कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग मेंं हुआ उद्बोधन, समष्टि व व्यष्टि के अंतर्संबंध को समझाया संवाददाता,पटना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने अपने दो दिवसीय बिहार प्रवास पर मंगलवार को पटना पहुंचे.वे पटना के मरचा-मिरची में स्थित केशव सरस्वती विद्या मंदिर में कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग के प्रथम वर्ष के बौद्धिक सत्र को संबोधित किया.राष्ट्र और नेतृत्व के अंतर्संबंधों की व्याख्या के साथ उन्होंने समष्टि और व्यष्टि की अवधारणा को भी सरल तरीके से स्पष्ट किया.कहा कि राष्ट्र-हित में ही निज-हित भी समाहित है.संघ के कार्यकर्ताओं के लक्ष्य में सबसे पहले राष्ट्र और मातृभूमि है.मंगलवार की शाम डॉ.भगवत राज्यपाल आरीफ मोहम्मद खान से औपचारिक मुलाकात की. प्रशिक्षण वर्ग में उत्तर और दक्षिण बिहार के साथ झारखंड के 68 प्रतिभागी ले रहे हैं भाग बुधवार को सरसंघचालक प्रशिक्षण वर्ग का निरीक्षण करेंगे और उनका उद्बोधन भी होगा.इस प्रशिक्षण वर्ग में संघ के तीन प्रांतों (उत्तर बिहार, दक्षिण बिहार और झारखंड) के 68 प्रतिभागी भाग ले रहे.संघ की व्यवस्था के अनुसार, प्रथम वर्ष के प्रशिक्षण के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा करने के अलावा न्यूनतम 40 वर्ष की आयु की अर्हता है.संघ में प्रशिक्षण का यह मध्यम सोपान है.अंतिम प्रशिक्षण कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग (द्वितीय वर्ष) के रूप में नागपुर में होता है.
डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
The post संघ के कार्यकर्ताओं के लक्ष्य में सबसे पहले राष्ट्र और मातृभूमि होता है :मोहन भागवत appeared first on Naya Vichar.