स्वास्थ्य केंद्र में न तो दवा उपलब्ध है और न ही इलाज की कोई व्यवस्था. दो मंजिला स्वास्थ्य केंद्र हाथी का दांत बनकर रह गया है. वर्ष 2013 में जिप अध्यक्ष मुनिया देवी ने स्वास्थ्य केंद्र भवन के निर्माण का शिलान्यास किया था. इससे क्षेत्र के लोगों में आस जगी थी कि अब इलाज के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा, पर विभागीय उदासीनता से स्थिति जस की तस बनी हुई है.
हजारों की आबादी है प्रभावित
चिकित्सकीय सुविधा नहीं होने के कारण सियाटांड़, गोरो, नवडीहा, चिलगा, कुरहोबिंदो व मलुवाटांड़ पंचायत के हजारों लोग प्रभावित हैं. बीच के कुछ दिनों के लिए स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सक को प्रभार मिला था, पर वे कुछ ही दिनों में यहां से चले गये. विभाग की ओर से यहां दो सफाईकर्मी नियुक्त थे, जिनमें एक दो माह पहले सेवानिवृत्त हो गये.
राज्य में ही चिकित्सक की कमी है : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
जमुआ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुलदीप तिर्की ने कहा कि झारखंड राज्य में ही चिकित्सक की कमी है. यहां की स्थिति से जिला को अवगत करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि दो दिन पहले यहां चिकित्सक ने प्रभार ग्रहण किया है. अब वही वहां की व्यवस्था देखेंगे.
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