Jyeshtha Amavasya 2025: ज्येष्ठ अमावस्या का पर्व आज 26 मई को मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या का दिन पितरों की याद करने और तर्पण, पिंडदान तथा पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. यह अमावस्या तिथि हर वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आती है और धार्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व है. इस दिन किए गए पितृ कार्य और दान पुण्य का कई गुना फल प्राप्त होता है.
ज्येष्ठ अमावस्या का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई को दोपहर 12.12 बजे से प्रारंभ होगी और 27 मई को सुबह 8.32 बजे समाप्त होगी. ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई को मान्य होगी. सोमवार के कारण इसे सोमवती अमावस्या के रूप में भी मनाया जाएगा. 26 मई को शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी रखा जाएगा. चूंकि ज्येष्ठ अमावस्या मंगलवार को समाप्त हो रही है, इसलिए 27 मई को भौमवती अमावस्या मानी जाएगी. इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान और ध्यान करने का विशेष महत्व है. इसके साथ ही दान कर्म करने से असीम कृपा प्राप्त होती है.
ज्येष्ठ अमावस्या का धार्मिक महत्व
इस दिन पितरों को तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है और पितृ दोष का निवारण होता है. इस दिन विवाहित स्त्रीएं अपने पति की दीर्घायु और सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं.इस दिन शनि देव की जयंती भी होती है, ऐसा माना जाता है कि शनि देव का जन्म इसी दिन हुआ था, इसलिए ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि देव को सरसों का तेल, काले तिल आदि चढ़ाए जाते हैं. शनि मंत्र का जप करना भी महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही, पीपल की जड़ पर जल चढ़ाने और दीया जलाने का विधान भी है.
The post आज है ज्येष्ठ अमावस्या, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त appeared first on Naya Vichar.