदित हो कि शनिवार की रात नौ बजे राजगंज के जीटी रोड पर डोमनपुर पंप के समीप सड़क हादसे में आकाश और दीपक की मौत हो गयी थी.
इकलौते बेटे का शव देख निशब्द हो गये पिता
एंबुलेंस से पहले आकाश का शव उसके घर के पास उतारा गया. शव देखते ही पिता बिहारी महतो, दादा महेश्वर महतो, बुआ बिलु देवी, बड़ी बहन, सौतेली मां दहाड़ मारकर रोने लगे. इसके बाद दीपक का शव एंबुलेंस से उतारा गया. इकलौते बेटे का शव देख दीपक के पिता चंचल महतो निशब्द हो गये. शव को देख उसकी मां रीता देवी व छोटी बहन किरण बेहोश हो गयी. दादी टुमिया देवी, जेठा काशी महतो, चाचा हरि महतो, बड़ी मां आशा देवी व छोटी चाची बसंती देवी का भी हाल बुरा था.
एक ही जगह दफनाया गया दोनों का शव
देर शाम दोनों दीपक कुमार महतो व आकाश कुमार महतो का शव एक ही जगह अगल-बगल दफना दिया गया. इस दौरान आजसू नेता हलधर महतो, मुखिया बाबूलाल महतो, पंसस धनंजय प्रसाद महतो, नुनाराम महतो, शंकर महतो, मोती महतो, चंदन अग्रवाल, कुंदन अग्रवाल, जेएलकेएम के शक्ति महतो, दीपक रवानी, संतोष महतो, मानिक महतो सहित काफी काफी संख्या में लोग मौजूद थे.
अपनी तकदीर को कोस रहे थे आकाश के वृद्ध दादा
हाय रे हामर फुटल कपार, हामर मरन नाय, आर तोंय कहां गेले रे हामर धोन…, आर हामे बाची कर किना करबो… कहते हुए आकाश महतो के 80 वर्षीय दादा महेश्वर महतो बिलख रहे थे. जवान पोता का शव देख दादा फफक फफक कर रोते हुए अपनी तकदीर को कोस रहे थे.
बरवाडीह के एक भी घर नहीं जला चूल्हा
बरवाडीह गांव के एक भी घर में रविवार को चूल्हा नहीं जला. दो जवान बच्चों की मौत से पूरा गांव स्तब्ध था. सुबह छोटे शिशु घरों में रूखा सुखा खाकर रहे. गांव में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा.
चेन्नई से शाम साढ़े चार बजे पहुंचे दीपक के पिता
पुत्र दीपक की मौत की समाचार पाकर पिता चंचल महतो चेन्नई से रविवार की शाम साढ़े चार बजे घर पहुंचे. सीधे टिकट नहीं मिलने पर उन्हें दो जगह फ्लाइट बदलनी पड़ी. रांची से तेलमच्चो ओवरब्रिज तक बस से पहुंचे. फिर वहां से परिजन के साथ चारपहिया से घर पहुंचे.
घायल सुमित की हालत गंभीर
हादसे में घायल सुमित महतो की हालत गंभीर बनी हुई है. उसका इलाज अस्पताल में चल रहा है. सुमित के पिता दूसरे प्रदेश में काम करते हैं.
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